Sunday, April 27, 2025
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वृक्ष से जल, जल से जीवन होता हैं – यतीश्वरानन्द

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हरिद्वार  (कुलभूषण )फेरूपुर डिग्री कॉलेज फेरूपुर हरिद्वार में हरेला पर्व डिग्री कॉलेज व इण्टरमीडिढएट कालेज ने संयुक्त रूप से मनाते हुए डिग्री कॉलेज के परिसर में विभिन्न प्रजाति के 110 पेड लगाए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी यतीश्वरानन्द, पूर्व केबीनेट मंत्री उत्तराखण्ड ने पेड लगाकर कार्यकम का शुभारभं किया। विशिष्ट अतिथि शैलेन्द्र नेगी वन क्षेत्राधिकारी हरिद्वार, अध्यक्षता संस्था अध्यक्ष बालेश भार्गव और संचालन फेरूपुर डिग्री कॉलेज हरिद्वार के निदेशक जगपाल सिंह सैनी ने किया। इस अवसर पर स्वामी यतीश्वरानन्द ने कहा वृक्ष से जल, जल से जीवन होता हैं। वृक्षों से ऑक्सीजन मिलती है, जिस कारण हम जिंदा रह पाते है। उन्होने महाविद्यालय के वृक्षारोपण की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम सभी विद्यालय को करने चाहिए।

शैलेन्द्र नेगी वनक्षेत्राधिकारी ने वृक्षारोपण व हरेला पर्व पर विस्तार से प्रकाश डाला और सभी छात्र/छात्राओं से आह्वान किया कि प्रधानामंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर अपनी मां की याद में सभी अध्यापक व छात्र/छात्राए वृक्ष लगाए। कॉलेज प्रबंधकारिणी के अध्यक्ष बालेश भार्गव और कॉलेज निदेशक जगपाल सैनी ने कहा कि जहां देश के लिए विकास जरूरी है, वहीं मनुष्य जीवन के लिए पेड़ और जल जरूरी है। समय आ गया है की हमें पेड़ और जल दोनों को संरक्षित करना है। संस्था अध्यक्ष बालेश भार्गव ने कहा वृक्षारोपण के साथ-साथ जल संरक्षण पर भी ध्यान देना चाहिए।

कॉलेज प्रबंध कारिणी के सदस्य मनोज सैनी और आदेश पाल तोमर ने कहा कि आज के विकास की आधुनिकता के दौर में अंधाधुन पेड़ों का कटान हो रहा है लेकिन उनकी जगह नए पेड़ नहीं लगाए जा रहे, जिस कारण पर्यावरण असंतुलन बढ़ गया है और इसी के चलते बाढ़, सूखा और मौसम बदल रहा है। देश के कई हिस्सों में पानी के बेहद कमी हो गई है। इस कारण हमें पानी और पेड़ दोनों को बचाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर पेडो के संरक्षण के लिये बालेश भार्गव अध्यक्ष ने 10 ट्रीगार्ड व स्वामी यतीश्वरानन्द ने 10 ट्रीगार्ड, आर्दश पाल तोमर ने 02 ट्रीगार्ड श्री पवन चौहान ने 01 ट्रीगार्ड और विद्यालय के सभी अध्यापको ने एक-एक ट्रीगार्ड भेट किया। कार्यक्रम को अमित चौहान जिला पंचायत उपाध्यक्ष, धर्मेन्द चौहान, व दीपक जौशी जी एस०बी०आई० शाखा फेरूपूर ने भी सम्बोधित किया। इस मौके पर डा० दीपा शर्मा प्रवक्ता जन्तु विज्ञान/प्राचार्या डा० गार्गी सिंह, दिपा सैनी, इण्टर कॉलेज फेरूपुर डा० ओमपाल, ऋषिपाल रानीमाजरा, धन्नजय सैनी फेरूपुर, संजय कुमार पाल धनपुरा, नवीन कुमार कंकरखाता, सुन्दर कश्यप पदार्था राजपाल सिंह मुण्डाखेडा अजय कुमार, जट बहादरपुर इण्टर कॉलेज, डा निति वर्मा, प्रधानाचार्य इण्टरमीडिएट कॉलेज सुखजीत कौर, रजनी सिंह, उपमा गौड, सरोज, राजेश कुमार सैनी राजेश कुमार प्रमोद कुमार आदि सैकडो व्यक्ति उपस्थित रहे।

बुलडोजर अभियान का विरोध, नगर आयुक्त से मिला संयुक्त प्रतिनिधिमंडल, दिया ज्ञापन

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देहरादून, उत्तराखंड़ की राजधानी देहरादून में बुलडोजर अभियान से प्रभावित लोगों की समस्याओं को लेकर और नियमविरुद्ध कार्रवाई के विरोध में शनिवार को विभिन्न दलों और सामाजिक संगठनों के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने नगर निगम देहरादून के आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने प्रभावितों को समुचिति मुआवाजा देने, हाईकोर्ट में बस्ती के लोगों का पक्ष मजबूती से रखने, बुलडोजर अभियान को बंद करने, किसी भी गरीब का घर उजाड़ने से पहले पुनर्वास की व्यवस्था की मांग की। साथ ही एलिवेटेड रोड की योजना निरस्त करने की मांग की गई।

यह है प्रकरण :
गौरतलब है कि देहरादून में रिस्पना नदी किनारे रिवर फ्रंट योजना की तैयारी है। इसके तहत अवैध भवन चिह्नित किए गए हैं। ये भवन नगर निगम की जमीन के साथ ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की जमीन पर हैं। देहरादून में रिस्पना नदी के किनारे वर्ष 2016 के बाद 27 मलिन बस्तियों में बने 504 मकानों को नगर निगम, एमडीडीए और मसूरी नगर पालिका ने नोटिस जारी किए थे। इसके बाद नगर निगम ने सोमवार 27 मई 2024 से मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की थी।
वहीं 504 नोटिस में से मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने 403, देहरादून नगर निगम ने 89 और मसूरी नगर पालिका ने 14 नोटिस भेजे थे। इस अभियान के खिलाफ विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ ही सामाजिक संगठनों की ओर से धरने और प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं। वहीं, प्रशासन का बुलडोजर अब तक करीब पांच दर्जन मकानों पर चल चुका है। एक बस्ती में बुलडोजर को घर के समीप आता देखकर एक महिला की दहशत में मौत हो गई थी। तब से बुलडोजर अभियान रोका हुआ है।
नगर आयुक्त से की गई ये मांग
शनिवार को मलिन बस्तियों के सवाल पर नगर आयुक्त से मिले प्रतिनिधिमंडल में सीपीएम, आरयूपी, सीटू, चेतना आन्दोलन, भीम आर्मी के प्रतिनिधि शामिल थे। उनका कहना था कि राजनैतिक एवं सामाजिक संगठन गत दो महीनों से रिस्पना नदी किनारे बसे मज़दूर बस्तियों के सन्दर्भ में संबंधित विभागों में माध्यमों से सम्पर्क करते रहे हैं। एनजीटी के आदेशों के तहत कई परिवार बेघर हो चुके हैं। मांग की गई कि 24 जुलाई को हाईकोर्ट में इस संबंध में याचिका पर सुनवाई के दौरान गरीब लोगों का मजबूती से पक्ष रखा जाए।
ज्ञापन में कहा गया कि बिना व्यक्तिगत सुनवाई का मौका देकर किसी को बेदखल करना संविधान और कानून के भावनाओं के विरुद्ध है। बावजूद कुछ घरों को तोड़ा गया है, जो कि राज्य सरकार‌ के 2018 का कानून के अंतर्गत आते थे। इसमें राज्य सरकार का कानून उन्हें अक्टूबर 2024 तक अन्य बस्तियों की भांति सुरक्षा देता है। बावजूद बिजली तथा पानी के बिल को आधार मानकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। जो संविधान‌ की भावनाओं के विपरीत है, चंद परिवारों को बेघर करके नदी और पर्यावरण को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। आश्रय के सवाल पर सरकार नीतिगत फैसला ले चुकी है। इस पर 2016 के अधिनियम के अमल करने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही कहा गया कि बिल्डरों, होटलों और सरकारी विभागों की ओर से किए गए अतिक्रमण से पर्यावरण और उनकी ओर से हो रहा प्रदूषण नदी को ज़्यादा नुकसान पंहुचा रहा है। लोगों को बेघर करने से पहले इन पर कार्रवाई करने की जरूरत है |
ज्ञापन में कहा गया कि किसी भी परिवार को बेघर करने से खासतौर पर महिलाओं, बच्चों और बुज़ुर्गों पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। बिना पुनर्वास किसी को बेघर करना उच्चतम न्यायालय के फैसलों का भी के भी विरुद्ध है। इसी अभियान के दौरान एक 25 साल की महिला की जान चली गयी और अनेक बच्चे बेघर हो गए हैं। जनता की सुरक्षा सरकार की सबसे ज्यादा ज़िम्मेदारी है। किसी भी आदेश पर पालन करते समय मानवीय पहलुओं का भी ध्यान रखना चाहिए। कहा गया कि 2018 में बस्तियों की सुरक्षा के लिये बने कानून के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के इस सन्दर्भ में दिये गये दिशा निर्देश का भी पालन होना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी की भी बेदखली कानून के अनुरूप हो। बेदखली से पहले मुआवजे एवं पुनर्वास की गारन्टी सुनिश्चित की जानी चाहिए। एनजीटी को इस सन्दर्भ में भी प्रतिवेदन भेजा है |

ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में आरयूपी के अध्यक्ष नवनीत गुंसाई, सीआईटीयू के प्रदेश महामंत्री लेखराज, सीपीएम देहरादून के सचिव अनन्त आकाश, चेतना आन्दोलन के राजेन्द्र शाह, भीम आर्मी के अध्यक्ष आजम खान आदि शामिल थे।

 

टिहरी किताब कौथिग का भव्य शुभारंभ : साहित्य की पुस्तकों में पाठकों ने दिखाई रुचि, गीत-संगीत का भी लिया आनंद

 

नई टिहरी, नगरपालिका सभागार, बौराड़ी में दो दिवसीय किताब कौथिग शनिवार से शुरू हो गया। टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय, सामाजिक कार्यकर्ता विजय जरधारी, पद्मश्री बसंती बिष्ट, पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल और वरिष्ठ पत्रकार चारु तिवारी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम के संयोजक हेम पन्त और दयाल पांडे ने बताया कि नौ सफल आयोजनों के बाद पहली बार गढ़वाल मंडल में हो रहा है, जिसमें लगभग 60 प्रकाशकों की 50 हजार किताबें अवलोकन और बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। मेले में विज्ञान, विश्व साहित्य, धर्म आध्यात्म, लोकप्रिय साहित्य सहित विभिन्न विधाओं की उपलब्ध किताबों में लोगों ने बहुत रुचि दिखाई। किताबों के अलावा विज्ञान कोना और उत्तराखंड के कलाकारों के हस्तशिल्प स्टॉल भी आकर्षण का केंद्र बने रहे।
नागरिक मंच, व्यापार संघ, मैती मिलन परिवार की समस्त टीम और सभी स्कूलों के विद्यार्थियों ने आम जनता के साथ बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया। “खतरे में हिमालय” विषय पर विधायक किशोर उपाध्याय, डॉ. एस. पी. सती और सुरेश नौटियाल ने अपने विचार रखे।
द्वितीय सत्र में “टिहरी का अतीत और वर्तमान” विजय पर थाईकुर भवानी प्रताप पंवार, महिपाल नेगी और चारू तिवारी ने अपनी बात रखी। इसके बाद “हिंदी साहित्य में उत्तराखण्ड के रचनाकारों का योगदान” पर मनोहर चमोली ‘मनु’, डॉ. अंकिता बोरा और डॉ. सुशील कोटनाला ने भाग लिया। मुख्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने “सूचना का अधिकार” पर चर्चा की। पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल और पद्मश्री बसंती बिष्ट ने “उत्तराखण्ड के लोकसंगीत के मूलतत्त्व” पर प्रस्तुति दी।
सायंकालीन सत्र में प्रसिद्ध लोकगायक घुघुति जागर टीम, सुरगंगा और स्थानीय कलाकारों ने अपने गीतों पर नाचने के लिए मजबूर कर दिया।
किताब कौथिग में दिल्ली, लखनऊ,पंजाब, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़,रुद्रपुर, श्रीनगर, पौड़ी, हरिद्वार, देहरादून,उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग,चमोली आदि नगरों के साहित्यिकार,लेखक,कवि, रचनाकार, रंगकर्मी, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ताओं की सहभागिता से यह आयोजन नयी टिहरी में नवीन कीर्तिमान स्थापित करने में सफल हो रहा है।
इस अवसर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल, एएम पैन्यूली, सुरेश नौटियाल, प्रसिद्ध पर्वातारोही लवराज धर्म सक्तू, प्रकाश पाण्डेय, मदन मोहन चमोली, शांतनु शुक्ला, जयकृष्ण पैन्यूली, देवेंद्र उनियाल, प्रो. एसपी सती, कुमारी मोनिका, यशोदा नेगी, सुशील कोटनाला, दयाल पाण्डेय, महीपाल नेगी, गीता गैरोला, उमा भट्ट, प्रवीण भट्ट, दलवीर सिंह रावत, आनंद पैन्यूली आदि मौजूद थे।

 

ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति ने की राज्यपाल से मुलाकात

 

देहरादून, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से शनिवार को ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. संजय जसोला ने शिष्टाचार भेंट कर विश्वविद्यालय द्वारा उत्तराखंड के सभी निजी विश्वविद्यालयों को एक प्लेटफार्म पर लाने के लिए बनाए गए डैशबोर्ड के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया।
राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय को पूर्व में निजी विश्वविद्यालयों को एक प्लेटफार्म पर लाने के उद्देश्य से एक डैशबोर्ड तैयार करने का अनुरोध किया गया था। कुलपति ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि इस डैशबोर्ड में राज्य के सभी निजी विश्वविद्यालयों को शामिल किया जाएगा जिसमें विश्वविद्यालयों की उपलब्धियां, बेस्ट प्रैक्टिसेज, शैक्षणिक उत्कृष्टता, नवाचार एवं अनुसंधान, पेटेंट, एमओयू, प्लेसमेंट आदि की जानकारी उपलब्ध रहेगी। इसके माध्यम से एक विश्वविद्यालय दूसरे विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाई जा रही अभिनव पहल, नवाचार एवं अनुसंधान सहित अन्य विषयों पर समन्वय कर सकेंगे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि देश एवं प्रदेश के विकास में विश्वविद्यालयों की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के निजी विश्वविद्यालय शिक्षा के उन्नयन के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं और वे देश और दुनिया में अपनी पहचान बना रहे हैं। उन्होंने कहा की इस डैशबोर्ड को बनाए जाने का उद्देश्य सभी निजी विश्वविद्यालयों को एक प्लेटफार्म में लाकर एक-दूसरे से संवाद और समन्वय किया जाना है।
विश्वविद्यालयों के शोध एवं नवाचार का लाभ प्रदेश के साथ-साथ देश को मिले और वे एक-दूसरे से अनुभवों का लाभ लें। उन्होंने कहा कि देहरादून अपने आप में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रदेश की उपलब्धियां और प्रगति सराहनीय हैं। राज्यपाल ने इस डैशबोर्ड को तैयार करने वाले विश्वविद्यालय के छात्र अभिनव प्रजापति को भी शाबासी दी और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

 

 

खनन से भरे वाहनों की आवाजाही से ग्रामीणों को निजात दिलाएगा मोर्चा : नेगी

विकासनगर(दे.दून), खनन से भरे वाहनों की आवाजाही के कारण ढकरानी कॉलोनी को जाने वाला संपर्क मार्ग जर्जर स्थिति में पहुंच गया है। इसे लेकर ग्रामीणों ने जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष और गढ़वाल मंडल विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के समक्ष गुहार लगाई थी, जिस पर मोर्चा अध्यक्ष ने उप जिलाधिकारी से वार्ता कर मौके पर जिला खान अधिकारी व तहसील प्रशासन को भेजने का अनुरोध किया था।
इसी क्रम में ढकरानी गांव में मोर्चा अध्यक्ष की मध्यस्थता में तहसीलदार, जिला खान अधिकारी व ग्रामीणों के बीच वार्ता हुई एवं मौके की स्थिति भी परखी। ग्रामीणों ने कहा कि उनकी समस्या को देखते हुए खनन से भरे वाहनों को आबादी के बीचों-बीच न चलने दिया अथवा वन-वे किया जाना चाहिए। खनन से भरे वाहनों के कारण उनका जीना मुहाल हो गया है। उन्होंने कहा कि स्थिति यह है कि कई लोग घर बेचकर जाने को मजबूर हैं। मोर्चा अध्यक्ष नेगी ने जिला खान अधिकारी व तहसील प्रशासन को बीच का रास्ता निकालने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। यदि खनन विभाग ने कोई रास्ता नहीं निकाला, तो जन संघर्ष मोर्चा ग्रामीण की समस्या को देखते हुए शासन व न्यायालय से इनके स्टोनक्रेशर निरस्त करवाएगा। उन्होंने कहा कि खनन भी जरूरी है, लेकिन ग्रामीणों को भी किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए।
इस मौके पर सायरा बानो, सुमन लता, निशा खातून, लता थापा, नजराना सफी, बीना शर्मा, अशोक अग्रवाल, नानक सिंह, खलील अहमद, अकरम, शीला देवी, कमला देवी, व मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पिन्नी आदि मौजूद थे।

कावड़ मेला ड्यूटी पर जा रही महिला दरोगा को बस ने कुचला, मौके पर मौत

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देहरादून, सिटी कंट्रोल रूम के माध्यम से शनिवार को सूचना प्राप्त हुई कि अजबपुर फ्लाईओवर पर स्कूटी सवार पुलिसकर्मियों का एक्सीडेंट हो गया है। सूचना पर थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस मौके पर पहुंची। मौके पर घटना के संबंध में जानकारी करने पर जानकारी मिली कि बड़कोट उत्तरकाशी थाने में तैनात महिला एएसआई कांता थापा तथा देहरादून के कैण्ट थाने में नियुक्त महिला कांस्टेबल शकुंतला, जिनकी कावड़ मेला ड्यूटी हरिद्वार लगी थी।
दोनों महिला कर्मचारी शकुंतला की स्कूटी से ड्यूटी हेतु हरिद्वार जा रहे थे, इस दौरान अजबपुर फ्लाईओवर पर पीछे से आ रही प्राइवेट वोल्वो बस नंबर यूके07 पीए 6999 के चालक ने बस को तेजी व लापरवाही से चलाते हुए उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी। जिससे स्कूटी सवार दोनो महिला पुलिस कर्मी सड़क पर गिर गए तथा एएसआई कांता थापा का सिर बस के पिछले टायर की चपेट में आ गया, जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।

दुर्घटना में महिला कांस्टेबल शकुंतला को भी चोटे आई है। जिन्हें उपचार हेतु कनिष्क अस्पताल भिजवाया गया। मृतका कांता थापा के शव को पोस्टमार्टम हेतु कोरोनेसन अस्पताल भिजवा गया है। घायल महिला कांस्टेबल शकुंतला का कनिष्क अस्पताल में उपचार चल रहा है। डॉक्टरों द्वारा उनके दाहिने हाथ में फैक्चर होने की संभावना व्यक्त की गई है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा कनिष्क अस्पताल में जाकर महिला आरक्षी का उपचार कर रहे डाक्टरों से वार्ता कर उनसे उसके स्वास्थ के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी। साथ ही उसे बेहतर से बेहतर उपचार उपलब्ध कराये जाने हेतु उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिये गये। इस दौरान एसएसपी देहरादून द्वारा घायल महिला आरक्षी से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी तथा उन्हें व उनके परिजनों को बेहतर उपचार के लिये हर सम्भव सहायता प्रदान किये जाने का भरोसा दिलाया।

 

कथियान- डांगुठा मार्ग पर अनियंत्रित होकर बोलेरो खाई में गिरी, दो लोगों की मौत

विकासनगर(दे.दून), त्यूणी में कथियान- डांगुठा मोटर मार्ग पर एक बोलरो वाहन अनियंत्रित होकर खाई में गिर गया। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। मृतकों के पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया।
बोलरो वाहन कथियान से ऐठान की ओर जा रहा था। वाहन में चालक सहित दो लोग सवार थे। ऐठान गांव से कुछ दूरी पर चालक ने वाहन से नियंत्रण खो दिया। वाहन में खाई में जा गिरा। स्थानीय ग्रामीण दोनों व्यक्तियों को बाहर निकालने के लिए खाई में उतरे। लेकिन, दोनों की मौत हो चुकी थी।

राजस्व उपनिरीक्षक भीमदत्त जोशी ने बताया कि मृतकों की पहचान त्यूणी तहसील क्षेत्र के ऐठान गांव निवासी जयेंद्र सिंह पुत्र चंदराम (48) और हुकम सिंह (46) पुत्र प्रताप सिंह के रूप में हुई है। राजस्व पुलिस ने मृतक का पंचनामा भरने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र त्यूणी भेजा, पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया।

 

पीड़ित ग्राम प्रधान से मिलने 24 को जायेगा प्रतिनिधिमंडल , पुलिस प्रशासन से भी करेंगे बात

-खटीमा तथा बाजपुर में करेंगे जनजाति समुदाय के साथ बैठक
-न्याय के लिए होगा नियमित आंदोलन

 

देहरादून, उत्तराखंड़ एसटी, एससी, ओबीसी त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने 24 जुलाई को पीड़ित अनुसूचित जनजाति की ग्राम प्रधान विनिता राणा से मिलने के लिए एक चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मंडल भेजने का निर्णय लिया है। प्रतिनिधिमंडल को पुलिस तथा प्रशासन का सहयोग प्राप्त हो इसके लिए मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को आज ईमेल के द्वारा पत्र भेज दिया गया है।
संगठन ने कहा कि वह ग्राम प्रधान से मिलने के बाद घटना तथा आज तक की कार्रवाई पर धरातलीय रिपोर्ट लेकर आएगी। उसके बाद उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे भारत मे आंदोलन को तेज किया जाएगा।
10 जुलाई को विकासखंड चंपावत की ग्राम पंचायत गुदमी में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की सूचना पर आपदा प्रभावितों को राशन आदि आवश्यक सामग्री दिए जाने की सूचना पर ग्राम प्रधान सूचना देने तथा सामान वितरण करने के लिए जैसे ही जा रही थी कि पूर्व से घात लगाकर इंतजार कर रहे सैकड़ो महिला तथा पुरुषों के झुंड ने ग्राम प्रधान को घेर लिया।
ग्राम प्रधान की जाति को गाली देते हुए थूकने काम भी किया।
ग्राम प्रधान को भीड़तंत्र ने ऐसे घेर लिया कि जैसे उसकी जान ले लेगी।जब ग्राम प्रधान भीड़तंत्र से अपनी जान को बचाते हुए सुरक्षित स्थान को जाती रही थी तो पूर्व से बनी जूते की माला ग्राम प्रधान के गले में डाल दी गई।
उसे घटना के वायरल होने तथा कोतवाली में ग्राम प्रधान द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की।
उस तिथि से आज तक पीड़ित ग्राम प्रधान को कोई न्याय नहीं मिला है। संगठन के प्रदेश संयोजक तथा पिथौरागढ़ के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि घटना की जांच सही से नहीं की जा रही है। गंभीर धाराओं को नहीं लगाया जा रहा है। अभी तक ग्राम प्रधान को पुलिस सुरक्षा नहीं दी गई है।
तहसीलदार तथा ग्राम पंचायत विकास अधिकारी द्वारा सरकारी तथा आपदा के कार्यो में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से आरोपियों को बचाने तथा मुकदमें को कमजोर करने में लगी है।
उन्होंने कहा कि पीड़ित ग्राम प्रधान से मिलने के बाद प्रतिनिधिमंडल आज तक की कार्रवाई पर उपजिलाधिकारी कार्यालय में एसडीएम की उपस्थिति में संवधित कोतवाल, पुलिस क्षेत्राधिकारी, तहसीलदार तथा ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के साथ उनका पक्ष जानने के लिए वार्ता करेगी।
इस तिथि को बनबसा में स्थानीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए खटीमा में थारु जनजाति तथा बाजपुर में बुक्सा जनजाति समुदाय के साथ बैठक भी करेंगे। इन बैठकों में जनजाति की महिला ग्राम प्रधान को न्याय दिलवाने के लिए आंदोलन चलाने पर विचार विमर्श किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार कितनी भी ताकत लगा ले वह इस न्याय के संघर्ष को रोकने में सफल नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के काफिले पर प्लास्टिक का जूता फैंका गया। सांसद को थप्पड़ मारने जैसी ताजी घटनाओं के बाद एक निर्वाचित जन प्रतिनिधि के गले में जूतों की माला डालने की महा शर्मसार करने वाली घटना से उत्तराखंड सरकार सबक नहीं ले पा रही है।
सरकार आरोपियों को बचाने की जगह सख्त कार्रवाई करे।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर निर्वाचित पंचायत सदस्यों को अपनी पीड़ित ग्राम प्रधान से मिलने नहीं दिया गया तो इसके गंभीर परिणाम सरकार को भुगतने होंगे।

पासपोर्ट सत्यापन के लिए घूस का मांगने के आरोपी सब इंस्पेक्टर और हेड कांस्टेबल गिरफ्तार

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हल्द्वानी, पासपोर्ट बनाने के दौरान सत्यापन की रिर्पोट लगाने के लिये अभी भी घूसखोरी चल रही है, लेकिन इसबार सत्यापन के मामले में विजिलेंस ने दो पुलिस कार्मिकों को पकड़ लिया।हल्द्वानी सेक्टर की
विजिलेंस टीम ने 2000 रुपए की घूस लेते एलआईयू रामनगर के सब इंस्पेक्टर सौरभ राठी और हेड कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
विजिलेंस के एसएसपी धीरेंद्र गुंज्याल के मुताबिक शिकायतकर्ता ने पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था। इस क्रम में एलआईयू रामनगर को उनके पते आदि का सत्यापन करना था। आरोप है कि सत्यापन के नाम पर आवेदक से 2500 रुपए मांगे गए। शिकायतकर्ता पैसे देने को तैयार नहीं था और वह घूसखोर कार्मिकों पर कार्रवाई चाहता था। लिहाजा, भ्रष्टाचार निरोधी हेल्पलाइन नंबर पर प्राप्त शिकायत के क्रम में ट्रैप टीम का गठन किया गया।
शनिवार को शिकायतकर्ता जब घूस देने के लिए जब रामनगर स्थित एलआईयू कार्यालय पहुंचा तो ट्रैप टीम ने भी जाल बिछा लिया। शिकायतकर्ता ने घूस के 2000 रुपए सब इंस्पेक्टर राठी की तरफ बढ़ाए उसने यह राशि हेड कांस्टेबल गुरप्रीत को पकड़ाने का इशारा किया। जिस पर राशि हेड कांस्टेबल को थमा दी गई। तभी विजिलेंस की टीम पहुंच गई और सब इंस्पेक्टर के साथ ही हेड कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया गया।

बेटे ने की चाकू से गोद कर मां की हत्या, संपत्ति विवाद बना हत्या का कारण

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कोटद्वार, कलयुगी बेटे ने चाकू से मां की हत्या कर दी, घटना कोटद्वार खुमरा बस्ती आमपड़ाव की है जहां एक सौतेले बेटे ने अपनी मां की चाकू से गोदकर हत्या कर दी है। घटना के बाद आरोपी बेटा फरार हो गया है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों से घटना की जानकारी ली। आरोपी की तलाश की जा रही है। हत्या की वजह संपत्ति का विवाद बताया जा रहा है।
एसआई मेराजूद्दीन ने बताया कि खुमरा बस्ती आमपड़ाव निवासी शाहिदा (45) पत्नी स्व. खलील पर शुक्रवार दिन में उसके सौतेले बेटे अशरफ ने चाकू से हमला कर दिया। महिला की चीखने की आवाज सुनकर बगल के कमरे से महिला की बहू मौके पर पहुंची। सास को गंभीर घायल देखकर उसने शोर मचा दिया। जिस पर वहां पास पड़ोस के लोगों की भीड़ जमा हो गई। इस दौरान मौका पाकर आरोपी फरार हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस गंभीर रूप से घायल महिला को उपचार के लिए बेस अस्पताल लाई, जहां उसने दम तोड़ दिया।
परिजनों ने पुलिस को बताया कि मृतका के पति की दो शादियां थी। पहली शादी से आठ बच्चे हैं, जबकि दूसरी शादी से तीन बच्चे हैं। दूसरी पत्नी शाहिदा अपने बच्चों के साथ खुमरा बस्ती में रहती है। जबकि आरोपी अशरफ ई रिक्शा चलाता है। उसके तीन बच्चे हैं। पड़ोस के लोगों ने पुलिस को बताया कि चाकू से हमला करने से पूर्व दोनों के बीच काफी झगड़ा हुआ था। पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई है।
पुलिस ने बताया कि मृतका के पेट और पीठ पर गंभीर घाव के निशान हैं। साथ ही उसकी एक अंगुली भी कटी हुई है। इस दौरान अस्पताल में लोगों की भीड़ जुट गई। पुलिस ने मृतका के परिजनों और पास-पड़ोस के लोगों से घटना की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। दोनों के बीच किस बात को लेकर झगड़ा हुआ, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। परिजनों की तहरीर के आधार पर आरोपी बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उसकी तलाश जारी है।

सुपरिचित संगीतज्ञ बीथोवेन के जीवन व संगीत पर अध्येता निकोलस ने दिया व्याख्यान

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देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के सभागार शनिवार को बीथोवेन के जीवन और उसकी संगीत यात्रा पर आधारित एक महत्वपूर्ण वीडियो व्याख्यान दिया गया। फ़िल्म और संगीत के जानकार और अध्येता निकोलस की ओर से यह व्याख्यान दिया गया।
उल्लेखनीय है कि दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र द्वारा समय-समय पर पुस्तक वाचन और चर्चा, संगीत, वृत्तचित्र फिल्म, लोक परंपराओं और लोक कलाओं, इतिहास, सामाजिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर केंद्रित कार्यक्रम किये जाते रहते हैं। इसी क्रम में आज”और फिर वह बीथोवेन भी था ” शीर्षक से एक संगीत आधारित व्याख्यान आयोजित किया गया।
निकोलस ने इस महान संगीतज्ञ जीवन और उसकी संगीत यात्रा के विविध पक्षों पर प्रारम्भिक जानकारी देते हुए विविध बिंदुओं पर को क्रमबद्ध जानकारी दर्शकों के समक्ष रखी।
लुडविग वान बीथोवेन एक जर्मन संगीतकार और पियानोवादक थे, जिन्हें पश्चिमी संगीत के इतिहास में निर्णायक व्यक्ति के तौर पर जाना जाता है। बीथोवेन का जन्म दिसंबर 1770 में हुआ था. बीथोवेन 1792 में वियना चले गए, जहाँ उन्होंने हेडन जैसे प्रभावशाली संगीतकारों से मुलाकात की और गंभीरता से संगीत के कार्यक्रम से जुड़ गए | बाद में उनकी सुनने की क्षमता में कमी आ गयी थी.बीथोवेन ने 1802 में अपना पियानो सोनाटा नंबर 14,तैयार किया।
‘मध्य काल’ में उन्होंने वाल्डस्टीन और अपासियोनाटा सोनाटा जैसे पियानो कार्यों के साथ-साथ अपने एकमात्र ओपेरा, फिदेलियो की भी रचना की, जिसे अनगिनत बार फिर से लिखा गया और संशोधित किया गया। खराब स्वास्थ्य और बढ़ते बहरेपन के कारण बीथोवन के जीवन के अंत में गिरावट आई, लेकिन फिर भी वे 1825 में अपने ‘लेट क्वार्टेट्स’ जैसे महत्वपूर्ण कार्यों का निर्माण करने में सफल रहे, जो उस समय के लिए बेहद आविष्कारशील थे। बीथोवन का निधन 26 मार्च 1827 को वियना में हुआ |
इस अवसर पर विजयलक्ष्मी, सी.बी.रासायली, देवी बिजू नेगी, चंद्रशेखर तिवारी, राजेश कुमार, सुशीला भंडारी, सुरेंद्र सजवाण , श्री मनमोहन चढ्ढा, विजय शंकर सुकल, सुंदर बिष्ट, विनोद सकलानी , अम्मार नक़वी, राघव पाण्डेय, कुमार राकेश सहित संगीत प्रेमी, बुद्धिजीवी व युवा पाठक उपस्थित रहे।

भाजपा सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिये महानगर युवा कांग्रेस ने किया यज्ञ का आयोजन

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देहरादून, प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय देहरादून युवा कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष मोहित मेहता (मोनी) के नेतृत्व में भाजपा सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिये यज्ञ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
देहरादून युवा कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष मोहित मेहता (मोनी) ने दिल्ली में बनाए जा रहे केदारनाथ मंदिर के प्रतीकात्मक स्वरूप के शिलान्यास का विरोध किया, उन्होंने कहा कि दिल्ली में बनाए जा रहे केदारनाथ मंदिर के स्वरूप को लेकर जनता को गुमराह किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि भाजपा इसके लिए जनता से सार्वजनिक माफी मांगें।
युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर ने कहा कि केदारनाथ मंदिर से शीला ले जाकर दिल्ली में फाउंडेशन स्टोन रखा गया जो कि हमारे धर्म, आध्यात्मिक मान्यताओं को व्यावसायिक मार्ग पर ले जाने का प्रयास है, भाजपा के पास अब भी उत्तराखंड की आस्था को बचाने के लिए वक्त बचा है. पुणे, दिल्ली ले जाई गई शिला को वापस लाना चाहिए।
प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन भण्डारी ने कहा कि कोई भी मंदिर बनाएं, लेकिन केदारनाथ की प्रतिकृति नहीं बननी चाहिए. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी किसी की भावनाओं को आहत नहीं कर सकते हैं और हम उस संस्था से भी निवेदन कर रहे हैं कि यह हमारी आस्था का प्रश्न है. इसलिए दिल्ली में केदारनाथ की प्रतिकृति नहीं बनाई जाए।
प्रदेश उपाध्यक्ष (महानगर युवा कांग्रेस प्रभारी) नवीन रमोला ने कहा कि उत्तराखंड केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत जो लगभग 228 किलो सोना चोरी हो गया. वह सोना कहां गया? पता नहीं चला, उसके बावजूद मुख्यमंत्री शिला लेकर दिल्ली कैसे चले गए | ऐसे में क्या पुरातत्व विभाग भाजपा सरकार पर कार्रवाई कब करेगा | उन्होंने कहा कि पूरे देश में केवल चार धाम है. पांचवा धाम नहीं हो सकता है. लेकिन भाजपा सरकार धाम को व्यापार का केंद्र बना रही है |
कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस  के वरिष्ठ नेतृत्व करन माहरा (अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी), श्री प्रीतम सिंह जी ( पूर्व अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी) श्री गणेश गोदियाल जी ( पूर्व अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी) प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी, प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, महेन्द्र नेगी गुरूजी, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, की उपस्थिति में सुमित्तर भुल्लर ( प्रदेश अध्यक्ष युवा कांग्रेस),  विनीत प्रसाद भट्ट, मोहन भंडारी, नवीन रमोला ( प्रदेश उपाध्यक्ष यूथ कांग्रेस) ज्योति रौतेला, गरिमा दसौनी आशा शर्मा, राकेश नेगी, रितेश छेत्री, नवनीत सती , गिरीश पप्पनै ,पियूष जोशी, मीडिया प्रभारी देवेश उनियाल प्रियांश छाबड़ा, सूरवीर चैहान, आरुण बिष्ट,विधानसभा अध्यक्ष मोहम्मद वसीम,शुभम चैहान ,सागर सेमवाल, विधानसभा उपाध्यक्ष अंकित थापा, अभिषेक बिष्ट, रिहान, नितिन रावत, सुलेमान अली,संग्राम सिंह पुंडीर, मोहन काला, उदित थपलियाल, करन नेगी,हरजोत सिंह,मयंक रावत, परिनय भंडारी, अरशद, अभिषेक, तुषार, अंशू, आशु आदि मौजुद रहे।

नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द विजुअली हैंडीकैप्ड, ब्लाइंड क्रिकेट एसोसिएशन, देहरादून के साथ यूकॉस्ट परिसर में एक क्रिकेट मैच का आयोजन

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देहरादून, उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द विजुअली हैंडीकैप्ड (एन०आई०वी०एच०), ब्लाइंड क्रिकेट एसोसिएशन, देहरादून के साथ यूकॉस्ट परिसर में एक क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया।
यह मैच यूकॉस्ट टीम और एन०आई०वी०एच० टीम के बीच खेला गया, जिसमें दृष्टिहीन (बी1, बी2 और बी3 श्रेणियों) एवम यूकॉस्ट के दृष्टिसंपन्न खिलाड़ी शामिल थे। इस मैच के जरिए एकता और सहयोग का एक अद्भुत उदाहरण देखने को मिला। इस मैच मे विज्ञान के सुन्दर आविष्कार के रुप मे विशेष गेंद का इस्तेमाल किया गया था, जो छनछन की आवाज निकालती है जिसका आभास दृष्टिबाधित खिलाड़ी अपने कानों से करते हैं.

इस मैच के दौरान महानिदेशक, यूकॉस्ट, प्रो० दुर्गेश पंत ने अपने प्रेरणादायक शब्दों से खिलाड़ियों को प्रोत्साहित और प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि पहली बार दृष्टिबाधित व दृष्टिसंपन्न क्रिकेट खिलाड़ियों के बीच मे मैच हुआ यह समावेशी समाज का एक बेहतर उदाहरण है.

एन०आई०वी०एच० टीम ने असाधारण कौशल और टीमवर्क का प्रदर्शन करते हुए 100 रन से अद्वितीय विजय प्राप्त की ।एन०आई०वी०एच० टीम के कोच नरेश सिंह नयाल द्वारा खिलाड़ियों को मार्गदर्शन और प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई।

कार्यक्रम के एक प्रमुख आकर्षण के रूप में, विजेता टीम को उनकी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उपहार प्रस्तुत किए गए। “मैन ऑफ़ द मैच” का पुरस्कार दीपक रावत को दिया गया। यह मैच सभी के लिए एक यादगार दिन रहा, जो खेल की शक्ति को एकजुट करने और प्रेरित करने के रूप में मनाया गया।

धार्मिक परम्पराओं को ठेस पहुंचाने वाली स्थिति अब नही होगी उत्तपन्न – चौधरी

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” रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी ने उत्तराखंड सरकार द्वारा कैबिनेट में राज्य के चार धाम व अन्य प्रमुख मन्दिरों के नाम से ट्रस्ट या समिति गठित किए जाने के विरूद्ध कठोर विधिक प्राविधान करने के निर्णय पर खुशी जताते हुये इसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार का राज्य एवं जनहित में ऐतिहासिक निर्णय बताया। चौधरी ने कहा कि देवभूमि के देवतुल्य स्वरूप को बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री धामी का योगदान हमेशा याद किया जाएगा। ” ।

(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण को लेकर उपजे विवाद के बाद उत्तराखण्ड सरकार द्वारा चार धाम व अन्य प्रमुख मन्दिरों के नाम से ट्रस्ट या समिति गठित किए जाने को लेकर विरूद्ध कठोर विधिक प्राविधान करने का निर्णय लिया गया हैं, राज्य कैविनेट में लिये गये फैसले की जानकारी देते हुये रुद्रप्रयाग से भाजपा विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब धार्मिक भावनाओं व परंम्पराओं को ठेस पहुँचाने वाली स्थितियों पर नियत्रंण लगेगा व धार्मिक स्थलों को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। उन्होने कहा कि सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय के लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लोग सदैव याद करेंगे।
शनिवार को रुद्रप्रयाग स्थित विधायक कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा कैबिनेट में राज्य के चार धाम व अन्य प्रमुख मन्दिरों के नाम से ट्रस्ट या समिति गठित किए जाने के विरूद्ध कठोर विधिक प्राविधान करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य एवं जनहित में ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। उन्होने कहा कि वर्तमान समय में राज्य में कतिपय व्यक्ति/संस्थाओं द्वारा उत्तराखंड राज्य में अवस्थित चार धाम केदारनाथ धाम, बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री धाम, यमुनोत्री धाम व अन्य प्रमुख मन्दिरों के नाम का या इनके संचालन के लिए गठित ट्रस्ट/ समिति के नाम से मिलते-जुलते नाम का प्रयोग कर ट्रस्ट/समिति आदि बनाई जा रही है जिससे विवाद की स्थितियां पैदा हो रही है एवँ स्थानीय परम्पराओं एवं धार्मिक मान्यताओं को भी ठेस पहुंच रही है। इसे देखते हुए राज्य सरकार द्वारा कड़े विधिक प्राविधान लागू किए जाने का निर्णय कैबिनेट की बैठक मे लिये गये हैं। उन्होंने सरकार द्वारा कावंड़ यात्रा के दौरान यात्रा रूट पर सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर संचालकों का नाम अंकित करने के निर्णय को भी ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रकिया सभी यात्रा रूटों के साथ सम्पूर्ण प्रदेश में सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के नियम लागू होना चाहिए।
उन्होने कहा कि सरकार द्वारा लिये यह निर्णय राज्य एवं राज्य वासियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होने वाले हैं। उन्होने कहा कि देवभूमि के देवतुल्य स्वरूप को बनाए रखने में लिये गये ऐतिहासिक निर्णयों के लिये मुख्यमंत्री धामी को हमेशा याद किया जाएगा।

मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग द्वारा और प्रभावी प्रयास किये जाएं: सीएम

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– मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 20वीं बैठक
देहरादून(आरएनएस)। मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग द्वारा और प्रभावी प्रयास किये जाएं। इसके निवारण के लिए सुनियोजित नीति बनाते हुए इस पर गंभीरता से कार्य किया जाए। मानव-वन्यजीव संघर्ष में मृतकों के परिजनों और घायलों को यथाशीघ्र अनुमन्य सहायता उपलब्ध करवाई जाए। जंगलों से लगते जो स्थान बायो फेंसिंग से वंचित रह गए हैं, उन स्थानों को अतिशीघ्र बायो फेंसिंग से आच्छादित किया जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ये निर्देश शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 20वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम हेतु चिन्हित हॉट स्पॉट क्षेत्रों में वन कर्मियों की गश्त बढ़ाई जाए एवं वन कर्मियों को पर्याप्त मात्रा में उपकरण कैमरा ट्रैप, एनाईडर, ट्रैक्यूलाइज गन आदि दी जाए। साथ ही आधुनिक उपकरण जैसे ड्रोन के माध्यम से भी जंगली जानवरों पर नज़र रखी जाए। जिन प्रभागों में मानव वन्यजीव संघर्ष के ज्यादा मामले आ रहे हैं उन स्थानों पर विशेष नजर रखी जाए।
मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में प्रस्तावित जू एंड सफारी के मास्टर प्लान पर जल्द डीपीआर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने राजाजी टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत चौरासी कुटिया का अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकास एवं उच्चीकरण अति शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राज्य में वन्य जीव आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न नेशनल पार्कों के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए वाइल्डलाइफ आधारित डॉक्यूमेंट्री, फिल्म बनाने के भी निर्देश दिए। साथ ही विभिन्न स्थानों पर बर्ड वाचिंग कैंप का आयोजन भी किये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में प्रस्तावित विकास योजनाओं को नियमों के दायरे में रहकर जल्द पूरा किया जाए, ताकि आमजन को सहूलियत मिल सके।
बैठक में जानकारी दी गई कि जमरानी बाँध बहुउद्देशीय परियोजना के लिए नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाईफ से स्वीकृति मिल चुकी है। जनपद-पौड़ी गढ़वाल के विकासखण्ड यमकेश्वर में किमसार-भोगपुर मोटर रोड के लिए नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाईफ से स्वीकृति प्राप्त हो गई है। जिसका निर्माण जल्द किया जाएगा। 9 सालों से लंबित राजाजी टाइगर रिजर्व हेतु टाइगर कंजरवेशन फॉउण्डेशन का गठन कर लिया गया है। राज्य में वन्यजीव प्रबन्धन के समस्त बिन्दुओं को सम्मिलित करते हुये फॉरेस्ट लैण्डस्केप रीस्टोरेशन के 10 वर्षीय प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है। जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 32 करोड़ की धनराशि भारत सरकार से स्वीकृत हो गई है। प्रदेश में मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में आधुनिक उपकरणों के क्रय हेतु वन प्रभागों को 10 करोड़ 50 लाख रूपये की धनराशि आवंटित की गई है।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2009 के पश्चात राज्य में वन विश्राम भवनों की दरों को पुनरीक्षित किया गया है। केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा हल्द्वानी जू एण्ड सफारी, हल्द्वानी के मास्टर प्लान को स्वीकृति प्रदान की गयी। प्रदेश में बंदर बंध्याकरण का कार्य मिशन मोड में किया जा रहा है, जिसमें जुलाई 2023 से 31 मार्च 2024 तक 39,398 बंदरों का बंध्याकरण किया चुका है। मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए 05 वन प्रभागों (गढ़वाल, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर एवं नरेन्द्रनगर) के अन्तर्गत “लिविंग विद लैपर्ड“ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की त्वरित रोकथाम के लिये 31 वन प्रभागों के अन्तर्गत 65 त्वरित प्रतिक्रिया दल का गठन किया गया है।
बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक बंशीधर भगत, दीवान सिंह बिष्ट, सुरेश सिंह चौहान, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक, वन्यजीव डॉ. समीर सिन्हा, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, एडीजी ए.पी अंशुमन एवं बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।