Thursday, May 1, 2025
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इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट उत्तराखंड द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण, जलवायु परिवर्तन में उत्तराखंड राज्य में प्रभाव पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन

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ऋषिकेश , इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट उत्तराखंड चैप्टर के द्वारा ऋषिकेश में दिनांक 24एवं 25 अगस्त को पर्यावरण निम्नीकरण एवम जलवायु परिवर्तन में उत्तराखंड राज्य में प्रभाव पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया।इसमें राज्य के 40 से ज्यादा आर्किटेक्ट्स द्वारा प्रतिभागिता की ।कार्यक्रम में वरिष्ठ आर्किटेक्ट दिव्य कुश पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्य अतिथि एवं पर्यावरण विद् अनूप नौटियाल विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया ।

अनूप नौटियाल द्वारा उत्तराखंड प्रदेश में आपदाओं ,जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक ,राष्ट्रीय एवं उत्तराखंड राज्य में जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों पर विशेष प्रस्तुतिकरण किया एवं आर्किटेक्ट्स कम्यूनिटी को राज्य में एडीजी फाउंडेशन के साथ मिलकर कार्य करने का आह्वान किया,साथ ही प्लास्टिक बैंक पर प्रस्तुतिकरण किया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आर्किटेक्ट दिव्य कुश विशेषकर युवा आर्किटेक्ट्स द्वारा पर्यावरण बदलाव को लेकर निर्माण सामग्री एवं पर्यावरण बदलाव को ध्यान में रखते हुए अपने कार्य करने का आह्वान किया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता चैप्टर के अध्यक्ष द्वारा सत्र का शुभारंभ आर्किटेक्ट एम एस नेगी द्वारा किया गया एवं सचिव आर्किटेक्ट कृष्ण कुरियाल के द्वारा केदारनाथ एवं उत्तरकाशी में आपदा पुनर्वास कार्यों पर प्रस्तुतिकरण किया।
कार्यक्रम में अशोक कुमार वरिष्ठ साइंटिस्ट सी बी आर आईं सेवानिवृत द्वारा अपने उद्बोधन में निर्माण सामग्री में सीबीआर आई के अपने अनुभव साझा किए ।
कार्यक्रम में उत्तराखंड के वरिष्ठ आर्किटेक्ट मनीष जौहरी , नीरज त्यागी , गौरव वर्मा , जसदीप सेठी एवं अन्य युवा वास्तुविद द्वारा अपने कार्य अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम का समन्वय हेतु आर्किटेक्ट रितेश, कणव, सुबोध डोभाल एवं कार्यक्रम के संचालन आर्किटेक्ट मेघा द्वारा किया गया ।इस अवसर पर डॉ अखिलेश कुमार द्वारा लिखित पुस्तक” ए आई इन आर्किटेक्चर ट्रांसफॉर्मिंग प्लानिंग प्रोफेशनल एंड स्टूडेंट्स “का विमोचन भी किया गया।
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य के 40 से ज्यादा आर्किटेक्ट कुल 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया ।कार्यक्रम के दूसरे दिवस में प्रतिभागियों हेतु योग सत्र का आयोजन किया गया जिसमें आर्किटेक्ट कपिल के द्वारा योग के लाभ एवं योगासन के साथ योग क्रिया , सूर्य नमस्कार कराया ।कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम के इवेंट पार्टनर असाही ग्लास को कार्यकारी समिति उत्तराखंड चैप्टर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट के मुख्य समन्वयकर्ता संजय भार्गव एवं अध्यक्ष द्वारा धन्यवाद दिया ।कार्यक्रम के अंत में पर्यावरण के प्रति जागरूकता को लेकर हर प्रतिभागी को एक पौधा वृक्षारोपण हेतु इस संदेश के साथ दिया गया की वह इस का संरक्षण भी करे ।

 

संस्कृत भाषा के उत्थान के लिये जन सहभागिता जरूरी-दीपक कुमार

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“सचिव संस्कृत शिक्षा ने जनपद के संस्कृत विद्यालयों का निरीक्षण कर ब्यवस्थाओं का जायजा लिया इस दौरान उन्होने प्रदेश में वैदिक मंत्रों पर शोध को बडावा देने की बात कही”।

रुद्रप्रयाग- संस्कृत शिक्षा सचिव दीपक कुमार जनपद भ्रमण पर पहुँचे इस दौरान उन्होने जनपद के संस्कृत विद्यालयों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षक एवं छात्रों से विद्यालयों की बेहतरी के लिए सुझाव भी मांगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वैदिक मंत्रों पर शोध को बढ़ावा दिया जाएगा।
संस्कृत शिक्षा सचिव ने कहा कि संस्कृत भाषा के वैदिक मंत्रों पर आज दुनियाभर में शोध हो रहे हैं, जो मानव जीवानुपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। देवभूमि उत्तराखंड में भी इसे बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा संस्कृत विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को भी आधुनिक तकनीक एवं शिक्षा प्रदान की जा रही है। बालिकाओं का भी संस्कृत शिक्षा ग्रहण करना गौरव का विषय है। विभाग सतत रूप से संस्कृत की ग्रह्यता पर काम कर रहा है। प्रारंभिक शिक्षा से ही संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने पर भी कार्य किया जा रहा है। जनपद रूद्रप्रयाग पहुंचने पर सचिव संस्कृत शिक्षा का फूल मालाओं से स्वागत किया गया।
इस अवसर पर सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा मनसाराम मैदुली, प्राचार्य शशि भूषण वमोला, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी विनोद, आचार्य जयप्रकाश गौड़, सुखदेव सिलोड़ी, प्रवीण सती, देवी प्रसाद नौटियाल, कुलदीप डिमरी, सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।

विपक्ष के बोलने के अधिकारों पर रोक लगायी जा रही है-रवि बहादुर

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हरिद्वार ( कुलभूषण)। ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर ने प्रैस क्लब में पत्रकारवार्ता के दौरान कहा कि विधानसभा सत्र एक ही दिन में समाप्त कर दिया गया है। विपक्ष के बोलने के अधिकारों पर रोक लगायी जा रही है। उन्होंने कहा कि जनता के हितों में विकास कार्यो पर चर्चा सत्र में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राईवेट माइनिंग पर सवाल जवाब होने चाहिए थे। लेकिन नियमावली के तहत सत्र को चलने नहीं दिया जा रहा है। गैरसैण सत्र में जनता के सवालों एवं विकास कार्यो को रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है। रवि बहादुर ने कहा कि लोक निर्माण विभाग एवं टेंडर प्रक्रिया को लेकर सत्र में प्रश्न उठाए जाते। लेकिन एक ही दिन में सत्र को समाप्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि पैसे की बर्बादी की जा रही है। मानसून सत्र में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की चर्चा भी नहीं हो पायी है। प्रस्ताव पर नहीं बोलने दिया गया है। जबकि विपक्ष पर निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। विपक्ष शालीनता के साथ अपनी जिम्मेदारी को सत्र में निभाता है। उसके बावजूद भी बोलने के अधिकारों को छीना जा रहा है। प्रदेश में अवैध उगाही, भ्रष्टाचार, ऊर्जा निगम, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर भी चर्चा ना होना प्रदेश की जनता के लिए दुखद है। उन्होंने कहा कि सत्र के नाम पर पैसों का दुरूपयोग किया जा रहा है। प्रदेश की जनता राज्य का विकास चाहती है। जनता के हितों के सवालों पर भी जनप्रतिनिध अपनी बात का नहीं रख पाए। जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रैसवार्ता में अनिल भास्कर, हिमांशु बहुगुणा, अमन, अंकित, विशाल आदि मौजूद रहे।

 

महाविद्यालय में किया गया ‘जय कन्हैया लाल की’ कार्यक्रम का आयोजनMay be an image of 10 people

हरिद्वार ( कुलभूषण)। एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज में आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर ‘जय कन्हैया लाल की’ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन काॅलेज के व्याख्यान कक्ष में माँ सरस्वती की वन्दना कर किया गया।
इस अवसर पर काॅलेज प्रबन्ध समिति व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज ने अपने सन्देश में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनायें देते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण 16 कलाओं से परिपूर्ण थे, उन्होंने जीवन जीने की कला का ज्ञान भी दिया। भगवान श्री कृष्ण का जीवन हमें सिखाता है कि कैसे हम अपने जीवन में चुनौतियों का सामना करें और उनसे बाहर निकलें। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के उपदेश हमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र चाहे वह नैतिकता हो, आध्यात्म हो या व्यक्तिगत विकास हो, में मार्गदर्शन करतें हैं।
इस अवसर पर काॅलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने हमें सिखाया है कि कैसे प्रेम और करूणा से हम दूसरों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर हमें भगवान श्री कृष्ण के संदेशों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए, और उनके आदर्शों को अपनाकर एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर होना चाहिए। उन्होंने बताया कि नयी शिक्षा नीति में के अन्तर्गत श्रीमदभागवत गीता को सम्मिलित किया है।
मुख्य अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए भगवान श्री कृष्ण के जीवन से हमें प्रेम, करूणा और न्याय की शिक्षा मिलती है।
इस अवसर पर काॅलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न प्रस्तुति दी गयी जिसमें सरस्वती वन्दना चारू, इशिका व साक्षी द्वारा, मेरे सरकार आये हैं भजन चारू द्वारा, श्री कृष्ण लीला ओमिशा, चारू, महक, अंशिका, मोनिका, पलक, रिया, अंजली, टिया, ईशा, देविशा द्वारा, श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी भजन ईशिका, प्रीत, साक्षी द्वारा, राधा-कृष्ण नृत्य मुकुल, मानसी वर्मा, ईशा द्वारा प्रस्तुत किया गया।
महाविद्यालय की संगीत विभाग की शिक्षिका व कार्यक्रम संयोजक डाॅ. अमिता मल्होत्रा की बड़ा नटखट है कृष्ण कन्हैया भजन की प्रस्तुति ने सभी श्रोत्राओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर डॉ जे सी आर्य, डॉ सरोज शर्मा, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. अनुरिषा, डाॅ. रजनी सिंघल, डाॅ. पल्लवी राणा, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, डाॅ. पदमावती तनेजा, वैभव बत्रा, डाॅ. विजय शर्मा, गौरव बंसल सहित काॅलेज के अनेक छात्र-छात्रा उपस्थित रहे।

 

डिवाइन कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज में लोगो को किया कानूनों के प्रति जागरूकMay be an image of 6 people, people studying, dais and text

हरिद्वार ( कुलभूषण)। ऑल इंडिया वूमेंस कांफ्रेंस द्वारा डिवाइन कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज में वन डे लीगल अवेयरनेस प्रोग्राम एवम व्रक्षारोपण का आयोजन किया गया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय जागरूकता समिति के अध्यक्ष ललित मिगलानी ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश विद्यारथियो को कानून के प्रति जागरूक करना जिससे वह अपने अधिकारों को जान सके और वह अप्रिय घटनाओं से बच सके कार्यक्रम में मौजूद श्यामपुर थाने की सब इंपेक्टर अंजना चौहान ने छात्राओं को संबोधित करते हुए बोला की आप सशक्त समाज को सशक्त नारी है अगर आपके साथ कुछ गलत होता है उसकी प्रतिकार तुरंत करे उन्होंने, पुलिस चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के पूर्व चेयरमैन ने बच्चो। के प्रति होने वाले अपराधो और उनसे बचाओ के बारे बताया, सशस्त्र प्रशिक्षण केंद्र के कमिश्नर प्रीतम सिंह ने भारतीय न्याय सहिता के बारे विद्याथियों संक्षिप्त विवरण दिया
इस कार्यक्रम में मंजुला भगत संरक्षक ऑल इण्डिया वूमेंस कांफ्रेंस, नीरजा जैन अध्यक्ष ऑल इण्डिया वूमेंस कांफ्रेंस, अरविंद जी ट्रैफिक पुलिस हरिद्वार, डिवाइन कॉलेज के निदेशक गगन यादव, अध्यापक गण एवं सभी विद्यारथी उपस्थित रहे…

राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों का उत्तराखण्ड बनाना हमारा लक्ष्य-सीएम धामी

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देहरादून, मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी मंच के पदाधिकारियों ने भेंट की। राज्य आन्दोलनकारियों के लिए सरकारी सेवा में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिये जाने की व्यवस्था के प्रति सभी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों का उत्तराखण्ड़ बनाना हमारा लक्ष्य है। इस दिशा में हम विकल्प रहित संकल्प के साथ तत्परता से कार्य करे रहे है। राज्य निर्माण में राज्य आन्दोलनकारियों के संघर्ष को प्रदेशवासी सदैव याद रखेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण आन्दोलन के वे भी साक्षी रहे है, खटीमा के जन आन्दोलन को उन्होने स्वयं देखा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के संघर्ष और बलिदान को कभी भूल नहीं सकती। हमारी सरकार उनकी सुविधाओं को शीर्ष प्राथमिकता देने के साथ उनके सपने के अनुरूप राज्य के विकास के प्रति प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों को राज्य सरकार ने राज्य आन्दोलनकारियों एवं उनके सभी आश्रित पात्रों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था, तमाम कठिनाईयों के बावजूद क्षेतिज आरक्षण को अब लागू कर दिया गया है। इससे राज्य आन्दोलनकारियों की एक बड़ी लम्बित मांग की भी पूर्ति हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही उनकी मृत्यु के पश्चात् उनके आश्रितों को भी पेंशन देने का निर्णय लिया है। हम शहीद राज्य आन्दोलनकारियों के बलिदान को भूल नही सकते है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रदेश विकास की दिशा में निरन्तर आगे बढ़ता जा रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी विकास के सूचकांक में प्रदेश प्रथम स्थान पर रहा है। प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रदेश प्रगति के पथ पर निरन्तर अग्रसर है। लगभग 2 लाख करोड की केन्द्रीय योजनाओं पर राज्य में कार्य हो रहे है। सड़क निर्माण हो स्कूल निर्माण हो या हॉस्पिटल या फिर कोई भी प्रदेश हित का कार्य हो, इसके लिए किसी भी प्रकार की धन की कमी नही होने दी जायेगी। उन्होेंने कहा कि हम प्रदेश को नशा मुक्त राज्य बनाने की दिशा में अग्रसर है इसके लिए सिर्फ सरकार ही नही बल्कि सभी को सहयोग करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान दिया जा रहा है। गत वर्ष आयोजित इन्वेस्टर सम्मिट में बडी संख्या मंे उद्योगपति निवेश के लिए राज्य में आ रहे है। इससे हमारे युवाओं को राज्य में ही रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे तथा पलायन पर भी रोक लगेगी। उन्होने कहा प्रदेश में अवैध अतिक्रमण की समस्या का निदान करते हुए लगभग 5000 एकड़ जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है। मुख्यमंत्री ने सभी से राज्य के विकास में सहयोगी बनने की भी अपेक्षा की।

मुलाकात के दौरान उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी कल्याण परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रवींद्र जुगरान, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती सहित बडी संख्या में मंच के पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।

मुख्य विकास अधिकारी कमठान की अध्यक्षता में  हुई समीक्षा बैठक आहूत

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान की अध्यक्षता में  विकासभवन सभागार में समीक्षा बैठक आहूत की गयी गई। समीक्षा बैठक के पश्चात् 20-सूत्री कार्यक्रम की नव निर्मित वेबसाइट से सम्बन्धित डाटा फीडिंग का हैंडस मैन प्रशिक्षण समस्त 20-सूत्रों को प्रशिक्षण दिया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने 20 सूत्रीय कार्यक्रम की माह जुलाई 2024 तक की समीक्षा की, समीक्षा के दौरान 30 मदें ए श्रेणी में रही तथा 5 मदें बी श्रेणी, 3 मदें सी श्रेणी तथा 07 मदे डी श्रेणी में रही। डी श्रेणी वाली मदों में पीएमजीएसवाई एवं राजकीय सिंचाई की प्रगति न्यून होने के फलस्वरूप स्पष्टीकरण तलब किया गया। इसी प्रकार प्रगति का सत्यापन न किये जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों का भी स्पष्टीकरण तलब किया गया। समीक्षा बैठक उपरान्त शोध अधिकारी बीस सूत्रीय कार्यक्रम जे.सी चंदोला द्वारा उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों को नव निर्मित वेबसाईट का प्रशिक्षण भी दिया गया। उन्होंने निर्देशित किया जो जिन विभागों की मदे बी,सी, एवं डी श्रेणी में है वे अपनी स्थिति में सुधार करते हुए ए श्रेणी में आने हेतु कार्य करें।  बैठक में निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण विक्रम सिंह, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी शशिकांत गिरि, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ विद्याधर कापड़ी, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, जिला पंचायतीराज अधिकारी विद्याधर सोमनाल, अपर संख्या अधिकारी प्रकाश सिंह भण्डारी एवं धीरज गुप्ता, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास जितेन्द्र कुमार सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित रहे।

पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा का अमेरिका ने किया स्वागत, युद्ध को लेकर कही ये बात

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वाशिंगटन । अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा का स्वागत किया है और कहा है कि इससे रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने में सहायता मिल सकती है। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने शुक्रवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए भारत एक मजबूत साझेदार है, और प्रधानमंत्री का कीव जाना और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत करना, संघर्ष को समाप्त करने में सहायक हो सकता है। यह राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के न्यायपूर्ण शांति के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
उन्होंने कहा, यदि कोई अन्य देश यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए मदद करने को तैयार है, तो हम उसका स्वागत करते हैं। लेकिन मदद करने से हमारा मतलब है कि इसमें यूक्रेन के लोगों के साथ बातचीत शामिल होनी चाहिए, और इसकी शुरुआत इस बात को समझने से होनी चाहिए कि राष्ट्रपति जेलेंस्की इस मामले में क्या सोचते हैं।
शुक्रवार को जेलेंस्की के साथ मुलाकात के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत और कूटनीति से रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत की सैद्धांतिक स्थिति और प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने क्षेत्र में शांति की शीघ्र वापसी के लिए सभी संभव तरीकों से योगदान करने के लिए भारत की तत्परता को भी दोहराया।
कीव में द्विपक्षीय चर्चा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यूक्रेन की मेरी यात्रा ऐतिहासिक थी। मैं भारत-यूक्रेन मित्रता को गहरा करने के उद्देश्य से इस महान राष्ट्र में आया हूं। राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मेरी सार्थक बातचीत हुई। भारत का दृढ़ विश्वास है कि शांति हमेशा बनी रहनी चाहिए। मैं यूक्रेन की सरकार और लोगों को स्वागत करने के लिए धन्यवाद देता हूं।
फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के कुछ सप्ताह बाद भारतीय छात्रों को देश से सुरक्षित निकालने में सहायता और समर्थन के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की और यूक्रेनी अधिकारियों को धन्यवाद दिया।
प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने सभी पक्षों के बीच ईमानदारी और व्यावहारिक जुड़ाव की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि ऐसे समाधान विकसित किए जा सकें जिन्हें व्यापक रूप से स्वीकार किया जाएगा और जो शांति की शीघ्र बहाली में योगदान देंगे।
इसमें यह भी कहा गया कि दोनों नेता भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक साझेदारी से रणनीतिक साझेदारी में ले जाने पर काम करेंगे।
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वर्ष 2023 में उत्तराखंड में बलात्कार के उधमसिंह नगर में सर्वाधिक मामले

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“पुलिस मुख्यालय द्वारा उपलब्ध महिला सम्बन्धी अपराधों विवरण से खुलासा”

काशीपुर, देेश में आजकल बलात्कार व महिला उत्पीड़न को लेकर आन्दोलन हो रहे हैं लेकिन शांत माना जाने वाला उत्तराखंड राज्य भी इसमें पीछे नहीं हैं। उत्तराखंड में वर्ष 2023 में 421 बलात्कार के अपराध पुलिस में दर्ज हुये हैं जिसमें अकेले उधमसिंह नगर जिले में 204 बलात्कार केस दर्ज हुये हैं। यह खुलासा सूचना अधिकार के अन्तर्गत पुलिस मुख्यालय द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से वर्ष 2023 में दर्ज अपराधें सम्बन्धी विवरणों की सूचना चाही थी। इसके उत्तर में पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड की लोक सूचना अधिकारी/अपर पुलिस अधीक्षक (कार्मिक), शाहजहां जावेद खान ने अपने पत्रांक 53 दिनांक 29 जुलाई के साथ पुलिस उपाधीक्षक सीसीटीएनएस विवेक सिंह कुटियाल द्वारा उपलब्ध कराये गये वर्ष 2023 के महिला उत्पीड़न सम्बंधी अपराधें के विवरण की सत्यापित फोटो प्रति उपलब्ध करायी है।
उपलब्ध महिला उत्पीड़न सम्बन्धी अपराधें के विवरण के अनुसार वर्ष 2023 में उत्तराखंड में 421 बलात्कार के अपराध दर्ज हुये है। इसमें सर्वाधिक 204 उधमसिंह नगर जिले में, दूसरे स्थान पर 85 देहरादून, तीसरे स्थान पर 50 हरिद्वार, चौथे स्थान पर 26 नैनीताल जिले में दर्ज हुये हैं। इसके अतिरिक्त अल्मोड़ा में 3, बागेश्वर में 5, चमोली व उत्तरकाशी में 2-2, चम्पावत में 4, पौड़ी गढ़वाल में 13, पिथौरागढ़ में 8, टिहरी गढ़वाल में 19 बलात्कार दर्ज हुये हैं। केवल रूद्रप्रयाग ही ऐसा जिला है जिसमें बलात्कार का कोई अपराध् दर्ज नहीं है।
वर्ष 2023 में 48 दहेज हत्या के अपराध दर्ज हुये हैं जिसमें सर्वाधिक 16 हरिद्वार, दूसरे स्थान पर 12 उधमसिंह नगर, तीसरे स्थान पर 6 नैनीताल तथा चौथे स्थान पर 3 देहरादून में दर्ज हुये हैं। इसके अतिरिक्त पिथौरागढ़, रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी जिलों में 2-2 तथा अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चम्पावत, पौड़ी गढ़वाल जिलों में 1-1 दहेज हत्या का अपराध दर्ज हुआ है। केवल टिहरी गढ़वाल ही ऐसा जिला है जिसमें दहेज हत्या का कोई अपराध दर्ज नहीं हैं।
वर्ष 2023 में उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में 1 एसिड अटैक का अपराध भी दर्ज है। वर्ष 2023 में उत्तराखंड के सभी जिलों में दहेज उत्पीड़न के कुल 1016 अपराध दर्ज हुये हैं। इसमें सर्वाधिक 382 देहरादून जिले में, दूसरे स्थान पर 249 उधमसिंह नगर जिले में, तीसरे स्थान पर 203 हरिद्वार जिले तथा चौथे स्थान पर 110 नैनीताल जिले में दर्ज हुये है। इसके अतिरिक्त अल्मोड़ा में 11, बागेश्वर में 3, चम्पावत में 9, पौड़ी गढ़वाल में 15, पिथौरागढ़ मंें 13, टिहरी गढ़वाल में 15, उत्तरकाशी में 4 तथा चमोली और रूद्रप्रयाग जिलों में 1-1 दहेज उत्पीड़न का अपराध दर्ज हुआ है।
वर्ष 2023 में महिला अपहरण के 698 अपराध उत्तराखंड के 12 जिलों में दर्ज हुये है केवल टिहरी गढ़वाल में ही अपहरण का कोई अपराध नहीं हुआ हैं। अपहरण के सर्वाधिक 183 अपराध हरिद्वार जिले तथा दूसरे स्थान पर 178 अपराध देहरादून व उध्मसिंह नगर जिलों, तीसरे स्थान पर 44 अपराध नैनीताल जिले, चौथे स्थान पर 27 अपहरण अल्मोड़ा जिले में दर्ज किये गये है। इसके अतिरिक्त चमोली में 15, चम्पावत में 12, पौड़ी गढ़वाल में 22, पिथौरागढ़ में 20, रूद्रप्रयाग में 8, उत्तरकाशी में 9 तथा बागेश्वर में 1 अपराध दर्ज हुआ है जबकि 1 अपहरण रेलवे पुलिस जीआरपी में भी दर्ज हुआ है।
महिला पर हमले के उत्तराखंड में दर्ज 624 अपराधों में सर्वाधिक 156 देहरादून, दूसरे स्थान पर 146 हरिद्वार, तीसरे स्थान पर 128 उधमसिंह नगर, चौथे स्थान पर 104 नैनीताल जिले में दर्ज हुये है। अन्य जिलों में अल्मोड़ा में 15, बागेश्वर में 4, चमोली में 7, चंपावत में 13, पौड़ी गढ़वाल में 14, पिथौरागढ़ में 22, रूद्रप्रयाग में 2, टिहरी गढ़वाल में 8 तथा उत्तरकाशी में 5 अपराध दर्ज हैं।
महिला अपमान के उत्तराखंड में दर्ज 26 अपराधों में सर्वाध्कि 11 देहरादून जिले, दूसरे स्थान पर 8 हरिद्वार, तीसरे स्थान पर 3-3 अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ तथा चौथे स्थान पर 1 चमोली में दर्ज हुये हैं। अन्य 8 जिलों में महिला अपमान का कोई अपराध दर्ज नहीं हुआ है।
अपराध में दर्ज अनैतिक व्यापार के 26 अपराध केवल 4 जिलों में दर्ज किये गयेे हैं। जिसमें देहरादून में 10, नैनीताल में 7, हरिद्वार में 6 अपराध शामिल है।

बनारस मीट्स बर्लिन : इंडो-जर्मन प्रेम कहानी को रेखांकित करता एक बेहतरीन उपन्यास

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देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से आज सायं डॉ. योजना साह जैन की नई पुस्तक बनारस मीट्स बर्लिन का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण के पश्चात इस पुस्तक के विविध पक्षों पर निकोलस हॉफलैण्ड ने लेखिका डॉ. योजना साह से बातचीत भी की। ज्ञातव्य है कि दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र समय-समय पर सामाजिक विज्ञान,पर्यावरण,लोक परंपरा, लोक कला, इतिहास,पत्रकारिता से जुड़े विषयों पर पुस्तक लोकार्पण, गोष्ठी, व्याख्यान, चर्चा, गीत-संगीत, फीचर व वृत्तचित्र फिल्मों के माध्यम से कार्यक्रमों की श्रंखला का प्रस्तुतिकरण करता रहा है।
आज के कार्यक्रम में लोकार्पित की गई पुस्तक ‘बनारस मीट्स बर्लिन‘ पर निकोलस ने लेखिका योजना साह से पुस्तक के अनेक महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर सवाल करते हुए बातचीत की। यह पुस्तक एक इंडो-जर्मन प्रेम कहानी को बहुत शानदार तरीके से रेखांकित करते हुए कई महत्वपूर्ण सर्न्दभों को उद्घाटित करती है जहां प्यार कोई सीमा नहीं जानता, वह उम्र, धर्म, विश्वास या मानचित्र पर खींची गई रेखाओं के प्रति अडिग होता है। ऐसे देश में जहां अंतर-क्षेत्रीय विवाह पर अब भी सवाल उठते हैं, सभी बाधाओं को पार करने वाली यह एक उम्दा प्रेम कहानी है।
रिचर्ड उर्फ़ रिकी, बर्लिन जो जीवंत क्लबों, महानगरीय स्वभाव और जर्मन की जीवंत राजधानी से भरा शहर है का एक लड़का है। रागिनी, इतिहास, धर्म और संस्कृति से समृद्ध एक प्राचीन शहर बनारस की एक चंचल और विद्रोही भावना वाली लड़की है। नियति की सनक से निर्देशित होकर मानो उनके रास्ते आपस में जुड़ते हैं, उल्लेखनीय रूप से विपरीत दुनिया से दो आत्माएं एक साथ मिलते हैं। अतृप्त जिज्ञासा और अदम्य लालसा से प्रेरित होकर, रिकी और रागिनी एक रोमांचक यात्रा पर निकल पड़ते हैं जो उनकी भावनाओं की सीमाओं को पार करती व उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल देती है। कोरोना महामारी और उसके गंभीर परिणामों की पृष्ठभूमि के मध्य, उनकी प्रेम कहानी उनके शहरों की नियति के साथ जुड़ जाती है। अभी भी वे साझा हितों, अप्रत्याशित कोनों में खिलने वाले प्यार, भ्रम के क्षणों और गहन आत्म-खोज से निकलकर, एक विस्मयकारी रोलर कोस्टर की सवारी करते हैं।
डॉ. योजना साह जैन एक लेखिका, वक्ता और अंतर्राष्ट्रीय मंचों की कवयित्री हैं। 17 साल से अधिक के कॉर्पाेरेट करियर के साथ, उन्होंने फार्माकोलॉजी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। उनके पास भारत और जर्मनी दोनों में फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर क्षेत्र में व्यापक प्रशिक्षण व अनुभव है। हालाँकि, अपने कॉर्पाेरेट व्यक्तित्व से परे वह एक कलाकार के रूप में अधिक उभरती है, जो लेखन और कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए एक स्थायी जुनून से प्रेरित है। अनुसंधान, वैज्ञानिक और चिकित्सा क्षेत्रों में 16 वर्षों से अधिक के प्रभावशाली नेतृत्व के साथ, योजना ने भारत और जर्मनी में कई प्रतिष्ठित फार्मास्युटिकल बहुराष्ट्रीय कंपनियों में अपनी विशेषज्ञता को निखारा है।
डॉ. योजना साह की अब तक तीन कृतियां प्रकाशित हो चुकी हैं। इनकी भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित कागज़ पर फुदकती गिलहरियाँ नामक एक बहुप्रशंसित कविता संग्रह और प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इमली का चटकारा नामक एक कहानी संग्रह प्रकाशित हैं । बनारस मीट्स बर्लिन योजना द्वारा रचित पहला उपन्यास है। डॉ. योजना को उनकी कविता के सन्दर्भ में राष्ट्रीय टेलीविजन पर शैलेश लोढ़ा द्वारा संचालित वाह भाई वाह नामक शो में भी सम्मानित किया गया था।
शुरुआत में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित लोगों का अभिनन्दन किया। प्रफुल्ल जैन और वेदांत चौधरी ने इस उपन्यास पर वक्तव्य दिया और गौरवी व निकोलस ने लेखिका से बातचीत की।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. लालता प्रसाद, शिव प्रसाद जोशी, शोभा शर्मा, दर्द गढ़वाली, रंजना, डॉ.मनोज कुमार पँजानी , सुंदर सिंह बिष्ट, शैलेन्द्र नौटियाल सहित अनेक साहित्य प्रेमी, लेखक, साहित्यकार, प्रबुद्ध जन तथा दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के सदस्य और युवा पाठक उपस्थित रहे।
‘बनारस मीट्स बर्लिन’ पुस्तक प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित है और एमज़ोंन और फ़्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध है।

दिव्य प्रेम सेवा मिशन की देहरादून इकाई गठित : लक्ष्मी प्रसाद जयसवाल संरक्षक, सतेन्द्र सिंह को मिली जिला संयोजक की जिम्मेदारी

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देहरादून, राजधानी देहरादून के चकराता रोड स्थित आई टी एम इन्स्टीट्यूट में राष्ट्रीय स्तर की समाजसेवी संस्था दिव्य प्रेम सेवा मिशन की देहरादून ईकाई की अहम् बैठक हुई।
इस अवसर पर अपने असाधारण सामाजिक कार्यों से पूरे देशभर विशेष पहचान बना चुके अशीष गौतम की मार्गदर्शन में इस बैठक में देहरादून ईकाई के लिये पदाधिकारियों और सदस्यों का चयन किया गया।
बता दें कि संस्था के संस्थापक अशीष गौतम ने देहरादून संरक्षक के तौर पर लक्ष्मी प्रसाद जयसवाल, संयोजक के तौर पर सतेन्द्र सिंह, उप संयोजक के तौर पर अनिल मिश्रा, कोषाध्यक्ष हेतु ओंकार त्रिपाठी का नाम प्रस्तावित किया तो वही 20 कार्यकारणी सदस्य भी चूने गए।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें, ने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन जिस तरह से 28 परकल्पों के मध्यम से सेवा कार्य कर रही है उसकी जितनी सराहना की जए वह कम है। साथ ही उन्होंने संस्थापक अशीष गौतम को भरोसा दिलाते हुये कहा कि देहरादून की ईकाई भी इन सभी सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों को पूरे ऊर्जा और उमंग से करेगी।
इस दौरान राज किशोर जैन, स्वपनिल सिन्हा, संदीप कुमार, राज बहादुर थापा, एस०पी०सिंह, पूनम सिंह, सुभाष वर्मा, सुरेन्द्र नौटीयाल, के०के०सिंह, प्रवीण त्रिपाठी, नरेन्द्र लाल, मुकेश यादव, अरुण कुमार राठौर, सुनील कुमार, मनीष प्रजापति, राकेश शर्मा, मनीष कुमार, रान्जुल कुमार तथा विवेक श्रीवास्तव को सदस्य नामित किया गया है |

स्पिक मैके स्टेट कन्वेंशन कला और संस्कृति के जीवंत उत्सव के साथ हुआ संपन्न

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देहरादून: भारतीय संस्कृति और कला का जीवंत उत्सव तीन दिवसीय स्पिक मैके स्टेट कन्वेंशन आज यूनिसन वर्ल्ड स्कूल में संपन्न हुआ। इस कन्वेंशन में कलात्मक प्रदर्शनों और समृद्ध कार्यशालाओं की मंत्रमुग्ध कर देने वाली शृंखला देखी गई।

कन्वेंशन के आख़िरी दिन की शुरुआत माइंडफुल योग कार्यशाला से हुई। एसएनए पुरस्कार विजेता विदुषी पार्वती बाउल का प्रदर्शन मुख्य आकर्षण रहा, जिसके दौरान उन्होंने कृष्ण लीला के विभिन्न छंदों को सुरीले ढंग से प्रस्तुत किया। इसके बाद पद्म श्री विदुषी मालिनी अवस्थी ने मनमोहक प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने माता यशोदा द्वारा कृष्ण को जगाने के साथ-साथ ठुमरी और झूला सहित अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

यह कार्यक्रम विभिन्न गुरुओं के नेतृत्व में गहन कार्यशालाओं के साथ जारी रहा। तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान तबला, ओडिसी नृत्य, टाई एंड डाई, पटुआ पेंटिंग, कथक, कर्नाटक गायन, कांगड़ा पेंटिंग, हिंदुस्तानी गायन, कुचिपुड़ी, भरतनाट्यम, सिक्की ग्रास क्राफ्ट, गोंद पेंटिंग और थिएटर प्ले पर कार्यशालाएँ आयोजित की गईं। इन सत्रों का समापन छात्रों द्वारा एक प्रदर्शन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सम्मेलन के दौरान सीखे गये कौशल का प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम के बारे में बताते हुए, स्पिक मैके उत्तराखंड की चेयरपर्सन विद्या वासन ने कहा, “यह तीन दिन कला और संस्कृति के अविश्वसनीय दिन रहे हैं। पहले दिन नया थिएटर द्वारा ‘राज रक्त’ नामक नाट्य प्रस्तुति का आयोजन किया गया। इसके बाद पद्म भूषण विदुषी सुधा रघुनाथन द्वारा कर्नाटक गायन पर शास्त्रीय प्रस्तुति आयोजित हुई, जिसमें उन्होंने राग बिहाग प्रस्तुत किया और तिल्लाना सहित कई अन्य रचनाएँ गाईं। इसके बाद पद्म भूषण पंडित विश्व मोहन भट्ट ने मोहन वीणा पर राग श्याम कल्याण बजाया, और उनकी ग्रैमी पुरस्कार विजेता कृति ‘मीटिंग बाय द रिवर’ को दर्शकों ने खूब सराहा।”

आगे बताते हुए, स्पिक मैके के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आर.एम. तिवारी ने कहा, “कन्वेंशन का दूसरा दिन भी काफ़ी रोमांचक रहा। इसकी शुरुआत प्रतिभागियों के लिए योग निद्रा से हुई, जिसके बाद डॉ. अर्शिया सेठी ने एक वार्ता सत्र आयोजित किया। अपने व्याख्यान में डॉ. सेठी ने कला के प्रति सम्मान और समर्पण की भावना पैदा करके व्यक्तित्व विकास की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कला मनोरंजन से कहीं बढ़कर है; यह साधना का एक रूप है, एक अनुशासित और समर्पित अभ्यास है। इस दिन कई आकर्षक प्रस्तुतियाँ हुईं, जिनमें कथक उस्ताद पंडित दीपक महाराज द्वारा जटिल पदचिह्न और सटीक लयबद्ध हरकतें, उत्तराखंड की भोटिया सांस्कृतिक कला मंच समिति द्वारा पारंपरिक मुखोटा नृत्य, पंडित ओमकार दादरकर द्वारा हिंदुस्तानी गायन और पंडित कुशल दास द्वारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला सितार वादन शामिल रहा।”

विद्या ने इस सम्मेलन को सफल बनाने में अपने अमूल्य सहयोग के लिए सभी कलाकारों, भाग लेने वाले स्कूलों, प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और छात्रों का धन्यवाद किया।

यूनिसन वर्ल्ड स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. मोना खन्ना ने सम्मेलन की जबरदस्त सफलता के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए अपना समय समर्पित करने वाले सभी कलाकारों को दिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने डॉ. आर.एम. तिवारी, विद्या वासन, राधा चटर्जी, रूपी महेंद्रू, अंजलि भरतरी और ललित मोहन पुरोहित सहित स्पिक मैके की टीम को उनके अपार सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर, प्रसिद्ध हिंदुस्तानी गायक ओमकार दादरकर ने कहा, “ऐसे ग्रहणशील छात्रों को हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन सिखाना एक अद्भुत अनुभव रहा है। उन्होंने राग भीमपलासी में तीन रचनाएँ जल्दी ही सीख लीं और भारतीय शास्त्रीय संगीत में वास्तविक रुचि दिखाई। मेरा मानना है कि इनमें से कई छात्रों में सही मार्गदर्शन के साथ गायक बनने की क्षमता है।”

तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान, छात्रों ने प्रशंसित गुरुओं के मार्गदर्शन में अत्यधिक ज्ञान और कौशल प्राप्त करते हुए व्यावहारिक कार्यशालाओं में हिस्सा लिया। इस अनूठे अनुभव ने उन्हें कला रूपों से गहराई से जुड़ने और सीधे गुरुओं से सीखने का मौका दिया, जो की अपने आप में समृद्ध और परिवर्तनकारी था।

कार्यक्रम का समापन सभी गुरुओं को हार्दिक बधाई देने के साथ हुआ, जिसमें कन्वेंशन की सफलता में उनके अमूल्य योगदान को मान्यता दी गई। उत्तराखंड के विभिन्न स्कूलों और विश्वविद्यालयों से 2,000 से अधिक छात्रों ने कन्वेंशन में भाग लिया।