Friday, May 2, 2025
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प्राथमिक शिक्षा में 1500 बेसिक शिक्षक चयनितः डॉ धन सिंह रावत

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देहरादून, सूबे में प्राथमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत बेसिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। सभी जनपदों में दो चरण की काउंसलिंग सम्पन्न होने के उपरांत 1501 बेसिक शिक्षकों का चयन किया जा चुका है। अवशेष 1405 रिक्त पदो ंके लिये तीसरे और चौथे चरण की काउंसलिंग भी की जायेगी, जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। नये शिक्षकों के चयन से प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में लगभग शिक्षकों की कमी दूर हो जायेगी।
सूबे के विद्यालय शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने तथा प्राथमिक स्तर पर नौनिहालों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने को लेकर विभाग ने बड़े पैमाने पर प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की है।
जनपद स्तर पर आयोजित बेसिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में अब तक दो चरण की काउंसलिंग सम्पन्न होने के बाद कुल 1501 शिक्षकों का चयन किया जा चुका है। प्रथम चरण की काउंसलिंग में 473 जबकि द्वितीय चरण की काउंसलिंग में 1028 शिक्षकों का चयन किया गया है। जिसमें पौड़ी जनपद में 179, चमोली में 285, रूद्रप्रयाग 38, टिहरी 135, उत्तरकाशी 57, देहरादून 26, हरिद्वार 97, नैनीताल 95, अल्मोड़ा 42, बागेश्वर 68, चम्पावत 11, पिथौरागढ़ 164 तथा ऊधमसिंह नगर में 304 बेसिक शिक्षक शामिल है। चयनित बेसिक शिक्षकों को संबंधित जनपदों में नियुक्ति पत्र भी वितरित किये जा रहे हैं ताकि वह आवंटित विद्यालयों में शीघ्र योगदान से सके।
विभागीय मंत्री ने बताया कि अवशेष 1405 पदों को भरने के लिये विभागीय अधिकारियों को तीसरे व चौथे चरण की काउंसलिंग करने के निर्देश दे दिये गये हैं ताकि सभी पदों को समय पर भरा जा सके। उन्होंने बताया कि प्राथिमक शिक्षा विभाग ने सभी जनपदों में बेसिक शिक्षकों के कुल 2906 पदों पर विज्ञप्ति निकाली थी जिसके सापेक्ष प्रदेशभर में 26 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। जिसमें से अधिकांश अभ्यर्थियों ने एक से अधिक जनपदों में आवेदन किया है, जिस कारण आवेदकों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बार सभी जनपदों में एक साथ काउंसलिंग होने से अभ्यर्थियों को दूसरे जनपद में काउंसलिंग में जाने का मौका नहीं मिला है, जिस कारण दो चरण की काउंसलिंग के बावजूद लगभग 50 प्रतिशत अभ्यर्थीयों का ही चयन हो पाया है। जिसके चलते विभाग को तीसरे और चौथे चरण की काउंसलिंग करानी पड़ रही है।

जनपदों में इतने पदों पर निकली है भर्ती :
सूबे के प्राथमिक शिक्षा विभाग ने विभिन्न जनपदों में बेसिक शिक्षकों के कुल 2906 पदों पर भर्ती निकाली थी। जिसमें पौड़ी जनपद में 298, चमोली 446, रूद्रप्रयाग 182, टिहरी 315, उत्तरकाशी 211, देहरादून 41, हरिद्वार 184, नैनीताल 190, अल्मोड़ा 142, बागेश्वर 187, चम्पावत 75, पिथौरागढ़ 326 तथा ऊधमसिंह नगर में 309 पदों पर बेसिक शिक्षकों की भर्ती निकली है। जिसमें से 1501 पदों पर शिक्षकों का चयन कर दिया गया है। चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किये जा रहे हैं।

पहाड़ और नदियां हमारी पहचान हैं, इनकी सुरक्षा के हरसंभव प्रयास हों : विद्या भूषण रावत

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देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से आज सायं सामाजिक चिंतक व लेखक विद्या भूषण रावत की सचित्र वार्ता आयोजन किया गया। यह वार्ता हिमालयी विकास या हिमालयी आपदा ? के सन्दर्भ उत्तराखंड के संकट को समझने पर केन्द्रित थी। विद्या भूषण रावत उपस्थित श्रोताओं को स्लाइड चित्रों व वार्ता के माध्यम से हिमालय की संवेदनशीलता और यहां हो रहे अनियंत्रित विकास को रेखांकित करते स्थानीय समाज व पर्यावरण के समक्ष आ रही गम्भीर समस्याओं व चुनौतियों की तथ्यात्मक जानकारी दी। अपनी वार्ता में विद्या भूषण रावत ने पिछले 10-11 सालों के दरम्यान केदारनाथ व रैणी आपदा सहित जोशीमठ भू-ध्ंासाव जैसे अन्य तमाम घटनाओं का उदाहरण देते हुए चिन्ता व्यक्त की और कहा कि उत्तराखंड न केवल अपने भूगोल अपितु अपनी पहचान से जुड़े गंभीर संकट से भी जूझ रहा है। धार्मिक पर्यटकों की भरकम आमद, अपर्याप्त बुनियादी ढांचे व बड़े विकास एजेंडे ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या यही वास्तविक विकास की परिभाषा है।
उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य, अनियंत्रित पर्यटन, स्थानीय समुदायों से वंचित वन क्षेत्रों में रिसॉर्ट और होटलों के खुलने से उत्तराखण्ड पर्यावरण के साथ ही लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया है।
उत्तराखंड के तराई और मैदानी इलाकों में बेतहाशा आबादी बढ़ने और हिमालयी क्षेत्रों में आबादी कम होने से असंतुलन पैदा होगा। नये परिसीमन में पहाड़ अल्पमत में आ आकर अपनी विधानसभा की सीटों को भी खो सकता है। पहले से ही, पर्वतीय लोगों और उनके मैदान में बसे समकक्षों के बीच आय का अंतर बहुत बड़ा है। ऐसे में हिमालयी क्षेत्रों की विशिष्ट सांस्कृतिक भौगोलिक प्रकृति को सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
विद्या भूषण रावत ने आगे यह भी कहा कि उत्तराखंड को अपने भूमि कानूनों और अधिवास नीतियों को बदलना होगा।
पहाड़ और नदियाँ हमारी पहचान हैं इनकी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए। उत्तराखंड के सामाजिक सांस्कृतिक जीवन पर खतरा सीधे तौर पर इसकी प्राकृतिक विरासत के संरक्षण से जुड़ा है इसलिए हमें लीक से हटकर भी सोचने की जरूरत है। हिमालय और इसकी समृद्ध नदी घाटी प्रणाली की रक्षा के लिए स्थानीय समुदायों और लोगों को शामिल कर इस मुद्दे पर गम्भीर बहस शुरू करने की जरूरत है।
विद्या भूषण रावत एक सक्रिय लेखक हैं जिनकी प्राकृतिक विरासत और उससे जुड़े समुदायों में विशेष रुचि है।
उन्होंने भूमि और खाद्य सुरक्षा के मुद्दों पर काम किया है और बड़ी संख्या में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर बात की है। रावत ने लगभग 25 पुस्तकें लिखी हैं। उन्होंने उत्तराखंड के पर्यावरण संकट के साथ-साथ हिमालय में हमारी नदियों की स्थिति पर विस्तार से लिखा है। उन्होंने गंगा, यमुना और काली नदी पर कई वृत्तचित्र बनाए हैं। वर्तमान में, विद्या भूषण रावत गंगा और उत्तराखंड के सामाजिक सांस्कृतिक जीवन पर इसके प्रभाव पर काम कर रहे हैं।
इस अवसर पर दयानन्द अरोड़ा,प्रवीन कुमार भट्ट, जितेंद्र भारती, बिजू नेगी, प्रोफेसर राजेश पाल, सुरेंद्र एस सजवान, चंद्रशेखर तिवारी, निकोलस, सुंदर सिंह बिष्ट सहित शहर के अनेक सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक ,पत्रकार, साहित्यकार व पुस्तकालय के कुछ युवा पाठक उपस्थित रहे।

उत्तराखंड के अस्पतालों में महिला सुरक्षा प्राथमिकता : डॉ. आर राजेश कुमार

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देहरादून। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा है कि अस्पतालों में कार्यरत डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा प्रदेश सरकार के लिए प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत के निर्देशों के क्रम में सुरक्षा के मद्देनजर सरकार अस्पतालों के लिए एसओपी यानी गाइडलाइन में आवश्यक बदलाव करेगी। जल्द नई एसओपी जारी की जाएगी।

स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार आज सुबह रक्षाबंधन के मौके पर दून मेडिकल कालेज पहुंचे। यहां रेजीडेंट डाक्टर, नर्सों और महिला कर्मचारियों ने उन्हें राखियां बांधी। इस मौके पर स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि दून मेडिकल कॉलेज में पुलिस चौकी खोलने की कवायद की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में डीजीपी और गृह सचिव को पत्र लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में कार्यरत महिला डाक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। अस्पतालों में सुरक्षा के लिए जल्द ही एसओपी भी बनाई जाएगी।

  • :- स्वास्थ्य सचिव ने कहा, अस्पतालों में महिला सुरक्षा के लिए बनेगी मजबूत एसओपी
  • :-महिला सुरक्षा को लेकर गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखेंगे स्वास्थ्य सचिव
  • :- दून अस्पताल पहुंच कर की नई पहल, डाक्टरों, नर्स और स्टाफ के साथ मनाया रक्षाबंधन

 

स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार आज रक्षाबंधन के मौके पर दून मेडिकल कालेज पहुंचे। इस मौके पर महिला मेडिकल स्टाफ ने उन्हें राखियां बांधी। महिला डाक्टरों, नर्स और महिला कर्मचारियों ने अस्पताल में रात्रि पाली में कार्य के दौरान सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की। महिला कार्मिको का कहना है कि अस्पताल में एक महिला और एक पुरुष पुलिसकर्मी की 24 घंटे तैनाती की जाएं ताकि वो अपने को सुरक्षित महसूस कर सकें। इस पर स्वास्थ्य सचिव ने सभी महिलाओं कार्मिकों को सुरक्षा देने का आश्वासन दिया। स्वास्थ्य सचिव ने महिला डॉक्टर या स्टाफ के द्वारा सुरक्षा को लेकर उठाए गए विषय पर अस्वस्थ किया कि जल्द ही विभाग की तरफ से गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को पत्र भेज कर दून मेडिकल कॉलेज में पुलिस चौकी खोलने और पुलिस चौकी में महिला सिपाहियों के तैनाती करने की मांग की जाएगी जिससे वहां पर ड्यूटी कर रहे स्टाफ को सुरक्षा मिल सके।

कोलकत्ता की डाक्टर बेटी की निर्मम हत्या के बाद डाक्टरों में रोष व्याप्त है। प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य सचिव के मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है। स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक प्रदेश के सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य ढंग से चल रही हैं।

इस मौके पर स्वास्थ्य चिकित्सा निदेशक डा. आशुतोष सयाना ने कहा कि महिला सुरक्षा के उपाय सरकार की प्राथमिकताओं में हैं। अस्पतालों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाएंगे। इस मौके रेजीडेंट डाक्टरों ने कहा कि अस्पताल में कोलकत्ता की घटना के बाद डर का माहौल था लेकिन स्वास्थ्य सचिव के आश्वासन के बाद यह भय कम हुआ है।

दून मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर गीता जैन ने कहा कि आज उनके कॉलेज का महिला स्टाफ खुश है.. क्योंकि रक्षाबंधन पर उन्हें उनके भाई स्वास्थ्य सचिव की तरफ से सुरक्षा का आश्वासन मिला है।

दून मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंट डॉक्टर ईशान सिंह ने कहा कि जिस तरीके से पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ घटना घटी है उसे पूरे देश में आक्रोश है और तरफ महिला डॉक्टर की सुरक्षा का सवाल उठने लगा है।

इस दौरान डॉ आशुतोष सयाना, डॉक्टर गीता जैन, डॉ अनुराग अग्रवाल, डॉक्टर धनंजय डोभाल, डॉक्टर एमके पंत, डॉ अनिल जोशी, डॉ नितिन, डॉक्टर शिव, डॉ अंकुर पांडे, डॉ योगेश्वरी, दून मेडिकल कॉलेज के पीआरओ महेंद्र भंडारी के अलावा विनोद नैनवाल, प्रमोद मिश्रा, नवीन खंडूरी मौजूद रहे।

आंदोलनकारियों के साथ गैरसैंण में उपवास करेंगे मोहित डिमरी, 21 अगस्त को विधानसभा कूच का निर्णय

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चमोली (गैरसैंण), मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति की गैरसैंण में हुई एक अहम बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक में तय किया गया कि 20 अगस्त को मूल निवास-भू-कानून स्वाभिमान आंदोलन के संयोजक मोहित डिमरी के साथ ही आंदोलनकारी
मूल निवास 1950, स्थायी राजधानी गैरसैंण और सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर गैरसैंण में 20 अगस्त को उपवास करेंगे । यह तय किया गया कि 21 अगस्त को आंदोलनकारी विधानसभा का घेराव करेंगे।
मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के केंदीय संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि हम लोग 20 अगस्त को गैरसैंण में उपवास करेंगे। इसके अगले दिन 21 अगस्त विधानसभा कूच करेंगे और मूल निवास 1950, स्थायी राजधानी गैरसैंण और मजबूत भू-कानून को लेकर मुख्यमंत्री को प्रस्ताव सौपेंगे। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य की अस्मिता को बचाने के लिए इन सभी मुद्दों पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।
स्थायी राजधानी गैरसैंण संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट ने कहा कि अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का समय आ गया है। तभी सरकार की नींद टूटेगी। गैरसैंण के नाम पर सैर-सपाटा बंद हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी लोग दलगत राजनीति छोड़कर एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ें।
नगर पंचायत अध्यक्ष पुष्कर सिंह रावत, राज्य आंदोलनकारी संगठन के अध्यक्ष हरेंद्र कंडारी, मूल निवास, भू-कानून संघर्ष समिति के स्थानीय संयोजक जसवंत सिंह बिष्ट ने कहा कि आज पहाड़ियों का वजूद पहाड़ी राज्य में खतरे में है। पहाड़ बचाने के लिए राजधानी पहाड़ी में बननी जरूरी है। बाहर के लोग जमीन न खरीद पाए, इसके लिए कड़े कानून बनने चाहिए। मूल निवास 1950 का अधिकार देकर यहां के लोगों को नौकरियों में पहला अधिकार मिलना जरूरी है। इन मांगों को पूरा नहीं किया गया तो उत्तराखंड आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन शुरू होगा।
इस मौके पर युवा नेता दान सिंह नेगी, दयाल सिंह पुंडीर, जगदीश ढोंडियाल, दीवानी राम, जसवंत सिंह बिष्ट, कुसुमलता गैडी, पूर्व सैनिक नयन सिंह नेगी सहित कई लोग मौजूद थे ।

 

स्वर्गीय इन्द्रमणि बड़ोनी की 25वीं पुण्यतिथि पर अर्पित किये श्रद्धा सुमन

देहरादून, पर्वतीय गांधी स्वर्गीय इन्द्रमणि बड़ोनी जी पुण्यतिथि पर उत्तराखण्ड़ राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा राज्य आंदोलन का पुरोधा रहे पर्वतीय गाँधी स्वर्गीय इन्द्रमणि बड़ोनी की 25वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
रविवार को बडोनी जी की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाते हुये मूर्ति की सीढ़ी एवं उपर फ्रेम टूटे होने के कारण पेर अन्दर घुस गय़ा औऱ तीनों के घुटने से नीचे छिल गया और अन्य जगह फ्रेम के एंगिल ठुका जिसमें सुनील ध्यानी, सुरेश कुमार के साथ एक अन्य व्यक्ति गिरा।
पिछले एक वर्ष पूर्व भी इस स्तिथि के बारे में निगम व संस्कृति विभाग को अवगत कराया गय़ा था लेकिन परिणाम शून्य रहा।
प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने कहा कि हमारे प्रदेश के नेता व प्रशासन के अधिकारियों ने कभी बडोनी पार्क की सुध नहीं ली औऱ ना ही वंहा पुष्प चढ़ाने की जहमत उठा पाते उनके सपनों के अनुसार ना स्थाई राजधानी , ना 371 की तर्ज पर सशक्त भू कानून , ना मूल निवास व अधिकार ना छोटी इकाइयों (जिलों) का गठन , ना गंभीरता के साथ पहाड़ पर बेहतरीन नीतियां बनाई गईं। ओमी उनियाल व पूरण सिंह लिंगवाल ने कहा कि राज्य आंदोलनकारी मंच प्रदेश हितों के लियॆ लगातार संघर्ष करता रहेगा चाहे मुजफ्फरनगर काण्ड के दोषियों को न्याय दिलाने की आवाज हो या लोकायुक्त लागू कराने की मांग हो या रोजगार शिक्षा के साथ बेहतरीन स्वास्थ्य की मांग हो।
श्रद्धांजलि देने वालों में मुख्यतः केशव उनियाल, जगमोहन सिंह नेगी, रवीन्द्र जुगरान, ओमी उनियाल, रामलाल खंडूड़ी, प्रदीप कुकरेती, पूरण सिंह लिंगवाल, मोहन खत्री, गौरव खंडूड़ी, मनोज नौटियाल, द्वारिका बिष्ट, प्रभात डण्डरियाल, नरेन्द्र नौटियाल , आदि रहें।

उत्तराखंड़ एकता मंच ने उठाई राज्य के मूलनिवासियों को जनजातीय दर्जा देने की आवाज

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‘नई दिल्ली में आयोजित अधिवेशन में वक्ताओं ने कहा, संविधान की 5वीं अनुसूची लागू की जाय’

नई दिल्ली/देहरादून, उत्तराखंड़ के पर्वतीय क्षेत्र में संविधान की 5वीं अनुसूची लागू करने एवं पहाड़ के मूलनिवासियों को जनजातीय दर्जा लागू कराने के लिए उत्तराखंड एकता मंच का अधिवेशन नई दिल्ली में गांधी शांति प्रतिष्ठान में संपन्न हुआ l
अधिवेशन में इतिहासकार, वकील, पत्रकार, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवी तथा गढ़वाली ट्राइबल कमेटी एवं कुमाऊनी ट्राइबल कमेटी के पदाधिकारी शामिल हुए l
एकता मंच के अनूप बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंडी जनमानस अपने नदी,जंगल ,पहाड़ पर वैसे ही अधिकार चाहते है, जैसे बाकी हिमालयी राज्यों को मिले हैं, इसलिए हम भारत सरकार से अन्य हिमालयी राज्यों की तरह संविधान की 5वीं अनुसूची लागू किए जाने और जनजातीय दर्जा प्रदान किए जाने की मांग कर रहे हैं l
वरिष्ठ लेखक और पत्रकार सुरेश नौटियाल ने कहा कि भारत सरकार एवं उत्तरप्रदेश सरकार के दस्तावेजों के आधार पर उत्तराखंड एकता मंच का दावा सही है कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में 5वीं अनुसूची पूर्व में लागू थी, जिसे सरकार ने हमसे 1972 में छीन लियाl उन्होंने कहा कि सन 1995 तक पहाड़ के लोगो को शिक्षा में 6% आरक्षण मिलता था, वह भी सरकार ने हमसे छीन लिया |
निशांत रौथाण ने कहा कि गढ़वाली और कुमाऊनी ट्राइबल कमेटियां दस्तावेजों के आधार पर सरकार से बातचीत करेंगीl उन्होंने आशा व्यक्त की कि जल्द ही पहाड़ में पांचवीं अनुसूची लागू होगी और क्षेत्र को जनजतीय दर्जा मिलेगाl
वक्ताओं में हिंदी, संस्कृत, गढ़वाली, कुमाऊनी एवं जौनसारी अकादमी के पूर्व सचिव डा. जीतराम भट्ट, वरिष्ठ पत्रकार हरीश लखेड़ा, उत्तराखंड पत्रकार परिषद् दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष ज्ञानेंद्र पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार और अध्येता श्याम सिंह रावत, प्रोफेसर ईश मिश्रा और डॉ हरपाल सिंह नेगी जैसे महत्वपूर्ण लोगों ने उत्तराखंड में संविधान की पांचवीं अनुसूची लागू किए जाने और क्षेत्र को जनजातीय दर्जा दिए जाने की जोरदार वकालत की l
अधिवेशन में पांचवीं अनुसूची के लाभ पर विस्तार से चर्चा हुई l वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में पांचवीं अनुसूची लागू होने से कई लाभ होंगे जैसे – शिक्षा एवं नौकरियों में आरक्षण, नदी, जंगल, पहाड़ पर अधिकारl नदी एवं जंगल से रोजगार बड़ी कंपनियों की जगह पहाड़ के मूलनिवासियो को मिलेगा । केवल नदी एवं जंगल 2 लाख से ज्यादा परिवारों को रोज़गार दे सकते है l अनुसूचित जनजाति कल्याण अधिनियम से हमारी बहन, बेटियां सुरक्षित होंगी । स्थानीय उत्पादों और प्राकृतिक संसाधनों को बेचने का अधिकार भी स्थानीय लोगों को होगा। विकास के लिए राज्य एवं केन्द्र सरकार से अलग से बजट मिलेगा, भाषा एवं संस्कृति संरक्षण एवं विकास किया जाएगा , मूल निवास 1950 एवं 100% भू कानून स्वतः ही मिल जाएंगे l अधिवेशन में इस बात पर भी चर्चा हुई की देश में मूल निवास 1950 केवल जनजातीय दर्जा प्राप्त होने पर ही मिलता है l देश में कभी भी सामान्य वर्ग के लोगों को मूल निवास 1950 नहीं मिलता है l मूलनिवास 1950 पाने के लिए पहाड़ के लोगों को जनजातीय दर्जा पाना ही होगा l
अधिवेशन में महेंद्र रावत, अश्वनी मैंदोला, योगेश्वरबिष्ट , ज्योति डंगवाल ,पी.एनशर्मा,आदि समाजसेवी भी शामिल हुए l

राज्य आन्दोलनकारियों के लिए सरकारी सेवा में 10% आरक्षण को राज्यपाल ने दी मंजूरी

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देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आन्दोलनकारियों के लिए सरकारी सेवा में 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की व्यवस्था से संबंधित विधेयक को प्रदेश के राज्यपाल ले.ज. से.नि. गुरमीत सिंह द्वारा स्वीकृति प्रदान किये जाने पर प्रसन्न्ता व्यक्त की है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने राज्यपाल का आभार भी व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के संघर्ष और बलिदान को कभी भूल नहीं सकती। राज्य आन्दोलनकारी हमारे लिए सदैव सम्मानीय रहे है। हमारी सरकार उनकी सुविधाओं को शीर्ष प्राथमिकता देती है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य आन्दोलनकारियों एवं उनके सभी आश्रित पात्रों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था तथा इसका विधेयक विधानसभा में पारित कर राज्यपाल जी को भेजा गया था, जिसपर उन्होंने अपनी सहमति प्रदान कर दी है।
इससे राज्य आन्दोलनकारियों की एक बड़ी लम्बित मांग की भी पूर्ति हुई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य आन्दोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही राज्य आन्दोलनकारियों की मृत्यु के पश्चात् उनके आश्रितों को भी पेंशन देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों का उत्तराखण्ड बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

रोडवेज में बैठी पंजाब की नाबालिग संग दून में हुआ गैंगरेप, पांच को लिया हिरासत में, की जा रही पूछताछ

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देहरादून (दीपिका गौड़), राजधानी देहरादून में 16 वर्षीय नाबालिग से गैंगरेप का मामला सामने आया है। जिसके बाद पुलिस कुछ लोगों को हिरासत में लेके पूछताछ कर रही है।
कोलकाता में रेप-मर्डर की घटना के बाद उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में भी ऐसा ही देखने को मिला। अब इसकेे बाद राजधानी देहरादून में पंजाब की नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। यहां आइएसबीटी में रोडवेज की खड़ी बस में दरिंदों ने 16 वर्षीय किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म किया।
यह घटना 13 अगस्त रात 2 बजे की बताई जा रही है। जहां देहरादून ISBT से बस के अंदर एक किशोरी से गैंगरेप का मामला सामने आया है। किशोरी पंजाब की रहने वाली बताई जा रही है और मुरादाबाद से देहरादून आई थी।
जानकारी के अनुसार पंजाब की रहने वाली 16 वर्षीय किशोरी 13 अगस्त की रात करीब ढाई बजे आईएसबीटी देहरादून पहुंची। आरोप है कि बस खाली होने के बाद बस में करीब पांच लोगों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और उसके बाद किशोरी को बस से उतार कर आरोपी वहां चले गए।
चाइल्ड वेलफेयर टीम को मिली मामले की जानकारी में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की हेल्पलाइन टीम को 13 अगस्त को किशोरी ISBT पर बदहवास हालत में मिली है। इसके बाद टीम उसे ISBT परिसर में बने चाइल्ड हेल्पलाइन बूथ पर ले गई। चाइल्ड वेलफेयर टीम ने किशोरी से पूछताछ की है, लेकिन वह रोती रही, फिर किशोरी ने बताया कि उसके साथ गलत काम हुआ है। मामले की गंभीरता देख चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम किशोरी को बालिका निकेतन ले गई और उसकी काउंसिलिंग कराई गई। चार दिन किशोरी की सीडब्ल्यूसी में काउंसिलिंग चलती रही।
वहीं पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बीते दिनों एक 31 वर्षीय पीजी ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या पर पूरे देश में आक्रोश व्याप्त है। देशभर में डॉक्टर हड़ताल और प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं। इसी क्रम में उत्तराखंड के अलग-अलग शहरों में भी शनिवार को डॉक्टरों ने सड़कों पर उतरकर अपने-अपने तरीके से कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस सहित उधम सिंह नगर में नर्स का अपहरण कर उसका रेप मर्डर होने पर विरोध प्रदर्शन किया।

*न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कवायर पर प्रदर्शन :

कोलकाता की घटना के विरोध में 14 अगस्त की रात को न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कवायर पर एक धरना प्रदर्शन हुआ। इस दौरान करीब 40 लोग इकट्ठा हुए और बंगाल में प्रदर्शन करने वाले छात्रों और डॉक्टर्स के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया। अमेरिका के लॉस एंजेल्स में लेक हॉलीवुड पार्क में भी प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए और कोलकाता की घटना को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान करीब 250 भारतीय मूल के लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने अपने हाथों में प्लेकार्ड और बैनर पकड़े हुए थे।

इस बीच उत्तराखंड के उधम सिंह नगर से भी एक ऐसी ही घटना सामने आई। जहां अस्पताल से घर लौट रही 33 वर्षीय नर्स के साथ बलात्कार कर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी गई। जानकारी के मुताबिक, उसके साथ लूटपाट भी की गई है। पीड़ित नर्स नैनीताल के एक निजी अस्पताल में काम करती थी। पीड़िता उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर के बिलासपुर कॉलोनी में अपनी 11 साल की बेटी के साथ रहती थी और 30 जुलाई को अस्पताल से लौटते वक्त लापता हो गई थी।
पुलिस के मुताबिक ISBT पर किशोरी 13 अगस्त की शाम को बदहवास हालत में मिली थी। किशोरी मूल रूप से पंजाब की रहने वाली है। वह उस समय पंजाब से दिल्ली फिर मुरादाबाद ओर फिर देहरादून पहुंची थी। जहां उसके साथ बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ। पटेनगर इंस्पेक्टर केके लुंठी ने बताया कि मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कुछ लोगों को भी पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस को रोडवेज के चालक परिचालक और कुछ कर्मचारियों पर शक है।

पुलिस पांच को हिरासत में लेकर कर रही पूछताछ:

चालक और परिचालक शक के दायरे में होने से पुलिस सीसीटीवी खंगाल रही है, क्योंकि किशोरी ने बस में गैंगरेप की बात कही है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस टीम द्वारा नाबालिक बालिका की काउंसलिंग करते हुए उससे गहनता से पूछताछ की गई तो उसके द्वारा पुलिस को भी अपने मॉ-बाप के न होने की जानकारी दी गई तथा बार-बार अपने बयानो को बदला गया, पुलिस द्वारा पीडिता से तसल्लीपूर्वक पूछताछ व पुलिस के प्रयासो से पीडिता के परिजनो की जानकारी पुलिस को प्राप्त हुई व ज्ञात हुआ कि पीडिता के मॉ-बाप जिन्दा है व परिजनो से सम्पर्क करने पर उनके द्वारा नाबालिक बालिका के पूर्व में भी कई बार अपने घर से बिना बताये चले जाने की जानकारी दी गई तथा हर बार विभिन्न माध्यमों से प्राप्त सूचना पर पीडिता को घर वापस लाना बताया गया। अभियोग की विवेचना के दौरान दिनांक 12-13/08/2024 की रात्रि में उक्त नाबालिक बालिका के साथ दिल्ली से देहरादून आई बस में दुष्कर्म किया जाना प्रकाश में आया, जिस पर पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन करते हुए घटना में प्रयुक्त बस के सम्बंध जानकारी करते हुए उसे कब्जे मे लिया गया तथा घटना में शामिल सभी 05 संदिग्धों को पूछताछ हेतु हिरासत में लिया गया है। कब्जे में ली गई बस से फॉरसिक टीम द्वारा आवश्यक साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही है। घटना की गहनता से विवेचना प्रचलित है।

*हिरासत में लिए गए व्यक्तियों का नाम/ पता :

(1) धर्मेंद्र कुमार पुत्र यशपाल सिंह, निवासी ग्राम बंजारा वाला ग्रांट, थाना बुग्गा वाला, हरिद्वार, उम्र 32 वर्ष(2) देवेंद्र पुत्र फूलचंद निवासी चूडियाला, भगवानपुर, हरिद्वार उम्र 52 वर्ष(3) रवि कुमार पुत्र दयाराम निवासी ग्राम सिला, थाना – नवाबगंज, जिला फर्रुखाबाद, उम्र 34 वर्ष (4) राजपाल पुत्र स्व0 किशन सिंह निवासी बंजारावाला ग्रांट, थाना बुग्गावाला, हरिद्वार, उम्र 57 वर्ष (5) राजेश कुमार सोनकर पुत्र स्व0 लाल चंद्र सोनकर निवासी माजरा, पटेलनगर, उम्र 38 वर्ष

 

स्व. घूंगथुग टी सुलट्रीम के 46वें जन्मदिन पर जिला स्तरीय फुटबाल प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

देहरादून, तिब्बती परिवार के गुरु स्व0 घूंगथुग टी सुलट्रीम के 46वीं बर्थ एनिवर्सरी पर ढूंडुप्लीप फुटबाल क्लब द्वारा आयोजित जिला स्तरीय फुटबाल प्रतियोगिता का उद्घाटन तिब्बतन स्कूल क्लेमनटाउन में गुरु लामा और आयोजक तामदिन द्वारा किया गया।
आयोजन में महत्वपूर्ण सहयोग उत्तराखंड फुटबाल रेफरी एसोसिएशन के द्वारा किया जा रहा है। प्रतियोगिता में चीफ रेफरी/मैच कमिश्ननर डा. विरेन्द्र सिंह रावत, रेफरी विमल रावत, दोर्जी, वरुण चौहान, हर्षित चौहान, हिमांशु, सत्य जोशी, राजेंद्र पहाड़ी के द्वारा किया जायेगा
आयोजन का पहला मैच तिब्बतन नेशनल स्पोर्ट्स एसोसिएशन एवं विल्स यूथ एफसी के बीच हुआ जिसमें दोनों टीमों ने लीग मैच में 1-1 का स्कोर किया। तिब्बतन टीम से नवांग ने 68 मिनट में और विल्स युथ की तरफ से तुसार ने 7 मिनट में गोल मारा।
दूसरा मैच दून सिटी एफसी का मुकाबला ठकुरी एफसी के बीच हुआ। आकर्षक मैच में दून सीटी ने 2-0 से लीग मैच अपने नाम किया। दून सीटी की तरफ से सौरभ नेगी ने 12 मिनट में और नेशनल खिलाडी शैलेन्द्र नेगी ने 45 मिनट में गोल मारा।
मैच के दौरान डा. विरेन्द्र सिंह रावत के द्वारा आमंत्रित किया गए फीफा वर्ल्ड कप 2022 के मैच इंसट्रेक्टर जगन्नाथ ने डा. रावत की तारीफ की और कहा कि 25 साल से लगातार रेफरी करना और फिटनेस आज भी बेहतरीन है। आने वाले युवा रेफ्रियों को डा0 रावत से अनुभव लेना चाहिए।
डा. रावत ने तहेदिल से उन्हें धन्यवाद दिया कि विदेश से आए फीफा रेफरी जगन्नाथ ने उत्तराखंड आकर हमारे रेफ्रियों को जागरूक किया। डा0 रावत ने बताया है कि सितंबर अंत में रेफ्रियों की वर्कशॉप लगाई जाएगी जिसमें नए और पुराने रेफ्रियों को जागरूक किया जायेगा।

सीएम ने ₹3916.85 लाख रूपए की 26 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया

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राज्य में डेढ़ लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाए जाने पर कार्य गतिमान : धामी

चम्पावत, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को राजकीय महाविद्यालय अमोड़ी, चम्पावत में रक्षाबन्धन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹3916.85 लाख रूपए की 26 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें ₹ 2510.95 लाख की 13 योजनाओं का लोकार्पण एवं ₹ 1465.90 लाख की 13 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने मुख्यमंत्री की कलाई में रक्षा सूत्र बांधा तथा उनके दीर्घायु की कामना की।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई घोषणाएं कि जिसमें बेलखेत क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा का कार्य किए जाने, राजकीय महाविद्यालय अमोड़ी की सुरक्षा हेतु बाढ़ सुरक्षा के लिए कार्य किए जाने, बेलखेत में झूला पुल का निर्माण किया जाने, चम्पावत में निर्माणाधीन स्टेडियम का नाम स्व० श्री कैलाश गहतोड़ी के नाम पर रखें जाने एवं भारतीय सेना के शहीद कमांडो नवीन सिंह बिष्ट के नाम से ग्राम पंचायत दुधौली के खरकोडी मार्ग को किए जाने की घोषणा शामिल है।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत महिला लाभार्थियों को चेक वितरण किए एवं जिला खनन न्यास निधि से पशुपालन विभाग को उपलब्ध कराई गई एक एंबुलेंस तथा पुलिस विभाग को आपदा प्रबंधन अंतर्गत उपलब्ध कराई गई तीन मोटरसाइकिलों को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया। मुख्यमंत्री ने जनपद में बेहतर कार्य कर रही महिलाओं को सम्मानित भी किया। उन्होंने जनपद की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा हस्त निर्मित पिरूल, ऐपण, सूत व अन्य स्थानीय उत्पादों से बनाई गई राखियों व अन्य निर्मित उत्पादों की भी सराहना की।
मुख्यमंत्री ने सभी महिलाओं को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चंपावत उनका घर है एवं यहां का हर कोई उनका परिजन है। उन्होंने कहा वो हर स्थिति में अपने परिजनों एवं प्रदेशवासियों के साथ रहेंगे। माताओं एवं बहनों से मिले आशिर्वाद से वो स्वयं को ऊर्जावान एवं गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा रक्षाबंधन त्यौहार भाई बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है, साथ ही रक्षाबंधन महिलाओं के सम्मान के साथ-साथ पौराणिक एवं सांस्कृतिक महत्व का पर्व भी है। यह पर्व हमें अपने कर्तव्य, वचनों के प्रति भी बोध करवाता है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं के उत्थान पर राज्य सरकार निरंतर कार्य चल रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण पर पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य में डेढ़ लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाए जाने पर कार्य गतिमान है। विभिन्न जनकल्याणकारी एवं महिला सशक्तिकरण आधारित योजनाओं से हमारा प्रयास महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। आज हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो रही है। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं, स्वयं को, परिवार एवं राज्य को आत्मनिर्भर बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं । राज्य सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30% क्षैतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड के प्रत्येक जनपद में मातृशक्ति सबसे आगे हैं। स्वयं सहायता समूह के उत्पाद, मल्टीनेशनल कंपनी के उत्पादों को भी पीछे छोड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के अंतर्गत महिलाओं के द्वारा निर्मित उत्पादों को बेचने के लिए उचित बाजार उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सर्वाधिक कार्य महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में हुए हैं। बेटियों के सपनों को पंख लगाने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का शुभारंभ किया गया। आज मातृशक्ति हर क्षेत्र में प्रतिनिधित्व कर देश का नाम विश्व पटल पर अंकित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेत में अनाज उगाने से लेकर अंतरिक्ष तक महिलाएं अपनी छाप छोड रही हैं। उन्होंने कहा चंपावत के साथ ही उत्तराखंड के विकास के लिए निरंतर बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। चंपावत को आदर्श जनपद बनाने हेतु विशेष परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा आदर्श चम्पावत का जो संकल्प लिया गया है उसमें प्राथमिकता के आधार पर कार्य जारी हैं।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, भाजपा जिला अध्यक्ष निर्मल मेहरा, ब्लॉक प्रमुख चंपावत रेखा देवी, लोहाघाट नेहा ढेक, पाटी सुमनलता, बाराकोट विनीता फर्त्याल, सदस्य जिला पंचायत क्षेत्र धूरा दीपा जोशी, ग्राम प्रधान अमोडी लाल मणि भट्ट, छटकोट विजय राणा, मण्डल भाजपा अध्यक्ष नवीन भट्ट, विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, सामाजिक कार्यकर्ता सुंदर बोहरा, भाजपा महामंत्री मुकेश कलखुड़िया, जिलाधिकारी नवनीत पांडे, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

आईसीएआई की हरिद्वार शाखा ने टैक्स ऑडिट और जीएसटी पर सेमिनार आयोजित किया

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हरिद्वार, भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) की हरिद्वार शाखा ने होटल गेंजीस रिवेरा में टैक्स ऑडिट और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में हाल ही में किए गए संशोधनों पर एक सेमिनार आयोजित किया। सेमिनार का उद्देश्य सदस्यों और छात्रों को टैक्स ऑडिट और जीएसटी में नवीनतम विकासों से अवगत कराना था।

आईसीएआई की हरिद्वार शाखा के अध्यक्ष सीए गिरीश मोहन ने बताया कि दिल्ली से आए प्रसिद्ध वक्ता सीए दीपक भोलुसारिया ने फॉर्म 3सीडी और आयकर अधिनियम की धारा 43(बी)(एच) में किए गए बदलावों पर विस्तार से बताया। उन्होंने टैक्स ऑडिट पर अमूल्य अंतर्दृष्टि और व्यावहारिक सुझाव दिए, जो उपस्थित लोगों द्वारा बहुत सराहा गया।

युवा और गतिशील सदस्य सीए विवेक पवार ने जीएसटी में हाल ही में किए गए संशोधनों के बारे में सदस्यों को अवगत कराया, जिसमें उन्होंने महत्वपूर्ण बदलावों और उनके प्रभावों पर प्रकाश डाला। उनका सत्र बहुत जानकारीपूर्ण और सहभागितापूर्ण था।

सेमिनार के अध्यक्ष सीए प्रभोद जैन ने वक्ताओं को उनके रोशनी भरे विचारों के लिए धन्यवाद दिया और सदस्यों को उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया।सीए अंकुर अग्रवाल ने मंच का संचालन किया।
सीए आशुतोष पांडे, सीए अनमोल गर्ग, सीए हरि रतुरी, सीए सुमीत शर्मा, सीए वासु अग्रवाल, सीए अनुज अग्रवाल, सीए कुलदीप अग्रवाल, सीए कमल चौहान, सीए सिंघल, सीए योगेश भाटिजा, सीए सारिका अग्रवाल, सीए प्रदीप, सीए विशाल, सीए हेमलता उपस्थित थे।

“हमारा लक्ष्य असहज सचाईयों को उजागर करना है,” कहते हैं फिल्म “द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” के निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह (वसीम रिज़वी)।

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देहरादून – जितेंद्र नारायण सिंह (वसीम रिज़वी) द्वारा निर्मित और सनो ज मिश्रा द्वारा निर्देशित जल्द ही रिलीज़ होने वाली फिल्म “द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” ने अपने साहसी और बेबाक चित्रण के कारण पूरे भारत में एक गर्मागर्म बहस छेड़ दी है। यह फिल्म रोहिंग्या शरणार्थी संकट और बांग्लादेश से हो रही अवैध घुसपैठों को लेकर उठने वाले सवालों पर आधारित है। फिल्म में अर्जिन मेहता और यजुर मारवाह मुख्य भूमिकाओं में हैं, और उनके साथ रामेंद्र चक्रवर्ती, गौरी शंकर, अवध अश्विनी, और आशीष कुमार भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नज़र आएंगे। यह फिल्म पश्चिम बंगाल के दिल में जाकर ऐसे मुद्दों की पड़ताल करती है जिन्हें कई लोग अब तक वर्जित या राजनीतिक रूप से संवेदनशील मानते रहे हैं।

इसका ट्रेलर लॉन्च होने के बाद, इसे खूब सराहना मिली है। फिल्म एक ऐसे क्षेत्र की सजीव तस्वीर पेश करती है जो अपनी पहचान को लेकर संघर्ष कर रहा है, जहां अतीत की परंपराओं और आधुनिक समय की चुनौतियों के बीच सामाजिक ताना-बाना बिखरने के कगार पर है। फिल्म लव जिहाद जैसे विवादास्पद विषयों और सीमांत समुदायों द्वारा झेले जाने वाले कठोर वास्तविकताओं को उजागर करने में कोई झिझक नहीं दिखाती।

निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह (वसीम रिज़वी) कहते हैं, “हम यहाँ जनता को खुश करने के लिए नहीं हैं। हमारा लक्ष्य असहज सचाईयों को उजागर करना है। ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ राष्ट्र को इन मुद्दों से सीधे तौर पर निपटने के लिए जगाने वाली एक पुकार है।”

निर्देशक सनो ज मिश्रा कहते हैं, “यह फिल्म सिर्फ एक कथा नहीं है; यह एक ऐसा दर्पण है जो पश्चिम बंगाल द्वारा झेले जा रहे सामाजिक परिवर्तनों और दबावों को प्रतिबिंबित करता है। हमने कठोर वास्तविकताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक साहसी कदम उठाया है, और हम अपनी प्रस्तुति पर कायम हैं, क्योंकि कला को चुनौतीपूर्ण और उत्तेजक होना चाहिए।”

 

ट्रेलर यहां देखें-