Tuesday, April 29, 2025
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अगस्त में इतने दिन बंद रहेंगे बैंक, जल्दी निपटा लें अपने जरूरी काम; देखें छुट्टियों की पूरी लिस्ट

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नई दिल्ली । जुलाई का महीना अब बस खत्म होने की कगार पर और कुछ ही दिनों के बाद अगस्त में हम दाखिल हो जाएंगे। अगस्त के महीने में सरकारी छुट्टी से लेकर त्योहारी छुट्टियां तक पडऩे वाली है। ऐसे में अगर आप अपना कोई जरूरी काम निपटाने के लिए अगस्त में बैंक जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो सबसे पहले अपने घर पर टंगे कैलेंडर में छुट्टियों को मार्क कर लीजिए। क्योंकि अगस्त में कई दिन बैंक रहने वाले हैं। अगस्त में कुल 14 दिन बैंक रहेंगे। देख लीजिए छुट्टियों की लिस्ट-
3 अगस्त – केर पूजा – अगरतला में छुट्टी रहेगी
4 अगस्त – रविवार – पूरे देश में छुट्टी रहेगी
7 अगस्त – हरियाली तीज – हरियाणा में छुट्टी रहेगी
8 अगस्त – तेंदोंग लो रम फैट – गंगटोक में छुट्टी रहेगी
10 अगस्त -दूसरा शनिवार -पूरे देश में छुट्टी रहेगी
11 अगस्त – रविवार – पूरे देश में छुट्टी रहेगी
13 अगस्त – पेट्रियट डे – इंफाल में छुट्टी रहेगी
15 अगस्त – स्वतंत्रता दिवस-  पूरे देश में छुट्टी रहेगी
18 अगस्त – रविवार – पूरे देश में छुट्टी रहेगी
19 अगस्त – रक्षाबंधन – अहमदाबाद, जयपुर, कानपुर, लखनऊ समेत कई जगह छुट्टी रहेगी
20 अगस्त – श्री नारायण गुरु जयंती – कोच्चि और तिरुवनंतपुरम में छुट्टी रहेगी
24 अगस्त – चौथा शनिवार
25 अगस्त – रविवार
26 अगस्त – जन्माष्टमी – पूरे देश में छुट्टी रहेगी
हालांकि बैंकों में छुट्टी होने के बाद आप एटीएम और नेट बैंकिंग का उपयोग कर सकते हैं। ये सुविधा 24 घंटे अवेलेबल है। अगर आपको किसी को पैसे ट्रांसफर करना चाहते हैं या पैसे निकालना चाहते हैं तो इसके लिए आप एटीएम और नेट बैंकिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कुण्ड मे पुल मरमत्त होने तक वाहनों की आवाजाही ठप्प, केवल दोपहिया वाहन ही जा सकेगें पुल से।

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रुद्रप्रयाग- केदारनाथ के बैस कैंप गौरीकुण्ड को जोड़ने वाले कुण्ड पुल पर चौपहिया वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित की गयी है। मरमत्त कार्य होने तक पुल से केवल दोपहिया वाहन ही आ जा सकेगें। केदारनाथ जाने वाले यात्रीयों को मरमत्त कार्य पूर्ण होने तक बैकल्पिक मार्गों से जाना होगा।

बता दें कि पिछले दिनों केदार घाटी में भारी वारिस के कारण मंदाकिनी का जल स्तर बढने से एन एच 107 पर कुण्ड में बने मोटर पुल को नुकसान पहुँचा। पुल के आधार पर एक हिस्से को काफी छति पहुँची। इन दिनों केदारनाथ की यात्रा भी जारी है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि कुंड पुल की मरम्मत होने तक केवल दुपहिया वाहन ही पुल से संचालित होंगे।उन्होने बताया कि पुल की मरम्मत होने तक वाहनों के आवागमन के लिए बैकल्पिक मार्ग चुन्नी बैण्ड-कालीमठ गेट- गुप्तकाशी तथा गिवाणी गांव- मयाली – गुप्तकाशी वाले मोटर मार्ग का उपयोग किया किया जा सकता है।

आनंदना- कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन और इंडो-डच हॉर्टिकल्चर ने उत्तराखंड में प्रोजेक्ट उन्नति एप्पल की सफलता का उत्सव मनाया

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से लिया भाग

~ किसानों के अथक प्रयासों को मान्यता देने के लिए उन्हें सम्मानित किया गया~
~ बागवानी किसानों को खेती में सुधार, पैदावार बढ़ाने और आय के अवसरों का विस्तार करने में मदद की गई ~

चंपावत, उत्तराखंड,  सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के एक महत्वपूर्ण समारोह में, आनंदना – कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन ने इंडो-डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज के साथ साझेदारी में उत्तराखंड के चंपावत में प्रोजेक्ट उन्नति एप्पल के माध्यम से किसानों के अथक प्रयासों को मान्यता दी। इस कार्यक्रम में 10 किसानों को सस्टेनेबल एग्रीकल्चर तकनीकों को अपनाने के उनके समर्पण के लिए सम्मानित किया गया, और स्थानीय कृषि पर इन प्रथाओं के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला गया।
उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री, श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया और श्री राजीव गुप्ता, निदेशक, कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन, श्री सुरेश जोशी, प्रवक्ता भाजपा, श्रीमती ज्योति राय, अध्यक्ष, जिला परिषद चंपावत, श्री प्रकाश तिवारी, मुख्यमंत्री प्रतिनिधि, श्री निर्मल मेहरा, अध्यक्ष, भाजपा चंपावत, श्री नवनीत पांडे, जिला मजिस्ट्रेट, श्रीमती रेखा देवी, ब्लॉक प्रमुख, चंपावत और श्री सुधीर चड्ढा, निदेशक, इंडो-डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज जैसे गणमान्य व्यक्ति समारोह में व्यक्तिगत रूप से शामिल हुए।
उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “मैं आनंदना-कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन और इंडो-डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज की उनके प्रोजेक्ट उन्नति एप्पल हेतु चंपावत को अपनाने के लिए सराहना करता हूं। इस पहल की सफलता का श्रेय यहां के लोगों के प्रयासों को जाता है और मैं इसे संभव बनाने के लिए उन सभी को बधाई देता हूं। यह असाधारण है कि सेब के बागों में सिर्फ 20 महीनों में ही फल लग गए हैं। इस तरह की पहल न केवल किसानों के विकास में योगदान देती है बल्कि राज्य में पलायन की समस्या को दूर करने में भी मदद कर सकती है। मैं कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन से आग्रह करता हूं कि वे आदर्श चंपावत और आदर्श उत्तराखंड के सपने को साकार करने के लिए अन्य फलों के उत्पादन में विविधता लाते हुए सेब उत्पादन में योगदान देना जारी रखें।”
चंपावत में प्रोजेक्ट उन्नति एप्पल के शुभारंभ पर, किसानों को खेती के लिए 250 से अधिक पेड़ पौधे प्रदान किए गए। 20 महीनों के बाद, प्रत्येक पेड़ 5 किलोग्राम से अधिक फल पैदा करता है, जो परियोजना की उल्लेखनीय सफलता को दर्शाता है। इस उपलब्धि ने क्षेत्र में अन्य फलों की खेती के लिए नए अवसर खोले हैं। चंपावत को एक प्रभावशाली कृषि केंद्र में बदलने
की दृष्टि से, स्थानीय प्राधिकरण, कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन और इंडो-डच बागवानी प्रौद्योगिकी किसानों को व्यापक समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन के निदेशक श्री राजीव गुप्ता ने कहा, “प्रोजेक्ट उन्नति एप्पल की सफलता स्थायी प्रथाओं के माध्यम से कृषक समुदायों को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। यह परियोजना हमारी बड़ी फ्रूट सर्कुलर इकोनॉमी इनिशिएटिव का हिस्सा है, और इस का उद्देश्य खराब प्रौद्योगिकी और कम उत्पादकता जैसी चुनौतियों के हल निकाल कर किसानों का उत्थान करना है। उन्नत बागवानी समाधान प्रदान करके, हम न केवल किसानों की आजीविका को बढ़ा रहे हैं और भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में योगदान दे रहे हैं, बल्कि बेहतर फसल उत्पादन के माध्यम से आर्थिक समृद्धि भी ला रहे हैं।”
इंडो-डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज के निदेशक सुधीर चड्ढा ने कहा, “प्रोजेक्ट उन्नति एप्पल ने उत्तराखंड में सेब की खेती में क्रांति ला दी है, जिससे किसान नवीन कृषि पद्धतियों के माध्यम से ‘आत्मनिर्भर’ बन गए हैं। यह सफल पहल, हमारी कंपनी और कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन का एक संयुक्त प्रयास है, जिसने राज्य में सेब की उत्पादकता और उपज को बढ़ाया है और सतत विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।”
2018 में शुरू की गई परियोजना उन्नति एप्पल – आनंदना, कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन ने इंडो-डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (आईडीएचटी) के साथ (कार्यान्वयन भागीदार के रूप में) मिलकर किसानों की आजीविका को बेहतर बनाने के लिए उन्हें उन्नत कृषि तकनीकें प्रदान करके और उन तकनीकों में शिक्षित करके काम किया। किसान समुदायों की भलाई सुनिश्चित करने, पैदावार में सुधार करने और प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, आनंदना ने क्षेत्र में सेब की खेती और किसानों की आय बढ़ाने में बड़ी सफलता पायी है।

विजय थपलियाल श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के नए सीईओ

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देहरादून, कृषि उत्पादन मण्डी समिति देहरादून के सचिव विजय प्रसाद थपलियाल को तीन वर्ष की प्रतिनियुक्ति पर श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का मुख्य कार्याधिकारी नियुक्त किया गया है। धर्मस्व-तीर्थाटन प्रबंधन सचिव हरिचंद सेमवाल द्वारा आज इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गये हैं।
आदेश में कहा गया है कि प्रतिनियुक्ति इस प्रतिबन्ध के साथ प्रदान की जा रही है कि विजय प्रसाद थपलियाल द्वारा अपने पैतृक विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करते हुए तत्काल शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा।

आपदा के समय आपसी समन्वय बनाकर तत्परता से काम करें अधिकारी- रुहेला

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“जनपद भ्रमण पर पहुंचे उपाध्यक्ष उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन विनय रूहेला ने विकास भवन सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन के संबंध में समीक्षा बैठक ली”।

रुद्रप्रयाग- दो दिवसीय जनपद भ्रमण पर पहुंचे उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन श्री विनय रूहेला ने दूसरे दिन विकास भवन वीसी रूम में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर जनपद में आपदा प्रबंधन के लिए किए जा रहे कार्यों एवं राहत एवं बचाव के संबंध में समीक्षा की।
जनपद आगमन पर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
बैठक मे अधिकारियों को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि मानसून के दृष्टिगत जनपद एक संवेदनशील क्षेत्र है तथा यहां प्राकृतिक आपदाएं घटित होती रहती हैं इसके लिए सभी अधिकारी गंभीरता एवं संवेदनशीलता एवं मनोभाव से कार्य करने की आवश्यकता है। जिससे कि कम से कम समय में राहत एवं बचाव कार्य करते हुए होने वाली क्षति को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर जनपदों की स्थिति की समीक्षा हेतु मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार श्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशों के क्रम में सभी जनपदों का भ्रमण कार्यक्रम किया जा रहा है तथा आपदा के दृष्टिगत जनपदों में की जा रही तैयारियों एवं व्यवस्थाओं के संबंध में समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि जनपद में आपदा की दृष्टि से किस क्षेत्र में किस तरह की समस्याएं हैं तथा उन समस्याओं के समाधान के लिए शासन स्तर पर उनका आंकलन करते हुए उसका तत्परता से समाधान कराया जा सके। उन्होंने जनपद में संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी लेते हुए कहा कि संवेदनशील एवं भू-स्खलन क्षेत्रों की जानकारी लेते हुए कहा कि एनएच, लोनिवि एवं पीएमजीएसवाई उनके अधीन सड़क मार्गों का ठीक प्रकार से रख रखाव रखें एवं सड़क बाधित होने पर तत्काल बाधित यात्रा मार्ग को यातायात हेतु सुचारू किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि केदारनाथ यात्रा के दृष्टिगत जनपद का महत्वपूर्ण स्थान है तथा यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा एवं सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए तथा संवेदनशील क्षेत्रों में यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत सुरक्षा बलों की तैनाती सुनिश्चित कराई जाए।
उन्होंने जनपद में विद्युत व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए अधिशासी अभियंता विद्युत को निर्देश दिए हैं कि जो भी विद्युत लाइनें व तार झूल रहे हैं तथा जो विद्युत पोल आपदा से क्षतिग्रस्त होते हैं उन्हें त्वरित गति से दुरूस्त करते हुए विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने पेयजल समस्या के लिए भी जल निगम एवं जल संस्थान को पेयजल ग्रस्त क्षेत्रों एवं आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाली पेयजल लाइनों का भी प्राथमिकता से दुरूस्त किया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरूस्त रखने एवं गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए तथा इस संबंध में होर्डिंग्स के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए तथा व्हट्स एप ग्रुप के माध्यम से भी व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दि। उन्होंने खाद्यान्न की समीक्षा करते हुए संवेदनशील क्षेत्रों में तीन माह का राशन उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए तथा सभी आवश्यक प्रबंधन के भी निर्देश दिए गए। उन्होंने छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिगत जो विद्यालय भवन जीर्ण-शीर्ण हैं एवं जिन स्थानों में सुरक्षात्मक कार्य कराए जाने हैं उसके लिए तत्परता से आंकलन तैयार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
एक ओर जहां एसडीआरएफ के अंतर्गत कराए जा रहे बचाव कार्यों को लेकर जिला प्रशासन की सराहना की वहीं सड़क, विद्युत, पेयजल, खाद्य आपूर्ति, विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा से प्रभावित अपने-अपने विभाग की परिसंपत्तियों को युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए दुरुस्त रखें।
उपाध्यक्ष उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन ने जिला स्तरीय अधिकारियों को कहा कि सभी जिला स्तरीय अधिकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जनहित से जुड़े कार्यों व योजनाओं को उसपर अपडेट करते रहें। उन्होने कहा कि इस प्रक्रिया के माध्यम से एक ओर जहां आम जनमानस व सरकारी मशीनरी के बीच सामंजस्य स्थापित करने में मदद मिलेगी वहीं लोगों की शिकायतों को टेकअप करने व उनके निस्तारण में मदद मिलेगी। चालू मानसून सीजन के दौरान किसी भी आपदा से निपटने के लिए उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के साथ-साथ अपने विभागीय संसाधनों यथा मेन पावर व उपकरणों को दुरुस्त रखने को कहा हैं। उन्होने जनपद के नगर निकायों के क्षेत्रांतर्गत बंद नालियों को खुलवानें, नगर के आंतरिक मोटर मार्गो को गढ्ढा मुक्त करने के साथ-साथ नगरों को स्वच्छ बनाये रखने की बात कही। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि जनपद भ्रमण के दौरान जो भी समस्याएं क्षेत्रवासियों के द्वारा उपलब्ध कराई गई हैं उनका संबंधित अधिकारी तत्परता से निराकरण करना सुनिश्चित करें। इसमें किसी भी ढिलाई एवं लापरवाही न बरती जाए। इस अवसर पर उपाध्यक्ष द्वारा विकास भवन परिसर में आंवले के पौधे का भी रोपण किया गया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डाॅ. जीएस खाती ने जनपद में आपदा प्रबंधन के संबंध में किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जनपद आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील क्षेत्र है तथा केदारनाथ यात्रा में लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री दर्शन करने आ रहे हैं जिसके लिए आपदा प्रबंधन के मानकों में संशोधन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जनपद में किसी भी तरह की आपदा घटित होने पर सभी जनप्रतिनिध सहित जिला स्तरीय अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए राहत एवं बचाव कार्य तत्परता से किया जाता है। उन्होंने उपाध्यक्ष को आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा जो भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं उनका संबंधित विभागीय अधिकारियों से तत्परता से आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाएगी।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अमरदेई शाह, उपाध्यक्ष जिला पंचायत सुमंत तिवारी, भाजपा जिलाध्यक्ष महावीर सिंह पंवार, महिला मोर्चा भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती आशा नौटियाल, युवा मोर्चा अध्यक्ष प्रदीप राणा, अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल कुमार शुक्ला, रुद्रप्रयाग आशीष चंद्र घिल्डियाल, पुलिस उपाधीक्षक हर्षवर्धनी सुमन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एचसीएस मार्तोलिया, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशीष रावत, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, अधिशासी अभियंता एनएच निर्भय सिंह, लोनिवि इंद्रजीत बोस, मनोज भट्ट, जल संस्थान अनीश पिल्लई, जल निगम नवल कुमार, विद्युत मनोज कुमार, उप प्रभाीय वनाधिकारी देवेंद्र सिंह, ग्राम प्रधान मयकोटी अमित प्रदाली सहित जनप्रतिनिधि एवं संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

लाखों के जेवरात चोरी का खुलासा, चार गिरफ्तार, सपेरा गैंग ने दिया था वारदात को अंजाम

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हरिद्वार, फौजी के घर हुए लाखों के जेवरात चोरी का खुलासा करते हुए पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनके कब्जे से चुराये गये सोने—चांदी के जेवरात भी बरामद किये गये है। गिरफ्तार आरोपी सपेरा गैंग के सदस्य बताये जा रहे है।
जानकारी के अनुसार बीती 17 जुलाई को ग्राम टिहरी डोब नगर पथरी निवासी फौजी अजय थलवाल पुत्र स्वर्गीय वीर सिंह थलवाल द्वारा थाना पथरी में शिकायती देकर बताया कि अज्ञात लोगों ने उनके घर में रखे सोने चांदी के लाखों रुपए के जेवरात चोरी कर लिए हैं। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर चोरों की तलाश शुरू कर दी गयी। थाने से कुछ दूरी पर ही फौजी के घर चोरी होने के प्रकरण को गंभीरतापूर्वक पुलिस ने जांच शुरू कर दी। जांच में जुटी पुलिस टीम ने बीती शाम एक सूचना के आधार पर पहाड़ी बस्ती रेलवे ट्रैक से चार संदिग्धो को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।
पूछताछ में चारों ने उक्त घटना कारित करना कबूल किया जिनकी निशानदेही पर पुलिस ने घटना में चोरी किये गये लाखों रूपये के जेवरात बरामद कर लिये है। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम रोहतास नाथ उर्फ वासु उर्फ बोबा पुत्र सुमेंद्र नाथ, ललित नाथ उर्फ टिपरी पुत्र अशोक नाथ, अभिषेक नाथ पुत्र सेवक नाथ व अक्षय नाथ पुत्र सेवक नाथ निवासी सपेरा बस्ती घोसीपुरा थाना पथरी जनपद हरिद्वार बताया। पुलिस ने उन्हे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों पर आधारित ‘वो 17 दिन’ पुस्तक का सीएम ने किया विमोचन

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नई दिल्ली, नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘वो 17 दिन’ पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक ‘वो 17 दिन’ सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों पर आधारित है।
मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा सुरंग को लेकर अपने अनुभव भी साझा किए और कहा कि 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना एक बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन से ही बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूर्ण हो पाया।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान पुस्तक के लेखक राजीव रंजन सिंह को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सकारात्मकता और अनुभवों से भरी यह पुस्तक निश्चित ही पढ़ने योग्य है। इस अवसर पर भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष श्याम जाजू, पूर्व सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी और पुस्तक के लेखक राजीव रंजन सिंह उपस्थित रहे।

अब ज्योतिर्मठ के नाम से जाना जाएगा जोशीमठ, शासनादेश जारी

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चमोली (जोशीमठ), जिलाधिकारी चमोली ने जोशीमठ का नाम ज्योर्तिमठ किए जाने से संबंधित शासनादेश जारी कर दिया गया है। ज्योर्तिमठ की जनता और विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों की ओर से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया गया। सभी लोगों ने विश्वास व्यक्त किया कि ज्योर्तिमठ अपने प्राचीन नाम से जाने जाने के साथ ही अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को बनाए रखेगा।
ज्योर्तिमठ का शासनादेश जिलाधिकारी चमोली की ओर से जारी कर दिए गया है। इससे संबंधित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सार्वजनिक घोषणा की थी । इसके बाद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार की ओर से विगत मार्च महीने में इस पर अपनी सहमति व्यक्त कर दी गई थी। 13 जून को राजस्व सचिव की ओर से सहमति दी गई। चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जीओ जारी कर दिया है।

केदारनाथ क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री सहित काबीना मंत्रियों से मिले दर्जाधारी चंडी प्रसाद भट्ट

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रुद्रप्रयाग- सीमांत छैत्र अनुश्रवण समिति के उपाध्यक्ष राज्यमंत्री चण्डी प्रसाद भट्ट ने मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कबीना मंत्री धन सिंह रावत व सतपाल महराज से मुलाकात कर केदारनाथ छैत्र की समस्याओं से अवगत कराया। उन्होने केदारनाथ मंदिर नाम से कहीं ओर मंदिर निर्माण पर रोक लगाने हेतु कैबिनेट में प्रस्ताव पारित करने के ऐतिहासिक निर्णय के लिये मुख्यमंत्री का आभार ब्यक्त किया।
दर्जाधारी चंडी प्रसाद भट्ट ने केदारनाथ धाम को लेकर फैले भ्रम का पटापेक्ष करने के लिये प्रदेश के मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार ब्यक्त किया। देहरादून में मुख्यमंत्री से भेंटकर उन्होने केदारनाथ धाम के लिये उनके द्वारा लिये गये फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होने कहा कि अब भविष्य में तीर्थ धामों के नाम से कहीं ओर धाम निर्माण पर भ्रम की स्थिति उत्तपन्न नही होगी।
उन्होने केदारनाथ की समस्याओं को लेकर पर्यटन व लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज, एँव शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत से भी मुलाकात की। केदारनाथ विधानसभा के अन्तर्गत विभिन्न क्षेत्रों में फैली समस्याओं से रूबरू कराकर निराकरण की मांग की, जिस पर दोनों मंत्रियों ने संज्ञान लेते हुए समस्याओं का शीघ्र निराकरण करने का आश्वासन दिया।
राज्यमंत्री चण्डी प्रसाद भट्ट ने पर्यटन व लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज से द्वितीय केदार मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर बनातोली में मोरखंडा नदी पर जल स्तर में भारी वृद्धि होने के कारण बहे पुल की जगह स्थाई पुल निर्माण की माँग की।उन्होने लोक निर्माण मंत्री सतपाल महराज को अवगत कराया कि पिछले वर्ष मोरखंडा नदी पर बना पुल बहने के बाद लोक निर्माण विभाग व ग्रामीणों के सहयोग से मोरखंडा नदी पर लकड़ी का अस्थायी पुल बनाकर आवाजाही सुचारू की गयी थी लेकिन इस वर्ष भी 26 जुलाई को मोरखंडा नदी के जल स्तर में फिर भारी वृद्धि होने के कारण नदी पर बना लकड़ी का अस्थायी पुल नदी में बह गया जिससे मदमहेश्वर धाम की यात्रा ठप हो गयी है। मदमहेश्वर घाटी का तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया जिसके चलते मदमहेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों पर व्यवसाय करने वाले व्यापारियों की आजीविका खासी प्रभावित हो गयी है इसलिए बनातोली में मोरखंडा नदी पर लोहे के गार्डर पुल निर्माण की सख्त जरूरत है।
उन्होंने पर्यटन मंत्री से तृतीय केदार तुंगनाथ की विश्राम स्थल वणतोली के सौन्दर्यीकरण, विकासखण्ड अगस्त मुनि की ग्राम पंचायत बैजी काण्डई में नन्दाष्टमी पर लगने मेले को भव्य रूप देने के लिए श्रृंगार भवन निर्माण व तल्ला नागपुर की ग्राम पंचायत चमस्वाडा को यातायात से जोड़ने की मांग की। जिस पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उन्हें आश्वासन दिया की शीघ्र हर समस्या के निराकरण के प्रयास किये जायेंगे। राज्यमंत्री चण्डी प्रसाद भटट् ने शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत से मुलाकात कर केदारनाथ विधानसभा के अन्तर्गत सभी विद्यालयों में रिक्त चल रहे एल टी शिक्षकों व प्रवक्ताओं के पदों पर नियुक्त की मांग की। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को अवगत करते हुए कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऊखीमठ तहसील मुख्यालय का स्वास्थ्य केन्द्र है तथा तुंगनाथ व मदमहेश्वर धामों की यात्रा का आधार शिविर है इसलिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऊखीमठ का उच्चीकरण के साथ रिक्त रेडियो अस्टिटेंट के पद पर तैनाती की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराया कि ऊखीमठ में ग्रामीणों को उचित स्वास्थ्य लाभ न मिलने से ग्रामीणों को 42 किमी दूर जिला मुख्यालय सम्पर्क करना पड़ता है। राज्यमंत्री की मांगों पर अमल करते हुए स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य सचिव को शीध्र उचित कार्यवाही के निर्देश दिये।

यूसर्क द्वारा एनवायरनमेंटल टेक्नोलॉजी विषय पर यूपीईएस में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) द्वारा सोमवार को एनवायरनमेंटल टेक्नोलॉजी विषय पर सस्टेनेबिलिटी क्लस्टर, यूपीईएस, देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर वंदना की गयी।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अतिथि के रूप में उपस्थित यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डा0) अनीता रावत ने कहा कि यूसर्क द्वारा विद्यार्थियों में पर्यावरण विज्ञान से संबंधित विभिन्न विषयों पर प्रयोगात्मक प्रशिक्षण इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रदान किया जा रहा है जिससे उनमें वैज्ञानिक अभिरुचि एवं नवाचार की भावना विकसित होगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूपीईएस के प्रेसीडेंट डॉ. सुनील राय ने कहा कि इस प्रशिक्षण के द्वारा विद्यार्थियों को वैज्ञानिक सिद्धांत प्रयोगात्मक रूप से सीखने को मिलेंगे।

कार्यक्रम समन्वयक एवं यूसर्क वैज्ञानिक डॉ. भवतोष शर्मा ने कहा आज एनवायरनमेंटल टेक्नोलॉजी एक बहुत महत्वपूर्ण विषय हो चुका है जिसका मूलभूत ज्ञान एवं प्रायोगिक ज्ञान दोनों का होना बहुत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजकीय (पी जी) कॉलेज उत्तरकाशी, पुरोला, चिनयालीसौड, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश, डी ए वी कॉलेज देहरादून, डी बी एस पीजी कॉलेज देहरादून, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी देहरादून के 25 स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया जा रहा है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सस्टेनेबिलिटी क्लस्टर, यूपीईएस के प्रोफेसर एवं कार्यक्रम समन्वयक (डॉ) संजय भूटानी ने कार्यक्रम की पूरी रूप रेखा बतायी ।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन यूसर्क वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश नौटियाल ने करते हुए यूसर्क की वैज्ञानिक गतिविधियों पर प्रकाश डाला। सस्टेनेबिलिटी क्लस्टर के हेड प्रोफेसर विक्रम प्रसाद यादव ने अतिथियों का स्वागत किया।
पहले तकनीकी सत्र का पहला व्याख्यान डॉक्टर रंजीत गौरव ने “सस्टेनेबल गोल्स, क्लाइमेट चेंज एंड इम्पैक्ट ऑन एनवायरनमेंट” विषय पर दिया। दूसरा व्याख्यान डॉ राहुल सिलोरी ने “वेस्ट वॉटर मैनेजमेंट एंड इटस एडवांस्ड टेक्नोलॉजी” विषय पर दिया।
अपराह्न सत्र में डॉ. मधुवेंन शर्मा एवं डॉ कंचन बहुखंडी ने “वाटर क्वालिटी मोनिटरिंग एंड ट्रीटमेंट” पर हैंडस ऑन ट्रेनिंग प्रदान की।
कार्यक्रम में डॉ. स्वाती दत्ता, प्रोफेसर एस एम तौसीफ, डॉ जितेन्द्र पांडे, इंजिनीयर उमेश जोशी, अरुण उनियाल, हरीश देवरानी, कनिका सहित 50 लोग उपस्थित रहे।