Wednesday, April 30, 2025
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कर्मचारियों के कार्यों को प्राथमिकता के आधार से किया जायेगा- डा सिंह

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हरिद्वार ( कुलभूषण) चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड जनपद हरिद्वार ने नव नियुक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा आर के सिंह को प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा के नेतृत्व में प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र तेश्वर, प्रदेश ऑडिटर महेश कुमार, जिला मंत्री राकेश भंवर ने बुके देकर स्वागत किया और आशा की उनके नेतृत्व में जनपद हरिद्वारस्वास्थ्य सेवाओं के दृष्टिगत प्रथम स्थान पर होगा और कर्मचारीयों के कार्य प्राथमिकता से होंगे।
नवनियुक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा आर के सिंह ने कहा कि कर्मचारियों के कार्यों को प्राथमिकता के आधार से किया जायेगा कोई कार्य नहीं रुकेगा किंतु करमचारियों से भी अपेक्षा है कि वो अपना कार्य प्राथमिकता के आधार पर करें और कोई लापरवाही नही होनी चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा, प्रवक्ता राजेंद्र तेश्वर, ऑडिटर महेश कुमार जिला मंत्री राकेश भंवर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा आर के सिंह से अपनी मांगों के बारे में विस्तार से चर्चा की जिसमे सर्वप्रथम कांवड़ मेला भत्ता/मानदेय सभी कर्मचारियों और अधिकारी को दिया जाए चाहे वो मेला चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय, संयुक्त चिकित्सालय रुड़की और जिनकी ड्यूटी कावड़ मेले में लगी सभी को भत्ता, मानदेय दिया जाए, कमचारियों के योग्य आश्रित को नियुक्ति के समय प्राथमिकता दी जाए। जिसके लिए उनके द्वारा सहमति जताई गई ओर उनके द्वारा बताया गया कि हम अगले कावड़ मेले में सभी कावड़ ड्यूटी करने वालो का बीमा कवर 15दिवस के लिए कराने जा रहे हैं जिसके लिए फाइल तैयार करनी शुरू कर दी गई है भविष्य में जिस तरह एक चिकित्सक जो संविदा पर कार्यरत थे उनकी मृत्यु कावड़ मेले में हुई वह कावड़ मेले में ड्यूटी कर रहे थे इसलिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का बीमा कवर कराया जायेगा जिससे कर्मचारी विशेषकर संविदा कर्मचारी और राज्य कर्मचारी का बीमा होना चाहिए।
सभी कर्मचारियों ने आभार और धन्यवाद देते हुए शुभकामनाएं दीं बुके देने वालों में सर्व श्री दिनेश लखेड़ा, राजेंद्र तेश्वर, महेश कुमार, राकेश भंवर, कमल कुमार, दुर्गा प्रसाद, पंकज कुमार, राकेश कामेंद्र, इत्यादि उपस्थित थे,

 

 

पं अधीर कौशिक के साथ फिल्म गोधरा टीम ने किया गंगा पूजन, की संतो से मुलाकात

फिल्म गोधरा टीम ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी से की  मुलाकात... - shouryagatha

हरिद्वार ( कुलभूषण)  धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचे फिल्म गोधरा के निर्माता निर्देशक व टीम ने आज श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक के साथ गंगा पूजन किया और संतो से आशीर्वाद लिया , आपको बता दे फिल्म गोधरा, गोधरा कांड पर बनी फिल्म है जिसमे राष्ट्र प्रेम और राष्ट्भक्ति को सर्वोपरि रखा गया है । इस फिल्म की टीम ने आज हरिद्वार पहुंचने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी व अन्य संतों से मुलाकात कर फिल्म के बारे में बताया और फिल्म के सफल होने की लिए आशीर्वाद भी लिया। इस बीच श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक भी उनके साथ रहे , पुरी फिल्म टीम ने संतों से आशीर्वाद लेने के बाद मां गंगा का पूजन भी किया और मां गंगा से फिल्म की सफलता की कामना की। आपको बता दें आज फिल्म गोधरा की टीम निरंजनी अखाड़े पहुंची जहां उन्होंने महामंडलेश्वर ललितानंद गिरी, स्वामी दर्शन भारती व रविंद्र पुरी से मुलाकात की ।फिल्म टीम के साथ दिल्ली से आए सुदर्शन न्यूज़ के राष्ट्रीय समन्वयक अमित चौहान ने बताया के सच को दर्शाती ये गोधरा फ़िल्म एक कारसेवको के बलिदान की मार्मिक गाथा है, चलचित्र किसी भी समाज मे बदलाव का एक बड़ा माध्यम होता है आज भारतीय सिनेमा में ऐसी फिल्में आना भविष्य के लिए एक सुखद सन्देश है । उन्होंने अधीर कौशिक जी का धन्यवाद अदा किया।उन्होंने कहा देवभूमि की ये यात्रा एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगी फ़िल्म निर्माता अक्षिता व निर्देशक एम के शिवाक्ष ने भी अधीर कौशिक का धन्यवाद करते हुए कहा अधीर जैसे महापुरुष ही हमारे लिए शक्तिपुंज है ,आज उनके द्वारा में जो आशीर्वाद हमे मिला है ये हमारे लिए किसी संजीवनी से कम नही फ़िल्म की टीम ने अधीर कौशिक जी को मुंबई का निमंत्रण दे उनका सम्मान किया । इस बीच पं अधीर कौशिक द्वारा टीम के उज्ज्वल भविष्य और फिल्म की सफलता की कामना की गई । वही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी ने ने भी फिल्म की सफलता की कामना करते हुए कहा कि उनके द्वारा तमाम साधु संतो को यह फिल्म दिखाई जायेगी और वह लोगो से इस फिल्म को देखने की अपील भी करेंगे ।

सोने-चांदी की कीमतों में भारी उछाल

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नईदिल्ली,। भारतीय शेयर बाजार में भले ही आज (सोमवार) को भारी गिरावट देखने को मिल रही हो लेकिन सर्राफा बाजार में उल्टी गंगा बह रही है. दरअसल, शेयर बाजार के इतर सर्राफा बाजार में सप्ताह के पहले ही दिन उछाल बना हुआ है. इससे पहले बाजार हरे निशान के साथ ओपन हुआ और सोना 70 हजार के पार चला गया, हालांकि इसमें 11 बजे के बाद थोड़ी सी गिरावट दर्ज की गई.
वहीं शुरुआती बाजार में चांदी के दाम भी 83 हजार के ऊपर चले गए. इसके बाद चांदी के दाम में गिरावट देखने को मिली. सुबह 11.30 बजे सोने का भाव 210 रुपये चढक़र 22 कैरेट सोने का भाव 64,222 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया. जबकि 24 कैरेट गोल्ड का भाव 70,060 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया. वहीं चांदी का भाव इस समय 60 रुपये गिरकर 82,750 रुपये प्रति किग्रा पर आ गया.
सुबह साढ़े ग्यारह बजे मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने का भाव 0.30 प्रतिशत यानी 212 रुपये गिरकर 70,001 रुपये प्रति दस ग्राम पर कारोबार कर रहा है. जबकि चांदी का भाव 0.01 फीसदी यानी 7 रुपये गिरकर 82,486 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है.
वहीं विदेशी बाजार यानी यूएस कॉमेक्स पर सोने-चांदी का भाव बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है. फिलहार यूएस कॉमेक्स पर सोना 0.36 प्रतिशत यानी 8.90 डॉलर चढक़र 2,478.70 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है. जबकि चांदी के दाम 0.06 फीसदी यानी 0.02 डॉलर चढक़र 28.41 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है.
राजधानी दिल्ली में सोना (22 कैरेट) 63,901 तो 24 कैरेट गोल्ड का भाव 69,710 रुपये प्रति 10  ग्राम पर पहुंच गया है. जबकि चांदी की कीमत यहां 82,240 रुपये प्रति दस ग्राम पर कारोबार कर रही है. मुंबई में 22 कैरटे सोने का भाव 63,983 रुपये प्रति दस ग्राम तो 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 69,800 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है. वहीं चांदी का भाव मायानगरी में 82,430 रुपये प्रति किग्रा चल रहा है.

सरकार की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए आधुनिक तकनीक का पूर्ण उपयोग किया जाए : मुख्यमंत्री

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-पत्रकारों  कल्याण कोष के लिए कॉरपस फंड की धनराशि 05 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ की जायेगी: सीएम
-सूचना तंत्र को मजबूत बनाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जनपदों का नोडल बनाया जाए।
-सचिव सूचना विभागीय कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा करेंगे।  
-रिंग रोड स्थित सूचना निदेशालय में 05 घण्टे तक चली बैठक में मुख्यमंत्री ने दिये अधिकारियों को आवश्यक निर्देश।

देहरादून(आरएनएस)।  सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक प्रभावी माध्यम से पंहुचाने के लिए सूचना तंत्र को मजबूत किया जाए। आधुनिक तकनीक के प्रयोग के साथ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के साथ ही सोशल मीडिया और यूट्यूब माध्यमों का भी अधिकाधिक प्रयोग सुनिश्चित किया जाए। कार्यों में तेजी लाने के लिए सूचना विभाग द्वारा ई-फाइलिंग प्रणाली का पूर्ण उपयोग किया जाए। जनपदों में सूचना तंत्र को मजबूत किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सूचना तंत्र राज्य के पर्वतीय जनपदों में भी मजबूत हो। इसके लिए विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जनपदों का नोडल अधिकारी बनाया जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिंग रोड स्थित सूचना भवन में सूचना विभाग की लगभग 05 घण्टे की समीक्षा के दौरान दिये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सूचना विभाग के विभिन्न प्रभागों का निरीक्षण भी किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि पत्रकार कल्याण कोष के लिए कॉरपस फंड की धनराशि 05 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ की जायेगी। पत्रकारों के लिए ग्रुप इंश्योरेंस लागू करने के सबंध में उन्होंने विभाग को परीक्षण करने के निर्देश दिये हैं। तहसील स्तर तक पत्रकारों को मान्यता प्रदान करने के लिए भी व्यवस्था बनाई जाए। उन्होंने कहा कि सरकार और जनता के बीच समन्वय बनाने के लिए सरकार के चेहरे के रूप में सूचना विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाए कि मीडिया और विभिन्न प्रचार माध्यमों से जनता को सरल भाषा में सरकार के कार्यों और योजनाओं की जानकारी दी जाए।
जनहित में सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और कार्यों की सक्सेस स्टोरी नियमित प्रकाशित की जाए। मुख्यमंत्री ने सचिव सूचना को निर्देश दिये कि विभाग के कार्यों में और तेजी लाने और विभिन्न व्यवस्थाओं में सुधार के लिए प्रत्येक 15 दिनों में विभाग की समीक्षा की जाए। सूचना विभाग द्वारा विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए सरकार के महत्वपूर्ण कार्यों को मीडिया के माध्यम से जन सामान्य तक पहुंचाया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि विकास पुस्तिका डिजिटल रूप में भी प्रस्तुत की जाए। फिल्म निर्माताओं को राज्य में फिल्म निर्माण के लिए निरंतर प्रोत्साहित किया जाए और उन्हें हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका में भी वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद में हो रहे विभिन्न घटनाक्रमों की भी नियमित मॉनिटरिंग की जाए। जिला सूचना अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाए कि जनपदों में मीडिया के साथ बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें। जिलाधिकारी और अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाते हुए सरकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाए। उन्होंने निर्देश दिये कि जनपद स्तर पर सूचना तंत्र को और मजबूत बनाने के लिए मानव संसाधन के साथ आधुनिक तकनीक पर विशेष बल दिया जाए।
सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने मुख्यमंत्री को विभागीय क्रियाकलापों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में प्रिंट मीडिया में 1572 सूचना पत्र/पत्रिकाएं सूचीबद्ध हैं, जबकि 41 इलेक्ट्रॉनिक चैनल सूचीबद्ध हैं। सोशल मीडिया में 615 वेब पोर्टल व 13 कम्युनिटी रेडियो सूचीबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि विभाग में कार्मिकों के काफी पद रिक्त चल रहे हैं। सूचना अधिकारी और अन्य पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है।
बैठक में विधायक उमेश शर्मा काऊ, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर।  के।  सुधांशु, सचिव आर।  मीनाक्षी सुंदरम, सचिव सूचना शैलेश बगोली, अपर निदेशक सूचना आशिष त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक के। एस।  चौहान, डॉ।  नितिन उपाध्याय, वरिष्ठ वित्त अधिकारी  शशि सिंह, उप निदेशक मनोज श्रीवास्तव और रवि बिजारनियां उपस्थित थे।

यात्रा मार्ग पर फंसे हुए घायल, बुजुर्ग एव दिव्यांगों को ट्रॉली से किया जा रहा रेस्क्यू

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रुद्रप्रयाग, श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए शासन प्रशासन लगातार मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार एव पुलिस अधीक्षक विशाखा मौके से लगातार सभी कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं। जिला प्रशासन सहित, सेना, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एव पुलिस के जवान पूरे रेस्क्यू में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 6 ग्रेनेडियर यूनिट सीओ कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना रास्तों को पुनर्स्थापित करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाश आउट हुए मार्ग पर पैदल पुल बनाने के लिए सेना एव अन्य सुरक्षा बल तत्परता से कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा गौरीकुंड की ओर फंसे घायल, बुजुर्ग एव दिव्यांगों को रेस्क्यू करने के लिए सेना ने एक ट्रॉली स्थापित कर दी है। रविवार को चलने में असमर्थ लोगों के अलावा कई बुजुर्ग एव घायलों को इससे रेस्क्यू किया गया। इसके अलावा सेना के कुछ जवान भीमबली के समीप वाश आउट हुए रास्तों का मुआयना भी कर चुके हैं। इन रास्तों को पुनर्स्थापित करने की योजना तैयार की जा रही है। वहीं डॉग टीम स्निफर डॉग की मदद से सर्च अभियान भी शुरू कर चुकी है।जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को वाश आउट क्षेत्रों में सुरक्षा दीवार एव पुश्तों का निर्माण जल्द शुरू करवाने के निर्देश दिए। खाद्य विभाग को सभी स्थानों पर फूड पैकेट्स, पानी एव भोजन व्यवस्था निरंतर करने के निर्देश भी दिए। इसके अलावा कमांडेंट एनडीआरएफ सुदेश कुमार, एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा पूरे रेस्क्यू पर नजर बनाए हुए हैं।

विकेश के खुलासों से शासन, प्रशासन असहज हुआ, इसलिए उन्हें अपमानित कर किया गया जिला बदर : आरटीआई क्लब

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सूचना का अधिकार का प्रयोगकर भ्रष्टाचार को उजागर करना अपराध नही : डा. बीपी मैंठाणी

देहरादून, उत्तराखंड़ पुलिस द्वारा आरटीआई एक्टिविस्ट व अधिवक्ता विकेश सिंह नेगी को जिला बदर कर दण्डित करने को लेकर आरटीआई क्लब उत्तराखंड़ ने स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता की | पत्रकारों से रूबरू होते हुये क्लब के अध्यक्ष डा. बीपी मैंठाणी ने कहा कि हमारी अधिवक्ता विकेश नेगी से दूरभाष पर बात हुई है। उनका कहना है कि उन पर जितने भी आरोप है वे न्यायलायों में झूठे साबित हुए है और क्यों कि उन्होंने प्रदेश में उच्च स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार को आरटीआई कानून के माध्यम से उजागर किया है इसलिए उन्हें प्रशासन द्वारा दण्डित किया गया है।
उन्होंने कहा कि हम उनके दोष मुक्त होने का दावा नही करते है, क्योंकि हमारा उनसे कोई पूर्व परिचय नही है। वे आरटीआई क्लब के सदस्य भी नही है। परन्तु हाल के घटनाक्रम के आलोक में उनका कथन सत्य प्रतीत होता है। उन्होने हाल ही में प्रतिष्ठित सैन्य धाम के निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया है। कुछ समय पहले उन्होने देहरादून नगर निगम के महापौर और पार्षदों के भ्रष्टाचार को भी उजागर किया है।
उन्होंने कहा कि हम यह मानने के लिए बाध्य हुए है कि विकेश सिंह नेगी को उनके द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का प्रयोग कर प्रशासनिक व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए उत्पीड़ित किया गया है। यदि वे एक असमाजिक व्यक्ति है, जिनके विरूद्ध कई मुकदमें दर्ज है तो उनका जिला बदर पहले भी हो सकता था। हम यह मानते है कि उनके हाल के खुलासों से शासन, प्रशासन असहज हुआ है, इसलिए उन्हें अपमानित करते हुए ढ़ोल नगाड़े के साथ जिला बदर किया गया है। वह कदाचित सही नही हुआ है |
मैंठाणी ने कहा कि सूचना का अधिकार का प्रयोगकर भ्रष्टाचार को उजागर करना अपराध नही है, बल्कि यह इस कानून का मुख्य उद्देश्य है और विकेश नेगी ने एक जागरूक नागरिक की भूमिका निभाई है जिसके लिए उनकी प्रशांसा होनी चाहिए थी।वहीं सरकार के इस कदम से सामान्य नागरिकों में सरकार की कार्यप्रणाली पर संदेह होगा और आरटीआई एक्टिविस्ट का मनोबल गिरेगा।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए आरटीआई क्लब की उपाध्यक्ष एडवोकेट सुश्री रीता सूरी ने कहा कि हम यह देख रहे है कि सरकार ने इन हाइप्रोफाइल घोटालों पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है और न ही इनके विरूद्व जाँच बैठायें जाने की सूचना मीडिया में प्रकाशित हुई है। इस संबन्ध में एक अगस्त को एक पत्र भी जिलाधिकारी को प्रेषित किया गया जिसमें विकेश सिंह नेगी को जिला बदर करने के आदेश पर पुनः विचार कर उसे निरस्त कर उनका उत्पीड़न बन्द करने की भी मांग की गयी, आरटीआई क्लब का मानना है कि यदि विकेश नेगी के विरूद्ध कोई अपराधिक प्रकरण गतिमान है तो उन्हें सामान्य विधिक तरीकों से भी निस्तारित किया जा सकता है |
पत्रकार वार्ता में सुरेन्द्र सिंह थापा, यज्ञ भूषण शर्मा, अजय नारायण शर्मा आदि के आरटीआई क्लब से जुड़े सदस्य भी मौजूद रहे |

आपदा प्रभावित जखन्याली नौताड और मुयाल गांव का विधायक नेगी ने किया दौरा

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टिहरी (घनसाली), प्रतापनगर विधायक विक्रम सिह नेगी ने घनसाली के देवीय आपदा प्रभावित जखन्याली नौताड एवं मुयाल गांव का दौरा किया और नौताड गांव में मारे गये तीन व्यक्तियों के परिवारों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि भारी वर्षा से घरों को खेत खलियानों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि आपदा नियमानुसार मकान ध्वस्त होने पर और जमीने बहने पर क्षति पूर्ति एक लाख तीस हजार है जो कि पहाड़ की विषम परिस्थितियों में ऊंट के मुंह में जीरा है । प्रदेश सरकार को विशेष परिस्थितियों में सहायता राशि को नुकसान का आकलन करके बढ़ाया जाना चाहिये, जिससे इन्हें क्षति पूर्ति में मदद मिले ।
इस अवसर पर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद जोशी, भरत सिंह राणा, शशांक जोशी, रतन सिंह रावत, राजपाल परमार, विनोद लाल शाह, शीशम सिंह रावत, प्यार सिंह पंवार, अतर सिंह सजवाण, बीर सिंह पंवार, जसवीर कंडियाल, श्रीदेव सुमन त्रिलोक सिंह सजवाण, प्यार सिंह बिष्ट, मेहरबान सिंह कुमई मनोज थपलियाल आदि उपस्थित थे ।

उत्तराखंड में भारतीय व्यापार मंडल की नई कार्यकारिणी का गठन

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देहरादून, भारतीय व्यापार मंडल ने आज देहरादून में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपनी नई कार्यकारिणी का गठन किया। इस मुहिम में भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंकुर सिंघल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैभव जैन और राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय जनमेजय ने कहा कि भारतीय व्यापार मंडल व्यापारियों के उत्थान व नवनिर्माण में निरंतर आगे बढ़ रहा है।
प्रेस कांफ्रेंस में भारतीय व्यापार मंडल के नए प्रदेश अध्यक्ष सतीश अग्रवाल और प्रदेश महामंत्री संजीव शर्मा की नियुक्ति की घोषणा की गई। इस अवसर पर उन्होंने व्यापारियों के हित में भारतीय व्यापार मंडल की महत्वपूर्ण भूमिका को बताया और संगठन के विस्तार की योजना की चर्चा की।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भारतीय व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी वैभव जैन ने कहा कि व्यापारी हितों व व्यापारी एकता के लिये भारतीय व्यापार मण्डल सबसे उपयोगी संगठन है और व्यापारियों के लिये यह एक सुरक्षा कवच का काम करता हैस व्यापारी उत्पीड़न के विरोध में भारतीय व्यापार मण्डल का थोड़े समय में एक लम्बा इतिहास है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश महामंत्री संजीव शर्मा ने बताया कि भारतीय व्यापार मण्डल निरन्तर संगठन को मजबूती से आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। हमारे लिये व्यापारी हित सर्वाेपरि है, व्यापारी की हर समस्या का निदान करना हमारी प्राथमिकता हैस शीघ्र ही पूरे प्रदेश में भारतीय व्यापार मण्डल का विस्तार कर और अधिक संख्या में कार्यकर्ताओं को जोड़कर विस्तार किया जायेगा।
प्रेस कांफ्रेंस का संचालन अजय जनमेजय करते हुए बताया कि भारतीय व्यापार मंडल में फुटपाथ पर बैठे व्यापारी से लेकर बड़े उद्योग चलाने वाला उद्योगपति भी शामिल है।

आईआईएम काशीपुर ने सफलतापूर्वक आयोजित किया कॉमन एडमिशन प्रोसेस (सीएपी) 2024

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देहरादून,  आईआईएम काशीपुर ने कॉमन एडमिशन प्रोसेस (सीएपी) 2024 का सफलतापूर्वक आयोजन किया। हर साल, दस भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अपने फ्लैगशिप एमबीए/पीजीपी इन मैनेजमेंट प्रोग्राम में प्रवेश प्रक्रिया के लिए एक कॉमन पर्सनल इंटरव्यू (पीआई) आयोजित करने के मकसद से हाथ मिलाते हैं। सीएपी समूह का हिस्सा बनने वाले दस आईआईएम बोधगया, जम्मू, काशीपुर, नागपुर, रायपुर, रांची, संबलपुर, सिरमौर, तिरुचिरापल्ली और उदयपुर हैं।

कॉमन एडमिशन प्रोसेस 2024 में पीआई राउंड के लिए रिकॉर्ड संख्या में उम्मीदवार (16,371) उपस्थित हुए। इस वर्ष के सीएपी में कुल 3800 छात्राएं पीआई के लिए उपस्थित हुईं। पिछले वर्षों की परंपरा का पालन करते हुए, इस वर्ष का सीएपी पीआई भी ऑनलाइन आयोजित किया गया। दस आईआईएम की कॉमन ऑनलाइन पीआई प्रक्रिया से एमबीए/पीजीपी उम्मीदवारों के लिए समय और धन की पर्याप्त बचत संभव हो जाती है।

इस वर्ष के सीएपी में, उम्मीदवारों को कैट पंजीकरण फॉर्म भरते समय की गई कुछ गलतियों को सुधारने का अवसर भी दिया गया। प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए, उम्मीदवारों को परिणाम घोषित होने के बाद सीएपी पोर्टल पर अपने नॉर्मलाइज्ड पीआई स्कोर को देखने का अवसर भी मिला।

सीएपी में भाग लेने वाला प्रत्येक आईआईएम पहले से प्रकाशित प्रवेश नीति के आधार पर नॉर्मलाइज्ड पीआई स्कोर और अन्य मानदंडों का उपयोग करके एक अलग मेरिट सूची बनाता है और व्यक्तिगत रूप से प्रस्ताव भेजता है। पहली कुछ प्रस्ताव सूचियाँ आम तौर पर सभी सीएपी-भाग लेने वाले आईआईएम द्वारा एक ही तिथि पर भेजी जाती हैं, ताकि उम्मीदवार अपने संस्थान के चयन के बारे में सोच-समझकर बेहतर तरीके से निर्णय ले सकें।

हर साल, सीएपी-भाग लेने वाले आईआईएम में से एक को सीएपी समन्वयक के रूप में नामित किया जाता है। आईआईएम काशीपुर ने सीएपी 2024 के लिए समन्वयक की भूमिका निभाई, जो पूरी प्रक्रिया की देखरेख कर रहा था।

उत्तराखंड के सीएम धामी ने AI पर दिया जोर,सीएम धामी ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की घोषणा की

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देहरादून, उत्तराखंड राज्य परिषद विज्ञान और प्रौद्योगिकी (UCOST) द्वारा “उत्तराखंड के लिए AI” पर एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जो कि देहरादून के मुख्यमंत्री सदन में हुआ। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के लिए तत्परता को बढ़ाना और राज्य में एक सक्रिय AI पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने की, जिन्होंने उद्घाटन भाषण दिया। उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन AI के उपयोग के लिए एक रोड मैप तैयार करेगा, जो सततता, पारिस्थितिकी, अर्थव्यवस्था, और जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित करेगा।

उद्घाटन सत्र में IAS नितेश झा ने स्वागत भाषण दिया और चिकित्सा, शिक्षा, और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में AI को अपनाने पर चर्चा की। इस कार्यक्रम के दौरान Bodhisattva के ऑनलाइन संस्करणों का भी विमोचन किया गया, जो कि अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों भाषाओं में उपलब्ध हैं।

UCOST के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने उत्तराखंड को “सॉल्यूशन स्टेट” बताया और समाधान, आध्यात्मिकता, और विज्ञान के 3 S’s पर प्रकाश डाला। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा भी प्रस्तुत की। सेवानिवृत्त IAS दिनेश त्यागी ने कहा कि AI लोगों की ज़िन्दगी को सरल बनाता है।

कार्यक्रम में AI के विभिन्न पहलुओं पर तकनीकी सत्रों की एक श्रृंखला शामिल थी। पहले सत्र का शीर्षक था “उत्तराखंड के लिए AI पारिस्थितिकी तंत्र – राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखण,” जिसमें विभिन्न विशेषज्ञों ने अपनी राय प्रस्तुत की। प्रोफेसर संजय जसोला, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति, ने तेजी से बदलती तकनीकी प्रगति के बीच अकादमिक संस्थानों के लिए चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की। डॉ. हरिश कर्नाटक, ISRO-IIRS ने भौगोलिक डेटा के संदर्भीकरण के माध्यम से निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में AI की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त) अशोक कुमार, रक्षा मंत्रालय ने AI प्रौद्योगिकियों, विशेषकर डीप फेक तकनीक के सुरक्षा चिंताओं और नैतिक प्रभावों पर ध्यान केंद्रित किया। डॉ. प्रीत दीप सिंह, इन्वेस्ट इंडिया ने भविष्य की तकनीकों के लिए निवेश आकर्षित करने पर जानकारी दी, जिसमें डेटा कौशल और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रोफेसर धर्म बुधि, उत्तरांचल विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा में एक बहुविषयक दृष्टिकोण की वकालत की, जबकि प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी, IIT रुड़की ने सहयोगात्मक AI अनुसंधान परियोजनाओं से सीखे गए पाठ साझा किए।

दूसरे विषय सत्र का शीर्षक था “भविष्य के लिए तैयारी – बुनियादी ढांचा, कौशल, और नवाचार,” जिसमें AI पहलों का समर्थन करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और कौशल सेट पर चर्चा की गई। प्रोफेसर मयंक अग्रवाल, गुरुकुल कांगरी विश्वविद्यालय द्वारा समन्वित इस सत्र में डॉ. एचएस बिष्ट, CSIR-IIP ने मौलिक अनुसंधान में AI की भूमिका पर चर्चा की; डॉ. मनी माधुकर, IBM इंडिया ने शिक्षा पर उद्योग के प्रभाव की समीक्षा की; और प्रोफेसर ए.के. त्रिपाठी, आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने पारंपरिक प्रथाओं में AI के एकीकरण की जांच की। अन्य वक्ताओं में डॉ. प्रीति कोटियाल, देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय, श्री सिद्धार्थ माधव, टेक्नोहब लेबोरेट्रीज़, और श्री मनस उपाध्याय, DTOWN रोबोटिक्स लिमिटेड ने नवोन्मेषी शिक्षा मॉडलों और तकनीकी स्टार्टअप्स की संभावनाओं पर प्रस्तुतिकरण किया।

तीसरे सत्र का शीर्षक था “उत्तराखंड के लिए AI को कार्यान्वित करना – क्षेत्रीय डेटा और उपयोग के मामले,” जिसमें AI के व्यावहारिक अनुप्रयोगों को विभिन्न क्षेत्रों में दर्शाया गया। Ms. मैत्रेयि शर्मा, ACROKNACKS टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस ने डिजिटल मीडिया क्षेत्र में AI के प्रभाव पर चर्चा की। डॉ. कमल पांडेय, ISRO-IIRS ने बुद्धिमान निर्णय लेने के लिए रिमोट सेंसिंग के साथ AI के एकीकरण पर बात की। कैप्टन कुनाल उनियाल, Maritech ने लॉजिस्टिक्स और ट्रैफिक चुनौतियों को AI के माध्यम से हल करने पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि श्री राजत वर्धन, AgroNxt ने स्मार्ट मिट्टी पोषक तत्व परीक्षण उपकरणों पर प्रकाश डाला। डॉ. ए.एस. नैन, GBPUAT पंतनगर ने कृषि में AI अनुप्रयोगों की जांच की, और श्री मनीष कुमार, अशोका बिल्डकॉन ने स्मार्ट शहरों में AI के उपयोग मामलों पर चर्चा की।

सम्मेलन का प्रमुख आकर्षण था समापन संवाद सत्र “उत्तराखंड के लिए AI रोडमैप – समूह गतिविधि,” जिसमें प्रतिभागियों को एक संपूर्ण AI रणनीति तैयार करने के लिए सहयोगी चर्चाओं में शामिल किया गया। इस सत्र का उद्देश्य क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए AI के उपयोग के लिए विचारों को ठोस योजनाओं में बदलना था।

यह सम्मेलन राज्य की मौजूदा AI क्षमताओं का मूल्यांकन करने और भविष्य के विकास के लिए एक रणनीतिक रोडमैप तैयार करने के लिए एक सहयोगी मंच प्रदान करने का उद्देश्य था। यह रोडमैप नैतिक विचारों, नीति ढांचों, और एक मजबूत AI वातावरण को समर्थन देने के लिए आवश्यक क्षमता निर्माण प्रयासों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को संबोधित करेगा।

उत्तराखंड के लिए AI सम्मेलन कृत्रिम बुद्धिमत्ता को राज्य की विकास रणनीति में एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उत्तराखंड के भविष्य पर नवाचारात्मक वृद्धि और परिवर्तनकारी प्रभाव का मार्ग प्रशस्त करेगा।

सरकार की तत्परता से यात्रा मार्ग में फँसे हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला गया- कुलदीप रावत

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रुद्रप्रयाग- जानेमाने समाज सेवी कुलदीप रावत ने केदार नाथ यात्रा मार्ग में हुई अतिबृष्टि से उपजे हालातों पर सरकार की संवेदनशीलता व तत्परता के लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की के प्रयासों की सराहना करते हुये कहा कि समय रहते राहत एँव बचाव कार्य त्वरित गति प्रदान करने के कारण इस दैवीय आपदा के प्रभाव को कम करने में सफलता मिली है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी में जिला प्रशासन के अथक प्रयासों से यात्रा मार्ग में फँसे दस हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। उन्होने राहत एँव बचाव कार्य में स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग की भी सराहना की जिन्होने एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रशासन का सहयोग किया। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार भी हर संभव मदद कर राहत एँव बचाव कार्य पर नजर बनाये हुये है। गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने प्रभावित छैत्रों का दौरा कर प्रभावितों की कुशल झेम जानी व राहत एँव बचाव कार्य में लगे राहत दलों का हौसला बढाया। राहत एँव बचाव कार्य को गति प्रदान करने व यात्रीयों को जल्दी से जल्दी सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिये चिनूक व एमआई 17 का सहारा लिया गया।
केदार घाटी के आपदा प्रभावित छैत्रों में पिछले कुछ दिनों से अपनी टीम के साथ प्रभावितों की मदद में जुटे समाजसेवी व भाजपा नेता कुलदीप रावत आज रुद्रप्रयाग गढ़वाल मंडल विकास निगम में पत्रकारों से मुखातिब हुए। उन्होने कहा कि काँवण यात्रा होने के कारण यात्रा मार्ग में यात्रियों की संख्या का सही अनुमान लगाना संभव नही हो पा रहा है । सरकार की पहली प्रार्थमिकता मार्ग में फँसे लोगों को सुरक्षित निकलना था जिसमें युद्ध स्तर पर सर्च आपरेसन कर फँसे लोगों को पैदल मार्गो व हेली सेवाओं से सुरक्षित निकाला गया। अब सेना की मदद से ध्वस्त हुए पैदल मार्गो को ठीक करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
उन्होने स्थानीय ग्रामीणो, ब्यापार संघ, टैक्सी यूनियन का आभार ब्यक्त किया जो प्रशासन के साथ कधें से कधां मिलाते हुए लगातार प्रभावितों की सहायता में जुटे हैं। उन्होने कहा कि स्वयँ वे ओर उनकी टीम भी आपदा के बाद से प्रभावित छैत्रों में मदद करने में जुटे थे। यात्रियों की भोजन ब्यवस्था व केदार घाटी से निःशुल्क वाहनों से गन्तब्य तक पहुचाँया गया। उन्होने विपक्षी पार्टियों से इस आपदा की घडी में राजनीती न कर सहयोग करने की बात कही। जिससे शीघ्रता से चुनौतियों से निपट कर केदारनाथ यात्रा को पुनः संचालित किया जा सके।