Wednesday, June 18, 2025
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जिलाधिकारी ने मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी से छीने कई काम, अब कार्यों का नये सिरे से हुआ बंटवारा

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देहरादून, जिलाधिकारी ने नगर निगम देहरादून में वर्षों से चली आ रही कार्य प्रणाली को कार्यभार ग्रहण करने के पांचवे दिन ही बदल दिया। वर्षों पुरानी चली आ रही कार्य प्रणाली को जिलाधिकारी ने एक झटके में बदल दिया, सफाई व्यवस्था एवं मॉनिटिरिंग, कूड़ा उठान, कूड़ा वाहन संचालन, फॉगिंग, सत्यापन का कार्य अब उप नगर आयुक्त देखेंगे । इससे पहले मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी देखते थे यह कार्य।
मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी केवल अपने पद के मूल कार्य स्वास्थ्य विभाग से समन्वय, शहरी क्षेत्र में डेंगू-मलेरिया रोकथाम, सर्विलांस, स्वास्थ्य जोखिम आंकलन आदि कार्य देखेंगे।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने सफाई कार्यों के सफाई व्यवस्था एवं मॉनिटिरिंग, कूड़ा उठान, कूड़ा वाहन संचालन, फॉगिंग, कार्य सत्यापन सम्बन्धी कार्य देख रहे मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी से यह कार्य हटाते हुए उनके पद के मूल कार्य दिए गए हैं, अब वे अपने पद के मूल कार्य स्वास्थ्य विभाग से समन्वय, शहरी क्षेत्र में डेंगू-मलेरिया रोकथाम, सर्विलांस, स्वास्थ्य जोखिम आंकलन आदि कार्य करेंगे। सफाई व्यवस्था एवं मॉनिटिरिंग, कूड़ा उठान, कूड़ा वाहन संचालन, फॉगिंग, सत्यापन कार्य अब उप नगर आयुक्त द्वारा किया जाएगा, जिसके लिए जिलाधिकारी की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं।
जिलाधिकारी नगर निगम के सफाई कार्यों की स्वंय मॉनिटिरिंग कर रहे हैं, उन्होंने कूड़ा उठान कार्यों एवं मॉनिटिरिंग में लचर व्यवस्था पाए जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की थी। यह सभी कार्य उप नगर आयुक्त का है, जबकि जनपद में कई वर्षों से यह कार्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी अपने पद के अन्य कार्यों के साथ कर रहे थे, जिसको जिलाधिकारी ने अब बदल दिया है।
नगर निगम अंतर्गत स्वच्छता समिति, कूड़ा उठान वाहन एवं अनुबंधित कंपनी के कार्यों के सत्यापन हेतु अपनाई गई कार्यप्रणाली पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जाहिर करते हुए सफाई कार्यों में गुणवत्ता एवं सत्यापन कार्यों में पारदर्शिता रखने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कार्यभार ग्रहण करने के दूसरे ही दूसरे ही दिन 6 सितम्बर को देर शाम नगर निगम पंहुचकर सफाई व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों को तलब किया। कूड़ा निस्तारण कार्यों की भी समीक्षा करते हुए अनुबन्धित कम्पनियों को कार्य प्रवृत्ति में सुधार लाने हेतु 45 दिन की मोहलत दी है। जिलाधिकारी स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि कार्यों में लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

दून के दिल पर डाका : ऐतिहासिक “घंटाघर” में चोरी होने से मचा हड़कंप

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देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), राज्य की राजधानी दून में अब चोर सरकारी सम्पत्ति पर भी अपनी नजर गढ़ाये हुये हैं, चोरों की यह टेड़ी ऐतिहासिक धरोहर को भी नहीं छोड़ रही है और पुलिस की नाक के नीचे चोर चोरी करके फुर्र हो जाते हैं और पुलिस हाथ हाथ धरे रह जाती है, चोरी की यह वारदात दून के दिल कहे जाने वाले घंटाघर में हुयी, लेकिन गजब की बात यह कि स्मार्ट सिटी के कैमरों के बीच और पुलिस पिकेट के नजदीक होने के बावजूद भी चोर में चोरी करके निकल गया, जिसके फलस्वरूप हमेशा टिक-टिक करने वाली घंटाघर की घड़ियां थम गई तो हड़कंप मच गया, लोग हैरान हुए । आनन फानन में बुधवार को नगर निगम के आला अधिकारी घंटाघर पहुंचे और छानबीन शुरू कर दी, इसके बाद निगम ने दून पुलिस में तहरीर दी जिसके बाद पुलिस जांच में जुट गई है ।
सीओ सिटी देहरादून नीरज सेमवाल ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि कोई चोरी हुई जिसके कारण घंटाघर की घड़ियां रुक गई है, तो तुरंत पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन करने लगी, इसकी जांच के लिए पुलिस, एफएसएल और नगर निगम की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया, वहीं नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि निगम को कुछ दिनों पहले घंटाघर की सुइयां बंद होने की खबर मिली थी तो उन्होंने अधिकारियों को घड़ी जांचने के निर्देश दिये, वहां जाकर अधिकारियों को पता चला कि घंटाघर के चारों ओर लगाए गए फाउंटेन में लगाई गई कीमती नोजल, पैनल चोरी और घंटाघर की लाइटों की केबल समेत कुछ कीमती सामान चोरी हो गया । पुलिस ने आज घंटाघर को सील कर मामले की जांच शुरू कर दी है ।

वहीं दून के पलटन बाजार में रहने वाले अजय गुप्ता ने बताया कि 1947 में उनके पिता देहरादून आकर बस गए थे और वह घंटाघर को बचपन से निहारते आ रहे हैं, पहले वह यहां पर खेलते भी थे लेकिन बात पुरानी हो गयी अब घंटाघर बहुत बदल गया है, उन्होंने अपने पूर्वजों से सुना था कि यहां घंटाघर में इस्तेमाल होने वाली मशीन विदेशों से आई हैं । उन्होंने कहा है कि यह देहरादून की पहचान है और सरकार की प्राथमिकता उसकी सुरक्षा होनी चाहिये।

एशिया का सबसे अनोखा ‘घंटाघर’ :

दून का दिल ‘घंटाघर’ एशिया का सबसे अनोखा घंटाघर है क्योंकि और जगहों पर 2 या 4 घड़ियों का घंटाघर है यहां पर 6 घड़ियां है, यह पहले बलवीर क्लॉक टावर के नाम से जाना जाता था, क्योंकि इसे शेर सिंह ने अपने पिता बलवीर सिंह की याद में बनवाया था, वर्ष1948 में इसका निर्माण शुरू हुआ और इसकी आधारशिला उत्तर प्रदेश की तत्कालीन राज्यपाल सरोजिनी नायडू ने रखी थी। जबकि वर्ष 1953 में तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने इसका उद्घाटन किया था, षट्कोणीय आकर के बने घंटाघर में हर दीवार पर प्रवेश द्वार है, यह ईंट और पत्थरों से बना हुआ है जिसमें ऊपर चढ़ने के लिए गोल घुमावदार सीढ़ियां लगी हैं बताया जाता है कि इसमें स्विट्जरलैंड से भारी भरकम घड़ी और मशीने मंगवाई गई थी जो समय का बोध कराती थी लेकिन बाद में इसमें इलेक्ट्रॉनिक घड़ियां लगवाई गई, इसमें अलग-अलग तरफ छह घड़ियाँ लगी हुई हैं और इसे मुख्य रूप से एक लैंडमार्क के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। घंटाघर के निर्माण में करीब 1.5 लाख रुपए का खर्च आया था और घड़ी को खास तौर पर स्विटजरलैंड से मंगाया गया था।

बिजली कनेक्शन के नाम पर 15 हजार की रिश्वत लेते जेई और दलाल गिरफ्तार

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देहरादून, उत्तराखंड़ विजिलेंस ने बिजली कनेक्शन लगवाने की आड़ में रिश्वतखोरी कर रहे यूपीसीएल के जेई और प्राइवेट दलाल को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास विजिलेंस ने 15 हजार की रिश्वत बरामद की है। विजिलेंस की इस कार्रवाई से पूरे महकमे में हड़कंप मचा है।
विजिलेंस से मिली जानकारी के मुताबिक विद्युत विभाग के जेई, परवेज आलम एवं उसके सहयोगी (दलाल) आदित्य नौटियाल को रू0 15000 की रिश्वत लेते रंगे हाथो गिरफ्तार किया गया है। शिकायतकर्ता की शिकायत पर आज सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून की ट्रैप टीम द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करते हुये परवेज आलम जेई विद्युत विभाग सब स्टेशन हर्बटपुर देहरादून व उसके दलाल आदित्य नौटियाल निवासी विकास नगर (प्राईवेट व्यक्ति ) को शिकायतकर्ता से बिजली के कन्केशन लगाने के एवज में रू0 15000 (पन्द्रह हजार रूपये )रिश्वत ग्रहण करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी की गिरफ्तारी उपरान्त सतर्कता अधिष्ठान देहरादून की टीम द्वारा अभियुक्त के आवास की तलाशी व अन्य स्थानों पर चल-अचल सम्पत्ति के सम्बन्ध में पूछताछ जारी है।
निदेशक सतर्कता डॉ0 वी0 मुरूगेसन,महोदय द्वारा ट्रैप टीम को नकद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की गयी।

रिश्वतखोरी की यहां करें शिकायत :

यदि कोई राज्य के सरकारी विभागों में नियुक्त अधिकारी/कर्मचारी एवं लोक सेवक द्वारा लोक कर्तव्य के निर्वहन में अपने आचरण द्वारा या अन्य प्रकार के असम्यक लाभ (पारितोषण) हेतु अवैध मांग या किसी को प्रेरित कराकर रिश्वत (उत्कोच) की मांग की जाती है या उसके द्वारा आय से अधिक अवैध सम्पत्ति अर्जित की गयी हो, तो इस सम्बन्ध में सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री हैल्पलाइन नम्बर-1064 एवं Whatsapp नम्बर 9456592300 पर सम्पर्क कर भ्रष्टाचार के विरूद्ध अभियान में निर्भीक होकर सूचना दें।

 

जूनियर इंजीनियर व दलाल को रिश्वत लेते पुलिस ने किया गिरफ्तारजूनियर इंजीनियर व दलाल रिश्वत लेते गिरफ्तार - Avikal Uttarakhand

देहरादून, विद्युत विभाग के जेई, परवेज आलम एवं उसके सहयोगी (दलाल) आदित्य नौटियाल को 15000/-रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
शिकायतकर्ता की शिकायत पर मंगलवार को सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादनू की ट्रैप टीम ने परवेज आलम जेई विद्युत विभाग सब स्टेशन हर्बटपुर व उसके दलाल आदित्य नौटियाल निवासी विकास नगर को शिकायतकर्ता से बिजली के कन्केशन लगाने के एवज में रू0 15000 (पन्द्रह हजार रूपये) रिश्वत ग्रहण करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
आरोपी की गिरफ्तारी उपरान्त सतर्कता अधिष्ठान देहरादून की टीम द्वारा अभियुक्त के आवास की तलाशी व अन्य स्थानों पर चल-अचल सम्पत्ति के सम्बन्ध में पूछताछ जारी है।
निदेशक सतर्कता डॉ० वी० मुरूगेसन ने ट्रैप टीम को नकद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की गयी।

सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुशार ही करें केदारनाथ की यात्रा- अजेंद्र अजय

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” बद्री केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंन्द्र अजय ने कहा कि मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देश में सरकारी तंत्र द्वारा किये गये कार्यों ने यात्रियों व स्थानीय लोगों का विश्वास जीता है। यही कारण है कि पुनः भारी संख्या में यात्री केदारनाथ के दर्शनों को आ रहे है”।

(देवेंन्द्र चमोली) 
रुद्रप्रयाग- केदारनाथ धाम की यात्रा पुनः शुरू होने पर बद्री केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने खुशी ब्यक्त करते हुये सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होने कहा कि 31 जुलाई को केदारनाथ यात्रा मार्ग में हुई अतिबृष्टि के बाद उपजे हालातों को सरकार ने त्वरित कार्यवाही करते हुये यात्रा मार्ग सहित केदारनाथ धाम में फँसे प्रभावितों को सकुशल निकाला व कुछ ही दिनों में आपदा की चुनौतियों से निपटकर बाधित यात्रा को पुनः संचालित करने का ऐतिहासिक कार्य किया है।
आज आपदा के बाद केदारनाथ धाम सहित केदार घाटी के हालातों का निरीक्षण कर रुद्रप्रयाग पहुँचे बद्री केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने पत्रकारों से मुलाकात कर यात्रा बयवस्था व यात्रा के बारे में जानकारी साझा की। उन्होने प्रदेश के मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी का विशेष आभार ब्यक्त करते हुये कहा कि मुख्य मंत्री ने स्वयं छैत्र में पहुँच कर अपनी निगरानी में आपदा के बाद राहत बचाव से लेकर यात्रा मार्ग को दुरस्त करने का बीडा उठाया उसके फल स्वरूप केदार नाथ यात्रा पुनः कुछ ही दिनों में शुरू हो पाई है। उन्होने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का बस नहीं चलता लेकिन आपदा के बाद उपजे हालातों , राहत बचाव कार्य हो या आपदा से हुये नुकसान को कम करना इंसान के बस में है जिसे सरकार ने बखूबी निभाया। मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देश में सरकारी तंत्र द्वारा किये गये कार्यों ने यात्रियों व स्थानीय लोगों का विश्वास जीता है। यही कारण है कि अधिक से अधिक संख्या में यात्री केदार नाथ के दर्शनों को आ रहे है।
मुण्डकटिया भूस्खलन में यात्रियों की मौत पर दुःख ब्यक्त करते हुये उन्होने कहा कि अभी बरसात लगातार हो रही है आपदा के बाद मार्ग में कई भूस्खलन जोन सक्रिय हुये है जिसे देखते हुये प्रशासन ने ऐतिहात बरतने को कहा है। उन्होने यात्रियों से आग्रह किया है कि सरकार व जिला प्रशासन द्वारा जारी एडवाईजरी के अनुशार ही यात्रा करें।
उन्होने बताया कि लगातार चारों धामों में साल दर साल यात्रियों की संख्या में बढोत्तरी हो रही है जिसे देखते हुये
धामों मे पहुँच रहे यात्रियों की सुरक्षा व उन्हें सुविधा उपलब्ध कराने के लिये लगातार सुधार किये जा रहे है। उनके द्वारा सुरक्षा संवर्ग का प्रसाताव शासन को भेजा गया है जिसे सरकार ने स्वीकार किया है।
केदार नाथ में उठे स्वर्ण विवाद पर उन्होने कहा कि यह विपक्ष द्वारा अनावश्यक ध्यान भटकाने के लिये किया जा रहा कुत्सित प्रयास है। उन्होने बताया कि शासन की स्वीकृति के पश्चात प्रशासन की देखरेख में दानी दाता ने गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित कराया। लेकिन विपक्ष बद्री केदार मंदिर समिति को आनावश्यक बीच में घसीटकर दुष्प्रचार कर रहा है। उन्होने कहा कि इस तरह के आरोपों से दानी दाताओ की आस्था को आघात पहुँचाया गया। जो कि देवभूमि की धार्मिक मान्यताओं के लिये अच्छा नहीं है।इस दौरान उन्होने बद्री केदार मंदिर समिति द्वारा सकुशल यात्रा संचालित करने व धामों को संवारने के लिये किये जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी साझा की।
इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व जिलाध्यक्ष विजय कप्रवाण, अजय सेमवाल, सत्येन्द्र बर्तवाल, अनूप सेमवाल आदि मौजूद थे।

मलाइका के पिता अनिल अरोड़ा ने सातवीं मंजिल से कूदकर की खुदकुशी, पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर छानबीन में जुटी

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मुम्बई, बाॕलीवुड अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा के पिता अनिल अरोड़ा ने बुधवार सुबह 9 बजे खुदकुशी कर ली। अनिल ने बांद्रा स्थित बिल्डिंग आयशा मैनॉर की सातवीं मंजिल से कूदकर खुदकुशी की। उन्होंने किन कारणों से ऐसा कदम उठाया उसका अभी पता नहीं चल पाया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कहा जा रहा है कि अनिल अरोड़ा पिछले कुछ समय से बीमार थे।

पुलिस को प्रारंभिक जांच में कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। शव को पोस्टमार्टम के लिए बाबा अस्पताल भेज दिया गया है। मलाइका को जब पिता के निधन की खबर मिली तब वो पुणे में थीं। जानकारी मिलते ही वो तुरंत मुंबई के लिए रवाना हो गईं। मलाइका के एक्स हस्बैंड अरबाज खान परिवार के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
अनिल अरोड़ा इसी आयशा मैनॉर बिल्डिंग में रहते थे।
अनिल मर्चेंट नेवी में काम कर चुके थे बीते साल अनिल को बीमारी की वजह से मुंबई के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। मलाइका को मां जॉइस के साथ हॉस्पिटल में स्पॉट किया गया था। हालांकि, उनके ट्रीटमेंट की वजह सामने नहीं आ सकी थी। वर्ष 2022 में क्रिसमस पर मलाइका ने मां जॉइस, पिता अनिल अरोड़ा और बहन अमृता के साथ फोटो शेयर की थी।
2022 में क्रिसमस पर मलाइका ने मां जॉइस, पिता अनिल अरोड़ा और बहन अमृता के साथ फोटो शेयर की थी।
अनिल पंजाबी हिंदू परिवार से ताल्लुक रखते थे। वो मर्चेंट नेवी में रह चुके हैं। उनकी शादी जॉइस पॉलीकॉर्प से हुई थी। बाद में तलाक हो गया। अनिल-जॉइस शादी के बाद दो बेटियों के पेरेंट्स बने थे जिनके नाम मलाइका और अमृता अरोड़ा हैं। पुलिस जांच के बाद ही यह साफ हो पायेगा कि आखिर अनिल ने इस तरह का कदम किन कारणों से उठाया |

 

 

समर्पण सोसाइटी ने बलात्कार पीड़ितों के लिये फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट्स बनाने की उठाई मांग

 

देहरादून, समर्पण सोसाइटी फॉर हेल्थ रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने बलात्कार पीड़ितों के लिए विशेष त्वरित अदालतों (फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट्स) की मांग की, इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन की रिपोर्ट के आधार पर, गैरसरकारी संगठन समर्पण सोसाइटी फॉर हेल्थ रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने बलात्कार और यौन शोषण के पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए 1000 नई विशेष त्वरित अदालतों के गठन की मांग की है। संस्था की रिपोर्ट का शीर्षक “फास्ट ट्रैकिंग जस्टिस : रोल ऑफ फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट्स इन रिड्यूसिंग केस बैकलॉग्स” है, जिसे नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला में प्रस्तुत किया गया, बाल विवाह मुक्त भारत 200 से ज्यादा गैरसरकारी संगठनों का एक राष्ट्रव्यापी गठबंधन है जो देश के 400 से ज्यादा जिलों में बाल विवाह के खात्मे के लिए काम कर रहा है।
इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन और समर्पण सोसाइटी फॉर हेल्थ रिसर्च एंड डेवलपमेंट बाल विवाह मुक्त भारत के गठबंधन सहयोगी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जहां सामान्य अदालतों में बलात्कार और पॉक्सो मामलों के निपटारे की दर केवल 10% है, वहीं विशेष त्वरित अदालतों (फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट्स) में यह दर 83% रही, जो 2023 में बढ़कर 94% तक पहुंच गई। यदि 1000 नई अदालतें नहीं बनाई गईं, तो बलात्कार और यौन शोषण के लंबित 2,02,175 मामलों का निपटारा करने में तीन साल का समय लग सकता है। वहीं हर तीन मिनट में एक मामले का निपटारा किया जाना आवश्यक होगा। रिपोर्ट में निर्भया फंड की अप्रयुक्त राशि से नई अदालतों के गठन और मौजूदा अदालतों को सुचारु रूप से चलाने का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 1700 करोड़ रुपये की अप्रयुक्त निधि में से केवल 1302 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।
समर्पण सोसाइटी के अध्यक्ष विपिन पंवार ने राज्य सरकार से बलात्कार पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए नई विशेष अदालतों के गठन की अपील की। उन्होंने कहा कि न्याय में देरी पीड़ितों के लिए न्याय से वंचित होने जैसा है। रिपोर्ट ने स्पष्ट किया है कि विशेष त्वरित अदालतें ही लंबित मामलों के तेजी से निपटारे का समाधान हैं। यदि ये अदालतें स्थापित नहीं की गईं, तो बलात्कार और पॉक्सो के मामलों का निपटारा सालों तक लटका रह सकता है।

रुद्रप्रयाग के अमसारी में हुए हत्याकाण्ड के आरोपी को रुद्रप्रयाग पुलिस ने किया गिरफ्तार

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“पुलिस उपाधीक्षक रुद्रप्रयाग प्रबोध कुमार घिल्डियाल ने बताया कि आरोपी को दिल्ली पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया गया। आरोपी से घटनाक्रम सम्बन्धित अन्य जानकारी जुटाई जा रही है।

रुद्रप्रयाग- कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत अमसारी गांव में 31 अगस्त को दिन दहाड़े एक महिला को उसके पति द्वारा गोली मारकर हत्या कारित करने की घटना हुई थी। आरोपी हत्या के बाद फरार चल रहा था। पहाड़ की शान्त वादियों में इस प्रकार का घटनाक्रम पुलिस के लिये एक चुनौती बना हुआ था। जिसमें पुलिस को कामयाबी मिली है जनपद पुलिस ने हत्यारोपी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल ने पत्रकार वार्ता कर जानकारी देते हुये बताया कि घटना के दिन से ही पुलिस के स्तर से मृतका राधिका की मां श्रीमती रानी पत्नी स्व0 श्री राजेश हाल कर्मचारी तहसील बसुकेदार, जिला रुद्रप्रयाग की तहरीर के आधार पर कोतवाली रुद्रप्रयाग में पंजीकृत मु.अ.सं.49/2024 धारा 103(1) बीएनएस बनाम राजीव त्यागी (हत्या) का अभियोग पंजीकृत कर विवेचना प्रचलित की गयी। विवेचना के दौरान पुलिस के स्तर से घटनास्थल पर फोरेंसिक टीमों की सहायता से साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की गयी।
पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने पुलिस उपाधीक्षक रुद्रप्रयाग के पर्यवेक्षण में अभियोग के अनावरण हेतु टीम गठित कर पुलिस टीम को अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु दबिश दिये जाने हेतु सम्भावित स्थानो पर रवाना किया गया।
इस मध्य जनपद में नये पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग के आगमन के उपरान्त उनके द्वारा ली गयी परिचयात्मक गोष्ठी के दौरान ऐसे जघन्य अपराध से सम्बन्धित वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
उक्त अभियोग की विवेचना के दौरान जनपद पुलिस को जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त अभियुक्त थाना शालीमारबाग दिल्ली में पंजीकृत मु.असं. 287/2019 धारा 307 भादवि व 25/27 आर्म्स एक्ट में मा0 न्यायालय दिल्ली से जारी आदेशिका गैर जमानती वारण्ट में स्पेशल स्टॉफ नॉर्थ वेस्ट द्वारा गिरफ्तार कर मा0 न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था। जनपद पुलिस के विवेचक उपनिरीक्षक मुकेश डिमरी द्वारा सम्बन्धित मा0 न्यायालय में ट्रांजिट रिमाण्ड हेतु आवेदन किया गया। मा0 न्यायालय द्वारा आवेदन स्वीकार करते हेतु उक्त अभियुक्त को जनपद पुलिस टीम द्वारा दिल्ली से रुद्रप्रयाग लाकर आवश्यक पूछताछ की गयी, उसके द्वारा अपना अपराध स्वीकार किया गया है। इसके द्वारा हत्याकांड में प्रयुक्त असलाह इत्यादि के बारे में विवेचना प्रचलित है। पूछताछ में इसका अपनी पत्नी के साथ आपसी पारिवारिक विवाद का होना बताया गया है। पुलिस के स्तर से अभियुक्त राजीव त्यागी उर्फ गांधी त्यागी पुत्र श्री सर्वेश कुमार निवासी ग्राम हैदरपुर थाना शालीमारबाग दिल्ली को मा0 न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।

उम्र के 100वें पड़ाव पर आंदोलन : दुर्गम गांव की बुजुर्ग बच्ची देवी सड़क के लिए धरने पर बैठी

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चमोली, राज्य बने दो दशक बीत चुके, लेकिन सुदूर गांव के लोग आज भी अपनी कठिनाइयों का बोझ ढ़ो रहे हैं और हमारे नीति नियंता भी पहाड़ जीवटता भरे जीवन के बारे में बखूबी से जानते है, पहाड़ सा जीवन जीने वाले पहाड़ियों ने सोचा था कि अपना राज्य होगा और हमारे दिन बहुरेंगे, लेकिन हुआ इसके उलट, तभी तो उम्र के 100वे पड़ाव की बुजुर्ग बच्ची देवी अपने गांव में सड़क की मांग को लेकर धरने पर बैठी है, इस राज्य को पाने जितनी कसक बच्ची देवी में थी उतनी ही राज्य पाने की शिद्दतभरी लड़ाई यहां की महिलाओं ने लड़ी, इसी पीढ़ा को लेकर आज उत्तराखंड़ के चमोली जिले के दूरस्थ दुमक गांव की रहने वाली बच्ची देवी धरने पर बैठी हैं। कागजों में उनकी उम्र 100 साल दर्ज हो चुकी है, और इस उम्र में जब ज्यादातर लोग जीवन की कठिनाइयों से विराम ले चुके होते हैं, बच्ची देवी सड़क की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। वह रविवार से धरने पर बैठी हैं, उनकी आंखों में मोतियाबिंद की शिकायत भी है, फिर भी बूढी आंखों में गांव तक सड़क पहुंचाने का सपना जवान है।

आपको बता दें कि दुमक गांव, जिला मुख्यालय गोपेश्श्वर से 18 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है, यहां पहुंचने के लिए आज भी 18 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। बच्ची देवी कहती हैं, “हमारे गांव तक सड़क नहीं है, हमें यह तकलीफ वर्षों से सहनी पड़ रही है, लेकिन अब और नहीं। जब तक हमारे गांव तक सड़क नहीं पहुंचती, वह गांव वालों के साथ आंदोलन में रहेंगी।
विकास संघर्ष समिति डुमक के अध्यक्ष राजेंद्र भंडारी बताते हैं कि ग्रामीण पिछले 39 दिनों से धरने पर बैठे हैं। अब जब बच्ची देवी भी उनके साथ शामिल हो गई हैं, उनकी मांग को और भी मजबूती मिल गई है। बच्ची देवी के पति का देहांत हो चुका है और उनका एक बेटा गांव में ही खेती करता है। धरने पर बैठे गांव वालों का कहना है कि गांव में राजमा, चौलाई, माल्टे, सेब जैसे उत्पाद होते हैं, लेकिन सड़क की कमी के कारण यह उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंच पाते। परन्तु राज्य बने दो दशक से ज्यादा समय हो गया लेकिन आज भी पूरा गांव इस परेशानी को झेल रहा है। गांव वालों का कहना है कि हेलंग तक सड़क स्वीकृत है और हेलंग से कलगोट तक सड़क बन चुकी है, परंतु दुमक गांव अब भी सड़कों से वंचित है। बीते शनिवार की शाम, ग्रामीणों ने कैंडल मार्च निकालकर सरकार के प्रति अपना विरोध दर्ज कराया। रविवार को बच्ची देवी के साथ रणजीत सिंह, सुंदर सिंह, महावीर सिंह, विक्रम सिंह सहित अन्य ग्रामीण क्रमिक उपवास पर बैठे। गांव वालों की एक ही मांग है गांव तक सड़क पहुँचे ताकि उनकी पीढ़ियाँ बेहतर जीवन जी सकें। वहीं धरने पर बैठे ग्रामीणों ने भी अब कमर कस ली और जब तक सड़क नहीं तब तक धरना अनवरत जारी रहेगा |

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी तथा अभिनेता अनुपम खेर ने की सीएम से भेंट

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देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी तथा फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने भेट की। उन्होने प्रदेश में फिल्म निर्माण एवं फिल्मांकन से सम्बधित विभिन्न विषयों तथा प्रदेश में फिल्म निर्माण हेतु राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है विभिन्न सुविधाओं पर चर्चा की। उन्होने राज्य की नई फिल्म नीति 2024 को फिल्मों को बढावा देने वाला प्रयास बताते हुए राज्य की फ़िल्म नीति के लिए मुख्यमंत्री पुष्क़र सिंह धामी का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नई फिल्म नीति से उत्तराखण्ड में फ़िल्मांकन के लिए और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में 2024 की फिल्म नीति को मंजूरी दिये जाने के बाद राज्य के पर्यटन स्थलों को देश दुनिया में नई पहचान मिलेगी। नई फिल्म नीति के तहत स्थानीय फिल्मों के लिए दो करोड रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। फिल्मांकन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है ताकि फिल्म निर्माताओं को सुविधा हो। फिल्मों और ओटीटी की शूटिंग पर भी सब्सिडी दी जा रही है। सरकार द्वारा फिल्म उद्योग को उत्साहित करने के लिए कई अन्य योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे कलाकार अपनी प्रतिभा के बल पर फिल्म जगत में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सके इसके भी प्रयास किए जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार फ़िल्म निर्माण से जुड़े प्रत्येक क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। फ़िल्म निर्माण से राज्य में प्रत्यक्ष रोज़गार की नयी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा साथ ही राज्य के पर्यटन को नयी मज़बूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि नए शूटिंग डेस्टिनशनों को भी पर्यटन विभाग के सहयोग से चिन्हित कर उनको भी शूटिंग के लिए प्रचारित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे फिल्मों के माध्यम से उत्तराखंड के अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों का भी प्रचार हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी 2024 से अभी तक उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद के ऑनलाइन अनुमति सिंगल विंडो सिस्टम के द्वारा मात्र 8 महीनों में 150 से भी अधिक शूटिंग अनुमतियों प्रदान की गई है। उन्होने कहा की राज्य के संरक्षित वन क्षेत्र को छोड़कर उत्तराखण्ड सरकार के अधीन आने वाले विभाग फ़िल्म शूटिंग के लिए कोई शुल्क नहीं लेंगे ऐसा फ़िल्म पालिसी में प्रावधान किया गया है। फ़िल्म पालिसी में उत्तराखंड के अनछुए शूटिंग डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने का भी प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड फ़िल्म नीति 2024 में प्रादेशिक भाषा की फ़िल्मों के लिए फ़िल्म प्रोडक्शन पर प्रदेश में किए गये हुए व्यय का 50 प्रतिशत तक सब्सिडी या अधिकतम 2 करोड़ तक, और हिन्दी और भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में आने वाली भाषाओं के लिये फ़िल्म प्रोडक्शन पर प्रदेश में किए गये हुए व्यय का 30 प्रतिशत या अधिकतम 3 करोड़ तक के अनुदान प्राविधान किया गया है।
अभिनेता अनुपम खेर ने उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद द्वारा सिंगल विंडो सिस्टम के तहत सरल शूटिंग अनुमति की प्रक्रिया को सराहते हुए, शूटिंग के लिए प्रदेश को संपूर्ण रूप से फ़िल्मकारों के लिए एक फ़िल्म फ्रेंडली डेस्टिनशन बताया। उन्होंने यहाँ फ़िल्म शूटिंग करना बाक़ी प्रदेशों की तुलना में बहुत ही सरल बताया, और स्थानीय लोगो द्वारा की गई सहायता को भी सराहा। उन्होंने नई फिल्म नीति को फ़िल्म निर्माताओं के अनुकूल बताया। फिल्म अभिनेता श्री खेर ने कहा कि उत्तराखण्ड में पिछले कुछ समय से फ़िल्म और वेब सीरीज शूटिंग में तेज़ी आयी है। अभी हाल ही “अनुपम खेर स्टूडियो” की फ़िल्म “तन्वी द ग्रेट” की शूटिंग भी उनके द्वारा लैंसडौन में कि गई जो 36 दिनों में पूर्ण की गई।
इस अवसर उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के सीईओ एवं महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी भी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड की हाई पावर्ड स्टीयरिंग कमेटी की बैठक

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देहरादून, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में आयोजित देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड की हाई पावर्ड स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता के दौरान डीआईसीसीसी प्रोजेक्ट तथा इसके कॉम्पनेन्टस को आईटीडीए को सौंपते हुए इसमें पुलिस विभाग की मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित करने के प्रस्ताव पर अनुमोदन दिया। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने ब्रिज एण्ड रूफ लिमिटेड तथा डीएससीएल के मध्य विवाद पर निर्णयन हेतु लोक निर्माण विभागए सिचाई विभाग तथा नियोजन विभाग के अधिकारियों की कमेटी गठित कर 15 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही आज की बैठक में डीआईसीसीसी के तहत राजस्व भागीदारी तथा सस्टेनिबिलिटी पॉलिसी तथा उत्तराखण्ड परिवहन निगम को इलेक्ट्रिक बसो को सौंपने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई।
बैठक में सचिव नितेश झाए विनय शंकर पाण्डेयए बृजेश संत सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

अदब की ‘ख़िदमत’ के नाम पर ‘मोटी कमाई’ का खेल

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-मंच देने के नाम पर युवा कवियों से ऐंठा जा रहा धन
-सरकारी संस्थाओं की मदद से कुछ समूह मचा रहे लूट
-समूह की सदस्यता के लिए मांग रहे पैसे, युवा कवि बन रहे निशाना

देहरादून (लक्ष्मी प्रसाद बड़ोनी), देश भर में युवा कवियों और शायरों को मंच देने के नाम पर कुछ समूहों ने ‘लूट’ मचा रखी है। कुछ समूह तो ऐसे हैं, जो सरकारी संस्थाओं से आयोजन के नाम पर धनराशि ले रहे हैं, लेकिन कवियों को एक धेला भी नहीं दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि रहने-खाने का प्रबंध संस्था करेगी, लेकिन आने-जाने का किराया खुद वहन करना होगा। कवि सम्मेलन न हुआ, यूपीएससी की परीक्षा हो गई। हैरत की बात है कवि भी अपने जेब से पैसे खर्च कर इस उम्मीद में इन आयोजनों में शामिल हो रहे हैं कि कभी तो आयोजक उन्हें खुद न्योता देंगे और ‘लिफाफे’ से जेब भारी करेंगे। हालांकि जब तक वह दिन आएगा, तब तक वह लुट चुके होंगे। दिलचस्प बात यह है कि मोटी कमाई के इस ‘खेल’ को ‘अदब की ख़िदमत’ के नाम पर अंजाम दिया जा रहा है।
ताजा मामला पूरी दुनिया में अदब के स्कूल के लिए पहचाने जाने वाले लखनऊ शहर से जुड़ा है। यहां एक समूह सितंबर के पहले हफ्ते में सरकारी संस्था के सहयोग से कवि सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। संस्था की पहली शर्त तो यही है कि पहले आप इस ग्रुप के सदस्य बनेंगे, जिसके लिए आपको दो साल की सदस्यता के लिए 2100 रुपए शुल्क देना होगा। यही नहीं, अमुक अकाउंट में यूपीआई के जरिए धनराशि भेजकर अमुक वट्सएप नंबर पर शेयर करना होगा। इसके बाद आपको सदस्यता मिल जाएगी और कार्यक्रमों की सूचना मिलती रहेगी। सितंबर में होने वाले आयोजन के बारे में पूछने पर बताया गया कि आपको आने-जाने का खर्चा खुद वहन करना होगा। मजे की बात है कि देहरादून के कुछ कवियों से तो बाकायदा वीडियो भी बनवाई गई है, जिसमें उनके हवाले से आयोजन में शामिल करने के लिए आयोजकों का आभार जताया गया है। इसी तरह कई और समूह भी इसी तर्ज पर देश-विदेश में कवि सम्मेलन के आयोजन के बहाने मोटी कमाई कर रहे हैं। अदब के नाम पर किया जा रहा यह खेल किसी भी अखबार/चैनल की सुर्खियां नहीं बन पा रहा है, जबकि तथाकथित ‘नामी’ कवि/शायर इसके नाम पर न केवल सरकार से बल्कि ‘मंच की चाह’ रखने वाले कवियों से भी पैसा बटोर रहे हैं। हैरत की बात यह है कि सरकार की ओर से होने वाले कवि सम्मेलन/मुशायरे में भी इनका ही बोलबाला है, ऐसे में अच्छे कवियों को मंच पर आने का मौका ही नहीं मिल पा रहा है और वह इन ‘गैंगों’ के हाथों लुटने को मजबूर हैं।