नई दिल्ली , । गूगल की ओर से गूगल वॉलेट ऐप लॉन्च कर दिया गया है। इस ऐप के माध्यम से लोग आसानी से एक ही जगह पर डिजिटल दस्तावेज जैसे बोर्डिंग पास, लॉयल्टी कार्ड्स, मूवी टिकट और अन्य को हासिल कर सकते हैं। गूगल वॉलेट, भारत में मौजूद गूगल पे से एक बिल्कुल अलग ऐप है। इसकी लॉन्चिंग के बाद भी गूगल पे की सेवाएं यथावत जारी रहेंगी।
गूगल ने बताया कि गूगल वॉलेट के अनुभव को बेहतर करने के लिए कंपनी ने पीवीआर, आईनॉक्स, एयर इंडिया, इंडिगो, फ्लिपकार्ट, पाइन लैब्स, कोच्चि मेट्रो, अभीबस और अन्य कंपनियों के साथ साझेदारी की है। आने वाले समय में कंपनी और पार्टनर्स को इसमें जोड़ेगी।
एंड्राइड एट गूगल के जीएम और इंडिया इंजीनियरिंग के प्रमुख राम पापाटला ने कहा कि एंड्राइड इंडिया के इतिहास में गूगल वॉलेट एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। ये दैनिक जरूरतों की चीजों को एक ही स्थान पर लाकर लोगों की जिंदगी को आसान बनाएगा। इसके लिए हमने भारत के टॉप ब्रांड के साथ साझेदारी की है। इसकी मदद से यूजर आसानी से लॉयल्टी कार्ड, इवेंट टिकट, ट्रांसपोर्ट पास और अन्य दैनिक जरूरतों की चीजों तक आसानी से पहुंच प्राप्त कर सकते हैं।
गूगल वॉलेट जीमेल के साथ भी जुड़ा होगा। गूगल द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति मूवी, आईपीएल, इवेंट आदि की टिकट बुक करता है और उसने गूगल की पर्सनलाइज्ड सेटिंग ऑन की हुई है तो उसकी टिकट अपने आप ही गूगल वॉलेट पर दिखने लग जाएगी।
गूगल ने बताया कि हमारे अन्य प्रोडक्ट्स की तरह गूगल वॉलेट भी पूरी तरह से सुरक्षित है। इसमें प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखा गया है और यूजर का पूरा कंट्रोल होगा कि कौन-सी जानकारी वह स्टोर करना चाहता है और उसका कैसे इस्तेमाल किया जाए। गूगल वॉलेट को यूजर आसानी से गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।
भारत में गूगल वॉलेट ऐप लॉन्च, यूजर्स को अब एक ही जगह पर मिलेंगी ये सुविधाएं
पांच दिवसीय ग्रीष्म कला उत्सव का दूसरा दिन : संगीत व चित्रकला पर आधारित चार वृतचित्र फिल्मों का हुआ प्रदर्शन
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से आयोजित पांच दिवसीय ग्रीष्म कला उत्सव के दूसरे दिन गुरुवार को सुबह के सत्र में पुस्तकालय के युवा छात्रों के लिए लघु फिल्म पर आधारित आशु भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें छात्रों को शॉर्ट फिल्म द मिनिएचरिस्ट ऑफ जूनागढ़ दिखाई गई।
इस फिल्म पर आधारित निर्धारित तीन मुख्य सवालों में से किसी एक सवाल पर छात्रों से त्वरित जबाब मांगे गये। इनमें से छात्रों के तीन सर्वश्रेष्ठ जबाबों को निर्णायकों की समिति ने पुरुस्कार के लिए चयन किया।
निर्णायकों की समिति में इतिहासकार डॉ.योगेश धस्माना, सामाजिक कार्यकर्ती इरा चौहान व शिक्षाविद रेनू शुक्ला शामिल रहे। इस प्रतियोगिता में राहुल बिष्ट प्रथम, हिमानी डांगी द्वितीय व नादिश तृतीय स्थान पर रहे।
शाम के सत्र में संगीत, और चित्रकला पर आधारित फिल्मों के वृतचित्रों का प्रदर्शन किया गया।
इसमें सबसे पहले ‘बेगम अख्तर : जिक्र उस परिवश का’ दिखाई गई। निर्मल चन्दर द्वारा निर्देशित इस फिल्म की अवधि 64 मिनट रही। वृत चित्र का शीर्षक हिन्दुस्तानी गजलों की रानी बेगम अख्तर द्वारा गाई गई मिर्जा गालिब की गजल की पहली दो पंक्तियों से लिया गया है। फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ जीवनी व ऐतिहासिक पुनर्निर्माण के लिए वर्ष 2016 का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है, साथ ही यह फिल्म सर्वश्रेष्ठ कैमरा पुरस्कार, आईडीएसएफएफके, केरल और जूरी पुरस्कार, आईएफएफएस, शिमला से भी पुरष्कृत हो चुकी है। यह फिल्म जीवन संबंधी वृत्तचित्र के स्थापित मापदंडों से परे पहुंचती है। यह फिल्म बेगम अख्तर को उनके नजदीकी प्रशंसकों के कथानकों के जरिये पुनर्जीवित करने का प्रयास करती है। इस फिल्म में उनकी कथात्मक व्याख्या उनके गहन गीतों के माध्यम से मुखरित होती है।
दूसरी प्रदर्शित वृतचित्र फिल्म ‘नोट्स ऑन गुलेर’ रही। 55 मिनट की अवधि की इस फिल्म को अमित दत्ता ने निर्देशित किया है। हिमांचल के गुलेर, कांगड़ा के समीप एक छोटी सी रियासत, 15वीं शताब्दी में अपनी स्थापना के बाद से एक कलात्मक और सांस्कृतिक केन्द्र का स्रोत रही थी। चित्रकार पंडित सेऊ, उनके पुत्र माणकू और नैनसुख और कवि ब्रजराज जैसे कई महान लोगों का जन्म इसी स्थान में हुआ था। कला को संरक्षित की वह प्रणाली जिसके तहत आर्थिक रूप से कठिन परिस्थितियों में भी ऊंचे प्रयास संभव रहे थे, वह आज समाप्त सी हो गई है। दुःखद बात है कि इस शहर का भौतिक परिदृश्य एक बांध के नीचे डूबा हुआ है। यह वृतचित्र पीछे छूट गए लोगों की यादों के माध्यम से डूबे हुए अतीत के कुछ निशानों को तलाशने में सफल दिखती है।
तीसरी प्रदर्शित वृतचित्र फिल्म की अवधि 13 मिनट की रही। ‘पिलग्रिम्स प्रोग्रेस’ शीर्षक से इस फिल्म के निर्देशक मोनिका देशवाल और सागर गुसाईं हैं। यह फिल्म देहरादून स्थित चित्रकार मोनिका तालुकदार के सौम्य पथ का मार्मिक वर्णन करती है। जैसा कि वे बताते हैं, यह अस्सी वर्षीय चित्रकार पूरी फिल्म में चित्रकारी करती है।
इस अवसर पर सभागार में निकोलस हॉफलैण्ड, बिजू नेगी, चन्द्रशेखर तिवारी, सुंदर सिंह बिष्ट, सहित अनेक फिल्म से जुड़े लोग, फिल्म प्रेमी, लेखक, साहित्यकार, साहित्य प्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्विजीवी, पुस्तकालय के सदस्य तथा बड़ी संख्या में युवा पाठक उपस्थित रहे।
बेघर करने, लोगों पर अत्याचार के खिलाफ होगा आंदोलन, मज़दूर संगठनों ने किया एलान
देहरादून, राज्य के मज़दूर संगठनों ने आरोप लगाया कि सरकार की जन विरोधी नीतियों एवं घोर लापरवाही की वजह से लगातार मज़दूर एवं गरीब परिवारों पर अत्याचार हो रहे हैं। जबकि सरकार को पता है कि मलिन बस्ती में रहने के आलावा गरीब परिवारों के लिए कोई और विकल्प नहीं है, फिर भी जानबूझकर अदालत में जारी याचिकाओं और अपना कानूनी फर्ज़ पर लापरवाही कर सरकार उन्ही याचिकाओं के बहाने सैकड़ों परिवारों को बेघर करना चाह रही है। लापरवाही यहाँ तक रही कि हाज़िर न होने के कारण अदालत द्वारा विभागों पर जुर्माना लगाया गया है। अभी यह भी पता चल रहा है कि उजाड़ने के लिए एक सप्ताह में पुरे देहरादून शहर का सर्वेक्षण सरकार कर सकती है, लेकिन वही सरकार हक़ और घर देने के लिए आठ साल में देहरादून के अधिकांश बस्तियों का सर्वेक्षण कर पायी है। बड़े जन आंदोलन के बाद 2018 में अध्यादेश ला कर सरकार ने कानून द्वारा ही आश्वासन दिया था कि तीन साल के अंदर मज़दूर बस्तियों के लिए स्थायी व्यवस्था बनाया जायेगा, लेकिन वह कानून अभी जून 2024 में ख़त्म होने जा रहा है और एक भी बस्ती के लिए व्यवस्था नहीं बनाई गई है। उसी कानून के आधार पर लोगों को झूठा दिलाशा दिया जा रहा है कि जो 2016 से पहले बसे, उनके घर सुरक्षित है, जबकि जून महीने के बाद उनके घर भी खतरे में आयेंगे। इसी प्रकार की लापरवाही और जन विरोधी मानसिकता हर मोर्चे पर दिख रहा है – शहर में वेंडिंग जोन को न घोषित कर ठेली वालों को “अतिक्रमणकारी” दिखाया जा रहा है, और मज़दूर के लिए बनाये गए कल्याणकारी योजनाओं के अमल पर बार बार रोक लगाया जा रहा है।
प्रेस वार्ता में मौजूद संगठनों ने घोषित किया कि बेघर करने की प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाया जाये, जब तक मज़दूर बस्तियों के लिए कोई स्थायी व्यवस्था नहीं होगा तब तक 2018 के कानून को एक्सटेंड किया जाये | अतिक्रमण हटाने के नाम पर किसी को बेघर नहीं किया जायेगा, इसके लिए कानून लाया जाये, अपने ही वादों को निभाते हुए सरकार किफायती घरों के लिए व्यवस्था करे, राज्य के शहरों में उच्चित संख्या के वेंडिंग जोन को घोषित किया जाये, गरीब परिवारों के लिए राशन, कल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराया जाये; श्रमिक विरोधी चार नए श्रम संहिता को रद्द किया जाये और न्यूनतम वेतन को 26,000 रूपए किया जाये और अन्य मांगों को ले कर आगामी 11 तारीख को धरना भी दिया जायेगा और नगरपालिका चुनाव से पहले हर बस्ती में अभियान भी चलाया जायेगा।
इंटक के राज्य अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट और उपाध्यक्ष त्रिवेंद्र रावत; एटक के राज्य उपाध्यक्ष समर भंडारी और राज्य सचिव अशोक शर्मा, सीटू के राज्य सचिव लेखराज; और चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित किया।
प्रथम पुण्यतिथि पर स्व.सुशीला बलूनी को अर्पित किये गये श्रद्धा सुमन, लघुवृत्त चित्र का हुआ लोकापर्ण
देहरादून, उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी मंच व परिजनों की पहल पर राज्य आंदोलन की हस्ताक्षर व प्रतिमूर्ति रही महिला आयोग व सम्मान परिषद की पूर्व अध्यक्ष स्व. श्रीमती सुशीला बलूनी की प्रथम पुण्यतिथि पर कई संस्था व संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ ही वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, जनप्रतिनिधि, डॉक्टर्स व कई पूर्व पदाधिकारियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये, इस अवसर पर उनके संघर्ष पर बनी जयदेव भट्टाचार्य के निर्देशन में लघुवृत्त चित्र (डॉक्युमेंटरी) का भी लोकापर्ण किया गया, जिसको उपस्थित लोगोी शान्त भाव के साथ देखा, इस दौरान कई मातृशक्ति के साथ ही लोगों की आंखों में आंसू की बूंदें झलक रही थी। विशम्भर बजाज ने सुशीला बलूनी पर बेहतरीन रचना प्रस्तुत की।
स्व. श्रीमती सुशीला बलूनी (ताईजी) की प्रथम पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ, न्यूरो सर्जन डा. महेश कुड़ियाल, जनकवि अतुल शर्मा , सहारनपुर से आये सीनियर सिटीजन संस्था के फाउंडर केएल अरोड़ा, मंच के सलाहकार केशव उनियाल , ब्रिगेडियर के जी बहल रवीन्द्र जुगरान , अशोक वर्मा , मंत्री प्रसाद नैथानी , ओमी उनियाल , सुरेन्द्र कुमार , आर्येन्द्र शर्मा , लालचन्द शर्मा , सरदार भगवान सिंह संस्थान के चेयरमैन एसपी सिंह , विरेन्द्र पोखरियाल , एचके पेटवाल , सयुंक्त नागरिक संगठन के सुशील त्यागी , जगमोहन सिंह मेहन्दीरत्ता , ओमवीर सिंह , जगमोहन सिंह नेगी , रामलाल खंडूड़ी , प्रदीप कुकरेती , जयदीप सकलानी उनके परिजन विनय बलूनी , संजय बलूनी , विजय बलूनी व बड़ी पुत्री शशी बलूनी , पूर्व कुलपति प्रोफेसर पी डी जुयाल , पूर्व भाषा निदेशक एम आर सकलानी , उनकी सहयोगी रही पुष्पलता सिल्माणा , रामेश्वरी बड़थ्वाल , सरिता गौड़ , उर्मिला शर्मा , द्वारिका बिष्ट , सुलोचना भट्ट , राधा तिवारी , लक्ष्मी बिष्ट , रामेश्वरी बिष्ट , सत्या पोखरियाल , शकुन्तला खंतवाल , प्रेम सिंह नेगी , रेखा शर्मा , अनुज नौटियाल , मोहन खत्री , सतेन्द्र भण्डारी, आशीष उनियाल , प्रेम बहुखंडी , सतीश धौलाखण्डी , प्रवीण गुसांई , सुरेश नेगी , राकेश नौटियाल , विजयेंशं नवानी , मोहन रावत , सतेन्द्र नौगाँई , सुमित थापा , सुरेश कुमार , राकेश नौटियाल , बीर सिंह रावत , सुनील जुयाल , विक्रम गुसांई , सुनील जुयाल प्रभात डण्डरियाल आदि थे।
बाबा केदार की पंचमुखी डोली गौरीकुंड से केदारनाथ प्रस्थान हुई
गौरीकुंड (रूद्रप्रयाग) : 9 मई।भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली ने आज बृहस्पतिवार 9 मई को प्रात: 8.30 बजे तीसरे पड़ाव गौरामाई मंदिर गौरीकुंड से श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान हुई।
बीते 6 मई को देवडोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रवास हेतु पहुंची तथा मंगलबार 7 मई को दूसरे पड़ाव फाटा पहुंची थी 8 मई देर शाम को पंचमुखी डोली गौरामाता मंदिर गौरीकुंड पहुंची थी।
उल्लैखनीय है श्री केदारनाथ धाम के कपाट कल शुक्रवार 10 मई को खुल रहे है। भगवान केदारनाथ की चलविग्रह उत्सव पंचमुखी मूर्ति की देवडोली को कई दशकों से श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के स्वयं सेवक एवं हक- हकूकधारी पांवों में बिना कुछ पहने पैदल चलकर शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री केदारनाथ धाम तक पहुंचाते है।
आज पंचमुखी डोली के केदारनाथ प्रस्थान होते समय श्रद्दालुजनों तथा गौरीगांव के स्कूली बच्चों ने बाबा केदार का जय घोष कर पुष्प वर्षा की है।केदारनाथ पैदल मार्ग पर जिला प्रशासन, पुलिस, गढवाल मंडल विकास निगम तथा स्थानीय दुकानदारों ने देव डोली का स्वागत किया।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि सैकड़ों देश- विदेश के श्रद्धालुजन भी डोली यात्रा के साथ केदारनाथ जा रहे है। पंचमुखी डोली के गौरीकुंड से केदारनाथ प्रस्थान के समय केदारनाथ धाम के पुजारी शिवशंकर लिंग, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवाण एवं यदुवीर पुष्पवान, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, प्रबंधक कैलाश बगवाड़ी, संजय तिवारी,भरत कुर्मांचली,कुलदीप धर्म्वाण, आलोक बजवाल,संजय कुकरेती सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
सुंदरवन की झुग्गी-झोपड़ियों में आग लगी नहीं, लगाई गई थी, कार सवार की आग लगाते मिली फुटेज
–दो वर्ष के अंदर दो बार एक ही स्थान पर झुग्गी झोपडियों में आग लगने की घटना पर संधिक्ता प्रतीत होने पर एसएसपी देहरादून ने विस्तृत जांच के दिये थे आदेश
– पुलिस की प्रारम्भिक जांच में हुआ खुलासा, सेलाकुई क्षेत्रान्तर्गत सुन्दरवन में झुग्गी झोपडियों में जान- बूझकर लगाई गयी थी आग
– जांच के दौरान घटनास्थल से कार सवार एक व्यक्ति की झोपडी में आग लगाने की पुलिस को प्राप्त हुई थी सीसीटीवी फुटेज
– कार के घटना स्थल से निकलते ही उसके पास स्थित झोपडी ने पकडी थी आग, जिसने आस- पास की झुग्गी झोपड़ियों को भी ले लिया था अपनी चपेट में
– आगजनी की घटना में अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध थाना सेलाकुई में दर्ज किया गया अभियोग
– जमीनी विवाद या अनाधिकृत कब्जा को खाली कराने की हो सकती है साजिश
देहरादून, सेलाकुंई क्षेत्रान्तर्गत भाऊवाला सुन्दरवन के पास झुग्गी झोपडियों में आग लगने की घटना घटित हुई, जिसमें आग की चपेट में आने से लगभग 50 से 55 झुग्गी झोपडियां पूर्णत: जलकर राख हो गयी थी।
उक्त झुग्गी झोपडियां सुन्दरवन क्षेत्र में एक प्राईवेट प्लाट पर बनी हुई थीं, जहां 02 वर्ष पूर्व वर्ष 2022 में भी इसी प्रकार आग लगने की घटना घटित हुई थी, जिसमें भी लगभग 40 से 45 झुग्गी झोपडियां जल गई थी। 02 वर्ष के अन्तराल में एक ही स्थान पर घटित उक्त दोनों घटनाओं पर संदिग्धता प्रतीत होने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा आग लगने के कारणों से जुडे सभी सम्भावित पहलुओं पर विस्तृत जांच के आदेश दिये गये। जिस पर पुलिस द्वारा घटना स्थल व आस-पास के क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों को चैक करने पर पुलिस टीम को आग लगने की घटना से पूर्व झुग्गी झोपडियों के आस-पास एक संदिग्ध कार घूमती हुई दिखाई दी, जो थोडे-थोडे अन्तराल पर 02 से 03 बार घटना स्थल के आस-पास आकर रूकी थी, इस दौरान कार की अगली सीट पर बैठे व्यक्ति द्वारा कार से उतरकर पास की झोपडी के एक किनारे पर आग लगाये जाने की फुटेज पुलिस को प्राप्त हुई तथा उक्त कार के घटना स्थल से निकलते ही कार के पास बनी एक झोपडी ने अचानक आग पकड़ ली, जिसने आस-पास की अन्य झोपडियों को भी अपनी चपेट में ले लिया।
उक्त घटना में जमीनी विवाद या अनाधिकृत कब्जा को खाली कराने की हो सकती है साजिश, प्राप्त सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एसएसपी देहरादून द्वारा तत्काल संदिग्ध अभियुक्तों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत करने के निर्देश दिये गये, जिस पर पुलिस द्वारा थाना सेलाकुई पर अज्ञात अभियुक्तों के विरूद्ध धारा: 436 भादवि का अभियोग पंजीकृत किया गया।
भाई ने सगी बहन की गला घोंटकर कर डाली हत्या और फिर फंदे से झूल कर दे दी जान
यूएसनगर (रुद्रपुर), रुद्रपुर के आदर्श कालोनी चौकी इलाके में एक भाई ने अपनी सगी बहन की गला दबाकर हत्या करके खुद भी जान दे दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शवों का पंचनामा करके उन्हें पोसटमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का मौका मुआयना भी किया । हत्या व आत्महत्या के इस मामले की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार चार दिन पहले ही सुनील कुमार नामक युवक अपनी 19 वर्षीय करिश्मा के साथ सिंह कॉलोनी की गली नंबर 10 स्थित अमोलक के मकान में किराये पर रहने आया था। बुधवार की सुबह सुनील का बहनोई रवि कुमार कमरे पर उसने काफी देर तक सुनील और करिश्मा को आवाजें दीं लेकिन जब कोई बाहर नहीं आया तो उसने दरवाजे के सुराख से झांक कर अंदर देखा। अंदर सुनील का शव फांसी के फंदे पर लटका हुआ था जबकि करिश्मा का शव जमीन पर पड़ा हुआ था। रवि अपनी आखों से यह नजारा देखने के बाद दौड़ता हुआ नजदीक आदर्श कॉलोनी चौकी पहुंचा और पुलिस को घटना से अवगत कराया।
यसूचना मिलते ही सीओ सदर निहारिका तोमर, कोतवाल धीरेंद्र कुमार और चौकी प्रभारी विजय कुमार पुलिस बल के साथ घटनास्थल पहुंचे। जहां पुलिस ने दरवाजा तोड़कर देखा कि अंदर करिश्मा का शव फर्श पर पड़ा हुआ था और उसके भाई सुनील का शव पंखे के फंदे से लटका हुआ था।
प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि करिश्मा की हत्या रस्सी से गला घोंट कर की गई है। पुलिस ने मकान स्वामी व बहनोई से पूछताछ के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने हत्या और आत्महत्या की वजह की तफ्तीश शुरू कर दी है।
अभिनव पहल : अभिलेख पोर्टल पर अब एक ही क्लिक में आनलाईन मिलेगी जानकारी
देहरादून, जनपद दून की अभिनव पहल शीघ्र रिकार्डरूम के अभिलेख पोर्टल पर अभिलेखों की तहसीलवार जानकारी अब एक ही क्लिक में आनलाईन मिलेगी। जिस पर आज जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका ने अपने कार्यालय कक्ष में वेबसाईट पर अद्यतन कार्यों का अवलोकन करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों के साथ कार्य प्रगति की समीक्षा की। जिला प्रशासन देहरादून द्वारा जनपद में तहसीलवार अभिलेखों को पोर्टल पर अद्यतन किये जाने की कार्यवाही गतिमान है। जिलाधिकारी ने जल्द से जल्द कार्यों को पूर्ण करने के कड़े निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने आनलाईन किये जाने रहे अभिलेखों के तहसीलवार डेमों का अवलोकन करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों निर्देशित किया कि जल्द से जल्द अभिलेखों को अपलोडिंग कार्य पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने प्रभारी अधिकारी रिकार्डरूम/ उप जिलाधिकारी मुख्यालय शालिनी नेगी एवं ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर को निर्देशित किया कि रिकार्ड अभिलेखों की एक कॉपी आईटीडीए के सम्बन्धित अधिकारी को उपलब्ध करेंगे। साथ ही आईटीडीए के अधिकारियों को निर्देशित किया कि त्रुटिरहित डाटा को वेबसाईट पर अपलोड करेंगे। उन्होंने कहा कि कार्यों को शीघ्रता से सम्पादित करें, जिससे कि जनमानस को अपने भूमि, अभिलेखों सम्बन्धी दस्तावेज आसानी से प्राप्त हो सके। उन्होंने वेबपेज पर सुधार लाने हेतु आईटीडीए के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
सुपरहिट फिल्म बॉबी के प्रदर्शन के साथ पांच दिवसीय ग्रीष्म कला उत्सव हुआ शुरू
फिल्म में राजदूत जीटीएस 150 मोटर साइकिल जो ‘बॉबी बाइक‘ के रूप में रही चर्चित’
देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), पहली बार जनपद में पांच दिवसीय ग्रीष्म कला उत्सव शुरू हो गया, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रेक्षागृह में आयोजित उत्सव में बुधवार को सुबह के समय देहरादून शहर समेत पूरे देश में धूम मचाने वाली सुपरहिट फिल्म बॉबी का प्रदर्शन किया गया। साथ ही शाम को देहरादून के बन्द पड़े सिनेमाघरों पर सार्थक विमर्श किया गया।
ग्रीष्म कला उत्सव का पहला दिन सत्तर के दशक की लोकप्रिय हिट फिल्म बॉबी (1973) के नाम रहा। यह बात उल्लेखनीय है कि बॉबी ने सत्तर के दशक की शुरुआत में ऋषि कपूर, डिंपल कपाड़िया, प्राण और प्रेमनाथ के अभिनय ने युवा सिनेमा को नये सिरे से परिभाषित किया। यह फिल्म जबरदस्त व्यावसायिक सफलता के मोड़ पर पहुंच गयी थी। इस फिल्म ने निर्माता निर्देशक राज कपूर को मेरा नाम जोकर के साथ अपनी पिछली सारी फिल्मों के भारी नुकसान की भरपाई करने में सक्षम बना दिया। इस फिल्म के गाने लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचे गये थे और गीत आनंद बख्शी, राजकवि इंद्रजीत सिंह तुलसी और विट्ठलभाई पटेल की संयुक्त प्रतिभा से उभरे थे। बॉबी फिल्म की इस घटना ने देश को नरेन्द्र चंचल की अद्भुत गायन प्रतिभा से परिचित कराया और प्रतिष्ठित राजदूत जीटीएस 150 मोटर साइकिल को एक बड़ा मंच प्रदान कर जन-जन में उसे लोकप्रिय बना डाला। बॉबी फिल्म के वजह से ही मोटर साइकिल हमेशा के लिए बॉबी बाइक के रूप में जाना जाने लगी। इस सत्र का शुभारम्भ प्रभात सिनेमा प्रमुख रहे दीपक नागलिया ने किया। फिल्म प्रदर्शन के दौरान सभागार में अनेक फिल्म प्रेमी व दर्शक मौजूद रहे।
सांध्यकालीन सत्र में प्रभात सिनेमा के दीपक नागलिया से बिजू नेगी ने बातचीत की।
इस बातचीत में देहरादून के बंद पड़े सिनेमाघरों की भूली बिसरी यादों पर शानदार बात हुई। बातचीत के दौरान सिंगल स्क्रीन भारतीय सिनेमा प्रदर्शनी उद्योग के सुनहरे युग और उस दशक के दौरान हिंदी सिनेमा से जुड़ी विविध कहानियों को बेहतरीन तरीके से याद किया गया । बातचीत को जीवंत बनाने के लिए एक स्लाइड शो भी किया गया। दीपक नागलिया ने पिछले दशकों में देहरादून के सिनेमाघरों की सामाजिक पहचान, उससे जुड़ी हर वर्ग की अर्थव्यवस्था़, फिल्म प्रर्दशन के तकनीकी पक्ष, व्यवस्था, प्रचार-प्रसार, वितरण और आम लोगों की फिल्म देखने की दीवानगी से जुड़े अनेकानेक प्रसंगों को रोचक संस्मरणों के साथ प्रस्तुत किया। इस बातचीत से देहरादून में प्रभात सिनेमा के साथ ही अन्य सिनेमाघरों की तत्कालीन सामाजिक हैसियत के कई दिलचस्प प्रसंग उजागर हुए। बातचीत के बाद उपस्थित श्रोताओं ने सवाल-जबाब भी किये।
इस अवसर पर सभागार में निकोलस हॉफलैण्ड, बिजू नेगी, चन्द्रशेखर तिवारी, हिमांशु आहूजा, जनकवि अतुल शर्मा, विभापुरी दास, विजय भट्ट, भूमेश भारती, गोपाल थापा, वेदिका वेद ,मनमोहन चड्ढा व सुंदर सिंह बिष्ट, सहित फिल्म से जुड़े लोग, फिल्म प्रेमी, लेखक, साहित्यकार, साहित्य प्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्विजीवी, पुस्तकालय के सदस्य तथा बड़ी संख्या में युवा पाठक उपस्थित रहे
सीबीआई ने आरएमएल हॉस्पिटल के दो डॉक्टर समेत नौ लोगों को किया गिरफ्तार
नई दिल्ली, सीबीआई ने दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल में रेकैट का पर्दाफाश करते हुए अस्पताल के दो डॉक्टरों समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये लोग मरीजों से इलाज के नाम पर रिश्वत वसूल रहे थे। वहीं गिरफ्तार किए गए लोगों में मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति करने वाले भी शामिल हैं। बता दें ये लोग पूरा रैकेट चलाकर अस्पताल आने वाले मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे थे।
एफआईआर के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर खुलेआम रिश्वत की मांग कर रहे हैं। ये लोग आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मरीजों से वसूली कर रहे थे।
सैम पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा
नई दिल्ली, कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने बुधवार को ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। पित्रोदा की उस टिप्पणी को लेकर बुधवार को विवाद खड़ा हो गया जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘‘पूर्व के लोग चीनी और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी नागरिकों जैसे दिखते हैं’’। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पित्रोदा की ‘‘नस्ली’’ टिप्पणियों को लेकर उन पर निशाना साधते हुए दावा किया कि इससे विपक्षी दल की ‘‘विभाजनकारी’’ राजनीति बेनकाब हो गई है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने पित्रोदा के निर्णय को स्वीकार कर लिया है। रमेश ने कहा, ‘‘ सैम पित्रोदा ने अपनी मर्जी से ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका निर्णय स्वीकार कर लिया है।