Thursday, May 15, 2025
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शिक्षा,स्वतन्त्रता एवं समाज सुधार के अग्रणी पुरोधा स्वामी श्रद्धानन्द

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हरिद्वार, 22 दिसम्बर (कुल भूषण) 23, दिसम्बर, 2020 को देश महान् अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानन्द महाराज का 94 वां बलिदान दिवस मना रहा है। भारतीय संस्कृति व शिक्षा की पताका को विश्व पटल पर प्रतिश्ठापित करने सम्बन्धित महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में स्वामी श्रद्धानन्द महाराज के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। लार्ड मैकाले की अंग्रेजी शिक्षा के समानान्तर प्राचीन वैदिक भारतीय शिक्षा प्रणाली को देश में पुनःस्थापित करने के लिए स्वामी श्रद्धानन्द महाराज ने 1900 में गुजरांवाला में गुरुकुल की स्थापना की।

जिसका उद्देश्य देश की युवा पीढी को भारतीय संस्कारों व शिक्षा से संस्कारित कर अपनी संस्कृति व गौरवशाली प्राचीन संस्कृति से संस्कारित करना था।
संन्यास पूर्व स्वामी श्रद्धानन्द महाराज का जन्म का नाम बृहस्पति था जिसे बाद में बदलकर इनके परिजनों ने मुंशीराम रख दिया था इनके पिता तत्कालीन अंगे्रजी हुकुमत में पुलिस विभाग के बडे अधिकारी थे। मुंशीराम ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर लाहौर (वर्तमान पाकिस्तान) में वकालत करना शुरू कर अपने को एक प्रतिष्ठित वकील के रूप में स्थापित किया। एक बार इन्हंे अपने पिता के साथ स्वामी दयानन्द की सभा में जाकर उनके विचारांे को सुनने का अवसर मिला, जिसका इनके जीवन पर गहरा प्रभाव पडा जिसके चलते इनका झुकाव आर्य समाज के प्रति हो गया तथा इन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में आर्य समाज को अंगीकृत कर लोगों की सेवा में अपने जीवन को समर्पित कर दिया।

उस समय में गुरुकुल की स्थापना करने की कल्पना करना एक बडी चुनौती था, जिसे पूरा करने का संकल्प स्वामी जी ने लिया। इस स्वप्न को साकार करने तथा इसके निर्माण के लिए धन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उस समय उन्होंने तीस हजार रूपये जमा करने का संकल्प लेकर भ्रमणकर जनमानस से दान लेकर घोषणा की कि जब तक वह यह धनराशि जमा नहीं कर लेगें तब तक अपने घर वापिस नही जायेंगे। स्वामी जी ने देश भर मंे उस समय की यह बहुत बडी धन राशि जमा कर आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब के निर्देशन में गुजरांवाला में गुरुकुल की स्थापना की, परन्तु वह गुरुकुल के लिए उचित स्थान की तलाश में थे, जिसे पूरा करने में उस समय उ0प्र0 के जनपद बिजनौर के निवासी जमींदार अमन सिंह ने एक गांव व गंगा से लगी भूमि का एक बडा हिस्सा दान देकर पूरा किया जिसका गंगा के पार का हिस्सा हरिद्वार से लगता था।

जिसके चलते 1902 में स्वामी जी गुजरांवाला से अपने गुरुकुल के विद्यार्थियांे को यहां पर ले आये 1902 से 1924 तक गुरुकुल कंागडी गांव स्थित गंगा पार पुण्य भूमि में रहा। 1924 में गंगा में आयी बाढ के चलते गुरुकुल को वर्तमान में जहां पर गुरुकुल कंागडी विश्वविद्यालय स्थित है उस स्थान पर लाया गया। आज भी पुण्य भूमि में स्वामी जी महाराज द्वारा बनाये गये भवन स्थित है जो गुरुकुल के विद्यार्थियों व अधिकारियों, कर्मचारियों एवं देशभक्तों के लिए पावन तीर्थ है। 1900 में स्वामी श्रद्धानन्द महाराज द्वारा स्थापित शिक्षा का यह वृक्ष आज वट वृक्ष के रूप में उनके बताये मार्ग पर चलकर देश के युवाओं को शिक्षित करने के साथ साथ प्राचीन भारतीय संस्कृति व संस्कारों से संस्कारित करने का काम कर रहा है।

शिक्षा व राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में स्वामी श्रद्धानन्द महाराज द्वारा किये जा रहे कार्यों से प्रभावित होकर कई बार महात्मा गांधी गंगा पार घने जंगल के बीच स्थित गुरुकुल में आये जहां पर मोहनदास कर्मचन्द गांधी को पहली बार स्वामी श्रद्धानन्द महाराज ने महात्मा के नाम से सम्बोधित किया जो बाद में उनकी समूचे विश्व में पहचान बना। देश की आजादी के आन्दोलन के समय में गुरुकुल आजादी के आन्दोलन में भाग लेने वाले क्रान्तिकारियांे का केन्द्र रहा। यहां पर कई क्रान्तिकारियांे ने आकर अपनी रणनीतियां बनाने का काम किया। कई बार अंग्रेज अफसरों ने गुरुकुल का निरीक्षण किया। वह इसे क्रान्तिकारियों का केन्द्र मानते थे।

परन्तु उन्हें यहां के दौरे के दौरान कुछ भी संदिग्ध नही मिला । अंग्रेजी शासन के विरोध में अमृतसर में होने वाले कांग्रेस के महा अधिवेशन की अध्यक्षता के लिए कांग्रेस के नेताओं द्वारा स्वामी श्रद्धानन्द महाराज से विशेष अनुरोध करना तथा उसे स्वामी जी द्वारा स्वीकार किया जाना व दिल्ली की जामा मस्जिद से पहली बार किसी गैर मुस्लिम द्वारा सम्बोधित किया जाना स्वामी जी के व्यक्तित्व व देश में उनके प्रभाव को सिद्ध करता है। वर्तमान समय में भी उनके सिद्धांतों व विचारांे की सार्थकता कम नही हुई है। उनके बताये मार्ग पर चलकर गुरुकुल कांगडी शिक्षा के क्षेत्र में निरन्तर अग्रसर है।

New Year 2021 : बस कुछ ही दिन शेष, नये साल में पड़ेंगी ये छुट्टियां, जानें प्रमुख त्यौहार और व्रतों की लिस्ट

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देहरादून, सर्द ठंड और कोरोना काल के बीच ही नया साल 2021 का आगमन होने वाला है, बस कुछ ही दिन शेष बचे हैं और हम नूतन वर्ष में प्रवेश करेंगे, वर्ष 2020 तो कोरोना के कारण कई परेशानियों का सबब बना, अब जबकि कोरोना काल के बीच ही हम नये साल का जश्न मनायेंगे, नए साल के आगमन की तैयारियां जोरों पर हैं. नया साल अपने साथ नई उम्मीदें, नई खुशियां, नए सपने, नए त्योहार लेकर आता है. आइए हिंदू पंचांग के अनुसार जानते हैं नए साल 2021 में पड़ने वाले प्रमुख व्रत त्योहारों की लिस्ट…

जनवरी 2021
1 जनवरी नववर्ष आरंभ
13 जनवरी लोहड़ी14 जनवरी पोंगल, उत्तरायण, मकर संक्रांति
26 जनवरी गणतंत्र दिवस

फरवरी 2021
16 फरवरी बसंत पंचमी , सरस्वती पूजा
25 फरवरी हजरत अली जन्म दिवस

मार्च 2021
11 मार्च महाशिवरात्रि
28 मार्च होलिका दहन
29 मार्च होली

अप्रैल 2021
01 अप्रैल बैंक अवकाश
13 अप्रैल चैत्र नवरात्रि , उगाडी , गुड़ी पड़वा
14 अप्रैल बैसाखी, चेटी चंड, अम्बेडकर जयंती
21 अप्रैल राम नवमी
21 अप्रैल चैत्र नवरात्रि पारणा
27 अप्रैल हनुमान जयंती

मई 2021
2021 त्योहार
07 मई वल्लभाचार्य जयंती
13 मई ईद-उल-फित्र
17 मई शंकराचार्य जयंती
26 मई बुद्ध पूर्णिमा

जून 2021
2021 त्योहार
20 जून पितृपक्ष आरंभ
21 जून विश्व योग दिवस, खगोलीय घटना
24 जून कबीर जयंती

जुलाई 2021
2021 त्योहार
12 जुलाई जगन्नाथ यात्रा
20 जुलाई बकरीद, ईद-उल- जुहा
24 जुलाई गुरु पूर्णिमा

अगस्त 2021
2021 त्योहार
11 अगस्त हरियाली तीज
13 अगस्त नाग पंचमी
15 अगस्त स्वतन्त्रता दिवस
21 अगस्त ओणम/थिरुवोणम
22 अगस्त रक्षा बंधन
25 अगस्त कजरी तीज
30 अगस्त जन्माष्टमी

सितंबर 2021
2021 त्योहार
09 सितंबर हरतालिका तीज
10 सितंबर गणेश चतुर्थी
19 सितंबर अनंत चतुर्दशी

अक्तूबर 2021
2021 त्योहार
02 अक्टूबर गांधी जयन्ती
07 अक्टूबर शारदीय नवरात्रि
13 अक्टूबर दुर्गा महाअष्टमी पूजा
15 अक्टूबर दशहरा , शरद नवरात्रि पारणा
24 अक्टूबर करवा चौथ

नवंबर 2021
2021 त्योहार
02 नवंबर धनतेरस
04 नवंबर दिवाली , नरक चतुर्दशी
05 नवंबर गोवर्धन पूजा
06 नवंबर भाई दूज
10 नवंबर छठ पूजा
19 नवंबर गुरु नानक जयंती

दिसंबर 2021
2021 त्योहार
04 दिसंबर मार्गशीर्ष अमावस्या, सूर्य ग्रहण
16 दिसंबर धनु संक्रांति
20 दिसंबर पौष आरंभ
25 दिसंबर क्रिसमस

मनीष सिसोदिया ने कहा,समय और जगह बताएं, मैं खुली बहस के लिए उत्तराखंड आने को तैयार

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दिल्ली/देहरादून, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आप के वरिष्ठ नेता,मनीष सिसोदिया ने अपने उत्तराखंड दौरे पर यहां के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पिछले चार सालों में उनके द्वारा किए कोई भी पांच जनहित के कामों को गिनाने के लिए कहा था। जिसके लिए उन्होंने खुली बहस की चुनौती दी थी । उसके बाद उत्तराखंड बीजेपी के वरिष्ठ नेता और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बीजेपी सरकार के किए कामों को गिनाने की बात कही ।

आज उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मदन कौशिक की चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा,आप समय और दिन बता दीजिए जिसके लिए वो एक बार फिर जनहित के लिए कामों पर खुली बहस के लिए उत्तराखंड आने को तैयार हैं । इसके अलावा उन्होंने कहा,हमारे पास उत्तराखंड के कई लोग आते थे जो कहते थे कि आम आदमी पार्टी को उत्तराखंड में चुनाव जरूर लड़ना चाहिए, इसलिए हम उत्तराखंड के चुनावी मैदान में उतर रहे हैं और पूरे 70 सीटों पर चुनाव लडेंगे । इसके बाद जब वो उत्तराखंड गए तो उन्हें ऐसे कई लोग मिले जिन्हें, अपनी सरकार से बहुत सी शिकायतें थी। इनमें से ज़्यादातर लोगों का यही मानना था, कि त्रिवेंद्र रावत की सरकार ने पिछले चार सालों में कोई काम नहीं किए । कई लोगों ने कहा,त्रिवेंद्र सरकार जीरो टॉलरेंस नहीं बल्कि जीरो वर्क सरकार है ।

इसके अलावा ,उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मदन कौशिक के उत्तराखंड की जनता के जनहित के काम पर खुली बहस पर खुशी जताते हुए कहा ,मुझे बहुत खुशी है कि एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और हरिद्वार से चार बार के विधायक उत्तराखंड में हुए विकास कार्यों पर हमसे बहस के लिए तैयार हैं। इस बहस से पहली बार, उत्तराखंड के लोग शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर खुली देखेंगे और उन्हें ये पता चेलगा कि उत्तराखंड में कितना काम हो सकता था और कितना काम असल में हुआ है। जिसके बाद उन्होंने,मदन कौशिक द्वारा दी चुनौती को स्वीकार करते हुए
उनसे समय और जगह बताने के लिए कहा,ताकि वो उस बहस के लिए पहुंच सके।

पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास युपीआई भुगतान के लिए सर्वश्रेष्ठ तकनीक, भारत के प्रमुख बैंकों से दी बेहतर सुविधा- एनपीसीआई रिपोर्ट की पुष्टि

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देहरादून,  भारत की घरेलू पेटीएम पेमेंट पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पी पी बी एल), ने युपीआई लेनदेन की सफलता दर के मामले में एक बार फिर भारत के सभी प्रमुख बैंकों को पीछे छोड़ दिया है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम पेमेंट पेमेंट्स बैंक में सभी युपीआई रिमिटर बैंकों में 0.02 प्रतिशत और सभी युपीआई लाभार्थी बैंकों के बीच 0.04 प्रतिशत की सबसे कम तकनीकी गिरावट है। अन्य सभी प्रमुख बैंकों में एक तरह से उच्च तकनीकी गिरावट दर लगभग 1 प्रतिशत है। यह पेटीएम पेमेंट्स बैंक में इन-हाउस टेक्नोलॉजी-इन्फ्रास्ट्रक्चर की श्रेष्ठता की पुष्टि करता है और इसकी सफलता का प्रमुख कारण है।

जबकि अन्य बैंकों के लिए युपीआई लेनदेन ज्यादातर थर्ड-पार्टी ऐप द्वारा संचालित होते हैं, पी पी बी एल देश का एकमात्र बैंक है जो अन्य बैंकों के विपरीत है। यह पेटीएम के इकोसिस्टम से युपीआई लेनदेन को व्यवस्थित करता है, जबकि दूसरे बैंक थर्ड पार्टी ऐप पर निर्भर रहते हैं प् पीपीबीएल के पास पहले से ही अपने मंच पर 100 मिलियन से अधिक युपीआई हैंडल हैं और ऑफलाइन रिटेल स्टोर्स पर और यहाँ तक कि बड़े व्यापारियों में भी युपीआईपेमेंट्स की वृद्धि को तेज कर रहा है।

पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के एमडी और सीईओ सतीश गुप्ता ने कहा, ष्नवीनतम एनपीसीआई रिपोर्ट में हमारा प्रदर्शन उस कड़ी मेहनत का एक प्रमाण है जो टीम वैश्विक बैंकिंग अंतरिक्ष में सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी अवसंरचना प्रदान करने के लिए डालती है। जब हम देश भर में अपने ग्राहकों को नवीन उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करने के लिए ए आई और बिग डेटा का लाभ उठाने की बात करते हैं तो हम दूसरों से बहुत आगे हैं। हमारी तकनीक टीम जिन्हे व्यवसाय में अच्छा दिमाग है, एक सहज और कुशल अनुभव प्रदान करने के लिए चैबीसों घंटे काम करती है। इससे हमें अपने भागीदारों के साथ एक विश्वसनीय और लंबे समय तक चलने वाला संबंध बनाने में मदद मिली है। ”

पी पी बी एल भारत का सबसे सफल पेमेंट बैंक और धन स्रोतों का एक व्यापक मंच बना हुआ है। 100 मिलियन युपीआई हैंडल के अलावा, मंच पर 350 मिलियन वॉलेट, 220 मिलियन सेव्ड कार्ड और 60 मिलियन बैंक खाते हैं।

अटल सप्ताह के दूसरे दिन गर्म कपड़े वितरित किये

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देहरादून। आज 22 दिसंबर को अटल सेवा सप्ताह के दूसरे दिन अटल सेना राष्ट्रवादी एवम् हर्षल फाउंडेशन द्वारा सर्दी से बचाव के लिए गरम कपड़ों का वितरण किया गया।
सभी जानते है कि इस समय बहुत ठंड हो रही है, जरूरतमंद लोगों को विशेष रूप से महिलाओं ओर बच्चो को ठंड के बचाव के लिए गरम कपड़े दिए गए।
इस अवसर पर अमिता गोयल, प्रवीण शर्मा, बबीता गुप्ता,राखी गुप्ता, सुमन पांडेय, पुष्पा लिम्बु, सुधा जी, वर्षा गोयल एवम् संगीता अग्रवाल उपस्थित थे।
अध्यक्ष रमा गोयल ने सभी सदस्यों का धन्यवाद किया।
इस कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती भक्ति कपूर जी ने बहुत सफल एवम् सुंदर प्रोग्राम का आयोजन किया।

चौधरी देवीलाल अवार्ड से सम्मानित हुये वरिष्ठ पत्रकार डॉ. हरीश लखेड़ा, उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटला ने दिया सम्मान

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नई दिल्ली, लेखन और पत्रकारिता में अपनी प्रतिष्ठित साख रखने वाले डॉ हरीश लखेड़ा को आज ली मेरिडियन होटल में ‘चौधरी देवीलाल अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला द्वारा  लखेड़ा को प्रदान किया गया। ‘मेरी मां फाउंडेशन’ द्वारा प्रदान किया जाने वाला यह प्रतिष्ठित सम्मान डॉक्टर लखेड़ा को उनकी पत्रकारिता, लेखन और जनसरोकारों से जुड़ी उनकी सामाजिक सक्रियता हेतु प्रदान किया गया।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल के सम्मान में दिया जाने वाला पुरस्कार अपनी प्रतिष्ठा के अनुसार सदैव समाज की सकारात्मक धारा से जुड़ी विभूतियों को प्रदान किया जाता रहा है। डॉक्टर हरीश लखेड़ा लगभग तीन दशक से लेखन और पत्रकारिता से जुड़े हैं। उन्होंने देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में सेवाएं दी हैं और दे रहे हैं। विभिन्न विधाओं में उनकी आधा दर्जन पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं।

हाल ही में संसदीय पत्रकारिता पर प्रकाशित उनकी पुस्तक को खासी प्रसिद्धि मिली है जो नए पत्रकारों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। इससे पूर्व डॉ लखेड़ा पृथक राज्य उत्तराखंड आंदोलन के इतिहास पर एक प्रमाणिक और शोध ग्रंथ लेखन की दुनिया को समर्पित कर चुके हैं और अभी भी उनकी अलग-अलग विधाओं की चार पुस्तकों पर कार्य चल रहा है। पत्रकारिता जगत की अनेक विभूतियों ने पत्रकार लखेड़ा को सम्मान प्रदान किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की है और उन्हें शुभकामनाएं दी है।

‘कुली नंबर 1’ का ‘तुझको मिर्ची लगी’ सॉन्ग हुआ रिलीज, हुआ ट्रेंड

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मुंबई। अमेजन प्राइम वीडियो ने आज अपनी आगागी फिल्म ‘कुली नंबर 1’ से ‘तुझको मिर्ची लगी’ सॉन्ग को रिलीज कर दिया है। इस गाने के जरिये सभी को यादों के गलियारों में ले जाकर , मूल गायक, कुमार सानू और अलका याग्निक की जादू को फिर से दोहराया है जैसा उन्होंने सन 1994 में किया था।

मिर्ची से भरपुर इस मसालेदार गाने में सभी की नजरें वरुण धवन और सारा अली खान पर होंगी, क्योंकि उन्होंने गोविंदा और करिश्मा कपूर जैसे डांस करने के लिए उनके कदम पर कदम रखने का प्रयास किया हैं। लालो जॉर्ज – डीजे चतस द्वारा रचित मूल गीत को आनंद-मिलिंद द्वारा कंपोज किया गया है, वहीं इस गाने के बोल समीर द्वारा लिखे गए हैं।

फिल्म को लेकर निर्देशक डेविड धवन ने कहा, “मूल कुली नंबर 1 के गाने बेहद लोकप्रिय और सदाबहार हैं, और मुझे लगता है की इन गानों ने इस फिल्म की मदद की है। मैं हमेशा से स्पष्ट था , कि अगर मैंने कभी इस फिल्म को दोबारा बनाया , तो मैं इन ब्लॉकबस्टर गीतों का उपयोग करूंगा। मूल गाने संगीत निर्देशक आनंद मिलिंद द्वारा बनाए गए थे और इसके बोल समीर ने लिखे थे, जो मेरे दिल के काफी करीब हैं। हमने नए कुली नंबर 1 में इन गीतों को शामिल करके बहुत सारे काम एक साथ किए हैं।” ‘कुली नंबर 1’ 25 दिसंबर को 200 देशों और क्षेत्रों के प्राइम मेंबर्स के पास पहुंचने के लिए तैयार है।

 

Winters में फिर महंगा हुआ अंडा, टूट गया 3 साल का रिकॉर्ड

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नई दिल्ली: सर्दी हो या गर्मी खानपान की कुछ चीजें यानी फूड आइटम्स सदाबहार होते हैं. दाल-भात, पनीर, मैगी और मीट के अलावा एक और सदाबहार चीज है जो सेहत के लिए बढ़िया होने के साथ तैयार होने में भी कम समय लेती है. जी हां हम बात कर रहे हैं प्रोटीन के राजा अंडे (Egg) की जिसके दाम में रिकार्ड तोड़ उछाल आया है. लेकिन इसके बावजूद उसकी डिमांड में रत्ती भर कमी नहीं आई है.

इस तरह टूटा रिकार्ड
सर्दियों के सीजन में नवंबर तक सामान्य रहा अंडा अब ठंड बढ़ने के साथ महंगा हो गया है. अंडे के थोक दाम तो बीते तीन साल का रिकार्ड जल्द तोड़ने वाले हैं. आज की तारीख 21 दिसंबर तक अंडे का ओपन मार्केट रेट बीते तीन साल के रेट का रिकॉर्ड तोड़ चुका है. बरवाला मंडी में अंडा (Egg price in delhi) 550 रुपये प्रति सैंकड़ा तक बिका. जबकि तय दाम सिर्फ 521 रु. था.

थोक मंडी से खरीदने वाले रिटेलर्स का कहना है कि 3 साल पहले अंडे का ऑफिशियल रेट 543 रुपये तक गया था लेकिन इस साल ये और उंचाई छूने को तैयार है. बरवाला मंडी का ऑफिशियल रेट और उपर चढ़ने की संभावना है.

दाम चढ़ने की वजह बीमारी!
देश की प्रमुख अंडा मार्केट में अंडे का भाव तय कुछ हो रहा है और बिक उससे कहीं ज्यादा दाम पर हो रहा है. इसके पीछे मुर्गियों में आई बीमारी को सबसे बड़ी वजह बताया जा रहा लेकिन अंडा बाज़ार के जानकार इसे बड़े कारोबारियों की अंडा महंगा करने की एक चाल बता रहे हैं.

सेना का वाहन खाई में गिरा, तीन जवानों की हुई मौत, एक घायल

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नई दिल्ली: भारतीय जवानों के साथ बड़ा हादसा हो गया। भारतीय सेना का वाहन अचानक सड़क के नीचे जा गिरा। इस दौरान वाहन में सवार तीन जवान शहीद हो गए। वहीं सेना में कर्नल का 13 साल का बेटा भी वाहन में बैठा हुआ था, उसकी भी हादसे में मौत हो गयी। मामला सिक्किम में नाथुला के पास का है। हादसे के बाद सेना के अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।

सिक्किम में सेना का वाहन खाई में जा गिरा

दरअसल, सिक्किम में सेना का वाहन सड़क हादसे का शिकार हो गया। हादसा नाथुला में चीन भारत बॉर्डर के पास हुआ। बताया जा रहा है कि हादसे में तीन सेना के जवानों के साथ कर्नल के बेटे की मौत हो गयी, वहीं एक अन्य जवान घायल हो गया। जिसके इलाज के लिए कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।3 जवानों की मौत, एक घायल, कर्नल के बेटे की भी गई जान

मामले में पूर्वी सिक्किम के एसएसपी एसपी येलसारी ने जानकारी दी कि सेना का एक वाहन नाथुला के पास 17 मील दूर जवाहर लाल नेहरू रोड पर एक बर्फ से लदी गाड़ी से जा टकराया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि सेना का वाहन अनियंत्रित होकर पास में एक गहरी खाई में जा गिरा। इस हादसे में तीन जवानों की मौके पर ही मौत हो गयी। वहीं एक जवान की हालत गंभीर है, जिसे इलाज के लिए कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। वहीं मृतक जवानों के शव को वाहन से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

उधमसिंह नगर : नौ साल से फरार चल रहे आरोपी को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

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उधमसिंह नगर, रुद्रपुर के पांच सितारा होटल के जीएम के अपहरण के आज से नौ साल पुराने एक मामले में एसटीएफ ने पांच हजार के इनामी बदमाश को उधम सिंह नगर से गिरफ्तार किया है, आरोपी उधम सिंह नगर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक था, लेकिन एसटीएफ ने आरोपी उसे वारदात करने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ने साल 2011 में अपहरण की वारदात को अंजाम दिया था,

वारदात को अंजाम देने के बाद से आरोपी अपने साथियों के साथ 9 साल से फरार चल रहा था | एसटीएफ के द्वारा गिरफ्तार किए गये आरोपी की पहचान गुरमीत सिंह के रूप में हुई है. पुलिस को इस आरोपी की लंबे समय से तलाश थी, और आरोपी पर पुलिस ने इस पर पांच हजार रुपये का ईनाम घोषित किया था | पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ नेपाल और उत्तरप्रदेश में कई संगीन धाराओं के तहत मुकदमें दर्ज हैं, आरोपी गुरमीत सिंह ग्राम बिजोरा जिला उधम सिंह नगर का रहने वाला है |

शातिर अपराधी नौ साल तक नेपाल में छिपा बैठा था. गुरमीत सिंह ने 2011 अप्रैल में अपने दो साथियों के साथ मिलकर रुद्रपुर के पांच सितारा होटल के जीएम का अपहरण कर लिया था, इसके बाद अपराधी नेपाल में 9 साल से छिपा बैठा था |