Monday, May 5, 2025
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यूसीसी लागू होने से प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के एक नये अध्याय की हुई शुरूआत: मुख्यमंत्री

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 -उच्च शिक्षा विभाग एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में समान नागरिक संहिता पर आयोजित की गई कार्यशाला।
 -मुख्यमंत्री धामी ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यशाला में किया प्रतिभाग।
देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देव संस्कृति विश्व विद्यालय में आयोजित ‘‘समान नागरिक संहिता‘‘ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। उच्च शिक्षा विभाग और देव संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है। समान नागरिक संहिता किसी के खिलाफ नहीं है और न ही किसी को टारगेट किया गया है, बल्कि समाज की कुप्रथाओं को हटाकर सभी नागरिकों के लिए समानता और समरसता स्थापित करने का कानूनी प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी लागू होने से राज्य के सभी नागरिकों के न्यायिक अधिकार समान हुए हैं और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नए अध्याय की शुरुआत भी हुई है। अब कोई महिला उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का शिकार नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यूसीसी में लिव-इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन का प्राविधान भी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता को लागू कर देश के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। यूसीसी किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं हैै। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि यूसीसी में सभी पंजीकरण अवश्य करवाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा ये अफवाह फैलायी जा रही है कि यूसीसी के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करवाने पर किसी बाहरी व्यक्ति को उत्तराखंड का मूल निवास प्रमाण पत्र मिला जाएगा। इस तरह की बातें पूरी तरह से भ्रामक और असत्य हैं, यूसीसी में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, दर्जाधारी राज्यमंत्री विनय रोहिला, प्रति कुलपति देव संस्कृति विश्व विद्यालय डॉ चिन्मय पंड्या, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल, उच्च शिक्षा सचिव रंजीत सिन्हा, समाजिक कार्यकर्त्ता व यूसीसी नियमावली समिति के सदस्य रहे मन्नू गौड़, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोभाल सहित अनेक जन-प्रतिनिधि एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

सीएम धामी ने किया  आईएसबीटी, ऋषिकेश में संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति द्वारा आयोजित “ऋषिकेश से चारधाम यात्रा 2025“ के शुभारंभ कार्यक्रम में प्रतिभाग

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देहरादून(आरएनएस)।   मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को  आईएसबीटी, ऋषिकेश में संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति द्वारा आयोजित “ऋषिकेश से चारधाम यात्रा 2025“ के शुभारंभ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने चारधाम यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं का स्वागत किया एवं श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा के लिए ले जा रही 10 बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के लिए आए सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए बाबा केदार, बद्रीविशाल, मां गंगोत्री और मां यमनोत्री से सबकी सकुशल यात्रा की प्रार्थना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस वर्ष  चारधाम यात्रा अपने पिछले सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ेगी और एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है। सरकार द्वारा प्रत्येक स्तर पर चारधाम यात्रा संबंधी तैयारियों की निरंतर समीक्षा की जा रही है। सरकार का प्रयास है कि जब श्रद्धालु, यात्रा पूरी करने के बाद अपने घर लौटें, देवभूमि उत्तराखंड में बिताए गए समय की स्वर्णिम यादों और सुखद अनुभव को साथ लेकर जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं। इससे राज्य में लोगों के रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों से अपील की है कि देवभूमि को पवित्र और स्वच्छ बनाए रखने में अपना सहयोग दें। उन्होंने कहा कि हरित चारधाम यात्रा के साथ ही स्वच्छता पर राज्य सरकार का विशेष फोकस है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केदारनाथ के पुनर्निर्माण और बदरीनाथ के मास्टर प्लान पर तेजी से कार्य हुए हैं। गौरीकुंड से केदारनाथ तक रोपवे का कार्य पूर्ण होने के बाद यात्रा और ज्यादा सुगम होगी। ऑल वेदर रोड के निर्माण से पहले के मुकाबले आज यात्री काफी कम समय में ऋषिकेश से चार धाम पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री ने संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति द्वारा श्रद्धालुओं को यात्रा कराने में सहयोग प्रदान कराने की पहल की सराहना की।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक प्रेमचन्द अग्रवाल, मेयर शंभू पासवान, जीएमओयू अध्यक्ष भास्करानंद भारद्वाज, टीजीएमओसी अध्यक्ष जितेंद्र सिंह नेगी, गढ़वाल मंडल कॉन्ट्रैक्ट अध्यक्ष संजय शास्त्री, सचिव देवेंद्र सिंह रावत, नंदन सिंह रावत, रमेश चंद्र उप्रेती, हर्षवर्धन सिंह कृष्णा विभिन्न राज्यों से चार धाम यात्रा के लिए आए श्रद्धालु एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

श्री केदारनाथ धाम : 31 मई तक सभी हैलीकॉप्टर टिकटें फुल, 9 हेैली कंपनियां दे रही हैं सेवायें

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“कैसे करें केदारनाथ यात्रा के लिए हैलीकॉप्टर बुकिंग, जानिये..!”

देहरादून (एल मोहन लखेड़ा) , चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिये इसबार सरकार ने हैली सेवाओं के पुख्ता इंतजाम किये हैं, शुक्रवार कपाट खुलने से श्री केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए पहले चरण में 2 मई से 31 मई तक की सभी हैलीकाप्टर टिकटे फुल हो गयी है। 1 जून से 30 जून तक की हैलीकॉप्टर टिकटों की बुकिंग के लिए दिनांक 7 मई 2025 को आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर बुकिंग शुरू की जायेगी।
श्री केदारनाथ धाम यात्रा के पहले चरण यानि 2 मई से 31 मई तक की सभी हैलीकॉप्टर टिकटें फुल हो चुकी हैं। 1 जून से 30 जून तक की हैलीकॉप्टर टिकटों की बुकिंग के लिए दिनांक 7 मई 2025 को आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर बुकिंग शुरू होगी। इसके अतिरिक्त केदारनाथ धाम हेतु हैलीकॉप्टर टिकट बुकिंग का अन्य कोई माध्यम नहीं है। यदि किसी प्रकार के फेसबुक लिंक या पेज, इंस्टाग्राम लिंक, व्हट्सएप चैटिंग या इन्टरनेट पर ढूंढी गयी कोई सी भी वेबसाइट से आप टिकट बुकिंग का प्रयास करते हैं तो आप निश्चित रूप से साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं। इसलिए यदि आपकी टिकट बुकिंग नहीं हो पायी तो आप पैदल, घोड़े—खच्चर, पालकी, डण्डी कण्डी इत्यादि से भी जा सकते हैं।

केदारनाथ धाम के लिए हैली सेवा शुरू :

केदारनाथ के लिए कपाट खुलने के दिन से ही 9 हैलीकॉप्टर कंपनियों ने अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं। पहले ही दिन हैलीकॉप्टर कंपनियों में यात्रियों की भीड़ लगी रही। शुक्रवार सुबह से ही केदारघाटी के अनेक हैलीपैडों से हैलीकॉप्टरों की उड़ानें शुरू हुई। बड़ी संख्या में यात्री एवं अन्य लोग केदारनाथ पहुंचे। चारधाम यात्रा पर जाने से पहले तीर्थ यात्रियों को वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया है। साथ ही मोबाइल ऐप touristcareuttarakhand पर भी पंजीकरण कराया जा सकेगा।
हैलीकॉप्टर यात्रा के लिए हेली टिकट heliyatra.irctc.co.in पर बुक किए जा सकेंगे। किसी भी समस्या के लिए टोल फ्री नंबर 0135-1364 पर श्रद्धालु 24 घंटे संपर्क कर सकते हैं। इसके साथ ही टेलीफोन नंबर 01352559898 और 01352552627 पर भी संपर्क कर सकेंगे।

कैसे करें केदारनाथ यात्रा के लिए हैलीकॉप्टर बुकिंग :

इसके लिए आप सबसे पहले registrationandtouristcare.uk.gov.in पर जाकर अपना चार धाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन करें, यहां बिना रजिस्टर किए आप हैलीकॉप्टर की टिकट बुक नहीं कर पाएंगे,
रजिस्ट्रेशन होने के बाद फोन में www.heliyatra.irctc.co.in खोलें और यहां अपने नाम, फोन नंबर और ईमेल आईडी डालकर साइन अप कर लें l इसके बाद अगर आप अकेले यात्रा करने वाले हैं, तो अपना रजिस्ट्रेशन नंबर डालें. अगर आप ग्रुप के साथ केदारनाथ जा रहे हैं, तो चारधाम रजिस्ट्रेशन ग्रुप आईडी डालें,
इतना करने के बाद अपनी पसंदीदा डेट, हैलीपैड और विमानन कंपनी चुनें l
अब, पैसेंजर की डीटेल भरें, आपको बता दें कि एक आईडी से आप 6 टिकट बुक कर पाएंगे और ग्रुप बुकिंग 12 तक की अनुमति है. 12 से अधिक के ग्रुप के लिए आपको दूसरा IRCTC हैली यात्रा खाता बनाना होगा l
इतना प्रोसेस करने के बाद अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर या ईमेल पर भेजे गए OTP को सबमिट करें.
नियम और शर्तें स्वीकार करें और भुगतान के लिए आगे बढ़ें, टिकट प्राइस देते ही अपना टिकट डाउनलोड कर लें और इसका प्रिंट निकाल लें l
बता दें कि आप अलग-अलग हैलीपैड से हैलीकॉप्टर लेकर केदारनाथ के लिए जा सकते हैं, इस साल की यात्रा के लिए हैलीकॉप्टर सेवाएं गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी जैसे तीन प्रमुख हैलीपैड्स से संचालित की जा रही हैं वहीं, हर हेलीपैड का किराया अलग-अलग है l
-फाटा से केदारनाथ जा रहे हैं, तो इसके लिए हैलीकॉप्टर का एकतरफा किराया 6,074 रुपये है l
-सेरसी से केदारनाथ जाने का एकतरफा किराया 6,072 रुपये है l
-गुप्तकाशी से केदारनाथ जाने के लिए हैलीकॉप्टर प्राइस 8,426 रुपये तय किया गया है l

रिफंड प्रक्रिया :
अगर आप टिकट कैंसिल करना चाहते हैं, तो इसके लिए 5-7 दिन में पैसे वापस आपके अकाउंट में आ जाएंगे l लेकिन इसके लिए आपको तय कैंसिलेशन फीस देनी होगी l
वहीं, अगर आप अपने बुक टाइम स्लॉट से 24 घंटे पहले सर्विस कैंसिल करते हैं, तो इस कंडीशन में आपको कोई रिफंड नहीं मिलेगा l

इन बातों का रखें खास ध्यान :

-आईआरसीटीसी (IRCTC) की गाइडलाइंस के मुताबिक, हेलीकॉप्टर से केदारनाथ जाने के लिए 2 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को अपनी अलग सीट की जरूरत होगी और इसके लिए उन्हें पूरा किराया देना होगा l
-2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए निःशुल्क यात्रा की सुविधा है,
अधिकतम प्रति उड़ान: 4 अडल्ट + 2 बच्चे + 2 शिशु
-अपने साथ अपना ओरिजनल आईडी प्रूफ रखें, शिशुओं के लिए जन्म प्रमाण पत्र दिखाना जरूरी है l
-अपने बुक किए गए स्लॉट से कम से कम 1 घंटा पहले हेलीपैड पर पहुंचें l
-वजन और परिचालन आवश्यकताओं के आधार पर सीटों को अलग-अलग किया जा सकता है l
-यात्रा के दिन आप वैध फोटो आईडी जरूर साथ रख लें l

उत्तराखंड को शांति की प्रयोगशाला बनाने का संकल्प

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“सामाजिक संगठनों ने नफरत के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने की रणनीति तैयार की”

देहरादून, उत्तराखंड में लगातार नफरत फैलाने के प्रयासों के बीच विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस राज्य को शांति की प्रयोगशाला बनाने और पुराना भाईचारा वापस लौटाने का संकल्प लिया है। एक दर्जने से ज्यादा सामाजिक संगठनों और कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों की शनिवार को हुई चार घंटे लंबी मैराथन बैठक में आने वाले दिनों के लिए कई कार्यक्रम तय किये गये। इनमें सद्भावना रैली, शांति मार्च, जन संपर्क और महापुरुषों की प्रतिमा के पास भजन सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजन शामिल है। हालांकि ये कार्यक्रम कब और किस रूप में होंगे, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई।
शहीद स्मारक में हुई बैठक में लिये गये फैसलों की जानकारी देते हुए उत्तराखंड इंसानियत मंच के डॉ. रवि चोपड़ा ने कहा कि उत्तराखंड में शांति चाहने वाले बहुत बड़ी संख्या में हैं, लेकिन मौजूदा माहौल में वे डरे हुए हैं। ऐसे सभी लोगों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जाएगा। नफरत के खिलाफ चरणबद्ध अभियान चलाया जाएगा। उत्तराखंड महिला मंच कीे कमला पंत ने कहा कि एसएसपी से मिलकर नफरत फैलाने और मारपीट के लिए उकसाने वाले जिस व्यक्ति के खिलाफ पिछले दिनों केस दर्ज करवाया गया था, वह इस वक्त में सोशल मीडिया पर लाइव आकर मुकदमा दर्ज करवाने वालों को धमकियां दे रहा है। उन्हांेने कहा कि ऐसा सरकार की शह पर ही संभव है।
सीपीआई एमएल के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि बैठक में आने वाले दिनों के लिए कई कार्यक्रम तय किये गये हैं। दिन तय होने के बाद इन कार्यक्रमों की विधिवत जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक वैमनस्य फैलाने वालों के खिलाफ हर तरह की कार्रवाई करने का बैठक में फैसला किया गया। इसमें पुलिस में मुकदमें लिखवाने, कोर्ट में याचिकाएं दायर करने और विभिन्न आयोगों में शिकायत दर्ज करने जैसे कदम शामिल हैं।
सीपीआई के समर भंडारी ने कहा कि राज्य में नफरत फैलाने वालों की संख्या अंगुलियों में गिनी जाने लायक है। इन लोगों की सूची और नफरत फैलाने की गतिविधियों को संकलित किया जाएगा, ताकि कोर्ट में मजबूती के साथ याचिका दायर की जा सके। सीपीआई एम के सुरेन्द्र सिंह सजवाण ने कहा कि उत्तराखंड में जो नफरत फैलाई जा रही है, वह सरकार की शह पर है। इससे निपटने के लिए जनता के बीच जाएंगे। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कही। मसीह समाज के एसएस चौहान ने कहा कि ईसाई समुदाय के लोगों को भी निशाने पर लिया जा रहा है। चकराता में चर्च का रास्ता तक बंद कर दिया गया है। सपा के डॉ. एसएन सचान और जनता दल एस के हरजिन्दर सिंह ने नफरत के खिलाफ मुहिम में पूरी ताकत के साथ जुटने की बात कही।
बैठक में अनंत आकाश, नन्दनंदन पांडेय, स्मृति नेगी, त्रिलोचन भट्ट, विमला कोहली, निर्मला बिष्ट, इंद्रजीत कौर, लताफत हुसैन, हिमांशु चौहान, कविता कृष्णपल्लवी, आरिफ खान, आशीष विश्वकर्मा, भोपाल सिंह, राघवेन्द्र सिंह, अलमासुद्दीन सिद्धिकी, विजय भट्ट, रिजवान अली, यशवीर आर्य, विजयपाल सिंह रावत, चंद्रकला, रजिया बेग आदि ने नफरत के खिलाफ अभियान को लेकर सुझाव दिये। नैनीताल में नफरती हिंसा के बीच अमन की बात कहने वाली शैला नेगी को दी जा रही धमकियों पर गंभीर चिन्ता व्यक्त करते हुए धमकी देने वालों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की गई। सोशल मीडिया पर लगातार नफरती पोस्ट करने वाले भूपेश जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बावजूद उसे गिरफ्तार न किये जाने पर भी नाराजगी जताई गई।

एलिवेटेड रोड तथा एनजीटी प्रभावितों ने सभा कर सरकार से मांगा न्याय

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देहरादून, बस्ती बचाओ आन्दोलन ने कहा है कि देहरादून के बिन्दाल नदी में बड़ी संख्या में गरीबों के मकान चिन्हित किये जा रहे हैं ,जिन्हें जून माह तक बेघरबार किया जायेगा।
सभा में वक्ताओं ने आरोप लगया कि एनजीटी के आदेश की खानापूर्ति के लिये केवल गरीबों को ही बलि का बकरा बनाया जा रहा है,बड़े रसूखदारों तथा सरकारी कब्जों को सरासर नजरअन्दाज किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा रिस्पना बिन्दाल के फ्लड जोन गरीब लोगों का दुखदर्द न सत्ता, न ही कोर्ट संज्ञान ले रहा है, नैसर्गिक न्याय एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पुर्नवास एवं मुआवजे के प्रावधान की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं।इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि अनियोजित विकास गरीब लोगों एवं पर्यावरण के लिऐ भारी खतरा बन चुका है।
वक्ताओं ने सरकार निम्नलिखित बिन्दुओं पर आवश्यक कार्यवाही की मांग कि है ।
(1) एनजीटी के आदेश के नाम पर अवैध घोषित मकानों पर सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप मुआवजा एवं पुर्नवास की व्यवस्था हो ।
(2)एलिवेटेड रोड़ के सभी प्रभावितों को नियमानुसार मुआवजे एवं पुर्नवास की व्यवस्था हो ।
(3) लोगों को जोर जबरदस्ती बिस्थापित करने के बजाय पहले से तय मानकों के अनुसार बाजार रेट के हिसाब से तय मुआवजे एवं समुचित पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित हो ।
(4)सरकार यह बताये कि उन्होंने प्रभावितों के लिऐ क्या व्यवस्था कर रखि है और कहाँ व्यवस्था कर रखी है ।
इस अवसर अनन्त आकाश ,मोहम्मद अल्ताफ, नुरैशा अन्सारि,संजय भारति ,अदनान ,अन्जु भारती,तमरेज ,रज्जो ,सलिम ,हसीन, हामिद,असगर अलि आदि ने विचार व्यक्त किये ।

सभी राज्यों को  एनसीईआरटी से उपलब्ध हो पाठ्यपुस्तकेंः डॉ. धन सिंह रावत

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– एनसीईआरटी की 59वीं आम सभा में शिक्षा मंत्री ने रखे कई सुझाव
 – कहा, बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश को 6 वर्ष की बाध्यता में मिले रियायत
देहरादून(आरएनएस)।  प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की 59वीं आम सभा में कई अहम सुझाव रखे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में डा. रावत ने सभी राज्यों को 12वीं कक्षा तक की पाठ्य पुस्तकें एनसीईआरटी से उपलब्ध कराने का सुझाव रखा। साथ ही बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश हेतु निर्धारित 06 वर्ष की आयु सीमा में रियायत देने तथा विद्यालयों में गुणवत्तापरक शिक्षा के लिये टीचर्स ट्रेनिंग कराने की बात बैठक में रखी।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की अध्यक्षता में आज एनडीएमएस सम्मेलन केन्द्र, नई दिल्ली में एनसीईआरटी जनरल काउंसिल की 59वीं बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसा के अनुरूप पाठ्यपुस्तकों एवं अन्य शैक्षिक सामग्रियों को तैयार किया गया है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में और अधिक सुधार हो सके। इस दौरान बैठक में एनसीईआरटी के कई प्रस्तावों को भी अनुमोदित किया गया। बैठक में प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कई अहम सुझाव रखे। उन्होंने कहा कि 12वीं कक्षा तक की पाठ्यपुस्तकें एनसीईआरटी के माध्मय से सभी राज्यों को उपलब्ध कराई जाय ताकि नये शैक्षणिक सत्र शुरू होने पर विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध हो सके। वर्तमान में कई राज्य अपने स्तर पर पाठ्यपुस्तकें प्राकशित कर विद्यालयों में उपलब्ध कराते हैं जिनमें तमाम खामियां सामने आती है साथ ही समय पर बच्चों को किताबें भी नहीं उपलब्ध हो पाती है। इसके अलावा उन्होंने पहली कक्षा में बच्चों के प्रवेश के लिये 6 वर्ष की आयु सीमा में रियायत देने की बात रखी और कहा कि उम्र की बाध्यता के चलते इस शैक्षिक सत्र में कई बच्चे प्रवेश से वंचित रह गये हैं। उन्होंने सभी राज्यों में बालवाटिका लागू करने का भी सुझाव दिया। बैठक में उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा के लिये एनसीईआरटी को टीचर्स ट्रेनिंग पर विशेष फोकस करना चाहिये ताकि राज्य भी एससीईआरटी के माध्यम से अपने प्रदेश के शिक्षकों को रोटेशन के आधार पर विशेष प्रशिक्षण देकर एनईपी-2020 के अनुरूप दक्ष बना सके। डॉ. रावत ने कहा कि निपुण भारत योजना के तहत उत्तराखंड में अच्छा कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एनईपी-2020 की अनुशंसा के अनुरूप सभी राजकीय एवं निजी विद्यालयों में बैगलेस डे लागू कर दिया गया है और बच्चों के बस्ते का बोझ भी मानकों के अनुरूप कर दिया गया है, इसके अलावा राज्य में कलस्टर विद्यालय भी बनाये जा रहे हैं। डॉ. रावत ने प्रदेश में पीएम-श्री स्कूल के अंतर्गत चयनित अन्य विद्यालयों को स्वीकृति प्रदान करने तथा एनसीईआरटी की आमसभा की अगली बैठक उत्तराखंड में आयोजित करने की मांग केन्द्रीय शिक्षा मंत्री के समक्ष रखी।

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के कार्मिकों को 2 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्रदान किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव किया अनुमोदित

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सरकार के कार्मिकों / सिविल / पारिवारिक / पेंशनरों / स्थानीय निकायों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों राजकीय विश्वविद्यालयों तथा प्राविधिक शिक्षण संस्थानों तथा यू.जी.सी. वेतनमानों में कार्यरत कार्मिकों/ सिविल / पारिवारिक पेंशनरों को जिन्हें 7वें पुनरीक्षित वेतनमान अनुमन्य किया गया है, को 01 जनवरी, 2025 से उन्हें वर्तमान में अनुमन्य मूल वेतन में महंगाई भत्ते  / महंगाई राहत की वर्तमान दर 53 प्रतिशत से बढ़ाकर 55 प्रतिशत प्रतिमाह (2 प्रतिशत की वृद्धि) किये जाने सम्बधी प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने चम्पावत एवं लमगड़ा तहसील भवनों के निर्माण हेतु प्रदान की 17.74 करोड़ की स्वीकृति।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने तहसील चम्पावत के भवन निर्माण कार्य के लिए 13.86 करोड की धनराशि तथा जनपद अल्मोड़ा के विधान सभा क्षेत्र जागेश्वर की लमगडा तहसील भवन के निर्माण हेतु 3.88 करोड की स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने जनपद उधमसिंह नगर एवं पिथौरागढ़ के विभिन्न निर्माण कार्यों हेतु स्वीकृत की  5.63 करोड की धनराशि।
मुख्यमंत्री द्वारा जनपद उधमसिंह नगर में पंतनगर ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के पूर्व निर्मित ढाचें के ध्वस्तीकरण/ अस्थायी विस्थापन कार्य एवं उक्त एयरपोर्ट के रनवें तथा विस्तारीकरण हेतु रू0 3करोड एवं जनपद पिथौरागढ़ के अन्तर्गत कनालीछीना तहसील परिसर में पार्किंग, चाहरदीवारी एवं पहुंच मार्ग निर्माण हेतु 2.63करोड की स्वीकृति प्रदान की है।

वन नेशन वन इलेक्शन देशहित में क्रांतिकारी कदम  :  सीएम धामी

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 –   मुख्यमंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए सभी को दिखानी होगी एकजुटता
 –   पीएम मोदी के नेतृत्व में देशहित में सब संभव
देहरादून(आरएनएस)।  वन नेशन वन इलेक्शन पर दृढ़ता से अपने विचार रखते हुए सीएम धामी ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव केवल प्रशासनिक सुधार नहीं है, बल्कि देश के लोकतंत्र को और अधिक सशक्त, प्रभावी और समावेशी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। यह देशहित में क्रान्तिकारी कदम है। भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में चुनाव लोकतंत्र का पर्व होते हैं, लेकिन जब प्रत्येक वर्ष, कभी इस राज्य में, कभी उस राज्य में, बार-बार चुनाव होते हैं, तो यह प्रक्रिया  बोझ बन जाती है। उन्होंने कहा कि बार-बार आचार संहिता लगने से विकास कार्य  ठप पड़ जाते हैं और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बार-बार चुनाव होने से चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्रत्येक स्तर पर बार-बार संसाधनों का अपव्यय होता है व सरकारी ख़ज़ाने पर नकारात्मक असर पड़ता है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि चुनावो के दौरान बड़ी संख्या में राज्य के शिक्षकों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों, पुलिस बल और केंद्रीय बल के जवानों को उनके मूल कार्य से हटाकर चुनाव ड्यूटी में लगाना पड़ता है, जिससे उनके मूल कार्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर सबको एकजुटता दिखानी होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भारतीय सर्वेक्षण विभाग सभागार देहरादून में स्वर्णिम देवभूमि फ़ाउंडेशन द्वारा एक राष्ट्र-एक चुनाव विषय पर आयोजित  प्रबुद्ध जन सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर उत्तराखंड आए भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व एक राष्ट्र एक चुनाव के राष्ट्रीय प्रभारी सुनील बंसल का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का लगभग 11 वर्षों का कार्यकाल ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नेतृत्व में पिछले एक दशक में जहां एक ओर देश में विकास और आर्थिक प्रगति के नए प्रतिमान स्थापित हुए, वहीं अनेकों ऐतिहासिक निर्णयों के माध्यम से भारत के लोकतंत्र को और भी अधिक मज़बूती मिली। चाहे जीएसटी लागू करना हो, तीन तलाक़ की समाप्ति हो,कश्मीर से धारा 370 खत्म करना हो, सीएए-एनआरसी का क़ानून बनाना हो, नारीशक्ति वंदन अधिनियम पारित करना हो या फिर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करना हो। इन सभी ऐतिहासिक निर्णयों ने भारत को एक नई दिशा दी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में एक राष्ट्र-एक चुनाव के रूप में ऐतिहासिक क़ानून बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार यदि एक बार में चुनाव हों तो 12 हजार करोड़ रूपए तक की बचत होगी। हज़ारों करोड़ों की इस धन राशि को देश में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं को मज़बूत करने में लगाया जा सकेगा। इसके साथ ही, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय रहेगा तो सभी कार्य निश्चित समय पर पूरे होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार में चुनाव होने से वोटिंग टर्नआउट में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी, क्योंकि बहुत सारे लोग जो दूसरे राज्यों में रहते हैं वो बार-बार वोट देने के लिए अपने गृह राज्य में जाने से कतराते हैं लेकिन जब तीनों स्तर के चुनाव एक साथ होंगे तो वो वोट देने अवश्य जाएँगे। अब समय आ गया है कि हम आधुनिक तकनीक, चुनाव आयोग की पारदर्शिता और जनता के सहयोग से इस संतुलन को पुनः स्थापित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब अमेरिका, जापान, ब्राज़ील और स्वीडन जैसे देशों में एक साथ चुनाव की व्यवस्था हो सकती है तो क्या भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में ये व्यवस्था नहीं हो सकती? आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी जैसे दृढ़ और संकल्पित प्रधान सेवक हमारे पास हैं तो देश हित का कोई काम रुक जाए, ऐसा हो नहीं सकताद्य प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में तैयार किया गया जो ड्राफ़्ट लोक सभा में पेश किया गया, वो बहुत ही गहन शोध और विश्लेषण के बाद तैयार किया गया है। इस ड्राफ्ट में एक-एक परिस्थिति का ध्यान रखा गया है कि कैसे सभी राज्यों में ये व्यवस्था लागू करनी है और लागू करने के बाद यदि किसी राज्य की सरकार बीच में भंग हो गई तो उस स्थिति में कैसे चुनाव होंगे। फ़िलहाल इस क़ानून को व्यापक विचार विमर्श हेतु संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया है, मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको पूर्ण विश्वास है कि एक दिन ये एक राष्ट्र-एक चुनाव की व्यवस्था भारत में अवश्य लागू होगी और यह कानून भारत में लोकतंत्र को और अधिक मज़बूत करने में सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तथा एक राष्ट्र एक चुनाव के राष्ट्रीय प्रभारी सुनील बंसल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड में यूसीसी सबसे पहले लागू करने के लिए बधाई दी। उन्होंने ने कहा कि उत्तराखंड ने यूसीसी लागू कर देश के समक्ष एक आदर्श प्रस्तुत किया है। अन्य राज्य भी इसका अनुपालन करने लिए उत्सुक दिख रहे हैं। उन्होंने कहा की एक राष्ट्र एक चुनाव हर तरह से देश हित में है। इसके सम्बन्ध में व्यापक जन जागरूकता की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में राजयसभा सांसद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सौरभ बहुगुणा, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, पर्यावरणविद पद्म अनिल जोशी, जागर गायिका पद्मश्री बसंती बिष्ट, पद्म कन्हेया लाल पोखरियाल सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, साधु संत विभिन्न क्षेत्रों के प्रबुद्धजन मौजूद रहे।

गोबर आधारित दीया निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन

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देहरादून, जनपद के हरिपुर कला में शुक्रवार 2 मई 2025 को गोबर से निर्मित पर्यावरण अनुकूल दीयों के उत्पादन पर आधारित सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह कार्यक्रम स्पेक्स देहरादून एवं उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकोस्ट), देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था।
समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में यूकोस्ट के देहरादून जिला समन्वयक एवं श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) गुलशन कुमार ढींगरा उपस्थित रहे। उन्होंने सभी प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल सतत विकास, पर्यावरण संरक्षण एवं स्थानीय महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान कुल 1,263 इको-फ्रेंडली दीए तैयार किए गए, जो जैव-अपघटनीय (बायोडिग्रेडेबल) होने के साथ-साथ उपयोग के पश्चात खाद में परिवर्तित होकर पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छ भारत मिशन को भी बल प्रदान करते हैं।
स्पेक्स के अध्यक्ष डॉ. बृज मोहन शर्मा ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को स्वावलंबी बनाना है, जिससे वे स्थानीय संसाधनों विशेषत: गोबर का उपयोग कर पर्यावरण हितैषी दीयों का निर्माण कर सकें। इस पहल का उद्देश्य केवल पर्यावरणीय चेतना बढ़ाना नहीं, बल्कि महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रोत्साहित करना भी है।
डॉ. शर्मा ने समापन अवसर पर कार्यक्रम के सामाजिक आर्थिक महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि यह प्रशिक्षण महिलाओं को ग्रीन बिजनेस से जोड़ने का एक रणनीतिक प्रयास है, जो सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप है। उन्होंने आगामी दीपावली तक 5 लाख दीयों के निर्माण का लक्ष्य घोषित किया और प्रतिभागियों की क्षमता पर पूर्ण विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि स्पेक्स विपणन, ब्रांडिंग एवं वितरण जैसे क्षेत्रों में प्रतिभागियों को सतत सहयोग प्रदान करता रहेगा। साथ ही उन्होंने सभी को इस प्रयास को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सहभागिता करने, मिलकर कार्य करने एवं प्रत्येक तैयार दीए को बाज़ार तक पहुँचाने का आह्वान किया, जिससे कौशल आमदनी में और परिश्रम सशक्तिकरण में परिवर्तित हो।
गायत्री क्लस्टर की अध्यक्ष श्रीमती तुलसी मेहरा ने यूकोस्ट एवं स्पेक्स के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी महिलाएं इस विश्वास पर खरा उतरेंगी और निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति हेतु पूरी निष्ठा से कार्य करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि निरंतर तकनीकी मार्गदर्शन एवं संस्थागत सहयोग महिलाओं के कौशल विकास एवं आर्थिक सशक्तिकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्रशिक्षण की दैनिक प्रगति की जानकारी साझा करते हुए कार्यक्रम समन्वयक नीरज उनियाल ने बताया कि कुल 33 प्रतिभागियों ने पूरे कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता निभाई। प्रतिदिन दीयों का निर्माण इस प्रकार हुआ, पहले दिन 144, दूसरे दिन 280, तीसरे दिन 167, चौथे दिन 407 तथा अंतिम दिन 335 दीए तैयार किए गए, जिससे कुल संख्या 1,263 हो गई।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. ढींगरा एवं डॉ. शर्मा द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए, इस कार्यक्रम में मीनाक्षी देवी, कौशल देवी, कौशल्या देवी, रेनू, रानी खंडूरी, विशाल कुमार, रेखा न्याल, ईशिका कुमारी, ललिता तथा अन्य लोगों ने भाग लिया।

विधि विधान से खुले श्री केदारनाथ धाम के कपाट, 12 हजार से अधिक श्रद्धालु बने कपाट खुलने के साक्षी

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’54 किस्म के 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया था श्री केदारनाथ धाम’

रुद्रप्रयाग, श्विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट सेना के बैंड की भक्तिमयी धुनों बीच ऊं नम् शिवाय जय श्री केदार के उदघोष के साथ शुक्रवार 2 मई को प्रात: 7 बजे बैशाख, मास, मिथुन राशि, वृष लग्न में विधि विधान से खुल गये है। कपाट खुलते ही भक्तों ने मंदिर के अंदर जलती अखंड ज्योति के दर्शन किए। इसके बाद रुद्राभिषेक, शिवाष्टक, शिव तांडव स्तोत्र और केदाराष्टक के मंत्रों का जाप किया गया।
मंदिर में सबसे पहले कर्नाटक के वीरशैव लिंगायत समुदाय के मुख्य रावल भीमशंकर पहुंचे। इसके बाद बाबा पर 6 महीने पहले चढ़ाया गया भीष्म शृंगार हटाया गया। मंदिर को 54 किस्म के 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। इसमें नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका जैसे विभिन्न देशों से लाए गए गुलाब और गेंदा के फूल शामिल हैं l
इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाटोघाट्न के साक्षी बने। कपाट खुलने के बाद पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से संपन्न हुई, प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विशेष रूप से पूजा में शामिल हुये। इस मौके पर 12 हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अपने संदेश में केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर शुभकामनाएं दी।
कपाट खुलने के अवसर हेतु श्री केदारनाथ धाम को 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया है।बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे भी लगाये गये श्री केदारनाथ धाम में विगत दिनों से मौसम सामान्यतौर पर साफ है बर्फ दूर पहाड़ियों पर नजर आ रही है। कपाट खुलने की प्रक्रिया सुबह पांच बजे से शुरू हुई यद्यपि सुबह चार बजे से श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारी मंदिर परिसर में तैनात हो गये थे। सुबह छ: बजे श्री केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी बागेश लिंग, विधायक केदारनाथ आशा नौटियाल,जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती धर्माचार्यों वेदपाठीगणों भैरव नाथ जी के पश्वा अरविंद शुक्ला ने पूरब द्वार से मंदिर में प्रवेश किया तथा मंदिर के गर्भगृह के द्वार की पूजा-अर्चना में शामिल हुए।
देवी देवताओं का आव्हान कर जन कल्याण की कामना तथा संकल्प के साथ ही ठीक प्रातः सात बजे श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिये गये।इसी समय मंदिर का मुख्य दक्षिण द्वार भी खुल गया। बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने कपाट खुलने के अवसर पर यात्रा से जुड़े सभी विभागों का आभार जताया कहा कि मंदिर समिति तीर्थयात्रियों को अपने स्तर से दर्शन व्यवस्था हेतु मदद कर रही है।
उल्लेखनीय है कि 27 अप्रैल को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान भैरवनाथ जी की पूजा हुई। जबकि बाबा केदार की पंच मुखी डोली 28 अप्रैल को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से केदारनाथ धाम प्रस्थान हुई विभिन्न पड़ावों से पैदल मार्ग से बीते बृहस्पतिवार शाम को श्री केदारनाथ धाम पहुंची । जारी प्रेस विज्ञप्ति में बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कल शनिवार 3 मई को केदारनाथ धाम में श्री भैरवनाथ जी के कपाट भी खुल जायेंगे।
कपाट खुलने के अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह,पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी/सहायक अभियंता गिरीश देवली, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी धर्माधिकारी औंकार शुक्ला वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, पुजारी बागेश लिंग,वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल, यशोधर मैठाणी, विश्व मोहन जमलोकी , देवानंद गैरोला,विपिन तिवारी कुलदीप धर्म्वाण, प्रकाश पुरोहित,उमेश शुक्ला सहित बड़ी संख्या यें तीर्थ पुरोहितगण, हकहकूकधारी, तथा तीर्थयात्री मौजूद रहे।
वहीं चारधामों की इस यात्रा वर्ष में श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को प्रात: छ बजे खुलेंगे। जबकि श्री गंगोत्री यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को खुल चुके है।

क्या है बाबा का भीष्म शृंगार :

पट खुलने के बाद भीष्म शृंगार हटाया जाता है। यह प्रक्रिया भी दिलचस्प है। सबसे पहले शिवलिंग के पास रखे गए मौसमी फल और ड्राई फ्रूट्स का ढेर हटाते हैं। इसे आर्घा कहते हैं।
फिर बाबा पर चढ़ी एक से लेकर 12 मुखी रुद्राक्ष की मालाएं निकालते हैं। इसके बाद शिवलिंग पर चारों ओर लपेटा गया सफेद कॉटन का कपड़ा हटाया जाता है। पट बंद करते समय शिवलिंग पर 6 लीटर पिघले हुए शुद्ध घी का लेपन करते हैं, जो इस वक्त जमा होता है, इसे धीरे-धीरे शिवलिंग से निकालते हैं।
इसके बाद होता है शिवलिंग का गंगा स्नान। गोमूत्र, दूध, शहद और पंचामृत स्नान के बाद बाबा केदार को नए फूलों, भस्म लेप और चंदन का तिलक लगाकर तैयार किया जाएगा। कपाट बंद करते समय भीष्म शृंगार में करीब 5 घंटे लग जाते हैं, लेकिन कपाट खोलने के बाद इसे आधे घंटे में हटा दिया जाता है।