Wednesday, April 30, 2025
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हरिद्वार कुंभ-2027 की तैयारियों को लेकर एक्शन में मुख्य सचिव आनंद वर्धन

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हरिद्वार(कुलभूषण),  आगामी कुंभ मेला 2027 की तैयारी नव नियुक्त मुख्य सचिव आनंद वर्धन, हरिद्वार ने आगामी कुंभ-2027 के मेले को लेकर मेला अधिकारी कर्मेन्द्र सिंह से मायापुर स्थित कैंप कार्यालय में विचार विमर्श किया।
उन्होंने जिलाधिकारी एंव जनपदीय अधिकारीयों से आगामी कुंभ-2027 की तैयारियों के सम्बंध में निर्देश दिए कि शासन स्तर पर भी आगामी सात-आठ दिन में बैठक की जाएगी जिसमें कुंभ- 2027 में सरकार द्वारा सुचारू व्यवस्था की जाएगी, साधु संतों और महात्माओं को साथ में लेकर और उनके मार्गदर्शन से उनके आशीर्वाद से उनसे विचार विमर्श कर आगे की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। आगामी कुंभ-2027 को लेकर हमारी योजनाएं गतिशील है जो भी योजनाएं बनेगी वह हरिद्वार शहर कुंभ नगरी के लिए अच्छी होगी।
चार धाम यात्रा को लेकर अवगत कराया कि राज्य सरकार की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से सम्पन्न करने की तैयारी शुरू हो चुकी है स्थानीय जिला प्रशासन के स्तर पर भी और शासन के स्तर पर भी जहां-जहां जो आवश्यकता है वह पूरी की जा रही है, चाहे बजट की हो या कार्यों की हो इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी चालू हो चुकी हैं राज्य धारकों के साथ भी विचार विमर्श शुरू हो चुका है और जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा मौकों पर निरीक्षण किया जा रहा है चारों धाम पर जहां-जहां उनके यात्रा मार्ग पर जो आवश्यकता होगी वो पूरी किए जाने की कोशिश की जाएगी।
चार धाम यात्रा के अगामी दिनों अधिक से अधिक दर्शनार्थी पहुँते हैं अतः हम सभी राज्यों से व प्रमुख व्यक्तियों और अति विशिष्ट व्यक्तियों से अनुरोध करते हैं कि इस दौरान यात्रा न करंे, लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बड़ रही है राज्य सरकार द्वारा समुचित व्यवस्थाएं की जाएगी जिससे चार घाम यात्रा सकुशल सम्पन्न हो सके।
इसके पश्चात जुना अखाड़ा स्थित श्री माया देवी मंदिर, कनखल स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर के बाद गंगा आरती में प्रतिभाग किया।
इस दौरान जिलाधिकारी कर्मेंन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, एचआरडीए उपाध्याय अंशुल सिंह, मुख्य नगर आयुक्त नंदन सिंह, एचआरडीए सचिव मनीष कुमार सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, डिप्टी कलेक्ट्रेट लक्ष्मी राज चौहान, एसपी सिटी पंकज गैरोला, उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह आदि उपस्थित थे।

शिविर में बच्चों के दांतों की जांच कर सही देखभाल की जानकारी दी

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देहरादून: हिमडेंट फाउंडेशन द्वारा स्माइलिंग स्कूल कार्यक्रम के तहत आसरा ट्रस्ट, आराघर में निःशुल्क दंत चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। इस दौरान डॉ. आदित्य वोहरा एवं उनकी टीम की ओर से बच्चों को दांतों के स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया गया तथा उनकी जांच व उपचार किया गया।
शिविर के दौरान 8 बच्चों के 20 पक्के दांतों में पक्की भराई की गई। बच्चों को सही ब्रश करने की तकनीक, दांतों की सफाई का महत्व और स्वस्थ दंत आदतों के बारे में भी जानकारी दी गई।
इस अवसर पर आसरा ट्रस्ट के मेडिकल हैड श्री ध्रुव जी तथा वार्डन श्री हेम कुमार जी सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। हिमडेंट फाउंडेशन की टीम ने बच्चों को निःशुल्क दंत परामर्श और उपचार देकर उनके स्वस्थ भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।

आज से बदल जाएंगे इनकम टैक्स के कई नियम, 12 लाख रुपये तक की रकम होगी टैक्स फ्री

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नई दिल्ली, । नया वित्त वर्ष आज से शुरू हो रहा है. इसके साथ ही इनकम टैक्स से जुड़े कई नियम बदलने जा रहे हैं. आम बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई अहम घोषणाएं कीं, जो 1 अप्रैल से लागू हो रही हैं, जिसका सीधा असर नौकरीपेशा लोगों की जेब पर पड़ेगा. इन नए नियमों में आयकर में अधिक छूट और टीडीएस नियमों में बदलाव शामिल हैं.
बजट में वित्त मंत्री द्वारा घोषित नई कर व्यवस्था के तहत आयकर में बढ़ी हुई छूट 1 अप्रैल से लागू हो रही है. अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले लोग आयकर छूट के दायरे में आएंगे. पहले यह आंकड़ा 7 लाख रुपये था.
इसके अलावा अगर वेतनभोगियों को दी जाने वाली 75,000 रुपये की मानक कटौती को जोड़ दिया जाए तो आयकर छूट बढक़र 12.75 लाख रुपये हो जाती है. हालांकि आयकर छूट में पूंजीगत लाभ को शामिल नहीं किया गया है. इस पर अलग से टैक्स लगेगा.
सरकार ने नई कर व्यवस्था के तहत नए टैक्स स्लैब भी पेश किए हैं, जबकि पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है. अब नई कर व्यवस्था के तहत 4 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त होगी, जबकि 4 लाख रुपये से 8 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा. जैसे-जैसे आय बढ़ेगी, कर की दरें धीरे-धीरे बढ़ेंगी और 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर यह 30 फीसदी तक पहुंच जाएगी.
केंद्र सरकार ने बजट में धारा 87ए के तहत कर छूट को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया है, जिससे नई कर व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की आय कर-मुक्त हो जाएगी.
बैंक जमा पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस कटौती की सीमा 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है. इसका मतलब है कि अब बैंक जमा पर मिलने वाली 50,000 रुपये तक की राशि पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा.

भारत शिक्षा लोक परिषद, एकल शिक्षा अभियान के अन्तर्गत उत्तराखंड के सूदूर गाँवो मे कर रहा उत्कृष्ट कार्य- विदुषी निशंक

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देहरादून, दस दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग जो कि चकराता के माख्टी पोखरी गांव के सरस्वती शिशु मंदिर एकल अभियान के आचार्य प्राथमिक प्रशिक्षण के तहत विगत दस दिवसों से चल रहा था, उसके समापन समारोह मे मुख्य अतिथी विदुषी निशंक, अधिवक्ता, अध्यक्ष सनराइज एकेडमी, निदेशक स्पर्श हिमालय फाउंडेशन व अध्यक्ष कुसुम कांता फाउंडेशन ने कहा कि भारत लोक शिक्षा परिषद देशभर मे सुदूर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को शिक्षा के लिए प्रशिक्षित कर बहुत अच्छा कार्य कर रहा है, हमारे देश की सनातन संस्कृति पर हमे गर्व होना चाहिए और मुझे प्रसन्नता है कि इस अभियान के तहत सनातन संस्कृति के साथ वैज्ञानिक चेतना पर भी कार्य हो रहा जो निश्चित ही हमारे देश को विश्वगुरु बनाने की ओर ले जाएगा. इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अमित पोखरियाल, प्रबन्धक जनसम्पर्क, यूकॉस्ट ने राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के कार्यकलापों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी साथ ही समाज मे विज्ञान आधारित सोच की महत्वता के बारे मे बताया.
पूजा पोखरियाल, प्रबन्ध निदेशक सनराइज एकेडमी व सचिव, मंथन वेलफेयर सोसाइटी ने समाज मे आगे बढ़ने के लिए शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है इसके बारे मे बताया.
दस दिवसीय प्रशिक्षण मे संच चकराता, सहिया, और कोटि कनासर के 30 महिला आचार्यों ने भाग लिया है इस केंद्रों को चलाने के लिए हर गांव से एक एक पढ़ी लिखी महिला रखी जाती है जो की उन बच्चो को संस्कार के साथ बौद्धिक ज्ञान और शारीरिक ज्ञान भी देती है .
एकल अभियान के संच प्रभारी श्री कुन्दन सिंह चौहान जी ने बताया है की एकल अभियान उन बच्चो को बेसिक शिक्षा,शारीरिक शिक्षा और बौद्धिक शिक्षा देते है जिनके माता पिता अपने बच्चों की अच्छे स्कूलों में शिक्षा नही दे सकते है जिसके कारण वह बच्चे आगे नही बढ़ पाते है और एकल अभियान उन्ही बच्चो को आगे बढ़ाने का कार्य करते है।इसके साथ एकल अभियान गांव में रहने वाले किसानों को जैविक खेती,जागरण शिक्षा,स्वास्थ्य शिक्षा और ग्रामोथान शिक्षा के बारे में भी जानकारी देते क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षा का अभाव को देखते हुए एकल अभियान ने पूरे देश में एक लाख से ज्यादा गांवों में संस्कार केंद्र संचालित कर रहा है जिससे की बच्चो को को शिक्षा के साथ संस्कार भी मिलते रहे. समापन समारोह मे सत्यवीर सिंह चौहान प्रवक्ता,श्री रणवीर सिंह चौहान पूर्व प्रधान,और कार्यक्रम अध्यक्ष अमर सिंह चौहान.
इस वर्ग में एकल अभियान के कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे जिनके नाम इस प्रकार से है विशन सिंह अभियान प्रमुख ,,महावीर सिंह शारीरिक प्रमुख और पिंकी शर्मा जी संच प्रमुख अंचल अट्टाल आदि उपस्थित थे.

पुलिस महानिदेशक ने की राज्यपाल से भेंट

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देहरादून(आरएनएस)।     राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मंगलवार को राजभवन में पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ ने भेंट की। इस दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई, जिनमें पुलिस प्रशिक्षण, नशामुक्ति अभियान, लोकल उत्पादों को बढ़ावा देने और चारधाम यात्रा की तैयारियों सहित अन्य विषय शामिल रहे।
राज्यपाल ने पुलिस महानिदेशक को पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (पीटीसी) नरेंद्र नगर को उच्चीकृत किए जाने के निर्देश देते हुए इसे हिमालयी राज्यों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसमें आपदा प्रबंधन, साइबर क्राइम, भीड़ प्रबंधन जैसी पुलिस संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किए जाएं। उन्होंने इसके लिए विशेष कार्ययोजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए।
राज्यपाल ने पुलिस विभाग द्वारा राज्य में नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे जन-जागरूकता अभियान को व्यापक स्तर पर संचालित किए जाने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि इस अभियान में विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, स्कूलों, छात्रों, अभिभावकों, शिक्षाविदों, मनोवैज्ञानिकों, डॉक्टरों और रिहैब सेंटरों सहित सभी हितधारकों को भी सम्मिलित किया जाए, ताकि नशे के दुष्प्रभावों के प्रति समाज को जागरूक किया जा सके। उन्होंने प्रदेश की सभी पुलिस कैंटीनों में सहकारी समितियों के सहयोग से स्थानीय उत्पादों, विशेषकर वाइब्रेंट विलेज के उत्पादों को प्राथमिकता दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाया जा सकेगा।
राज्यपाल ने उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा गुमशुदा बच्चों, महिलाओं और पुरुषों की तलाश के लिए चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन स्माइल‘ की सराहना की। उन्होंने इस अभियान में कार्यरत पुलिस टीम से संवाद करने के लिए राजभवन, देहरादून में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाने की बात भी कही।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक ने राज्यपाल को चारधाम यात्रा की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने पुलिस द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं पर चर्चा करते हुए यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी भी दी।

मुख्यमंत्री ने की वन एवं ऊर्जा विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा

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   – वनों के संरक्षण के साथ वन सम्पदाओं से राजस्व वृद्धि के लिए और प्रभावी प्रयास किये जाएं
   – राज्य में ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की दिशा में तेजी से किये जांए कार्य
   -वन विभाग के गेस्ट हाउस के आधुनिकीकरण पर दिया जाए विशेष ध्यान-मुख्यमंत्री
देहरादून(आरएनएस)।  वनों के संरक्षण के साथ वन सम्पदाओं से राजस्व वृद्धि के लिए और प्रभावी प्रयास किये जाएं। वन विभाग के गेस्ट हाउस के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए। जड़ी-बूटियों, कृषिकरण तथा विपणन के क्षेत्र में कार्य के लिए और अधिक संभवनाएं तलाशी जाए। मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए कारगर उपाय किए जाएं। वनाग्नि प्रबंधन, जैव विविधता संरक्षण एवं ईको -टूरिज्म पर विशेष ध्यान दिया जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में वन विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन सम्पदाओं का बेहतर उपयोग के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजागार को बढ़ावा दिया जाए। ग्रीष्मकाल के दृष्टिगत वनाग्नि की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्ययोजना के साथ रणनीति बनाई जाए, ताकि वनाग्नि से होने वाले नुकसान से बचा जा सके। यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे प्रयास केवल कागजों तक सीमित न रहे, धरातल पर दिखाई दें। मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को रोकने के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन किया जाए और राज्य में इसके लिए बेहतर कार्य योजना बनाई जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि इको टूरिज्म के अंतर्गत इको कैंपिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, पुराने फॉरेस्ट रेस्ट हाउस के रिस्टोर, स्थानीय युवाओं को विभिन्न गतिविधियों जैसे नेचर गाइड का प्रशिक्षण और क्षमता विकास कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इको टूरिज्म के लिए समर्पित एक वेबसाइट बनाई जाएगी। अभी तक विभिन्न क्षेत्रों में संचालित इको टूरिज्म क्षेत्र से स्थानीय युवाओं को लगभग रुपए 5 करोड़, जिप्सी संचालन से 17 करोड़ और स्वयं सहायता समूह को 30 लाख की आय सृजित हुई है।
ऊर्जा विभाग की समीक्षा के दौरान भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं। लघु जल विद्युत परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की मुख्य अवधारणा में ऊर्जा और पर्यटन प्रदेश था। पर्यटन के क्षेत्र में राज्य में तेजी से कार्य हो रहे हैं, लेकिन ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक संभावनाओं पर कार्य करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य की क्षमताओं के हिसाब से कार्य करने की जरूरत है। शहरी क्षेत्रों में पावर लाइन के अंडरग्राउडिंग का कार्य वर्षाकाल शुरू होने से पहले पूर्ण किया जाए। सरकारी भवनों में सोलर रूफ टॉप से आच्छादित करने का कार्य जल्द पूर्ण किया जाए। यूजेवीएनएल, यूपीसीएल की जो परिसम्पतियां उपयोग में नहीं हैं, उनको उपयोग में लाने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाई जाए। नवीकरणीय ऊर्जा संवर्धन योजना, विद्युत वितरण सुधार योजना और स्मार्ट मीटर की योजनाओं में तेजी लाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
बैठक में जानकारी दी गई कि 2023 में संशोधित जल विद्युत नीति के अनुसार वन टाइम एमनेस्टी के तहत कुल 160.80 मेगावाट के 8 प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी गई हैं। ये प्रॉजेक्ट 2030 तक 1790 करोड़ की लागत से पूरे होंगे। इसके साथ ही 121 मेगावाट के 6 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली है। इस नीति से क्षेत्र का सामाजिक आर्थिक विकास होगा। यूजीवीएनएल 2028 से 03 पंप स्टोरेज का कार्य शुरू कर 2031 में पूरा करेगा। लगभग 5660 करोड़ की लागत इन तीनों पंप स्टोरेज में इच्छारी , लखवार-व्यासी और व्यासी-कटापत्थर प्रोजेक्ट शामिल हैं।
बैठक में वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, श्री आर.मीनाक्षी सुंदरम, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, अपर सचिव श्रीमती रंजना राजगुरु, उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक श्री संदीप सिंघल, यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक श्री अनिल कुमार, पिटकुल के प्रबंध निदेशक श्री पी.सी.ध्यानी और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

डीएम के निर्देशों पर सीडीओ ने की स्कूलों में फीस स्ट्रक्चर की समीक्षा

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देहरादून(आरएनएस)।  जिले में निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस बढ़ाने की शिकायतों को लेकर जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशों पर मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने विभिन्न निजी स्कूल संचालकों के साथ वार्ता की। इस दौरान निजी विद्यालयों के विगत पांच वर्षों  के फीस स्टक्चर की जांच की गई। मुख्य विकास अधिकारी ने निजी स्कूल संचालकों को सख्त हिदायत दी कि स्कूल फीस के लिए आरटीई एक्ट और प्रोविजन के अनुसार ही काम करना सुनिश्चित करें। अभिभावक और बच्चों को किसी एक निश्चित दुकान से किताबें और ड्रेस खरीदने के लिए भी बाध्य न किया जाए।
मुख्य विकास अधिकारी ने निजी स्कूल संचालकों को जानकारी देते हुए बताया कि एक्ट के अनुसार विद्यालय तीन वर्ष में अधिकतम 10 प्रतिशत से अधिक फीस नही बढ़ा सकते। स्कूल प्रशासन के व्यय निकालने के बाद स्कूल की कुल जमा 20 प्रतिशत से अधिक नही होनी चाहिए। शिक्षा विभाग के संज्ञान में लाए बिना कोई भी निजी स्कूल अपनी मनमानी से फीस नही बढ़ा सकते है और यदि 10 प्रतिशत तक फीस बढ़ानी आवश्यक हो तो स्कूल को इसके औचित्यपूर्ण कारण भी शिक्षा विभाग को बताने होंगे। मुख्य विकास अधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निजी स्कूल संचालकों के साथ नियमों की जानकारी साझा करने के निर्देश भी दिए। निजी स्कूल संचालकों को हिदायत दी कि इसके बावजूद भी कही से मनमानी फीस बढ़ाने की शिकायत मिली तो स्कूल के विरूद्व कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा सभी निजी स्कूल संचालकों को राज्य सरकार के नियमों और एनसीईआरटी की किताबों को लगाने सहित कई बिन्दुओं पर निर्देश दिए गए।
बैठक में निजी विद्यालयों में फीस बढ़ोत्तरी की गहन समीक्षा की गई। कई निजी प्रतिष्ठित स्कूलों स्कूलों मनमानी फीस बढ़ाए जाने की शिकायत सही मिलने पर स्कूल संचालकों को फीस स्ट्रक्चर संशोधित करने हेतु सख्त निर्देश दिए गए। जिसमें एनएन मैरी को फीस स्ट्रक्चर ठीक करने की हिदायत दी गई। वही जांच में ज्ञानंदा स्कूल एवं सेंट जोसेएफ स्कूल की फीस स्टक्चर में सही पाए गए। समरवैली एवं अन्य निजी स्कूलों की अगले दिन बुधवार को समीक्षा की जाएगी। बैठक में उप जिलाधिकारी हरिगिरी, मुख्य शिक्षा अधिकारी वीके ढौडियाल एवं खंड शिक्षा अधिकारी हेमलता गौड़ सहित निजी स्कूल एन मेरी के प्रधानाचार्य व प्रबन्धक,ज्ञानंदा के समन्वयक सेंड जोजफ के प्रतिनिधि, संचालक मौजूद थे।

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने विभागों को बजट प्रावधान के अनुरूप राजस्व बढ़ाने के निर्देश दिए

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  – विभाग वित्तीय वर्ष के प्रस्ताव एवं वार्षिक कार्ययोजना करें तैयार: सीएस
  –  मा0 मंत्रिमण्डल के प्रस्ताव ससमय भेजे जाएं
  –  चारधाम यात्रा की समस्त व्यवस्थाओं हेतु अलग-अलग सचिवों का भ्रमण एवं निरीक्षण कार्यक्रम तय
देहरादून(आरएनएस)।  नवनियुक्त मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद  आज सचिवालय में आयोजित अपनी पहली सचिव समिति की बैठक में सभी विभागों को बजट प्रावधान के अनुरूप राजस्व बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस ने पूंजीगत मद पर व्यय बढ़ाने के लिए प्रयास के साथ विभागों को अपनी वार्षिक कार्य योजना पहले से ही तैयार करने तथा प्रत्येक माह का लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं। सभी विभागों से अपेक्षा की गई है कि वार्षिक कार्ययोजना में भौतिक एवं वित्तीय, आउटकम एवं आउटपुट सम्बन्धित सूचनाएं समाहित करें। आज की बैठक में मुख्य सचिव ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के आय-व्यय, लक्ष्यों की प्राप्ति की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विभाग आगामी वित्तीय वर्ष के प्रस्ताव पहले से तैयार रखे। उनके द्वारा विभिन्न परियोजनाओं एवं योजनाओं के अन्तर्गत स्वीकृत किये जाने वाले अवस्थापना विकास से सम्बन्धित परियोजनाओं का चिन्हांकन कर परियोजनाओं की सूची तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
व्यय वित्त समिति (ईएफसी) गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से किये जाने की हिदायत देते हुए मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने विभागों अपने प्रस्ताव गति शक्ति पोर्टल पर निरन्तर अपडेट करने के कड़े निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव के निर्देश पर परियोजनाओं के गठन से लेकर उसके कार्यान्वयन तक सभी गतिविधियाँ गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से किये जाएगें। मुख्य सचिव ने सम्बन्धित अधिकारियों को  निर्देश दिए हैं कि प्रस्ताव मा0 मंत्रिमंडल में प्रस्तुत करने से पूर्व पूरी तरह से तैयार करने के साथ ही ससमय भेजे जाए। इसके साथ ही सीएस ने निर्देश दिए हैं कि लैण्ड बैंक ससमय तैयार रखा जाए ताकि प्रस्तावों पर अविलंब कार्य प्रारम्भ किया जा सके।
चारधाम यात्रा मार्ग की पुख्ता व्यवस्थाओं को लेकर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिव स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए निर्देश दिए हैं कि आगामी यात्रा सीजन के दृष्टिगत सभी विभागों को अभी से अपनी तैयारियां समयबद्धता से पूरी करनी हैं। उन्होंने यात्रा मार्ग पर सभी जरूरतों का अभी से आंकलन करते हुए सभी व्यवस्थाएं यात्रा आरम्भ से पहले दुरूस्त करने के निर्देश दिए हैं। सचिव युगल किशोर पंत को देहरादून से केदारनाथ, सचिव डा0 आर राजेश कुमार को बद्रीनाथ यात्रा मार्ग, सचिव डॉ बी वी आर सी पुरुषोत्तम को गंगोत्री धाम तथा  डॉ नीरज खैरवाल को यमुनोत्री धाम की जिम्मेदारी दी गई है।   बैठक में सभी प्रमुख सचिव एवं सचिव मौजूद रहे।

आईओसी अध्यक्षा पीटी उषा ने की फुटबालर देवेंद्र सिंह बिष्ट की सराहना

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“राज्य में हुये 38वें राष्ट्रीय खेलों में प्रोटोकॉल उप समिति के सदस्य के रुप में बिष्ट ने किया सराहनीय कार्य”

नई दिल्ली/ देहरादून, उत्तराखंड़ में हुये 38वें राष्ट्रीय खेल के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्षा पीटी ऊषा ने फुटबालर देवेंद्र सिंह बिष्ट की सराहना करते हुए बधाई दी है।
ओएनजीसी देहरादून में सेवारत फुटबालर एवं राष्ट्रीय स्तर के कोच देवेंद्र सिंह बिष्ट ने प्रदेश में आयोजित राष्ट्रीय खेल की प्रोटोकॉल उप समिति के सदस्य के तौर पर सराहनीय कार्य किया। भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से भेजे गये पत्र में कहा गया “मैं 38वें राष्ट्रीय खेलों, उत्तराखंड के दौरान आपके अविश्वसनीय कार्य के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहता हूँ। खेलों को सफल बनाने में आपके समर्पण और अमूल्य योगदान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। खेलों की तकनीकी अखंडता और परिचालन दक्षता को बनाए रखने के लिए आपकी प्रतिबद्धता ने सभी हितधारकों के लिए एक सहज अनुभव सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आपकी विशेषज्ञता, सावधानीपूर्वक निरीक्षण और सक्रिय दृष्टिकोण ने निष्पक्ष खेल और उत्कृष्टता की भावना को बनाए रखते हुए विभिन्न खेल विषयों के सुचारू निष्पादन में मदद की।
आपने जो कुछ भी किया उसके लिए एक बार फिर धन्यवाद।
आपके इस योगदान को हमेशा 38वें राष्ट्रीय खेलों, उत्तराखंड के एक अनिवार्य हिस्से के रूप में याद किया जाएगा।

मुख्यमंत्री धामी ने किए परिवहन विभाग के अन्तर्गत सम्भागीय निरीक्षक (प्राविधिक) पद पर नियुक्त 08 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान

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देहरादून(आरएनएस)।   मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में परिवहन विभाग के अन्तर्गत सम्भागीय निरीक्षक (प्राविधिक) पद पर नियुक्त 08 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। उन्होंने सभी अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह आपके जीवन की नई शुरुआत है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नव चयनित अभ्यर्थी अपने कार्यक्षेत्र में नवाचार करेंगे और परिवहन विभाग में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। राज्य में परिवहन के क्षेत्र में बहुत चुनौतियां हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वाहनों की फिटनेस जाँच, मोटर वाहन अधिनियम और नियमों के पालन कराने और सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यों में सम्भागीय निरीक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, ऐसे में सड़क सुरक्षा और वाहनों की फिटनेस से संबंधित कार्यों में परिवहन विभाग की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
इस अवसर पर सचिव परिवहन बृजेश कुमार संत, अपर सचिव परिवहन एवं प्रबंध निदेशक उत्तराखण्ड परिवहन निगम  रीना जोशी एवं परिवहन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

 

मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर आयोजित हुआ 6वां दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वर्चुवल सम्मेलन

मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर 06वां दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वर्चुवल सम्मेलन आयोजित - skgnews
देहरादून, मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर 6 वां दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वर्चुवल सम्मेलन स्पीकिंग क्यूब ऑनलाइन मानसिक स्वास्थ्य कंसल्टिंग फाउंडेशन, स्पेक्स और श्री देव सुमन विश्वविद्यालय, उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय के सहयोग से 30 व 31 मार्च 2025 को आयोजित किया गया।
मेजर अनुपा कैरी, निदेशक पेरिनेटल मानसिक स्वास्थ्य और स्पीकिंगक्यूब की सलाहकार मनोवैज्ञानिक ने सत्र का स्वागत भाषण दिया।डॉ. शांत कुमार नेगी ने सभी संवेदनशील प्राणियों की समृद्धि के लिए बुद्ध को समर्पित प्रार्थना की। प्रोफेसर डॉ. दीपिका चमोली शाही, सम्मेलन अध्यक्ष व संस्थापक स्पीकिंगक्यूब की निदेशक ने देवी शक्ति की प्रार्थना के साथ सत्र की शुरुआत की। डॉ. दीपिका ने स्पीकिंग क्यूब का संक्षिप्त परिचय दिया।उनके द्वारा मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर अपने विचार साझा किए गए।
प्रोफेसर डॉ. रीता, सम्मेलन अध्यक्ष, स्पीकिंगक्यूब सलाहकार, अमिटी विश्वविद्यालय नोएडा के मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर ने सम्मेलन के उद्देश्य और वर्तमान परिदृश्य में विषय की प्रासंगिकता पर चर्चा की। डॉ. रीता ने मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर अपने विचार साझा किए।
कैलिफ़ोर्निया, यूएसए में एकेडमी ऑफ माइंडफुल साइकोलॉजी के संस्थापक और अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. नील कोब्रिन, सम्मानित अतिथि, ने वर्तमान समाज में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और आत्म-जागरूकता कैसे मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है, इस पर चर्चा की।
डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, पद्मश्री और पद्म भूषण प्राप्तकर्ता तथा सम्मेलन के संरक्षक ने वर्तमान समय में मनोवैज्ञानिक मुद्दों को समझने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से हमारी सोशल मीडिया की लत के संदर्भ में बात रखी।
डॉ. बृज मोहन शर्मा ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य केवल एक व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक मुद्दा भी है, जिसे सभी क्षेत्रों से सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। इस सम्मेलन ने यह भी दिखाया कि इस क्षेत्र में नवीनतम विकास के साथ अपडेट रहना कितना महत्वपूर्ण है, खासकर जब हम एक अधिक आपस में जुड़े और डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं। 6वां अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल सम्मेलन एक उत्कृष्ट मंच था, जो सहयोग को बढ़ावा देने और मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान और अभ्यास की सीमाओं को चुनौती देने के लिए आदर्श था। प्रोफेसर एन.के. जोशी, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति (राज्य विश्वविद्यालय उत्तराखंड), सम्मानित अतिथि ने सभा को अपना संदेश साझा किया।
राज्य मंत्री श्रीमती मधु भट्ट, सम्मेलन की मुख्य अतिथि ने भावनात्मक कल्याण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के महत्व पर अपने विचार साझा किए। श्रीमती मधु भट्ट ने मानसिक स्वास्थ्य को अधिक से अधिक संबोधित करने की आवश्यकता पर चर्चा की। माननीय राज्य मंत्री ने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 15 विशेषज्ञों को सम्मानित किया।
सम्मेलन में अन्य प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे, डॉ. रोहित कमांडेंट मेडिकल, बीएसएफ प्रोफेसर डॉ. गुलशन कुमार ढींगरा डीन बोटनी, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय,
प्रोफेसर डॉ. रूपाली शर्मा, प्रोफेसर आई ए पी एस, अमिटी नोएडा प्रोफेसर डॉ. नवेद इकबाल, मनोविज्ञान विभाग, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय प्रोफेसर डॉ. लोब्जांग त्सुलट्रीम भूटिया, हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट तिब्बती बौद्ध धर्म, सी आई बी एस, लद्दाख श्रीमती शिखा चमोली, डेटा इंजीनियर, एक्स मेटा डॉ. खेनपो रंगडोल, अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय ड्रिक्यंग काग्यु फाउंडेशन प्रोफेसर डॉ. पद्मा पिल्लई, एसोसिएट डीन मानव संचार, सनवे यूनिवर्सिटी, मलेशिया प्रोफेसर डॉ. आशा मिश्रा, जूलॉजी विभाग एचआरपीजी कॉलेज, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय प्रोफेसर डॉ. अनीता गहलोत डीन रिसर्च एंड इनोवेशन, उत्तरांचल विश्वविद्यालय प्रोफेसर डॉ. गीता राणा, स्वामी राम विश्वविद्यालय प्रोफेसर डॉ. विजय सेन पांडेय सी.एम कॉलेज, दरभंगा, डॉ. स्टंजिन नामगैल, लद्दाख विश्वविद्यालय प्रोफेसर सुनील जागलान, एमडीयू, डॉ. रेणुका जोशी डी ए वी पी जी कॉलेज केंद्रीय विश्वविद्यालय गढ़वाल, डॉ. सुरेंद्र ढालवाल, एचओडी, मनोविज्ञान एनआईवीएच और डॉ. सारन्या सुंदराजू, मनो ऑन्कोलॉजिस्ट को उनके संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्री रितेश सिन्हा, मुख्य वक्ता और माइक्रोसॉफ्ट यूएसए के प्रमुख सलाहकार ने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में सभा को जानकारी दी। उन्होंने मनोविज्ञान छात्रों को पढ़ाने के लिए ए आई मरीजों के उपयोग पर चर्चा की। प्रोफेसर डॉ. शालिनी सिंह शर्मा, ईग्रो रिसर्च प्रमुख, सम्मेलन सलाहकार ने जीवन में व्यवहारिक विज्ञान के महत्व पर चर्चा की।
प्रोफेसर डॉ. अभा सिंह, मुख्य वक्ता और एसडीआई विश्वविद्यालय के प्रो. वाइस चांसलर ने सभा को अपना संदेश साझा किया और बताया कि कैसे ट्रांसेंडेंटल मनोविज्ञान वर्तमान दुनिया को कठिन जीवन स्थितियों से निपटने में मदद कर सकता है।
प्रोफेसर डॉ. राजेश सिंह, मुख्य वक्ता और अनुसंधान एवं नवाचार निदेशक ने मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचारों पर चर्चा की और मानसिक स्वास्थ्य नवाचार में विभिन्न तरीकों को साझा किया।
प्रोफेसर डॉ. गुलशन कुमार ढींगरा, कार्यक्रम अध्यक्ष और श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के बोटनी विभाग के डीन एवं एचओडी ने सभा को अंतःविषय अनुसंधानों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्पीकिंगक्यूब एक ऐसा पाठ्यक्रम बनाए जो छात्रों के जीवन की समझ को बढ़ाए और मानसिक स्वास्थ्य को ऊंचा उठाए। प्रोफेसर डॉ. हरप्रीत भाटिया, प्रतिष्ठित वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग ने मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने में मनोचिकित्सा की भूमिका पर चर्चा की।प्रोफेसर डॉ. रूपाली शर्मा ए एआई पी एस अमिटी नोएडा से सभा को सांस्कृतिक दक्षता के बारे में जानकारी दी।प्रोफेसर डॉ. दोंठू राज किरण एन आर आई अकादमी ऑफ साइंसेज मंगलागिरी एपी से हालिया मनोचिकित्सा प्रबंधन प्रवृत्तियों पर अपने विचार साझा किए।
दूसरा दिन सत्र का आरंभ स्नेहा भारद्वाज द्वारा किया गया जो स्पीकिंगक्यूब की मनोवैज्ञानिक हैं। सत्र को शिखा चमोली सिन्हा ने आगे बढ़ाया, जो पूर्व मेटा डेटा इंजीनियर हैं (यूएसए)।इनके द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और इसके सोशल मीडिया से संबंध तथा ए आई कैसे एक अच्छा सहायक हो सकता है इस पर चर्चा की। डॉ. सारन्या सुंदराराजू जो एक मनो-ऑन्कोलॉजिस्ट हैं और एन आई आई टी यूनिवर्सिटी मलेशिया से पोस्ट डॉक्टोरल उम्मीदवार हैं उन्होंने कैंसर रोगियों के लिए गरिमा चिकित्सा पर चर्चा की।
श्रीमती सुजाता ने मिस दृष्टि सिंह, मिस सृष्टि सिंह, मिस दिशा रॉय, मिस अनन्या आर जंग, स्नेहा भारद्वाज, काजल तोमर,अलिस जायसवाल, जस्मन शेर सिंह, मालविना चानाम, अलका व आबिदा वाणी का सम्मान किया।मेजर अनुपा कैरी ने पेरिनेटल मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग में चिकित्सीय दृष्टिकोणों पर चर्चा की।प्रोफेसर डॉ. निधि वर्मा अमिटी गुरुग्राम से मनोविज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में व्यक्तित्व को पूर्वाग्रह कारकों के रूप में साझा किया। प्रोफेसर डॉ. नदीम लुकमान चंडीगढ़ विश्वविद्यालय से एसोसिएट प्रोफेसर हैं जिन्होंने मनोविज्ञान में अनुसंधान के महत्व पर चर्चा की।
प्रोफेसर डॉ. दीपिका चमोली शाही जिन्होंने स्पीकिंगक्यूब की संस्थापक एवं निदेशक हैं तथा एवं सेंट लियो यूनिवर्सिटी (ऑनलाइन) में सहायक फैकल्टी हैं उन्होंने प्रतिभागियों के साथ हालिया मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेपों पर प्रश्न उत्तर सत्र आयोजित किया।
समापन सत्र में मिस सुजाता पॉल ने सभा को संबोधित करते हुए मानसिक स्वास्थ्य का महत्व बताया तथा क्रिएटिव टीम एवं पूर्व सदस्यों का सम्मान किया जिन्होंने अतीत में योगदान दिया था।

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एक महीने की इबादतों का ईनाम है ईद : सूर्यकांत धस्माना

देहरादून, रमज़ान शरीफ के पवित्र महीने में एक महीने तक लगातार बुझे पेट प्यासी जुबान और पवित्र मन से अल्लाह ताला की इबादत का ईनाम ईद है यह बात आज मंजरा में आयोजित ईद मिलन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन व प्रशासन सूर्यकांत धस्माना ने ईद की बधाई देते हुए कही। उन्होंने कहा कि रोज़ा रखने का मतलब केवल भूखा प्यास रहना नहीं बल्कि रोजेदार के शरीर के हर अंग का रोजा होता है और उसमें जुबान गलत ना बोले,कान गलत बात ना सुने आंख कोई बुरा काम ना देखे हाथ किसी का बुरा ना करे और पैर किसी गलत ओर ना जाए इसे असली रोज़ा कहते हैं। श्री धस्माना ने कहा कि भारत के लोग भाग्यशाली हैं जिनको दुनिया के सारे त्योहार मनाने को मिलते हैं, उन्होंने कहा कि हमें होली ईद दिवाली गुरु पर्व और क्रिसमस समेत अनेकों त्योहार मनाने को मिलते हैं। श्री धस्माना ने मंजरा के अलावा टर्नर रोड, सुभाषनगर, ब्राह्मणवाला, मेहुवाला , कावली, सत्योवाली घाटी, राजपुर , डालनवाला छेत्र में आयोजित कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया व लोगों को ईद की मुबारकबाद दी।
इस अवसर पर मंजरा के पार्षद श्री जाहिद अंसारी, ब्राह्मणवाला के पार्षद मुकीम अहमद, मेहूवाला की पार्षद तरन्नुम अंसारी,पूर्व पार्षद हरि भट्ट,पूर्व पार्षद सीता राम नौटियाल,पूर्व पार्षद राजेश पुंडीर, पूर्व प्रधान सुलेमान अंसारी , अनीस अंसारी , यामीन खान, रिजवान अहमद, आनंद सिंह पुंडीर, दिनेश कौशल , जगपाल शर्मा, सोनू काजी, इजहार अहमद, सुल्तान अहमद, इकराम, महमूदन, समेत सैकड़ों लोग शामिल रहे।