Monday, April 28, 2025
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कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव का शेयरों की खरीद-बिक्री पर क्या होगा असर?

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मुंबई । आम बजट 2024 में कैपिटल गेन पर टैक्स में कई अहम बदलाव किए गए हैं। इसका असर सीधे तौर पर निवेशकों को होने वाले मुनाफे पर पड़ेगा। बजट में दिए गए प्रस्ताव के अनुसार, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है, जो कि पहले 15 प्रतिशत था। यानी अब कोई भी निवेशक 12 महीने से पहले किसी भी लिस्टेड
बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया है। अब निवेशकों को 12 महीने से ज्यादा समय तक होल्ड किए गए शेयरों को बेचने पर हुए मुनाफे पर 12.5 प्रतिशत टैक्स देना होगा। सरकार ने टैक्स में मामूली इजाफा करने के साथ निवेशकों को राहत भी दी है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में मिलने वाली टैक्स छूट को अब बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दिया गया है, जो कि पहले 1 लाख रुपये थी।
फ्यूचर और ऑप्शन पर लगने वाली सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) को बढ़ाकर 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत कर दिया गया है। डेरिवेटिव सेगमेंट में ऑप्शन को सेल पर विक्रेता की ओर से 0.0625 प्रतिशत एसटीटी अदा किया जाएगा। वहीं, इस पर 0.125 प्रतिशत एसटीटी ऑप्शन खरीदार की ओर से दिया जाएगा। फाइनेंस बिल के मुताबिक, नई दरें एक अक्टूबर से लागू होंगी। वहीं, स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है, जो पहले 50,000 रुपये थी।

मलिन बस्तियों के चिन्हीकरण की रिपोर्ट 15 दिनों में शासन को भेजेंगे सभी जिलाधिकारी : मुख्य सचिव

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्य सचिव   राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को मलिन बस्तियों का चिन्हीकरण कर 15 दिन में रिपोर्ट शासन को प्रेषित करने की डेडलाइन दी है। इसके साथ सीएस ने  जिलाधिकारियों से नगर निगमों के तहत कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों की आवासीय व्यवस्था की रिपोर्ट भी तलब की है। मुख्य सचिव ने निर्माण स्थलों पर कार्य करने वाले प्रवासी श्रमिकों की आवासीय व्यवस्था की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
सचिवालय में शहरी विकास की राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में मुख्य सचिव   राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को ‘‘स्लम फ्री उत्तराखण्ड’’ विजन के साथ कार्य करने की नसीहत दी है। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आगामी 15 दिनों से पहले जनपदों में अवस्थित मलिन बस्तियों के श्रेणीवार चिन्हांकन कर उनकी सूची शासन को प्राथमिकता के आधार पर भेज दी जाए। इसके बाद राज्य में अवस्थित मलिन बस्तियों में निवासरत परिवारों के जीवन स्तर में सुधार, मलिन बस्तियों के विनियमितीकरण, पुनरूद्धार पुनर्वास की कार्ययोजना पर कार्य किया जाएगा। मुख्य सचिव ने मलिन बस्तियों के सुधार हेतु विभिन्न राज्यों के मॉडल पर किए गए अध्ययन की अद्यतन प्रगति रिपोर्ट भी तलब की।
मुख्य सचिव   राधा रतूड़ी ने विशेषरूप से जनपद टिहरी, रूद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी उधमसिंहनगर और चम्पावत के जिलाधिकारियों से और समय न लेते हुए यथाशीघ्र  मलिन बस्तियों की वांछित सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं, जिससे एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करते हुए प्रभावितों को प्रधानमंत्री आवास योजना या राज्य में प्रचलित अन्य उपयोगी एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करते हुए मलिन बस्तियों के निवासियों का पुनर्वासन एवं पुनर्व्यस्थापन किया जा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव  रमेश कुमार सुधांशु, सचिव  आर मीनाक्षी सुन्दरम,  नितेश कुमार झा सहित अन्य अधिकारी एवं वर्चुअल माध्यम से आयुक्त गढ़वाल और कुमाऊ व सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

 

पर्यावरण सूचकांक अभियान में शामिल सदस्यों ने डा. जोशी के साथ साझा किए यात्रा के अपने अनुभव

देहरादून, पर्यावरण सूचकांक समाज और सरकार के सामने रखने और सरकार से उसे लागू कराने की पैरवी के मुख्य सूत्रधार पद्मभूषण डा. अनिल प्रकाश जोशी को इस ऐतिहासिक सफलता के लिए जीईपी अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं ने शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया और मिठाई बांटी। जीईपी को लेकर वर्ष 2012 में पद्मभूषण डा. अनिल जोशी के नेतृत्व में न्यू जलपाईगुड़ी पश्चिम बंगाल से देहरादून तक सात राज्यों में 45 दिन तक की गई यात्रा में शामिल द्वारिका प्रसाद सेमवाल, पत्रकार रेनू सकलानी, जाड़ी संस्थान के अध्यक्ष सतेन्द्र पंवार, रंजना कुकरेती, विनोद खाती, दया राम नोटियाल ने डा. जोशी को बधाई दी। साथ ही यात्रा के दौरान के अनुभव भी सांझा किए।
यात्रा में शामिल रहे गढ़भोज, बीज बम एवं कल के लिए जल अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि जब  पर्यावरण का एक और सूचक पर्यावरण सूचकांक (GEP) का  विचार डा. अनिल प्रकाश जोशी जी ने सरकार और समाज के सामने रखा गया, तब जीईपी शब्द और विचार एक दम नया था, न ही किसी सरकारी या गैर सरकारी लोगों को इस बारे में पता था। यात्रा के दौरान जब इस मुद्दे को जनता के सामने रखा गया तो लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया। समझा की विकास सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि पर्यावरण का भी होना चाहिए और इसका हिसाब किताब भी होना चाहिए। इसके समर्थन में आगे आए यात्रा को सपोर्ट किया। मेरा सौभाग्य है कि मैंने भी इस ऐतिहासिक कार्य में गिलहरी योगदान दिया, इसके लिए मैं हमेशा अपने गुरु डा. जोशी का आभारी रहूंगा।
दुनिया में पहली बार जीईपी के विचार को मान्यता के इस ऐतिहासिक अवसर को हम मिलकर आने वाले समय में बड़े उत्सव के रूप में मनाएंगे। जीईपी के लिए किए गए संघर्ष और उसकी सफलता को उत्सव के रूप में मनाने के लिए छह अप्रैल को जीईपी दिवस के रूप में जाड़ी संस्थान अन्य संगठनों के साथ मिलकर मनाएगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह को पत्र भेजा गया है। जीईपी के सूत्रधार डा. अनिल प्रकाश जोशी से भी बात की गई है। शुरुआती दौर की बातचीत उत्तराखंड के साथ हिमाचल के साथियों के साथ की जा चुकी है। इस ऐतिहासिक कार्य के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को भी बहुत बहुत धन्यवाद।
यात्रा में शामिल रही पत्रकार रेनू सकलानी ने कहा की यह पल हमारे लिए गौरव का है। जीईपी को लेकर की गई यात्रा ने मेरे जीवन को नई दिशा दी और पर्यावरण के प्रति नई समझ विकसित की। मुझे इस महान ऐतिहासिक कार्य का हिस्सा बनाने के लिए मैं डा. अनिल जोशी का आभारी रहूंगी। इस मौके पर डा. अनिल जोशी ने कहा कि आपका ध्येय अगर पवित्र है तो अपने काम को करते रहें। आज लोगों को जीईपी को समझने की जरूरत है।
इस अवसर पर पत्रकार रेनू सकलानी, विकास पंत आदि मौजूद रहे।

मेडिकल कॉलेज के डीप फ्रीजर में रखे शवों से आने लगी दुर्गंध, शिनाख्त करने आए लोगों ने किया हंगामा

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हल्द्वानी, मेडिकल कॉलेज में लापरवाही से पोस्टमार्टम हाउस के डीप फ्रीजर में रखे शवों से दुर्गंध आने लगी है। मामला तब खुला जब शिनाख्त के लिए पहुंचे मृतकों के परिजनों को जब दुर्गंध आई और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया था। बमुश्किल उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया गया।
जिसके बाद मामला मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी तक पहुंचा। वहीं सुशीला तिवारी हॉस्पिटल के वित्त नियंत्रक सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि जांच के बाद जो व्यक्ति दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाती उन्हें सुरक्षित रखने के लिए पोस्टमार्टम हाउस के डीप फ्रीजर में रखा जाता है। 72 घंटे बाद भी यदि शिनाख्त नहीं होती तो शव का पोस्टमार्टम कराया जाता है। इधर, बरसात के सीजन में लगातार कई घंटे बिजली गुल रहती है। बावजूद इसके पोस्टमार्टम हाउस के जनरेटर का उपयोग नहीं किया जा रहा, जिससे डीप फ्रीजर में रखे शवों से दुर्गंध आने लगी। शव की शिनाख्त के लिए पहुंचे तो शवों से उठ रही तेज दुर्गंध से परेशान हो गए। जिसके बाद उन्होंने पोस्टमार्टम हाउस में हंगामा शुरू कर दिया। वहां चिकित्सकों व स्टाफ के लोगों ने बमुश्किल उन्हें समझा बुझाकर शांत कराया।
वहीं मामले में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के ऑफिस इंचार्ज प्रताप सिंह बोरा ने जनरेटर चलाने वाले कर्मचारी को फोन किया। बोरा ने बताया कि कर्मचारी ने पहले तो डीजल नहीं होने का बहाना बनाया, फिर वह अभ्रदता में उतर आया.।इसके बाद प्राचार्य से शिकायत की गई, तब जाकर जनरेटर चलाया गया। इधर अब इस मामले को लेकर प्रशासन द्वारा पड़ताल की गई तो कड़ी-फटकार लगाई गई है और नियमित रूप से जनरेटर चलाने को कहा गया है। सुशीला तिवारी हॉस्पिटल के वित्त नियंत्रक सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि मामला गंभीर है और जो भी व्यक्ति इसमें दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जमीनी विवाद मामले में मारे गये बीर बहादुर थापा के शव का नहीं हुआ अंतिम संस्कार

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-बीर बहादुर थापा की पत्नी ने बिना अभियुक्तों की गिरफ्तारी के अस्पताल से पार्थिव शरीर लेने से किया मना

-बीर बहादुर थापा की पत्नी ने सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग

-गौरव सैनानी एसोसिएशन उत्तराखंड ने की सरकार से जांच की मांग

देहरादून, जनपद के चंद्रबनी चोयला क्षेत्र में कल सुबह 5 बजे से जमीनी विवाद में मुजफ्फरनगर के कुछ अभियुक्तों द्वारा जानलेवा हमले में मारे गए बीर बहादुर थापा का पार्थिव शरीर अभी तक भी वेडमेड अस्पताल में ही है और परिवार पार्थिव शरीर को नहीं लेना चाहता है, जिससे पुलिस का घर पर आज बुधवार को पूरे दिन जमावड़ा लगा रहा और लगातार परिवार को मनाने की कोशिश नाकाम रही।
परिवार और बीर बहादुर की पत्नी राधा थापा का कहना है कि जब हमने अक्टूबर 2023 से पटेल नगर थाने में इन अभियुक्तों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर रखी है और मेरे पति ने पहले भी बार बार अपने परिवार की जान का खतरा बताया था और जमीन का मामला भी कोर्ट में लम्बित है जिस पर यथास्थिति बनाए रखने को कहा गया लेकिन मुजफ्फरनगर के कुछ बदमाश समय-समय पर जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं और हमारे साथ मारपीट कर रहे हैं लेकिन पुलिस ने कभी भी हमारे परिवार का साथ नहीं दिया और अभियुक्तों को पनाह दी, यहां तक कि हमारे पास में किसी मकान मालिक ने उन्हें रहने को मकान देकर अपराधियों को संरक्षण दिया, लेकिन पुलिस ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की।
राधा थापा ने साफ शब्दों में कहा कल थाना पटेल नगर ने एक तरफा कहानी बनाकर आज के समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर है कि एस आई टी द्वारा जांच हो गई है और जमीन अभियुक्त पक्ष की सही पायी गई है जो कि आज तक तक कोई एस आई टी की टीम हमारे पास आई और न कोई जांच हुई पता नहीं कहां कैसे जांच हुई हम इसके खिलाफ रिपोर्ट करेंगे। परिवार व समर्थकों ने स्थानीय पार्षद व विधायक के कल से न पहुंचने पर विरोध प्रदर्शन किया बाद में फोन करने पर पार्षद आये और विरोध का सामना करना पड़ा हालांकि बाद में विधायक भी मौके पर पहुंचे और यथासंभव मदद का वादा किया और अभियुक्तों को पकड़ने के लिए पुलिस प्रशासन को बताया।आज पूरे दिन बीर बहादुर के घर पर पूर्व सैनिकों व क्षेत्रीय जनता का जमावड़ा लगा रहा कई सामाजिक संगठन यहां पर पहुंचे।
परिवार ने विधायक व पुलिस प्रशासन को निकट भविष्य में अभियुक्तों से परिवार पर खतरे की आशंका जताई है और प्रशासन से मदद मांगी है।
राधा थापा ने कहा है कि मेरे पति को बुरी तरह मारा गया और उनकी जान चली गई मेरे बच्चे अनाथ हो गए। मैं अपने पति की लाश तब तक अस्पताल से नहीं लूंगी जब तक सभी अपराधी गिरफ्तार न हो जिसके कारण आज भी बीर बहादुर थापा का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया ।
शासन प्रशासन कितना संज्ञान लेता है इसकी खबर कल ही पता लगेगी। अभी भी घर पर लोगों का जमावड़ा लगा है। मामले पर शासन प्रशासन द्वारा समय पर संज्ञान न लेने से मामला काफी बढ़ रहा है लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है।

उत्तराखंड पेंशनर्स समन्वय समिति ने की अपर मुख्य सचिव से मुलाकात

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देहरादून, कम्यूटेड पेंशन वसूली की अवधि 15 से घटाकर 10.8 साल किए जाने की मांग को लेकर उत्तराखंड पैशनर्स समन्वय समिति के मुख्य संयोजक सुमन सिंह वल्दिया तथा सदस्य सुशील त्यागी ने बुधवार को सचिवालय में अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्धन से मुलाकात की। समिति द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय में ब्याज दरे 12% से घटकर 8% होने के बावजूद भी अभी तक कम्युटेड पैंशन की वसूली 12% ब्याज के साथ हो रही है। शिष्टमंड़ल ने यह भी स्पष्ट किया कि कम्युटेड राशि पर अधिकतम ब्याज दर यदि 8% भी आंकलित की जाए तो राशिकृत धनराशि की कटौती 10.8 वर्ष पूरी हो जाती है। इसलिए उत्तराखंड में काॅम्यूटेशन पॉलिसी में संशोधन औचित्य पूर्ण है।
उन्होंने कहा पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा भी इस संबंध में अंतरिम आदेश जारी किए गए हैं तथा पांचवें छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार केरल, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान, गुजरात आदि राज्यों की सरकारों ने भी कटौती की अवधि पहले से कम कर दी है।
अपर मुख्य सचिव ने शिष्टमण्डल को मांगों के संबंध में सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

कांवड़ियों का तांडव, ई रिक्शा चालक की पिटाई, जमकर की तोड़फोड़

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हरिद्वार, जनपद के रुड़की में कांवड़ियों का तांडव देखने को मिला है। जहां कावड़ियों ने एक ई रिक्शा चालक की जमकर पिटाई कर दी। इतना ही नहीं ई रिक्शा में भी जमकर तोड़फोड़ की। इस दौरान पुलिसकर्मी भी कांवड़ियों को समझाते रहे, लेकिन उन्होंने पुलिसकर्मियों की एक न सुनी और लगातार ई रिक्शा में तोड़फोड़ करते रहे। वहीं, घायल ई रिक्शा चालक को अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है।
जानकारी के मुताबिक, घटना मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के लिब्बरहेड़ी नहर पटरी की है। बताया जा रहा है कि एक ई रिक्शा चालक अपनी रिक्शा लेकर आ रहा था। इसी दौरान ई रिक्शा किसी कांवड़िए से टकरा गई। टक्कर लगने से कांवड़िए को हल्की चोटें आई। जिसके बाद कांवड़ियों ने पहले ई रिक्शा चालक के साथ जमकर मारपीट की, फिर ई रिक्शा पर लाठी-डंडे बरसा कर तोड़फोड़ कर दी। इस दौरान मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई, सूचना पर पहुंचे पुलिसकर्मियों के सामने भी कांवड़ियों ने तोड़फोड़ जारी रखी। हालांकि, लाचार पुलिसकर्मियों ने कांवड़ियों को रोकने का काफी प्रयास किया, लेकिन उन्होंने पुलिस की एक न सुनी। आलम ये रहा कि गुस्साए कांवड़िए रोकने से भी नहीं रुके। उधर, घायल कांवड़िए और घायल ई रिक्शा चालक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वहीं दूसरी घटना बहादराबाद थाना क्षेत्र के बढ़ेडी राजपूतान की है। जहां एक ट्रक हरिद्वार से रुड़की की ओर जा रहा था। जैसे ही ट्रक बढ़ेडी राजपूतान पहुंचा तो उसकी कांवड़ियों के वाहन से हल्की टक्कर लग गई। जिससे आक्रोशित कांवड़ियों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि गुस्साए कांवड़ियों ने ट्रक ड्राइवर के साथ मारपीट कर तोड़फोड़ शुरू कर दी। इतना ही नहीं कांवडियों ने रोड पर जमकर बवाल भी काटा। मौके पर पहुंची पुलिस गाड़ी को देखकर कांवड़िए मौके से भाग निकले।

एक फ्लैट दो लोगों को बेचा, मां बेटे पर मुकदमा

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देहरादून(आरएनएस)।  एक फ्लैट दो लोगों को बेच दिया गया। मामले में फ्लैट मालिक मां बेटे के खिलाफ रायपुर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। रायपुर थानाध्यक्ष प्रदीप नेगी ने बताया कि डा. लक्ष्मण सिंह कैरा निवासी विजय कॉलोनी न्यू कैंट की रोड की तहरीर पर कविता सिन्हा और उसके बेटे अभिनव अरुण सिन्हा निवासी ब्लॉक डी, अमन विहार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़ित का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2021 में आरोपी मां बेटे से चीड़ोवाली में एक फ्लैट 20.21 लाख रुपये में खरीदा था। जिसका उन्होंने नगर निगम में म्यूटेशन कराया हुआ है। फ्लैट में किरायेदार रखा हुआ है। आरोप है कि कविता सिन्हा और अभिनव अरुण सिन्हा ने उनके फ्लैट की रजिस्ट्री की बॉबी त्यागी नाम के व्यक्ति को भी कर दी। आरोप है कि किरायेदार भगाकर ताला तोड़कर उनके फ्लैट पर बॉबी त्यागी को कब्जा दे दिया गया। जबकि, वर्तमान में फ्लैट का बिजली बिल और हाउस टैक्स पीड़ित चुका रहे हैं। एसओ प्रदीप नेगी ने बताया कि आरोपी मां बेटे खिलाफ एक फ्लैट दो लोगों को बेचने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

मुख्यमंत्री पहुँचे केदारनाथ धाम, बाबा के दर्शन कर लिया निर्माण कार्यों का जायजा

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रुद्रप्रयाग- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को केदारनाथ धाम पहुँचकर बाबा के दर्शन किये। इस दौरान उन्होने बाबा केदारनाथ का रुद्राभिषेक एवं विशेष पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली एवं विश्व कल्याण की कामना की। इसके बाद उन्होंने केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का की समीक्षा की।

अपने एक दिवसीय दौरे पर बाबा केदारनाथ धाम के दर्शनों को पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पांडे, आईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल, जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार एवं पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा अशोक भदाणे ने वीआईपी हैलीपैड पर स्वागत किया। ड्यूटी पर मौजूद सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का अभिनंदन करने के बाद मुख्यमंत्री तीर्थ पुरोहित समाज एवं मुख्य पुजारी से मिले। इसके बाद मुख्यमंत्री ने बाबा केदारनाथ मंदिर में प्रवेश कर विशेष पूजा अर्चना एवं रुद्राभिषेक कर संपूर्ण विश्व एवं मानव कल्याण की कामना की। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड के सतत विकास के लिए भी बाबा केदार से आशीर्वाद मांगा। करीब 20 मिनट पूजा के पाश्चात्य मुख्यमंत्री ने धाम में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों का अभिवादन कर श्रावण मास की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग का आशीर्वाद प्राप्त किया वहीं तीर्थ पुरोहितों के साथ धाम में चल रहे निर्माण एवं अन्य विकास कार्यों के संबंध में चर्चा कर विकास कार्यों के सुझाव मांगे। उन्होंने केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्माण एवं पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने एवं गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए समयबद्धता के साथ सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर मुख्य कार्याधिकारी बीकेटीसी योगेन्द्र सिंह, प्रभारी कार्यकारी अधिकारी आरसी तिवारी, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, अनूप सेमवाल, केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, विनोद शुक्ला, किशन बगवाड़ी, उमेश पोस्ती, केशव तिवारी, दिनेश बगवाड़ी सहित अन्य अधिकारी- कर्मचारी एवं तीर्थ पुरोहित मौजूद रहे।

भरसार विश्वविद्यालय को शीघ्र मिलेगी एम्बुलेंस व चिकित्सक : डॉ. धन सिंह रावत

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– कहा, उपनल कार्मिकों की समस्याओं के समाधान के लिये बनाये ठोस नीति
– अधिकारियों को दिये प्रेक्षागृह सहित अन्य निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश

 देहरादून(आरएनएस)।  पौड़ी जनपद में स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार की समस्याओं का शीघ्र समाधान निकाला जायेगा। इसके लिये विश्वविद्यालय व शासन के अधिकारियों को आपस में बैठ कर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं। विश्वविद्यालय को शीघ्र ही एक एम्बुलेंस व चिकित्सक उपलब्ध करा दिया जायेगा। इसके अलावा उपनल कार्मिकों का वेतन सहित अन्य समस्याओं के लिये भी ठोस नीति बनाने को कहा गया है। साथ ही विश्वविद्यालय में चल रहे निर्माण कार्यों में तेजी लाने के साथ ही छात्र-छात्राओं को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश भी बैठक में दिये हैं।
सूबे के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास पर श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र में स्थित उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार की विभिन्न समस्याओं को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन व शासन के अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा के मध्यनज़र घेरबाड़ के लिये चैनलिंग फैंसिंग का प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराया जाय। साथ ही विश्वविद्यालय के परिसार में चल रहे प्रेक्षागृह व अन्य निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाय। आवासशीय परिसर में रह रहे छात्र-छात्राओं के लिये पुस्तकालय सहित खेल सामग्री आदि सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को शीघ्र एम्बुलेंस व चिकित्सक सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। ताकि वहां रह रहे छात्र-छात्राओं के साथ ही कार्मिकों व उनके परिजनों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेगी। इसके अलावा उन्होंने विश्वविद्यालय में कार्यरत उपनल कार्मिकों को समय पर वेतन न मिलने सहित उनकी अन्य समस्याओं का शीघ्र समाधान करने के निर्देश विश्वविद्यालय प्रशासन व शासन के अधिकारियों को दिये। डा. रावत ने क्षेत्र के काश्तकारों को कृषि एवं औद्यानिकी पर आधारित प्रशिक्षण देने के लिये ठोस कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिये।
बैठक में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वद्यिलय के कुलपति प्रो0 परमिन्दर कौशल, अपर सचिव कृषि एवं कृषि शिक्षा आनंद स्वरूप, प्रभारी निदेशक शोध डॉ. अमोल वशिष्ठ सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

उत्तराखण्ड तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पदाधिकारियों ने की मुख्यमंत्री  धामी से भेंट

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  • -कैबिनेट द्वारा राज्य के चारधाम और अन्य प्रमुख मंदिरों के नाम ट्रस्ट या समिति गठित किये जाने के विरूद्ध कठोर विधिक प्राविधान किये जाने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री का जताया आभार
    -चार धाम के महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व और मेलों के लिए राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये जाने का किया अनुरोध
    -चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए गठित की जाने वाली संस्था के गठन से पूर्व चार धाम के तीर्थ पुरोहित्तों, मंदिर समितियों आदि को विश्वास में लिये जाने का मुख्यमंत्री से किया अनुरोध

देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में उत्तराखण्ड तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पदाधिकारियों ने भेंट कर मुख्यमंत्री को उनके 03 साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर बधाई दी। उन्होंने चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए गठित किये जाने वाले प्राधिकरण या किसी अन्य संस्था के गठन के सबंध में लिये गये निर्णय तथा कैबिनेट द्वारा राज्य के चारधाम और अन्य प्रमुख मंदिरों के नाम ट्रस्ट या समिति गठित किये जाने के विरूद्ध कठोर विधिक प्राविधान किये जाने के निर्णय के लिए भी मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे देशभर में चारधामों के जो करोड़ों श्रद्धालु हैं उनमें किसी तरह के भ्रम की स्थिति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह राज्य सरकार का अच्छा निर्णय है और देवस्थानम बोर्ड का निर्णय वापस लिये जाने के बाद तीर्थ पुरोहितों के हित में लिया गया निर्णय है जिसका सभी तीर्थ पुरोहित, पुजारी, रावल और सभी लोग स्वागत करते हैं।
उत्तराखण्ड तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से चार धाम के महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व और मेलों के लिए राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया ताकि स्थानीय स्तर पर इन आयोजनों को दिव्य और भव्य ढंग से आयोजित किया जा सके। उन्होंने चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए गठित की जाने वाली प्रस्तावित प्राधिकरण या किसी अन्य संस्था के गठन से पूर्व चार धाम के तीर्थ पुरोहित्तों, मंदिर समितियों, तीर्थ पुरोहित महा सभाओं के साथ ही हित धारकों को विश्वास में लिये जाने की भी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। चार धाम यात्रा से संबंधित वीडियो, अपुष्ट और भ्रामक प्रचार प्रसार करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किये जाने तथा यात्रा काल में पंजीकरण व्यवस्था के चलते कोई तीर्थ यात्री चार धाम आने से वंचित न रह जाये। इसके लिये जनहित में पंजीकरण व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त किये जाने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कैबिनेट द्वारा राज्य के चार धाम व अन्य प्रमुख मंदिरों के नाम से ट्रस्ट या समिति गठित किये जाने के विरुद्ध कठोर विधिक प्राविधान किये जाने से जन सामान्य में असमंजस की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। साथ ही स्थानीय परम्पराओं एवं धार्मिक मान्यताओं को भी ठेस नहीं पहुंचेगी तथा स्थानीय स्तर पर आक्रोश की भी संभावना नहीं रहेगी। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा कड़े विधिक प्राविधान लागू किये जाने का निर्णय कैबिनेट द्वारा राज्य हित में लिया गया है। अब राज्य के अन्दर अथवा राज्य के बाहर कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था किसी समिति अथवा ट्रस्ट का गठन कर राज्य के चार धामों एवं प्रमुख मंदिरों के नाम पर समिति अथवा ट्रस्ट का गठन नहीं कर पायेगा। इससे इस संबंध में उत्पन्न विवाद का भी समाधान होगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा को बेहतर बनाने तथा आने वाले 30 वर्षों की यात्रा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए प्राधिकरण या किसी अन्य संस्था के गठन की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि इसमें तीर्थ पुरोहितों और हित धारकों की राय भी ली जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों के अनुरोध पर  प्रत्येक धाम में आयोजित होने वाले दो धार्मिक आयोजनों एवं पर्वो के लिए राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की भी बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के तहत श्रद्धालुओं के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन व्यवस्था को और बेहतर बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। यात्रा के दूसरे चरण में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही व्यवस्थाएं खुली रखी जाएगी। चार धाम आने वाले किसी भी यात्री को असुविधा न हो इसके हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, चारधाम महापंचायत के महासचिव डॉ बृजेश सती, किशोर भट्ट, यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, चारधाम महापंचायत के मीडिया प्रभारी रजनीकांत सेमवाल,  उपाध्यक्ष अमित उनियाल, गंगोत्री धाम के आलोक सेमवाल, लखन उनियाल, सुरेश हटवाल, रमेश कोठियाल, चिंतामणि हटवाल, गौरव, हार्दिक ,शिवम, सुशील एवं डॉ मनीष सेमवाल आदि उपस्थित रहे।