देहरादून, ऊर्जा निगम में नियमों एवं न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करते हुए सहायक अभियंताओं की वर्ष 2008-09 की ज्येष्ठता सूची में वर्ष 2010 के सीधी भर्ती के सहायक अभियंताओं को रखे जाने जाने के खिलाफ क्रमिक अनशन आज पांचवे दिन भी ऊर्जा निगम मुख्यालय पर जारी रहा।आज एसोसिएशन की मांगो के समर्थन में ई अतुल रावत, ई अशोक यादव एवं ई अलमा अंसारी क्रमिक अनशन बैठे।
यूपीसीएल प्रबंधन द्वारा उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्ति की तिथि से रोटा कोटा करते हुए ज्येष्ठता सूची जारी करने के स्थान पर 2010 में नियुक्त सहायक अभियंताओं को चयन वर्ष 2008-09 में ज्येष्ठता दी गई है ।ऊर्जा निगम प्रबंधन इस मुद्दे पर सरकार एवं शासन को भी भ्रामक जानकारी देकर गुमराह कर रहा है। ऊर्जा निगम द्वारा अवर अभियंताओं एवं सहायक अभियंताओं की ज्येष्ठता सूची तैयार करते समय अलग अलग व्यवस्था अपनाई जा रही है जहां एक तरफ सीधी भर्ती के अवर अभियंताओं को उनकी नियुक्ति के एक वर्ष बाद ज्येष्ठता दी जा रही है वहीं दूसरी ओर सीधी भर्ती के सहायक अभियंताओं को नियुक्ति से पूर्व विज्ञापन की तिथि से ज्येष्ठता दी गई है जो ऐसे में एक ही विभाग एवं एक ही नियमावली होने के बावजूद अलग अलग तरीके से ज्येष्ठता दिया जाने की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।वक्ताओं द्वारा कहा गया कि अवर अभियंता संवर्ग के साथ भेदभाव किया जा रहा है ओर उनके जायज हक से उन्हें वंचित करने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं एवं उनके विरुद्ध गोपनीयता के नाम पर साजिशें रची जा रही है जिससे उनके अधिकारों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। अवर अभियंता संवर्ग अब अन्याय और नहीं सहेगा इसके लिए सड़क से लेकर माननीय न्यायालय तक प्रमुखता से अपने हक की लड़ाई जारी रहेगी। उपभोक्ता सेवा एवं निगम की बेहतरी के लिए प्रथम पंक्ति में रहकर प्रतिबद्धता के साथ कार्य करता है परन्तु इन सबके बावजूद निगम प्रबंधन द्वारा लगातार संवर्ग की अनदेखी की जा रही हैं। अवर अभियंता संवर्ग के सदस्यों के विभागीय प्रकरणों का निस्तारण समय से नहीं किया जा रहा है। निगम में विभागीय आदेशों को वेबसाइट पर प्रदर्शित नहीं किया जा रहा है। निगम प्रबंधन हठधर्मिता पर उतारू है और संवर्ग की जायज समस्याओं को सुनने के लिए भी तैयार नहीं है। एसोसिएशन हमेशा सकारात्मक वार्ता के द्वारा समाधान का पक्षधर रहा है जिस क्रम में एसोसिएशन की प्रबंध निदेशक महोदय की अध्यक्षता में निगम प्रबंधन के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई वार्ता में परन्तु यूपीसीएल प्रबंधन द्वारा एसोसिएशन के साथ सैद्धांतिक सहमति बनने के बाद भी वार्ता का कार्यवृत जारी नहीं किए जाने से गतिरोध बना हुआ है।
उत्तराखंड़ ऊर्जा प्रबंधन द्वारा बिना किसी वैध नियम के सीधी भर्ती के 2010 के सहायक अभियंताओं को 2008-09 की ज्येष्ठता देने के प्रकरण पर झूठ का विमर्श तैयार करते हुए शासन एवं सरकार को गुमराह किया जा रहा है उन नियमों को शासन के सम्मुख प्रस्तुत किया जा रहा है जो कि यूपीसीएल में लागू ही नहीं है।एसोसिएशन की सरकार एवं शासन से मांग है कि संवर्ग के सदस्यों की जायज मांग पर न्यायोचित कार्यवाही करते हुए न्याय प्रदान किया जाए। इस अन्याय के विरोध में तीनों ऊर्जा निगमों के सभी संगठन/ऐसोसिशन पूर्ण रूप से उत्तराखण्ड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन के साथ खड़े हैं,यदि निगम प्रबंधन द्वारा शीघ्र ही इस अनियमित ज्येष्ठता सूची को निरस्त नहीं किया गया तो आंदोलन को ओर तीव्र किया जाएगा।
आज कार्यक्रम में पवन रावत,सुनील उनियाल, वी के जैन, मनोज कंडवाल, कुलभूषण कुकरेती, सतपाल तोमर, अनिल बडोनी,मुकेश सिंह, नीरज सैनी, शीतल सैनी, सरिता मेहरा,अंजुला, राहुल अग्रवाल ,मनोज रावत, सुनील पोखरियाल, सरिता मेहरा ,नवनीत चौहान, अजीव राणा, जगपाल, अनुज कुमार, ओमकार, कुसुम आदि उपस्थित रहे।
उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन का क्रमिक अनशन आज पांचवे दिन भी जारी
दून पुस्तकालय में दिखायी गयी तीन वृत्तचित्र फिल्में
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में वृत्तचित्र फिल्मों की एक शाम कार्यक्रम के तहत आज सायं तीन बस्तियों की फ़िल्में प्रदर्शित की गयीं. प्रदर्शित पहली फ़िल्म बिन सवल्यांच्या गावत थी. इसका निर्देशन निर्देशक गौरी पटवर्धन ने किया है इसकी अवधि 52 मिनट की थी.2017 में बनी यह फ़िल्म मराठी,अंग्रेजी में है. दूसरी प्रदर्शित फ़िल्म दिल की बस्ती में थी इसका निर्देशक अनवर जमाल हैं 52 मिनट अवधि की यह फ़िल्म 2011 में बनी और यह हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी में है. अंत में कोई चाँद भी नहीं, फ़िल्म के
निर्देशक, अजय टीजी थे. इसकी अवधि 26 मिनट थी. हिंदी, अंग्रेजी में यह फ़िल्म 2018 में बनी है l
उल्लेखनीय है कि बिन सवल्यांच्या गावत में दिखाया गया है कि कोई एक शहर किस तरह बनता है? शहर बनते समय क्या याद रखा जाता है? क्या भुला दिया जाता है? कुछ महत्वपूर्ण सवालों को उठाते हुए यह फिल्म बताती है कि पुणे में हेरिटेज वॉक किस तरह शहर के इतिहास को एक संकीर्ण ढांचे में परिभाषित करने की कोशिश करता है, जो मात्र उच्च वर्ग के लिए है, जबकि वे शहर का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं। शहर में ऐतिहासिक धरोहरों और इमारतों का अस्तित्व खत्म करने का दलित बहुजन समुदाय के लिए क्या मायने रखता है, जबकि वे उनमें से कुछ को वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं ?
वहीं दिल की बस्ती फ़िल्म में पुरानी दिल्ली का चहारदीवारी वाला शहर अपने आप में एक सांस्कृतिक ब्रह्मांड कि तरह उभरकर आया है। एक फैला हुआ, अव्यवस्थित, लेकिन संक्रामक रूप से जीवंत पड़ोस, जहाँ जीवन अस्तित्व के निरंतर संघर्ष में कई आकर्षक रूपों में प्रकट होता है। अतीत और वर्तमान, नष्ट होते और नवीनीकरण, आशा और निराशा के बीच जकड़ा हुआ एक जीवंत शहर।
कोई चाँद भी नहीं फ़िल्म छत्तीसगढ़ में पर्यावरण और मानवाधिकारों की गहन उपेक्षा को दर्शाती है। इस तरह के विकास से प्रभावित एक आदिवासी परिवार की गवाही के आधार पर, फ़िल्म बताती है कि कैसे उनके घरों को ध्वस्त किया गया और समृद्ध खेती की जमीन को हड़प लिया गया।
प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित लोगों जा स्वागत किया. फ़िल्म प्रदर्शन के दौरान हिमांशु आहूजा,विजय भट्ट, कर्नल वी के दुग्गल, डॉ. योगेंद्र सिंह , बद्रीश छाबड़ा, डी के कांडपाल, इरा चौहान, बिजू नेगी, प्रोफेसर सुनील कुमार सक्सेना, कुलभूषण सहित कई फिल्मेप्रेमी, सामजिक कार्यकर्ता, लेखक, साहित्यकार व युवा
पाठक आदि उपस्थित थे. फ़िल्म का प्रदर्शन निकोलस हॉफलैंड ने किया l
महिलाओं के खिलाफ गलत टिप्पणी को कदापि भी बर्दाश्त नहीं होगी : बचना शर्मा
देहरादून (विकासनगर), जनपद के चकराता की ग्राम सभा लाखामंडल की लड़कियों द्वारा एक सामूहिक बैठक आयोजित की गई जिसमें भारी संख्या में क्षेत्र की महिलाओं ने प्रदर्शन किया, जिसमें सभी ने क्षेत्र महिलाओं के खिलाफ गलत टिप्पणी करने वाले संस्था एवं महिला के खिलाफ भारी रोष व्यक्त किया गया, इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस तरह का लांछन व गलत टिप्पणी को कदापि भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा l क्षेत्र की भाजपा नेत्री एवं समाज सेविका बचना शर्मा ने कहा कि जौनसार बावर में सबसे ज्यादा मान सम्मान महिलाओं को दिया जाता है, जबकि बड़ी से बड़ी घटनाएं होने के बावजूद भी गांव क्षेत्र की कोई भी महिला किसी भी फैसले को लेकर अपने विपक्ष के घर जाकर उस फैसले को सतह ही निपटारा हो जाता है वहीं किसी भी धार्मिक अनुष्ठान व शादी विवाह में जौनसार बाबर की धयानटूडियां और रेईटूडिया को सबसे ज्यादा मान सम्मान दिया जाता है, इस प्रकार के लांछन लगाने वाली संस्था एवं महिला बिना कुछ जाने पहचाने किसी पर लांछन लगाना न्याय एवं समाज के विरुद्ध घटना को माना जाता है, यह महिला ना तो जौनसार मूल की है और ना ही जौनसार बावर की संस्कृति से अवगत है, बचना शर्मा का कहना है कि उत्तराखंड ही नहीं बल्कि संपूर्ण भारत में अगर महिलाओं का सबसे अधिक मान- सम्मान किया जाता है तो वह जौनसार बाबर की देवस्थली जगह है l गांव क्षेत्र की सभी महिलाओं का कहना है कि इस संस्था व महिला के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग करती है, अगर ऐसा नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा l इस आक्रोश प्रदर्शन में सम्मिलित महिलाओं में फूलों देवी, लक्ष्मी गोद, सरोज शर्मा भाजपा नेत्री एवं सामाजिक कार्यकर्ता बचना शर्मा, मोनिका भट्ट, ग्राम प्रधान सोनिया, क्षेत्र पंचायत उषा वर्मा, सरिता बहुगुणा, प्रेमा शर्मा, सुमन अस्वाल, सोना शर्मा, इंदिरा शर्मा, कविता बहुगुणा, रोमा गॉड, अंकिता गॉड, स्वाति गॉड, तारी देवी, सुर्जनी देवी, कृष्ण बहुगुणा, मीनो शर्मा, अंकिता बहुगुणा, अजिता, बीना भट्ट आदि मौजूद रहीं l
जिप अध्यक्ष, क्षेत्र प्रमुखों का चुनाव आम मतदाताओं से हो, सीएम तथा पंचायत मंत्री से खफा है प्रतिनिधि, अध्यादेश लाए केन्द्र सरकार
देहरादून, उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन में प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा पंचायती राज मंत्री को पत्र लिखकर क्षेत्र प्रमुख तथा जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव आम जनता से कराए जाने पर तत्काल निर्णय लिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि आम जनता से चुनाव होने पर खरीद फरोख्त की प्रक्रिया बंद हो जाएगी। इससे पंचायती राज व्यवस्था और मजबूत होगी।
उत्तराखंड़ की पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज अपने कार्यकाल में क्षेत्र प्रमुख तथा जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव आम जनता से कराए जाने की बात कई मर्तबा कह चुके हैं।
राज्य सरकार की ओर से एक प्रस्ताव भी भारत सरकार को दिया गया है। उत्तराखंड के 12 जनपदों में त्रिस्तरीय पंचायत 2025 शुरू होने वाला है। अभी तक क्षेत्र प्रमुख तथा जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव पुरानी पद्धति से होगा या नई पद्धति से इस पर कोई स्पष्टता नहीं दिख रही है।
संगठन के राज्य संयोजक जगत मर्तोलिया ने कहा कि अनुच्छेद 243 (ग) के 5क में जैसा तय करे राज्य सरकार स्पष्ट लिखा हुआ है। इसलिए कुछ राज्यों में ग्राम प्रधान का चुनाव जनता से तथा कुछ राज्यों में वार्ड मेंबर द्वारा किया जाता है।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद के 5ख में जिला पंचायत अध्यक्ष तथा क्षेत्र प्रमुखों के चुनाव की व्यवस्था दी गई है। जिसमें क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत सदस्यों में से चुने जाने की व्यवस्था लागू गई है। उन्होंने कहा कि 5ख में भी 5क की तरह राज्य सरकारों को अधिकार दिए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार को अध्यादेश लाकर अनुच्छेद में बदलाव लाना चाहिए ताकि राज्य सरकार ने राज्य अपनी इच्छानुसार क्षेत्र प्रमुख तथा जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव कर सके। उन्होंने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था के चुनाव प्रणाली में पारदर्शिता तथा सुधार लाने के लिए जनता के द्वारा क्षेत्र प्रमुख तथा जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव कराया जाना आवश्यक है।
इस पर मुख्यमंत्री तथा पंचायती राज मंत्री को तत्काल सरकार का पक्ष उत्तराखंड की जनता के सामने रखना चाहिए।
तीन बच्चों का नियम पहले सांसद, विधायकों पर हो लागू
देहरादून, संगठन ने त्रिस्तरीय पंचायत के विभिन्न पदों में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए तीन बच्चों का नियम थोपने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई। उन्होंने कहा कि जब विधायक तथा सांसदों के चुनाव में बच्चों की संख्या की अनिवार्यता नहीं है तो पंचायत चुनाव में इस प्रकार का नियम बनाना लोकतंत्र का मजाक है। उन्होंने कहा कि पहले सांसद तथा विधायकों के लिए अनिवार्य की जाए। उसके बाद पंचायत में लागू किया जाए।
ज्ञात रहे 25 जुलाई 2019 के बाद 3 से अधिक बच्चे वाले चुनाव नहीं लड़ सकते है। इस कानून को काला कानून बताते हुए तत्काल इस पर रोक लगाने की मांग की। इससे एक पंथ की जनसँख्या में भारी बढ़ोत्तरी होने का आशंका है।
महिला सुरक्षा के प्रति उत्तराखंड़ सरकार संवेदनहीन : ज्योति रौतेला
“प्रदेश में महिला अपराध की जघन्य घटनाओं में हो रहा लगातार इजाफा”
देहरादून, महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में आज महिला कांग्रेस पदाधिकारियों ने देहरादून में महिला अपराध की घटनाओं को लेकर एक प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से राज्यपाल एवं महिला आयोग की अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपते हुए राज्य में महिलाओं व नाबालिग बच्चियों के विरूद्ध हो रही हिंसा, बलात्कार व जघन्य हत्या की घटनाओं पर लगाम लगाये जाने की मांग की।
जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से राज्यपाल उत्तराखंड एवं महिला आयोग की अध्यक्ष को सौंपे ज्ञापन में ज्योति रौतेला ने कहा कि महिला सम्मान, भ्रष्टाचार और भयमुक्त समाज के अपने वादे पर अमल करने में उत्तराखंड की भाजपा सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। राज्य सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में राज्य में हत्या, मासूमों से बलात्कार एवं महिलाओं से सम्बन्धित जघन्य अपराधों की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। भारतीय जनता पार्टी के शासन में राज्यभर में महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार, हत्या और जघन्य अपराधों की बाढ़ सी आई है। उत्तराखण्ड राज्य में औसतन प्रति माह एक बलात्कार और हत्या की घटना घटित हो रही है। तीन वर्ष पूर्व उत्तराखण्ड राज्य में हुए अंकिता भंडारी जघन्य हत्याकांड में शामिल वी.आई.पी. का नाम अभी तक उजागर नहीं हो पाया है तथा राज्य में लगातार सामूहिक बलात्कार व हत्या की घटनाओं में सत्ताधारी दल के लोगों की संलिप्तता उजागर हो रही है। राज्य में लगातार घट रही इन घटनाओं से महिला सम्मान के साथ-साथ राज्य की अस्मिता पर भी चोट पहुंची है। राज्य में भय का वातावरण व्याप्त है तथा आमजन विशेषकर महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
प्रदेश महिला कांग्रेस ने राज्य में विगत तीन वर्ष के अन्तर्गत महिलाओं के साथ घटित जघन्य अपराधों से सम्बन्धित घटनाओं पर राज्यपाल एवं महिला आयोग की अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित किया।
प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने यह भी कहा कि जहां हरिद्वार में अपनी 13 वर्षीय नाबालिग बेटी से सामूहिक दुष्कर्म कराने का मामला भाजपा महिला मोर्चा पदाधिकारी अनामिका शर्मा से जुड़ा हुआ है
वहीं अंकिता भंडारी हत्याकांड में मुख्य आरोपी भाजपा नेता का पुत्र पुलकित आर्य, द्वाराहाट में नाबालिग दलित युवती से बलात्कार मामले में मुख्य आरोपी भाजपा नेता प्रमोद बिष्ट, रूद्रपुर में नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म मे मुख्य आरोपी भाजपा नेता नरेन्द्र गंगवार, बहादराबाद में दलित युवती की बलात्कार एवं हत्या कांड में मुख्य आरोपी भाजपा नेता अमित सैनी, लालकुंआ नाबालिग बलात्कार कांड में मुख्य आरोपी भाजपा नेता, नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा, अल्मोड़ा में 14 वर्षीय नाबालिग से छेड़छाड कांड में मुख्य आरोपी भाजपा मंडल अध्यक्ष भगवत सिंह बोरा तथा रूद्रपुर में नाबालिग लड़की एवं उसकी मां से छेड़छाड़ मामले में मुख्य आरोपी भाजपा पार्षद शिव कुमार गंगवार हैं। इसके अलावा भाजपा मुख्यालय में अपने ही दल की एक महिला कार्यकर्ता द्वारा भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) पर यौन उत्पीड़न के आरोप तथा हरिद्वार से भाजपा विधायक सुरेश राठौर पर बलात्कार का आरोप लगा है।
उन्होंने कहा कि राज्य में लगातार सामूहिक बलात्कार व हत्या की घटनाओं में सत्ताधारी दल के लोगों की संलिप्तता उजागर हो रही है। भाजपा सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में घटी इन महिला अपराध की घटनाओं में सत्ताधारी दल के नेताओं की संलिप्तता ने देवभूमि उत्तराखण्ड की अस्मिता को तार-तार कर रख दिया है। मासूमों से बलात्कार एवं हत्या की इन घटनाओं की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराते हुए अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जानी नितांत आवश्यक है।
प्रदेश महिला कांग्रेस ने राज्यपाल एवं महिला आयोग अध्यक्ष से मांग की कि महिलाओं से सम्बन्धित इन घृणित आपराधिक घटनाओं के लिए दोषी अपराधियों के खिलाफ शीघ्र कठोर कानूनी कार्रवाई की जाय तथा महिला अपराधों पर तत्काल अंकुश लगाया जाय।
इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती नजमा खान, आशा शर्मा, जया कर्नाटक, भागीरथी, चन्द्रकला नेगी, जिलाध्यक्ष नैनीताल खष्टी बिष्ट, महासचिव निधि नेगी, अनुराधा तिवाडी, मीना शर्मा, पूजा सिंह, आशा रावत, सुनीता कश्यप, सुशीला शर्मा, सुष्मा दमोड़ा, राधा आर्य, कैलाशी, भावना भट्ट आदि महिला कांग्रेस पदाधिकारी उपस्थित थे।
प्रदेश में महिलाओं के साथ घटित घटनायें :
1. 27 मार्च, 2022 को जनपद बागेश्वर के कपकोट में 12 साल की नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के प्रयास की घटना।
2. 2 अप्रैल, 2022 को जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर में नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास की घटना।
3. 2 अप्रैल, 2022 को जनपद चमोली के थराली में नाबालिग से छेड़छाड़ की घटना।
4. 14 अप्रैल, 2022 को देहरादून के जाखन स्थित लॉज में महिला की हत्या।
5. 14 अप्रैल, 2022 को जनपद उधम सिंह नगर के किच्छा में साढ़े तीन साल की बच्ची की दुष्कर्म के उपरान्त हत्या।
6. 18 सितम्बर 2022 को वनन्तरा रेस्टोरेंट में अंकिता भंडारी जघन्य हत्याकांड।
7. जून 2024 को बहादराबाद में 13 वर्षीय नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार एवं हत्या
8. 23 जून 2024 को अल्मोड़ा जनपद के द्वाराहाट में दलित युवती के साथ सामूहिक बलात्कार
9. 28 जून 2024 को अल्मोड़ा के रानीखेत में दलित नाबालिग युवती के साथ दुष्कर्म
10. 30 जुलाई 2024 को जनपद उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में महिला नर्स के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या।
11. 22 अगस्त 2024 को आईएसबीटी देहरादून में किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार।
12. 24 अगस्त 2024 को अल्मोड़ा जनपद के सल्ट में नाबालिग से दुष्कर्म का प्रयास।
13. 3 सितम्बर 2024 को अल्मोड़ा जनपद के भिकियासैण में 5 साल की मासूम नाबालिग से दुष्कर्म का प्रयास।
14. माह जून 2025 में हरिद्वार में 4 साल की मासूम की यौन शोषण के उपरान्त हत्या।
जनगणना को लेकर अधिसूचना जारी, 2 चरणों में होगी आबादी की गिनती
नईदिल्ली,। केंद्र सरकार ने जनगणना को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। यह 2 चरणों में अक्टूबर 2026 और मार्च 2027 से शुरू होगी। यह भारत की 16वीं जनगणना होगी।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई अधिसूचना में बताया गया है कि लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में जनगणना अक्टूबर 2026 से शुरू होगी।
इसके बाद माईच 2027 से अन्य राज्यों में जनगणना शुरू की जाएगी। जनगणना के साथ ही जाति जनगणना भी होगी।
पहले चरण की जनगणना को हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन के नाम से जाना जाएगा।
इसमें परिवार की संपत्ति, पारिवारिक आय, आवास की स्थिति और सुविधाओं से संबंधित डेटा एकत्र किया जाएगा।
दूसरे चरण में जनसंख्या गणना के तहत घर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के बारे में जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य व्यक्तिगत जानकारी एकत्र की जाएगी।
इस की जनगणना भारत की पहली डिजिटल जनगणना होगी। ऐसे में उत्तर देने वाले निवासी घर से ही प्रश्नों के उत्तर को दे सकेंगे।
इसमें घर-घर जाकर जनगणना तो की जाएगी, लेकिन यह सभी चीजें टैबलेट और मोबाइल के जरिए होंगी। लोगों को ऑनलाइन भी जनगणना में शामिल होने का मौका मिल सकता है।
इसके अलावा पहली बार जनगणना में जाति की गणना भी जनगणना की प्रक्रिया होगी, जिसकी काफी समय से मांग उठ रही थी।
जनगणना की तिथियां सामने आने के बाद अब महिला आरक्षण विधेयक और विवादास्पद परिसीमन प्रक्रिया का भी रास्ता साफ हो गया है।
जनगणना के बाद परिसीमन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जिसमें अंतर्गत सभी राज्यों में सीटों का जनसंख्या के अनुसार आकलन किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव 2029 में केंद्र सरकार नए परिसीमन के मुताबिक, महिला आरक्षण विधेयक भी लागू करेगी, जिससे संसद में प्रवेश के लिए महिला सांसदों को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
युवा सपनों की तासीर बदल रही देवभूमि उद्यमिता योजना
– 26274 छात्र-छात्राओं ने उद्यमिता योजना में किया पंजीकरण
– 965 उद्यम स्थापित, ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बिक रहे उत्पाद
देहरादून(आरएनएस)। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में देवभूमि उद्यमिता योजना युवा सपनों की तासीर बदल रही है। राज्य सरकार की पहल पर शुरू की गई इस योजना के माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थानों में उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र विकसित हो रहा है। जिससे छात्र-छात्राओं की व्यावसायिक सोच विकसित हो रही है। योजना के तहत अबतक 26247 छात्र-छात्राओं ने अपना पंजीकरण कराया है जबकि प्रशिक्षण के उपरांत 965 छात्रों ने अपने उद्यम स्थापित कर मुनाफा भी कमाना शुरू कर दिया है।
नई शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों को दृष्टिगत रखते हुये राज्य सरकार ने वर्ष 2023 में प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में देवभूमि उद्यमिता योजना शुरू की। जिसका मकसद राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को स्टार्टअप और उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ाना था। योजना के तहत 124 उच्च शिक्षण संस्थानों में देवभूमि उद्यमिता केन्द्र स्थापित किये गये, जिनके माध्यम से छात्र-छात्राओं में व्यावसायिक सोच विकसित कर उनमें बिजनेस आइडिया और बाजार से जुड़ने से संबंधित जरूरी कौशल दिया जा रहा है। इसके अलावा युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ व्यवसाय शुरू करने के लिये सीड फंडिंग भी की जा रही है। पिछले दो वर्षों में योजना के तहत अबतक 26247 छात्र-छात्राओं ने अपना पंजीकरण कराया है। इनमें से 14260 ने दो दिवसीय बूट कम्पों में भाग लिया, जबकि 8721 युवाओं ने 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत अपनी किस्मत खुद लिखने की चाह रखने वाले 965 छात्रों ने अपने उद्यम स्थापित किये। जिनमें से 303 उद्यम खूब मुनाफा कमा रहे हैं। इतना ही नहीं इन उद्यमों के 25 ऐसे उत्पाद हैं जो अमेजन, फ्लिपकार्ट और मीशो जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म पर खूब बिक रहे हैं। देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण वाले 60 उद्यमों के एफएसएसएआई लाइसेंस बन गये हैं और 30 से अधिक लाइसेंस बनने की प्रक्रिया में है। जबकि 8 उद्यमों ने ट्रेडमार्क लाइसेंसे के लिये अवेदन किया है। प्रदेश में देवभूमि उद्यमिता योजना युवा सपनों की तासीर बदलने में कामयाब हो रही है, और छात्र-छात्राओं में नेतृत्व क्षमता और रोजगार सृजन की काबलियत पैदा कर रही है।
नये बिजनेस आइडिया को सीड फंडिंग
देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत प्रत्येक वर्ष 20 छात्र-छात्राओं को उनके बिजनेस आइडिया के लिये सीड फंडिंग की व्यवस्था है। जिसमें 20 छात्रों को उनके नवाचार आधारित स्आर्टअप को 75 हजार की धनराशि सीट फंड के तहत प्रदान की जायेगी। योजना के तहत 1132 से अधिक छात्रों ने अपने व्यवसायों का उद्यम आधार बना लिया है।
*बूट कैम्प और ईडीपी हैं बिजनेस के आधार *
योजना के तहत प्रत्येक महाविद्यालयों में 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) आयोजित किये जा रहे हैं, जिनमें छात्र-छात्राओं को व्यावसायिक सोच, उद्यम प्रबंधन, विपणन और वित्तीय नियोजन की बारीकियां सिखाई जा रही है। इसके अलावा छात्रों में स्टार्टअप और उद्यमिता के प्रति जागरूक पैदा करने के लिये दो दिवसीय बूटकैम्प आयोजित किये जा रहे हैं। जहां वह अपने आइडिया विशेषज्ञों के सामने रखते और इनमें से श्रेष्ठ व्यावसायिक विचारों को सीड फंड के लिये चयनित किया जाता है।
हर्बल हर्ट की कहानी
चौखुटिया (अल्मोड़ा) के दीपक सिंह नेगी के बुरांश, माल्टा व अन्य स्थानीय फलों से रेडी-टू-ड्रिंक जूस बनाने का आइडिया को योजना के तहत 75 हजार की सीड फंडिंग प्रदान की गई, साथ ही पैकेजिंग, ब्रांडिंग व मेंटरिंग का भी समर्थन दिया गया। आज उनकी फर्म ‘हर्बल हर्ट’ सफल उद्यम के रूप में स्थापित हो चुकी है और इसके तहत उन्होंने तीन अन्य युवाओं को भी रोजगार दिया है।
देवभूमि उद्यमिता योजना प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही है। राज्य सरकार की ‘शिक्षा से उद्यमिता की ओर’ पहल का परिणाम है कि युवा रोजगार नहीं बल्कि रोजगार सृजक बन रहे हैं। इस योजना ने यह साबित कर दिया कि हमारे युवाओं को सही मार्गदर्शन, संसाधन और अवसर मिले तो वह वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान बना सकते हैं । – डॉ. धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।
डीएम ने एक ही स्ट्रोक में 14 अनाथ बौद्धिक अक्षम दिव्यांग बालिकाओं को दिलवाया नया उच्च स्तरीय आशियाना
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल एवं उनकी कोर टीम के प्रयासों से 14 मूकबधिर अनाथ बालिाओं को अब उनका नया आशियाना मिल गया है। अब इन बच्चों को सत्य साईं आश्रम से राफेल होम संस्था में शिफ्ट किया गया। ज्ञातब्य है कि सत्य साईं आश्रम अपने निजी एवं आर्थिक कारणों से बन्द हो रहा है तथा बच्चों को संस्था में रखने को असमर्थ था।
मुख्यमंत्री की प्रेरणा से डीएम ने एक ही स्ट्रोक में 14 अनाथ बौद्धिक अक्षम दिव्यांग बालिकाओं को दिलवाया नया उच्च स्तरीय आशियाना दिव्यांग अनाथ बालिकाओं के पुनर्वास की जरूरत पड़ी, प्रशासन को दलबल से हस्तक्षेप करना पड़ा। उच्च अधिकारियों को बालिकाओं संग रेफल होम भेज विधिवत् सेटल कराया। जिला प्रशासन की सख्ताई का असर प्रत्यक्ष;पूर्ण, प्रभावी रहा 14 मूक बधिर बालिकाओं को बंद होने जा रही सत्य साईं आश्रम से राफैल होम संस्था में विधिवत् दाखिल कराया Specially abled बालिकाओं को संस्थाओं द्वारा एडमिशन न देने पर डीएम ने बिठाई थी उच्च स्तरीय जांच। डीएम के तेवर सख्त; कहा पंजीकरण, गांरटी, अन्डरटेकिंग यदि प्रशासन की जिम्मेदारी तो, दिव्यांग असहाय अनाथ बच्चों के शोषण, अधिकारों का हनन अग्राहाय। डीएम ने कहा मानव मूल्य प्रथम; सेवा के नाम पर लिया पंजीकरण, धन उगाई को कुतंत्र न बनाएं संस्थाएं। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि जो एक दस्तखत इन संस्थाओं के संचालन पालन हेतु करोड़ों का धन दिलवा सकता है तो दस्तखत शर्तों का अनुपालन करवाने में भी सक्षम है। संस्थाओं का पंजीकरण धनराशि सहायता की संस्तुति; आपका दस्तखत महज इतिश्री नहीं, उन पर निर्भर है सैकड़ो दिव्यांग असहाय का जीवन। जो नियम कानून नैतिकता से बाहर उन पर प्रशासन प्रहार करने की तैयारी में है।
जिलाधिकारी के संज्ञान में आते जिला प्रशासन ने बालिओं को स्थानान्तरित करने की तैयारी तेज कर दी थी, जिसके फलस्वरूप आज मूकबधिर बच्चों को जिला प्रशासन के वाहन से उनके नए आशियाने राफेल होम संस्था तक पहुंचाया गया। संस्था द्वारा बच्चों की पढ़ाई एवं भोजन की व्यवस्था संस्था द्वारा वहन की जाएगी। जिलाधिकारी ने अपनी कोर टीम मुख्य विकास अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जो संस्थाएं कार्य कर रही है उनको जिला प्रशासन द्वारा हर संभव सहायता की जाएगी। उन्होंने संस्थाओं से अनुरोध किया कि संस्थाएं रजिस्ट्रेशन के समय पर जो सुविधा फैसिलिटी स्टॉफ दर्शाते हैं वह हर समय रहना चाहिए, जिला प्रशासन से जो भी सहयोग की अपेक्षा होगी जिला प्रशासन इसके लिए सदैव तत्पर है।
बाल संरक्षण समिति की अध्यक्ष श्रीमती नमिता मंमगाईं ने बताया कि डीएम के प्रयास से जरूरतमंद बच्चों के जीवन को नई दिशा मिल रही है। उन्होंने जिलाधिकारी के असहाय दिव्यांग, बजुर्ग, महिलाओं के उत्थान हेतु किए जा रहे प्रयासों की सरहाना की।
इससे पूर्व समाज कल्याण विभाग में दिव्व्यांग कल्याण को पजीकृत संस्थाओं द्वारा जिले की दिव्यांग बालिकाओं को सेन्टर में दाखिला न दिए जाने का ताजा मामला प्रकाश में आया था। इससे क्षुब्ध होकर डीएम ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए सभी तथ्यों पर 10 बिंदुओं पर जांच करने हेतु उच्च स्तरीय समिति बिठाई है। समिति निर्धारित समयावधि में अपनी जांच आख्या प्रस्तुत करने के कड़े निर्देश दिए हैं मानकों का उल्लंघन पाए जाने पर संस्थाओं का पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा। वहीं डीएम ने समाज कल्याण अधिकारी एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी को अधिकारियों का पाठ पढाते हुए कहा कि महज हस्ताक्षर, संस्तुति देने तक ही सीमित न रहे अपने अधिकारियों को पहचाने तथा मानव कल्याण को सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कडे़ शब्दों में कहा कि दिव्यांग असहायों का शोषण व अधिकारों का हनन बर्दाश्त नही किया जाएगा ऐसा करने वालों के विरूद्ध सख्त एक्शन लिया जाएगा। ज्ञातब्य है कि यह संस्थाए दिव्यांग असहायों के कल्याण, शिक्षा एवं उपचार के नाम पर राज्य एवं केन्द्र सरकार सहित विदेशी फंडिंग प्राप्त करती है, जो संसाधन, चिक्सिक, टीचर्स, विशेषज्ञ, मानवश्रम, स्टॉफ आदि पंजीकरण के दौरान अभिलेखों में दर्शाए जाते हैं वह मौके पर नही होते तथा बच्चों की जो संख्या बताई जाती है वह नही होती है। बाल संरक्षण समिति की अध्यक्ष श्रीमती नमिता ममंगाई, पियो लाल राफैल होम, संदस्य नीतू कांडपाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट सहित साई आश्रम के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
एमडीडीए की टीम ने सौ बीघा भूमि पर अवैध प्लॉटिंग का काम रोका
देहरादून। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की टीम ने सोमवार को लांघा रोड छरबा सहसपुर विकास नगर में करीब सौ बीघा भूमि में की जा रही अवैध प्लॉटिंग का काम रुकवाया। मौके पर किया गया अवैध निर्माण ध्वस्त किया गया। पछुआदून के विभिन्न क्षेत्रों में प्राधिकरण की ओर से चेकिंग अभियान चलाकर अवैध प्लॉटिंग और अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सोमवार को सहायक अभियन्ता अभिषेक भारद्वाज, अवर अभियंता नितेश राणा, सुपरवाइजर प्यारेलाल जोशी ने पुलिस फोर्स की मौजूदगी में लांघा रोड छरबा सहसपुर विकास नगर में करीब सौ बीघा भूमि में की जा रही अवैध प्लॉटिंग का काम रुकवाया। इसके अलावा विष्णुपुरम माजरा में अवैध रूप से किए जा रहे गोदाम के निर्माण कार्य के खिलाफ सीलिंग की कार्यवाही की गई। इस दौरान सहायक अभियन्ता निशान्त कुकरेती, अवर अभियन्ता जयदीप सिंह, सुपरवाइजर संजीव मौजूद रहे। उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी ने समस्त सेक्टरों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखें।
श्री अखंड परशुराम अखाड़े और महानगर व्यापार मंडल ने दी केदारनाथ आपदा के मृतकों को श्रद्धांजलि
प्रकृति के संरक्षण संवर्द्धन से ही आपदाओं को रोका जा सकता है-पंडित अधीर कौशिक
हरिद्वार, । वर्ष 2013 में आयी केदारनाथ आपदा की बरसी पर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा व महानगर व्यापार मंडल ने आपदा में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और उनकी आत्मा की शांति तथा विश्व शांति के लिए प्रार्थना की। ऋषिकुल घाट पर श्रद्धांजलि देने के दौरान श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक व महानगर व्यापार मंडल जिला अध्यक्ष सुनील ने कहा कि मां गंगा आपदा में जान गंवाने वाले सभी लोगों की आत्मा को शांति प्रदान करे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्व में आपदाओं और युद्ध की स्थिति बन रही है। ऐसे में मां गंगा से विश्व कल्याण खुशहाली की कामना करते हैं। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि केदारनाथ में आयी भीषण आपदा में सैकडों तीर्थयात्रीयों को जान गंवानी पड़ी थी। इस प्रकार का हादसा दोबारा ना हो इसके लिए सरकार के साथ आम लोगों को भी जागरूक होना होगा। प्रकृति के संरक्षण संवर्द्धन से ही इस प्रकार की आपदाओं को रोका जा सकता है। श्रद्धांजलि देने वालों में पंडित पवन शास्त्री, कुलदीप शर्मा, बृजमोहन शर्मा, प्रीतकमल सारस्वत, दीपक कुमार, सोनू चौधरी, सुनील मनोचा, एसके सैनी, अनिल कोरी शामिल रहे।