Tuesday, June 10, 2025
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बारिश का ऑरेंज अलर्ट, प्रशासन ने जारी किए आदेश एक अगस्त को स्कूलों में फिर छुट्टी

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देहरादून। मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए दून जिले के स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र 1August को बन्द रहेंगे। डीएम ने आदेश जारी किए।

अब एक बार फिर कल यानी 01 अगस्त को जिला प्रशासन की ओर से बारिश की संभावनाओं को देखते हुए एक दिन का अवकाश घोषित किया गया है।

 

गुरुवार को भी जिले के सभी स्कूल बंद रखने के जिलाधिकारी ने जारी किए आदेश

बड़ी खबर (नैनीताल) भारी बारिश का अलर्ट,गुरुवार को रहेंगे स्कूल बंद। - Uttarakhand City News
हल्द्वानी, मौसम विभाग द्वारा भारी और अत्यंत भारी वर्षा की चेतावनी के बाद जिलाधिकारी नैनीताल ने गुरुवार को भी जनपद के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी कर दिए हैं।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 1 अगस्त को जनपद नैनीताल में कही-कहीं भारी से अत्यन्त भारी, कुछ जगह पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने के साथ कहीं-कही गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने व वर्षा के तीव्र से अति तीव्र दौर (ऑरेन्ज एलर्ट) की सम्भावना व्यक्त की गई हैं।
राज्य के समस्त पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं भारी वर्षा हो रही है जिसके फलस्वरूप नदियों, नालों व गधेरों में पानी का स्तर बढ़ा हुआ है, जिलाधिकारी वंदना ने अपने आदेश में जनपद के सभी शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं निजी विद्यालयों (कक्षा 01 से 12 तक संचालित समस्त शैक्षणिक संस्थाओं) एवं समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों में कल यानी एक अगस्त(गुरूवार) के अवकाश की घोषणा कर दी है।

डीजे पर गाना बजाने को लेकर हुए विवाद में युवक को मारी गोली, हायर सेन्टर किया गया रैफर

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हरिद्वार, डीजे पर गाना बजाने को लेकर शुरू हुए विवाद में आज एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के एक युवक को गोली मार दी गयी। जिसमें युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार नारसन के समीप दो दिन पूर्व कांवड़ के दौरान आए डीजे पर अपनी जाति से संबंधित गाना बजाने और उस पर टिप्पणी करने को लेकर गुर्जर और जाट समाज के युवकों के बीच विवाद हो गया था और दोनों पक्षों में मारपीट भी हुई। बताया जा रहा है कि उक्त युवकों में गुर्जर समाज के युवा बॉर्डर से सटे यूपी के धमात और आसपास के गांव के थे और जाट समाज के युवा उत्तराखंड में बोर्डर के समीप बूढ़पुर जटृ गांव के थे। दोनों पक्षों के बीच उस समय तो किसी तरह बीच बचाव हो गया। लेकिन बताया गया है कि उसके बाद धमात के युवकों ने बूढ़पुर में आकर भी हवाई फायरिंग की। मामले की जानकारी ग्रामीणों ने पुलिस को दी थी।
वहीं आज बूढ़पुर के जाट समाज से जुड़े युवा अपने यूपी क्षेत्र के शकरपुर गांव में पड़ने वाले अपने खेतों में खेतीबाड़ी संबंधित कार्य करने गए थे। इस दौरान कुछ युवक वहां आए जिन्हे धमात और आसपास के गांव का बताया जा रहा है हालंकि इसकी पुष्टि पुलिस ने अभी नही की है। उनके द्वारा बूढ़पुर के युवकों से मारपीट शुरू कर दी और फिर फायरिंग भी कर दी। झगड़े के दौरान गोली बूढ़पुर निवासी बॉबी पुत्र उदयवीर को लग गई। जिसे उपचार के लिए पहले नारसन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया और फिर परिजन उसे मुज्जफरनगर ले गए। युवक की हालत खतरे से बाहर बताई गई है। इस संबंध में सीओ सदर,मुजफ्फरनगर राजू कुमार शाव ने बताया कि डीजे बजाने को लेकर बुडपुर व मेघाशकरपुर के युवको के बीच विवाद हो गया था। जब आज बुडपुर निवासी युवक खेत पर आया तो उसको गोली मारकर घायल कर दिया। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

 

दून पुस्तकालय में हुआ चार महत्वपूर्ण वृतचित्र फिल्मों का प्रर्दशन

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर आज सांय एचआईवी/एड्स, विकलांगता, मानसिक बीमारी ओर नशे की लत के साथ दिनचर्या चलाने के सन्दर्भ में चार वृतचित्र फिल्मों का प्रर्दशन किया गया।हर रोज जीना इनके साथ शीर्षक के तहत मासिक फिल्म प्रर्दशन श्रंखला के तहत निकोलस हॉफलैण्ड द्वारा यह फिल्में संस्थान के सभागार में दिखाई गयीं।
पहली प्रदर्शित फिल्म अपर्णा सान्याल की ए ड्रॉप ऑफ सनशाइन थी।इस फिल्म में रेशमा वल्लियप्पन की कहानी और उसकी यात्रा अंततःसिजोफ्रेनिया पर विजय को दिखलाती है। निश्चित ही यह महत्वपूर्ण सामाजिक फिल्म है। अपर्णा सान्याल दिल्ली स्थित एक फिल्म निर्माता और निर्माता हैं, जिन्होंने डिस्कवरी, हिस्ट्री, नेशनल ज्योग्राफिक, टाइम्स नाउ, हेडलाइंस टुडे, सीएनएन और बीबीसी जैसे चौनलों के लिए वृत्तचित्रों और टीवी शो पर बड़े पैमाने पर काम किया है। उनकी कुछ चर्चित फिल्में टेढ़ी लकीर, द क्रुक्ड लाइन, शून्यता शोवना और द मॉन्क्स हैं।
सी. वनजा कुमारी द्वारा निर्देशित की गई दूसरी फिल्म पॉजिटिव लिविंग, एचआईवी से पीड़ित उन महिलाओं की कहानी बताती है जिन्होंने नियति को चुनौती दी और सामाजिक बहिष्कार और अनिश्चित भविष्य के खिलाफ, सम्मान और आशा के साथ जीवन की अपनी यात्रा जारी रखी।
सी. वनजा कुमारी हैदराबाद स्थित एक पुरस्कार विजेता पत्रकार और फिल्म निर्माता हैं जिनका काम विकास के मुद्दों पर केंद्रित है। उनकी प्रशंसित और पुरस्कार विजेता वृत्तचित्रों में रेड कॉरिडोर, स्मरण और ब्रीडिंग इनवेजन प्रमुख हैं।
तीसरी फिल्म अक्कसेक्स श्वेता घोष द्वारा निर्देशित है जो चार कहानीकारों के माध्यम से सौंदर्य, आदर्श शरीर और कामुकता की धारणाओं की पड़ताल करती है – महिलाएं जो विकलांग होती हैं। श्वेता घोष एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता और शोधकर्ता हैं। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई से रजत पदक विजेता, उन्होंने विभिन्न शोध और फिल्म परियोजनाओं के माध्यम से भोजन, यात्रा, संगीत और विकलांगता में अपनी रुचि का पता लगाया है।
अन्तिम प्रदर्शित फिल्म बेयर 2015 की अमेरिकी ड्रामा फिल्म है, जो नतालिया लेइट द्वारा लिखित और निर्देशित है और एलेक्जेंड्रा रोक्सो, नतालिया लेइट और चाड ब्यूरिस द्वारा निर्मित है।
यह फिल्म नेवादा के एक छोटे से रेगिस्तानी शहर में रहने वाली एक युवा महिला की कहानी है, जो एक शराबी महिला के साथ रोमांटिक रूप से जुड़ जाती है, जो उसे ड्रग्स, स्ट्रिपिंग और साइकेडेलिक आध्यात्मिक अनुभवों के जीवन में ले जाती है। इस फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर 19 अप्रैल 2015 को ट्रिबेका फिल्म फेस्टिवल में हुआ था।
इन फिल्मों के प्रर्दशन के दौरान डॉ.अतुल शर्मा, डॉ.सुरेंद्र दत्त सेमल्टी, विजय भट्ट, बिजू नेगी, अरुण असफल, अनिल डोगर व विवेक तिवारी सहित फिल्म प्रेमी, रंगकर्मी, लेखक ,साहित्यकार और युवा पाठक उपस्थित रहे।

 

 

तबादला सत्र एक माह और आगे बढ़ा, आदेश जारीप्रदेश में वार्षिक तबादलों की डेडलाइन बढ़ी,आदेश जारी - Avikal Uttarakhand

देहरादून, प्रदेश में आज 31 जुलाई तक होने वाले तबादलो की तिथि को एक बार फ़िर से बढ़ा दिया गया है। जिसके बाद कई अधिकारियो ने चैन की सांस ली। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद शासन ने यह फैसला लिया है। शासन द्वारा 31 जुलाई की जगह अब 31 अगस्त तक सत्र बढ़ा दिया है।
जबकि कई विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर ट्रांसफर होने बाकि है। पूर्व में प्रदेश में लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता प्रभावी होने के कारण शासन ने स्थानांतरण की समय सीमा को आगे बढ़ाते हुए 10 जुलाई तक किया था। इसके बाद दूसरी बार स्थानांतरण के लिए समय सीमा को बढ़ाते हुए 31 जुलाई कर दिया गया था। अब मानसून और प्रदेश में आपदा को देखते हुए एक महीना और बढ़ाने का निर्णय लिया गया। अब 31 अगस्त तक तबदला सत्र बढ़ा दिया गया है। जिसको लेकर आदेश भी जारी कर दिया गए है।

कांग्रेस की केदारधाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा पहुंची केदारघाटी

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देहरादून, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में हरिद्वार से केदारनाथ के लिए रवाना हुई केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा के केदारघाटी पहुंचने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। रक्षा यात्रा आज रात्रि प्रवास के लिए गुप्तकाशी पहुंच गयी है। कल रक्षा यात्रा रात्रि प्रवास के लिए सीतापुर पहुंचेगी।
बता दें कि विगत 24 जुलाई को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में हरिद्वार से केदारनाथ के लिए चली केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा बीते रोज रात्रि प्रवास के लिए केदार घाटी के स्यालसौड पहुंची थी। आज केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा के बासबाडा, भीरी, कुण्ड, सेमी, भ्यौसारी पहुंचने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा का भव्य स्वागत किया गया है।
केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा में शामिल पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड आध्यात्मिक,धार्मिक, सांस्कृतिक व पौराणिक परम्पराओं के कारण विशिष्ट पहचान रखता है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि धर्म की रक्षा करना हमारा नैतिक दायित्व है तथा केदारनाथ धाम से हजारों हिन्दुओं की आस्था जुडी हुई है।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा का मुख्य उद्देश्य धर्म की रक्षा के लिए आमजनता को जागृत करना है। बद्री केदार मन्दिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होने की आवश्यकता है।
इस मौके पर पूर्व विधायक ललित मोहन फर्स्वाण, पूर्व राज्यमंत्री रणजीत रावत, प्रमुख जखोली प्रदीप थपलियाल, कांग्रेस सेवा दल प्रदेश अध्यक्ष हेमा पुरोहित, कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ प्रदेश महामंत्री आनन्द सिंह रावत सहित कई नेता व कार्यकर्ता मौजूद है।Congress 39 Kedarnath Dham Pratishtha Raksha Yatra started from Rishikesh -  कांग्रेस की केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा ऋषिकेश से रवाना, रिषिकेष  न्यूज

मुख्यमंत्री ने दिए प्रदेश में संचालित कोचिंग सेंटरो की गहनता से जांच के निर्देश

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में संचालित कोचिंग सेंटरो की गहनता से जांच के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोचिंग सेंटरों में अध्यनरत छात्रों एवं अध्यापकों आदि के लिए की गई व्यवस्थाओं का भी स्थलीय निरीक्षण किया जाए। उन्होंने इसके लिए प्रदेश व्यापी अभियान संचालित करने के भी निर्देश मुख्य सचिव को दिये है। कोचिंग सेंटरों में पार्किंग व्यवस्था तथा आसपास यातायात की सुगमता पर भी ध्यान दिये जाने की बात मुख्यमंत्री ने कही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी वर्षा के दृष्टिगत जल भराव होने की सम्भावना रहती है। अतः ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार की आपदा के त्वरित निराकरण हेतु राज्य में संचालित विभिन्न कोचिंग सेन्टर एवं ऐसे भवन जिनके बेसमेंट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियां संचालित हो रही हैं की तत्परता तथा प्राथमिकता के साथ जांच कर उनमें सुधारात्मक कार्यवाही की जाए ताकि किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान से बचा जा सके।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को राज्य में संचालित विभिन्न कोचिंग सेन्टर एवं ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियां संचालित हो रही हैं, की जाँच के निर्देश दिए है। इस संबंध में जारी निर्देश में मुख्य सचिव ने कहा है कि मानसून के दौरान अतिवृष्टि के कारण नई दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कोचिंग सेन्टर के बेसमेन्ट में जलभराव की स्थिति के कारण हुई अप्रिय घटना के दृष्टिगत उत्तराखण्ड में संचालित विभिन्न कोचिंग सेन्टर एवं ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियों संचालित हो रही हैं, की जॉच भवन उप-नियमों और सुरक्षा सम्बन्धी अन्य मानकों/नियमों के तहत शीर्ष प्राथमिकता के साथ करना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने जिलाधिकारियों को सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ तत्काल बैठक कर जनपद में सभी कोचिंग सेंटरों के निरीक्षण हेतु एक समिति का गठन कर समिति के माध्यम से वर्णित स्थानों की जांच कराते हुए सभी प्रकार की कमियों का निराकरण सुनिश्चित कराने को कहा है। जिन भवनों में कमियों का निराकरण किया जाना संभव नहीं हो पा रहा हो, उन भवनों में मानसून अवधि तक के लिए ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाये जाने हेतु समुचित आदेश पारित कर उसका अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश भी मुख्य सचिव ने दिये हैं, ताकि मानसून अवधि में जलभराव से होने वाली किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। उन्होंने इस संबंध में की गई कार्यवाही से शासन को 15 दिन के भीतर अवगत कराने के भी निर्देश दिए है।
उन्होंने ऐसे भवन जिनके बेसमेंट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियों संचालित हो रही है में अग्नि सुरक्षा मानकों की जाँच तथा भवन अथवा कोचिंग सेंटर में उपलब्ध अग्नि शमन यंत्र एवं अलार्म तथा किसी आगजनी की घटना में निकासी मार्ग को स्पष्ट रूप से चिन्हित किया गया है की भी जांच करने को कहा है। ऐसे भवनों में स्थापित विद्युत प्रणाली की जांच विद्युत सुरक्षा विभाग से कराने तथा आवश्यक अनुमति/प्रमाण-पत्र भवन स्वामी द्वारा लिये जाने, विद्युत सुरक्षा विभाग द्वारा सुझाये गये उपायों का समावेश भवन में स्थापित विद्युत प्रणाली में किये जाने तथा भवन निर्माण के लिए आवश्यक मानकों की पूर्ति की भी जांच करने के निर्देश मुख्य सचिव ने दिए।

कोचिंग सेंटर को लेकर चलेगा अभियान, मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने जारी किए दिशा-निर्देश

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देहरादून, प्रदेश के आवास मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने दिल्ली के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन बच्चों की मौत के मामले का संज्ञान लेकर उत्तराखंड में कोचिंग सेंटर के लिए निर्देश जारी किए हैं।
मंत्री डॉ. अग्रवाल ने अपर सचिव आवास अतर सिंह और एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी को दूरभाष पर निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने की घटना के बाद तीन छात्र जिनमें दो लड़कियां और एक लड़का निकलने में असफल रहे, जिसके चलते उनकी मौत हो गई। मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि ऐसी घटना उत्तराखंड में ना हो इसके लिए कोचिंग सेंटर पर अभियान चलाएं।

डॉ. अग्रवाल ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के कोचिंग सेंटर में मानक अनुसार कार्य नहीं होने पर तत्काल कार्रवाई करें। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि बेसमेंट में सुरक्षा उपाय और आपदा के समय निकासी जैसे अन्य आवश्यक कार्य न होने पर कोचिंग सेंटर के खिलाफ कार्रवाई की जाए। डॉ. अग्रवाल ने यह भी कहा कि जिनमें कार्रवाई की जा रही है उन पर शीघ्र कार्रवाई की प्रक्रिया को अमल में लाएं।

 

जीएसटी में बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण लागू करने वाला उत्तराखंड बना देश का चौथा राज्य

-वित्त मंत्री अग्रवाल ने उत्तराखंड में किया रिबन काटकर शुभारंभ

-देश में गुजरात, पांडुचेरी, आंध्र प्रदेश के बाद उत्तराखंड के नाम दर्ज हुई यह उपलब्धि

देहरादून, उत्तराखंड के नाम अब एक ओर उपलब्धि जुड़ गई है। उत्तराखंड अब जीएसटी में बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण लागू करने वाला देश का चौथा जबकि उत्तर भारत का पहला राज्य बन गया है। उत्तराखंड में इसका शुभारंभ वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने रिबन काटकर किया।
बुधवार को कार्यक्रम के दौरान डॉ. अग्रवाल ने बताया कि नई दिल्ली में आहूत जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में चरणबद्ध रूप से अखिल भारतीय स्तर पर पंजीकरण आवेदकों के लिए बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण को लागू करने की सिफारिश की गई थी। इस क्रम में उत्तराखण्ड राज्य में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था की गई है। बताया कि देश में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण लागू करने वाला उत्तराखण्ड चौथा राज्य तथा उत्तर भारत का पहला राज्य है। इससे पूर्व गुजरात, पुद्दुचेरी तथा आंध्रप्रदेश में यह व्यवस्था है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इस व्यवस्था में जीएसटी के अंतर्गत प्रस्तुत ऐसे पंजीयन आवेदन पत्रों, जिन्हें कतिपय जोखिम मानकों तथा डाटा विश्लेषण के आधार पर पोर्टल पर चिन्हित होगा। इसके सम्बन्ध में दस्तावेज़ों का सत्यापन तथा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण कमिश्नर द्वारा अधिसूचित जीएसटी सुविधा केंद्र से कराया जाएगा।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण को क्रियान्वित किये जाने के लिए राज्य कर विभाग के प्रत्येक कार्यालय भवन में जीएसटी सुविधा केंद्र स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से दस्तावेज़ों का सत्यापन तथा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण राज्य में ऐसे 22 जीएसटी सुविधा केंद्र स्थापित किये गए हैं।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जीएसटी में आसान पंजीयन प्रक्रिया का अनुचित लाभ लेते हुए फर्जी पंजीयन प्राप्त किये गए हैं तथा राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया है। बताया कि बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था के क्रियान्वयन से जीएसटी में पंजीकरण प्रक्रिया बेहतर होगी, जिससे फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर प्राप्त किये जाने वाले पंजीयनों तथा फर्जी इनवॉइस के माध्यम से लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को रोकने में सहायता मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि गुजरात राज्य में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था लागू किये जाने के बाद से पंजीयन आवेदन पत्रों में लगभग 55% की कमी दर्ज की गयी है, जो इस बात का द्योतक है कि राज्य में फर्जी पंजीयन आवेदन पत्रों की संख्या कम हुई हैं l यह अनुमानित है कि इस व्यवस्था को लागू किये जाने पर उत्तराखण्ड राज्य में वार्षिक लगभग रु0 100 करोड़ से रु0 150 करोड़ तक के करापवंचन को रोकना संभव हो सकेगा l
इस अवसर पर सचिव वित्त विनोद कुमार सुमन, आयुक्त कर डॉ अहमद इकबाल, अपर आयुक्त आईएस बृजवाल, अपर आयुक्त अनिल सिंह, पीएस डुंगरियाल, संयुक्त आयुक्त प्रवीण गुप्ता, संजीव सोलंकी, अनुराग मिश्रा सहित अन्य विभागीय अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।

पूरे प्रदेश में 22 जीएसटी सुविधा केंद्र होंगे :
मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि 22 राज्यकर अधिकारी, 58 कर्मचारी प्रदेश के 22 जीएसटी सुविधा केंद्र में उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर और हल्द्वानी में पांच-पांच सेंटर होंगे।

फर्जी रजिस्ट्रेशन पर लगेगी लगाम :
मंत्री डॉक्टर प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि राज्य कर में चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले कुछ तथाकथित लोग अभी तक टेंपो, रिक्शा, ठेली, फड़ वाले आदि लोगों से उनके आधार नंबर व अन्य जानकारी के जरिए फर्जी तरीके से राज्य कर में चोरी करते थे उन्होंने बताया कि बायोमेट्रिक पंजीकरण के बाद से ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लग जाएगा। जिससे प्रदेश को स्वच्छ राज्य कर की प्राप्ति हो सकेगी।

तेज बारिश से नगर के विभिन्न क्षेत्र हुए जलमग्न

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हरिद्वार 31 जुलाई( कुलभूषण) हरिद्वार मे बुधवार को हुयी तेज बारिश के चलते जहां लोगों को पिछले काफी दिनों से हो रही तेज गर्मी से राहत मिली।वही तेज बारिश के चलते नगर के विभिन्न क्षेत्रों मे पानी भर जाने के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पडा। भगत सिंह चौक सहित नगर विभिन्न क्षेत्रों मे जलभराव हो गया।तेज बारिश के चलते खडखडी क्षेत्र स्थित सूखी नदी,रेलवे रोड ललतारो पुल स्थित ललतारो बरसाती नदी मे पहाड़ी क्षेत्रों से तेज बहाव के साथ पानी भरकर चला।

वही बाजारों मे भी लोगों की दुकानो मे तेज बारिश के चलते पानी भर गया।
खडखडी सूखी नदी क्षेत्र मे खडे कावडिय़ों ट्रक के अचानक आये तेज पानी के चपेट मे आने के चलते उसका विडियों सोशल मिडिया पर वायरल हो रहा है। मिली जानकारी के अनुसार ट्रक खाली खडा था। जिला प्रशासन द्वारा तत्काल मौके पर पहुंच स्थिति सामान्य बनाने की दिशा मे कार्य करने की दिशा मे कार्य करने मे लगा हैं।

योजनाओं के क्रियान्वयन में हो विज्ञान एवं तकनीकि का उपयोग-मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि लंबे समय से संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए इस दिशा में सुधारत्मक प्रयास की दिशा में कार्य किये जाएं। इन योजनाओं से लाभार्थियों को कितना फायदा हुआ और योजनाओं को और प्रभावी बनाने के लिए और क्या विशेष नवाचार किये जा सकते हैं, इस दिशा में नियोजन विभाग के सहयोग से कार्य किया जाए। राज्य सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को गेम चेंजर बनाने की दिशा में कार्य किये जाने पर भी उन्होंने बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत स्वयं सहायता समूहों को प्रदान किये जा रहे ऋण की धनराशि की सीमा में वृद्धि की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रस्ताव लाया जाए। स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को बेहतर बाजार मिले, इसके लिए सप्लाई चेन को प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने कहा सहकारिता विभाग संबधित विभागों से भी समन्वय स्थापित कर योजनाओं को आगे बढ़ाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बंजर भूमि चिन्हित कर विभिन्न क्लस्टरों के माध्यम से उसे खेती योग्य बनाने के प्रयास किये जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक और पारम्परिक पद्धतियों के माध्यम से कृषि उत्पादन में वृद्धि की जाए। मुख्यमंत्री ने क्लस्टरों में मिल्लेट्स, सब्जियां, दालें, फल, औषधीय और सुगंधित पौधों फसलों, चारा फसलों और कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा हमारा उद्देश्य स्थानीय समुदाय को आजीविका के अवसर प्रदान कर, रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देना है। सहकारिता से मिलेट्स उत्पादों को और अधिक बढ़ावा मिले, इसके भी पयास किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विभिन्न जनपदों में चयनित क्लस्टरों की संख्या में वृद्धि के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत मत्स्य पालन, मौन पालन, मशरूम उत्पादन के निर्धारित लक्ष्यों को बढ़ाया दिया जाए। विभिन्न परियोजनाओ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की नवीन तकनीकियो का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए।

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार द्वारा 85 करोड की ब्याज प्रतिपूर्ति का बजटीय प्राविधान किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 1,90,000 सहकारी सदस्यों को 1300 करोड़ रूपये का ब्याज रहित ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। योजना के अन्तर्गत अभी तक कुल 960510 लाभार्थियों एवं 5339 स्वयं सहायता समूहों को कुल 5621.25 करोड रूपये़ का ऋण वितरित किया जा चुका है। राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना से 50 हजार से अधिक किसान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। इसके तहत जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, विशेष प्रमुख सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, निबंधक सहकारिता श्री आलोक कुमार पाण्डेय एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में नवाचार पर दिया जाए ध्यान-मुख्यमंत्री

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देहरादून , मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में पशुपालन, डेरी विकास, मत्स्य पालन और गन्ना विकास विभाग की समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पशुपालन और डेरी विकास के क्षेत्र में आगामी 03 वर्षों में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में योगदान 03 प्रतिशत से बढ़ाकर 05 प्रतिशत करने की दिशा में कार्य किये जाएं। इसके लिए उन्होंने स्थानीय उत्पादों को तेजी से बढ़ावा दिये जाने पर भी बल दिया। उन्होंने पशुपालन और डेरी विकास के क्षेत्र में जीएसडीपी में वृद्धि के लिए आवश्यक संसाधनों का पूरा एक्शन प्लान तैयार कर प्रस्तुत करने के साथ प्रत्येक जनपद में एक-एक मॉडल पशु चिकित्सालय बनाए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के साथ नवाचार की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य किया जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका में वृद्धि हो और पलायन भी रूके। डेरी विकास तथा पशुपालन के क्षेत्र में राज्य की आर्थिकी में सुधार के लिये अन्य प्रदेशों से आयातित दूध व दुग्ध उत्पादों, पोलट्री उत्पादों की निर्भरता को कम किया जाए। गोट वैली, कुक्कुट वैली और ब्रायलर फार्म की स्थापना राज्य में पशुपालकों की आय को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुई है। इस योजनाओं को और तेजी से बढ़ावा दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में डेरी विकास के लिए दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ ही विभिन्न दुग्ध उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से कार्य किया जाए। दुग्ध उत्पादन से लाभकारी आय के लिए इनपुट प्रोडक्सन एवं डिलीवरी सिस्टम को सुदृढ़ बनाया जाए। एफ.पी.ओ के माध्यम से किसानों को उन्नत किस्म के चारा बीज उपलब्ध कराने और हरा एवं सूखा चारा उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किये जाने के साथ राज्य में अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादक सेवा केन्द्र स्थापित किये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।

*राज्य में मछली की खपत के अनुरूप हो उत्पादन- मुख्यमंत्री*

मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पर्वतीय क्षेत्रों में ट्राउट फिश के उत्पादन को तेजी से बढ़ावा दिया जाए। इनकी बिक्री के लिए भी उचित प्रबंध किये जाएं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का मत्स्य पालकों को अधिक से अधिक लाभ मिले। राज्य में मत्स्य पालन को और तेजी से बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा लक्ष्य तय किये जाएं, लक्ष्यों को फोकस करते हुए समयबद्धता के साथ आगे कार्य किये जाएं। राज्य में मछली की खपत के अनुरूप उत्पादन हो इस दिशा में भी तेजी से प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना से भी अधिक से अधिक मत्स्य पालकों को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि तालाबों के निर्माण से उनमें मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा सकता है, वहीं जल संरक्षण की दिशा में भी यह सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि कलस्टर बनाकर तालाबों का निर्माण किया जाए और उनके माध्यम से मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाए।

*गन्ना मिलों के आधुनिकीकरण, दक्षता और क्षमता में वृद्धि की दिषा में किये जाए कार्य-मुख्यमंत्री*

गन्ना विकास विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि गन्ना मिलों को घाटे से उबारा जाए। गन्ना मिलों के आधुनिकीकरण, दक्षता और क्षमता में वृद्धि की दिशा में कार्य किये जाएं। राज्य में गन्ना बीज बदलाव, जीपीएस के माध्यम से गन्ना सर्वेक्षण का कार्य तथा प्रदेश में जैविक गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के लक्ष्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान समय पर हो।

कैबिनेट मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि पशु स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण के लिए वृहद् स्तर पर पशुओं का टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है। मोबाईल वैटिनरी यूनिट के माध्यम से पशुपालकों के द्वार पर पशुचिकित्सा संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन के तहत इस वर्ष डेरी विकास के अन्तर्गत 3385 दुधारू पशुओं के क्रय के लिए 611 परिवारों को दुग्ध व्यवसाय से जोड़ने तथा 4943 पशुपालकों को बकरी व कुक्कुट पालन का लक्ष्य रखा है। पर्वतीय क्षेत्रों में साइलेज, चारा फीड ब्लाक की सुगमता से उपलब्ध होने के कारण महिलाओं के बोझ को कम किया गया है। पशुपालन से संबधित कार्यों में महिलाओं की भागीदारी 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 03 वर्षों में दुग्ध उपार्जन, संतुलित पशु आहार एवं साईलेज विक्रय में वृद्धि हुई है। गोट वैली से राज्य में डेढ़ साल में 3027 पशुपालकों को लाभ मिला है, जिसमें 37 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। राज्य में कुक्कुट की 2622 ईकाई स्थापित हैं इस वर्ष 01 हजार और ईकाई स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव डॉ. बी.वी.आर. सी. पुरूषोत्तम, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव श्री विजय जोगदंडे, नियोजन विभाग से श्री मनोज पंत और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

*नवीन नियुक्तियों से शैक्षणिक गतिविधियों को मिलेगी धार

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देहरादून, प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी को दूर करने के दृष्टिगत चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा संविदा के आधार पर मेडिकल फैकल्टी की नियुक्ति की जा रही है। इसी क्रम में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाल राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान श्रीनगर में राज्य सरकार ने विभिन्न संकायों के अंतर्गत चार मेडिकल फैकल्टी तथा दो कैज्युअल्टी मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति को मंजूरी प्रदान की है। नई मेडिकल फैकल्टी की नियुक्ति से जहां मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की कमी दूर होगी वहीं शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार आयेगा।

हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में गठित साक्षात्कार/चयन समिति द्वारा श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के विभिन्न संकायों में रिक्त मेडिकल फैकल्टी के पदों के लिये साक्षात्कार आयोजित किया गया। जिसमें चयन कमेटी ने चार मेडिकल फैकल्टी तथा दो कैज्युअल्टी मेडिकल ऑफिसर का चयन किया। जिसमें पैथोलॉली विभाग के अंतर्गत एसोसिएट प्रोफसर के पद पर डॉ पवन भट, असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर डॉ. स्वाती पुण्डीर, आर्थोपेडिक्स में डॉ. वेद प्रकाश अग्रवाल, ईएनटी में डॉ. श्वेता पूरबी का चयन किया गया। इसी प्रकार कैज्युअल्टी मेडिकल विभाग में कैज्युअल्टी मेडिकल ऑफिसर के पद पर डॉ. अजीत कुमार तथा डॉ. कृष्णाकांत त्यागी का चयन किया गया है। इन सभी चयनित अभ्यर्थियों को राज्य सरकार ने संविदा के आधार पर नियुक्ति की मंजूरी दे दी है। चयनित मेडिकल फैकल्टी एवं कैज्युअल्टी मेडिकल ऑफिसर को तीन वर्ष अथवा उक्त पदों पर नियमित नियुक्ति होने तक जो भी पहले हो के लिये नियुक्त किया गया है। राजकीय मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल फैकल्टी की नियुक्ति के लिये सरकार लगातार प्रयासरत है। इससे पूर्व राज्य सरकार ने हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में विभिन्न संकायों में लगभग एक दर्जन मेडिकल फैकल्टी की नियुक्ति की मंजूरी प्रदान की थी। इन सभी नव नियुक्त मेडिकल फैकल्टी के आने से मेडिकल कॉलेज में शिक्षण कार्यों में गति आयेगी वहीं मरीजों को भी डॉक्टरों की नियुक्ति का लाभ मिलेगा।

*बयान-*
सरकार की मंशा प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में उच्च स्तरीय शिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराना है। जिसमें मेडिकल फैकल्टी सहित प्रयोगशाला उपकरण, पुस्तकें व शोध पत्र शामिल है। इसके लिये चरणबद्ध तरीके से सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है, साथ ही मेडिकल फैकल्टी की कमी को भी दूर किया जा रहा है।- *डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।*

 

भट्ट ने की, सदन में उत्तराखंड के लिए आपदा मुआवजा में वृद्धि एवं मानकों में सुधार की मांग

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देहरादून । राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने सदन से उत्तराखंड एवं पर्वतीय के लिए आपदा मुआवजा राशि में वृद्धि करने की मांग की है । जिसमे उन्होंने विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए मानकों में संशोधन का अधिकार राज्यों को सौंपने का भी आग्रह किया । साथ ही राज्य के दूरस्त क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का मुद्दा उठाया।

राज्यसभा में अपने संबोधन में उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों की विषम भौगोलिक एवं आपदा की परिस्थितियों की और सदन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया ।जिसमें उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तहत आपदा प्रवाहित क्षेत्र के लिए मुवाबजे की धनराशि में वृद्धि की जाए । वहीं मानकों में भी भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए संशोधन करने का अधिकार राज्य सरकारों को प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तहत बाढ़ भूस्खलन और भूकंप में हुई हानि पर आवश्यक प्रतिपूर्ति तथा भवन क्षति एवं कृषि भूमि के भूस्खलन तथा बाढ़ में क्षति होने पर मिलने वाले मुवाबजे में वृद्धि को आवश्यक बताया । साथ ही कहा, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण राज्य एवं जनपदों में गठित है परंतु केंद्रीय राष्ट्रीय प्रबंधन प्राधिकरण के मानकों के दिशा निर्देश में ही मुआवजा की राशि देने का राज्यों को अधिकार है।

इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड का जिक्र करते हुए कहा, में जिस राज्य का प्रतिनिधित्व करता हूं,वहां पर दैवीय आपदा के बार-बार आने से लोगों को विस्थापित करना बड़ी चुनौती होता है । वही आपदा में क्षतिपूर्ति दर इतनी कम होती है कि प्रभावितों को न्यायोचित आर्थिक राशि नहीं मिल पाती है। वहीं पहाड़ों में मट्टी और पत्थर से बने पहाड़ी शैली के मकान होते हैं इन्हें पक्के मकान की श्रेणी में नहीं माना जाता है और ये परिवार मुआवजे से वंचित रह जाते हैं। वहीं कुछ मकान भूस्खलन क्षेत्र में पूरी तरह धराशाई नहीं होते परंतु उन मकानों पर रहना बहुत ही खतरे के दायरे में रहता है । लेकिन आपदा का मानक है कि जब तक मकान पूर्णतया धराशाई ना हो जाए उन्हें मुआवजा श्रेणी में नहीं लिया जाता है जिससे इन परिवारों को मिलने वाले मुवाबजे से वंचित रहना पड़ता है। पहाड़ों में छोटे जोत के खेत होते हैं, तथा बाढ़ एवम भूस्खलन से यह खेत पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो जाते हैं परंतु आपदा मानक के अनुसार इन खेतों को मिलने वाला मुआवजा इतना कम होता है उन्हें अपने खेतों को फिर से खेती योग्य करना संभव ही नहीं है, और अच्छे खासे खेत भी बंजर हो जाते है। इसे इस लोक महत्व का विषय बताते हुए उन्होंने सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तहत आपदा प्रवाहित क्षेत्र के लिए मुवाबजे की धनराशि में वृद्धि की जाए तथा मानकों में भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए संशोधन करने का अधिकार राज्य सरकारों को प्रदान किया जाए।

साथ ही भट्ट ने उत्तराखंड से संबंधित मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या को भी सदन में उठाया । सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए उन्होंने राज्य में भारतीय संचार निगम द्वारा दी जाने वाली मोबाइल एवं इंटरनेट सुविधाओं में अधिक सुधार करने की जरूरत बताया। पहाड़ी राज्य होने के कारण दूर दराज के गांव को आज के समाचार क्रांति से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य के 6000 अतिरिक्त गांव को संचार सुविधा से जोड़ने का निश्चय किया था, परंतु मेरी जानकारी के अनुसार अभी तक 2000 के आसपास गांव को ही इस सुविधा से जोड़ा जा सका है। बीएसएनएल द्वारा 1206 नए टावर लगाने के लक्ष्य को भी अभी तक पूर्ण नहीं किया गया है और दूर दराज के क्षेत्रों में जो टावर लगे हैं उनके द्वारा भी मोबाइल कनेक्टिविटी सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है । आज जहां अन्य मोबाईल कंपनियां 5G नेटवर्किंग की सुविधा उपभोक्ताओं को दे रही है वहीं उत्तराखंड में भारतीय संचार निगम द्वारा 4G की सुविधा भी ठीक प्रकार से नहीं दी जा रही हैं। आज के संचार युग में शिक्षा,स्वास्थ्य एवं आवागमन भी दूरसंचार एवं इंटरनेट नेटवर्किंग पर सर्वाधिक निर्भर हो गया है। भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम संचालन के लिए बीएसएनएल कनेक्टिविटी पर निर्भर रहना पड़ता है, वहीं सीमा पर तैनात आइटीबीपी को भी आज इन्टरनेट एवम फोन की आवश्यकता रहती है। इस लोक महत्व का विषय बताते हुए उन्होंने सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए, राज्य के दूर-दराज गांव में बीएसएनएल मोबाइल सुविधा को दुरुस्त करने एवं उपभोक्ताओं को 4G कनेक्टिविटी का लाभ प्रदान करने की मांग की।