देहरादून। आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डा. आर.राजेश कुमार के निर्देशों पर उपायुक्त गढवाल मण्डल आर.एस.रावत के नेतृत्व में दून मेडिकल कालेज के मेस/कैन्टीन का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण टीम ने कीचन में साफ-सफाई, पेस्ट कंट्रोल के साथ ही खाद्य पदार्थों की जांच की। निरीक्षण में सफाई व्यवस्था समुचित न पाए जाने पर कैंटीन संचालक को नोटिस जारी किया गया। किचन में पाए गए एक्सपायरी खाद्य पदार्थ को नष्ट कर दिया गया। मौके पर पेस्ट कंट्रोल से संबंधित भी कमी पाई गई। कैंटीन संचालक को कार्यरत कर्मचारियों का स्वास्थ्य परीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। किचन में रखे गये खाद्य पदार्थ-खुला पनीर एवं खुला धनिया पावडर के नमूने संदेह के आधार पर जॉच हेतु लिये गये, जिन्हें जॉच हेतु प्रयोगशाला भेजा गया है। मौके से प्राप्त कुछ धनिया पावडर, मिर्च पावडर, सौफ पैकेट एवं अन्य खाद्य पदार्थो को कालातीत/बिना लेबल होने के कारण नष्ट किया गया। मेस संचालक को उपरोक्त व्यवस्था को सुधारने हेतु मौके पर नोटिस दिया गया। उक्त कार्यवाही में अधिकारी मनीष सिंह सयाना एवं वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी नगर निगम श्री रमेश सिंह मौजूद रहे।
नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के हृदय रोग विशेषज्ञ अब श्रीनगर में देंगे स्वास्थ सेवाएं
श्रीनगर: हृदय की उन्नत देखभाल हेतु प्रसिद्ध नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर ने श्रीनगर में एक नए हृदय परामर्श ओपीडी सेवाओं की घोषणा की है। अब श्रीनगर के करन चौक स्थित कश्मीर क्लीनिक में 7 सितंबर, 2024 से कार्डियक सर्जरी में सीनियर कंसलटेंट डॉ. सौरभ जायसवाल, परामर्श हेतु उपलब्ध रहेंगे। कश्मीर क्लिनिक सेंट्रल के साथ-साथ कश्मीर क्लिनिक साउथ, अनंतनाग में परामर्श के लिए उपलब्ध रहेंगे। ओपीडी हर पहले शनिवार को अनंतनाग में और रविवार को श्रीनगर में दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक आयोजित की जाएगी।
नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर, उत्तरी भारत में एक अग्रणी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता है, जो कार्डियक साइंसेज, ऑन्कोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और रीनल साइंसेज सहित 30 से अधिक विशेषताओं में अपनी व्यापक देखभाल के लिए जाना जाता है। नारायणा हॉस्पिटल ने विभिन्न विशेषताओं में 1.7 मिलियन से अधिक रोगियों का इलाज करने और 11,000 से अधिक कार्डियक सर्जरी और 34,000 एंजियोप्लास्टी करने के एक विशिष्ट ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, खुद को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक विश्वसनीय नाम के रूप में स्थापित किया है।
अत्यधिक अनुभवी हृदय विशेषज्ञों की टीम और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ, हॉस्पिटल ने हृदय संबंधित बीमारियों के लिए वयस्कों के साथ छोटे बच्चों में भी होने वाली इन समस्याओं का इलाज किया है।
नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ. सौरभ जायसवाल वयस्कों की हृदय संबंधी सर्जरी में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं, जिसमें बाईपास सर्जरी, वाल्व ट्रांसप्लांटेशन और अन्य जटिल हृदय संबंधी हस्तक्षेप शामिल हैं। श्रीनगर में उनकी उपस्थिति स्थानीय स्तर के लोगों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली हृदय संबंधी देखभाल को और अधिक सुलभ बनाने के लिए नारायणा हॉस्पिटल की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हृदय संबंधित बढ़ती वैश्विक घटनाओं पर जोर देते हुए डॉ. जायसवाल ने खराब आहार, धूम्रपान, शराब का सेवन और तनाव जैसे जीवनशैली कारकों को इसका प्रमुख कारण बताया। उन्होंने हृदय संबंधी लक्षणों के बारे में नियमित परामर्श, जीवनशैली में सुधार और सतर्कता के महत्व पर जोर दिया।
नारायणा अस्पताल, जयपुर के फैसिलिटी डायरेक्टर, श्री बलविंदर सिंह वालिया ने कहा कि अस्पताल का लक्ष्य स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि लोगों को अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना चाहिए, नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए, पौष्टिक आहार लेना चाहिए और एक व्यवस्थित जीवनशैली अपनानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, उन्हें संभावित रूप से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्वास्थ्य समस्या का समय पर निदान सुनिश्चित करने के लिए नियमित अंतराल पर निवारक स्वास्थ्य जांच करवाने पर ध्यान देना चाहिए।
धामी सरकार खोल रही नौकरी का पिटारा, 4400 पदों पर इसी माह से भर्ती
-16 हजार से ज्यादा युवाओं को धामी सरकार में अब तक मिल चुकी रिकॉर्ड नौकरी
-आयोग 11 विभागों में रिक्त पदों के लिए 15 सितंबर से शुरू करेगा भर्ती प्रकिया
-पुलिस, वन आरक्षी समेत इंटर और स्नातक स्तरीय पदों पर मिलेगी नौकरी
-आवेदन से लेकर परीक्षा और परिणाम जारी करने के शेड्यूल बनाने में जुटा है आयोग
देहरादून। उत्तराखंड में सरकारी नौकरी की राह देख रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। सरकार 11 विभागों में रिक्त समूह ग के 4405 पदों पर इसी माह भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। इसके लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने 15 सितंबर से आवेदन से लेकर परीक्षा और परिणाम का शेड्यूल जारी करने का निर्णय लिया है। इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार अब तक 16 हजार से ज्यादा नौकरी देने का भी रिकॉर्ड बना चुकी है।
राज्य में बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने में पुष्कर सिंह धामी सरकार सबसे धाकड़ साबित हो रही है। सरकार ने महज तीन साल के भीतर 16 हजार युवाओं को विभिन्न विभागों में नौकरी देने का रिकॉर्ड बनाया है। यह आंकड़ा राज्य बनने के 23 साल में किसी सरकार में युवाओं को सबसे ज्यादा नौकरी मिलने में बड़ा है। नौकरी में पारदर्शिता रहे, इसके लिए खुद मुख्यमंत्री ने युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। अभी भी सरकार यूकेएसएसएससी, यूकेपीएससी, चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड आदि के मार्फत नौकरी दिलाने की प्रक्रिया में जुटी है। इसमें पुलिस दरोगा समेत शिक्षकों के सैकड़ों पदों पर वर्तमान में भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। इसी क्रम में धामी सरकार ने राज्य के करीब 11 विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती करने का सिलसिला जारी रखने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूकेएसएसएससी के द्वारा स्वीकृत अधियाचन वाले पदों पर पारदर्शिता और समय सीमा के भीतर भर्ती करने के निर्देश दिए हैं। आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि 11 विभागों से करीब 4405 रिक्त पदों पर भर्ती के अधियाचन स्वीकृत हुए हैं। आयोग ने इन रिक्त पदों के सापेक्ष भर्ती की तैयारी पूरी कर ली है। इस माह के 15 सितंबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगा। साथ ही परीक्षा तिथि से लेकर परिणाम का शेड्यूल भी जारी कर दिया जाएगा। आयोग के अध्यक्ष मर्तोलिया ने कहा कि आयोग द्वारा संपादित की जा चुकी भर्ती तय शेड्यूल से रिकॉर्ड समय में संपन्न हुई हैं। आयोग का प्रयास रहता कि परीक्षा से लेकर परिणाम समय पर जारी हो। आगे भी पारदर्शिता और समय सीमा पर रिक्त पदों की भर्ती कराई जाएगी।
युवाओं को इन पदों पर मिलेगी नौकरी
आयोग के अनुसार 15 सितंबर से पुलिस आरक्षी के 2000, वन आरक्षी के 700, इंटर स्तरीय सींचपाल, कनिष्ठ सहायक, राजस्व सहायक, मेट, कार्य पर्यवेक्षक के 1200, वैयक्तिक सहायक के 280, वैज्ञानिक सहायक के 50, स्नातक स्तरीय 50, सहायक विकास अधिकारी के 40, वाहन चालक 25, लाइब्रेरियन के 10, प्राईमरी शिक्षक एसटी के 15, आईटीआई विभिन्न ट्रेड के 35 पदों पर भर्ती होनी है।
“राज्य गठन के 23 सालों के भीतर युवाओं को समय पर रिकॉर्ड नौकरी मिली हैं। करीब 16 हजार युवाओं को अब तक नौकरी मिल चुकी हैं। खुद मेरे द्वारा युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। हमारी सरकार द्वारा राज्य में देश का सबसे सख्त नकलरोधी कानून बनाने के बाद प्रतिभावान युवाओं को चार-चार नौकरी मिल रहीं हैं। पहले नकल माफियाओं द्वारा नौकरी का सौदा कर दिए जाने से एक ही परिवार के सदस्यों को चार-चार नौकरी मिलती थी। हमने संकल्प लिया कि उत्तराखंड के हितों और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ”
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड।
गढरत्न नरेन्द्र सिंह नेगी ने ‘मीठी’ फ़िल्म को बताया उत्तराखंडी सिनेमा का मौलिक कार्य
*गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने उत्तराखंडी फिल्म ‘मीठी’ को बताया उत्तराखंड के खान-पान को समर्पित एक अभूतपूर्व मौलिक योगदान*
देहरादून। उत्तराखंडी लोक संगीत के दिग्गज गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने ‘मीठी-मां कु आशीर्वाद’ फ़िल्म को उत्तराखंडी सिनेमा में एक अभूतपूर्व और मौलिक योगदान बताया है। रविवार को देहरादून के सेंट्रियो मॉल में अपने परिवार के साथ फिल्म की स्क्रीनिंग में शामिल होने के बाद, श्री नेगी ने उत्तराखंड की पाक विरासत पर फिल्म के साहसिक फोकस की प्रशंसा की।
श्री नेगी ने कहा, “निर्माता वैभव गोयल ने पहाड़ी व्यंजनों के इर्द-गिर्द कहानी को केंद्रित करके वास्तव में कुछ अनूठा हासिल किया है,” उन्होंने कहा कि यह फिल्म क्षेत्रीय सिनेमा में अक्सर देखी जाने वाली बॉलीवुड-प्रभावित कथाओं से अलग है। “उत्तराखंड की समृद्ध खाद्य संस्कृति को इतने प्रामाणिक तरीके से पर्दे पर फ़िल्मांकन करने वाली फिल्म देखना ताज़गी भरा है। उत्तराखंडी सिनेमा के लिए मीठी फ़िल्म एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।”
श्री नेगी ने निर्माता वैभव गोयल और निर्देशक कांता प्रसाद के अभिनव दृष्टिकोण के प्रयासों की भी प्रशंसा की। उनका मानना है कि ‘मीठी – माँ कु आशीर्वाद’ उत्तराखंड की पाक परंपराओं को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी। इस विशेष स्क्रीनिंग के लिए उनके साथ उनकी पत्नी श्रीमती उषा नेगी और उनके बेटे कविलाश नेगी का परिवार भी मौजूद था।
हाल के हफ्तों में, एक फिल्म ने उत्तराखंड भर के सिनेमा प्रेमियों का ध्यान और प्रशंसा आकर्षित की है। मीठी – माँ कू आशीर्वाद फिल्म ने न केवल क्षेत्रीय फिल्म उद्योग को पुनर्जीवित किया है, बल्कि आलोचकों और दर्शकों के बीच भी चर्चा का विषय बन गई है। ‘मीठी’ में दिखाए गए संस्कृति, संगीत और कहानी कहने के अनूठे मिश्रण ने जबरदस्त प्रतिक्रिया प्राप्त की है, जिसने उत्तराखंड के सिनेमाई परिदृश्य में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में अपनी जगह पक्की कर ली है।
देहरादून सहित पांच शहरों में 30 अगस्त को रिलीज़ हुई ‘मीठी – माँ कू आशीर्वाद’ को सिनेमा प्रेमियों ने खूब पसंद किया है, सिनेमाघरों में खचाखच भरी स्क्रीनिंग देखी गई। उत्तराखंड की समृद्ध खाद्य विरासत का चित्रण, क्षेत्रीय कहानी कहने के समकालीन दृष्टिकोण के साथ, दर्शकों को खूब पसंद आया है। आलोचक और दर्शक दोनों ही पारंपरिक विषयों, उच्च गुणवत्ता वाले फ़िल्मांकन और बेहतरीन प्रदर्शन के लिए फिल्म की प्रशंसा कर रहे हैं।
फिल्म समीक्षकों ने मनोरंजन और सांस्कृतिक गहराई के संतुलित मिश्रण के लिए ‘मीठी’ की सराहना की है। एक प्रसिद्ध क्षेत्रीय फिल्म समीक्षक ने कहा, “फिल्म ने उत्तराखंड के खाद्य संस्कृति के अपने सुंदर चित्रण के माध्यम से उत्तराखंड के सार का जश्न मनाकर दर्शकों के दिलों को छू लिया है। यह एक दुर्लभ रत्न है जो दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ने के साथ-साथ उन्हें उनकी जड़ों के बारे में शिक्षित करने में भी कामयाब होता है।”
फिल्म के निर्माता वैभव गोयल ने सकारात्मक प्रतिक्रिया पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “30 अगस्त को रिलीज होने के बाद से, ‘मीठी- मां कू आशीर्वाद’ पांच शहरों में रोजाना दिखाई गई और दर्शकों का उत्साह अभूतपूर्व रहा। बॉक्स ऑफिस पर उत्साहजनक संख्या दर्शकों के फिल्म के प्रति प्यार और जुड़ाव को दर्शाती है।”
फिल्म में स्थानीय प्रतिभाएँ हैं, जिसमें अभिनेता गढ़वाली भाषा में संवाद बोलते हैं, इसकी प्रामाणिकता को और बढ़ाते हैं। श्रीनगर और पौड़ी जैसे क्षेत्रों में बोली जाने वाली गढ़वाली को फ़िल्म में तरजीह दी गई है, जिससे स्थानीय ज़ायक़ा दर्शकों को बिल्कुल नया ज़ायक़ा मिला है जिससे फ़िल्म के साथ मजबूती से जुड़ाव हो पाया है।
‘मीठी-माँ कू आशीर्वाद’ का मुख्य आकर्षण उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों, खास तौर पर मोटे अनाजों के इस्तेमाल की खोज है। निर्देशक कांता प्रसाद ने फिल्म की सफलता पर बात करते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य अपनी संस्कृति से जुड़ी कहानियों में रुचि जगाना था और जब लोगों की प्रतिक्रिया मिली जो एक अविश्वसनीय अनुभव रहा। यह उत्तराखंड के क्षेत्रीय सिनेमा को आगे बढ़ाने और सिल्वर स्क्रीन पर ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को अपनी विरासत से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
कांता प्रसाद ने फिल्म निर्माताओं के लिए सांस्कृतिक विषयों के साथ-साथ समकालीन विषयों को तलाशने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया। “आज उत्तराखंड के लोगों से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके फ़िल्में को रुचिकर बनाया जा सकता है जिससे दर्शकों क्षेत्रीय फ़िल्मों की ओर आकर्षित हो सकेगें ”
अपनी सांस्कृतिक समृद्धि, दमदार अभिनय और प्रामाणिक कहानी कहने के साथ, ‘मीठी-माँ कू आशीर्वाद’ न सिर्फ़ व्यावसायिक रूप से सफल है, बल्कि इसे क्षेत्रीय सिनेमा के भविष्य के लिए एक संभावित मोड़ के रूप में भी देखा जा रहा है। आलोचक इसे वह चिंगारी कह रहे हैं जो उत्तराखंडियों की सिनेमाघरों में जाने की प्रवृत्ति को फिर से जगा सकती है।
फिल्म की सफलता सार्थक क्षेत्रीय सिनेमा के प्रति बढ़ती रुचि का प्रमाण है, जो यह साबित करती है कि स्थानीय संस्कृति में निहित कहानियां सार्वभौमिक अपील पा सकती हैं और दर्शकों के दिलों को छू सकती हैं।
आईएसबीटी परिसर ऋषिकेश में बस परिचालक का मिला शव, इलाके में मचा हड़कंप
ऋषिकेश, आईएसबीटी ॠषिकेश परिसर में एक बस परिचालक का संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिला है। मृतक के सिर पर घाव हैं। पुलिस मामले में हत्या की आशंका जता रही है। शव मिलने की खबर की हड़कंप मच गया। वहीं, घटनास्थल पर भारी भीड़ भी जुट गई।
जानकारी के अनुसार, मृतक परिचालक भरत सिंह भंडारी उर्फ गारू पुत्र दीप सिंह भंडारी ,ग्राम भेनटला, टिहरी गढ़वाल का रहने वाला था। मृतक परिचालक बस मालिक का पार्टनर भी था। कोतवाल आरएस खोलिया का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है।
उत्तराखण्डी सिनेमा दिशा, दशा एवं भविष्य तथा समस्या और समाधान’ विषय पर आयोजित
‘उत्तराखण्डी फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा फिल्म नीति 2024 लागू की गई
देहरादून । आर्थिक आमदनी के बिना उत्तराखण्डी सिनेमा उद्योग का विकास संभव नहीं है । प्रादेशिक फिल्मों में जब तक रीजनल कंटेंट, एडवांस टैक्नोलाॅजी एवं प्रोफेशनल्जिम नहीं आएगा तब तक उन फिल्मों को देखने दर्शक हाॅल में नहीं उमड़ेंगे । इस अवसर पर ग्राफिक एरा के छात्रों द्धारा उत्तराखंडी फिल्म उद्योग पर बनाई गई एक शार्ट फिल्म दिखाई गई जिसकी खूब सराहना हुई तथा फिल्म निर्माण करने वाले बच्चों को सम्मानित भी किया गया।
उक्त विचार आज यहाॅ ‘उत्तराखण्डी सिनेमा दिशा, दशा एवं भविष्य तथा समस्या और समाधान’ विषय पर आयोजित सेमिनार में सामुहिक रूप से उभर कर आए । यह कार्यक्रम आज यहाॅ दून पुस्तकालय प्रेक्षागृह में ‘’द्वारा आयोजित किया गया था । सेमिनार में जुटे प्रदेश के वरिष्ठ फिल्म निर्माता, निर्देशक, तकनीशियन, वरिष्ठ कलाकारों एवं समीक्षकों द्वारा बहुत तथ्यात्मक ढ़ंग से 42 साल के उत्तराखण्डी सिनेमा के अविकसित व्यवसायिक पक्ष पर विस्तार पूर्वक अपने तर्क रखे गए ।
इस अवसर पर सेमिनार के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी एवं संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय ने कहा कि फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा फिल्म नीति 2024 लागू की गई है, जिसकी देशभर के फिल्म निर्माता एवं निर्देशक सराहना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनेक फिल्म निर्माता अपनी फिल्मों की शूटिंग उत्तराखण्ड में कर रहे है, जबकि उत्तराखण्ड की भाषा बोली के फिल्म निर्माण में बहुत तेजी आयी है। उत्तराखंड की गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी भाषा की फिल्मों को 50 प्रतिशत अनुदान, जो अधिकतम 2 करोड़ रुपए की धनराशि दी जा रही है। इससे बड़ी संख्या में स्थानीय फ़िल्म निर्माता फिल्में बना रहे है। उन्होंने कहा कि फ़िल्म विकास परिषद द्वारा फ़िल्म रिसोर्स डायरेक्टरी तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि नई फिल्म नीति को उद्योग के नजरिये से लागू किया गया है, ताकि राज्य में फ़िल्म उद्योग का वातावरण बन सके।
इससे पूर्व प्रदेश में अच्छी फिल्मनीति लागू करने पर सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर मुख्य अतिथि श्री उपाध्याय का शाल ओढ़कर व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया । इस मौके पर कार्यक्रम के संयोजक प्रदीप भण्डारी द्वारा फिल्म इंडस्ट्री की ओर से उपाध्याय को तीन सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा गया । जिसमें फिल्म अवार्ड शीघ्र प्रदान करने, फिल्म सिटी योजना को क्रियावन्वित करने तथा फिल्म कलाकार कल्याण कोष भी फिल्म नीति में जोड़ने की मांग की गई ।
सेमिनार में सभी वक्ताओं की एक राय साफ उभर कर आयी कि फिल्म निर्माताओं के योगदान एवं सरकार के सकारात्मक रूख से आज प्रदेश में आंचलिक फिल्म निर्माण का बेहतरीन वातावरण तैयार हुआ है । पर्वतीय राज्य उत्तराखण्ड की संस्कृति और भाषा बोली को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाने की दिशा में यह एक सुखद पहलू है। मगर बड़ी संख्या में आंचलिक फिल्मों के बनने के बावजूद उत्तराखण्डी सिनेमा की सेहत अन्य राज्यों के सिनेमा उद्योग की तुलना में व्यावसायिक रूप से दशा अच्छी नहीं है । क्योंकि शूरू की 2-4 फिल्मों को छोड़कर बाद का प्रादेशिक सिनेमा बाक्स आॅफिस पर कभी कमाल नहीं दिखा पाया। टिकट खिड़की पर लोगों की कतारें न दिखायी दी जिसका यही कारण रहा कि फिल्में दर्शकों को रिझा नहीं पायी। दर्शक धीरे धीरे सिनेमा से दूर होते चले गए । दर्शकों का फिल्मों से मोह भंग का कारण फिल्मों में मूल विषय सामग्री, उन्नत तकनीकि, उत्कृष्ट निर्देशन, प्रतिभाशाली कलाकार और व्यवसायिकता का बड़ा अभाव होना प्रमुख कारण रहा है । 90 के दशक में जहाॅ फिल्मों के छः सौ से अधिक दर्शक क्षमता वाले सिनेमा हाॅल में 4 शो हाउसफुल चलते थे, वहीं आज 100 से 200 तक के दर्शक क्षमता वाले मल्टीप्लेक्स हाल में मात्र एक शो चलता है और उस शो को भरने के लिए भी निर्माता निर्देशकांे को भारी पापड़ बेलने पड़ते हैं ।
सेमिनार में फिल्म निर्देशक प्रदीप भण्डारी, सुदर्शन शाह, गोपाल थापा, विजय भारती, ऋषि परमार, वैभव गोयल, कान्ता प्रसाद, बेचेन कण्डियाल, जय कृष्ण नौटियाल, देबू रावत, गोविंद नेगी, विनय चानना, डाo वीरेंद्र बर्तवाल, दीपक नौटियाल, गंभीर जयाडा, बद्रीश छाबड़ा, रवि मंमगाई, मोहित घिल्डियाल, मेघा खुगसाल, सुरेश भट्ट, अनामिका राज, मनशा कुकरेती, मुकेश शर्मा, आशीष पंत समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
केदारनाथ यात्रा के बेहतर संचालन के साथ ही जनपद की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारना रहेगीं प्राथमिकता- पुलिस अधीक्षक
रुद्रप्रयाग(देवेंद्र चमोली)- रुद्रप्रयाग जनपद में नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे (आईपीएस) ने पदभार ग्रहण कर लिया है। उन्होंने पुलिस कार्यालय का व्यापक निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत की और अपनी प्राथमिकताएं बताई। नव नियुक्त एसपी ने कहा कि केदारनाथ यात्रा के बेहतर संचालन के साथ ही जनपद की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में वर्ष 2018 बैच के आईपीएस अफसर अक्षय प्रहलाद कोंडे ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि बाबा केदार की भूमि में कार्य करने का अवसर मिला है। स्वयं उनकी इच्छा थी कि वे रुद्रप्रयाग जनपद में आकर केदारनाथ धाम यात्रा में अपना योगदान दे सके। उन्होने कहा कि केदारनाथ यात्रा से संबंधित जो व्यवस्थाएं हैं वह उत्तराखंड की छवि को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए केदारनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं उन्हें बेहतर सुविधा देने के लिए पुलिस और भी बेहतर कार्य करेगी। यातायात सहित केदारनाथ धाम, यात्रा पड़ाव और पैदल मार्ग पर यात्रियों को पूरा सहयोग दिया जाएगा। एसपी ने कहा कि मुख्यमंत्री व पुलिस के उच्चाधिकारियों के स्तर से जो महिला सुरक्षा को लेकर उत्तराखंड में बहुत बड़ी चिन्ता जताई गई है इसको देखते हुए जनपद में महिला सुरक्षा तथा वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा करना भी उनकी प्राथमिकता में होगा। कहा इन सभी कार्यो को तभी धरातल पर उतारा जा सकेगा जब अधीनस्थ कार्मिकों का मनोबल ऊंचा हो। साथ ही उनका वैलफेयर हो। विभाग में कार्यरत सभी पुलिस के जवान, कर्मचारी और अधिकारी पूरे जोश और मनोबल के साथ कार्य करें। कहा कि जनपद का अधिकांश क्षेत्र आपदा से प्रभावित है, ऐसे में पूर्ण तैयारी व सजगता से कार्य किया जाएगा। प्रयास रहेगा कि आपदा से जनहानि व अन्य प्रकार की हानि को न्यून किया जा सके।
एसपी ने कहा कि वर्तमान समय में मानसूनी सीजन के बाद सड़क एवं पैदल मार्गों की स्थिति को लेकर जो भी संसाधन उपलब्ध हैं, उसकी मदद से जन सुविधा दी जाएगी। लोगों की समस्याएं हल की जाएंगी। पुलिस अधीक्षक ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि वे पुलिस अधीक्षक यातायात देहरादून के पद पर रहने के दौरान के पुराने अनुभव यहां व्यवस्था में सुधार के लिए काम आएंगे। कुछ अतिरिक्त रिसोर्सेज जैसे कि प्राइवेट क्रेन आदि को सीमावर्ती जनपदों से संसाधन एवं सहयोग प्राप्त कर सुधार लाने के प्रयास किए जाएंगे। इस मौके पर पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल भी मौजूद थे।
तीन दिवसीय जागतोली दशज्यूला महोत्सव मेले की तैयारियां जोरो पर
रुद्रप्रयाग(देवेंद्र चमोली)- केदारनाथ विधानसभा के दूरस्त क्षेत्र दशज्यूजा में आयोजित होने वाले दशज्यूला मोत्सव की तैयारियाँ जोरों पर चल रही है। 11 सितम्बर से आयोजित होने वाले दशज्यूला महोत्सव के समापन अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पचष्कर सिंह धामी शिरकत करेगें। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन तैयारियों मे जुटा है। जिलाधिकारी सहित जनपद के आला अधिकारियों ने छैत्र में पहुँचकर ब्यवस्थाओं का जायजा लिया।
मेला समिति के संरक्षक लखपत भण्डारी ने कहा कि प्रतिवर्ष नन्दाअष्टमी पर लगने वाले इस पौराणिक मेले को प्रति वर्ष और अधिक भव्य रूप दिये जाने से क्षेत्र में उत्साह का माहौल बना हुआ है। मेला समिति एवं दशज्यूला क्षेत्रवासी 11 सितम्बर से शुरू होने वाले इस मेले को अन्तिम स्वरूप दिये जाने के लिये प्रयासरत है। तथा सूबे के मुख्यमंत्री सहित बड़े नेताओं के मेले में आने से क्षेत्र को लाभ होगा। मेला समिति के अध्यक्ष जयवर्धन काण्डपाल ने कहा कि यह मेला हमारी आध्यात्मिक व संस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संर्वधन के लिये आवश्यक है। इसलिये हर एक दशज्यूलावासी इस आयोजन में यथाशक्ति सहयोग कर रहा है। इस वर्ष जिला प्रशासन का इस मेले को पूर्ण सहयोग मिलने से क्षेत्रवासियों का उत्साह बड़ रहा है। तथा प्रशासन स्तर भी मेले की तैयारी जोरांे पर है। जिलाधिकारी द्वारा मेले स्थल का निरीक्षण कर सभी विभागों को आवश्यक दिशा निर्देश देने के साथ ही जरम्वाड स्थित हैलीपेड का ट्रायल भी करवाया गया है।
समिति के महासचिव कालिका काण्डपाल ने जानकारी देते हुये कहा कि तीन दिन दिवसीय मेले का उद्धाटन केदारनाथ विधानसभा की स्व0 विधायक शैलारानी रावत की पुत्री ऐश्वर्या रावत द्वारा किया जायेगा। दूसरे दिन पूर्व विधायक आशा नौटियाल, पूर्व विधायक मनोज रावत, बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व उपाध्यक्ष अशोक खत्री, सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप रावत, यूथ फाउंडेशन के अध्यक्ष कर्नल कोठियाल, सामाजिक कार्यकर्ता संजय दरमोडा, ब्लाक प्रमुख अगस्त्यमुनि विजया देवी, जखोली प्रदीप थपलियाल होंगे। मेले के समापन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यसभा सासंद महेन्द्र भट्ट, प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, राज्यमंत्री चण्डी प्रसाद भट्ट, रूद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, जिलाध्यक्ष भाजपा महाबीर पंवार सहित अन्य गणमान्य रहेंगे।
मेला संयोजक निधेकिशोर काण्डपाल ने बताया मेले के पहले और दूसरे दिन क्षेत्र के महिला मंगल दलों एवं स्कूली बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। साथ विभिन्न स्वयं सहायता समुहों और विभागीय योजनाओं के स्टाल लगाये जायेंगे। सांस्कृतिक सचिव संजय नेगी ने कहा कि मेले में दूसरे और तीसरे दिन प्रसिद्ध लोकगायक सौरभ मैठाणी, गजेन्द्र राणा व पूनम सती सहित अन्य सांस्कृतिक दलों द्वारा अपनी प्रस्तुतियां दी जायेंगी। मेला के उपाध्यक्ष भुवेन्द्र नेगी, दलीप राणा, सुमन पंवार, सुभाष नेगी, सोनू नेगी, मुकेश रावत सहित कमेटी के अन्य पदाधिकारियों ने लोक संस्कृति व लोक परम्पराओं के संरक्षण व मिलन के इस महापर्व पर सभी प्रकृति प्रेमी, संस्कृति प्रेमीयों से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने का आग्रह किया है।
ग्राफिक एरा का 32वां स्थापना दिवस : 10 से 30 वर्षों तक से कार्यरत कर्मचारी हुए सम्मानित
देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में 32वें स्थापना दिवस का जश्न धूमधाम से मनाया गया। ग्राफिक एरा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डा. कमल घनशाला ने विश्वविद्यालय को सफलता की ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए साथ मिलकर कार्य करने का आवाहन किया।
स्थापना दिवस के अवसर पर ग्राफिक एरा के कन्वेंशन सेंटर में सिल्वर जुबली ऐनीवर्सरी समारोह का आयोजन किया गया। इस भव्य समारोह में ग्राफिक एरा के साथ शुरुआत से जुड़े अधिकारियों, कर्मचारियों, पूर्व कर्मचारियों व ग्राफिक एरा के साथे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी कई प्रख्यात हस्तियों को स्मृति चिन्ह व उपहार देकर सम्मानित किया गया। ग्राफिक एरा के मुख्य संरक्षक श्री आर. सी. घनशाला और ग्राफिक एरा एजुकेशनल सोसाइटी की अध्यक्षा श्रीमती लक्ष्मी घनशाला को भी ग्राफिक एरा की सफलता में अटूट योगदान देने के लिए उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।
समारोह में ग्राफिक एरा में 25 वर्षों से अधिक से कार्यरत पीआरओ पी. सी. बड़थ्वाल, अटेंडेंट प्रवीण कुमार, ग्राफिक डिजाइनर अरविंद पुजारी, डिप्टी रजिस्ट्रार अनिल कुमार चैहान, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डी. एस. रावत, सुपरवाईजर साकेत चतुर्वेंदी, लाईब्रेरियन दीपक सिंह रावत, ड्राइवर मकसूद आलम, मैस इन्चार्ज गोविन्द प्रसाद चन्द्रा, मैस कर्मचारी देवेन्दर प्रसाद काला को सम्मानित किया गया।
सम्मान पाने वालों में नवीन गुप्ता, सतीश शर्मा, वरुण अग्रवाल, कर्नल अनिल नायर, प्रशान्त अरोड़ा, गिनी वासुदेवा, शालिनी बत्रा, ऋतु वासन, अनुज पंवार, शिखा, अनुराग गोयल, हितेन्द्र सक्सेना, प्रो. एस. आर. खंडूजा, हरजीत सिंह, जितेंद्र सिंह भी शामिल हैं। समारोह में डा. घनशाला ने ‘एक प्यार का नगमा है मौजों की रवानी है, जिंदगी और कुछ नहीं तेरी मेरी कहानी है…‘ गीत गाकर खूब तालियां बटोरी।
इससे पहले प्रो. के. पी. नौटियाल ऑडिटोरियम में 10 से 30 वर्षों तक से ग्राफिक एरा से जुड़े शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को स्मृति चिन्ह व उपहार देकर सम्मानित किया गया। समारोह में स्थापना दिवस के अवसर पर एक विशाल केक काटा गया। चेयरमैन डा. कमल घनशाला, मुख्य संरक्षक श्री आर. सी. घनशाला, ग्राफिक एरा एजुकेशनल सोसाइटी की अध्यक्षा श्रीमती लक्ष्मी घनशाला और ग्राफिक एरा ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस की वाइस चेयरपर्सन राखी घनशाला ने दोनों विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों व 20 साल से अधिक समय से कार्यरत कार्मिकों के साथ यह विशाल केक काटा।
चेयरमैन डा. कमल घनशाला ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 30 सालों के इस रोमांचक सफर को यादगार बनाने में ग्राफिक एरा से शुरुआत से जुड़े लोगों के योगदान ने अहम भूमिका निभाई है। इसलिए जरूरी है कि ग्राफिक एरा भी इन लोगों का सम्मान करे। डॉ. घनशाला ने कहा कि संस्थान के विकास में हर स्तर के कर्मचारी का योगदान महत्वपूर्ण होता है। ग्राफिक एरा अपने कर्मचारियों की जरूरतों को समझ कर उन्हें हर संभव सहायता देने का प्रयास करता है।
डॉ. घनशाला ने ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी का लगातार देश की सर्वश्रेष्ठ 100 विद्यालय की सूची में 52वीं रैंक हासिल करना और ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज की सभी सीटों का पहली काउंसलिंग में ही फुल होने पर खुशी जाहिर की। ग्राफिक एरा को सफलता की और ज्यादा ऊंचाइयों तक लेकर जाने के लिए सभी को साथ मिलकर परिश्रम करना पड़ेगा।
इस समारोह में 10 से 30 वर्षों तक से ग्राफिक एरा से जुड़े 474 शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया गया ।
सम्मान पाने वालों में कंप्यूटर साइंस के डा. अमल शंकर शुक्ला, मैनेजमेंट के डा. मनीष बिष्ट, इलैक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन की डा. शालिनी सिंह, डीन एकेडमिक्स डा. मनोज चंद्र लोहनी व अन्य कर्मचारियों में आॅफिस असि एच. डी. पाटनी, पीओन ओम प्रकाश, सिक्योरिटी गार्ड, सत्येंद्र सिंह रावत, लैब असिस्टेंट नवनीत रतूड़ी, सफाई कर्मचारी चीनू, अनीता, गुड्डी, जयप्रकाश, आदि भी शामिल हैं। इस अवसर पर चेयरमैन डा. कमल घनशाला पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।
’ *पपोन ’ के गीतों से गुलजार हुई ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी :*
ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के 32वे स्थापना दिवस की संध्या पर बाॅलीवुड के मशहूर गायक व संगीतकार पपोन अपनी आवाज का जादू बिखेरा।
ग्राफिक एरा के सिल्वर जुबली कन्वेन्शन सेण्टर में आयोजित कार्यक्रम में बाॅलीवुड गायक पपोन ने एक के बाद के एक कई गीत सुनाए। उनके गीत ’मोह मोह के धागे, तेरी उंगलियों से जा उलझे…‘, ’क्यों न हम तुम चले टेढ़े मेढ़े रस्तों पे नंगे पावं रे…‘, ’कुछ रिश्तों का नमक ही दूरी होता है, न मिलना भी जरूरी होता है…’ को खूब पंसद किया गया। पपोन की गजल ‘आज जाने की जिद ना करो…‘ ने भी दर्शकों का मन मोह लिया।
समारोह में चेयरमैन डा. कमल घनशाला, मुख्य संरक्षक श्री आर. सी. घनशाला, ग्राफिक एरा एजुकेशनल सोसाइटी की अध्यक्षा श्रीमती लक्ष्मी घनशाला, ग्राफिक एरा ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस की वाइस चेयरपर्सन राखी घनशाला, प्रो. चांसलर प्रो. राकेश कुमार शर्मा कुलपति डा. नरपिंदर सिंह, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. संजय जसोल, पदाधिकारी, शिक्षक शिक्षिकाएं व कर्मचारी मौजूद रहे।
हरिद्वार में होगा केंसर के मरीजों का ईलाज, होप सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का हुआ उद्घाटन
हरिद्वार(कुलभूषण)। डॉ एसके मिश्रा ने कहा कि ईश्वर की कृपा से हम शनिवार, 7 सितंबर 2024 (श्री गणेश चतुर्थी) को होप अस्पताल का ओन्कोलॉजी विभाग शुरू करने जा रहे हैं, हम अपने अनुभवी डॉक्टरों और समर्पित ओन्कोलॉजी टीम के साथ कैंसर रोगियों के लिए उपचार के तौर-तरीके रेडियोथेरेपी, डिजिटल लीनियर एक्सेलेरेटर कीमो थेरेपी कैंसर सर्जरी टारगेट थेरेपी के माध्यम से प्रदान करेंगे।
गौरतलब है कि भगवान महादेव की नगरी जगजीतपुर कनखल में मारुति वाटिका, जगजीतपुर, कनखल हरिद्वार.. उत्तराखंड… में शनिवार को एसआर मेडिसिटी के तत्वावधान में नए कैंसर अस्पताल होप सुपर स्पेशियलिटी और कैंसर अस्पताल के भव्य उद्घाटन हवन पूजन के साथ शुरू हो गया है। इसके साथ ही केंसर के मरीजों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। हास्पिटल के निदेशक डॉ एसके मिश्रा ने बताया कि विगत कई महीनों से हास्पिटल के उद्घाटन की तैयारी चल रही थी। कार्य पूरा नहीं होने के चलते बार-बार तिथि को टाला जा रहा था। आखिरकार शनिवार को गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर हवन पूजन के साथ हास्पिटल का उद्घाटन हो गया है। सोमवार से मरीजों का ईलाज शुरू हो जायेगा। डॉ एसके मिश्रा ने कहा नाम के मुताबिक होप हास्पिटल केंसर के मरीजों के लिए लाईफ लाईन साबित होगा। गंभीर रोग से ग्रस्त मरीजों का अत्याधिक मशीनों की सहायता से जांच एवं उपचार किया जायेगा। हास्पिटल में डॉ एसके मिश्रा ( चीफ सर्जन एवं निदेशक) डॉ आरके मिश्रा ( सीएमडी), डॉ गौरव शर्मा ( चीफ रेडिएशन आनकोलोजिस्ट) डॉ मनोज सिंह( चीफ रेडियोलॉजिस्ट ) मरीजों की सेवा के लिए उपलब्ध रहेंगे।
गणपति पूजा मंगल हितकारी- सुनील सेठी
हर वर्ष की तरह विधि विधान पूजा अर्चना कर अपने 15 वे गणपति स्थापना कार्यक्रम की शुरुवात
हरिद्वार(कुलभूषण)। निर्मल गणपति महासंघ ने हर्षोल्लास विधि विधान से शुरू किया 15 वा गणपति स्थापना दिवस। निर्मल गणपति संघ द्वारा आयोजित गणेशोत्सव कार्यक्रम पर मुख्य अतिथि निर्मल अखाड़ा स्वामी निर्भय सिंह महाराज ,वरिष्ट भाजपा नेता सुभाष जैसल महानगर व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष सुनील सेठी एवं महानगर अध्यक्ष जितेंद्र चोरसिया ने पूजा अर्चना कर सभी देश वासियों हरिद्वार वासियों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं प्रदान की। आयोजक मंडल संस्थापक अध्यक्ष राजू मनोचा,अध्यक्ष जोनी अरोड़ा, सुनील मनोचा,नीरज जैन एवं सभी पदाधिकारियों द्वारा मुख्य अतिथियों का स्वागत कर हर वर्ष की तरह विधि विधान पूजा अर्चना कर अपने 15 वे गणपति स्थापना कार्यक्रम की शुरुवात गणेश चतुर्थी के शुभ मूहर्त पर की। आयोजक मंडल ने बताया कि रोजाना शाम को पूजा अर्चना से पूर्व गणेश जी की विभिन्न स्तुतियों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ भक्तो को दिखाए जाएंगे। आयोजक मंडल एवं उपस्थित भक्तगणों में मुख्य रूप से अरविन्द अग्रवाल सोहन सिंह हरीश खत्री आर्यन मनोचा रचित मनोचा शिवम वर्मा प्रिंस उपाध्याय कमल जैन कन्हैया वर्मा जय सिंह वेदांत नकुल चिराग मनोचा कार्तिक सैनी अनमोल सैनी हर्षित शर्मा नोनू हिमांशु सचदेवा मातृशक्ति तान्या भूमि महक पूजा काजल सोमवती उर्मिला जैन रेनू शर्मा बुलबुल शर्मा उषा चड्ढा तिशा गुलाटी आदि मातृशक्ति ने भगवान का पूजन किया वैदिक विद्वान ब्राह्मण श्री राजीव शर्मा ने पूजन करवाया।।
अनिता स्नातिका सम्मान पुरस्कार से सम्मानित
हरिद्वार(कुलभूषण)। नारी का धरती पर सबसे सम्मान्नीय रूप में मां का, मां जिसे ईश्वर से भी बढ़कर माना जाता है तो मां के सम्मान को कम नहीं होने देना चाहिए। आज के परिप्रेक्ष्य में नारी का सम्मान और अधिक बढ़ गया है। नारी और पुरूष एक सिक्के के दो पहलु के रूप में माने जाते है। भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है। संस्कृत में श्लोक है जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर पर नारियों ने परचम फैलाया है। पुरूष और नारी बराबरी लाने के लिए महिला सशक्तिकरण ने नए-नए कदम देश और दुनिया में बढ़ाएं हैं। आज महिलाओं के उत्थान के लिए डी0ए0वी0 सेेंटनरी पब्लिक स्कूल, जगजीतपुर की अध्यापिका एवं समाजसेविका डा0 अनिता स्नातिका ने नारियों के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया है। उत्तराखण्ड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने एक कार्यक्रम में नारी सम्मान पुरस्कार के नाम से सम्मानित किया है। सम्मानित होने पर महिला जगत में खुशी की लहर दौड गयी है।
इस अवसर पर गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार की कुलपति प्रो0 हेमलता के. ने बधाई देते हुए कहा कि डा0 अनिता स्नातिका आर्यसमाज की पृष्ठभूमि से जुड़ी हुई हैं। आर्य समाज में महिलाओं के सम्मान के लिए सदैव से नए-नए प्रकल्प स्वामी दयानन्द सरस्वती और अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानन्द ने महिलाओं के लिए शुरू किए हैं। डा0 स्नातिका गुरुकुल की पद्धति से ओत-प्रोत है। हिन्दी प्रोत्साहन समिति की उपाध्यक्ष निशा अग्रवाल ने कहा कि डा0 अनिता स्नातिका चलती-फिरती संस्कारों की एक संग्रहालय है, जहां संस्कारों की बात होती है वहां पर स्नातिका का नाम जरूर लिया जाता है। डा0 स्नातिका डी0ए0वी0 पब्लिक स्कूल में सभी बच्चों के अन्दर संस्कारों को गढ़ रही हैं। राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति की राष्ट्रीय सचिव रेखा नेगी ने कहा कि हरिद्वार के लिए गौरव की बात है कि डा0 अनिता स्नातिका को नारी सम्मान के नाम से पुरस्कार मिला है। इससे डी0ए0वी0 पब्लिक स्कूल का नाम तो रोशन हुआ ही है साथ ही नारियों को भी एक सम्मान मिला है।
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय की जन्तु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग की प्रो0 नमिता जोशी ने डा0 अनिता स्नातिका को बधाई देते हुए कहा कि आर्य समाज के यज्ञ को अपने अन्दर आत्मसात करना है तो डा0 अनिता स्नातिका से यज्ञ कराना चाहिए। नारी किस तरह से यज्ञ कर सकती है यह अपने आप में एक अनोखी बात है। डा0 स्नातिका को नारी सम्मान मिलना हमारे लिए आदर्श सूचक है। डा0 सुरेखा राणा ने कहा कि प्रत्येक महिला को नारी सम्मान मिलना चाहिए जिससे नारियों का उत्थान और बढ़ सके।
इस अवसर पर मनोज कुमार गोयल, कुसुमबाला त्यागी, हेमलता पाण्डेय, कल्पना राजपूत, प्रिया भिण्डर, सुषमा शर्मा, अमृता राजपूत, नवदीप छावड़ा, प्रतिभा सक्सैना ने डा0 अनिता स्नातिका को नारी सम्मान पुरस्कार मिलने पर बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की है।
आचार्य पंडित निश्चित शुक्ला के सानिध्य में 16वे गणेश जन्मोत्सव का आयोजन किया
हरिद्वार(कुलभूषण)। भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के जन्मोत्सव पर वैश्यकुमार धर्मशाला कनखल में धर्म रक्षा मिशन द्वारा जनमानस के कष्टो को दूर करने एवं देश की सुख समृद्धि हेतु आचार्य पंडित निश्चित शुक्ला के सानिध्य में 16वे गणेश जन्मोत्सव का आयोजन किया गया।
जिसमें गणपति का एक हजार सहस्रनामों द्वारा विभिन्न प्रकार के द्रव्यों मोदक, चावल, बेसन, दूर्वा,घी,पुष्प इत्यादि द्वारा अभिषेक किया गया।
जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया पंडित नितिन शुक्ला ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि शास्त्रों में गणेश विसर्जन का किसी भी प्रकार का वर्णन नहीं है परंतु अज्ञानता वर्ष तथा देखा देखी के चलते प्रत्येक स्थान पर भगवान गणपति की केमिकल युक्त मूर्तियां स्थापित की जाती हैं जो विसर्जन के पश्चात पानी में खुलता नहीं व जलीय जीवों को नुकसान पहुंचता है।
अतः हमारी संस्था द्वारा निरंतर प्रयास रहता है कि अधिक से अधिक इस संबंध में आम जन को जागरूक किया जाए इसलिए संस्था द्वारा हर वर्ष यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जिसमें आने वाले भक्तगण अपने-अपने घर के मंदिर में स्थापित मूर्तियों को लाकर पूजन करते हैं तत्पश्चात मूर्तियों को मंदिर में पूजा पाठ के लिए रखा जाता है।
संस्था सनातन धर्म की रक्षा व्यंजन समाज में अपने धर्म को जागरूक करने के साथ-साथ सनातन धर्म में नव वर्ष के जागरण के लिए प्रत्येक नव संवत्सर पर कार्यक्रम में गरीब व्यवसाय बच्चों को प्रत्येक पाठ्य सामग्री, पशु सेवा, निशुल्क कर्मकांड, ज्योतिष, योग कक्षा इत्यादि जन सेवा सनातन धर्म की रक्षा के कार्य करती है।
पूजन कार्यक्रम में उत्तराखंड महिला संघ की प्रदेश अध्यक्ष अनीता शर्मा, भाजपा जिला अध्यक्ष संदीप गोयल, महामंत्री आशु चौधरी, जिला उपाध्यक्ष लव शर्मा, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, कांग्रेस नेता शुभम अग्रवाल ने प्रतिभाग कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर मुख्य यजमान डॉक्टर अशोक मानवी एवं संस्था के महामंत्री राजकुमार प्रधान, योगेंद्र शुक्ला, दीप रतन शर्मा,ऋषभ दुबे, आदित्य शर्मा, अनुज खैरवाल ,आकाश शर्मा, उज्जवल शर्मा, पारस शर्मा, शैलेश गुप्ता, अंकित शर्मा ,आदर्श पांडे नए सहयोग कर पूजन को सफल बनाया।
अन्तर परिसर प्रतियोगिताये खिलाडी की खेल कुशलता एवं खेल भावना को प्रभावित करती
खेलों से होता है शारीरिक विकास खेल भावना से ही खेलना चाहिए
हरिद्वार(कुलभूषण)। अन्तर परिसर प्रतियोगिताये खिलाडी की तैयारी एवं कुशलता के लिए लाभकारी है। प्रतियोगिताओं के बेहतर प्रदर्शन को यह मजबूती प्रदान करती है। गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के दयानंद स्टेडियम परिसर स्थित शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग द्वारा इन्ट्राम्यूलर प्रतियोगिताओं के अन्तर्गत कब्डडी प्रतियोगिता का आयोजन इन्डोर हॉल मे किया गया। कब्डडी कोच सुनील कुमार के संयोजक मे आयोजित कब्डडी प्रतियोगिता मे बी0पी0एड0 तथा बी0पी0ई0एस0 के मध्य आरम्भ हुये मैच मे बी0पी0एड0 ने प्रथम सैट मे बी0पी0ई0एस0 को 21-12 के अन्तर से परास्त किया। इससे पूर्व मैचों का शुभारम्भ करते हुये प्रभारी, शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहॉ कि अन्तर परिसर प्रतियोगितायें खिलाडी की खेल कुशलता एवं खेल भावना को प्रभावित करती है। यह प्रतिभाग को बेहतरी प्रदान करती है। दूसरे सैट मे बी0पी0ई0एस0 21-17 से परास्त हुई। एम0पी0एड0 तथा बी0पी0ई0एस0 के बीच हुए अन्य मुकाबले मे एम0पी0एड0 21-11 से विजयी रही। इस अवसर पर शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रजनीश भारद्वाज, डॉ0 अनुज कुमार, डॉ0 प्रणवीर सिंह, सुनील कुमार, गौरव सिंह, दुष्यंत राणा, अश्वनी कुमार, सुरेन्द्र कुमार, कुलदीप, राजेन्द्र सिंह आदि शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।