Thursday, May 15, 2025
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चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बनाने के मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

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देहरादून, मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में चाय विकास बोर्ड की बैठक आयोजित हुई। बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिए कि चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में स्थापित किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली को इसके लिए जमीन तलाशने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि किसानों को बाजार उपलब्ध कराने हेतु राज्य में 04 नई फैक्ट्रियाँ स्थापित की जाएं। साथ ही, चाय बागानों से उत्पादित हरी पत्तियों के न्यूनतम विक्रय मूल्य को निर्धारित करने हेतु एक समिति भी गठित की जाए। यह समिति प्रत्येक वर्ष हेतु न्यूनतम विक्रय मूल्य निर्धारित करेगी। उन्होंने कहा कि न्यूनतम विक्रय मूल्य फार्मगेट मूल्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि टी-गार्डन विकसित करने में चाय विशेषज्ञ अवश्य रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय विकास बोर्ड द्वारा टी-गार्डन विकसित कर काश्तकारों को सौंप दिया जाए। इसके लिए अगले एक माह में एक व्यवहारिक माॅडल तैयार करते हुए कार्ययोजना तैयार की जाए। इस माॅडल को तैयार करने में काश्तकारों के सुझावों को भी शामिल किया जाना चाहिए। टी-गार्डन विकसित कर काश्तकारों को दिए जाने के बाद उन्हें तकनीकी विशेषज्ञता भी उपलब्ध करायी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जो निजी चाय फैक्ट्रियाँ किसी भी कारण से बंद हैं, उन्हें चलाने हेतु प्रयास किए जाएं। यदि निजी फैक्ट्रियों के मालिक इन्हें चलाने में सक्षम नहीं हैं तो, बोर्ड द्वारा इन्हें चलाए जाने हेतु प्रयास किए जा जाएं। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और उन्हें आजीविका का साधन मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय विकास बोर्ड की बैठक, वर्ष में 04 बार आयोजित की जाए। इससे बोर्ड और किसानों की समस्याओं से अवगत होने के अधिक अवसर बनेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार प्रदेश के किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में टी-गार्डन, पर्यटन के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टी-टूरिज्म पर भी फोकस करने के निर्देश दिए।
बोर्ड बैठक में अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड द्वारा वर्तमान तक विभिन्न स्थानों कुल 1387 हैक्टेयर क्षेत्रफल पर चाय प्लान्टेशन किया जा चुका है। उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड द्वारा वर्तमान में उत्तराखण्ड के 09 पर्वतीय जनपदों (बागेश्वर, चम्पावत, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी) के 28 विकास खण्डों में स्वयं संचालित योजना, स्पेशल कम्पोनन्ट प्लान, मनरेगा के अन्तर्गत चाय विकास कार्यक्रम संचालित कर 1387 हैक्टेयर भूमि में 3,882 काश्तकार/राजकीय/गैर राजकीय भूमि को लीज पर लेकर सफलतापूर्वक चाय प्लान्टेशन किया जा चुका है। जिसमें अनुमानित 4,000 श्रमिक कार्यनियोजित किये गये हैं जिसमें 70 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी हैं।

वर्तमान में बोर्ड द्वारा निर्मित की जा रही चाय को उत्तराखण्ड टी ब्राण्ड नेम से रजिस्स्ट करते हुए बिक्री किया जा रहा है। वर्तमान में बोर्ड द्वारा जैविक/अजैविक आर्थोडोक्स ब्लैक व ग्रीन टी तैयार कर, स्थानीय स्तर पर स्वयं के शो-रूम, दुकानदारों य पोस्टल सेवा एवं कोलकाता ऑक्सन हाउस के माध्यम से बिक्री की जा रही है, चाय की बिक्री बढ़ाने व अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हेतु शासन स्तर से शासकीय कैन्टीनों, व अन्य संस्थानों को चाय की मांग बोर्ड को उपलब्ध कराने हेतु आदेश निर्गत किये जा चुके है।
इस अवसर पर उद्यान मंत्री  सुबोध उनियाल, उपाध्यक्ष चाय विकास बोर्ड  गोविन्द सिंह पिल्खवाल, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव  आनन्द वर्धन एवं सचिव उद्यान हरबंस सिंह चुघ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

अल्मोड़ा : क्रिकेट लीग का समापन, बाजपुर की टीम रही विजेता, पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने दी विजेता टीम को ट्रॉफी

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अल्मोड़ा (अशोक कुमार पाण्डेय), मेहरा स्पोर्ट्स के तत्वाधान से चल रही “अल्मोड़ा क्रिकेट लीग प्रतियोगिता” का स्थानीय हेमवती नंदन बहुगुणा ( अल्मोड़ा स्टेडियम) में फाइनल मैच अल्मोड़ा व बाजपुर के बीच खेला गया, जिसमें बाजपुर ने एकतरफा मुकाबले में अल्मोड़ा की टीम को 53 रनों से पराजित कर फाइनल ट्रॉफी अपने नाम की, इससे पूर्व फाइनल मैच के मुख्य अतिथि पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने दोनों टीमों का परिचय प्राप्त कर टॉस करा कर फाइनल मैच का विधिवत रूप से शुभारंभ किया। टॉस जीतकर पहले बल्ले बाजी करते हुए बाजपुर ने निर्धारित 15 ओवरों में शारिम खान की शानदार 135 नॉट आउट रनों की बदौलत 219 रनों के विशाल लक्ष्य अल्मोड़ा के सामने रखा। जिसके जवाब में अल्मोड़ा 15 ओवरों में मात्र 166 रन ही बना सकी, बाजपुर ने ये मैच 53 रनों से जीत लिया।

फाइनल में शानदार शतक बनाने वाले शारिम खान को मैन ऑफ द मैच व मैन ऑफ द सीरीज के पुरस्कार से नवाजा गया।
अपने संबोधन में माननीय मुख्य अतिथि पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक जी ने कहा कि आज युवाओं को अपने जीवन में अनुशासन का विशेष महत्व रखना चाहिए, अनुशासन से ही युवा आगे बढ़ सकते हैं, और नशे से दूर रहकर अपने जीवन को सही मार्ग पर ले जा सकते हैं, उन्होंने युवाओं का आवाहन किया की आज नवसृजित उत्तराखंड राज्य में अधिक से अधिक खेलकूद की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर इस राज्य को खिलाड़ियों के राज्य बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें, जिससे देश को अधिक से अधिक खिलाड़ी मिल सके।

इस अवसर पर मुख्य अथिति के साथ, विशिष्ठ अथिति सदस्य नगर पालिका अल्मोड़ा राजेन्द्र तिवारी, नगर व्यापार मंडल अध्यक्ष शुशील शाह, पूर्व नगर व्यापार मंडल अध्यक्ष भैरव गोस्वामी, देवेंद्र प्रसाद कर्नाटक , राकेश बिष्ट, हेम जोशी, रोहित शैली , इंटक जिला अध्यक्ष दीपक मेहता, मेहरा स्पोर्ट्स से पूरन महरा , कैलाश महरा , देवेंद्र परिहार , प्रकाश जोशी , चंदन लटवाल , ललित कनवाल , पंकज बिष्ट, पवन डालाकोटी समेत कई वरिष्ठ क्रिकेट खिलाड़ी समेत युवा खिलाड़ी उपस्थित रहे।

टिहरी : जम्मू-कश्मीर के लिए रोल माडल बनी पंचायत अध्यक्षा सोनादेवी सजवाण, 35 सरपंचों ने टिहरी आकर देखे विकास के कार्य

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टिहरी, उत्तराखंड़ की टिहरी जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती सोनादेवी सजवाण के द्वारा जनपद में किए गए विकास कार्य अब देश के अन्य राज्यों के लिए भी रोल माडल बनने जा रहे हैं, फलोत्पादन, बागवानी, केशर और रेशम उत्पादन में भले कश्मीर का अपना परचम हो, लेकिन गांवों के समग्र विकास के मामले में वह टिहरी जिला पंचायत से कुछ सीखने की उत्सुकता रखता है.

अध्यक्ष श्रीमती सोनादेवी सजवाण जी के पिछले कार्यकाल में अनेक विकास कार्यों के धरातल पर साकार होने से सर्वश्रेष्ठ जिला पंचायत का पुरस्कार टिहरी को मिल चुका है. विकास के मामले में जिला पंचायत टिहरी की इन्हीं खास उपलब्धियों से सीख कर जम्मू कश्मीर के गांवों की तस्वीर बदलने के लिए वहां के 35 सरपंचों (ग्राम मुखिया) ने टिहरी आकर विकास कार्यों को साकार करने की तरकीब को करीब से समझा है |

जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोना सजवाण ने उन्हें राज्य वित्त, 14वें और 15वें वित्त, जिला पंचायत के अधिकार और कर्तव्यों की जानकारी दी है. इस दौरान शैक्षणिक भ्रमण पर यहां सरपंचों को जिला पंचायत टिहरी ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिए भी विकास कार्यों को कैसे धरातल पर साकार किया जाए, बखूबी समझाया है.

कार्यक्रम के अंतिम दिन राज्य के सहकारिता मंत्री डा. धनसिंह रावत, टिहरी के विधायक धनसिंह नेगी, देवप्रयाग के विधायक विनोद कंडारी, घनसाली के विधायक शक्तिलाल शाह ने भी अपनी उपस्थिति दी. इस मौके पर श्री रघुवीर सजवाण, जयवीर रावत, संजय खंडूड़ी आदि मौजूद रहे. यहां आए जम्मू कश्मीर ने कुठा गांव, टिहरी बांध सहित कई कार्यों को अवलोकन किया है |
उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में टिहरी जनपद में जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती सोना सजवाण ने जहां गांव गांव तक सैनेटाइजेशन, स्वच्छता, क्वारंटीन सेंटरों की देखभाल में दिन रात मेहनत कर गांवों को कोविड महामारी के प्रकोप से बचाया, वहीं बड़ी संख्या में गांव लौटे प्रवासी युवाओं के लिए रोजगार उपलब्ध कराने विकास कार्यों के लिए धन राशि की कमी नहीं होने दी.

कोविड के दौरान भले दुनिया की गति रुकी हो, लेकिन टिहरी जनपद में जिला पंचायत के जरिए रैन शेड का निर्माण, धारा सुधारीकरण, पुलों का निर्माण, अंधेरे स्थानों पर हाईमास्ट लाइट की स्थापना, जर्जर स्कूलों के मरम्मतीकरण के कार्य हुए हैं. जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती सोना सजवाण जी की यही कार्यशैली जहां जिले को विकासपथ पर ले जा रही हैं वहीं अन्य राज्यों के लिए भी टिहरी विकास का रोल माडल बन रही है |

नीलकंठ में एसटीपी प्लांट लगाने और घाटों के पुननिर्माण को लेकर विधायक ने केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री से की मुलाकात, जल्द कार्य शुरू करने का मिला आश्वासन

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यमकेश्वर (अजय सिंह रावत), उत्तराखण्ड़ की यमकेश्वर विधान सभा सीट विधायक ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने भारत सरकार के केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मिलकर यमकेश्वर क्षेत्र में उनके विभाग से संबंधित कार्यो को लेकर मुलाकात की और एक पत्र भी दिया जिसमें यमकेश्वर विधानसभा से संबंधित कार्यो को जल्द करने का आग्रह किया गया।
नई दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात में विधायक ने यमकेश्वर विधानसभा में नीलकंठ मंदिर के जन सुविधाओं के लिए कूड़े कचरे के निस्तारण के लिए एस टी पी प्लांट की मांग की और बताया कि नीलकण्ठ मंदिर में हर साल लाखों शिव भक्त दर्शन के लिए आते है

जिससे वहां पर जन सुविधाओं को देखते हुए कूड़े कचरे के निस्तारण के लिए एस टी पी प्लांट की अत्यंत आवश्कता है साथ ही यमकेश्वर विधानसभा के लक्ष्मणझूला स्वर्गाश्रम क्षेत्र में गंगा नदी के तट पर बने घाटों के पुनर्निर्माण के विषय में भी बातचीत की, जिसमें लक्ष्मण झूला स्वर्ग आश्रम क्षेत्र के संत सेवा नाव घाट, किरमोला घाट ,रामप्यारी घाट ,बॉम्बे घाट,वेद निकेतन घाट का पुनर्निर्माण होना है । केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने यमकेश्वर विधायक को आश्वासन दिया कि जल्द ही इन सभी समस्याओं का हल किया जायेगा और शीघ्र ही कार्य शुरू होगा।

भाजपा की किसान रैली के खिलाफ गरजे काँग्रेसी

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( विजय आहूजा) रुद्रपुर(उधम सिंह नगर), भाजपा द्वारा आयोजित किसान रैली के विरोध में गुरुवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डीडी चौक पर केंद्र सरकार का पुतला दहन किया।कांग्रेस नेताओं ने भाजपा की किसान रैली को छलावा रैली करार दिया।
इस अवसर पर कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेश महामंत्री हिमांशु गाबा ने कहा कि पूरे देश में किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे है ।

ऐसे में भाजपा द्वारा रुद्रपुर में रैली कर किसानों के घावों को कुरेदने का कार्य किया है।
पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष संदीप चीमा नें कहा कि भाजपा द्वारा इस रैली में अपने कार्यकर्ताओं को किसान के रूप में शामिल कर लोगों को धोखा दिया जा रहा है ।

सभा का संचालन कांग्रेस जिला महासचिव सुशील गावा ने किया ।इस दौरान प्रदेश सचिव नंदलाल प्रसाद , पार्षद सचिन मुंजाल, पवन वर्मा, मनीष गोस्वामी, गौरव गांधी, विजय मंडल, ओंकार सिंह ढिल्लों, प्रदीप यादव, समरवीर सिंह सीटू, विकास विश्वास, चंद्रशेखर ओझा, नंदसेखर गाँगुली, लवली भाई, भुवन चंद्र अवस्थी, विशु गगनेजा, श्रवण गुप्ता, राकेश कुमार, संजय, अमर पाल, नंदकिशोर, हरपाल सिंह , आशीष यादव , अरुण सम्राट, राकेश चौधरी आदि मौजूद थे।

मोदी सरकार की किसानों को सौगात, 3,500 करोड़ रुपये की सहायता को मंजूरी दी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गन्‍ना किसानों को 3,500 करोड़ रुपये की सहायता देने की मंजूरी दे दी।

इस समय देश में करीब पांच करोड़ गन्‍ना किसान और उनके परिवार हैं। इनके अलावा, चीनी मिलों में तथा उसकी सहायक गतिविधियों में काम करने वाले करीब पांच लाख कामगार हैं और इन सभी की आजीविका चीनी उद्योग पर निर्भर है।

किसान अपना गन्‍ना चीनी मिलों को बेचते हैं, लेकिन चीनी मिल मालिकों से उन्‍हें उनका भुगतान प्राप्‍त नहीं होता क्‍योंकि उनके पास चीनी का अतिरिक्‍त स्‍टॉक होता है। इस चिंता को दूर करने के लिए सरकार चीनी के अतिरिक्‍त स्‍टॉक को शून्‍य पर लाने के प्रयास कर रही है। इससे गन्‍ना किसानों के बकाये का भुगतान करने में सहूलियत होगी। सरकार इस उद्देश्‍य के लिए 3,500 करोड़ रुपये व्‍यय करेगी और इस सहायता की राशि को चीनी मिलों की ओर से बकाये के भुगतान के तौर पर सीधे किसानों के खातों में जमा किया जाएगा। शेष राशि, यदि बचेगी तो, उसे चीनी मिलों के खाते में जमा कर दिया जाएगा।

इस सब्सिडी का उद्देश्‍य चीनी मिलों द्वारा चीनी सत्र 2020-21 के दौरान अधिकतम स्‍वीकार्य निर्यात कोटा (एमएईक्‍यू) के तहत 60 लाख मीट्रिक टन की मात्रा तक चीनी का निर्यात करने पर उसके प्रबंधन, सुधार तथा अन्‍य प्रसंस्‍करण लागत और अंतर्राष्‍ट्रीय तथा घरेलू परिवहन एवं माल भाड़ा शुल्‍क समेत उस पर आने वाली कुल बाजार कीमत को पूरा करना है।

इस निर्णय से पांच करोड़ गन्‍ना किसानों और उनके परिवारों तथा चीनी मिलों एवं अन्‍य सहायक गतिविधियों में काम करने वाले पांच लाख कामगारों को लाभ होगा।

शानदार मौका, LIC के इस पॉलिसी में एक किस्त देकर पा सकते हैं 11 हजार पेंशन

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नई दिल्ली। LIC की ‘जीवन अक्षय’ पॉलिसी में निवेश करने का सही मौका है। यह एलआईसी का एन्यूटी प्लान है। इस पॉलिसी में एकमुश्त निवेश के बाद पेंशन का लाभ मिलता है। यह एलआईसी की बेहद पॉपुलर पॉलिसी है। दरअसल इसमें निवेश के बाद पॉलिसीधारक को तुरंत पेंशन का लाभ मिलता है। अगर आप खुद के लिए या फिर परिवार के किसी सदस्य के लिए पेंशन की व्यवस्था करना चाहते हैं तो इस पॉलिसी में निवेश कर सकते हैं।

पेंशन पाने के 10 अलग-अलग विकल्प मौजूद होते हैं। (प्रति महीने पेंशन विकल्प ‘A’) चुनने पर हर महीने पेंशन की व्यवस्था हो जाती है। इस पॉलिसी में निवेश कर आप ऐसे पा सकते हैं हर महीने 11 हजार रुपये पेंशन:- उम्र: 80 सम एश्योर्ड: 900000 एकमुश्त प्रीमियम: 916200 पेंशन: वार्षिक: 150885 अर्धवार्षिक: 72203 तिमाही: 35348 मंथली: 11614 उपरोक्त उदाहरण के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति 80 साल की उम्र में इस पॉलिसी में निवेश करता है और 900000 का सम एश्योर्ड चुनता है तो उसे कुल 916200 रुपये का एक प्रीमियम भरना होगा। इसके बाद प्रति माह पेंशन का विक्लप चुना है तो उसे हर महीने 11614 रुपये की पेंशन मिलेगी।

पॉलिसी की शर्तों की बात करें तो कंपनी के मुताबिक कोई भी भारतीय नागरिक इस पॉलिसी में निवेश के लिए पात्र हैं, लेकिन उम्र 30 से 85 साल के बीच हो। एक परिवार के कोई भी दो सदस्य इसमें ज्वाइंट एन्यूटी ले सकते हैं।न्यूनतम एक लाख रुपये निवेश किया जा सकता है और न्यूनतम सालाना पेंशन 12 हजार रुपये मिलेगी। वार्षिक, अर्धवार्षिक, तिमाही और मासिक आधार पर पेंशन पा सकते हैं। पेंशन वार्षिक, अर्धवार्षिक, तिमाही और प्रति माह के आधार पर मिलती है। पेंशन पर इनकम टैक्स के 80सी के तहत टैक्स और 3 महीने बाद लोन सुविधा भी इसके जरिए मिलती है।

बजरंग दल की सामग्री में ऐसा कुछ नहीं जिससे प्रतिबंध लगाने की जरूरत हो : फेसबुक

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नई दिल्ली, प्रेट्र। फेसबुक इंडिया के प्रमुख अजित मोहन बुधवार को संसद की एक समिति के समक्ष पेश हुए और कहा कि इंटरनेट मीडिया कंपनी की तथ्य अन्वेषण टीम को ऐसी कोई सामग्री नहीं मिली जिससे बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत हो। सूत्रों ने यह जानकारी दी। फेसबुक इंडिया के प्रमुख अजित मोहन बुधवार को संसद की एक समिति के समक्ष पेश हुए और उनसे कर्मचारियों की सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने को लेकर इंटरनेट मीडिया दिग्गज की अनिच्छा से संबंधित रिपोर्ट पर सवाल किया गया। मोहन कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति के समक्ष पेश हुए। समिति ने उन्हें नागरिक डाटा सुरक्षा के मुद्दे पर तलब किया था। मोहन के साथ फेसबुक के लोक नीति निदेशक शिवनाथ ठुकराल भी थे।

संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए फेसबुक इंडिया के प्रमुख अजित मोहन

सूत्रों ने बताया कि थरूर के साथ कांग्रेस नेता कीर्ति चिदंबरम ने मोहन से बजरंग दल पर प्रतिबंध से जुड़ी वाल स्ट्रीट जर्नल की हाल की रिपोर्ट के बारे में सवाल किया। समझा जाता है कि इन सवालों के जवाब में मोहन ने कहा कि कंपनी की तथ्य अन्वेषण टीम को ऐसी कोई सामग्री नहीं मिली जिससे बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत हो।

वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया है कि बजरंग दल पर प्रतिबंध की बात से जुड़े आंतरिक मूल्यांकन के बावजूद फेसबुक ने वित्तीय कारणों और अपने कर्मचारियों की सुरक्षा चिंताओं के कारण उस पर लगाम नहीं लगाई। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पूछा कि अगर बजरंग दल द्वारा इंटरनेट मीडिया नीतियों के उल्लंघन की बात नहीं पाई गई तो फेसबुक ने वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट को खारिज कर उसे फर्जी क्यों नहीं बताया।

किसान धरने पर बैठे संत बाबा रामसिंह ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या

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नई दिल्ली, । कुंडली सिंघु बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मामले की सूचना मिलते ही लोकल पुलिस व हरियाणा पुलिस मौके पर पहुंचीं। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नजदीकी अस्पताल के शवगृह में सुरक्षित रखवा दिया है। समाचार लिखे जाने तक उक्त घटना में एक बार फिर सीमा विवाद सामने आया है। दरअसल सिंघु बॉर्डर से आठ किलोमीटर की दूरी पर यह घटना हुई है। इसमें हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस सीमा को लेकर बात कर रही हैं। दिल्ली पुलिस सूत्रों की मानें तो घटना हरियाणा क्षेत्र में हुई है। पुलिस को घटना स्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

पुलिस के अनुसार बुधवार दोपहर को पुलिस को सूचना मिली कि सिंघु बॉर्डर से करीब आठ किलोमीटर की दूरी पर एक व्यक्ति ने खुद को गोली मार ली है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान संत बाबा राम सिंह के रूप में हुई है। वह सींगड़ा स्थित गुरुद्वारा नानकसर के संत बताए जा रहे हैं।

मृतक के पास से मिला सुसाइड नोट

पुलिस को मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जोकि पंजाबी भाषा में लिखा है। नोट में लिखा है कि मैंने किसानों का दुख देखा है। अपने हक के लिए सड़कों पर उन्हें देखकर मुझे दुख हुआ है। सरकार इन्हें न्याय नहीं दे रही है, जो कि जुल्म है, जो जुल्म करता है वह पापी है, जुल्म सहना भी पाप है। किसी ने किसानों के हक के लिए तो किसी ने जुल्म के खिलाफ कुछ किया है। किसी ने पुरस्कार वापस करके अपना गुस्सा जताया है। किसानों के हक के लिए, सरकारी जुल्म के गुस्से के बीच सेवादार आत्मदाह करता है। यह जुल्म के खिलाफ आवाज है। यह किसानों के हक के लिए आवाज है, वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह।

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष ने दुख जताया

आज की उक्त घटना पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि वह एक बहुत बड़े महापुरुष थे। उन्होंने पूरा जीवन मानवता की सेवा में लगाया। आज उन्होंने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने लिखा है कि मेरे से किसानों का दर्द देखा नहीं जाता, किसान सड़क पर बैठा है।

कांग्रेस के प्रवक्ता ने दुख जताया

कुंडली बार्डर पर किसानों के लिए संघर्ष करने वाले करनाल के संत राम सिंह की आत्महत्या बेहद दुखद है। विनम्र श्रद्धांजलि ! मोदी जी, शीतलहर के बीच किसानों की भावनाओं से खिलवाड़ को तत्काल छोड़िए। ये राजहठ आत्मघाती है, क्योंकि ये देश की आत्मा-अन्नदाता की जान का दुश्मन बन बैठा है।

आंदोलन में सक्रिय सहभागिता थी बाबा राम सिंह की

बाबा राम सिंह जिले के सींगड़ा स्थित गुरुद्वारा नानकसर के संत बताए जा रहे हैं, जिनके काफी समर्थक हैं। विदेश में भी उनके अनुयायी हैं। अभी उनका शव करनाल नहीं आया है। लोगों की मानें तो बाबा राम सिंह किसान आंदोलन में सक्रिय सहभागिता कर रहे थे। वह पांच दिन पूर्व सिंघु बॉर्डर गए थे तो उन्होंने पांच लाख रुपये की मदद दी थी और कल पांच हजार कंबल बंटवाए थे। बीती रात करनाल आए थे और आज सुबह बॉर्डर पर लौट गए थे। बकौल जोगा सिंह, वह काफी परेशान लग रहे थे। खासकर, धरने पर बैठे बुजुर्गों, महिलाओं को लेकर उन्हें काफी चिंता थी।

पुलिस कर रही है मामले की जांच

पुलिस सूत्रों की मानें तो बाबा राम सिंह ने अपनी सुरक्षा के लिए लाइसेंसी हथियार रखा हुआ था लेकिन आत्महत्या किस हथियार से की, यह अभी साफ नहीं हो पाया है। परिवार के लोगों को मामले की सूचना दे दी गई।

स्पर्श गंगा अभियान की राष्ट्रीय संयोजक आरुषि निशंक को ग्लोबल वाटर वुमन एंटरप्रेन्योर अवार्ड – 2020 से सम्मानित किया गया

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देहरादून,  भारत के प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना और स्पर्श गंगा अभियान की राष्ट्रीय संयोजक आरुषि निशंक को ऊर्जा और पर्यावरण फाउंडेशन ने आज नई दिल्ली में ग्लोबल वाटर वूमन एंटरप्रेन्योर अवार्ड – 2020 से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें  गजेन्द्र सिंह शेखावत, भारत सरकार के जल संसाधन मंत्री, सीनेटर मैरिस पायने, ऑस्ट्रेलिया के विदेश मामलों के मंत्री,  कीथ पिट, ऑस्ट्रेलिया के जल संसाधन मंत्री द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान किया गया।

वेबनायर के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में ऊर्जा और पर्यावरण फाउंडेशन ने  नितिन देसाई, अध्यक्ष, गवर्निंग काउंसिल, पूर्व अंडर सेक्रेटरी जनरल फॉर इकोनॉमिक्स एंड सोशल अफेयर्स यूनाइटेड नेशंस को भी “द ईईएफ ग्लोबल एक्सिलेंस अवार्ड्स 2020” से पर्यावरण के क्षेत्र में सम्मानित किया ।

इस अवसर पर आरुषि निशंक ने कहा “हमें पानी का संरक्षण करना चाहिए। देश के 22 शहरों में पानी का संकट है। पानी का 70 प्रतिशत पानी बर्बाद हो जाता है, जिसे हमें पौधों को पानी की तरह संरक्षित करने और उपयोग करने के तरीके खोजने चाहिए। ”

आरुषि निशंक पिछले एक दशक से गंगा और उसकी सहायक नदियों के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए स्पर्श गंगा अभियान के तहत काम कर रही हैं। इसके साथ ही वह महिला सशक्तिकरण और सामाजिक क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। आरुषि भारत की एक प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना हैं जिन्होंने दुनिया के एक दर्जन से अधिक देशों में प्रदर्शन किया है। वह एक फिल्म निर्माता भी हैं। पिछले साल उनके द्वारा बनाई गई गढ़वाली फिल्म “मेजर निराला” काफी लोकप्रिय रही । आरुषि निशंक को देश और विदेश में उनकी उपलब्धियों के लिए कई प्रशंसा मिली है। इनमें यूथ आइकन अवार्ड (दुबई), उत्तराखंड गौरव सम्मान, भारत गौरव सम्मान, हाफ द पॉपुलेशन अचीवमेंट अवार्ड, अटल महर्षि शिखर सम्मान शामिल हैं।