Wednesday, April 30, 2025
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वक्फ बिल का विरोध करने पर 24 लोगों को नोटिस, 2-2 लाख रुपये के मुचलके की मांग

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नई दिल्ली, वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध करने के लिए काली पट्टी बांधने से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 24 लोग मुश्किल में पड़ गए हैं। अधिकारियों ने नोटिस जारी कर उनमें से प्रत्येक से 2 लाख रुपये के मुचलके की मांग की है। पुलिस अधीक्षक (शहर) सत्यनारायण प्रजापत ने शनिवार को संवाददाताओं को जानकारी देते हुए बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 24 लोगों की पहचान की गई है, जिसके बाद उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं l
पुलिस रिपोर्ट के आधार पर सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने नोटिस जारी कर 24 लोगों को 16 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने और शांति बनाए रखने के लिए 2-2 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया है। 28 मार्च को जुमा-उल-विदा के दिन ये लोग इलाके की विभिन्न मस्जिदों में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 के विरोध में काले बैज पहने हुए पाए गए। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने देश भर के मुसलमानों से वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के विरोध में रमजान के आखिरी शुक्रवार, जुमा-उल-विदा पर काली पट्टी बांधने का आग्रह किया था।
जिन लोगों को नोटिस मिले हैं, उन्होंने कहा कि उन्होंने शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध जताने के लिए काले बैज पहने हैं, उनका सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने या तनाव पैदा करने का कोई इरादा नहीं है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश करते हुए कहा कि प्रस्तावित कानून न तो मुसलमानों के खिलाफ है और न ही उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए है।

देर रात उत्तराखंड में मुख्यमंत्री ने 18 दर्जाधारी दायित्वधारियों को सौंपे विभागीय दायित्व

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जनहित में विभिन्न महानुभाव को विभागीय दायित्व सौंपे गये है। सौंपे गये विभागीय दायित्वों से प्रदेश में विभागीय जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आयेगी तथा उनके प्रभावी अनुश्रवण में भी मदद मिलेगी।

इस संबंध में जानकारी देते हुए सूचना महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा निम्न प्रकार से महानुभावों को दायित्व सौंपे गये हैं –
1. बलवीर घुनियाल उपाध्यक्ष, जड़ी-बूटी सलाहकार समिति
2. सुरेन्द्र मोघा उपाध्यक्ष, उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड
3. भुवन विक्रम डबराल उपाध्यक्ष, जड़ी-बूटी सलाहकार समिति
4. सुभाष बर्थवाल उपाध्यक्ष, राज्य निर्माण आंदोलनकारी सम्मान परिषद
5. पुनीत मित्तल उपाध्यक्ष, नगरीय पर्यावरण संरक्षण परिषद
6. गिरीश डोभाल उपाध्यक्ष, प्रदेशीय मौन परिषद
7. गीताराम गौड उपाध्यक्ष, उत्तराखंड जनजाति सलाहकार परिषद
8. डा. जयपाल उपाध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य उच्च शिक्षा उन्नयन समिति
9. देशराज कर्णवाल उपाध्यक्ष, समाज कल्याण योजनाएं एवं अनुश्रवण समिति
10. अजीत चौधरी उपाध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य किसान आयोग।
11. प्रताप सिंह पंवार उपाध्यक्ष, राज्य औषधीय पादप बोर्ड
12. जगत सिंह चौहान उपाध्यक्ष, राज्य स्तरीय लघु सिंचाई सलाहकार समिति
13. गीता रावत अध्यक्ष, राज्य स्तरीय सतर्कता समिति
14. शंकर कोरंगा उपाध्यक्ष, राज्य स्तरीय जलागम परिषद
15. महेश्वर सिंह महरा उपाध्यक्ष, चाय विकास सलाहकार परिषद
16. सरदार मनजीत सिंह सह अध्यक्ष, प्रदेश स्तरीय गन्ना विकास सलाहकार समिति
17. नवीन वर्मा उपाध्यक्ष उपाध्यक्ष, वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद्
18. अशोक नबयाल उपाध्यक्ष, उत्तराखंड जनजाति सलाहकार परिषद

सीएम के निर्देश, शिकायत पर सभी स्कूलों की खंगाली जा रही है कुंडली

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  -जिला प्रशासन के आक्रमक तबीयत के चलते एन मेरी स्कूल ने कम की फीस, 10 प्रतिशत् की दी अन्डरटेकिंग, 30 प्रतिशत् कर दी थी बढोतरी
  -10 प्रतिशत् से अधिक फीस गवारा नही प्रशासन को।
 – सीएम के निर्देश पर अभिभावकों बच्चों के शोषण पर जिला प्रशासन ने कसी नकेल,
 -डीएम की कोर टीम ने तरेरी नजर, नियम मानो नही तो लाईसेंस निरस्त, जडे़गा ताला
 -जिले में प्रथमबार शिक्षा के वाणिज्य पर पर सख्त एक्शन, पुस्तक माफियाओं के बाद, निजी स्कूल बैकफुट
 -निर्धारित मानक से अधिक फीस, अभिभावकों का शोषण नही
 -प्रशासन के रडार पर कई बडे़ निजी स्कूल, बाज आए शिक्षा के व्यापार से
 -फीस स्ट्रक्चर, भी किया सबमिट
देहरादून(आरएनएस)।   जिले में प्रथमबार शिक्षा माफियाओं पर जिला प्रशासन ने सख्त प्रवर्तन एक्शन की तैयारी कर ली है। सीएम के सख्त निर्देश है कि शिक्षा माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। वहीं जिलाधिकारी सविन बंसल शिक्षा माफियाओं पर सख्त रूख अपनाएं हुए हैं। विगत दिनों 04 बड़े पुस्तक भण्डार पर जीएसटी चोरी, बिल न देने, अनावश्यक सामग्री क्रय करने को विवश कर रहे थे, जिन पर सख्त एक्शन लेते हुए प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही दुकाने सील कर दी गई है।
जिला प्रशासन के आक्रमक के चलते एन मेरी स्कूल ने कम की फीस 10 प्रतिशत् अन्डरटेकिंग दी है जो कि पहले  30 प्रतिशत् कर दी थी बढोतरी कर दी थी।, जिला प्रशासन के आक्रमक रवैये से जहां  चलते निजी स्कूल पंक्तिबद्ध हुए हैं वहीं अभिभावकों को भी राहत मिलेगी। मा0 सीएम के निर्देश पर अभिभावकों बच्चों के शोषण पर जिला प्रशासन ने नकेल कसेने की पूर्ण तैयारी कर ली है। डीएम की कोर टीम  इन दिनों निजी स्कूलों पर नजर तरेरे हुए है। सख्त निर्देश है नियम मानो नही तो लाईसेंस निरस्त कर स्कूलों पर ताला जड़ दिया जाएगा। जिले में प्रथमबार शिक्षा के वाणिज्य पर सख्त एक्शन किया जा  रहा है पुस्तक माफियाओं के बाद, अब निजी स्कूल बैकफुट नजर अ रहे है। डीएम के सख्त निर्देश हैं कि निर्धारित मानक से अधिक फीस, अभिभावकों का शोषण बर्दाश्त नही किया जाएगा कहीं से शिकायत प्राप्त हुई तो इस सख्त-सख्त एक्शन किया जाएगा। वहीं प्रशासन के रडार पर कई बडे़ निजी स्कूल हैं।
जिला प्रशासन की सख्ताई के बाद अब एन मैरी स्कूल ने अपने पत्र में फीस बढोतरी को कम कर दी है। फीस बढोतरी को लेकर आए दिन अभिभावक परेशान होने तथा विभिन्न संगठनों पर धरना प्रदर्शन के साथ ही डीएम को ज्ञापन प्राप्त हो रहे थे। डीएम के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जनपद के तमाम निजी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों, प्रबन्धकों के साथ बैठक कर स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। शासनादेश के अनुरूप फीस वृद्धि 03 वर्ष में  10 प्रतिशत् बढोतरी ही कर सकते हैं इससे अधिक करने पर सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।निर्देशित किया कि पाठ्य-पुस्तकें बाजार में किसी भी विक्रेता के पास आसानी से कम मूल्य पर उपलब्ध हो,सभी विद्यालय उत्तर पुस्तिकाओं कॉफी में विद्यालय के नाम के मुद्रण का चलन भी समाप्त किया जाय, जिससे अभिभावक खुले बाजार में किसी भी विक्रेता से उत्तर पुस्तिकायें क्रय कर सके।
जिले में संचालित समस्त विद्यालय अपने विद्यालय में प्रचलित छात्र गणवेश की जानकारी अपनी वेबसाईट के माध्यम से खुले बाजार में उपलब्ध करायेंगे। जिससे उनके विद्यालय प्रचलित छात्र गणवेश बाजार में किसी भी विक्रेता के पास आसानी से कम मूल्य पर उपलब्ध हो सके। विद्यालय गणवेश पर मुद्रित किये जाने वाले लोगो का भी व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें, जिससे कोई भी विक्रेता विद्यालय के गणवेश को अपनी दुकान पर आसानी से उपलब्ध करा सके। समस्त निजी विद्यालयों को निर्देशित किया जाता है कि वह शासनादेशों के अनुरूप अपने विद्यालयों में शुल्क वृद्धि तीन वर्ष के अन्तराल में अधिकतम 10 प्रतिशत से अधिक किसी भी दशा में नहीं करेंगे।
जनपद देहरादून के अन्तर्गत संचालित समस्त निजी विद्यालयों को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक शैक्षिक सत्र में किये जाने वाले शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे। शुल्क वृद्धि संबंधी प्रस्ताव मुख्य शिक्षा अधिकारी के अनुमोदन के उपरांत ही प्रत्येक शिक्षा सत्र में विद्यालय में लागू की जायेगी। ऐन मैरी स्कूल, जी.एम.एस. रोड को निर्देशित किया गया कि विद्यालय प्रशासन द्वारा शैक्षिक सत्र 2025-26 में बढ़ाई गयी शुल्क वृद्धि को तत्काल अधिकतम 10 प्रतिशत तक सीमिति करते हुए छात्रों से लिये गये अधिक शुल्क को आगामी माह में लिये जाने वाले शुल्क में समायोजित करना सुनिश्चित करें। स्कूल प्रशासन को यह भी निर्देशित किया कि वह विद्यालय को आर. टी.ई. के अन्तर्गत प्री-प्राईमरी से कक्षा-8 तक मान्यता प्राप्त करने तथा विद्यालय की पैतृक सोसायटी परिवर्तन करने हेतु 01 माह के अन्तर्गत आवेदन करना सुनिश्चित करें।  समर वैली स्कूल देहरादून द्वारा उपलब्ध कराये गये शुल्क वृद्धि प्रस्ताव के संबंध में विद्यालय प्रशासन को निर्देशित किया कि विद्यालय द्वारा कक्षा-9 में प्रस्तावित की गयी शुल्क वृद्धि को सीमित करते हुए शुल्क वृद्धि को वर्तमान सत्र में 6 प्रतिशत से अधिक किसी भी दशा में नहीं की जाय तथा पाठ्य-पुस्तकों की सूची तथा छात्र गणवेश की सूचना विद्यालय की वेबसाइट पर भी अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाय। सेंट जोसेफ स्कूल, देहरादून को निर्देशित किया कि वह तीन वर्ष के अन्तराल में अधिकतम 10 प्रतिशत से अधिक शुल्क वृद्धि नहीं करेंगे।

डीएम का माइक्रोप्लान कामयाब, बच्चे दिखा रहे शिक्षा में रूचि

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन एवं जिलाधिकारी सविन बंसल के सतत् प्रयासों से भिक्षावृत्ति, बाल मजदूरी से मुक्त कराए गए बच्चे राज्य के प्रथम इन्टेंसिव केयर शेल्टर में मुख्यधारा से जुड़ने लगे हैं, दिन प्रतिदिन बच्चों की संख्या भी बढती जा रही है। जहां बच्चें, संगीत, योग, खेल एक्टिविटी के साथ ही शिक्षा में रूचि ले रहे हैं।
जिलाधिकारी सविन बंसल हर क्षेत्र पर तेजी से कार्य कर हैं, वहीं  माइक्रोप्लान के तहत तैयार किए गए राज्य का पहला आधुनिक इन्टेंसिव केयर शेल्टर से जंहा भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को रेस्क्यू  कर आखर ज्ञान के साथ ही तकनीकि ज्ञान तथा संगीत एवं अन्य गतिविधि के माध्यम से मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है।
डीएम के माईक्रोप्लान से जहां सड़कों पर भिक्षावृत्ति करते बच्चों को रेस्क्स्यू कर मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। साधुराम इन्टर कालेज में बनाए गए आधुनिक इन्टेंसिव केयर शैल्टर में विशेषज्ञ शिक्षक अपनी-अपनी विधा योग, संगीत, खेल, मंचन, कम्प्यूटर शिक्षा से बच्चों को पारंगत कर रहे है।साधुराम इन्टर कालेज में बनाए गए  राज्य के पहले आधुनिक इन्टेसिंव केयर शैल्टर में बच्चों की शिक्षा के साथ ही कम्प्यूटर ज्ञान एवं संगीत के माध्यम से बच्चों को मुख्यधारा से जाड़ने के लिए कम्प्यूटर रूम, म्यूजिक रूम तैयार कर लिया गया है। अब भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किए गए बच्चे तकनीकि ज्ञान के साथ संगीत शिक्षा भी प्राप्त करेंगे। आधुनिक इन्टेंसिव केयर शेल्टर में प्रतिदिन 25-30 बच्चे कक्षाओं में पढाई कर हैं, जिनके भावी भविष्य को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों में रेस्क्यू किये बच्चों सहित संस्थानों एवं घरों से भी बच्चे आ रहे हैं। इस मुहिम से जहां बच्चों में शिक्षा के प्रतिरूचि बढ रही है वहीं संगीत, चित्रकला, कम्प्यूटर ज्ञान, खेल के माध्मय से बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ा जा रहा है। आधुनिक केयर शेल्टर में निजी स्कूल/संस्थान की भांति सुविधाएं विकसित की गई हैं।
साधुराम इंटर कॉलेज में बनाए जा रहे आधुनिक इन्टेंसिव केयर शैल्टर में भिक्षावृत्ति से मुक्त कराए गए बच्चों को अन्य बच्चों की  भांति मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मॉडल इन्टेसिव केयर शैल्टर को  युद्धस्तर विकसित किया जा रहा है, जिसमें बच्चों के शैक्षणिक एवं कौशल विकास  को विकसित करने हेतु  स्वंयसेवी, विशेषज्ञों द्वारा बच्चों के सर्वागीण विकास में योगदान दिया जा रहा है। जहां बच्चों के लिए पठन-पाठन हेतु कक्षा कक्ष को विकसित किया गया। अब उक्त परिसर में कम्प्यूटर उपकरण स्थापित कर दिए  गए हैं । साथ ही  संगीत  कक्ष स्थापित करते  हुए उपकरण को संजोया गया है। उक्त आधुनिक इन्टेंसिव केयर शैल्टर का उद्देश्य इन बच्चों को शैक्षिक विकास हेतु रूचि उत्पन्न करने हेतु  आदर्श वातावरण तैयार कर शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने कार्य किया जा रहा है। आधुनिक केयर शैल्टर में जहां बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था है वहीं बच्चों का नियमित स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है।

सीएम धामी के सख्त निर्देश पर नवरात्रि में खाद्य सुरक्षा को लेकर बड़ी कार्रवाई, 147 प्रतिष्ठानों पर छापे, 17 नमूने जांच को भेजे गए

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देहरादून, नवरात्रि पर्व के दौरान व्रत में उपयोग किए जाने वाले खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करने हेतु उत्तराखण्ड राज्य में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत कुट्टू के आटे एवं व्रत में प्रयोग होने वाले अन्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांच के लिए सघन निरीक्षण एवं नमूना संग्रहण किया जा रहा है।

आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि आज 04 अप्रैल को
राज्यभर में 147 प्रतिष्ठानों पर छापेमार कार्रवाई की गई। जिसमें से 17 नमूने जांच को भेजे गए। गढ़वाल मनलडल के विभिन्न जनपदों से कुल 11 खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए, जिनमें कुट्टू का आटा, सूजी, खाद्य तेल, सेंधा नमक, चीनी, चौलाई लड्डू, फलाहारी नमकीन, साबूदाना, काला नमक व सत्तू शामिल हैं। इन सभी नमूनों को विश्लेषण हेतु राजकीय खाद्य विश्लेषणशाला को भेजा गया है, जिसे रिपोर्ट शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य के 75 खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया है और यह कार्रवाई निरंतर जारी है। कुट्टू के संदूषित आटे से जनस्वास्थ्य को होने वाले संभावित खतरे को देखते हुए सख्ती से कार्यवाही की जा रही है।

72 खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण, खुले कुट्टू के आटे की बिक्री कहीं नहीं पाई गई

डॉ. आर. राजेश कुमार, आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तराखण्ड के दिशा-निर्देशन में कुमाऊं मंडल के सभी जनपदों – नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ एवं चम्पावत में खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा आज 04 अप्रैल को सघन निरीक्षण अभियान चलाया गया। इस दौरान लगभग 72 खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान कहीं भी खुले कुट्टू के आटे की बिक्री नहीं पाई गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि व्यापारियों द्वारा दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है। नैनीताल के रामनगर क्षेत्र से साबूदाना, सत्तू और काला नमक के नमूने लिए गए। बागेश्वर में कुट्टू के पैक्ड आटे एवं सूजी के नमूने तथा चम्पावत से साबूदाना का नमूना जांच हेतु लिया गया।कुल 06 खाद्य पदार्थों के नमूने राज्य खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला, रुद्रपुर को भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात यदि कोई नमूना मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो संबंधित खाद्य कारोबारियों के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत सख्त वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। उपायुक्त डॉ. राजेन्द्र सिंह कबायत ने नैनीताल में स्वयं निरीक्षण करते हुए खाद्य कारोबारियों को गुणवत्तायुक्त और सुरक्षित खाद्य सामग्री विक्रय करने के निर्देश दिए, अन्यथा कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।

कारगी के कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन की समस्या को मेयर से मिले सूर्यकांत धस्माना

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(के. एस. बिष्ट)

देहरादून, धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय राज्य मार्ग हरिद्वार बाई पास रोड में कारगी बंजारावाला ब्राह्मणवाला मंजरा आईएसबीटी के मध्य स्थित कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन की समस्या के समाधान की मांग को लेकर क्षेत्रीय नागरिकों व पार्टी पदाधिकारियों के बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना नगर निगम के महापौर सौरभ थपलियाल से उनके नगर निगम कार्यालय में मिले और मेयर को उक्त समय से अवगत करवाते हुए कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन को अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग की। इस दौरान सूर्यकांत धस्माना जो बीते दिनों को ही इस कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन का मौका मुआयना कर के आए थे ने मेयर सौरभ थपलियाल को बताया कि राष्ट्रीय राज मार्ग से सटा कर बनाए गए इस स्टेशन पर कूड़ा ढुलान व लदान का कार्य करने वाले वाहनों से हमेशा मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है और आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं।
उन्होंने कहा कि कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन पर जितना कूड़ा डाला जाता है और उतना उठान नहीं होता और रोजाना बचे हुए कूड़े से पूरे स्टेशन पर सौ मीटर से ज्यादा लम्बा कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है जिससे पूरे इलाके में एक किलोमीटर की परिधि में जुड़े की दुर्गंध व सड़ांध से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। धस्माना ने बताया कि स्थानीय नागरिकों ने शिकायत की है कि जब से यह कूड़ा पढ़ना शुरू हुआ है तब से क्षेत्र में मलेरिया, संक्रमित बीमारियों और डेंगू का प्रकोप हर साल लोग झेल रहे हैं।
इस अवसर पर धस्माना ने मेयर से कहा कि भाजपा सरकार ने देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए हैं किन्तु धर्मपुर छेत्र के इस कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन की दशा देख कर लगता है यह स्मार्ट सिटी के नाम पर बड़ा घोटाला किया गया है। उन्होंने मेयर से मांग की है कि वह सबसे पहले स्वयं एक बार इस कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन का मौका मुआयना करें व इसके बाद इसके स्थाई समाधान की कार्यवाही करें।
उन्होंने कहा कि अगर नगर निगम इस समस्या का समाधान शीघ्र नहीं करेगा तो मजबूरी में उनको स्थानीय नागरिकों को साथ में लेकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा। मेयर सौरभ थपलियाल ने धस्माना व उनके साथ पहुंचे प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वह बहुत जल्द ही कारगी जाकर स्वयं मौका मुआयना करेंगे और उसके स्थाई समाधान के लिए कार्ययोजना तैयार करेंगे।
उन्होंने कहा कि जनता की तकलीफ दूर करना उनकी प्राथमिकता है और निश्चित रूप से कूड़ा निस्तारण व प्रबंधन नगर निगम की जिम्मेदारी है जिसे हर हाल में वे निभाएंगे और जनता को आंदोलन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
इस अवसर पर धस्माना के साथ मेयर से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में नगर निगम पार्षद अभिषेक तिवारी, पार्षद जाहिद अंसारी,पार्षद संगीता गुप्ता, अनीस अंसारी, दिनेश सिंह कौशल, विशाल मौर्या, अनुराग मित्तल, ब्लॉक अध्यक्ष ललित भद्री, ब्लॉक अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता, वार्ड 84 बंजारावाला से पार्षद प्रतिनिधि जोगेंद्र रावत, विवेक घिल्डियाल, सूरज मेहरा, एडवोकेट अरुण ढौढियाल आदि स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

मोनाल सदन ने जीती अंतर्सदनीय कनिष्ठ ब्वॉयज टेबल टेनिस चैम्पियनशिप

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देहरादून, द हैरिटेज स्कूल के तत्वावधान में अंतर्सदनीय कनिष्ठ ब्वॉयज टेबल टेनिस प्रतियोगिता 2025 में मोनाल सदन ने एकतरफा मुकबले में 3-1 से जीत दर्ज करते हुए चैम्पियनशिप पर कब्जा किया।
यहां न्यू रोड स्थित द हैरिटेज स्कूल के तत्वावधान में अंतर्सदनीय कनिष्ठ ब्वॉयज टेबल टेनिस प्रतियोगिता 2025 में मोनाल सदन ने एकतरफा मुकबले में 3-1 से जीत दर्ज करते हुए चैम्पियनशिप पर कब्जा किया।
इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्य डाक्टर अंजू त्यागी ने छात्रों को खेलने के लिए प्रोत्साहित किया और और इस अवसर पर प्रधानाचार्य ने टेबल टेनिस का मैच का भरपूर आनंद लिया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य डाक्ट अंजू त्यागी ने विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अनेक छात्र छात्रायें एवं खेल प्रेमी उपस्थित रहे।

हडको देहरादून में संजय भार्गव ने कार्यभार ग्रहण किया

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देहरादून,  क्षेत्रीय कार्यालय हडको-देहरादून-में- आज संजय भार्गव द्वारा कार्यभार ग्रहण किया गया ।इस पूर्व वह 2021-23 में भी क्षेत्रीय प्रमुख उत्तराखंड रह चुके है।इससे पूर्व वह चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय कार्यभार देख रहे थे तथा 3 राज्यों हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश एवं केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ देख रहे थे।
श्री भार्गव विभिन्न राज्यों में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में लंबा अनुभव रखते है जिसका लाभ राज्य को मिलेगा ।
संजय भार्गव राज्य के विभिन्न संगठन जैसे पब्लिक रिलेशन सोसायटी , आर्ट ऑफ लिविंग, इको ग्रुप सोसायटी एवं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स उत्तराखंड चैप्टर में सक्रिय रहे है ।

श्री चैतन्या अकेडमी और इन्फिनिटी लर्न ने लॉन्च किया आत्रेय विशेष फीचर P²CBZ के साथ

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भारत, । श्री चैतन्या अकेडमी, इन्फिनिटी लर्न की एक पहल भारत का एकमात्र हाइब्रिड लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म जो बड़े पैमाने पर परिणाम आधारित शिक्षा प्रदान करता है ने आत्रेय को लांच किया, जो की एक अनूठा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट कार्यक्रम है। यह डिजिटल टूल और रियल-टाइम परफॉरमेंस ट्रैकिंग को जोड़ता है, जिसमें फिजिक्स विषय की कोचिंग पर विशेष ध्यान दिया जाता है जिसे नीट उम्मीदवारों के लिए एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। फिज़िक्स की कक्षाओं को दोगुना करके P²CBZ इस चुनौती का समाधान करता हे, जो छात्रों को नीट परीक्षा में टॉप करने के लिए एक निर्णायक बढ़त प्रदान करती हैं।

पिछले कुछ सालों में, नीट यूजी के लिए आवेदकों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है, 2020 में 15 लाख रजिस्ट्रेशन से लेकर 2024 में 24 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए है। श्री चैतन्या अकेडमी ने पिछले दस सालों में 1 लाख से अधिक डॉक्टर तैयार किए हैं, जिनमें से कई एम्स दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करते हैं| एम्स दिल्ली में पढ़ने वाले 24 प्रतिशत डॉक्टर इसी अकेडमी से हैं। पिछले दो सालों में, संस्थान ने लगातार नीट एयर में पहला स्थान प्राप्त करने वाले छात्र तैयार किए हैं। संस्थान की बेहतरीन शिक्षण प्रणाली और अनुभवी शिक्षकों की मदद से, ग्रेड XI के छात्रों को आत्रेय प्रोग्राम के माध्यम से सर्वोत्तम मार्गदर्शन दिया जाएगा, ताकि वे नीट में शानदार परिणाम हासिल कर सकें।

आत्रेय टेक्नोलॉजी की मदद से छात्रों के प्रदर्शन का विश्लेषण करके, उनकी कमजोरियों को पहचान कर कस्टमाइज्ड लर्निंग के तरीके बताता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है P²CBZ हर दिन चार क्लासेस फिज़िक्स, केमिस्ट्री, बॉटनी और जूलॉजी के लिए, और इसके साथ ही फिज़िक्स प्रैक्टिस के लिए एक अतिरिक्त 1 घंटे का विशेष सेशन। यह संरचना छात्रों को नीट की तैयारी को सहज और प्रभावी ढंग से करने में मदद करती है। इसके अलावा, छात्रों के संपूर्ण विकास के लिए, उनका तनाव दूर करने के लिए वर्कशॉप और कंसल्टेशन सेशन भी आयोजित किए जाते हैं।

सुषमा बोप्पना, इनफिनिटी लर्न की को-फाउंडर, श्री चैतन्या ग्रुप की सीईओ और डायरेक्टर ने कहा “आत्रेय के साथ, हमने व्यक्तिगत सलाह को अत्याधुनिक एआई तकनीक के साथ जोड़कर नीट कोचिंग में बदलाव लेकर आए है। हमारे एआई प्लेटफ़ॉर्म का रियल-टाइम विश्लेषण और हमारे अनुभवी शिक्षकों की मदद से, छात्रों को ऐसी जरूरी जानकारी मिलती है जो उनकी तैयारी को बेहतर बनाती है और उनके एमबीबीएस के सपने को हकीकत में बदलने में मदद करती है। नीट की तैयारी पढ़ाई के साथ-साथ भावनात्मक तत्परता के बारे में भी है। आत्रेय का समग्र विकास इको सिस्टम दोनों पहलुओं को संबोधित करता है, जिससे छात्रों को अपनी तैयारी के सफर में ध्यान और आत्मविश्वास बनाए रखने में मदद मिलती है।”

नए कार्यक्रम की विशेषताओं के बारे में बात करते हुए, उज्ज्वल सिंह, फाउंडिंग सीईओ ऑफ इनफिनिटी लर्न बाय श्री चैतन्या ने कहा, “सीखना एक सफर है, और ‘बच्चा सीखा की नहीं’ के हमारे आदर्श वाक्य से प्रेरित होकर, हम अपने शिक्षार्थियों को वे उपकरण प्रदान करते हैं जिनकी उन्हें उस सफर को अधिक स्पष्टता के साथ नेविगेट करने की आवश्यकता होती है। हमारा लक्ष्य टॉप लेवल के कॉलेजों में प्रवेश दिलाने वाले अग्रणी संस्थान बनना है। हमारा मिशन है हर इच्छुक छात्र को संसाधन उपलब्ध कराकर और उनकी कमजोरियों को मज़बूत बनाकर उन्हें सशक्त बनाना। हमारा P²CBZ दृष्टिकोण (दोगुनी फिज़िक्स की क्लास, साथ ही केमिस्ट्री, बॉटनी और जूलॉजी पर केंद्रित कोचिंग) यह सुनिश्चित करता है कि छात्र फिज़िक्स जैसे पारंपरिक रूप से कठिन माने जाने वाले विषय में उत्कृष्ट प्रदर्शन करें, और साथ ही केमिस्ट्री, बॉटनी और जूलॉजी जैसे अन्य विषयों में भी शीर्ष स्तर की परफॉर्मेंस बनाए रखें।

छह अप्रैल से होगी दून में नौ दिवसीय पुस्तक मेले की शुरुआत

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देहरादून। विद्या बुक कलेक्शन की ओर से नौ दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन होने जा रहा है। जिसकी शुरुआत रविवार 6 अप्रैल को होगी। इस मेले की खास बात है कि यहां बच्चों के लिए कई किताबो के साथ विशेष तौर पर पिलो और हैंगिंग बुक्स भी लायी गयी हैं। वहीं हिंदी के साथ अंग्रेजी और गढ़वाली किताबे भी यहां होंगी।
विद्या बुक कलेक्शन और कैफ़े के संस्थापक सतीश रावत ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बच्चों पर मोबाइल का असर है। ऐसे में आगे आने वाले समय मे वे शब्दविहीन हो जाएंगे। बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए ही
शिमला बायपास चौक के पास स्थित विद्या बुक कलेक्शन में पुस्तक मेला आयोजित किया जा रहा है। जो कि 6 अप्रैल से लेकर 14 अप्रैल तक रहेगा। उन्होंने बताया कि उनके यहां विशेष तौर पर छोटे बच्चों से लेकर युवाओ तक के लिए किताबे लायी गयी है। साथ ही यह मेला पुस्तक प्रेमियों के लिए भी एक सुनहरा अवसर है ।जहाँ विभिन्न विषयों, भाषाओं और विधाओं की पुस्तकों का संग्रह उपलब्ध रहेगा।
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मेले में ये किताबे खास रहेंगी।
• साहित्यिक कृतियाँ (हिंदी, अंग्रेज़ी एवं अन्य भाषाओं में)
• बाल साहित्य एवं चित्र पुस्तकों
• प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से संबंधित पुस्तकें
• धार्मिक और आध्यात्मिक पुस्तकें
• इतिहास, भूगोल और सामान्य ज्ञान की पुस्तकें
• विज्ञान, गणित और तकनीकी विषयों की पुस्तकें
• आत्मकथा, जीवनी और प्रेरणादायक पुस्तकें
• हेल्थ, फिटनेस और कुकिंग से जुड़ी पुस्तकें आदि।।