Tuesday, April 29, 2025
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मुख्यमंत्री ने वनाग्नि, चारधाम यात्रा, पेयजल व विद्युत आपूर्ति को लेकर की महत्वपूर्ण बैठक

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नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर जारी किए दिशा-निर्देश
देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन से प्रदेश में वनाग्नि, पेयजल समस्या, आगामी चारधाम यात्रा, विद्युत आपूर्ति आदि महत्वपूर्ण विषयों पर राज्य शासन के आलाधिकारियों व सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक कर दिशा-निर्देश जारी किए।

वनाग्नि को लेकर ऊपर से लेकर नीचे तय तय की जाए जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में वनाग्नि को लेकर कहा कि हमारे सामने वनाग्नि बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है। उन्होंने मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी को निर्देशित किया कि इस मामले में ऊपर से नीचे तक अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यालय स्तर पर तैनात सभी अधिकारियों को प्रभागों की जिम्मेदारी बांटी जाए और इन सभी से नियमित रिपोर्ट ली जाए। उन्होंने कहा कि वनाग्नि रोकने के कार्य में जिलाधिकारी भी वन विभाग का पूर्ण सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि जो फायर वॉचर्स फील्ड में कार्यरत हैं उनकी भी सुरक्षा के उपाय किये जायें और इसके लिए उनके हेतु बीमा आदि विकल्पों पर विचार किया जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि डीएफओ और उनसे उच्च स्तर के अधिकारी मौके पर जरूर जाएं। उन्होंने कहा कि कार्यालय में बैठकर आग पर काबू नहीं पाया जा सकता। इसके लिए जो भी कड़ी कार्रवाई की जानी है वह की जाए। जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे परिस्थितियों के हिसाब से निर्णय लें।

मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वनाग्नि के मामले में एक सप्ताह में सकारात्मक परिणाम नजर आएंगे। नवनियुक्त हॉफ के द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अब तक वनाग्नि के प्रकरणों में कुल 350 केस दर्ज किए जा चुके हैं जिनमें 60 नामजद मुकदमे दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि जहां कहीं से भी घटना की सूचना मिल रही है वहां तत्काल टीमें भेजकर एक से छह घंटों में आग पर काबू पा लिया जा रहा है।
मुख्य सचिव द्वारा इस दौरान मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि पिरूल को लेकर एनटीपीसी के साथ राज्य सरकार का करार हो चुका है और एनटीपीसी ने राज्य से पिरूल लेना शुरू भी कर दिया है। ऐसे में आगामी समय में यह भी आग लगने से बचाव में कारगर साबित होगा।

चारधाम यात्रा, चुनौती भी है और परीक्षा भी, अच्छा संदेश लेकर जाएं श्रद्धालु
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा हमारे लिए चुनौती भी और परीक्षा की घड़ी भी। उन्होंने डीजीपी को निर्देशित किया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मंदिर परिसरों में तैनात सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार करें और उनकी मदद के लिए तत्काल आगे आएं। उन्होंने कहा कि जो भी श्रद्धालु यहां से जाए वह अपने साथ एक अच्छा सन्देश लेकर जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा के शुरुआती 15 दिन हमारे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हैं और इस हेतु आवश्यक निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इन 15 दिनों में वीआईपी का मूवमेंट कम से कम हो। उन्होंने कहा कि चारधाम की हर तरह की सूचना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार किया जाए ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्य सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग द्वारा यात्रा रूट पर अतिरिक्त सफाई कर्मियों की तैनाती की गई है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की रोटेशन में तैनाती के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा शिकायतें हेली सेवाओं को लेकर आती है, इस पर बहुत ज्यादा सख्ती करने की जरूरत है। डीजीपी अभिनव कुमार द्वारा अवगत कराया गया कि डीआईजी लॉ एंड आर्डर को ट्रैफिक प्रबंधन के लिहाज से भी जिम्मेदारी दी गयी है। लक्ष्मण झूला, मुनि की रेती, शिवपुरी वाले मार्ग पर लगने वाले जाम के मद्देनजर देहरादून के एसपी देहात को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। एडिशनल एसपी कोटद्वार व सीओ नरेन्द्र नगर उनका सहयोग करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग और अधिकारी ओनरशिप लेकर एक पॉजिटिव भाव के साथ कार्य करें।

पेयजल के लिहाज से अभी चुनौती आना शेष, इसलिए अभी से तैयारियों को पुख्ता बनाएं
बैठक में मुख्यमंत्री को सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य में कुल 317 गांव व शहरी क्षेत्रों में 148 मोहल्ले चिन्हित किये गए हैं जहां पेयजल की समस्या है और इन क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति हेतु तमाम विकल्पों के जरिये पेयजल पहुँचाने के प्रयास किए जा रहे हैब। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा शिकायतें देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़, डीडीहाट, कोटद्वार, चम्पावत से प्राप्त हो रही हैं। साथ ही 1 अप्रैल से 30 जून तक समस्त जिलों में कमर्शियल कंस्ट्रक्शन के लिए कनेक्शन देने पर रोक लगाने के साथ ही समस्त डीएम को निर्देशित किया है कि वे वर्कशॉप्स में वाहनों को ड्राई वाश किया जाए यह सुनिश्चित करें। अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को हर जिले में 10-10 छोटे नाले धारे चिन्हित कर इन्हें पुनर्जीवित करने का लक्ष्य दिया गया है। इसी तरह राज्य स्तर पर 10 छोटी नदियों को चिन्हित किया जा रहा है जिन्हें पुनर्जीवित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 1 से 7 जून तक भारत सरकार जल संरक्षण अभियान शुरू करने जा रही है, जिसकी राज्य स्तर पर भी तैयारियां गतिमान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण हमारे लिए चुनौती है। उन्होंने कहा कि समस्त सरकारी भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग व सौर ऊर्जा के इंतजाम किये जायें। उन्होंने कहा कि पेयजल के लिहाज से अभी चुनौती आना शेष है, इसलिए अभी से तैयारियों को पुख्ता बनाएं।

चारधाम यात्रा मार्गों पर सड़कें हों चकाचक
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मई को चारधाम यात्रा प्रारंभ होने से पहले समस्त सड़कें चकाचक हो जानी चाहिए। लोनिवि सचिव पंकज पांडेय ने अवगत कराया कि अपर सचिव व अन्य अधिकारियों के द्वारा नियमित रूप से फील्ड विजिट की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मई तक सभी सड़कों की स्थिति ठीक होनी चाहिए यह सुनिश्चित किया जाए।

विद्युत आपूर्ति के लिहाज से लघु व दीर्घकालिक योजनाओं पर करें काम
सचिव ऊर्जा मीनाक्षी सुंदरम द्वारा अवगत कराया गया कि चारधामों में 24×7 बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए दो अधिकारियों की ड्यूटी चारधाम के लिए लगाई गई है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ व बद्रीनाथ धाम में 23 केवी के सब स्टेशन का निर्माण प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी ज्यादा विद्युत की आवश्यकता होगी, इसके लिए हमें लघु और दीर्घकालिक दोनों योजनाओं पर काम करना है।

चारधाम यात्रा हेतु 08 मई से ऋषिकेश और हरिद्वार में शुरू होंगे ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन

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देहरादून(आरएनएस)। चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन के बाद अब ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी कराए जा सकेंगे। शनिवार को पर्यटन विभाग ने आठ मई से ऋषिकेश और हरिद्वार में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू करने का निर्णय किया। पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे के अनुसार श्रद्धालु हरिद्वार में राही मोटल तथा ऋषिकेश में यात्रा पंजीकरण कार्यालय एवं ट्रांजिट कैम्प में यात्री अपना ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। प्रत्येक धाम के लिए प्रतिदिन ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सीमा ऋषिकेश में एक हजार और हरिद्वार में 500 निर्धारित की गयी है। श्रद्धालु चारों धामों की यात्रा के लिए पंजीकरण काउन्टरों पर अधिकतम तीन दिन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों के साथ समन्वय के लिए अहम फैसला किया गया है। पर्यटन विभाग और तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पुरोहित के साथ बैठक में चारों धाम में समन्वय के लिए तीर्थ पुरोहित तय किए गए हैं। हर धाम में दो तीर्थ पुरोहित को इसके लिए चुना गया है।
यमुनोत्री धाम से पुरूषोत्तम उनियाल,अनिरूद्ध उनियाल, गंगोत्री धाम से रजनीकांत सेमवाल, निखिलेश सेमवाल, केदारनाथ धाम से संतोष त्रिवेदी, पंकज शुक्ला को जिम्मेदारी दी गई है। जबकि बदरीनाथ धाम से बृजेश सती व प्रवीन ध्यानी को चुना गया है।
तीर्थ पुरोहित धामों के यात्रा प्रबन्धन की वास्तविक स्थिति से पर्यटन विभाग को समय पर अवगत करवाते रहेंगे। साथ ही श्रद्धालुओं हेतु अतिरिक्त सुविधाओं के लिए विभाग को अपने सुझाव भी देंगे। पयर्टन सचिव ने कहा कि तीर्थपुरोहित और पर्यटन विभाग के समन्वय से यात्रा के दौरान आने वाली समस्याओं को शीघ्रता से हल करने में सुविधा होगी। साथ ही भविष्य के लिए बेहतर योजना तैयार करने में सहायता मिलेगी।

शेरवानी खरीदने के लिए निकला दूल्हा लापता

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काशीपुर(आरएनएस)।  शेरवानी खरीदने के लिए शनिवार की सुबह घर से 15 हजार रुपये लेकर निकला दूल्हा रहस्यमय ढंग से लापता हो गया। दिनभर तलाश करने के बाद भी उसका कहीं कोई सुराग नहीं लग सका। बारात रामनगर जानी थी। परिजन और रिश्तेदार युवक की तलाश में जुटे हुए हैं। वहीं इसकी खबर वधू पक्ष को मिली तो नाराज होकर अब रिश्ता करने से इंकार कर दिया। मोहल्ला विजयनगर नईबस्ती निवासी एक युवक का रिश्ता रामनगर से तय हुआ था। शनिवार को दोपहर 12 बजे उसकी बारात जानी थी। दोनों परिवारों में शादी की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थीं। शनिवार की सुबह युवक ने अपनी मां से बाजार से शेरवानी खरीदकर लाने के लिए 15 हजार रुपये लिए। सुबह करीब साढ़े आठ बजे वह घर से निकल गया। दो घंटे बाद भी वह वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। उसका मोबाइल भी बंद आने लगा। परिजन और रिश्तेदारों ने तमाम संभावित स्थानों पर उसकी तलाश की, लेकिन शाम तक भी उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी। परिजनों ने रामनगर में वधू पक्ष से संपर्क कर उन्हें इस बारे में जानकारी दी। बारात नहीं पहुंचने से वधू पक्ष की सारी तैयारियां धरी रह गईं। इस घटना से सदमें में आए वधू पक्ष के लोगों ने अब रिश्ता करने से साफ इंकार कर दिया है। दोनों पक्षों के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई है। युवक के परिजनों ने मामले की सूचना पुलिस को दे दी है। उनका कहना है कि रिश्ते को लेकर युवक खुश दिखाई दे रहा था। उसकी तरफ से नाराजगी का कोई संकेत नहीं मिला था। वह कैसे और क्यों लापता हुआ, किसी को पता नहीं।

आम जनता के विरोध के चलते, इन शराब की उप दुकानों का आवंटन रदद

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देहरादून में विभिन्न स्थानों पर जिलाधिकारी के अनुमोदनोंपरान्त अधोहस्ताक्षरी द्वारा मदिरा उप दुकानों के लिए आवंटन जारी किये गये थे परंतु इन दुकानों का स्थानीय लोगों के द्वारा भारी जनविरोध और ना खोले जाने को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया।
जिला आबकारी अधिकारी राजीव सिंह चौहान ने बताया की लोगों के आक्रोश के कारण कानून व्यवस्था के समक्ष विपरीत स्थिति उत्पन्न हो रही थी। इन परिस्थितियों का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी/लाईसेंस प्राधिकारी द्वारा कानून व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए इन मदिरा उप दुकानों के आवंटन को तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक निलम्बित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
उन्होंने बताया की जिलाधिकारी/लाईसेंस प्राधिकारी के निर्देशानुसार पूर्व में आवंटित रायवाला, मोहकमपुर, कारगी चौक, हेडवाली और लाल तप्पड़ में स्वीकृत की गई, मदिरा की उप दुकानों का आवंटन अग्रिम आदेशों तक निलम्बित किया गया है।

मसूरी देहरादून मार्ग पर अनियंत्रित होकर वाहन खाई में गिरा, पांच की मौत, एक गंभीर घायल

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देहरादून, मसूरी-देहरादून मार्ग पर चूनाखाल के पास एक वाहन अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गया। हादसे में चार युवकों समेत पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि एक युवती गंभीर रूप से घायल बताई जा रही है। वाहन में कुल छह लोग सवार थे।

कोतवाल अरविंद चौधरी ने बताया घटना शनिवार सुबह करीब पांच बजे की है, हादसे में तीन की मौके पर ही मौत हो गई। घायलों को खाई से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया, जिसमें से दो और लोगों ने दम तोड़ दिया। हादसे में जान गंवाने वालों में चार युवक और एक युवती शामिल हैं। जबकि एक युवती गंभीर रूप से घायल है। सुबह एमडीटी के माध्यम से सुचना प्राप्त हुई कि झड़ीपानी रोड, मसूरी पर गाड़ी गिर गई हैं। फायर स्टेशन मसूरी व फायर स्टेशन देहरादून से रेस्क्यू के लिए फायर यूनिट भेजी गई। गाड़ी में 6 लोग थे जिसमे से 3 लोगों की मौके पर मृत्यु हो गई थी तथा 3 घायलों को रेस्क्यू कर एंबुलेंस द्वारा अस्पताल भेजा गया

नाम पता मृतक :

1- अमन सिंह राणा पुत्र राजेश सिंह राणा, निवासी शंकरपुर, निकट डी0आई0एम0एस0 कॉलेज गेट, सहसपुर, उम्र 22 वर्ष, ( IMS यूनिवर्सिटी )
2- दिंग्याश प्रताप भाटी पुत्र देवेन्द्र सिंह भाटी, निवासी पैटलवुड अपार्टमेंट, ज्वालापुर हरिद्वार, उम्र 23 वर्ष ( IMS यूनिवर्सिटी )
3- तनुजा रावत पुत्री सोहन सिंह, निवासी दुर्गा कालोनी, रूडकी हरिद्वार, उम्र 22 वर्ष ( IMS यूनिवर्सिटी )
4- अशुतोष तिवारी पुत्र वीर बहादुर तिवारी, निवासी निकट थाना नागपानी, रमिला, गांउड पैरामाउंट एक्सपोर्ट, मुरादाबाद, उत्तरप्रदेश
5- हृदयांश चन्द्र पुत्र हरिश चन्द्र निवासी ए0टी0पी0 कालोनी, अनपरा सोनभद्र, उत्तरप्रदेश, उम्र 24 वर्ष ( D.I.T यूनिवर्सिटी)

नाम पता घायल :
1- नयनश्री पुत्री संजय कुमार, निवासी न्यू विकास एलक्लेव, रोहतक रोड, मेरठ, उम्र 24 वर्ष ( IMS यूनिवर्सिटी )

अखिल भारतीय केंद्रीय विद्यालय शिक्षक संघ का द्विवार्षिक अधिवेशन कल, शिक्षकों के विभिन्न मुद्दों पर होगी चर्चा

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अखिल भारतीय केंद्रीय विद्यालय शिक्षक संघ देहरादून संभाग का अधिवेशन रविवार 5 मई को
दस शिक्षकों को मिलेगा देवभूमि शिक्षक रत्न सम्मान

देहरादून, अखिल भारतीय केंद्रीय विद्यालय शिक्षक संघ देहरादून संभाग का द्विवार्षिक अधिवेशन केंद्रीय विद्यालय सर्वेक्षण विभाग क्रमांक 2 में रविवार 5 मई को सम्पन्न होगा ! एआईकेवीटीए देहरादून संभाग के महासचिव डी एम लखेड़ा ने बताया सम्मेलन में मुख्य अथिति के रूप में  नरेश बंसल माननीय राज्यसभा सांसद भारत सरकार शिरकत करेंगे , सम्मेलन में 10 शिक्षकों को देवभूमि शिक्षक रत्न सम्मान 2024 से नवाजा जाएगा साथ ही साथ नई कार्यकारिणी के चयन के उपरांत केंद्रीय विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी !
द्वीवार्षिक समारोह में अखिल भारतीय केंद्रीय विद्यालय शिक्षक के राष्ट्रीय महासचिव नारायण लाल केंद्रीय पर्यवेक्षक एवं श्रीमती बसन्ती खम्पा प्राचार्य केन्द्रीय विद्यालय बीरपुर क्षेत्रीय कार्यलय के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थिति होंगे, आंचलिक प्रशिक्षण संस्थान जीट चंडीगढ़ से सुनील सैनी एवं पूर्व महासचिव एडवोकेट ए एस कपूर विशिष्ट अथिति होंगे !केवींत्सा के अध्यक्ष संजय गुसाईं को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है, सम्मेलन में देहरादून संभाग के शिक्षक भाग लेंगे !

कोविशील्ड की खुराक लेने वाले नहीं घबराएं, 3-3 राष्ट्रपतियों के डॉक्टर ने गिनाए वैक्सीन के फायदे

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नई दिल्ली (आरएनएस)। कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका के द्वारा लंदन की अदालत में साइड इफेक्ट्स को लेकर स्वीकारोक्ति के बाद भारत में लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। ये ऐसे लोग हैं, जिन्होंने कोरोना संक्रमण से खुद को बचाने के लिए वैक्सीन की खुराकें ली थी। इस बीच देश के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में ब्रिटेन में आयी खबरों से आम जनता को घबराने की जरुरत नहीं है बल्कि ऐसी वैक्सीन के कारण लोगों की जान बची हैं।
दिवंगत प्रणव मुखर्जी समेत देश के तीन राष्ट्रपति के निजी चिकित्सक रह चुके डॉ. मोहसिन वली ने न्यूज एजेंसी यूनीवार्ता से शुक्रवार को विशेष बातचीत में कहा कि कोरोना महामारी के आपातकाल के समय अधिक से अधिक लोगों की जान बचाने के लिए कम अवधि के शोध में तैयार वैक्सीनों में से एक ‘कोविशील्ड’ के दुष्प्रभाव की पुष्टि नहीं हुई है और न ही इसके बारे कोई अनुसंधान सामने आया है।
डॉ. वली ने कहा,“ मेरा मानना है कि लोगों को वैक्सीन के बारे में ब्रिटेन में जो हो रहा है, उसे अपने देश से नहीं जोड़ना चाहिए। वह न्यायालय और मुआवजे का मामला है। मैं तो कहता हूं कि इससे बहुत लाेगों की जान बची है। अगर साइड इफेक्ट की बात करनी ही है, तो यह दुर्लभ मामलों में कही गयी है। वैज्ञानिक किसी भी वैक्सीन के गुण -दोष पर उसे सुरक्षित मानते हैं। अगर एक वैक्सीन से लाखों लोगों की जान बचती है और कुछेक लोगों पर यह कुछ नकारात्मक प्रभाव छोड़ती है, तो उसके गुण के आधार पर इसे सुरक्षित मानकर लाखों जिंदगियां बचाई जाती हैं।”
उन्होंने कहा,“किसी ने भारत में अगर कोविशील्ड अथवा कोवैक्सीन लगवायी और अभी तक उन्हें कुछ हुआ नहीं, तो वे सुरक्षित हैं ,क्योंकि इसका किसी भी तरह का साइड इफेक्ट होता तो अब तक हो जाता। हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इस बात की पुष्टि की है कि हमारी दोनों वैक्सीन सुरक्षित हैं और आगे जाकर कुछ होता है, तो इस पर शोध जारी है।”
उन्होंने कहा, “लाॅन्ग कोविड का प्रभाव जरुर देखा जा रहा है जो ब्रेन फॅाग, मेमोरी लाॅस आदि है। इसे वैक्सीन से नहीं जोड़ा जा सकता । थ्रोम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया संड्राेम(टीटीएस) वैक्सीन से हुआ है, अथवा कोविड से हुआ, इसका पता लगाना मुश्किल है। क्योंकि टीटीएस के मामले उन लाेगों में भी देखे गये थे जिन्हें कोविड हुआ। था। मेरी क्लीनिक में करीब चार हजार काेविड मरीजों का इलाज हुआ था, जो डाक्यूमेंटेड है, उनमें अब लाँग कोविड का प्रभाव देखा जा रहा है। मेरे पास आये एक मरीज के पैर में टीटीएस था। टीटीएस को कोविड और वैक्सीन से जोड़ने के लिए शोध की जरुरत है। इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट की संख्या गिर जाती है। ”
गंगाराम अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव पासे ने भी माना है कि कोविशील्ड से देश में इस तरह के दुष्प्रभाव का मामला ना के बाराबर है। जिन्हें काेविड हो चुका अथवा जिन्होंने कोई भी कोविड वैक्सीन लगवाई है,उन्हें समय- समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी चाहिए। छह माह के नियमित अंतराल में दिल से संबंधित सभी जांच आवश्यक है। यह जांच केवल कोविड अथवा वैक्सीन के दुष्प्रभावों के लिए आवश्यक नहीं है,बल्कि आज की बदलती जीवन शैली और खान-पान के कारण भी स्वास्थ्य पर कई तरह के दुष्प्रभाव देखे जा रहे हैं। कोविड से उबरे लोगों को अचानक भारी कसरत, जिमिंग आदि नहीं करना चाहिए। डॉ. पासे ने कहा,“ सुबह-शाम की सैर और हल्के-फुल्के व्यायाम से अच्छे स्वास्थ्य की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है। ” उल्लेखनीय है कि कोविशील्ड की जांच के लिये बुधवार को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गयी। इसमें कहा गया है कि कोविशील्ड के साइड इफेक्ट की जांच करने के लिए एक्सपर्ट पैनल बनाने का निर्देश जारी किया जाये।
भारत में सबसे पहली कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड है। इसे पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है। कोविशील्ड फॉर्मूला ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका से लिया गया है। एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की अदालत में माना है कि उसकी वैक्सीन से दुर्लभ मामलों में थ्रॉम्बोटिक थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी टीटीएस जैसे साइडइफेक्ट हो सकते हैं।
डॉ. वली पूर्व राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन, शंकर दयाल शर्मा और प्रणव मुखर्जी के निजी चिकित्सक रह चुके हैं। भारत के राष्ट्रपति के लिये एक चिकित्सक के रूप में उनकी पहली नियुक्ति 33 वर्ष की उम्र में  वेंकटरमन के साथ थी , जिससे वह भारतीय राष्ट्रपति की सेवा करने वाले सबसे कम उम्र के चिकित्सक बन गये। वह भारत के तीन राष्ट्रपति की सेवा करने वाले एकमात्र चिकित्सक हैं । भारतीय चिकित्सा में उनके योगदान के लिये सरकार ने उन्हें वर्ष 2007 में पद्म  से सम्मानित किया।

मोबाइल पर अब दिखेगा कॉल करने वाले का नाम, ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को दिए ये निर्देश

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नई दिल्ली  । भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने देशभर में टेलीकॉम कंपनियों को कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन लागू करने का आदेश दिया है, जिसके बाद अगर आपके फोन पर कोई अनजान व्यक्ति कॉल करेगा तो उसका नाम आपको अपने फोन की स्क्रीन पर दिखाई देगा।
स्मार्टफोन यूजर्स अपने फोन में अनजान कॉल के बारे में जानकारी लेने के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें बहुत सारे यूजर्स ट्रू कॉलर का इस्तेमाल करते हैं। थर्ड पार्टी ऐप्स अपनी सुविधाएं देने के लिए इस्टॉल होने के टाइम पर बहुत सारी परमिशन मांगते हैं, जिसमें कॉन्टैक्ट डिटेल, फोन गैलरी, स्पीकर, कैमरा और कॉल हिस्ट्री की जानकारी शामिल होती है। अगर आप इन सभी की परमिशन नहीं देते हैं तो ये थर्ड पार्टी ऐप काम नहीं करते और अगर आप परमिशन दे देते हैं तो आपकी पर्सनल डिटेल लीक होने का डर बना रहता है।
ट्रायल हुआ शुरू
ट्राई ने देशभर में मौजूद सभी दूरसंचार कंपनियों को कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन फीचर रोलआउट करने का निर्देश दिया है। जिसके बाद देश में मौजूद मोबाइल सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों ने इसका ट्रायल शुरू कर दिया है। ट्राई के अनुसार, अगर ये ट्रायल सफल होता है तो कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन फीचर देशभर में लागू किया जाएगा। जिसके बाद आपको अननॉन नंबर के बारे में जानकारी करने के लिए किसी भी थर्ड पार्टी ऐप की जरूरत नहीं होगी।

राज्य के जलस्रोतों, जलधाराओं और नदियों के पुर्नजीवीकरण को लेकर संयुक्त नागरिक संगठन ने सीएस को भेजा पत्र

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देहरादून, उत्तराखंड में नदियों, जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की योजना के कार्यान्वयन हेतु प्रस्तावित योजनाओं को धरातल पर उतारे जाने हेतु जनपदों में सक्रिय पर्यावरणविदों, पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यरत संस्थाओं से भी सहयोग लिये जाने की जरूरत पर जोर देते हुए मुख्य सचिव उत्तराखंड़ को पत्र के माध्यम से मांग की गयी ।
संयुक्त नागरिक संगठन ईमेल से भेजे गये पत्र में राज्य के जलस्रोतों, जलधाराओं और नदियों के पुनर्जवीकरण पर विभागीय अधिकारियों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए, गंभीरतापूर्वक नही लेने तथा जिलास्तर पर एक्शन प्लान प्रस्तुत न करने वाले सभी लापरवाह दोषी विभागीय अधिकारियों को जांच के आधार पर कठोर चेतावनी, निलम्बन, प्रतिकूल प्रविष्टियां की भी मांग की गयी है।
योजनाओं की रूप रेखा तथा इनके तेजी से कार्यान्वयन को लेकर बैठकों में स्थानीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण में लगे समर्पित पर्यावरणविद और समाजिक संस्थाओं का भी सहयोग जरूरी बताते हुए इनमें आमजन की सहभागिता, सहयोग और मानीटरिंग को भी जनहित में बताया गया है।

सीएस को भेजे पत्र के अन्त में जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत हर ब्लॉकवार सूख रहे 10 स्प्रिंग, जनपदवार 20 सूख रही जलधाराओं और नदियों का चिन्हीकरण के निर्देश को भी स्वागत योग्य बताते हुए संगठन के महासचिव सुशील त्यागी के अनुसार दून की रिसपना को पुर्नजीवित कर ॠषिपर्णा बनाने में करोडों खर्च होने के बाद भी ये अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। बिंदाल तो बेहाल है ही। पत्र में अधिकारियों की जवाब देही भी सुनिश्चित करने की मांग की गयी |

 

जेबीआईटी में बॉलीवुड सिंगर सिमर कौर के गानों पर थिरके छात्र-छात्राएंMay be an image of 4 people, crowd and text that says 'Simar KAUR A ΠΝΑΑCΛ JRIT JB INs'

देहरादून, जेबीआईटी में दो दिनों तक चले एनुअल फर्स्ट “सृजन 2024 ” की आखिरी शाम बॉलीवुड सिंगर सिमर कौर के नाम रही उनकी जादुई अपनी आवाज से छात्र देर रात तक अपने आप को नाचने से नहीं रोक पाए, उन्होंने प्रोग्राम की शुरुआत अपने फेमस गाना “कोका दे के दिल मंगदा” से की तो छात्रों का जोश देखते ही बनता था, फिर उसके बाद उन्होंने बॉलीवुड के एक से बढ़कर एक गाने शुरू किया जिसमें जीने मेरा दिल लुटिया , काला चश्मा जचता रे, मोरनी बन के किथे चली , लंबर र्गिनी चलाई जांदे ,यह मुंडे पागल है सारे, मेरा बालम थानेदार चलावे जिप्सी ,ढोल जगीरो दा सहित बहुत सारे गाने गए |
उन्होंने जेबी आई टी की बहुत तारीफ की और कहा इतनी ऊर्जा के साथ सुनने वाले बहुत कम जगह मिलते हैं उनका देहरादून हमेशा से पसंदीदा जगह रही है यहां की सुंदरता साफ स्वच्छ हवा उन्हें बहुत भाती है ।
इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड एवं पूर्व शिक्षा मंत्री भारत सरकार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, संस्थान की चेयरपर्सन श्रीमती हेमलता सिंघल ,वाइस चेयरमैन संदीप सिंघल सेक्रेटरी रजत सिंघल द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया |
मुख्य अतिथि ने छात्रों द्वारा बनाए टेक्निकल एवं नॉन टेक्निकल प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया तथा निर्णायक मंडल द्वारा प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को बधाई दी साथ ही अपने संबोधन में संस्थान का हाल ही में नेक जैसी विश्व स्तरीय संस्था द्वारा ग्रेड ए देने के लिए मैनेजमेंट ,शिक्षक ,कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं को बधाई दी उन्होंने कहा कि आपका संस्थान देश के चुनिंदा संस्थानों में शामिल हो गया है जो नेक जैसी विश्व स्तरीय संस्था द्वारा एक्रेडिटेड है, उसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी लेवल एवं संस्थान स्तर पर प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया और उन्हें जीवन में और अच्छा करने की शुभकामनाएं दी |
कार्यक्रम के अंत में संस्थान की चेयरपर्सन श्रीमती हेमलता सिंघल वाइस चेयरमैन संदीप सिंघल, सेक्रेटरी रजत सिंघल द्वारा संयुक्त रूप से मुख्य अतिथि को शॉल, भगवान श्री राम की मूर्ति एवं स्मृति चिन्ह देखकर इस कार्यक्रम के लिए अपना समय निकालने एवं छात्रों को अपना मार्गदर्शन देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया |
इस कार्यक्रम में प्रोजेक्ट के निर्णायक मंडल में डॉक्टर प्रमोद कुमार डीन इंडियन इंस्टीट्यूट आफ रिमोट सेंसिंग देहरादून ,डॉ मयंक अग्रवाल प्रोफेसर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय डॉक्टर नागेंद्र पी पाठक ,प्रोफेसर आईआईटी रुड़की ,डॉ महेश मिश्रा आईआईटी रुड़की ,सिद्धार्थ खरे आईआईटी रुड़की , डॉ अनिल कुमार चौहान साइंटिस्ट बायो साइंस ,डॉक्टर मनोज गौतम प्रेसिडेंट इंडस्ट्रियल एसोसिएशन हरिद्वार निर्णायक मंडल के रूप में सम्मिलित हुए।
इस कार्यक्रम में संध्या सिंघल, सोनम सिंघल ,निदेशक डॉ. पी के चौधरी, रजिस्ट्रार डॉक्टर विशांत कुमार सहित सभी शिक्षक कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे |

 

‘नशे से मुक्ति जीवन की समृद्धि’ पर एसजीआरआर (पीजी) कॉलेज में हुई पोस्टर प्रतियोगिताMay be an image of 10 people, people studying and text

देहरादून, एसजीआरआर (पीजी) कॉलेज में सांस्कृतिक इकाई एवं एंटी ड्रग्स इकाई द्वारा संयुक्त रूप से पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसका विषय ‘नशे से मुक्ति जीवन की समृद्धि ‘रहा इस मौक़े पर छात्र छात्राओं ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य मेजर प्रदीप सिंह ने किया और छात्र छात्राओं को नशे से दूर रहने की शपथ भी दिलाई । इस कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में प्रो एच वी पंत एवं डॉ आनन्द सिंह राणा रहे । इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान फ़ायज़ा द्वितीय स्थान पर संयुक्त रूप से गौरी गोदियाल और दीप निषाद एवं तृतीय स्थान पर अलीसा सेफ़ी ने प्राप्त किया।
इस अवसर पर प्रो. दीपाली सिंघल, डॉ. हरीश जोशी, सांस्कृतिक सचिव एवं समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. अनुराधावर्मा, डॉ. ज्योति पाण्डे, डॉ. अनिता मलियान, डॉ. अनीता मनोरी ध्यानी, डॉ. श्यामवीर, डॉ विवेक कुमार, डॉ. सुमंगल सिंह आदि उपस्थित रहे |

 

शिक्षण एवं अनुसंधान क्रियाकलापों हेतु उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय एवं डी.ए.वी.(पीजी)कॉलेज के मध्य हुआ करारMay be an image of 6 people, hospital and text

देहरादून, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय और डी.ए.वी. पी.जी. कॉलेज देहरादून के मध्य शिक्षण एवं अनुसंधान क्रिया कलापों हेतु आज  शुक्रवार को  एक समझौता सम्पन्न हुआ।
इस करार का मुख्य उद्देश्य दोनों संस्थानों के मध्य शिक्षण एवं अनुसंधान ‘गतिनिधियों को संयुक्त रूप से बढ़ावा देना है। यह  करार उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से कुलसचिव प्रोफेसर पी.डी. पंत एवं डी.ए.वी. पी.जी. कॉलेज, देहरादून के प्रधानाचार्य प्रोफेसर सुनिल कुमार के हस्ताक्षरों से सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओ. पी. एस. नेगी ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में दूसरे संस्थानों के साथ अनुबंध किए जाने पर जोर दिया गया है, ताकि अकादमिक गतिविधियों के आदान-प्रदान से शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार हो एवं इसका लाभ छात्रों एवं शोधार्थियों को मिल सके। उन्होंने कहा कि इस तरह के करार शिक्षर्थियों एवं शोधार्थियों के लिए एक अच्छी पहल है जिसका उन्हें निश्चित ही बहुत लाभ मिलेगा। कुलसचिव प्रोफेसर पी०डी० पंत ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा भविष्य में भी शिक्षार्थियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अन्य संस्थानों के साथ इस तरह के करार किये जायेंगे।
उन्होंने बताया कि इससे पूर्व विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में डा० बी०आ० अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, हैदराबाद एवं गुरुनानक देव पंजाब ओपन युनिवर्सिटी, पटियाला के साथ भी करार सम्पन्न हुए हैं। इस अवसर पर डी०ए०वी० पी०जी० कालेज, देहरादून से  प्रोफेसर  प्रशांत सिंह, वानिकी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग से डॉ० एच०सी० जोशी,  डॉ. बीना तिवारी फुलारा, डॉ. कृष्ण कुमार टम्टा  एवं डॉ. नेहा तिवारी आदि उपस्थित थे।

 

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व० जोगाराम की 27वीं पुण्यतिथि पर हुआ गोष्ठी का आयोजन

“वक्ताओं ने आज़ादी के 75 साल के बाद भी देश में फैली ग़रीबी, जातिवाद को जड़ से समाप्त करने के लिये प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर दिया बल”May be an image of 4 people

देहरादून, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी समाजसेवी एवं पूर्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता स्व० जोगाराम की 27वीं पुण्यतिथि के अवसर पर दून सिटी बैंक्वेट हॉल में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस अवसर “हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं आज का भारत” विषय पर विचार गोष्ठी भी की गयी, जिसमें स्व. जोगाराम की पुत्री आशा लाल (संस्थापक सोशल जस्टिस फाउंडेशन) द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों की वीरगाथा पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर देहरादून के विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि प्रदीप कुकरेती, जसवीर सिंह रायनोत्रा , विनोद नौटियाल , जगमोहन मेहंदिरत्ता, प्रो. जयपाल सिंह , मनमोहन सिंह नेगी, चौधरी ओमवीर सिंह, जितेंद्र सिंह बुटोइया सेनानी परिवार एवं प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा स्व. सेनानी श्री जोगाराम को श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
गोष्ठी वक्ताओं ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवारों की उपेक्षा पर रोष व्यक्त किया साथ ही पार्टियों द्वारा अपने घोषणापत्र में पर्यावरण को जगह न दिये जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को साकार करने की सरकार की मंशा पर भी प्रश्नचिन्ह लगाया। वक्ताओं ने आज़ादी के 75 साल के बाद भी देश में फैली ग़रीबी, जातिवाद को जड़ से समाप्त करने के लिये प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर बल दिया। निजीकरण की वजह से सरकारी पदों पर भर्तियों में लगातार कमी बढ़ती बेरोजगारी जैसे कई ज्वलंत मुद्दों पर भी वक्ताओं ने अपनी बेबाक़ राय रखी । आज़ादी के नायकों के परिवारों को सरकारी कार्यालयों में सम्मान ना दिये जाने पर भी रोष जताया।
श्रीमती आशा लाल ने कहा कि उनके पिता ने एक गरीब परिवार में जन्म लेने एवं अच्छी शिक्षा ना ले पाने के बावजूद भी सबके लिये शिक्षा ,आडंबर व जातिविहीन समाज के लिये आज़ादी से पहले व बाद में भी अनवरत काम किया, साथ ही कांग्रेस पार्टी के दर्जनों पदों पर भी वह सुशोभित रहे।
इस अवसर पर ब्रिगे. केजी बहल ने सेनानियों के सपनों के भारत निर्माण के लिये सभी सेनानी संगठनों को लगातार अपनी भूमिका निभाने का आह्वान किया। संयुक्त नागरिक संगठन के सुशील त्यागी ने ऐसे अवसरों पर देश पहले का संकल्प लेने का निवेदन किया। कार्यक्रम में सेनानी परिवारों के ये सदस्य भी मौजूद रहे |
इस अवसर पर सुशील त्यागी, आशा शर्मा, मुकेश नारायण शर्मा, उपेंद्र बिजलवान, ओमवीर चौधरी, एसपीएस पंवार, प्रमोद कुमार, शैलेश सकलानी, डॉ. एम आर सकलानी, देवेंद्र सैनी, कल्पना बहुगुणा,एसपीएस चौहान, शशांक गुप्ता, राजकुमार अग्रवाल, उषा कोठारी, डॉ. एसके गोविल, अवधेश पंत, सुलोचना ईस्टवॉल, आशा शर्मा, मधु गोयल, प्रेम खन्ना, मदन लाल आदि मौजूद रहे |

 

पर्यावरण मित्र महिलाओं को संयुक्त नागरिक संगठन ने श्रमिक दिवस पर किया सम्मानितMay be an image of 7 people

देहरादून, अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर पर्यावरण मित्र महिलाओं को संयुक्त नागरिक संगठन ने किया सम्मानित। दून के शहंशाही आश्रम क्षेत्र में अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को निभाते हुए सुबह-शाम पोलीथीन आदि कूडे़ को एकत्रित करने में अपना पसीना बहाने वाली मातृशक्ति ने अपनी जिजीविषा के बल पर बिना सरकारी सहायता के श्रमदान करने की जैसे कसम खायी हुई है। क्षेत्र में क्लीन एंड ग्रीन दून संस्था से जुडी महिलाओं का आज संगठन के जसबीर सिंह रिनोत्रा, विशंभरनाथ बजाज, ब्रिगेडियर केजीबहल ने अभिनंदन करते हुए तथा शाल उड़ाकर पुष्प मालाओं के साथ इनको सम्मानित किया। कार्यक्रम मे स्थानीय जरूरतमंद श्रमिक महिला अनीता देवी को आत्म आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सिलाई मशीन भी जसबीर सिंह रिनोत्रा द्वारा उपहार स्वरूप भेंट की गई। इस दौरान श्रम के महत्व पर भी वकताओ ने विचार व्यक्त किये।
सम्मानित होने वाली महिलाओं मे भारती देवी,ममता,संजु देवी,मीनू,आदि थी। यहा चौधरी ओमवीर सिंह, विनोद नौटियाल, सुशील त्यागी सहित उदय सिंह भंडारी, मंगला देवी, पूजा गोदियाल, अर्चना देवी,पूजा मेहरा, रोहन कपूर, रीता देवी आदि शामिल थे।

मुजफ्फरनगर कांड के केसों पर कोर्ट में पैरवी करे सरकार : उक्रांद

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देहरादून, उक्रांद के केन्द्रीय अध्यक्ष पूरण सिंह कठैत ने प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान 2 अक्टूबर 1994 को राज्य की मांग को लेकर दिल्ली रेली में जाते समय 1 अक्टूबर अर्धरात्री मे मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे में आंदोलंकारियों के साथ तत्कालीन उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा हत्याओं सहित शर्मनाक वारदात की गयी थी। राज्य बनने के बाद किसी भी सरकार द्वारा उत्तराखंड़ के स्वाभिमान के लिए कोई भी ठोस कार्यवाही नही की गयी। जिसमें 2018 से उत्तराखंड़ राज्य निर्माण आंदोलकारी संगठनों द्वारा स्वयं पहल करते हुए मुजफ्फरनगर कांड के केसों पर कोर्ट में पैरवी की गयी जिसमें पता चला कि देहरादून जिला जज के यहां से 4 केसों की अवैध रूप से बिना सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अलग राज्य उत्तर प्रदेश में स्थानांतरित कर दिया गया था, जिसमें जून से सुनवाई प्रारम्भ हो जाएगी।
31 अक्टूबर 2021 में आंदोलनकारी संगठनों नैनीताल में हुई बैठक में उत्तराखंड़ आंदोलनकारी संघर्ष समिति संगठन बनाकर मुजफ्फरनगर में चल रहे केसों की त्वरित करवाही के लिए प्रयागराज हाई कोर्ट द्वारा विशेष जज नियुक्त किया गया जिस पर मार्च माह में दो सिपाहियों को दोषी मान कर सजा दी गयी। अब वह अभियुक्त प्रयागराज हाई कोर्ट में जमानत की मांग कर रहे है। अभी भी मुजफ्फरनगर मे दो केस सेसन जज के यहां व 3 केस मजिस्ट्रेट सीबीआई कोर्ट मे चल रहे है।
उत्तराखंड़ क्रांति दल सरकार से मांग करता है कि इन केसों से जुड़े मामलों जिसमें मुजफ्फरनगर, मसूरी, खटीमा के 22 हत्याओं से अधिक से ज्यादा मामले है। उसमें सरकार महाधिवक्ता उत्तराखंड़ के नेतृत्व में स्थाई महाधिवक्ता उत्तराखंड़ सरकार ओर वर्तमान में केसों की पैरवी कर रहे नैनीताल व मुजफ्फरनगर अधिवक्ताओं को लेकर कमेटी का गठन करके उपरोक्त केसों की पैरवी करे जिससे शहीदों व पीड़ितों को न्याय मिल सके ओर उत्तराखंड़ के स्वाभिमान की गरिमा बनी सके।
प्रेस वार्ता में दल के कार्यकारी अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रावत, केन्द्रीय महामंत्री मनोरथ प्रसाद ध्यानी उपस्थित रहे।