Tuesday, April 29, 2025
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नैनी-दून एक्सप्रेस के ट्रेक पर एक कुंतल का पत्थर, बड़ा हादसा होने से टला, रेलवे ने शुरू की जांच

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मुरादाबाद, उत्तर रेल मंडल मुरादाबाद में मंगलवार को बड़ा हादसा होने से उस समय टल गया जब 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही 1100 से अधिक यात्रियों से भरी नैनी— दून एक्सप्रेस के सामने करीब 100 किलो से भी भारी पत्थर आ गया। इससे इंजन का पहिया एक ओर से उठ गया और गाड़ी 100 मीटर से अधिक दूरी तक घीसटती हुई चलने लगी। ड्राइवर ने समझदारी से जैसे तैसे ट्रेन को काबू करके रोका। जिस क्षेत्र में घटना हुई वहां आरपीएफ पेट्रोलिंग नहीं करती है, लेकिन रेलवे के ट्रैकमैन वहां पेट्रोलिंग करते हैं। इंजीनियरिंग विभाग के जिम्मेदारों से पूछताछ की जा रही है।
घटना मंगलवार रात देर शाम 7:30 बजे की है। देहरादून से काठगोदाम के बीच चलने वाली (12091) नैनी दून एक्सप्रेस स्योहारा से आगे बढ़ी तो ट्रैक पर रखा बड़ा पत्थर पहियों के नीचे आ गया। ट्रेन की रफ्तार तेज होने के कारण जोर से कट-कट की आवाज आई और बोगियां हिलने लगीं। ट्रेन में सवार यात्री घबरा गए।
जानकारी के मुताबिक लोको पायलट ने ट्रेन की रफ्तार धीमी की और फिर ब्रेक लगाकर रोका। उन्होंने उतरकर देखा तो बड़ा पत्थर पटरियों और पहियों के बीच में था। ड्राइवर ने फौरन कंट्रोल को सूचना दी। मैकेनिकल विभाग की टीम ने मेवानवादा पहुंचकर औजारों से पत्थर के टुकड़े किए। इसके बाद बमुश्किल पहियों के बीच फंसे पत्थर को निकाला गया। इसके बाद ट्रेन को आगे बढ़ाया गया।
ड्राइवर ने मेवानवादा से ट्रेन को आगे बढ़ाया जिससे अन्य ट्रेनें प्रभावित न हों। इसके बाद कांठ में ट्रेन को रोककर घटनाक्रम रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। ट्रेन के ड्राइवर, सहायक ड्राइवर, गार्ड व यात्रियों के बयान दर्ज किए गए। इस दौरान ट्रेन कांठ में 36 मिनट खड़ी रही। घटनाक्रम को रेल अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप में भेजा गया। सारे मामले की जानकारी होने के बाद रेलवे प्रशासन ने फौरन इस मामले की जांच बैठा दी है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पत्थर 100 किलो से ज्यादा वजनी था। इतना बड़ा पत्थर ट्रैक पर कहां से आया, यह सवाल रेलवे अधिकारियों को परेशान कर रहा है। जिस क्षेत्र में घटना हुई वहां आरपीएफ पेट्रोलिंग नहीं करती है, लेकिन रेलवे के ट्रैकमैन वहां पेट्रोलिंग करते हैं। इंजीनियरिंग विभाग के जिम्मेदारों से पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जहां घटना हुई वहां आम लोगों की आवाजाही भी नहीं है। ट्रैक पर बड़ा पत्थर कैसे आया, इसकी जांच कराई जा रही है।
रेलवे के सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया कि ड्राइवर की समझदारी से हादसे को समय पर टाल दिया गया । ट्रेन संचालन भी प्रभावित नहीं हुआ। हम इस मामले की तह तक जाएंगे की ट्रैक पर इतना बड़ा पत्थर कैसे आया। रेलवे स्टाफ ने वहां पेट्रोलिंग भी की थी। इस घटना की जांच शुरू की जा चुकी है।

अंग्रेजी शराब की दुकान का विरोध, 50 से अधिक के खिलाफ अभियोग पंजीकृत

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– गुमानीवाला में खुली अंग्रेजी शराब की दुकान का विरोध करने के दौरान सड़क जाम करने का आरोप

– राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित होने से स्थानीय लोगों के साथ-साथ १अस्कूली बच्चो ़ तथा एम्स आने जाने वाले मरीजों को करना पड़ा था परेशानियों का सामना

– पुलिस के समझाने के बावजूद ढाई घंटे तक बाधित रखा राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों का आवागमन

ऋषिकेश, कोतवाली ऋषिकेश में सूचना प्राप्त हुई की कुछ स्थानीय व्यक्तियों द्वारा गुमानीवाला क्षेत्र में स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान के विरोध में गुमानीवाला मुख्य सड़क मार्ग को अवरूद्ध किया जा रहा है।
उक्त सूचना पर कोतवाली ऋषिकेश से प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश मय पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचे तो देखा कि कुछ स्थानीय व्यक्तियों के द्वारा गुमानीवाला में अंग्रेजी शराब की दुकान खोलने को लेकर विरोध करते हुए मुख्य मार्ग को अवरूद्ध किया गया था।
सड़क जाम होने से स्थानीय लोगों के साथ-साथ स्कूली वाहनों तथा एम्स जाने वाले मरीजों की एम्बुलेंस का आवागमन बाधित हो गया तथा स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ एम्स जाने वाले मरीजों को भी अनावश्यक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ा।
पुलिस द्वारा उक्त व्यक्तियों को समझाने का काफी प्रयास किया गया परन्तु वह लोग नहीं माने तथा उनके द्वारा लगभग ढाई घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित किया गया। जिस पर पुलिस द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित करने वाले व्यक्तियों की पहचान करते हुए वीरेंद्र रमोला, राजेंद्र गैरोला, विकास सेमवाल, उषा चौहान, निर्मल उनियाल सहित 50 से अधिक व्यक्तियों के विरूद्ध राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने पर धारा 341 आईपीसी के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया है।

दिल्ली से घूमने आया युवक गंगा में डूबा, तलाश में जुटी पुलिस व एसडीआरएफ की टीम

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ॠषिकेश, मुनिकिरेती थाना क्षेत्र के तपोवन में दिल्ली निवासी एक युवक गंगा में डूब गया। पुलिस व एसडीआरएफ की टीम युवक की तलाश में जुटी है।
कनिष्क राणा नीम बीच पांडू पत्थर के पास नहाते समय गंगा जी के तेज बहाव की चपेट में आकर डूब गया। जल पुलिस मौके पर है सर्चिग अभियान चल रहा है। वहीं करीब डेढ़ सप्ताह पूर्व नीमबीच के समीप गंगा में डूबे दिल्ली निवासी युवक का शव बैराज जलाशय से बरामद किया है।
मुनिकिरेती थाना क्षेत्र के तपोवन क्षेत्र में दिल्ली निवासी एक युवक गंगा में डूब गया। पुलिस व एसडीआरएफ की टीम युवक की तलाश में जुटी है। बुधवार को दोपहर 12:10 बजे कनिष्क राणा (21 वर्ष) निवासी विजय विहार फेस 2 रोहिणी नियर शमशान घाट दिल्ली अपने दो दोस्तों के साथ वंश गौड़ और हिमांशु लकड़ा के साथ दिल्ली से घूमने आए थे। जिनमें से कनिष्क राणा नीम बीच पांडू पत्थर के पास नहाते समय गंगा जी के तेज बहाव की चपेट में आकर डूब गया। जल पुलिस मौके पर है सर्चिंग अभियान चल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट से बाबा रामदेव को फिर झटका, माफीनामे की मांगी ओरिजिनल कॉपी

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नई दिल्ली, पतंजलि विज्ञापन मामले पर सुप्रीम कोर्ट में करीब डेढ़ घंटे तक सुनवाई हुई। रामदेव और बालकृष्ण पांचवीं बार जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच में पेश हुए। पतंजलि की ओर से मुकुल रोहतगी और बलबीर सिंह ने पैरवी की।
उत्तराखंड़ सरकार की ओर से ध्रुव मेहता पेश हुए। आज की सुनवाई में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) भी शामिल हुआ। सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने मूल कॉपी पतंजलि के वकील को दे दी। माफी की जगह ई-फाइलिंग (समाचार पत्रों की कॉपी) करने पर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा- बहुत बड़ा कम्युनिकेशन गैप है। कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है। पतंजलि के वकील ज्यादा होशियार हैं। पूरा अखबार दाखिल करना पड़ा। कोर्ट ने पतंजलि के खिलाफ समय पर कार्रवाई न करने पर उत्तराखंड सरकार को भी फटकार लगाई। साथ ही एक दिन पहले आईएमए प्रमुख द्वारा दिए गए इंटरव्यू को भी रिकॉर्ड करने को कहा है।
कोर्ट ने पतंजलि को अखबार में माफीनामा का विज्ञापन पेश करने की इजाजत दे दी। ई-फाइलिंग और कटिंग की अनुमति नहीं थी। अगली सुनवाई के लिए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सुनवाई के दौरान मौजूद रहने से छूट दे दी गई।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष के मीडिया साक्षात्कार का मुद्दा भी सुना, जिसमें वह उंगली उठाने के लिए आईएमए की आलोचना कर रहे हैं। कोर्ट ने ये इंटरव्यू इसलिए मांगा है ताकि फैसला लिया जा सके कि क्या कार्रवाई की जानी चाहिए। कोर्ट ने उत्तराखंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी की ओर से दाखिल हलफनामे की आलोचना की है। कहा कि जब कोर्ट ने आदेश दिया तब अधिकारी जागे। कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को खुद ही सावधानी बरतनी होगी। पूछा कि कोर्ट के आदेश से पहले और बाद में क्या कार्रवाई की गयी। राज्य लाइसेंसिंग अथॉरिटी को 14 मई तक जवाब देने का निर्देश दिया गया है। अगली सुनवाई 17 मई को होगी।

ईको ग्रुप, बेसिक्स संस्था, नगर निगम और ओक हिल अकादमी ने की रिस्पना नदी की सफाई

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देहरादून, रिस्पना नदी उत्तराखंड राज्य की महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। यह नदी मसूरी पर्वतीय क्षेत्रों से निकल कर बिंदाल नदी से जुड़कर राजाजी नेशनल पार्क होती हुई अंततः गंगा नदी में मिलती है । इसका पानी शहर के लोगों के पेयजल की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अतिरिक्त रिस्पना नदी को साफ़ और स्वच्छ रखना भी पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए नदी के किनारे की सफाई और जागरूकता कार्यक्रम इसकी महत्वपूर्ण पहलों में से एक है। यह नदी अब अपना अस्तित्व खो चुकी है , नदी अब गंदे नाले का रूप लेती जा रही है |
इस गंभीर समस्या पर देहरादून के ईकोग्रुप सोसाइटी के आह्वान पर बेसिक्स संस्था, नगर निगम और ओक हिल अकादमी के छात्रों ने बुधवार 1 मई को साफ करने का अभियान चलाया। रिस्पना अभियान विगत 29 फरवरी 2024 से रोज सुबह निरंतर चल रहा है ।
इस अभियान में करीब 12 थैला कचरा को नदी से एकत्रित किया गया, जिसको नगर निगम के माध्यम से निस्तारित किया गया। यह नदी के प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा और पर्यावरण को स्वस्थ रखने में सहायक होगा। इस प्रकार के पहलों से कूड़े के प्रति सामाजिक सोच बदलने और पर्यावरण संरक्षण में लोगों की भागीदारी में वृद्धि होती है। कार्यक्रम के अंत में भाग लेने वालों को ईकोग्रुप सोसायटी द्वारा प्रशस्तिपत्र वितरित किए गए।आज के इस सफाई अभियान में भारत शर्मा, आशीष गर्ग, मनीष जैन, आशीष नेगी, ऋषिपाल, अजय जोशी के साथ क्षेत्रीय लोगों ने भी भाग लिया।

मानसून से पूर्व नगर निगम ने चलाया नालो की सफाई का अभियान

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हरिद्वार(कुलभूषण)  वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा0 तरूण के निर्देशन में नगर के विभिन्न क्षेत्रों में सफाई अभियान को गति देने का कार्य किया जा रहा है। इस बारे में जानकारी देते हुए  वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि आने वाले मानसून को देखते हुए नगर के विभिन्न नालो व क्षेत्रो की सफाई का कार्य बरसात के मौसम से पहले सम्पन्न कराया जा रहा है। जिससे की बरसात के दिनों में नगर के विभिन्न नालो व क्षेत्रों में जल निकासी की व्यापक व सूचारू व्यवस्था की जा सके। इस अभियान के चलते मुखिया गली भूपतवाला क्षेत्र स्थित नाले कटहरा बाजार ज्वालापुर के नाले वार्ड न0 54 स्थित फुटबाल ग्राउड के नाले वार्ड न0 55 शिवपुरी कालोनी के नाले  लोधामण्डी ज्वालापुर स्थित बडे नाले  आर्य नगर क्षेत्र स्थित नाले  तथा ज्वालापुर पावधोई  क्षेत्र स्थित नाले की सफाई का कार्य कराया गया। उन्होने बताया कि इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित आदेश के अनुपालन में खडखडी सूखी नदी क्षेत्र में सफाई कार्य निरन्तर जारी है। इस दौरान सूखी नदी क्षेत्र में  पाईप से पानी डालने वाले तीन लोगो पर चालान की कार्यवाही करते हुए 1500 रूपये का चलान  करते हुए जुर्माना लगाया गया। उन्होने कहा की बरसातो से पूर्व नगर में विभिन्न क्षेत्रों में स्थित नालो की सफाई का क्रम निरन्तर आने वाले दिनों ंमें जारी रहेगा।

कर्मचारी यूनियन की बैठक सम्पन्न

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हरिद्वार ( कुलभूषण) गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन की आम सभा की बैठक प्रबन्ध अध्ययन संकाय के सभागार में आयोजित की गई। बैठक में कर्मचारियो की विभिन्न मांगो पर मंथन किया गया। बैठक को सम्बोधित करते हुए यूनियन के अध्यक्ष रंजनीश भारद्वाज ने कहा कि समय समय पर प्रशासन को कर्मचारियो की मंागो से अवगत कराया जाता रहा है। प्रशासन को कर्मचारियो की मांगो का निस्ताण कर सकरात्मक रूख अपनाना  चाहिए।
इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष प्रमोद कुमार  शशि कान्त शर्मा धर्मेन्द बालियान शत्रुध्न झां ने  भी कर्मचारियो को सम्बोधित किया।
यूनियन के महामंत्री नरेन्द्र मलिक ने कहा  सोते हुए प्रशासन को जगाने का कार्य यूनियन के पदाधिकारी ही कर सकते है।
इस अवसर पर अनिरूद यादव धनपाल डॉ0 अनिल धीमान बलवन्त जितेन्द्र नरेश त्यागी मनोज कुमार समीर राणा गुरूप्रीत सिंह वीरेन्द्र पटवाल किशन कुमार मदन राजीव गुप्ता संजय शर्मा हेमन्त पाल सचिन पाठक रमाकान्त शर्मा उमा शंकर शर्मा आदि उपस्थित रहे। सभा का संचालन दीपक वर्मा ने किया।

एसएमजेएन पीजी कॉलेज में स्नातकोत्तर विदाई समारोह और संपन्न

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हरिद्वार ( कुलभूषण) एसएमजेएन पीजी कॉलेज में आज स्नातकोत्तर अन्तिम सेमस्टर का विदाई समारोह आयोजित किया गया। मिस एसएमजेएन सिमरन गोस्वामी और मिस्टर एसएमजेएन अभिषेक पाठक को चुना गया।
सरस्वती वंदन से कार्यक्रम का प्रारम्भ किया गया। इस दौरान प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर सुनील कुमार बत्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि कालेज छात्र और छात्राओं के सुख और दुख का हमेशा साथी रहा है। बच्चों की मेहनत का ही फल है जिसके कारण हमारा कॉलेज उत्तराखण्ड में प्रथम स्थान पर आसीन है। उन्होंने कॉलेज से विदा होने वाले छात्र-छात्राओं को खास तौर पर कहा कि आप अपने सुख दुख को हमेशा कॉलेज परिवार से साझा करें। प्राचार्य डॉक्टर सुनील बत्रा ने वाणिज्य विभाग की डॉ० सुगन्धा वर्मा और संस्कृत विभाग की प्राध्यापक रश्मि डोभाल को विदाई देते हुए स्मृति चिन्ह भेंट किए और उनके सुनहरे भविष्य की कामना की। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने बच्चों को शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुये कहा कि ये बच्चे भविष्य में कॉलेज और राष्ट्र का नाम रोशन करेगें यही आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं हैं। कॉलेज के पूर्व छात्र मेहताब आलम, अनन्या भटनागर ने मधुर गीतों की प्रस्तुति दी। अर्चना उर्वशी कमला भट्ट ने भी प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम में रोचक पहेलियों के माध्यम से सभी का मनोरंजन किया गया । गौरव बंसल और उनकी टीम ने कॉलेज के विविध पलों को दर्शाने वाली लघु नाटिका प्रस्तुत की। पीजी के छात्र छात्राओं ने रैम्प वॉक किया गया जिसमें चुनें गये छात्र छात्राओं को टाइटल दिये गए। जिसमें निर्णायकों ने मिस एसएमजेएन सिमरन गोस्वामी और मिस्टर एसएमजेएन का ताज अभिषेक पाठक के सर सजाया। द्वितीय रनरअप श्रुति शर्मा और आनन्द मेहता रहे ,तृतीय स्थान पर रीताप्रिया व तीर्थ रहे । छात्र छात्राओं ने प्राध्यापकों को रोचक टाइटल देकर सम्मानित किया । आन्तरिक गुणवत्ताआश्वासन प्रकोष्ठ के प्रभारी एवं छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ० संजय माहेश्वरी ने सभी बच्चों को आशीर्वाद एवं शुभकामनाएँ दी। कार्यक्रम का संचालन अर्थशास्त्र की छात्रा जाहन्वी और नितिशा ने किया। डॉ. शिवकुमार चौहान, डॉ० लता शर्मा, डॉ० आशा शर्मा, डॉ० पूर्णिमा, डॉ० सरोज शर्मा ,डॉ० सुगन्धा वर्मा ,डॉ० मोना शर्मा ,डॉ० मीनाक्षी ,डॉ० पल्लवी,डॉ विनिता चौहान, डॉ. कविता छाबड़ा ,रिंकल गोयल, डॉ. अनुरिषा, एवं सैकड़ों छात्र छात्रा आदि कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

स्कूलों में बम की खबर से दिल्ली में हड़कंप : स्कूलों में चल रहा सर्च ऑपरेशन

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नई दिल्ली, बुधवार की सुबह से ही राष्ट्रीय राजधानी में हड़कंप मचा हुआ है। दिल्ली नोएडा और गुरुग्राम के लगभग 80 स्कूलों में बम होने की धमकी भरा ईमेल भेजा गया है। बम रखी हुई की जानकारी मिलते ही स्कूलों और आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया है। अफरा तफरी के माहौल के बीच दिल्ली पुलिस की टीम स्कूलों में पहुंची और स्कूलों की तलाशी ली है। दिल्ली पुलिस ने अन्य विभागों के साथ मिलकर स्कूलों में सर्च ऑपरेशन चलाया है। सर्च ऑपरेशन में डॉग स्क्वाड और बॉम्ब स्क्वाड को भी लगाया गया है ताकि संदिग्ध सामान मिलने पर उसकी विस्तृत जांच की जा सके।

दिल्ली पुलिस ने बम स्क्वॉड के साथ मिलकर एक-एक क्लासरूम की गहनता के साथ जांच की है। बता दें कि दिल्ली पुलिस को जैसे ही इस मिल की जानकारी मिली हथियार के तौर पर स्कूल के सभी बच्चों को घर भेज दिया गया उनकी छुट्टी करदी गई। बता दे कि अब दिल्ली पुलिस के पता लगाने में जुटी है कि यह ईमेल किसने भेजा है। चुराती जहाज में दिल्ली पुलिस की संभावना है कि यह ईमेल विदेश से आया था।

दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कम से कम 80 स्कूलों को ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद बुधवार को सुबह विद्यार्थियों और अभिभावकों में दहशत फैल गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय ने कहा है कि यह धमकी एक अफवाह प्रतीत होती है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने उन सभी स्कूलों की गहन जांच की है जहां बम रखे होने की धमकी मिली थी। दिल्ली पुलिस के अनुसार, जांच में कुछ नहीं मिला।
दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा “दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के अनुसार ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की है। पोस्ट में आगे कहा गया है, “कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह अफवाह है। हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को स्कूलों में बम रखे होने की धमकी को अफवाह बताया और लोगों से कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के अनुसार जरूरी कदम उठा रही हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘घबराने की कोई जरूरत नहीं है। ईमेल से दी गई बम की धमकी अफवाह लगती है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के अनुसार आवश्यक कदम उठा रही हैं।’’ राष्ट्रीय राजधानी और पड़ोस के नोएडा शहर में 80 से अधिक स्कूलों को बुधवार को सुबह उनके परिसर में बम रखे होने की धमकी वाला ईमेल मिलने के बाद अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। ईमेल के बारे में स्थानीय पुलिस को सूचित कर दिया गया और सभी स्कूलों को खाली करा लिया गया।
इस मामले पर दिल्ली पुलिस पीआरओ सुमन नलवा का कहना है, “कई स्कूलों ने हमसे संपर्क किया है कि उन्हें अपने परिसर में बम के बारे में एक ईमेल मिला है। दिल्ली पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया है लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है।” अब तक पता चला है…ऐसा लगता है कि किसी ने दहशत पैदा करने के लिए ऐसा किया है…मैं बस माता-पिता से अनुरोध करना चाहता हूं कि वे घबराएं नहीं। हम इस संबंध में जांच कर रहे हैं।”

बैंक आपसे नहीं वसूल पाएंगे ऋण पर अतिरिक्त ब्याज, आरबीआई ने बैंकों को दिया सख्त निर्देश

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मुंबई , । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों और एनबीएफसी को निर्देश दिया कि वे ग्राहकों से वसूले जाने वाले ब्याज के मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी हों। आरबीआई ने बैंकों से अपने कार्यों की समीक्षा करनेे को कहा गया। आरबीआई ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां ऋण पर तय सीमा से अधिक ब्याज लिया गया।
आरबीआई ने अपने सर्कुलर में बताया है कि 31 मार्च, 2023 को समाप्त अवधि के लिए विनियमित संस्थाओं (बैंकों, एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों) की ऑनसाइट जांच के दौरान, ऋणदाताओं द्वारा शुल्क वसूलने में कुछ अनुचित प्रथाओं का सहारा लेने के उदाहरण सामने आए।
आरबीआई ने सर्कुलर में कहा, इसलिए, निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए सभी विनियमित संस्थाओं को निर्देश दिया जाता है कि वे ऋण वितरण के तरीके, ब्याज के आवेदन और अन्य शुल्कों के संबंध में अपनी प्रथाओं की समीक्षा करें और सिस्टम स्तर पर बदलाव सहित सुधारात्मक कार्रवाई करें।
आरबीआई द्वारा देखी गई कुछ अनुचित प्रथाएं इस प्रकार हैं:
* ऋण की मंजूरी की तारीख या ऋण समझौते के निष्पादन की तारीख से ब्याज लगाना, न कि ग्राहक को धनराशि के वास्तविक वितरण की तारीख से। इसी प्रकार, चेक द्वारा वितरित ऋण के मामले में, ऐसे उदाहरण देखे गए, जहां चेक की तारीख से ब्याज लिया गया, जबकि चेक कई दिनों बाद ग्राहक को सौंपा गया।
*महीने के दौरान ऋण के वितरण या पुनर्भुगतान के मामले में, कुछ बैंक केवल उस अवधि के लिए ब्याज नहीं ले रहे थे, जिसके लिए ऋण बकाया था।
*कुछ मामलों में, यह देखा गया कि बैंक एक या अधिक किस्तें पहले ही वसूल कर रहे थे, लेकिन ब्याज वसूलने के लिए ऋण की पूरी राशि की गणना कर रहे थे।
आरबीआई ने कहा कि ब्याज वसूलने की ये और ऐसी अन्य गैर-मानक प्रथाएं, जो ग्राहकों के साथ व्यवहार करते समय निष्पक्षता और पारदर्शिता की भावना के अनुरूप नहीं हैं, गंभीर चिंता का कारण है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि जहां भी ऐसी प्रथाएं सामने आई हैं, आरबीआई ने उन बैंकों, एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को ग्राहकों को इस तरह के अतिरिक्त ब्याज और अन्य शुल्क वापस करने की सलाह दी है। आरबीआई ने कहा कि कुछ मामलों में ऋण वितरण के लिए जारी किए गए चेक के बदले ऋणदाताओं को खाते में ऑनलाइन हस्तांतरण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
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