Monday, April 28, 2025
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खड़खड़ी से मोतीचूर हिल बाईपास की करायी जाये मरम्मत: अनिरूद्ध भाटी

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हरिद्वार 2 दिसंबर ( कुल भूषण)भूपतवाला क्षेत्र में पड़ने वाले हिल बाईपास की मरम्मत के लिए पार्षद अनिरूद्ध भाटी के नेतृत्व में व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों व क्षेत्रवासियों ने सीसीआर टावर जाकर कुम्भ मेला अधिकारी को हिल बाईपास की मरम्मत, पथ प्रकाश व्यवस्था के लिये ज्ञापन सौंपा।

इस अवसर पर पार्षद अनिरूद्ध भाटी ने कुम्भ मेला अधिकारी से उक्त विषय में वार्ता करते हुए कहा कि कुम्भ मेला 2021 के दृष्टिगत आपके विशेष प्रयासों से हिल बाईपास मार्ग की मरम्मत का कार्य करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिल्वकेश्वर मार्ग से प्रारम्भ होकर नई बस्ती खड़खड़ी, हरिद्वार तक हिल बाईपास मार्ग का प्रयोग होता था।

2016 के अर्द्धकुम्भ मेले में नई बस्ती रामगढ़ से इसका विस्तार मोतीचूर रेलवे स्टेशन मार्ग तक किया गया था। सूखी नदी (बागरो) पर पुल निर्माण के चलते भूपतवाला, खड़खड़ी, नई बस्ती के अधिकांश लोग आवागमन के लिये उक्त मार्ग का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह मार्ग अनेक स्थानों पर क्षतिग्रस्त है, साथ ही पथ प्रकाश व्यवस्था बेहाल होने के चलते यहां अंधेरा पसरा रहता है। जंगल से सटे होने के कारण यहां जंगली जानवरों का खतरा सदैव बना रहता है तथा अंधेरा होने के कारण अराजक तत्व भी यहां डेरा जमाये रहते हैं। उक्त विषय में संज्ञान लेते हुए जनहित के इस मामले को कुम्भ मेला निधि से कराना उचित रहेगा।

इस अवसर पर मुख्य रूप से पार्षद विनित जौली, अनिल वशिष्ठ, सुनीता शर्मा, पार्षद प्रतिनिधि विदित शर्मा, मां गंगा भागीरथी व्यापार मण्डल के अध्यक्ष सूर्यकान्त शर्मा, शहर व्यापार मण्डल के महामंत्री अमित गुप्ता, समाजसेवी संजय वर्मा, दिनेश शर्मा, भारत नन्दा, सोनू पंडित, रूपेश शर्मा आदि समेत क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।

नगर निगम क्षेत्र में कूड़ा उठाने को लेकर चल रही है अनियमितताएं

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देहरादून नगर निगम क्षेत्र से रोज कूड़ा उठाने के संबंध में क्रमबद्ध डॉक्टर जोशी नगर स्वास्थ्य अधिकारी,चेन्नई की एमएसडब्ल्यू कंपनी के विदित नागर ऑपरेशन हैड (नगर निगम में कूड़ा उठाने हेतु प्राइवेट कंपनी), सुपरवाइजर तनुज उनियाल एवं फीडबैक पर वाइजर थर्ड पार्टी सुधीर कुमार से बात हुई।

विदित नागर ने कहां कि बात करके समस्या का हल करने की कोशिश करेंगे, सुपरवाइजर तनुज उनियाल ने अवगत कराया कि क्षेत्र में कूड़ा उठाने की गाड़ियों की कमी होने के कारण रोज को उठाना संभव नहीं हो पा रहा है फिर भी रोज कूड़ा उठाने की कोशिश करेंगे।

ज्ञात हो कि नगर निगम का लगभग 2 साल पहले चेन्नई की एमएसडब्ल्यू कंपनी से करार हुआ था एवं जनता को यह आश्वासन दिया गया था कि हर घर से रोज कोड़ा उठेगा, लेकिन समस्या जस की तस है किसी किसी क्षेत्र में तू जहां रोज घोड़ा उठता था कंपनी के करार होने के बाद एक दिन छोड़कर कूड़ा उठने लगा। नगर निगम क्षेत्र में कूड़े की गाड़ियां मनमर्जी का शुल्क वसूल रही है ₹50 से लेकर ₹100 तक शुल्क वसूला जा रहा है वह भी जब गाड़ियां 1 दिन या 2 दिन छोड़ कर आ रही है।

क्षेत्र की जनता का कहना है कि जब सुनकर पूरा एवं दुगना भी लिया जा रहा है तो गाड़ियां रोज कूड़ा उठाने क्यों नहीं आ रही है एवं जब सरकार कंपनी के अलावा निजी वाहन भी मनमर्जी से कूड़ा उठा रहे हैं एवं अपनी मर्जी से शुल्क निर्धारण कर रहे हैं तो लोग सरकार कोई कार्यवाही क्यों नहीं करती है। इसकी लिखित शिकायत नगर आयुक्त एवं नगर स्वास्थ्य अधिकारी से भी की जा चुकी है ।

नगर निगम क्षेत्र में कूड़े की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिसकी वजह से लोग घोड़ा नालियों में एवं नालों में डाल देते हैं जो कि आगे जाकर चोक हो जाते हैं एवं कई समस्याएं पैदा करते हैं। इसके अलावा क्षेत्रों में सफाई का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। जहां एक तरफ कोरोना जैसी महामारी फैल रही है इसके बावजूद भी सफाई व्यवस्था पर नगर निगम का ध्यान नहीं जा रहा है।

नवनियुक्त भाजपा प्रदेश महामंत्री भट्ट एवं नवनियुक्त दर्जा राज्यमंत्री बंसल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भगत का आशीर्वाद लिया

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देहरादून। भाजपा के नव नियुक्त प्रदेश महा मंत्री श्री सुरेश भट्ट व नव नियुक्त दर्जा राज्यमंत्री तरुण बंसल ने आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष  बंशीधर भगत से उनके हल्द्वानी स्थित आवास पर भेंट की व आशीर्वाद लिया ।
इस मौक़े पर  भगत ने शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि  सुरेश भट्ट जो पूर्व में हरियाणा में प्रदेश महामंत्री संगठन का दायित्व निभा चुके हैं के लम्बे अनुभव व योग्यता का लाभ उत्तराखंड में भाजपा संगठन को निश्चित तौर पर मिलेगा और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार होगा ।

उन्होंने कहा कि  तरुण बंसल भी लगातार संगठन में अनेकों दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं, ।उन्हें उत्तराखंड सरकार में दर्जा मंत्री का दायित्व मिलने से कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल है।

भगत ने मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र रावत द्वारा सरकार में 10 दर्जाधारी नियुक्त करने हेतु धन्यवाद व्यक्त किया और कहा कि 2022 में उत्तराखंड भाजपा की निश्चित तौर पर पहले से अधिक बहुमत प्राप्त कर सरकार बनाएगी।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष  प्रदीप बिष्ट ,महापौर  जोगेंद्र रौतेला,जिला महामंत्री  कमल नयन जोशी  प्रदीप जनौटी  साकेत अग्रवाल  प्रताप बिष्ट  विनीत अग्रवाल  प्रकाश पटवाल एवं अनेकों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

कोविड के लंबे लाॅकडाउन के बाद पुनः गुलजार हुई शूटिंग रेेंज

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देहरादून। कोविड के खौफ के बीच युवाआंे में इंनडोर गेमस का क्रेज बढ़ा है। इसी में एक अंतराष्ट्रीय खेल है शूटिंग, जिसमें इन दिनों युवाओं का उत्साह देखते ही बन रहा है। एक बार पुनः राजधानी की शूटिंग रेंजस प्रशिक्षणार्थियोें से गुलजार होने लगी है।

राजधानी डालनवाला स्थित दून इंस्टीट्यूट आॅफ शूटिंग एंड स्पोर्टस के कोच मयंक मारवाह ने कहा कि हमने कोविड को ध्यान में रखते हुए अपनी शूटिंग रेंज को लोगों की बहुत डिमांड के बाद पुनः आरम्भ कर दिया है। सतर्कता बरतते हुुए न सिर्फ छात्रों का रोज टेंपरेचर चेक किया जा रहा है बल्कि नियमित सैनिटाइजेशन का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। मयंक मारवाह न सिर्फ दून इंस्टीट्यूट आॅफ शूटिंग एंड स्पोर्टस में शूटिंग का प्रशिक्षण देते है बल्कि दून स्कूल, व्हैलम गर्लस, आर्यन स्कूल, डीपीएस आदि स्कूलों मंे भी प्रशिक्षण देते आ रहे है।

उन्होंने कहा कि कोविड और लाॅकडाउन में बच्चे फिजिकली और मेंटली बहुत अनफिट भी हुए जिसे देखते हुए सभी एजग्रुप के लिए दोनो पिस्टल और राइफल ट्रेनिंग में फिजिकल और मेंटल ट्रेनिंग कार्यक्रम भी रखे गए है जिन्हें छात्र बहुत सराह रहे है।

श्री मारवाह ने कहा कि शूटिंग न सिर्फ एक खेल है बल्कि इन दिनों स्ट्रेस बस्टर भी साबित हो रहा है। छात्र यहां न सिर्फ किसी प्रतियोगिता की तैयारी के लिए आ रहे है बल्कि शौकिया भी इस खेल को अपना रहे है।
श्री मारवाह ने बताया कि छात्रों की सुविधानुसार ही कोर्स और प्रोग्राम डिजाइन किए जाते है जिससे उन पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त मानसिक और शारीरिक प्रेशर न पड़े। उन्होंने बताया कि उनकी अकादमी में 2021 की नेश्नल चैंपियनशिप की भी तैयारी आरम्भ कर दी गई है।

मिस्टर एंड मिस डीसी इंडिया 2020 : देश के 30 मॉडल ने किया प्रतिभाग, आज होगा ग्रैंड फिनाले

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देहरादून, मिस्टर एंड मिस डीसी इंडिया 2020 सीजन 5 की फर्स्ट लुक लॉन्चिंग सिटी के एक होटल में हुई, इस मॉडल8 शो में देश भर के विभिन्न राज्यों से आये 30 मॉडल ने प्रतिभाग किया , जिसमें 15 युवक व 15 युवतियां शामिल रही, फर्स्ट लुक लॉन्च के बाद प्रतिभागियों के टेलेंट राउंड हुआ जिसमें डांस सिंगिंग मिमिक्री डायलॉग डिलीवरी के साथ सभी ने अपना टेलेंट का हुनर दिखाया।

शो के आयोजक मशहूर फैशन डिजाइनर सूफी साबरी ने बताया कि ये एक ऐसा शो है जिसमे प्रतिभागी बिना किसी ट्रेंनिंग के बिना किसी ग्रूमिंग के सीधे ग्रेंड फिनाले के लिए चुने गए हैं, यह मंच युवाओ में छिपी प्रतिभा को निखारने के लिए सबसे उपयुक्त मंच हैं, सूफी ने बताया कि उन्होंने इस शो में पहली बार कोविड 19 को देखते हुए स्टाइलिश मास्क राउंड भी कराया हैं। और साथ ही कोरोना से आई मायूसी से युवाओ को उभारने का प्रयास भी इस शो के माध्यम से किया गया हैं। इस शो का 2 दिसंबर को ग्रैंड फिनाले होटल सॉलिटेयर में होगा।

अब पेटीएम के मर्चेंट पार्टनर्स मुफ्त में कर सकते हैं पेटीएम वॉलेट, यूपीआई एप्स और रूपे कार्ड्स से पेमेंट स्वीकार

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देहरादून-  भारत की अग्रणी डिजिटल फाइनेंसियल सर्विसेज प्लेटफार्म पेटीएम ने आज व्यापारिक लेन-देन पर सभी शुल्कों को माफ करने की घोषणा की है। कंपनी अब जीरो शुल्क पर मर्चेंट पार्टनर्स को पेटीएम वॉलेट, यूपीआई एप्स और रूपे कार्ड्स से पेमेंट स्वीकार करने में सक्षम बनाकर पेमेंट प्रक्रिया को अगले स्तर तक ले जा रही है। अभी चल रहे महामारी के दौरान एमएसएमई को सपोर्ट करने के लिए पेटीएम, बैंकों एवं अन्य शुल्कों द्वारा वार्षिक मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) में 600 करोड़ रुपये को खर्च वहन करेगा। यह पहल उन्हें अपने कारोबार को और विस्तार प्रदान करने के लिए समुचित नगदी सुनिश्चित में मददगार साबित होगा।

इस पहल से पेटीएम इकोसिस्टम पर 17 मिलियन से अधिक व्यापारियों को फायदा होगा, जो अपने ग्राहकों से भुगतान स्वीकार करने के लिए पेटीएम ऑल-इन-वन क्यूआर, पेटीएम साउंडबॉक्स और पेटीएम ऑल-इन-वन एंड्रॉइड पीओएस (च्व्ै) का उपयोग करते हैं। व्यापारियों को यह चुनने की भी सुविधा होगी कि वे भुगतान को सीधे अपने बैंक खातों में जमा करा सकते हैं या सीधे अपने पेटीएम वॉलेट में भुगतान राशि प्राप्त कर सकते हैं। कंपनी पेटीएम वॉलेट, यूपीआई, रूपे, एनईएफटी और आरटीजीएस सहित अन्य सभी तरीकों के माध्यम से भुगतान की स्वीकृति को बढ़ावा दे रही है। साथ ही, व्यापारियों को बिना किसी शुल्क के पेटीएम ऑल-इन-वन क्यूआर से अनलिमिटेड भुगतान स्वीकार करने का अधिकार भी देती है।

पेटीएम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट कुमार आदित्य ने कहा, “हम अपने मर्चेन्ट पार्टनर्स को समर्थन देने और उनके कारोबार का विस्तार करने हेतु उनकी नगदी को बढ़ाने के लिए मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) का खर्च खुद वहन करेंगे। हमें विश्वास है कि इन शुल्कों को माफ करने से सभी एमएसएमई को पेटीएम ऑल-इन-वन क्यूआर, पेटीएम साउंडबॉक्स और पेटीएम ऑल-इन-वन एंड्रॉइड पीओएस डिवाइसों से सीधे अपने बैंक खातों में भुगतान एकत्र करने में फायदा मिलेगा। पेटीएम ऑल-इन-वन क्यूआर व्यापारियों के लिए हमेशा से डिजिटल पेमेंट्स स्वीकार करने का सबसे अच्छा तरीका रहा है, क्योंकि यह किसी भी यूपीआई ऐप और रूपे कार्ड से बिना किसी शुल्क के अनलिमिटेड भुगतान स्वीकार करता है। अब तो यह सुविधा पेटीएम वॉलेट के साथ भी है। यह कदम व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट्स को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे डिजिटल इंडिया मिशन को और भी मजबूती मिलेगी। ”

पेटीएम एमएसएमई को वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहा है और 2021 तक लोन में 1000 करोड़ रुपए चुकाने का लक्ष्य भी रखा है। कंपनी ‘मर्चेंट लेंडिग प्रोग्राम’ के तहत पेटीएम फॉर बिजनेस ऐप पर कस्टमर्स को कोलेटरल-फ्री लोन प्रदान कर रही है। कर्ज के लिए कौन योग्य है और कौन नहीं इसका फैसला पेटीएम ऐप के एल्गोरिद्म के आधार पर किया जाता है। ये पैटर्न दैनिक लेनदेन के आधार पर व्यापारी की क्रेडिट-योग्यता को निर्धारित करता है और पूर्व-योग्य ऋण की पेशकश करता है। इसने ऋण आवेदन से लेकर अप्रूवल तक की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल कर दिया है। साथ ही, एनबीएफसी और बैंकों के साथ साझेदारी में बिना किसी अतिरिक्त डॉक्युमेंट्स के लोन प्रदान कर रही है।

किसानों ने एक्सपर्ट कमेटी बनाने की पेशकश की खारिज, बोले कुछ तो हासिल करेंगे, भले गोली हो या….!

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नई दिल्ली, किसानों ने एक्सपर्ट कमेटी बनाने की पेशकश खारिज की, बोले- कुछ तो हासिल करेंगे, भले गोली हो या हल, केंद्र ने बैठक में किसानों को प्रस्ताव दिया कि कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए कमेटी बना दी जाए
किसानों ने इस पर कहा- कानून ही खत्म करें, क्योंकि ये किसान समाज के हितों के खिलाफ हैं

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से मंगलवार को केंद्र सरकार ने 2 फेज में करीब ढाई घंटे तक बातचीत की। नतीजा कुछ नहीं निकला। सरकार ने किसान प्रतिनिधियों के सामने मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) पर पावर प्रेजेंटेशन दिया। उनके सामने प्रस्ताव रखा कि नए कानूनों पर चर्चा के लिए कमेटी बनाई जाए। पर, बात नहीं बनी। किसानों ने ये पेशकश सिरे से खारिज कर दी।

मीटिंग के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, ‘बातचीत अच्छे माहौल में हुई। हमने किसानों से आंदोलन खत्म करने की बात कही, पर ये फैसला किसान ही करेंगे। हमने कहा कि कमेटी बना दें, पर किसान चाहते थे कि सभी लोग मिलकर ही बातचीत करें।’

इस बयान के बाद ही प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसान नेता चंदा सिंह ने कहा- हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम कुछ तो हासिल करेंगे, भले गोली हो या फिर शांतिपूर्ण हल। हम आगे भी चर्चा के लिए आएंगे।

सरकार का प्रस्ताव: केंद्र ने कहा कि 5 सदस्यीय कमेटी बनाई जाए। इसमें केंद्र और किसानों के प्रतिनिधियों के अलावा एक्सपर्ट शामिल हों। किसानों की कानून को खत्म करने की मांग खारिज कर दी। कहा कि कानूनों से जुड़ी खास परेशानियों को बुधवार तक बताएं ताकि 3 दिसंबर को होने वाली मीटिंग में इस पर चर्चा हो सके।

किसानों का जवाब: कमेटी बनाने की सिफारिश खारिज कर दी कहा कि पहले भी ऐसी कमेटियां बनाई गईं, पर कोई नतीजा हासिल नहीं हो सका। जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं, पूरे देश में आंदोलन और तेज किया जाएगा।

नतीजा क्या निकला : कोई नतीजा नहीं निकला। अक्टूबर, नवंबर और अब दिसंबर, 3 महीने में 3 बार केंद्र ने किसानों से चर्चा की। मंगलवार को हुई बैठक में नतीजा निकलने की उम्मीद थी, क्योंकि 6 दिन से जारी उग्र प्रदर्शन के चलते सरकार ने भी इस बार बिना शर्त किसानों को बातचीत के लिए बुलाया था। अब 3 दिसंबर को होने वाली बैठक पर नजरें हैं।

सरकार ने दो बार शर्त रखी थी

सरकार पहले इस बात पर अड़ी थी कि किसान 3 दिसंबर को बातचीत के लिए आएं। सोमवार को सरकार ने यह जिद छोड़ दी और 1 दिसंबर दोपहर 3 बजे 35 किसान नेताओं को बातचीत का न्योता भेजा।
इससे पहले सरकार ने किसानों से कहा था कि वे प्रदर्शन खत्म कर बुराड़ी आ जाएं तो बातचीत पहले भी हो सकती है। किसान इस पर नहीं माने।
32 साल बाद ऐसा आंदोलन, 36 घंटे में सरकार की तीसरी बैठक
सिंघु बॉर्डर 32 साल बाद सबसे बड़े किसान आंदोलन का गवाह बना है। 1988 में महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के 5 लाख किसान यहां जुटे थे। इस बार किसानों के मुद्दे पर सरकार 36 घंटे में तीन बैठकें कर चुकी है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर मंगलवार को हुई मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद थे। बैठक में शामिल होने के लिए शाह BSF के राइजिंग डे इवेंट में नहीं गए |

प्रदर्शन कर रहे किसानों के 35 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के बाद केंद्र ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा के किसानों से बातचीत की।
3 बजे से शाम 5 बजे तक पहले दौर की बातचीत हुई। इसके बाद करीब 6 बजे फिर चर्चा शुरू हुई और करीब 30 मिनट में खत्म हो गई।
हरियाणा की 130 खाप पंचायतों ने किसान आंदोलन में शामिल होने का ऐलान किया है। पंजाब में भी पंचायतों ने हर घर से एक मेंबर को धरने में शामिल होने के लिए कहा है।
दिल्ली की टैक्सी और ट्रांसपोर्ट यूनियन भी किसानों के समर्थन में आ गई। उन्होंने कहा कि अगर दो दिन में कोई हल नहीं निकला तो हड़ताल करेंगे।
हरियाणा के निर्दलीय विधायक और सांगवान खाप के प्रमुख सोमबीर सांगवान ने खट्टर सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। चरखी दादरी में सांगवान ने कहा- किसानों पर हुए अत्याचारों को देखकर मैं सरकार से अपना समर्थन वापस लेता हूं।
CAA के खिलाफ शाहीन बाग के प्रदर्शन में शामिल हुईं 82 साल की बिल्किस बानो को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वे सिंघु बॉर्डर पर पहुंची थीं।
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को समर्थन देने दिल्ली-यूपी बॉर्डर पहुंचे।

बातचीत के न्योते पर भी हुआ विवाद
सरकार ने सोमवार देर रात किसानों को बातचीत का न्योता भेजा था। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि जो किसान नेता 13 नवंबर की मीटिंग में शामिल थे, उन्हें न्योता दिया गया है। हालांकि, इस पर विवाद हो गया।

दरअसल, कृषि विभाग के सचिव की तरफ से जारी हुई न्योते की चिट्‌ठी में 32 किसानों के नाम थे। ये सभी पंजाब के किसान नेता थे। ये हरियाणा के अपने साथियों का नाम भी शामिल करने का दबाव बनाने लगे। इसके बाद न्योते में हरियाणा से गुरनाम चढ़ूंनी और मध्यप्रदेश से किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्काजी का नाम शामिल किया गया।

सरकार की तरफ न्योते की यह चिट्‌ठी सोमवार देर रात जारी हुई थी।
कृषि विभाग के सचिव की तरफ से जारी इस चिट्‌ठी में 32 किसान नेताओं के नाम थे।

सरकार से बातचीत से पहले दिल्ली-UP बॉर्डर पर किसानों का गुस्सा देखा गया। गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड हटाने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया।

कनाडा के पीएम ने आंदोलन का समर्थन किया
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले पहले विदेशी नेता और राष्ट्राध्यक्ष बन गए हैं। उन्होंने हालात को चिंताजनक बताया। गुरुनानक देव के 551वें प्रकाश पर्व पर एक ऑनलाइन इवेंट के दौरान ट्रूडो ने कहा कि वे हमेशा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के पक्ष में रहे हैं। हमने इस बारे में भारत सरकार को अपनी चिंताओं के बारे में बता दिया है।

सरकार ने कनाडा के बयान को गैर-जरूरी बताया
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि किसानों के मुद्दे पर कनाडा के नेताओं के बयान गैर-जरूरी हैं। इनमें जानकारी की कमी लगती है। साथ ही कहा कि डिप्लोमैटिक चर्चाओं का इस्तेमाल राजनीतिक मकसद से नहीं होना चाहिए।

राहुल ने कहा- किसान को उसका अधिकार दीजिए
किसान आंदोलन और सरकार के रुख पर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा- अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण। किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है। जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए(साभार दैनिक भाष्कर)|

क्वालगांव में फूड प्वाइजनिंग से कई बीमार, छह अस्पताल में भर्ती

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उत्तरकाशी(बड़कोट), जनपद उत्तरकाशी की बड़कोट तहसील के ग्राम क्वालगांव में कल देर रात फूड प्वाइजनिंग से दर्जनों लोग बीमार होने की खबर है, जिनमें सात लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया है जहां डॉक्टर अंगद राणा की अगुवाई में उनका उपचार किया जा रहा है।उप जिलाधिकारी बड़कोट चतर सिंह चौहान गांव में पूरी टीम के साथ मौजूद हैं, अभी तक बड़कोट अस्पताल में छः लोग भर्ती किये गये, गांव से बाकी लोगों को अस्पताल लाया जा रहा है | डॉक्टर अंगद राणा सहित अस्पताल स्टाफ बीमॎरों के इलाज में जुटा है | गांव में कल देवताओं की पूजा थी, प्रशासन के अधिकारी व अन्य सम्बंधित कर्मी गांव में मौजूद हैं |

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने पदभार ग्रहण करने के पश्चात उत्तराखंड विस अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल से की शिष्टाचार भेंट

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देहरादून 2 दिसम्बर l विधानसभा अध्यक्ष  प्रेम चंद अग्रवाल से पदभार ग्रहण करने के पश्चात पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने देहरादून स्थित शासकीय आवास पर शिष्टाचार भेंट की अग्रवाल ने अशोक कुमार को मिठाई खिला कर स्वागत किया । इस अवसर पर प्रदेश में कानून व्यवस्था एवं कोविड-19 के प्रभाव से लोगों की सुरक्षा को लेकर विभिन्न विषयों पर चर्चा वार्ता हुई l

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल  ने आशा व्यक्त करते हुए कहा है कि  अशोक कुमार के कुशल मार्गदर्शन में पुलिस व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण एवं प्रदेश में कानून व्यवस्था और अधिक सुचारू रूप से संचालित होगी । अग्रवाल ने कहा है कि कोविड-19 को मध्य नजर रखते हुए कुंभ मेले का संचालन एक बड़ी चुनौती है उन्होंने कुंभ मेले के सफल संचालन के लिए भी चर्चा की साथ ही कोविड-19 के प्रभाव से लोगों की सुरक्षा संबंधित विभिन्न विषयों पर भी वार्ता हुईl

 

परिवहन विभाग में जालसाजों का खेल, प्रमुख सचिव के बेटे से ड्राइविंग लाइसेंस के नाम पर ठगे 1375 रुपये

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देहरादून, देहरादून में जालसाजों ने परिवहन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाकर ड्राइविंग लाइसेंस के नाम पर प्रमुख सचिव के बेटे से 1375 रुपये ठग लिए। मामला उस समय उजागर हुआ जब प्रमुख सचिव के निजी सचिव ने आवेदन के संबंध में परिवहन अधिकारियों से जानकारी मांगी। जांच में पता चला कि प्रमुख सचिव के बेटे के नाम पर कोई आवेदन नहीं किया गया है और न ही फीस जमा कराई गई है।

 

प्रकरण उजागर होने के बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों में हड़कंप है। आरटीओ डीसी पठोई ने एआरटीओ (प्रशासन) को प्रकरण की जांच करने के साथ ही फर्जी वेबसाइट बनाने वाले जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है।

जानकारी के अनुसार उत्तराखंड सचिवालय में निजी सचिव गोविंद सिंह ने संभागीय परिवहन अधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में बताया कि प्रमुख सचिव आनंदवर्धन के बेटे अनिष्व वर्धन का ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया था।

आवेदन नहीं आया है और न ही फीस जमा की गई

इस दौरान फोन पे के माध्यम से क्यूआर कोड स्कैन कर 1375 रुपये जमा कराए गए, लेकिन परिवहन विभाग की ओर से अनिष्व बर्धन को कोई भी जानकारी नहीं दी गई। जब इस संबंध में परिवहन कार्यालय से संपर्क किया गया तो अधिकारियों ने बताया कि इस नाम से कोई आवेदन नहीं आया है और न ही फीस जमा की गई है।

 

मामले में आरटीओ डीसी पठोई का कहना है कि ऐसा लगता है कि जालसाजों द्वारा फर्जी वेबसाइट तैयार कर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए फीस जमा कराई जा रही है जो बेहद गंभीर विषय है। कहा कि एआरटीओ (प्रशासन) द्वारिका प्रसाद को प्रकरण की विभागीय स्तर पर जांच करने के साथ ही जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया गया है।

 

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब परिवहन विभाग में जालसाजी का मामला सामने आया है। चार माह पूर्व परिवहन विभाग में गाड़ियों के फर्जी इंश्योरेंस का मामला भी सामने आया था। उक्त प्रकरण में भी जांच कराई गई थी।