Tuesday, May 13, 2025
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बास्केटबॉल एसोसिएशन हरिद्वार के पदाधिकारीयो ने नवनियुक्त जिला अध्यक्ष ललित नैय्यर एवं नवनियुक्त जिला सचिव रवि बजाज का स्वागत किया

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हरिद्वार(कुलभूषण शर्मा ) राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर जिला बास्केटबॉल एसोसिएशन हरिद्वार के पदाधिकारीयो ने नवनियुक्त जिला अध्यक्ष ललित नैय्यर एवं नवनियुक्त जिला सचिव रवि बजाज का स्वागत किया!!!
इस अवसर पर बास्केटबॉल एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष विकास तिवारी ने कहा की राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर आज देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी ने पेरिस ओलपिंक 2024 में प्रतिभाग करने वाले श्री लक्ष्य सेन जी, परमजीत सिंह जी, श्री सूरज पंवार जी, अंकिता ध्यानी जी को ₹50-50 लाख की धनराशि के चेक प्रदान किए!!जिसके लिए वे बधाई के पात्र है
जिला सचिव संजय चौहान ने बताया की मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के 3900 प्रतिभावान खिलाड़ियों के खाते में DBT के माध्यम से ₹58.50 लाख की धनराशि और राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों के खाते में ₹7.4 करोड़ की धनराशि का हस्तांतरण किया। साथ ही 38वें राष्ट्रीय खेलों की वेबसाइट लॉन्च की। इस अवसर पर युवाओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की शपथ भी दिलाई।
युवा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की सरकार खेलों एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने के साथ ही खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तराखंड खेल रत्न के साथ ही हिमालय खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत की गई है।
जिसके लिए समस्त संगठन मान्य मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करती है
आज के सम्मान समारोह में मयंक शर्मा ऋषि सचदेवा अंकुश रोहिल्ला अंकुर राणा विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष बलराम कपूर प्रकाश केसवानी आदि उपस्थित रहे

ऐतिहासिक निर्णय लेने में सक्षम हैं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी-डा.विशाल गर्ग

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हरिद्वार(कुलभूषण शर्मा )। सर्वे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को देश का सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री घोषित किए जाने पर हर्ष व्यक्त करते वरिष्ठ भाजपा नेता डा.विशाल गर्ग ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऐतिहासिक निर्णय लेने में सक्षम हैं। राज्य के विकास के लक्ष्य को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। प्रदेश में समान नागरिकता संहिता, दंगा रोधी कानून, धर्म परिवर्तन, अवैध अतिक्रमण, लैंड जिहाद, नकल रोधी कानून लागू कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मिसाल कायम की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा ने प्रदेश की पांचो लोकसभा सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की। डा.विशाल गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुशल राजनीतिज्ञ के साथ कुशल प्रशासक की भूमिका निभाते हुए प्रदेश को लगातार विकास की नई ऊंचाईयों पर ले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा सरकार द्वारा लागू की जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदेश के सभी वर्गो को मिल रहा है। सर्वे में भाग लेने वाली देश की जनता का आभार व्यक्त करते हुए डा.विशाल गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।

सीनियर एवं जूनियर गर्ल्स बैडमिंटन टूर्नामेंट में अनन्या बिष्ट व कादम्बरी गुसांई ने जीता खिताब

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देहरादून(केएस बिष्ट), द हैरिटेज स्कूल के तत्वावधान में अंर्तसदनीय सीनियर एवं जूनियर गर्ल्स बैडमिंटन प्रतियोगिता का फाइनल मैच खेला गया और प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में शिवालिक हाउस की अनन्या बिष्ट एवं जूनियर वर्ग में शिवालिक हाउस की कादम्बरी गुसांई ने मैच जीतकर खिताब अपने अपने नाम किया।
यहां न्यू रोड स्थित द हैरिटेज स्कूल में खेली जा रही बैडमिंटन प्रतियोगिता के अंतर्गत फाइनल मैच खेला गया। इस दौरान सीनियर वर्ग में मंदाकिनी हाउस और शिवालिक हाउस के बीच मैच खेला गया और जिसमें एकतरफा मुकाबले में शिवालिक हाउस की अनन्या बिष्ट ने विपक्षी खिलाड़ी को 15-8 से पराजित करते हुए शानदार जीत दर्ज की और खिताब अपने नाम किया।
इस अवसर पर जूनियर वर्ग में मोनाल हाउस और शिवालिक हाउस के बीच खेले गये मैच में एकतरफा मुकाबले में शिवालिक हाउस की कादम्बरी गुसांई ने 11-2 से जीत दर्ज करते हुए खिताब अपने नाम किया। इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन चौधरी अवधेश कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में विजेताओं एवं उप विजेताओं को ट्राफी एवं सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन चौधरी अवधेश कुमार, निदेशक विक्रांत चौधरी, काउंसलर चारू चौधरी, प्रधानाचार्य डाक्टर अंजू त्यागी के साथ खेल प्रेमी छात्र छात्रायें उपस्थित रहे।

भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों तथा रैनफाल की तकनीकि संस्थानों से अध्ययन कराये जाने के दिये निर्देश

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भूस्खलन से संबंधित चेतावनी प्रणाली की जाय विकसित

सभी अधिकारी आपदा की चुनौतियों का आपसी समन्वय से करें सामना

आपदा प्रभावितों की मदद करना हमारी जिम्मेदारी-मुख्यमंत्री

देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में शासन के उच्चाधिकारियों एवं वीडिया क्रांन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास से संबंधित कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री से सभी जिलाधिकारियों से जनपदों में अतिवृष्टि से हुए नुकसान तथा राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को वरूणावत भूस्खलन क्षेत्र के तकनीकि अध्यनन् के लिए आई.आई.टी रूड़की एवं टी.एच.डी.सी. से सहयोग के निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में पूर्व में हुए अध्ययनों का भी संज्ञान लिया जाए ताकि लैंडस्लाइड जोन के उपचार की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित हो। उन्होंने जानकीचट्टी के आसपास के क्षेत्रों के उपचार एवं विस्तारीकरण के कार्यों में भी तेजी लाए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से भूस्खलन क्षेत्रों की सूची तैयार करने तथा बरसात समाप्त होते ही सड़क मरम्मत सहित अन्य पुर्ननिर्माण योजनाओं पर तेजी से कार्य किए जाने के लिए टेण्डर प्रक्रिया अविंलब प्रारंभ करने को कहा। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग के मरम्मत के साथ ही भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों तथा रेनफाल की स्थिति की भी तकनीकि संस्थानों से अध्यनन कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में होने वाले पुर्ननिर्माण कार्यों पर पूरा ध्यान केंद्रित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने भूस्खलन से संबंधित चेतावनी प्रणाली को विकसित किये जाने तथा आपदा की चुनौतियों का आपसी समन्वय से सामना किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आपदा मद में धनराशि की सीमा बढ़ाये जाने से निर्माण कार्य बेहतर ढंग से हो सकेंगे। आपदा पीड़ितो की सहायता एवं पुननिर्माण कार्यों के लिए धनराशि की कमी न होने देने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के कारण विकास कार्य प्रभावित न हो इस दिशा में भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने 7-8 जुलाई को सितारंगज टनकपुर बनबसा तथा तराई भाबर के क्षेत्रों में दशकों बाद भारी मात्रा में पानी जमा होने तथा बाढ़ की स्थिति पैदा होने की स्थिति के भी अध्ययन की जरूरत बताई। उन्होंने जल निकासी प्रणाली तथा ड्रेनेज सिस्टम को और प्रभावी बनाये जाने के भी निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों की जिलाधिकारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए इसके रिस्पांस टाइम को और बेहतर बनाये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि आपदा पीड़ितों की तुरंत मदद करना हमारी जिम्मेदारी है। हम आपदा को रोक तो नहीं सकते है, लेकिन उसके प्रभाव को पीड़ितो की मदद कर कम कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से वृक्षारोपण की रिपोर्ट तैयार करने तथा अमृत सरोवरों की स्थिति की भी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। सभी कार्य धरातल पर दिखाई दे, यह भी सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सितंबर में भी भारी वर्ष की संभावना के दृष्टिगत सभी अधिकारी सतर्क रहे तथा वर्षा के बाद होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार किये जाने के निर्देश दिए।

सचिव आपदा प्रबंधन श्री विनोद कुमार सुमन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में आपदा की स्थिति, राहत, पुनर्वास तथा पुर्ननिर्माण से संबंधित कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आपदा मद में हुई धनराशि वृद्धि से क्षतिग्रस्त सम्पत्तियों, आवासीय भवनों, मूलभूत सेवाओं को सुचारू किये जाने तथा वृहद योजनाओं को भी पुननिर्मित करने में मदद मिलेगी।

बैठक में उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन श्री विनय रोहिला, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद् श्री विश्वास डाबर, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु,, गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पाण्डेय, सचिव श्री आर. राजेश कुमार, श्री एस.एन.पाण्डेय, श्री रविनाथ रामन, डॉ पंकज कुमार पाण्डे, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, बी.आर.ओ के अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

पानी की समस्या को लेकर किया कैंट बोर्ड का घेराव, सीईओ को दिया ज्ञापन

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देहरादून, क्षेत्र के विकास का दायित्व जिस विभाग पर हो और वह इन सब से मुँह मोड़ ले तो स्थानीय लोगों में गुस्सा आना स्वाभाविक है, मामला कैंट बोर्ड से जुड़ा है, वैसे तो कैन्ट बोर्ड अक्सर अपनी कारगुजारियों के चलते चर्चाओं में रहता है। लेकिन बाऱ क्षेत्र के नाराज लोग गुरूवार को एक अधिकारी के खिलाफ खड़े होकर उसे हटाने की मांग करने लगे।
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता सचिदानंद तिवाड़ी के साथ विभिन्न समस्याओं से परेशान गढ़ी, डाकरा बाजार के लोगों गुरूवार को कैंट बोर्ड का घेराव किया और सीईओ को ज्ञापन दिया। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि लंबे समय से पानी की समस्या चली आ रही है। जिसका आजतक समाधान नहीं हो सका। जबकि बरसात इस मौसम में भी समस्या जसकी तस बनी है।
क्षेत्रवासियों ने बताया की जन प्रतिनिधि भी इस समस्या को आजतक कभी गंभीरता से नहीं लिया । वरना इसका समाधान हो गया होता। क्षेत्रीय लोगों ने कहा की पिछले दो साल से क्षेत्र में पानी की किल्लत है। लोगों का आरोप है कि जेई बालेश भटनागर की लापरवाही का खामियाजा क्षेत्रवासियों को उठाना पड़ रहा है। लोगों ने कहा की जब कभी किसी को दिक्क़त होती है तो जेई भटनागर पब्लिक का फोन तक नहीं उठाते हैं। इस दौरान लोगों ने सीईओ हरेंद्र सिंह के सामने ही भटनागर को खरी खोटी सुनाई। यहाँ तक की लोगों ने जेई को इस पद से हटाकर किसी और सेक्शन में भेजने तक की मांग की।
कैंट बोर्ड के सीईओ ने स्थानीय लोगों को समस्या के समाधान का आश्वासन दिया। इस दौरान सच्चिदानंद तिवाड़ी, विकास राज, शैलेन्द्र गुरंग, किशन कुमार, ओम शर्मा, प्रवीन जोशी आदि मौजूद रहे |

जनपद के युवाओ को उत्तराखण्ड पीसीएस में मिली कामयाबी, खुशी की लहर

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(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा में जनपद के कई युवाओं ने कामयाबी हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। उनकी कामयाबी पर परिजनों सहित जनपद वासियों ने खुशी जताते हुये उन्हें बधाई दी है।
कल जारी हुये उत्तराखण्ड पीसीएस के नतीजे में जनपद के युवाओं ने भी कामयाबी का डंका बजाकर जनपद का गौरव बडाया।
बता दें कि अगस्त्यमुनि बिकास खण्ड के फलई गांव निवासी अंकित राज का चयन एसडीएम के पद पर हुआ है। वर्तमान में वे नैनीताल हाई कोर्ट में समीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात थे। अंकित के पिता मदन राज कीर्तिनगर में बीओ कार्यालय में प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी हैं जबकि माता रंजना देवी गृहणी हैं।
जखोली ब्लॉक के दूरस्थ क्षेत्र डांगी खोड़ के दीपक सेमवाल ने राज्य कर विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर नियुक्ति पाई है। उनके पिता चक्रधर सेमवाल अगस्तयमुनि ब्लॉक में खण्ड विकास अधिकारी के पद पर रह चुके हैं ।
अगस्त्यमुनी विकास खण्ड के कंडारा गांव निवासी अभिलाष गैरोला का चयन कारागार अधीक्षक के पद पर हुआ है। वह अभी प्रभारी आरटीओ काशीपुर में कार्यरत हैं। अभिलाष की प्रारंभिक शिक्षा गुप्तकाशी में हुई। उनके पिताजी स्व. विजय प्रसाद गैरोला रा.इ.कालेज जवाडी मे प्रधानाचार्य रह चुके है। जबकि उनकी माता मधुबाला गैरोला गृहणी है।उनकी पत्नी भी आरटीओ कार्यालय हल्द्वानी में तैनात है।
अगस्त्यमुनि बबिकास खण्ड के डांगी गुनाऊं की गुंजन खोनियाल ने राज्य कर विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर नियुक्ति पाई है। गुंजन के पिता विनोद खोनियाल राउप्रावि चोपता में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं।
अगस्त्यमुनि विकास खण्ड के चौंड गाँव की अक्षिता भट्ट का चयन उद्यान विकास अधिकारी के पद पर हुआ है। अक्षिता भट्ट का इससे पूर्व लोअर पीसीएस पास कर मार्केटिंग इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्ति हुई थी।
अक्षिता के पिता वरिष्ठ पत्रकार नीलकंठ भट्ट देहरादून में कार्यरत है जबकि उनकी माता बबली भट्ट आजीविका के रीप मिशन में देहरादून में कार्यरत हैं।
अगस्त्यमुनि ब्लॉक के जगोठ ग्राम निवासी पवन सिंह कण्डारी का चयन खण्ड विकास अधिकारी के पद पर हुआ है। पवन सिंह कंडारी वर्तमान में लोअर पीसीएस परीक्षा पास कर मार्केटिंग इंस्पेक्टर के पद पर कार्य कर रहे हैं। पवन के पिता लोकपाल कंडारी का कुछ वर्ष पूर्व निधन हो चुका है, जबकि माता कुसुम देवी गांव में ही आंगनबाड़ी कार्यकत्री हैं।
युवाओं की इस कामयाबी पर जनपद वासियों एँव जनप्रतिनिधियों ने खुशी ब्यक्त करते हुए बधाइयाँ प्रेसित की।

सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम में छायी रही शिक्षा, बिजली पानी की समस्या

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रुद्रप्रयाग- जखोली विकास खण्ड के मौसड ग्राम पंचायत में सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत ग्राम चौपाल लगाकर प्र. जिला सूचना अधिकारी रती लाल शाह ने ग्रामीणों की समस्या को सुना। ग्राम चौपाल में ग्रामीणों द्वारा क्षेत्र की 10 समस्याएं दर्ज कराई गई जिसमें ग्राम पंचायत में पानी की समस्या, जल जीवन मिशन के अंतर्गत किसी भी घर में कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराया गया तथा महरगांव राजस्व गांव में बंद प्राथमिक विद्यालय को पुनः संचालित करने की मांग एवं ग्राम पंचायत मोसड़ में एक और शिक्षक की मांग, महरगांव में आंगनवाड़ी केंद्र खोलने की मांग, विद्युत पोल बदलने की मांग आदि समस्याएं दर्ज की गई।
सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीणों को उपलब्ध हो तथा उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान करने के उद्देश्य से सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत जिलाधिकारी के निर्देशन में आज विकासखंड जखोली के मौसड ग्राम पंचायत में प्र. जिला सूचना अधिकारी रती लाल शाह की अध्यक्षता में चैपाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों द्वारा 10 समस्याएं दर्ज कराई गई। दर्ज समस्याओं को त्वरित निस्तारण हेतु संबंधित विभागों को प्रेषित किया गया।
सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम में ग्राम वासियों द्वारा बताया गया कि गांव में पानी की भारी समस्या है पानी का स्रोत गाँव से लगभग 8 किमी दूर डांडातोक से आता है। यह स्रोत भी क्षतिग्रस्त हो गया है तथा पेयजल लाइनें भी 20-25 साल पुरानी हैं जो जीर्ण शीर्ण है। इसके साथ ही गांव वासियों द्वारा अवगत कराया गया कि जल जीवन मिशन के तहत गांव के किसी भी घर में हर घर नल से जल उपलब्ध कराने के लिए कनेक्शन नहीं किए गए हैं। ग्राम वासियों द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि राजस्व ग्राम महरगांव में प्राथमिक विद्यालय संचालित होता था जो 2017 में बंद हो गया है। महरगांव में लगभग 19-20 बच्चे हैं जो दूसरे गांव माथगांव में दो किमी दूर पैदल पढ़ने को जाते हैं जिसके लिए उन्होंने बंद हुए प्राथमिक विद्यालय को पुनः संचालित करने की मांग की गई। ग्रामीणों ने यह भी अवगत कराया कि महरगांव में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खुली है जिसमें कि लगभग 20 बच्चे गांव में है तथा गांव में आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की मांग भी की गई तथा ग्राम पंचायत मोसड़ में आंगनबाड़ी भवन बनाने हेतु 12 लाख स्वीकृत किए गए हैं किंतु अभी तक आंगनबाड़ी केंद्र भवन बनाने का कार्य शुरू नहीं किया गया है जिसके लिए ग्रामीणों ने जल्द से जल्द आंगनबाड़ी भवन बनाने की मांग की गई है। ग्राम वासियों द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि प्राथमिक विद्यालय मोसड में लगभग 22 बच्चे अध्ययनरत है जिसमें एक ही शिक्षक तैनात है तथा ग्रामीणों द्वारा एक और शिक्षक की तैनाती की मांग की गई। ग्रामीणों द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि क्षेत्र में लगभग 8 विद्युत पोल जीर्ण शीर्ण हो गए हैं जिन्हें उन्होंने बदलने की भी मांग की गई। ग्रामीणों द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि गांव में स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति ठीक नहीं है चैंरिया में एक ही आयुर्वेदिक चिकित्सालय है। इसके लिए ग्रामीणों द्वारा गांव में ही स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की गई।
इस अवसर पर प्र. जिला सूचना अधिकारी रती लाल शाह ने सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार की मंशा है कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीणों को सभी योजनाओं का लाभ उपलब्ध हो तथा उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण करने के उद्देश्य से सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम आयोजित कर संचालित योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है जिसका लाभ क्षेत्रवासियों को उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कई महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित हो रही हैं जिसमें सरकार द्वारा हर वर्ग के लिए योजनाएं संचालित की जा रही हैं तथा ग्रामीणों एवं बेरोजगार युवाओं को उन योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित एवं जागरूक किया जा रहा है ताकि वह संचालित योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा जो भी समस्याएं दर्ज कराई गई हैं उनका संबंधित विभागों द्वारा आवश्यक कार्यवाही करवाई जाएगी।
सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के बाद क्षेत्र में संचालित निर्माणाधीन योजनाओं का भी स्थलीय निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मोसड़ श्रवण सिंह महर, ग्राम विकास अधिकारी शशांक मैठाणी, रोजगार सेवक दीपक रावत सहित ग्रामवासी मौजूद रहे।

संवाद यात्रा पहुंची दून : विधायक अपने लिए हम जनता के लिए हुए एकजुट

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-जिले के त्रिस्तरीय पंचायत के सदस्य हर स्थिति को हैं तैयार
-संगठन को न्याय पंचायत स्तर पर करेंगे मजबूत
-4 सितंबर को मुख्यमंत्री की विधान सभा चंपावत में जाकर संपन्न होगी
संवाद यात्रा

देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन की संवाद यात्रा बुधवार को राजधानी देहरादून पहुंची। जिले के 6 विकास खंडों से पहुंचे त्रिस्तरीय पंचायत के सदस्यों ने संगठन को मजबूत बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि संगठन के एक आवाह्न पर जिले के 5756 सदस्य अपनी भूमिका निभाने को तैयार है। संगठन को मजबूत बनाने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर संयोजक बनाकर संगठन को ओर धारदार बनाया जाएगा। संवाद यात्रा की बैठक में उत्तराखंड़ की जनता को यह संदेश दिया कि विधायक अपने वेतन भत्ता बढ़ाने के लिए एकजुट होते है, लेकिन त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधि की एक एकजुटता अपने क्षेत्र के विकास के लिए हुई है। जिसके सुखद परिणाम आते है।
जिला पंचायत के सभागार में आयोजित संवाद यात्रा की बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार उत्तराखंड में तीनों पंचायतें अपने अधिकारों के लिए एकजुट हुई है। भविष्य में इसके सार्थक परिणाम उत्तराखंड़ के विकास को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि अधिकार पाने के लिए हमें संगठन को और अधिक मजबूत बनाना होगा। इसके लिए सभी को अभी से अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि हम संविधान प्रदत मांग को उठा रहे है। इस पर सरकार भी बेहद संवेदनशील है।
संगठन के प्रदेश संयोजक तथा मुख्य वक्ता जगत मर्तोलिया ने कहा कि 13 जनपद 13 दिन के नारे के साथ यह यात्रा निकाली गई है। कहा कि यात्रा का उद्देश्य निश्चित रूप से गैर राजनीतिक है। इस यात्रा के माध्यम से न्याय पंचायत स्तर के सदस्यों की मन की स्थिति सुनी जा रही है।
उन्होंने कहा कि विधायक अपने वेतन, भत्तों के लिए राजनैतिक बंदिशों को तोड़कर एकजुट हो जाते है।
उन्होंने कहा कि हमारी इस एकता के अलग मायने है। हम सब लोग विभिन्न राजनीतिक दलों में रहते हुए इस मांग को इसलिए उठा रहे हैं कि हम अपना नहीं अपने क्षेत्र के विकास के अधुरे कार्यो को पूर्ण करने के लिए संघर्ष के लिए आगे आए है। इसलिए विधायकों को हमारे संगठन से सीख लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा सरकार के प्रतिनिधियों से हम लगातार संवाद स्थापित कर रहे है। हम चाहते हैं कि बिना किसी बड़े आंदोलन के सरकारी हमारी एक सूत्रीय मांग को मान ले। अगर सरकार की ओर से अगर कोई भी गलती हुई तो देहरादून के सड़कों में वह आंदोलन होगा जिसकी कल्पना सरकार ने नहीं की है।
इस अवसर पर पौड़ी गढ़वाल की क्षेत्र प्रमुख रुचि कैंतुरा ने कहा कि तीनों संगठन इस मांग पर एकमत और सहमत है। उन्होंने कहा कि सरकार को बड़ा दिल दिखाते हुए संवैधानिक मांग पर तत्काल कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के बाद विधानसभा में बिल लाकर उत्तराखंड के 70 हजार त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र विकास करने का अवसर देना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन रायपुर के ब्लाक अध्यक्ष नरेंद्र ने किया।
संवाद यात्रा की बैठक में प्रधान संगठन के प्रदेश महासचिव विनोद बिल्जवाण, मीडिया प्रभारी संगठन देवेन्द्र सिंह नेगी, क्षेत्र प्रमुख रुचि कैन्तुरा (दुगड्डा) क्षेत्र प्रमुख मठौर सिंह चौहान (कालसी) निधि राणा ( चकराता ) प्रमुख सीमा नेगी ( सहसपुर) जिला पंचायत सदस्य श्रीमती गीता देवी , अंजू देवी, मीरा देवी, दिव्या , वीर सिंह चौहान, जवाहर सिंह,ज्येष्ठ प्रमुख इतवार सिंह, श्रीमती मीना क्षेत्री, निर्मला राठौर, सुमन देवी, शांति प्रसाद, रहे।
29 अगस्त को हरिद्वार में त्रिस्तरीय पंचायत के सदस्यों के साथ संगठन की बैठक होने वाली है। इस बैठक में हरिद्वार जनपद से भी सहयोग मांगा जाएगा, वहीं 30 अगस्त से कुमाऊं के
उधमसिंहनगर से कुमाऊं मंडल के शेष जनपदों के लिए संवाद यात्रा जारी रहेगी। 4 सितंबर को मुख्यमंत्री की विधान सभा चंपावत में जाकर संवाद यात्रा संपन्न होगी।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024 में उत्तराखंड़ की कुसुमलता गड़िया का चयन, बढ़ाया प्रदेश का मान

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देहरादून, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024 के लिए चयनित शिक्षकों की सूची जारी की, जिसमें उत्तराखंड से कुसुमलता गड़िया का नाम शामिल किया गया है। कुसुमलता गड़िया, जो चमोली जिले के पोखरी ब्लॉक के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं, को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है।
यह सम्मान उन्हें 5 सितंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर उन्हें प्रशस्ति पत्र, 50,000 रुपये की नकद राशि, और एक रजत पदक से सम्मानित किया जाएगा। इससे पहले भी कुसुमलता को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया जा चुका है, जो उनकी उत्कृष्ट शैक्षणिक सेवाओं का प्रमाण है।
कुसुमलता के नवाचारी प्रोजेक्ट्स और शिक्षा में तकनीकी नवाचारों ने न केवल उनके स्कूल को एक मॉडल संस्थान बनाया है, बल्कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रसार में भी अहम भूमिका निभाई है। उनकी इस सफलता पर शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी और निदेशक बंदना गर्ब्याल ने उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।
महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने अपने संदेश में कहा, “कुसुमलता गड़िया की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि से उत्तराखंड की शिक्षा प्रणाली को नई दिशा मिलेगी। उनके नवाचारी प्रोजेक्ट्स ने छात्रों की शिक्षा में गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।”
शिक्षा निदेशक बंदना गर्ब्याल ने कहा, “कुसुमलता गड़िया ने अपने समर्पण और मेहनत से शिक्षा के क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह पूरे राज्य के लिए प्रेरणास्रोत है। उनका यह सम्मान प्रदेश के सभी शिक्षकों के लिए गर्व की बात है।”
कुसुमलता ने भी इस पुरस्कार के लिए चयनित होने पर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, “मेरे लिए मेरे विद्यालय से बढ़कर कुछ नहीं है। आज के डिजिटल शिक्षा के दौर में चुनौतियाँ बढ़ी हैं, लेकिन हमें हर रोज़ खुद को अपडेट करते रहना चाहिए। मुझे खुशी है कि मुझे हर स्तर पर सहयोग मिला है।”

यूपी सरकार ने जारी की नई सोशल मीडिया पॉलिसी, आपत्तिजनक पोस्ट पर होगी सख्त कार्रवाई

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लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के लिए एक नई सोशल मीडिया पॉलिसी जारी की है। इस पॉलिसी के तहत सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक पोस्ट किए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उल्लंघन करने वालों को तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही, यूपी में अब डिजिटल एजेंसियों और फर्मों के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन करने की सुविधा भी दी जाएगी। कैबिनेट की बैठक में इस नई पॉलिसी को मंजूरी मिल गई है।

नफरत और झूठी खबरों पर लगेगा अंकुश :
नई सोशल मीडिया पॉलिसी का उद्देश्य सोशल मीडिया पर फैल रही नफरत और झूठी खबरों को रोकना है। सरकार का मानना है कि कुछ लोग सोशल मीडिया का गलत उपयोग कर देश की एकता और अखंडता को खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे में, सरकार ने इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए यह कड़ा कदम उठाया है।
सरकारी योजनाओं के प्रचार के लिए मिलेगा प्रोत्साहन
योगी सरकार ने इस पॉलिसी के तहत उत्तर प्रदेश में अपनी जन कल्याणकारी योजनाओं की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने का भी प्रावधान किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम, एक्स (पूर्व में ट्विटर), फेसबुक, और यू-ट्यूब पर सरकारी योजनाओं पर कॉन्टेंट बनाने और शेयर करने को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे लोग इससे आय भी कमा सकें।

अधिक सब्सक्राइबर और फॉलोअर्स वाले लोगों को होगा लाभ :

इस पॉलिसी के अंतर्गत, जिन एजेंसियों और फर्मों के सोशल मीडिया पर अधिक सब्सक्राइबर और फॉलोअर्स हैं, उन्हें सरकार की योजनाओं को लेकर कॉन्टेंट बनाने और विज्ञापन पोस्ट करने पर आय का अच्छा मौका मिलेगा। इस योजना के तहत सब्सक्राइबर और फॉलोअर्स की संख्या के आधार पर 5 लाख, 4 लाख, 3 लाख, और 30 हजार रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाएगा। यूट्यूब वीडियो शॉट्स और पॉडकास्ट के लिए 8 लाख रुपये तक की राशि भी दी जा सकती है।

*पॉलिसी के प्रमुख बिंदु

देशविरोधी पोस्ट:* सोशल मीडिया पर देशविरोधी पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
नफरत फैलाने वाले पोस्ट: धर्म, जाति, या समुदाय के आधार पर नफरत फैलाने वाले पोस्ट इस पॉलिसी के दायरे में आएंगे।
झूठी खबरें: झूठी खबरें फैलाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
सजा: इस पॉलिसी का उल्लंघन करने वालों को उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।

पॉलिसी पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं :
नई सोशल मीडिया पॉलिसी को लेकर जनता की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह पॉलिसी देश की एकता और अखंडता के लिए जरूरी है, जबकि कुछ का कहना है कि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लग सकता है।