Wednesday, April 30, 2025
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मंत्री रेखा आर्य ने आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों का मानदेय बढ़ाने की करी पैरवी

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‘केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने की राज्य की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या के साथ वर्चुअल मीटिंग,रेखा आर्या ने गिनाई योजनाएं,अन्य सुविधाओं को बढ़ाने का किया आग्रह’

देहरादून, सचिवालय में उत्तराखंड सरकार की महिला बाल विकास मंत्री मंत्री रेखा आर्या ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी जी की अध्यक्षता में आयोजित वर्चुअल बैठक में शामिल हुई। जहां उन्होंने बैठक में केंद्रीय मंत्री को राज्य सरकार द्वारा आंगनवाड़ी महिलाओं और नौनिहालों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया। साथ ही राज्य की उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों की लगातार को बढ़ाने, अनुपूरक पोषाहार की धनराशि में बढ़ोतरी करने, आंगनवाड़ी बहनों के प्रशिक्षण के वित्तीय मानक में बढ़ोतरी,आंगनवाड़ी कार्यकर्ती व सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि को बढ़ाये जाने के संबंध में आग्रह किया। कहा केंद्रीय मंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया कि राज्य हित के लिए समुचित प्रयास अवश्य किए जाएंगे।

साथ ही कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राज्य की समस्त आंगनवाड़ी बहनों और प्यारे बच्चों को आश्वस्त करना चाहती हूं कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा मातृशक्ति को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाये जाने के साथ ही नौनिहालों के सर्वांगीण विकास हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

बैठक में निदेशक प्रशांत आर्य, उपनिदेशक विक्रम सिंह, मुख़्य परिवीक्षा अधिकारी मोहित चौधरी, उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता, राज्य परियोजना अधिकारी आरती बलोदी, बाल विकास परियोजना अधिकारी तरुणा चमोला सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

धाद हरेला माह में “तपता हुआ शहर और असंतुलित विकास” पर विमर्ष का आयोजन

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‘सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविदों ने जतायी असंतुलित विकास पर चिंता’

देहरादून, सामाजिक संस्था धाद और दून लाइब्रेरी रिसर्च सेंटर द्वारा हरेला माह में देहरादून के बढ़ते तापमान, असंतुलित विकास और घटती हुई हरियाली पर विमर्ष का आयोजन दून लाइब्रेरी में किया गया।
मुख्य वक्ताओं में से एक पर्यावरणविद डॉ. रवि चोपड़ा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन एक ग्लोबल चिंता है और देहरादून का तापमान 43 डिग्री जाना भी उसी का परिणाम है, इससे बचने का तरीका पेड़-पौधे और हरियाली ही है। हमें ज्यादा से ज्यादा लोकल संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहिए और पेड़ लगाने के साथ साथ उसके रख रखाव का ध्यान भी रखना चाहिए।
एक प्रश्न का जवाब देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रीनू पॉल ने कहा दून वैलि नदियों, रिजर्व फॉरेस्ट, नहरों, नाले और खेतों की सुन्दर संरचना थी जो आज हीट आइलैंड बनता जा रहा है। इसका एक कारण देहरादून के आसपास के वनों का विभिन्न परियोजनाओं के चलते काटन होना और शिवालिक रेंज का कटाव भी है।
सिटिजन फॉर ग्रीन दून के हिमांशु अरोड़ा ने धाद संस्था को इस तरह के सत्र आयोजित करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के और आयोजन किये जाने की जरूरत है ताकि समाज में पर्यावरण को लेकर एक समझ बन सके। विकास की परियोजनाओं के चलते पेड़ों का कटान तो जोर-शोर से किया जाता है पर उसकी ऐवज में जो पेड़ लगने हैं उनकी बात आज तक कोई नहीं कर रहा। साथ ही उन्होंने बताया कि सहस्त्रधारा रोड़ के जिन पेड़ों का प्रतिरोपण का काम किया गया वो भी आज मरुस्थल बन गया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे धाद के अध्यक्ष लोकेश नवानी ने कहा ज्यादातर विकासशील देशों में हो रहा अनियोजित विकास पर्यावरण असंतुलन को जन्म दे रहा है और हम सबका विकास की इस धुरी पर घूमना एक बड़ी विडंबना है। विकास के इस असंतुलित और विनाशकारी मॉडल में उस समावेशी दृष्टिकोण की कमी है जो प्रकृति के हर अंग में संतुलन कायम करता है। इस वर्ष देहरादून में तापमान 43 डिग्री के पार जाना और दूसरी जगहों पर सूखा, अतिवर्षा, बाढ़ और भूस्खलन के साथ ही क्लाइमेट चेंज का एक बड़ा सवाल हमारे सामने खड़ा हो गया है। ऐसे में विचार करना जरूरी होगा कि आने वाले समय में हमारे विकास का मॉडल क्या हो? हमारी जीवनशैली में क्या बदलाव हो और हम एक नागरिक समाज के रूप में अपने शहर को इस आपदा से बचाने के लिए कैसी भूमिका निभाएं ?
धाद के सचिव तन्मय मंमगाई ने बताया कि संस्था हरेला माह के अंतर्गत दो अध्याय पहला हरेला वन जो उन शहरों की बात करता है जो असंतुलित विकास की पहली कड़ी बने हैं और दूसरा हरेला गाँव जो पहाड़ मे पलायन के चलते अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ते खेतों और उत्पादकता की बात करता है। इसी क्रम में हमने इस बार सतपुलि संवाद में पौड़ी गढ़वाल के प्रगतिशील किसानों से भी बातचीत का सत्र आयोजित किया। सत्र का संचालन धाद की ओर से सुशील पुरोहित ने किया और प्रश्न हिमांशु आहूजा द्वारा पूछे गए।

इस अवसर पर डॉ एस एस खैरा, हर्ष मणि व्यास, सुरेश कुकरेती, अतुल शर्मा, सुरेंद्र अमोली, अवधेश शर्मा, गणेश उनियाल, उत्तम सिंह रावत, नरेंद्र सिंह रावत, ब्रिगेडियर के जी बहल, इरा चौहान, आशा डोभाल, रेखा शर्मा, रंजना शर्मा, चारू तिवारी, शिव प्रकाश जोशी, डॉ दयानंद अरोड़ा, विकास मित्तल, राजेंद्र विरमानी, आर के गुप्ता, राकेश अग्रवाल, महेंद्र ध्यानी, टी आर बरमोला, विजय भट्ट, मनोहर लाल, सविता जोशी, नरेंद्र उनियाल, बृज मोहन उनियाल, कमला कठैत, दयानंद डोभाल, साकेत रावत, इंदू भूषण सकलानी, आदि मौजूद थे I

 

पेरुमल मुरुगन और आधुनिक तमिल साहित्यिक परिदृश्य पर बातचीत

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से आज सायं पेरुमल मुरुगन और आधुनिक तमिल साहित्यिक परिदृश्य विषय परएक वार्ता का आयोजन किया गया. इस सचित्र वार्ता में श्री निकोलस हॉफलैण्ड द्वारा युवा अध्येता अम्मार यासिर नक़वी से बातचीत की गई। इस बातचीत में दक्षिण भारतीय साहित्य के भौतिक, मानसिक परिदृश्यों पर विहंगम दृष्टि रखने का प्रयास हुआ। महत्वपूर्ण सवाल यह उठा कि क्या किसी समाज और उसके साहित्य के विकास को एक साथ समझा जा सकता है, और क्या साहित्य समाज में बदलाव का उतप्रेरक बन सकता है. निकोलस और अम्मार नकवी के मध्य इन सभी बिन्दुओं पर विमर्श किया गया। अम्मार नकवी ने तमिल क्षेत्र की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक परंपराओं को उसकी संपूर्ण महिमा के साथ प्रस्तुत किया ।
चर्चा का प्रारंभिक बिंदु पेरुमल मुरुगन के लेखन पर केन्द्रित रहा। इमायम, सीएस चेलप्पा, बामा, सलमा, जानकीरमन जैसे लेखकों पर भी चर्चा की गई। महिला और दलित साहित्य पर भी संक्षेप में चर्चा की गई। अम्मार नकवी ने साहित्य की लोकप्रियता और प्रचार-प्रसार पर पुरस्कार और प्रकाशनों की क्या भूमिका है? इस पर भी खास बात की।
कुल मिलाकर इस बातचीत में तमिल संस्कृति और साहित्य का परिचय, साहित्यिक शैली के रूप में इसका विकास और संगम की समृद्ध विरासत, विश्व इतिहास में इसका अद्वितीय स्थान और इसकी निरंतरता और विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक बात की गई। अंग्रेजी अनुवाद की भूमिका, उसकी शैलियाँ, स्वरूप और सामने आने वाली चुनौतियाँ पर भी गहराई से विमर्श हुआ। इसके साथ ही औपनिवेशिक और उत्तर-औपनिवेशिक भारत में जन साहित्य का विकास कैसे हुआ, समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और साहित्यिक समाज की भूमिका पर भी चर्चा की गयी।
वार्ताकार अम्मार नक़वी पेशे से एक अकादमिक अनुवादक,लेखक, इतिहासकार, घुम्मकड़ और एक महत्वाकांक्षी शिक्षाविद हैं. अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय जैसे संगठनों के साथ-साथ अमन प्रकाशन और परिवर्तन प्रकाश जैसे कुछ क्षेत्रीय प्रकाशनों के लिए लेखक, अकादमिक प्रशिक्षक, अनुवादक, शोधकर्ता और संसाधन व्यक्ति के रूप में में काम कर रहे हैं. उन्होंने बंगाल के दूरदराज के हिस्सों में ग्रामीण क्षेत्रीय पुस्तकालयों की स्थापना की।
कार्यक्रम की शुरुआत में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने अतिथियों वक्ता और उपस्थित प्रतिभागी लोगों का स्वागत किया और इस तरह की पहल को साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बताया। इस अवसर पर अनेक युवा पाठक, लेखक, साहित्यकार व अन्य लोग उपस्थित थे।

भारत छोड़ो आंदोलन की 82वीं जयंती पर कांग्रेसजनों ने गांधी की प्रतिमा पर अर्पित किये पुष्प

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देहरादून, भारत छोड़ो आंदोलन की 82 वीं जयंती पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं नें प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष करण माहरा,वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना और महानगर अध्यक्ष डॉ. जसविन्दर सिंह गोगी के नेतृत्व में गाँधी पार्क स्थित गाँधीजी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया, इस मौके पर गांधीजी सहित अन्य आंदोलनकारियों को याद करते हुए भारत छोड़ो आन्दोलन में शहीद हुए आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की व सरोजनी नायडू, डा. राजेंद्र प्रसाद,लाल बहादुर शास्त्री समेत तमाम आंदोलनकारी स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों के योगदान को याद किया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा की भारत की आजादी के इतिहास में अगस्त क्रांति दिवस का जिक्र स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है । उन्होंने कहा कि आज हमको इस बात पर गर्व है कि हम इस कांग्रेस के सिपाही हैं जिसने इस देश की आजादी के लिए बलिदान दिए और देश की आजादी के बाद इस देश की एकता और अनेकता को अक्षणु रखने के लिए भी बलिदान और कुर्बानियां दीं। उन्होंने कहा कि आज पूरा उत्तराखंड कांग्रेस की ओर उम्मीद की नजरों से देख रहा है और ये हर कांग्रेस कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है कि वो लोगों की उम्मीद के अनुसार उत्तराखंड में कांग्रेस की वापसी के लिए संघर्ष कर। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि 08 अगस्त को मुम्बई में तत्कालीनन कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा गाँधी जी के नेतृत्व में आजादी के संघर्ष का सबसे व्यापक और निर्णायक आंदोलन छेड़ने का आह्वान किया गया। इसके बाद 09 अगस्त को और उसके बाद पूरे देश में अंग्रेजों भारत छोड़ो के स्वर गूंजने लगे। अगस्त क्रांति आंदोलन का आह्वान चार स्वतंत्रता सेनानियों
मौलाना आजाद,पंडित नेहरू,सरदार पटेल और आखिर में महात्मा गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए किया गाँधीजी ने इस आन्दोलन के लिए ही लोगों को करो या मरो का नारा दिया। इसके बाद पूरे देश मे आंदोलन की अभूतपूर्व लहर दौड़ गई थी। इस मौके पर धस्माना ने कहा कि भारत छोड़ो आन्दोलन में हजारों आंदोलनकारियों का बलिदान हुआ और लाखों लोग देश भर में गिरफ्तार हुए। उन्होंने कहा की अंग्रेजी हुकूमत के तख्त पर यह आखिरी कील साबित हुआ और अंतोगत्वा पंद्रह अगस्त 1947 को अंग्रेजों को भारत को आजादी देनी पड़ी।
माल्यार्पण के दौरान आंदोलन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डॉ जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि दरअसल भारतवासी क्रिप्स मिशन की निरर्थकता से बहुत निराश थे। ऊपर से अंग्रेजों ने भारतीयों को उनकी इच्छा के खिलाफ द्वितीय विश्वयुद्ध में भी शामिल कर लिया था। आर्थिक संकट और अव्यवस्था की भी भयंकर स्थिति पैदा हो गयी थी। ब्रिटिश सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ गांधीजी ने अपने महान नेतृत्व का परिचय दिया तथा भारत छोड़ो के रूप में निर्णायक आंदोलन प्रारम्भ किया।
इस आन्दोलन में छात्र,कर्मचारी, महिला,मजदूर आदि सभी वर्गों का इतना अधिक समर्थन मिला कि इसके बाद अंग्रेजों के पैर भारत से उखड़ गए और ब्रिटिश सरकार ने भारत से जाने का मन बना लिया। क्योंकि बड़े राष्ट्रीय नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था इसलिये राष्ट्रीय आन्दोलन में अनेक युवा नेताओं को अपनी योग्यता और संगठन क्षमता दिखाने का अवसर मिला। इसलिए इस आंदोलन के दौरान अरुणा आसफ अली,लोहिया, लाल बहादुर शास्त्री के रूप में नवीन और युवा नेतृत्व का भी देश को मिला। इस अवसर पर पूर्ण सिंह रावत,नवीन जोशी,याकूब सिद्दीकी,हेमा पुरोहितमन मोहन शर्मा,मुकीम अहमद,अर्जुन सोनकर,संगीता गुप्ता,ललित भद्री,राजेश पुंडीर,अमीचंद सोनकर,आनंद सिंह पुंडीर,आदर्श सूद,उदय सिंह पंवार,सावित्री थापा,घनश्याम वर्मा आदि उपस्थित थे।

केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में फलदार वृक्षों का वृक्षारोपण

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देहरादून। पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में आज विद्यालय के नेचर क्लब द्वारा व्योम विधा स्थली द्वारा प्रदान किये गए फलदार वृक्षों का वृक्षारोपण किया गया , विद्यालय में पिछले एक माह से जारी वृक्षारोपण के तहत आज फलदार वृक्षों को रोपित करते हुए विद्यार्थियों ने हर्ष व्यक्त करते हुए प्रकृति के संरक्षण की शपथ ली और और पौधे लगाकर धरती को हराभरा रखने के अभियान को जारी रखने के लिये विद्यालय की नेचर क्लब गतिविधियों में सहयोग करने का संकल्प लिया !
विद्यालय में आज आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य बसन्ती खम्पा ने कहा फलदार वृक्षों से पर्यावरण के संरक्षण के साथ साथ ही हमें फल भी प्राप्त होते है और स्वस्थ जीवन में फलों का बहुत महत्व है !
व्योम विधा स्थली के प्रयास से एमडीडीए द्वारा विद्यालय को दिए गये 25 से अधिक फलदार वृक्ष एवं उनके गार्ड के लिये विद्यालय के बागवानी प्रभारी डी एम लखेड़ा ने एमडीडीए एवं व्योम विधा स्थली के निदेशक हितेंद्र सक्सेना का आभार व्यक्त किया !
इस अवसर पर विद्यालय के आशुतोष, रूपम, मानिनी, आलोक,संचित, माधव आदि बच्चो के साथ आभास सक्सेना, शैलेन्द्र श्रीवास्तव,गौरव गुप्ता शिक्षिका अन्नू थपलियाल , सुमित कुमार , रचना पंत ने सहयोग प्रदान किया !

एचईसी कॉलेज में ‘ओरियण्टेशन कार्यक्रम‘ का शुभारम्भ

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हरिद्वार ( कुलभूषण)  एचईसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स, जगजीतपुर, हरिद्वार में वर्तमान सत्र् 2024-25 में नव-प्रवेशित छात्र-छात्राओं के लिये दो दिवसीय (9 व 10 अगस्त) ‘ओरियण्टेशन कार्यक्रम‘ का शुभारम्भ किया गया। आज प्रथम दिन बीसीए, बीएससी, बीएससी एनीमेशन एवं मल्टीमीडिया, बीएससी एग्रीकल्चर, बीएससी (माईक्रोबायोलोजी), बायोटैक्नोलॉजी व कला वर्ग पाठ्यक्रमों के विभागाध्यक्ष व शिक्षकों से नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं का परिचय कराया गया। शिक्षकों द्वारा छात्र-छात्राओं को दिनांक 12 अगस्त से शुरू होने वाली कक्षाओं एवं समय सारणी से अवगत कराया गया।May be an image of 2 people, people smiling, dais and text
कार्यक्रम का शुभारम्भ शिक्षक डा0 गौरव हटवाल, दीपाली अग्रवाल, सुनीति त्यागी, उमिषा त्यागी, कमलकान्त द्वारा मॉ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रितु मोदी के द्वारा किया गया। नव प्रवेशित छात्र छात्राओं का स्वागत कर पढाई व अनुशासन सम्बन्धी दिशा निर्देश देते हुए भविष्य में आगे बढने की प्रेरणा दी गयी। ‘ ओरियण्टेशन कार्यक्रम‘ में बीसीए के छात्रों को शिक्षिका उमिषा त्यागी, बीएससी एनीमेशन के छात्रों को श्री निशांत ने स्वागत करते हुए पाठ्यक्रम सम्बन्धित जानकारी दी। कला वर्ग के छात्रों को नये सत्र का मार्गदर्शन दीपाली अग्रवाल द्वारा एवं विज्ञान वर्ग के छात्रों का मार्गदर्शन शिक्षक कमलकान्त द्वारा किया गया। शिक्षकों द्वारा छात्र-छात्राओं को उनके द्वारा चयनित पाठ्यक्रमों की विवरणिका व पाठयक्रम पर प्रकाश डाला साथ ही छात्र-छात्राओं के पाठ्यक्रम सम्बन्धी सवालों के उत्तर देते हुए उन्हें आश्वस्त किया।
संस्थान के चेयरमैन श्री संदीप चौधरी ने कहा कि एचईसी कॉलेज में छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक व उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान की जाती है साथ ही उन्होनें छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की। कॉलेज की डीन एकेडेमिक डा0 तृप्ति अग्रवाल ने सभी छात्रों को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभकॉमनाए दी।
इस अवसर पर डा0 गौरव हटवाल, सुनीति त्यागी, उमराव सिंह, वन्दना, नीलम वर्मा, देवांशी वाजपेयी, विशाखा, कुमारप्रीत, डा0 राहुल, मिनाक्षी सिंघल, ललित जोशी, डा0 निधी, उत्कर्ष, विष्णु आदि उपस्थित थे।

 

जनता से झूठ बोलना बंद करें कांग्रेस, कॉरिडोर के नाम पर हरिद्वार के व्यापारियों को कर रही है गुमराह:वीरेंद्र तिवारीMay be an image of 12 people and people smiling

हरिद्वार ( कुलभूषण)भारतीय जनता पार्टी सप्त ऋषि मंडल हरिद्वार की एक बैठक उत्तरी हरिद्वार स्थित भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी के कार्यालय पर संपन्न हुई बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी ने कहा आज कांग्रेस के लोग कॉरिडोर के नाम पर हरिद्वार के व्यापारियों को गुमराह कर रहे हैं और हरिद्वार के बाजारों में जाकर नाटक कर रहे हैं जबकि कॉरिडोर को लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा किसी प्रकार का ना तो कोई नोटिफिकेशन जारी हुआ है ना ही व्यापारियों को कोई नोटिस जारी हुए तो कांग्रेस बताएं कि किस आधार पर वह बाजारों में झूठ बोलने का काम कर रही है
भाजपा के मंडल अध्यक्ष तरुण नैय्यर ने कहा की नगर निगम के चुनाव के दृष्टिगत कांग्रेस अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन पुनः वापस पाना चाहती है क्योंकि विकास के नाम पर वह जनता के बीच नहीं जा सकती कांग्रेस ने 60 सालों में हरिद्वार में एक भी विकास का कार्य नहीं किया है
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष विकास तिवारी ने बताया कि कांग्रेस के कार्यकर्ता जहां-जहां भी झूठ बोलने का काम करेंगे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता वहां गंगाजल से शुद्धिकरण अभियान चलाएंगे
आज के विरोध प्रदर्शन में नि .पार्षद अनिल वशिष्ठ मंडल महामंत्री देवेश ममगाई वीरेंद्र सेमवाल दीपांशु विद्यार्थी इशांत उपाध्याय मुकेश पुरी रंजना चतुर्वेदी उर्मिला बिष्ट अंजू भदवार प्रीति गौड़ आयुष्मति पुरोहित उमा गिरी विपिन शर्मा आदि उपस्थित रहे

 

प्रो. बत्रा ने छात्र-छात्राओं को तिरंगा देकर किया हर घर तिरंगा यात्रा का शुभारम्भMay be an image of 8 people and text

हरिद्वार ( कुलभूषण) अगस्त क्रान्ति के शुभ अवसर पर महाविद्यालय में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों का सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन शौर्य दीवार पर नमन कर किया गया।
इस अवसर पर काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के आदर्शों पर चलकर ही होगा राष्ट्र का कल्याण सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने आह्वान किया कि स्वतंत्रता समानता और बन्धुत्व के मूल्यों को समाज में समाहित कर ही भारत एक उन्नत राष्ट्र बन सकता है। श्री महन्त ने इस अवसर पर अगस्त क्रान्ति के कार्यक्रम को महाविद्यालय में आयोजित करने हेतु महाविद्यालय परिवार को साधुवाद दिया।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि 09 अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन की शुरूआत हुई थी और आज आवश्यकता इस बात की है कि हम एक राष्ट्र के तौर पर भारत छोड़ो आन्दोलन के मूल्यों और सरोकारों को आधुनिक समाज में आत्मसात करें। उन्होंने इस अवसर पर भारत छोड़ो आन्दोलन भारत के विभिन्न सामाजिक समूहों विशेषकर भारत के राजनीतिक नेतृत्व जैसे महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू तथा सरदार बल्लभ भाई पटेल के योगदान का स्मरण किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि महाविद्यालय परिवार व काॅलेज छात्र-छात्राओं को तिरंगा देकर हर घर तिरंगा यात्रा का प्रारम्भ किया। उन्होंने कहा कि आन्दोलन के महत्व को बताने हेतु कृत संकल्प है जिससे युवा पीढ़ी यह जान सके कि स्वतंत्रता कितने संघर्षों के बाद इस देश को मिली है और इसके साथ-साथ वह राष्ट्र जीवन के महत्वपूर्ण अंग , राष्ट्रीय एकता के महत्व को समझ सके। इससे पूर्व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. श्री डोलीराम जी के पुत्र बालकिशन को शाॅल प्रदान कर महाविद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि भारत छोड़ों आन्दोलन यद्यपि असफल रहा परन्तु अंग्रेज शासक इस बात को निर्णायक तौर पर समझ गये कि भारत को अब आजादी देनी होगी। मुख्य खेलकूद अधीक्षक प्रो. तेजवीर सिंह तोमर ने क्रान्तिकारियों के योगदान व बलिदान की सराहना की।
इस अवसर पर प्रो. जगदीश चन्द्र आर्य, डाॅ. नलिनी जैन, श्रीमती रिंकल गोयल, श्रीमती रिचा मिनोचा, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, विनीत सक्सेना, डाॅ. राघवेन्द्र सिंह, डाॅ. पदमावती तनेजा, मोहन चन्द पाण्डेय, हेमवती, मोनू राणा, विशाल कुमार, सुशील राठौर सहित काॅलेज के अनेक छात्र-छात्रा उपस्थित थे।

कोरिडोर के विरोध में कांग्रेस ने शुरू किया जनजागरण यात्रा अभियान

हरिद्वार ( कुलभूषण)  कॉरिडोर हटाओ – हरिद्वार बचाओ के लिए कांग्रेस का जनजागरण यात्रा कार्यक्रम आज हर की पौड़ी से शुरू होकर हरिद्वार के मुख्य बाजार से होते हुए सुभाष घाट पर संपन्न हुआ।
प्रदेश कांग्रेस के महासचिव अनिल भास्कर के संयोजन में प्रारम्भ हुई इस 6 दिवसीय यात्रा के पहले दिन शहर के समस्त कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए।
समापन के अवसर पर बोलते हुए विधायक ज्वालापुर रवि बहादुर ने कहा कि कॉरिडोर के व्यापारी लोगो को आगे आना होगा कांग्रेस उनके साथ हर तरह से ख़डी है तथा इस मुद्दे पर कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी। बहादुर ने कहा कि यह जनविरोधी सरकार है और जनता को इसके खिलाफ खड़ा होना जरुरी है, पूरा देश इनसे परेशान हो चूका है।
प्रदेश कांग्रेस महासचिव अनिल भास्कर ने कहा कि नगर विधायक झूठ बोलते है तथा मुख्यमंत्री, विधायक व प्रशासनिक अधिकारियो के बयानों में विरोधाभाष है। भास्कर ने कहा कि पहले भी हरिद्वार में अतिक्रमण के नाम पर तोड़फोड़ हुई थी तब भी पीड़ित लोग अपने अपने साक्ष्य लेकर अधिकारियो के पीछे भागते रहे लेकिन ना तो अधिकारियो ने सुनी और ना ही नगर विधायक जनता के साथ खडे हुए। नगर विधायक के झूठ और सरकारी की जन विरोधी नीतियों को अब हरिद्वार में नहीं चलने दिया जायेगा।
पूर्व महानगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक सब झूठ बोल कर हरिद्वार की जनता को गुमराहा कर रहे है अनिल भास्कर के नेतृत्व में शहर को इनके झूठ और खिलाफ खडे होने का आह्वान किया जा रहा है जो लगातार चलता रहेगा।
पूर्व राज्यमंत्री रकित वालिया ने कहा कि जन विरोधी नीतियाँ अब जनता को समझ आ रही है बस अब लोगो को राहुल गाँधी जी के डरो मत के नारे के साथ खड़ा होना है।
पूर्व सभासद व वरिष्ठ कॉंग्रेस नेता अशोक शर्मा ने कहा कि इस प्रकार का डर और संशय का माहौल हरिद्वार ने कभी नहीं देखा, व्यापारी भाइयों को भी अब खुल कर सामने आना होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जनहित के काम किये है जबकि बीजेपी ने उन सब कार्यों को बर्बाद करने का काम किया है।
युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रवि बाबू शर्मा व युवा कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष विशाल प्रधान ने कहा कि युवाओं को बीजेपी के जन विरोधी कार्यों के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है और अब युवा बीजेपी के खिलाफ खड़ा होने का काम कर रहा है।
प्रदेश प्रवक्ता हिमांशु बहुगुणा व पूर्व प्रदेश सचिब विभाष मिश्रा ने कहा कि बीजेपी हर जगह व्यापारियों और हिन्दुओं के साथ धोखा करती आई है यह बात अब जनता समझ चुकी है इसलिए लोगो को डरा कर उनको अपनी आवाज उठाने के लिए भी रोका जा रहा है।
किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष इरशाद अली व उपाध्यक्ष विनोद कश्यप ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में लोग खुलकर बीजेपी के नेताओं का विरोध कर रहे है शहर की जनता को भी उनके खिलाफ उठकर खड़ा होना होगा, क्योंकि सबसे अधिक शोषण बीजेपी शहर की पढ़ी लिखी जनता का ही कर रही है।
महिला प्रदेश महासचिव विमला पांडे व जिलाध्यक्ष अंजू मिश्रा, महानगर अध्यक्ष लता जोशी ने भी कॉरिडोर की निंदा करते हुए कहा कि यह हरिद्वार के हर परिवार से जुडा मुद्दा है किसी का व्यापार जायेगा तो किसी का घर, आवश्यकता होने पर महिला कांग्रेस इसके लिए घर घर जन जागरण करने जायेगी।
अमन गर्ग व वरुण बलियान व राज्य उत्तराखंड आंदोलनकारी विजय भंडारी ने भी सम्बोधन किया। इस अवसर पर हरिद्वार व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजीव पाराशर, युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव सागर बेनीवाल, भेल मजदूर यूनियन के महामंत्री विकास सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरविन्द शर्मा, महिला प्रदेश महासचिव नलिनी दीक्षित व शशि झा, इंटक के विधानसभा अध्यक्ष जगदीप असवाल, ओबीसी के महानगर अध्यक्ष राजेंद्र श्रीवास्तव, विधानसभा अध्यक्ष अंकुर सैनी, किसान कांग्रेस हरिद्वार अध्यक्ष सोनू लाला, अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शहनाज कुरैशी, ब्लॉक कनखल अध्यक्ष जतिन हांडा, सौरभ सैनी, प्रदीप अग्रवाल, दिनेश पुंडीर, राजीव भार्गव, वरूण बालियान, तरूण व्यास, नितिन यादव, कैश खुराना, यूथ कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष तुषार कपिल, पूर्व अध्यक्ष यूथ कांग्रेस नितिन तेश्वर,एन एस यू आई अध्यक्ष याज्ञिक वर्मा,जिला महासचिव यूथ कांग्रेस शुभम जोशी, आशीष प्रधान, अमन गौड़, मोती बाजार व्यापार मण्डल कोषाध्यक्ष मोहित गर्ग, वीरेंद्र श्रमिक,अनंत पाण्डेय,मुन्ना मास्टर,ऋषभ अरोड़ा, आर्य नगर ब्लॉक अध्यक्ष विकास चंद्रा, आकिब कुरैशी, दीपक कोरी, महिला नेत्री सपना सिंह, स्वाति शर्मा, हरीश सिंघल, पूर्व ज्वालापुर नगर अध्यक्ष यशवंत सैनी, ओबीसी विभाग के पूर्व अध्यक्ष सुनील सिंह, महेंद्र गुप्ता, जगदीश जी, हरद्वारी लाल, बृजमोहन बर्थवाल, सुनील, जॉनी रजौर सहित अनेकों महिला व युवा कांग्रेस तथा कांग्रेस जन उपस्थित रहे।

भारतीय संविधान फिल्म के चौथे एपिसोड का प्रदर्शन, नाटक ‘उपलब्धियां’ का हुआ शानदार मंचन

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देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से भारतीय संविधान और संवैधानिक मूल्यों पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शुक्रवार को अगस्त क्रान्ति दिवस के मौके पर राज्यसभा टीवी पर दस साल पहले प्रसारित किए गए भारतीय संविधान के कुल दस एपिसोड की श्रंखला के चौथे एपिसोड का सभागार में उपस्थित लोगों के मध्य प्रदर्शन किया गया।
ज्ञातव्य है कि इस संविधान धारावाहिक का निर्देशन सुपरिचित फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल द्वारा किया गया है। आज का यह कार्यक्रम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और हमारा संविधान आजदी से पहले व बाद में जनगीतों के माध्यम से जन शिक्षण पर आधारित था।
इस कार्यक्रम में लेखक व जनकवि डॉ. अतुल शर्मा ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,संविधान और जनगीतों के माध्यम से जन शिक्षण पर अपनी बात रखते हुए कहा कि जब गीत को लोक अपना ले और किसी विशेष प्रयोजनों में उसका प्रयोग करे तो वह जन गीत हो जाता है। ऐसा हर आन्दोलन में हुआ है। स्वतंत्रता संग्राम में सैकड़ों जनगीतों ने जनता को उद्वेलित किया था। रामप्रसाद बिस्मिल के लिखे गीत को गाते हुए क्रांतिकारी फांसी के फन्दे पर झूल गये ’सर फरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना, बाज़ुए कातिल में है’।
बंकिमचन्द्र चंद्र चटर्जी का लिखा गीत वंदेमातरम तो स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक व ही बन गया था। इन गीतों ने लोगों का लोक शिक्षण करने के साथ ही उनमें जोश भी भरा। सन् 1942 का अंग्रेजों भारत छोडो़ आन्दोलन की शुरुआत नौ अगस्त को हुई। जिसपर महान स्वतंत्रता सेनानी एवं राष्ट्रीय कवि श्रीराम शर्मा प्रेम ने 1942 में एक ऐतिहासिक गीत लिखा ’लाठियां चली गोलियां चली, गोले बरसे बंम बरस पड़े, गोदी के छोटे लाल बन गये आफत के परकाले थे’ बहुत से स्वाधीनता सेनानियों सहित कवि प्रेम ने जेलों में कविताएं लिखी।
आज़ादी के बाद विषमता, समानता शोषण आदि के लिए आन्दोलन हुए। इनमें बहुत से जनगीतों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जनकवि शैलेन्द्र का लिखा जन गीत ’हर जो धर्म जुल्म की टक्कर से हड़ताल हमारा नारा है।’ साहिर लुधियानवी ने लिखा’ वो सुबह कभी तो आयेगी’। उत्तराखण्ड के गौर्दा सहित कैफी आज़मी, सफदर हाशमी, माहेश्वर बृज मोहन के साथ बहुत से लोगों के जनगीतों ने लोक शिक्षण किया। शलभ श्रीराम सिंह का चर्चित गीत कालजयी है’ नफस नफस कदम कदम बस एक फिक्र दम ब दम। सैकड़ाें जनकवि लोक शिक्षण में आगे आये। इनमें बल्ली सिंह चीमा, गिर्दा, ज़हूर आलम दुष्यंत कुमार, कदम गोंडवी , घनश्याम सैैलानी आदि के साथ बड़ी संख्या मे अहिंदी भाषी कवियो ने जन गीतों से लोक शिक्षण किया है’।
जनकवि डॉ. अतुल शर्मा ने आगे कहा कि संविधान मे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। उत्तराखंड मे चिपका आन्दोलन कुली बेगा, नशा नही रोजगार दो उत्तराखंड आन्दोलन नदी बचाओ आन्दोलन मे जनगीतों ने लोक शिक्षण ही नही किया दिशा भी दी और जन आन्दोलनों को गति भी प्रदान की। इस तरह कहा जा सकता है कि जन गीत आज़ादी से पहले और बाद में हर जगह मुखर रहे हैं।
जन संवाद समिति के प्रमुख सतीश धौलाखंडी ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आगे भी संविधान पर आधारित हर माह दो एपिसोड इसी तरह सिलसिले वार प्रस्तुत किये जायेंगे जो युवाओं व सामान्य जनों के लिए निसंदेह महत्वपूर्ण साबित होगा।
कार्यक्रम के अंत में आजादी व संवैधानिक मूल्यों पर जागरूकता लाने हेतु नाटक-‘उपलब्धियाँ’ का कलाकारों ने शानदार मंचन भी किया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी आज जिस तरह समाज में समता,समानता, गरीबी के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, व नागरिक सुविधाओं की आजादी की मांग समाज में बरकरार बनी हुई है उसी सामाजिक समस्या पर यह नाटक केन्द्रित रहा।
नाटक के कलाकारों में – धीरज रावत, अनिता नौटियाल, गायत्री, विनीता, गरिमा, अमित, इफ्तियार अली, गौरव का महत्वपूर्ण अभिनय रहा। नाटक का निर्देशन सतीश धौलाखंडी ने किया। सतीश धौलाखंडी ने बताया कि 1992 में सहारनपुर की एक कार्यशाला में सामूहिक रूप से तैयार यह नाटक त्रिपुरारि शर्मा जी के निर्देशन में किया गया था।
कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम का संचालन इप्टा के उत्तराखण्ड अध्यक्ष डॉ. वी. के. डोभाल ने किया। इस अवसर पर प्रदीप कुकरेती, दर्द गढ़वाली, राकेश अग्रवाल, दयानंद अरोड़ा,शोभा शर्मा, कमलेश खंतवाल, विजय कुमार भट्ट,सुंदर बिष्ट, हिमांशु आहूजा, मनोज कुमार,हर्षमनी भट्ट,अवतार सिंह सहित शहर के अनेक रंगकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक ,पत्रकार, साहित्यकार सहित दून पुस्तकालय के अधिसंख्य युवा पाठक उपस्थित रहे।

 

उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन के भवन का शिलान्यास, प्रदेश एवं मंडल कार्यकारिणी का भी हुआ गठन

देहरादून, उत्तराखंड़ जल संस्थान कर्मचारी संगठन के भवन का शिलान्यास मुख्य महाप्रबंधक महोदय इं. श्रीमती नीलिमा गर्ग के द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाप्रबंधक मुख्यालय डीके सिंह, अधिशासी अभियंता आशीष भट्ट, सहायक अभियंता हिमांशु नौटियाल, कनिष्ठ अभियंता साने आलम मौजूद रहे। कर्मचारी गण द्वारा मुख्य महाप्रबंधक का आभार व्यक्त किया गया।
तत्पश्चात संगठन की एक आम सभा की बैठक आयोजित की गई जिसमें कर्मचारियों की लंबित मांगों के संबंध में विस्तृत रूप से विचार विमर्श किया गया।
इस दौरान पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश एवं मंडल की कार्यकारिणी का गठन किया गया जिसमें चुनाव अधिकारी कोमल सिंह चौहान, सहायक लेखा अधिकारी विनोद सिंह, सहायक लेखाकार संदीप मैखूरी द्वारा प्रदेश एवं मंडल के चुनाव अधिकारी के रूप में चुनाव संपन्न कराए गए, जिसमें प्रदेश कार्यकारिणी में निम्न पदाधिकारी निर्विरोध रूप से निर्वाचित हुए।
संयोजक पद हेतु रमेश बिंजोला, प्रदेश अध्यक्ष संजय जोशी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रामचंद्र सेमवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष संदीप मल्होत्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष महेश राम, प्रदेश महामंत्री श्याम सिंह नेगी, प्रदेश कोषाध्यक्ष लाल सिंह रौतेला, संयुक्त मंत्री सतीश पारछा, शिव मोहन संगठन मंत्री, शिवप्रसाद शर्मा व गणेश सिंह प्रचार मंत्री, श्रीमती शाकुंभरी रावत, प्रेम सिंह नेगी मीडिया प्रभारी, जीवनंद भट्ट कार्यालय सचिव, डीपी बद्री और बलवंत सिंह निर्विरोध रूप से निर्वाचित घोषित किये गये हैं। साथ-साथ गढ़वाल मण्डल अध्यक्ष पद हेतु प्रवीण सैनी, उपाध्यक्ष रमेश चंद शर्मा, सम्पूर्ण सिंह गुसाई महामंत्री, शिशुपाल सिंह रावत कोषाध्यक्ष, चतर सिंह चौहान संयुक्त मंत्री, दीवान सिंह चौहान और भूपेंद्र सिंह संगठन मंत्री, जितेंद्र राजभर, राजकुमार अग्रवाल कार्यालय सचिव, धन सिंह चौहान, भुवनेश्वर सिंह सैनी प्रचार मंत्री, कांता देवी, सरिता नेगी, मीडिया प्रभारी प्रेम सिंह रावत निर्विरोध निर्वाचित घोषित हुए हैं।
निर्वाचन सभा में हरिद्वार, रूड़की, विकासनगर, कालसी चकराता पुरोला नैनीताल रामनगर काशीपुर उधमसिंह नगर, पिथौरागढ, चम्पावत, खटीमा, लालकुँआ, मसूरी, कोटद्वार, जलकल देहरादून, सहसपुर, डोईवाला, रानीपोखरी, ऋषिकेश, चमोली आदि शाखाओं से भारी संख्या में कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।

 

उत्तराखण्ड़ राज्य आंदोलनकारी मंच ने सशक्त भू-कानून, मूल निवास एवं लोकायुक्त कानून लागू करने को लेकर दिया धरना

देहरादून, उत्तराखण्ड़ राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा अगस्त क्रांति दिवस के साथ ही गैरसैण के लिये बलिदान देने वाले बाबा उत्तराखण्ड़ी के बलिदान दिवस पर राज्य में सशक्त भू-कानून, मूल निवास एवं लोकायुक्त कानून लागू कराने की मांग को लेकर दीनदयाल पार्क में धरना दिया । धरने का संचालन पूरण सिंह लिंगवाल व अध्यक्षता मोर्चे की अध्यक्षा सुलोचना भट्ट द्वारा की गईं।
इस मौके पर उत्तरांचल बैंक कर्मचारी एसोशियन के अध्यक्ष जगमोहन मेहन्दीरत्ता एवं उत्तराखण्ड़ क्रांति दल आंदोलनकारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष युद्धवीर सिंह चौहान ने कहा कि जिन उद्देश्यों को लेकर हमने राज्य गठन की लड़ाई लड़ी वह आज की वर्तमान परिस्थियों को देखकर दु:ख होता हैं, सशक्त भू-कानून, मूल निवास, स्थाई राजधानी, लोकायुक्त और रोजगार नीति जैसी कई कमियां मौजूद हैं जिससे आज पहाड़ी जनमानस अपने का असहज महसूस कर रहा है। वहीं देवभूमि युवा संगठन के अध्यक्ष आशीष नौटियाल व दून डॉयलाग के संयोजक अभिनव थापर ने सरकार से पुनः अपील की हैं कि वह शीघ्र प्रदेश व राष्ट्र हित में सशक्त भू-कानून , मूल निवास व लोकायुक्त को लागू करें अन्यथा बड़ा आन्दोलन खड़ा होगा।
मसूरी के आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष देवी गोदियाल के साथ ही महेन्द्र रावत (बब्बी) ने कहा कि जब सरकार ने भू कानून को लागू कराने हेतु कमेटी बना दी गईं तो वह आज तक लागू क्यों नहीं हुआ, लगातार जिस प्रकार प्रदेश में नित नये नये भूमि घोटाले व कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहें और हमारे हकूकों पर डाका डाला जा रहा हैं।
प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने इस धरने के माध्यम से सरकार से पुरजोर मांग करते हुये कहा यदि राज्य स्थापना दिवस तक सशक्त भू-कानून, मूल निवास एवं लोकायुक्त कानून लागू नहीं हुआ तो पूरे प्रदेश में जनजागरण के साथ बड़ा आन्दोलन खड़ा किया जायेगा और मजबूती से इस व्यवस्था को लागू कराया जायेगा।
राज्य आंदोलनकारी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की अध्यक्ष सुलोचना भट्ट एवं देवेश्वरी ने जोर देकर कहा कि अब राज्य बनने के 24 वर्ष बाद भी हमें सशक्त भू कानून , स्थाई राजधानी व लोकायुक्त तक नहीं बना पाये। सरकार सभी नेताओं की संपत्तियों का ब्यौरा लेखा जोखा सबके सामने रखें ताकि प्रदेश वासियों को पता चलें।
महिलाओं ने सभी प्रदेश वासियों से भविष्य में प्रदेश हित में सड़कों पर आने को तैयार रहें।
आपको याद दिलाते चलें कि गत वर्ष क्रांति दिवस पर उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा इसी मांग को लेकर भारी जनसमूह के साथ सीएम आवास कूच किया था। लेकिन मुख्यमन्त्री ने कमेटी गठित होने की बात कह कर जल्द लागू कराने की घोषणा की थी , लेकिन वह आज भी लागू नहीं हुआ।

धरने में यह रहे मौजूद :

इस अवसर पर केशव उनियाल, जगमोहन सिंह नेगी, प्रांजल नोडीयाल , हरीश पन्त, महेन्द्र रावत (बब्बी) लुशुन टोडरिया, संजय बलूनी, पूरण जुयाल , आशीष नौटियाल, पुष्कर बहुगुणा, विजय बलूनी, सुमन बडोनी , धर्मपाल सिंह रावत, गौरव खंडूड़ी, आशीष बिष्ट, विनोद असवाल, सुरेश नेगी, बीर सिंह रावत, आमोद पैन्युली , बलबीर सिंह नेगी, सुशील चमोली, जयदीप सकलानी, सुशील चमोली, परमानंद बलोदी, युगपाल सिंह असवाल, प्रमोद काला, चंद्रमोहन सिंह नेगी, नवीन राणा, पकंज उनियाल, सुशील विरमानी, प्रभात डण्डरियाल, मोहन सिंह रावत , श्रीपति भण्डारी , हरजिंदर सिंह, ललित श्रीवास्तव, ब्रजेश चन्द्र, सुलोचना भट्ट, द्वारिका बिष्ट, राधा तिवारी, गीता नेगी, देवेश्वरी गुसांई, पुष्पा रावत, रामेश्वरी नेगी, तारा पाण्डे़, लक्ष्मी बिष्ट, उषा कोठारी, रामेश्वरी रावत, सरिता जुयाल, मधु थपलियाल, यशोदा रावत, रेवती बिष्ट, सावित्री बड़थ्वाल, दर्शनी खत्री, कुसुम घिल्डियाल, गुड्डी देवी, कुसुम पटवाल, कुन्ती देवी, गुड्डी नेगी, शान्ति कैन्तुरा, पार्वती रावत , सुलोचना मेंगवाल, उषा कोठरी, निधि भट्ट , संगीता सेमवाल, सुबोधिनि भट्ट आदि मौजूद रहे।

सरकार तैयारी में जुटी, अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में होंगे नगर निकाय चुनाव

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देहरादून, लोकसभा चुनाव के बाद अब राज्य में नगर निकायों के चुनाव की तैयारियां जोर शोर से चल रही है, वैसे तो निकायों के चुनाव को लेकर चल रही सरकार की कवायद के अनुसार अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में हो सकते हैं। वहीं कई वार्डो के परसीमन और ओबीसी आरक्षण से लेकर 15 सितंबर से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेज दिया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ सरकार ने निकाय चुनाव से पहले अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ को नगर निगम बनाने की कवायद भी तेज कर दी है। गौरतलब हो कि प्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों का कार्यकाल बीते साल दो दिसंबर को पूरा हो गया था और छह माह के लिए निकाय प्रशासकों के हवाले हो गए थे।अब इस अवधि में चुनाव न होने के चलते सरकार ने तीन माह के लिए अवधि बढ़ा दी थी। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश आने के बाद सरकार अंतिम टाइमलाइन तय कर राज्य में अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में निकाय चुनाव की तैयारी जुट गयी। इससे पहले 15 सितंबर तक ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए नियमावली आदि का काम पूरा होगा।
निकायों का परिसीमन, वोटर लिस्ट का काम भी तब तक पूरा करने की समय सीमा रखी गई है। उधर, सचिव शहरी विकास नितेश झा ने बताया, निर्धारित समय सीमा में निकाय चुनाव कराने के लिए तैयारी तेज कर दी गई हैं। सरकार की पूरी तैयारी है कि दीपावली से पहले ही सभी निकायों में नए बोर्ड गठन टवकी प्रक्रिया पूरी हो जाए। शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए कि नगर निगम देहरादून के 54 वार्डों का परिसीमन 15 दिन के भीतर सुधार कर शासन को भेजा जाए। इस समय सीमा में ओबीसी आरक्षण व वोटर लिस्ट का काम भी पूरा करना है, ताकि निकाय चुनाव में कोई अड़चन पेश न आए।
इधर सरकार ने नगर पालिका अल्मोड़ा और नगर पालिका पिथौरागढ़ को नगर निगम बनाने के लिए शासन स्तर से जिलाधिकारी को पत्र भेज दिया गया है। डीएम की ओर से इन निकायों को निगम बनाने के लिए सीमांकन संबंधी पूरी प्रस्ताव शासन को भेजा जाना है। माना जा रहा कि चुनाव से पहले ही सरकार इन्हें निगम बनाएगी। उधर, नगर पालिका रामनगर और नगर पालिका कर्णप्रयाग के परिसीमन में भी कुछ बदलाव होंगे, कुछ क्षेत्र जोड़े जाएंगे या कुछ हटाए जाएंगे। दो नगर निगम बनने के बाद राज्य में 11 नगर निगम (देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार, श्रीनगर, हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर, पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा) हो जाएंगे। नगर पालिका की संख्या 41 और नगर पंचायतों की संख्या 50 होगी। सरकार ने पिछले दिनों ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए एक्ट में संशोधन को मंजूरी दी थी। अब इस संशोधन को लागू करने के लिए नियमावली लागू करने की तैयारी है। नियमावली का प्रस्ताव आगामी कैबिनेट में लाया जाएगा, ताकि निर्धारित समय सीमा में ओबीसी आरक्षण लागू हो सके। वहीं राज्य के राजनैतिक दलों ने भी नगर निकायों के चुनाव को लेकर अपनी सरगर्मी तेज कर दी और स्थानीय स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने की दिशा में लगातार क्रियाशील हैं |

मैक्स जी नाले में बही, महिला की मौत छह घायल, दो लापता

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चम्पावत, राज्य में चल रही भारी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं, भारी बारिश के बीच टनकपुर—पूर्णागिरी मार्ग पर स्थित किरोड़ा नाले में आज सुबह एक भीषण हादसा हुआ है। यहां एक मैक्स जीप नाले में बह गयी जिसमें नौ लोग सवार थें। घटना की सूचना मिलने पर प्रशासन व बचाव दल मौके पर पहुंचा और बचाव व राहत कार्य शुरू किया।
जानकारी के अनुसार बचाव दल के लगातार प्रयासों के बाद सात लोगों को नाले से निकाल लिया गया। जिनमें से एक महिला की मौत हो गयी है जबकि अन्य को उप जिला चिकित्सालय टनकपुर पहुचाया गया है। जबकि दो लोग अभी भी लापता बताये जा रहे है। बताया जा रहा है कि जीप सवार सभी लोग जनपद उधमसिंहनगर के ग्राम पकड़िया के रहने वाले है। बचाव दल अभी भी लापता लोगों की तलाश कर रहा है।
उप जिलाधिकारी आकाश जोशी ने बताया कि घटना स्थल पर बचाव व राहत कार्य जारी है। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि मृतक महिला का नाम बलविंदर कौर है जबकि सोना कौर और मंगल सिंह लापता है। घायलों के नाम पवनदीप कौर निवासी खटीमा, अमनदीप कौर, सीमा व चालक उमेश बताये जा रहे है।

अगस्त क्रांति की 82वीं वर्षगांठ पर स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी कल्याण समिति ने आयोजित की गोष्ठी

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देहरादून, देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियो के आदर्शो के अनुरूप राष्ट्र की संप्रभुता,एकता और अखंडता की रक्षा करना हमारा संवैधानिक कर्तव्य है। यह उद्गार अगस्त क्रांति की 82वीं वर्षगांठ पर स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी कल्याण समिति द्वारा आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने व्यक्त किये, उज्जवल रेस्टोरेंट में आयोजित विचार गोष्ठी में शामिल वक्ताओं ने कहा कि पारस्परिक सौहार्द,भाईचारे की भावना को सुदृढ बनाने में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को अपनी नैतिक जिम्मदारी उठानी चाहिए। व्यवस्थाओं में आमजन की भावनाओ के अनुरूप अब भारत छोड़ो आंदोलन की तर्ज पर भ्रष्टाचार देश छोड़ो आंदोलन का भी आगाज सेनानियो के वंशजों को करना होगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वरिष्ठ आंदोलनकारी, स्वतंत्रता सेनानी वंशज, पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी बुलन्द लेखनी के जरिए लगातार आवाज उठाने वाले वयोवृद्ध विरेन्द्र कुमार पैन्यूली को शाल उड़ाकर सम्मानित भी किया गया। वक्ताओं ने कहा प्राकृतिक पर्यावरण जिसमें जल जंगल जमीन व वन्यजीव शामिल है यदि उत्तराखंड़ में पर्यावरण प्रेमी इसके संरक्षण के लिए अपनी आवाज उठा रहे हैं तो यह उनके संवैधानिक कर्तव्य ही है।
वक्ताओं ने कट्टरवादी आतंकियों द्वारा बांग्लादेश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा तोड़े जाने तथा भारतीय नागरिकों के विरुद्ध किए जा रहे अमानवीय दुष्कृत्यों की भर्त्सना की और प्रधानमंत्री मोदी से मांग की कि निर्वासित राष्ट्रपति शेख हसीना को उनकी इच्छाओं के अनुरूप भारत में ही स्थाई आश्रय प्रदान किया जाए, कार्यक्रम के अन्त में देश की आजादी के लिए शहीद हुए योद्धाओं को दो मिनट मौन रखकर श्रद्धासुमन अर्पित किये।
इस अवसर पर सचिन शास्त्री, उषा कोठारी, जगमोहन मैंहदीरत्ता, आर. एस. कैंथुरा, डा.एसके गोविल, कल्पना बहुगुणा, मुनिराम सकलानी, सत्यप्रकाश कोठारी, ब्रिगेडियर केजी बहल, सुशील त्यागी, अवधेश शर्मा, बिशमभर नाथ बजाज, सत्यप्रकाश चौहान, जीएस जस्सल, सत्यप्रकाश डिमरी,मुकेश नारायण शर्मा, आशा टम्टा, मीना जोशी, रामचन्द्र जोशी, सुभाष मिश्रा, बिन्नी उनियाल, योगेश फरासी, शीला नेगी, बबीता असवाल, आशा नौटियाल, मानवेंद्र सोलंकी, नेत्रपाल सिहं, दिनेश भण्डारी आदि शामिल थे।

नशे के विरोध में राज्यव्यापी आंदोलन चलाने की तैयारी

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‘नशा विरोधी जन अभियान के बैनर तले 11 अगस्त को देहरादून में जन जागरण मार्च के साथ होगी आंदोलन की शुरुआत’

देहरादून, राज्य में नशे शराब के साथ ही साथ तेज़ी से ड्रग्स के बढ़ते जा रहे चलन से , लोगों के घर परिवारों में बिगड़ते माहौल और युवा पीढ़ी और बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित विचारशील एवं संघर्ष शील महिलाओं की पहल पर, महिलाओं और जनसंगठनों ने एक जुट होकर , प्रदेश स्तर पर नशे के खिलाफ व्यापक जन जागरण का अभियान चलाने का फैसला किया है।
‘नशा विरोधी जन अभियान’ के बैनर तले इस अभियान की शुरुआत 11 अगस्त को देहरादून से की जा रही है। इस दिन सुबह 7 बजे एफआरआई गेट से पहला जन जागरण मार्च निकाला जाएगा। बाद में इस तरह के मार्च पूरे देहरादून और राज्य केअन्य हिस्सों में आयोजित किये जाएंगे। जिसके बाद बाद प्रदेश की युवा पीढ़ी को नशे के प्रकोप से बचाने के लिये सर्व सम्मति से प्रभावी जरूरी कदम उठाए जाएंगे I यह सब नशा विरोधी जन अभियान के बैनर तले होगा।
नशा विरोधी जन अभियान के लिए हर ज़िले व प्रदेश मे एक संयोजक मंडल बनाया जाएगा I इसके लिए अभी गठित अभियान टीम द्वारा राज्य आंदोलनकारी और प्राथमिक शिक्षक संघ की पूर्व अध्यक्ष ऊषा भट्ट और स्वतंत्र पत्रकार व एक्टिविस्ट त्रिलोचन भट्ट को यह जिम्मेदारी दी गई है, जो सभी सक्रिय व्यक्तियों व संघठनो की सम्मति से यह गठित करेंगे I
अभियान को लेकर उक्त दोनों की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि उत्तराखंड में पहले शराब का ही प्रचलन था, लेकिन अब तरह-तरह के नशे और ड्रग्स देहरादून से लेकर राज्य के सुदूर पर्वतीय गांवों तक पहुंच गये हैं। इससे युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है और कई परिवार तबाह हो चुके हैं। पुलिस विभाग कभी-कभी नशे के खिलाफ अभियान चलाता है, लेकिन इस मामले में जिस संवेदनशीलता का जरूरत है, उसका अभाव सरकारी अभियानों में साफ नजर आता है।
बयान में कहा गया है कि सरकार की अपनी सीमाएं होती हैं। ऐसे में केवल सरकार को दोष देना ठीक नहीं है। आम लोगों को भी इसमें भागीदारी निभानी होगी। नशा विरोधी अभियान के तहत नशे के खिलाफ आम नागरिकों की भागीदारी के लिए उन्हें जागरूक किया जाएगा और सरकार से सतत संबाद भी बनाया जाएगा। करीब एक दर्जन संगठनों ने इस अभियान में शामिल होने की स्वीकृति दे दी है। आने वाले दिनों में इस मामले में सहमति रखने वाले राज्य के अन्य संगठनों और व्यक्तियों को भी आंदोलन में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि नशे के बढ़ते चलन से सबसे ज्यादा प्रभावित महिलाएं होती हैं। ऐसे में इस अभियान से ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं। यह संतोषजनक है कि देहरादून की विचारवान महिलाओं ने बड़ी संख्या में इस आंदोलन में शामिल होने की बात कही है। बयान में अपील की गई है कि जो लोग नशे के खिलाफ इस मुहिम में शामिल होना चाहते हैं, वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में 11 अगस्त और उसके बाद कुछ-कुछ दिनों के अंतराल में देहरादून और राज्य के अन्य हिस्सों में आयोजित किये जाने वाले मार्च में शामिल हों, ताकि अभियान को मजबूती प्रदान करने की दिशा में प्रभावी रणनीति बनाई जा सके।