Wednesday, May 14, 2025
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वर्ष 2023 में उत्तराखंड में बलात्कार के उधमसिंह नगर में सर्वाधिक मामले

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“पुलिस मुख्यालय द्वारा उपलब्ध महिला सम्बन्धी अपराधों विवरण से खुलासा”

काशीपुर, देेश में आजकल बलात्कार व महिला उत्पीड़न को लेकर आन्दोलन हो रहे हैं लेकिन शांत माना जाने वाला उत्तराखंड राज्य भी इसमें पीछे नहीं हैं। उत्तराखंड में वर्ष 2023 में 421 बलात्कार के अपराध पुलिस में दर्ज हुये हैं जिसमें अकेले उधमसिंह नगर जिले में 204 बलात्कार केस दर्ज हुये हैं। यह खुलासा सूचना अधिकार के अन्तर्गत पुलिस मुख्यालय द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से वर्ष 2023 में दर्ज अपराधें सम्बन्धी विवरणों की सूचना चाही थी। इसके उत्तर में पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड की लोक सूचना अधिकारी/अपर पुलिस अधीक्षक (कार्मिक), शाहजहां जावेद खान ने अपने पत्रांक 53 दिनांक 29 जुलाई के साथ पुलिस उपाधीक्षक सीसीटीएनएस विवेक सिंह कुटियाल द्वारा उपलब्ध कराये गये वर्ष 2023 के महिला उत्पीड़न सम्बंधी अपराधें के विवरण की सत्यापित फोटो प्रति उपलब्ध करायी है।
उपलब्ध महिला उत्पीड़न सम्बन्धी अपराधें के विवरण के अनुसार वर्ष 2023 में उत्तराखंड में 421 बलात्कार के अपराध दर्ज हुये है। इसमें सर्वाधिक 204 उधमसिंह नगर जिले में, दूसरे स्थान पर 85 देहरादून, तीसरे स्थान पर 50 हरिद्वार, चौथे स्थान पर 26 नैनीताल जिले में दर्ज हुये हैं। इसके अतिरिक्त अल्मोड़ा में 3, बागेश्वर में 5, चमोली व उत्तरकाशी में 2-2, चम्पावत में 4, पौड़ी गढ़वाल में 13, पिथौरागढ़ में 8, टिहरी गढ़वाल में 19 बलात्कार दर्ज हुये हैं। केवल रूद्रप्रयाग ही ऐसा जिला है जिसमें बलात्कार का कोई अपराध् दर्ज नहीं है।
वर्ष 2023 में 48 दहेज हत्या के अपराध दर्ज हुये हैं जिसमें सर्वाधिक 16 हरिद्वार, दूसरे स्थान पर 12 उधमसिंह नगर, तीसरे स्थान पर 6 नैनीताल तथा चौथे स्थान पर 3 देहरादून में दर्ज हुये हैं। इसके अतिरिक्त पिथौरागढ़, रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी जिलों में 2-2 तथा अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चम्पावत, पौड़ी गढ़वाल जिलों में 1-1 दहेज हत्या का अपराध दर्ज हुआ है। केवल टिहरी गढ़वाल ही ऐसा जिला है जिसमें दहेज हत्या का कोई अपराध दर्ज नहीं हैं।
वर्ष 2023 में उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में 1 एसिड अटैक का अपराध भी दर्ज है। वर्ष 2023 में उत्तराखंड के सभी जिलों में दहेज उत्पीड़न के कुल 1016 अपराध दर्ज हुये हैं। इसमें सर्वाधिक 382 देहरादून जिले में, दूसरे स्थान पर 249 उधमसिंह नगर जिले में, तीसरे स्थान पर 203 हरिद्वार जिले तथा चौथे स्थान पर 110 नैनीताल जिले में दर्ज हुये है। इसके अतिरिक्त अल्मोड़ा में 11, बागेश्वर में 3, चम्पावत में 9, पौड़ी गढ़वाल में 15, पिथौरागढ़ मंें 13, टिहरी गढ़वाल में 15, उत्तरकाशी में 4 तथा चमोली और रूद्रप्रयाग जिलों में 1-1 दहेज उत्पीड़न का अपराध दर्ज हुआ है।
वर्ष 2023 में महिला अपहरण के 698 अपराध उत्तराखंड के 12 जिलों में दर्ज हुये है केवल टिहरी गढ़वाल में ही अपहरण का कोई अपराध नहीं हुआ हैं। अपहरण के सर्वाधिक 183 अपराध हरिद्वार जिले तथा दूसरे स्थान पर 178 अपराध देहरादून व उध्मसिंह नगर जिलों, तीसरे स्थान पर 44 अपराध नैनीताल जिले, चौथे स्थान पर 27 अपहरण अल्मोड़ा जिले में दर्ज किये गये है। इसके अतिरिक्त चमोली में 15, चम्पावत में 12, पौड़ी गढ़वाल में 22, पिथौरागढ़ में 20, रूद्रप्रयाग में 8, उत्तरकाशी में 9 तथा बागेश्वर में 1 अपराध दर्ज हुआ है जबकि 1 अपहरण रेलवे पुलिस जीआरपी में भी दर्ज हुआ है।
महिला पर हमले के उत्तराखंड में दर्ज 624 अपराधों में सर्वाधिक 156 देहरादून, दूसरे स्थान पर 146 हरिद्वार, तीसरे स्थान पर 128 उधमसिंह नगर, चौथे स्थान पर 104 नैनीताल जिले में दर्ज हुये है। अन्य जिलों में अल्मोड़ा में 15, बागेश्वर में 4, चमोली में 7, चंपावत में 13, पौड़ी गढ़वाल में 14, पिथौरागढ़ में 22, रूद्रप्रयाग में 2, टिहरी गढ़वाल में 8 तथा उत्तरकाशी में 5 अपराध दर्ज हैं।
महिला अपमान के उत्तराखंड में दर्ज 26 अपराधों में सर्वाध्कि 11 देहरादून जिले, दूसरे स्थान पर 8 हरिद्वार, तीसरे स्थान पर 3-3 अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ तथा चौथे स्थान पर 1 चमोली में दर्ज हुये हैं। अन्य 8 जिलों में महिला अपमान का कोई अपराध दर्ज नहीं हुआ है।
अपराध में दर्ज अनैतिक व्यापार के 26 अपराध केवल 4 जिलों में दर्ज किये गयेे हैं। जिसमें देहरादून में 10, नैनीताल में 7, हरिद्वार में 6 अपराध शामिल है।

बनारस मीट्स बर्लिन : इंडो-जर्मन प्रेम कहानी को रेखांकित करता एक बेहतरीन उपन्यास

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देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से आज सायं डॉ. योजना साह जैन की नई पुस्तक बनारस मीट्स बर्लिन का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण के पश्चात इस पुस्तक के विविध पक्षों पर निकोलस हॉफलैण्ड ने लेखिका डॉ. योजना साह से बातचीत भी की। ज्ञातव्य है कि दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र समय-समय पर सामाजिक विज्ञान,पर्यावरण,लोक परंपरा, लोक कला, इतिहास,पत्रकारिता से जुड़े विषयों पर पुस्तक लोकार्पण, गोष्ठी, व्याख्यान, चर्चा, गीत-संगीत, फीचर व वृत्तचित्र फिल्मों के माध्यम से कार्यक्रमों की श्रंखला का प्रस्तुतिकरण करता रहा है।
आज के कार्यक्रम में लोकार्पित की गई पुस्तक ‘बनारस मीट्स बर्लिन‘ पर निकोलस ने लेखिका योजना साह से पुस्तक के अनेक महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर सवाल करते हुए बातचीत की। यह पुस्तक एक इंडो-जर्मन प्रेम कहानी को बहुत शानदार तरीके से रेखांकित करते हुए कई महत्वपूर्ण सर्न्दभों को उद्घाटित करती है जहां प्यार कोई सीमा नहीं जानता, वह उम्र, धर्म, विश्वास या मानचित्र पर खींची गई रेखाओं के प्रति अडिग होता है। ऐसे देश में जहां अंतर-क्षेत्रीय विवाह पर अब भी सवाल उठते हैं, सभी बाधाओं को पार करने वाली यह एक उम्दा प्रेम कहानी है।
रिचर्ड उर्फ़ रिकी, बर्लिन जो जीवंत क्लबों, महानगरीय स्वभाव और जर्मन की जीवंत राजधानी से भरा शहर है का एक लड़का है। रागिनी, इतिहास, धर्म और संस्कृति से समृद्ध एक प्राचीन शहर बनारस की एक चंचल और विद्रोही भावना वाली लड़की है। नियति की सनक से निर्देशित होकर मानो उनके रास्ते आपस में जुड़ते हैं, उल्लेखनीय रूप से विपरीत दुनिया से दो आत्माएं एक साथ मिलते हैं। अतृप्त जिज्ञासा और अदम्य लालसा से प्रेरित होकर, रिकी और रागिनी एक रोमांचक यात्रा पर निकल पड़ते हैं जो उनकी भावनाओं की सीमाओं को पार करती व उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल देती है। कोरोना महामारी और उसके गंभीर परिणामों की पृष्ठभूमि के मध्य, उनकी प्रेम कहानी उनके शहरों की नियति के साथ जुड़ जाती है। अभी भी वे साझा हितों, अप्रत्याशित कोनों में खिलने वाले प्यार, भ्रम के क्षणों और गहन आत्म-खोज से निकलकर, एक विस्मयकारी रोलर कोस्टर की सवारी करते हैं।
डॉ. योजना साह जैन एक लेखिका, वक्ता और अंतर्राष्ट्रीय मंचों की कवयित्री हैं। 17 साल से अधिक के कॉर्पाेरेट करियर के साथ, उन्होंने फार्माकोलॉजी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। उनके पास भारत और जर्मनी दोनों में फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर क्षेत्र में व्यापक प्रशिक्षण व अनुभव है। हालाँकि, अपने कॉर्पाेरेट व्यक्तित्व से परे वह एक कलाकार के रूप में अधिक उभरती है, जो लेखन और कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए एक स्थायी जुनून से प्रेरित है। अनुसंधान, वैज्ञानिक और चिकित्सा क्षेत्रों में 16 वर्षों से अधिक के प्रभावशाली नेतृत्व के साथ, योजना ने भारत और जर्मनी में कई प्रतिष्ठित फार्मास्युटिकल बहुराष्ट्रीय कंपनियों में अपनी विशेषज्ञता को निखारा है।
डॉ. योजना साह की अब तक तीन कृतियां प्रकाशित हो चुकी हैं। इनकी भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित कागज़ पर फुदकती गिलहरियाँ नामक एक बहुप्रशंसित कविता संग्रह और प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इमली का चटकारा नामक एक कहानी संग्रह प्रकाशित हैं । बनारस मीट्स बर्लिन योजना द्वारा रचित पहला उपन्यास है। डॉ. योजना को उनकी कविता के सन्दर्भ में राष्ट्रीय टेलीविजन पर शैलेश लोढ़ा द्वारा संचालित वाह भाई वाह नामक शो में भी सम्मानित किया गया था।
शुरुआत में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित लोगों का अभिनन्दन किया। प्रफुल्ल जैन और वेदांत चौधरी ने इस उपन्यास पर वक्तव्य दिया और गौरवी व निकोलस ने लेखिका से बातचीत की।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. लालता प्रसाद, शिव प्रसाद जोशी, शोभा शर्मा, दर्द गढ़वाली, रंजना, डॉ.मनोज कुमार पँजानी , सुंदर सिंह बिष्ट, शैलेन्द्र नौटियाल सहित अनेक साहित्य प्रेमी, लेखक, साहित्यकार, प्रबुद्ध जन तथा दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के सदस्य और युवा पाठक उपस्थित रहे।
‘बनारस मीट्स बर्लिन’ पुस्तक प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित है और एमज़ोंन और फ़्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध है।

दिव्य प्रेम सेवा मिशन की देहरादून इकाई गठित : लक्ष्मी प्रसाद जयसवाल संरक्षक, सतेन्द्र सिंह को मिली जिला संयोजक की जिम्मेदारी

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देहरादून, राजधानी देहरादून के चकराता रोड स्थित आई टी एम इन्स्टीट्यूट में राष्ट्रीय स्तर की समाजसेवी संस्था दिव्य प्रेम सेवा मिशन की देहरादून ईकाई की अहम् बैठक हुई।
इस अवसर पर अपने असाधारण सामाजिक कार्यों से पूरे देशभर विशेष पहचान बना चुके अशीष गौतम की मार्गदर्शन में इस बैठक में देहरादून ईकाई के लिये पदाधिकारियों और सदस्यों का चयन किया गया।
बता दें कि संस्था के संस्थापक अशीष गौतम ने देहरादून संरक्षक के तौर पर लक्ष्मी प्रसाद जयसवाल, संयोजक के तौर पर सतेन्द्र सिंह, उप संयोजक के तौर पर अनिल मिश्रा, कोषाध्यक्ष हेतु ओंकार त्रिपाठी का नाम प्रस्तावित किया तो वही 20 कार्यकारणी सदस्य भी चूने गए।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें, ने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन जिस तरह से 28 परकल्पों के मध्यम से सेवा कार्य कर रही है उसकी जितनी सराहना की जए वह कम है। साथ ही उन्होंने संस्थापक अशीष गौतम को भरोसा दिलाते हुये कहा कि देहरादून की ईकाई भी इन सभी सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों को पूरे ऊर्जा और उमंग से करेगी।
इस दौरान राज किशोर जैन, स्वपनिल सिन्हा, संदीप कुमार, राज बहादुर थापा, एस०पी०सिंह, पूनम सिंह, सुभाष वर्मा, सुरेन्द्र नौटीयाल, के०के०सिंह, प्रवीण त्रिपाठी, नरेन्द्र लाल, मुकेश यादव, अरुण कुमार राठौर, सुनील कुमार, मनीष प्रजापति, राकेश शर्मा, मनीष कुमार, रान्जुल कुमार तथा विवेक श्रीवास्तव को सदस्य नामित किया गया है |

स्पिक मैके स्टेट कन्वेंशन कला और संस्कृति के जीवंत उत्सव के साथ हुआ संपन्न

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देहरादून: भारतीय संस्कृति और कला का जीवंत उत्सव तीन दिवसीय स्पिक मैके स्टेट कन्वेंशन आज यूनिसन वर्ल्ड स्कूल में संपन्न हुआ। इस कन्वेंशन में कलात्मक प्रदर्शनों और समृद्ध कार्यशालाओं की मंत्रमुग्ध कर देने वाली शृंखला देखी गई।

कन्वेंशन के आख़िरी दिन की शुरुआत माइंडफुल योग कार्यशाला से हुई। एसएनए पुरस्कार विजेता विदुषी पार्वती बाउल का प्रदर्शन मुख्य आकर्षण रहा, जिसके दौरान उन्होंने कृष्ण लीला के विभिन्न छंदों को सुरीले ढंग से प्रस्तुत किया। इसके बाद पद्म श्री विदुषी मालिनी अवस्थी ने मनमोहक प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने माता यशोदा द्वारा कृष्ण को जगाने के साथ-साथ ठुमरी और झूला सहित अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

यह कार्यक्रम विभिन्न गुरुओं के नेतृत्व में गहन कार्यशालाओं के साथ जारी रहा। तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान तबला, ओडिसी नृत्य, टाई एंड डाई, पटुआ पेंटिंग, कथक, कर्नाटक गायन, कांगड़ा पेंटिंग, हिंदुस्तानी गायन, कुचिपुड़ी, भरतनाट्यम, सिक्की ग्रास क्राफ्ट, गोंद पेंटिंग और थिएटर प्ले पर कार्यशालाएँ आयोजित की गईं। इन सत्रों का समापन छात्रों द्वारा एक प्रदर्शन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सम्मेलन के दौरान सीखे गये कौशल का प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम के बारे में बताते हुए, स्पिक मैके उत्तराखंड की चेयरपर्सन विद्या वासन ने कहा, “यह तीन दिन कला और संस्कृति के अविश्वसनीय दिन रहे हैं। पहले दिन नया थिएटर द्वारा ‘राज रक्त’ नामक नाट्य प्रस्तुति का आयोजन किया गया। इसके बाद पद्म भूषण विदुषी सुधा रघुनाथन द्वारा कर्नाटक गायन पर शास्त्रीय प्रस्तुति आयोजित हुई, जिसमें उन्होंने राग बिहाग प्रस्तुत किया और तिल्लाना सहित कई अन्य रचनाएँ गाईं। इसके बाद पद्म भूषण पंडित विश्व मोहन भट्ट ने मोहन वीणा पर राग श्याम कल्याण बजाया, और उनकी ग्रैमी पुरस्कार विजेता कृति ‘मीटिंग बाय द रिवर’ को दर्शकों ने खूब सराहा।”

आगे बताते हुए, स्पिक मैके के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आर.एम. तिवारी ने कहा, “कन्वेंशन का दूसरा दिन भी काफ़ी रोमांचक रहा। इसकी शुरुआत प्रतिभागियों के लिए योग निद्रा से हुई, जिसके बाद डॉ. अर्शिया सेठी ने एक वार्ता सत्र आयोजित किया। अपने व्याख्यान में डॉ. सेठी ने कला के प्रति सम्मान और समर्पण की भावना पैदा करके व्यक्तित्व विकास की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कला मनोरंजन से कहीं बढ़कर है; यह साधना का एक रूप है, एक अनुशासित और समर्पित अभ्यास है। इस दिन कई आकर्षक प्रस्तुतियाँ हुईं, जिनमें कथक उस्ताद पंडित दीपक महाराज द्वारा जटिल पदचिह्न और सटीक लयबद्ध हरकतें, उत्तराखंड की भोटिया सांस्कृतिक कला मंच समिति द्वारा पारंपरिक मुखोटा नृत्य, पंडित ओमकार दादरकर द्वारा हिंदुस्तानी गायन और पंडित कुशल दास द्वारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला सितार वादन शामिल रहा।”

विद्या ने इस सम्मेलन को सफल बनाने में अपने अमूल्य सहयोग के लिए सभी कलाकारों, भाग लेने वाले स्कूलों, प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और छात्रों का धन्यवाद किया।

यूनिसन वर्ल्ड स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. मोना खन्ना ने सम्मेलन की जबरदस्त सफलता के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए अपना समय समर्पित करने वाले सभी कलाकारों को दिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने डॉ. आर.एम. तिवारी, विद्या वासन, राधा चटर्जी, रूपी महेंद्रू, अंजलि भरतरी और ललित मोहन पुरोहित सहित स्पिक मैके की टीम को उनके अपार सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर, प्रसिद्ध हिंदुस्तानी गायक ओमकार दादरकर ने कहा, “ऐसे ग्रहणशील छात्रों को हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन सिखाना एक अद्भुत अनुभव रहा है। उन्होंने राग भीमपलासी में तीन रचनाएँ जल्दी ही सीख लीं और भारतीय शास्त्रीय संगीत में वास्तविक रुचि दिखाई। मेरा मानना है कि इनमें से कई छात्रों में सही मार्गदर्शन के साथ गायक बनने की क्षमता है।”

तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान, छात्रों ने प्रशंसित गुरुओं के मार्गदर्शन में अत्यधिक ज्ञान और कौशल प्राप्त करते हुए व्यावहारिक कार्यशालाओं में हिस्सा लिया। इस अनूठे अनुभव ने उन्हें कला रूपों से गहराई से जुड़ने और सीधे गुरुओं से सीखने का मौका दिया, जो की अपने आप में समृद्ध और परिवर्तनकारी था।

कार्यक्रम का समापन सभी गुरुओं को हार्दिक बधाई देने के साथ हुआ, जिसमें कन्वेंशन की सफलता में उनके अमूल्य योगदान को मान्यता दी गई। उत्तराखंड के विभिन्न स्कूलों और विश्वविद्यालयों से 2,000 से अधिक छात्रों ने कन्वेंशन में भाग लिया।

आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का प्रतीक है खनसर घाटी का महाकौथिग:   मुख्यमंत्री

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चमोली जनपद के गैरसैंण विकासखंड स्थित माईथान, खनसर में आयोजित “जन्माष्टमी महाकौथिग” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने माईथान क्षेत्र के मंगल दलों को 25-25 हजार रुपए देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने रामगंगा नदी में आवश्यक बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य किए जाने, मालकोट में पुल या वैली ब्रिज बनाने, माईथान में जिला सहकारी बैंक की शाखा खोलने, शिशु मंदिर माईथान को सीएसआर के माध्यम से धनराशि उपलब्ध कराने एवं विनायकधार-कस्बीनगर मोटरमार्ग के जल्द निर्माण की घोषणा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा माईथान मां-भगवती का पवित्र स्थान है एवं माँ भगवती की कृपा से यह क्षेत्र बेहद संपन्न और समृद्ध है। उन्होंने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि बीते कई वर्षों से मेला समिति  कृष्ण जन्माष्टमी महाकौथिग का सफल आयोजन कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि माईथान में आयोजित होने वाला यह मेला हमारी संस्कृति का प्रमुख मेला है। खनसर घाटी का यह महाकौथिग आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मेले हमारे सांस्कृतिक धरोहर हैं एवं इन मेलों के माध्यम से ही नई पीढ़ी अपनी विरासत से जुड़ती है। यह मेले लोक कलाकारों को भी मंच प्रदान करते हैं।
उन्होंने समस्त क्षेत्रवासियों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस पर्व का मानव जीवन पर विशेष प्रभाव है।  कृष्ण का प्राकट्य अन्याय और अधर्म को समाप्त करने के लिए हुआ था। भगवान के मुख से निकले वाक्य आज गीता के रूप में हमें प्रेरित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की मातृशक्ति हर क्षेत्र में आगे बढ़ कर आत्मनिर्भर बन रही है। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हमारी महिलाएं विश्वस्तरीय उत्पाद बना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार मातृशक्ति को और सक्षम एवं समृद्ध बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को देश- दुनिया तक पहुंचाने के लिए “हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड”  को स्थापित किया है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार का द्वारा महिला समूहों को तीन लाख रुपए तक ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनता का आह्वान किया कि मेले में सभी लोग बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर कर्णप्रयाग विधायक  अनिल नौटियाल ने मुख्यमंत्री का आभार जताया एवं प्रदेश सरकार के विभिन्न जनकल्याणकारी फैसलों  के बारे में जनता को बताया।
कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता  सतीश लखेड़ा, मेला समिति के पदाधिकारी समेत बड़ी संख्या में स्थानीय जनता उपस्थित रही।

विपक्ष के विधायक हरीश धामी ने  सत्रावसान के बाद धामी से भेंट कर उनके समक्ष अपनी पीड़ा रखी

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देहरादून (आरएनएस)। विधानसभा मानसून सत्र के दौरान प्राकृतिक आपदा के मुद्दे पर सदन में चर्चा  के दौरान विपक्ष को बोलने के लिए जो समय मिला था, उसमें बोलने का अवसर न मिलने पर विपक्ष के विधायक हरीश धामी ने विपक्ष के प्रति नाराजगी व्यक्त की। विधायक हरीश धामी ने गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में सत्रावसान के बाद विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर उनके समक्ष अपनी पीड़ा रखी। उन्होंने कहा आपदा की दृष्टि से सबसे संवेदनशील राज्य के पर्वतीय क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि आपदा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर उन्हीं की पार्टी के सदस्यों ने उन्हें बोलने का अवसर नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इस समय उत्तराखंड के कई इलाके आपदाग्रस्त हैं। ऐसे में इस गंभीर विषय पर चर्चा बहुत आवश्यक थी। मुख्यमंत्री ने विधायक हरीश धामी की बातों को गंभीरतापूर्वक सुनकर उन्हें आश्वसत किया कि उनके क्षेत्र सहित अन्य स्थानों में आपदा से संबंधित जो भी प्रकरण हैं, उनको प्राथमिकता पर लिया जाएगा। उन्होंने प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु और सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिए अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में सभी व्यवस्थाएं सामान्य करने के लिए जिलाधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाए रखें। विधायक धारचूला द्वारा अपनी विधानसभा क्षेत्र की समस्या बताने के बाद मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु को निर्देश दिए कि सचिव आपदा प्रबंधन और जिलाधिकारी पिथौरागढ़ के साथ बैठक कर क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं का समाधान किया जाए। आपदा कि दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों के विस्थापन की आवश्यकता है तो, किए जाय।

काम की खबर : आरबीआई की नए फ्रॉड को लेकर यूजर्स को चेतावनी, बताए हैकर्स से बचने के उपाय

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नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में यूजर्स को एक नए फ्रॉड के बारे में चेतावनी दी है जिसमें साइबर अपराधी कुरियर के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं। आरबीआई ने एसएमएस के जरिए लोगों को सतर्क करते हुए कहा है कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और अपनी निजी व वित्तीय जानकारी किसी से साझा न करें।
आरबीआई के अनुसार, अपराधी फर्जी कॉल, मेल या एसएमएस के माध्यम से गैरकानूनी वस्तुओं के बारे में जानकारी मांगते हैं और लोगों को भ्रमित करते हैं। ऐसे मामलों में घबराने की आवश्यकता नहीं है और किसी भी संदेहास्पद लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए।
इंडिया पोस्ट और दूरसंचार विभाग ने भी इस फ्रॉड के प्रति लोगों को जागरूक किया है। इंडिया पोस्ट ने अपने एक्स हैंडल (पूर्व में ट्विटर) पर एक फर्जी मैसेज का स्क्रीनशॉट साझा किया है, जिसमें एक धोखाधड़ी लिंक शामिल है। इंडिया पोस्ट ने ऐसे किसी भी अनजान मैसेज या लिंक पर क्लिक न करने की सलाह दी है और इन मामलों को भारत सरकार के संचार साथी पोर्टल पर रिपोर्ट करने की अपील की है।
हैकर्स से बचने के उपाय
किसी भी अज्ञात नंबर से भेजे गए एसएमएस लिंक को खोलने से बचें।
इंडिया पोस्ट कभी भी कुरियर डिलीवरी के लिए पैसे नहीं मांगता है।
अपनी निजी जानकारी किसी के साथ शेयर न करें।
अगर कोई फर्जी एसएमएस या कॉल प्राप्त होती है, तो उसे तुरंत संचार साथी पोर्टल पर रिपोर्ट करें।
स्कैम से बचने के लिए सतर्क रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बाजार में ए1 और ए2 के नाम से अब नहीं बिकेगा दूध, घी और मक्खन, एफएसएसएआई ने लगाई रोक

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नई दिल्ली ,। अब बाजार में कंपनियां ए1 और ए2 के  नाम से दूध, घी और मक्खन नहीं बेच सकेंगी। दरअसल, खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई ने गुरुवार को ई-कामर्स कंपनियों सहित सभी खाद्य कारोबारियों को पैकेजिंग के ऊपर से ए1 और ए2 प्रकार के दूध और दूध उत्पादों के दावों को हटाने का निर्देश दिया है।
एफएसएसएआई ने कहा कि उसने ए1 और ए2 संबंधी दावों के मुद्दों की जांच की और पाया कि ए1 और ए2 दूध में अंतर बीटा कैसिन प्रोटीन की संरचना से जुड़ा है, जो गाय की नस्ल के आधार पर भिन्न होता है। नियामक ने कहा कि वर्तमान में जो नियम हैं, वह इस अंतर को मान्यता नहीं देते हैं।
नियामक ने कहा, उसने दूध का व्यवसाय करने वाली कंपनियों से अपने उत्पादों से ऐसे दावों को हटाने का निर्देश दिया है। साथ ही ई-कामर्स प्लेटफार्म को भी अपने उत्पादों और वेबसाइटों से इन दावों को तुरंत हटाने के लिए कहा गया है। कंपनियों को पहले से ही मुद्रित पैकेजिंग को खत्म करने के लिए छह महीने का समय दिया गया है और भविष्य में इस समयसीमा को नहीं बढ़ाया जाएगा।
नियामक ने इस निर्देश का सख्ती से अनुपालन करने का निर्देश दिया है। आदेश का स्वागत करते हुए पराग मिल्क फूड्स के चेयरमैन देवेंद्र शाह ने कहा कि एफएसएसएआइ का आदेश सही दिशा में उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा कि ए1 और ए2 दावे मार्केटिंग रणनीति के तहत गढ़े गए शब्द हैं। यह जरूरी है कि उपभोक्ताओं को गलत जानकारी देने वाले भ्रामक दावों को हम खत्म करें। उन्होंने कहा कि ए1 या ए2 दूध उत्पाद श्रेणी कभी अस्तित्व में नहीं थी और वैश्विक स्तर पर भी यह प्रवृत्ति खत्म हो रही है।
ए1-यूरोप, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से आने वाली विदेशी गायों का दूध ए1 होता है। ए1 बीटा कैसिन में पेप्टाइड्स को अमीनो एसिड्स में ब्रेक नहीं किया जा सकता। इसी कारण से ये पचाने योग्य नहीं होता है, जो कई तरह के रोगों को जन्म देता है।ए2-ए2 बीटा कैसिन भारत की गायों से मिलने वाला दूध है। दरअसल, दूध में जो प्रोटीन होता है, वह पेप्टाइड्स में तब्दील होता है। बाद में यह अमीनो एसिड्स का स्वरूप लेता है। इस तरह का दूध पचाने में आसान रहता है।
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टिहरी झील टेंडर मामले पर बोले महाराज, अपने पुत्र से आवेदन वापस लेने का करूंगा आग्रह

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देहरादून, टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण द्वारा टिहरी बांध जलाशय में क्रूज बोट संचालन हेतु आवेदन मांगे गए थे, जिसमें 25 लोगों द्वारा आवेदन किया गया और जांच के उपरांत 6 लोगों ने इसमें क्वालीफाई किया। जिसमें मेरा पुत्र सुयश रावत भी है। प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता अपनाई गई लेकिन इसके बावजूद भी अनावश्यक विवाद पैदा करने की कोशिश की गई। यदि किसी को मेरे पुत्र के आवेदन करने पर आपत्ति है तो मैं उनसे अपना आवेदन वापस लेने का आग्रह करूंगा। उक्त बात मंत्री सतपाल महाराज ने प्रेस को जारी अपने एक बयान में कही है।
उन्होंने कहा कि टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण द्वारा टिहरी बांध जलाशय में क्रूज बोट संचालन हेतु खुले रूप से आवेदन मांगे गए थे। जिसमें कि पूरी पारदर्शिता अपनाई गई। क्रूज बोर्ड संचालन हेतु कुल 25 लोगों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किए गए थे जिनमें से 6 लोगों ने क्वालीफाई किया। इनमें मेरा पुत्र सुयश रावत भी शामिल है। विवाद खड़ा करने वालों को यह पता होना चाहिए कि अभी यह केवल आवेदन ही था। किसी को भी क्रूज बोट संचालन की कोई स्वीकृति नहीं मिली थी। कुछ राजनीतिक लोगों ने इसे टेन्डर बताकर भ्रम फैलाने का तथाकथित प्रयास किया है। जबकि इस प्रक्रिया में सरकार की ओर से किसी प्रकार का कोई पैसा नहीं लगना था इसमें हमने ही निवेश करना था।
महाराज ने कहा कि उनका बेटा चाहता था कि वह उत्तराखंड में निवेश करे और यहां के लोगों को रोजगार दे। लेकिन इसे लेकर कुछ लोगों द्वारा अनर्गल विवाद पैदा किया गया। मेरा राजनीतिक जीवन हमेशा से बेदाग रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हमारे प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने हमें सिखाया है कि हमें कमल की तरह रहना चाहिए, राजनीति में स्वच्छता एवं सुचिता होनी चाहिए। इसलिए इन तमाम बातों को देखते हुए मैं अपने पुत्र से आग्रह करुंगा कि वह अपना आवेदन वापस ले लें ताकि किसी को भी अनावश्यक विवाद पैदा करने का मौका न मिले।

आज देश अन्तरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत का शीर्ष स्थान पर है – प्रो. हेमलता

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हरिद्वार  (कुलभूषण ) गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय अन्तरिक्ष दिवस पर छात्रों ने लाइव स्ट्रीमिंग में प्रतिभाग किया। डीन, छात्र कल्याण द्वारा इतिहास विभाग सभागार में विश्वविद्यालय के छात्रों को राष्ट्रीय अन्तरिक्ष दिवस के अवसर पर इसरो द्वारा आयोजित कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दिखाया गया। भारत सरकार द्वारा चंद्रयान-3 मिशन के सफल होने के एक वर्ष पर 23 अगस्त को पहली बार राष्ट्रीय अन्तरिक्ष दिवस के रूप में मनाया गया तथा यूजीसी के दिशा-निर्देशों पर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को इस आयोजन से ऑनलाइन माध्यम से जोड़ा गया।

इतिहास विभाग सभागार में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के छात्रों ने इसरो द्वारा आयोजित कार्यक्रम में चंद्रयान-3 मिशन से जुड़े वैज्ञानिक डाटा को साझा करने का सजीव प्रसारण देखा तथा इस मिशन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर ज्ञान संवर्द्धन किया।
राष्ट्रीय अन्तरिक्ष दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. हेमलता ने कहा कि आज देश अन्तरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत का शीर्ष स्थान पर है और शोध और नैतिकता के कारण ही भारत विज्ञान जगत में यह उपलब्धि हासिल की है। प्रो. हेमलता ने कहा कि आज का दिन प्रेरणा लेने का दिन है। प्रत्येक विद्यार्थी एक अंदर एक भावी वैज्ञानिक छुपा हो सकता है विश्वविद्यालय का मंच आपको अपनी प्रतिभा को पहचानने और उसका उपयोग राष्ट्रसेवा के लिए है सभी को इसका उत्साह से और इच्छाशक्ति से उपयोग करना चाहिए।

इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने कहा कि गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय वैज्ञानिक चेतना के प्रसार के लिए जाना जाता रहा है सभी छात्रों को अपने विषयगत अध्ययन से इतर शैक्षणिक भ्रमण आदि के माध्यम से शीर्षस्थ वैज्ञानिक संस्थानों को जानना और समझना चाहिए। प्रो. सुनील कुमार ने कहा कि शिक्षक की भूमिका मार्गदर्शक की होती है परंतु प्रयास और पहल विद्यार्थी को ही करनी होती है।

डीन, छात्र कल्याण डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि उच्च शिक्षा में विचार,विजन और परिश्रम ही हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचाता है और भारत का अन्तरिक्ष विकास कार्यक्रम इसका प्रबल उदाहरण है कि हमने सीमिति संसाधनों में विकसित देशों की पंक्ति में अपना स्थान सुरक्षित कर एक नूतन कीर्तिमान स्थापित किया है।
इस अवसर पर प्रो. एल. पी. पुरोहित, प्रो. नवनीत ने भी अपने विचार रखें। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बबलू वेदालंकार ने किया।
इस कार्यकम में वित्ताधिकारी प्रो. देवेन्द्र गुप्ता, डॉ. दिलीप कुशवाह, डॉ. विपुल भट्ट, डॉ. अजित तोमर, डॉ. सुनील, डॉ. वेदव्रत, डॉ. दीपक, डॉ. हिमांशु पंडित और डॉ. मनोज समेत विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

 

समाजसेवी और पर्यावरण प्रेमी नरेश शर्मा का कार्य सराहनीय:- डॉ नेहा मिश्राMay be an image of 3 people and tree

हरिद्वार  (कुलभूषण ) वरिष्ठ समाजसेवी नरेश शर्मा के प्रतिदिन एक पेड़ और 365 वृक्ष लगाने के संकल्प को विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, पर्यावरण प्रेमीयों का अपार जन समर्थन मिल रहा है। लगातार 40 वें दिन बिगड़ते मौसम के बावजूद भी उनके हौसले में कोई कमी नहीं आई है। देहरादून की जीएसटी डिप्टी कमिश्नर श्रीमती डॉक्टर नेहा मिश्रा देहरादून से उनका हौसला बढांने आई और अपने साथ 30 पेड़ लेकर आई और नरेश शर्मा को सुपुर्द किए । इस अवसर पर डॉक्टर नेहा मिश्रा ने कहा की पर्यावरण संरक्षण प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। वह काफी लंबे समय से नरेश शर्मा को सोशल मीडिया पर फॉलो कर रही है। उनके कार्यों से प्रभावित होकर आज वह स्वयं चलकर आई और उनके द्वारा लगाए गए पेड़ों को देखा। सभी को मिलकर नरेश शर्मा का सहयोग करना चाहिए। नरेश शर्मा ने कहा कि जब उन्होंने पहला पेड़ लगाया था और 365 पेड़ लगाने का संकल्प लिया था तब उन्हें शुरुआती दौर में महसूस हुआ कि शायद यह नामुमकिन होगा परंतु सोशल मीडिया में मिल रहे अपार समर्थन से उनका मनोबल बड़ा है और उन्होंने महसूस किया है की पेड़ो को लगाने से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आए हैं। अब तो नित्य दिनचर्या में सुबह शाम जाकर अपने लगाए हुए वृक्षों को देखते हैं और उनका संरक्षण करते हैं उन्होंने सभी सामाजिक संस्थाओं को पर्यावरण प्रेमियों को साथ आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा की उत्तराखंड प्रदेश हरित प्रदेश है, जल जंगल जमीन हमारी धरोहर है और इसकी रक्षा और संरक्षण करना हम सब की जिम्मेदारी है।

 

चन्द्रयान तीन की सफलता के एक वर्ष पूर्ण होने पर वैज्ञानिकों पर गर्व की अनुभूति : एकता सूरीMay be an image of 11 people and text

हरिद्वार  (कुलभूषण ) आज एस. एम.जे.एन. (पी.जी.) काॅलेज में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्रोजेक्ट गौरव के अंतर्गत आयजित की जा रही चार दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन के तकनीकी सत्र में विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार की बचत योजनाओं, इक्विटी लिंक्ड योजना, प्रारंभिक निवेश, सेबी स्कोर सहित वित्तीय साक्षरता के अनेक विषयों को विस्तार से समझाया गया। इस तकनीकी सत्र में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की ओर से आए मेंटर डॉ अंकुर भटनागर ने बताया कि सही समय पर किया गया कम मूल्य का निवेश भी देरी से किए गए अधिक मूल्य के निवेश से अधिक लाभ पहुंचाने की क्षमता रखता हैं। उन्होंने कहा कि अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए युवाओं को अभी से बचत और निवेश को अपनाना होगा। डॉ भटनागर ने विद्यार्थियों को नियम 72 के विषय में भी जागरूक किया। तकनीकी सत्र के अंतिम चरण में प्रतिभागियों के लिए सर्टिफिकेट कोर्स को पूर्ण करने हेतु अनिवार्य परीक्षा का आयोजन भी किया गया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि एकता सूरी ने कार्यशाला में प्रतिभागी छात्र छात्राओं को आशीर्वाद देते हुए देश के वैज्ञानिकों को आज के दिन चन्द्र यान 3 की सफलता पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि अन्तरिक्ष के क्षेत्र में भी युवा भी आगे आयें।
तकनीकी सत्र के पश्चात समापन सत्र में कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने उत्तराखंड सरकार तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सराहना की। प्रो. बत्रा ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रोजेक्ट गौरव योजना वित्तीय साक्षरता में उत्तराखण्ड राज्य के आर्थिक उन्नयन के लिए आधारशिला का कार्य करेगी । उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य के प्रत्येक कालेज में छात्र छात्राओं को इस प्रोजेक्ट गौरव के माध्यम से वित्तीय साक्षर बनाया जाये। इसके लिए उन्होंने उच्च शिक्षा मन्त्री डॉ धनसिंह रावत की भूरि भूरि प्रशंसा की।
कार्यक्रम के अंत में आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ संजय कुमार माहेश्वरी ने कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए उत्तराखंड सरकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, कार्यक्रम संयोजक कमेटी तथा सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में डॉ शिवकुमार चौहान, रिचा मिनोचा, रिंकल गोयल तथा अन्य शिक्षको के साथ अर्जुन झा, पुष्पेश पांडे, वंश धीमान, अनुभव यादव, काजल, अनमोल, अर्शिका वर्मा, राज केशरी, निकिता राणा, श्रृष्टि गिरि, कशिश ठाकुर आदि विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।

 

प्रकृति संरक्षण के प्रति मातृशक्ति होती है संवेदनशील – ग्रीनमैन विजयपाल बघेलMay be an image of 6 people, tree and text

हरिद्वार,। भारतीय वृक्ष न्यास (ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया) द्वारा पिछले माह 6 जुलाई से उत्तराखंड के हरेला लोकपर्व को जनांदोलन का स्वरूप देने के लिए वृक्ष दिवस अभियान संचालित किया जा रहा है, अभियान के तहत नियमित वृक्षारोपण से संबंधित जन सहभागिता और जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पीएमश्री जीजीआईसी ज्वालापुर हरिद्वार में हरेला संगोष्ठी के बीच विद्यालय की प्रधानाचार्या पूनम राणा के साथ अन्य चार अध्यापिकाएं डा सुषमा दास, योगिता नेगी, संध्या कर्नवाल तथा शालिनी भैसोड़ा को भी इस हरित अभियान की सफलता में योगदान देने पर सम्मानित किया। संगोष्ठी में भारतीय वृक्ष न्यास के संस्थापक अध्यक्ष ग्रीनमैन विजयपाल बघेल मुख्यवक्ता के रूप में शामिल हुए और उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि प्रकृति संरक्षण के प्रति मातृशक्ति ही अत्यंत संवदेनशील होती है। हरिद्वार की अधिकतर मातृशक्ति इसी विद्यालय की शिक्षार्थी रही है जो प्रकृति के साथ सद्भाव पैदा करने की सीख प्रदान करता है। संगोष्ठी की अध्यक्षता टीटीआई के संरक्षक जगदीश लाल पाहवा और संचालन डा सुषमा दास ने किया।

ग्रीनमैन बघेल उत्तराखंड की उन वृक्षमाताओं का वंदन करते हुए उनके बलिदान को याद किया जिन्होंने चिपको आन्दोलन के माध्यम से पेड़ के महत्व को आज से पचास वर्ष पूर्व दुनिया को समझाया, माता गौरादेवी की प्रेरणा से ही यह वृक्ष दिवस अभियान गति पकड़ कर देश दुनिया तक अपनी आवाज बुलंद कर रहा है। उन्होंने कहा कि महिला शक्ति के सहयोग से ही हरित क्रांति संभव है। अपने अध्यक्षीय भाषण में जगदीश लाल पाहवा ने कहा कि आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार से पूरी दुनिया को लोक कल्याण का संदेश दिया जाता रहा है और अब ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की वैश्विक समस्या की चिंता एक अभियान के रूप में यहीं से संचालित हो रही है जो कि आधी आबादी के माध्यम से ही सशक्त हो रही है। प्रिंसिपल पूनम राणा ने बताया कि पीएमश्री जीजीआईसी विद्यालय में किताबी शिक्षा के साथ सामाजिक सरोकारों और नैतिक मूल्यों को संरक्षित करने की सीख दी जाती है, समाज कल्याण से जुड़े सभी पहलुओं पर आधारित गतिविधियों में बढ़ चढ़ कर भाग लिया जाता है। प्रमाण पत्र, शोल्ड, अंगवस्त्र और प्रधानमंत्री का प्रेरणादाई चित्र देकर सभी को सम्मानित किया। संगोष्ठी का शुभारंभ सहजन का पौधा रोपकर किया गया।