Saturday, May 17, 2025
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ब्रह्मानंद और परमानंद में क्या अंतर है?

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परम पावन-तरण तारिणी में गंगा के तट पर बहने वाली कहानी में, चौथे दिन, एक बहुत ही शांत धारा में, बापू ने कहा कि शुकदेवजी अपनी माता के गर्भ से पैदा हुए थे और कई रूपों में, उपनयन या किसी भी अन्य संस्कार से पहले छोड़ दिए गए थे। जिसे ममता-मोहवश हैयायन व्यास टूटे हुए दिल के साथ खोजने के लिए दौड़े। शुकदेवजी से वृक्ष और लताएँ जवाब देती हैं, कोई कहता है कि वृक्ष क्यों प्रतिक्रिया करता है? जैसे ही वक्ता के होंठ हिलते हैं, वैसे ही गुरबानी-गुरुकृपा। शुक भी हर निर्जीव के दिल में निहित है, इसलिए शुक जवाब देते है।

पाँच प्रकार के सुख हैं जैसे कि विश्वानंद, भोगानंद आदि लेकिन साधक के लिए दो प्रकार के सुख हैं – ब्रह्मानंद और परमानंद दोनों के बीच क्या अंतर है? ब्रह्मानंद तब होता है जब कोई साधक ब्रह्म को याद करता है या ब्रह्म उसकी याददाश्त खोलता है और साधु-साधक उसे अनुभव करता है। लेकिन साधु अपने गुरु को याद करता है और अहसास आनंदित होता है। आनंद में गद-गीर नीरा बहै नीरा-ए की स्थिति है।

विद्यानंद क्षणिक सुख है। शुकदेवजी अपनी माता के गर्भ में बारह वर्षों से हैं। यह मानव या वैज्ञानिक तर्क से नहीं मापा जाता है बल्कि बारह वर्ष एक युग माना जाता है। कोई भी जानकार, विद्वान अपने जीवन के अंतिम वर्षों में 12-12 साल के टुकड़ों को देखकर समझ सकता है कि कितना बदल गया है।
रामचरित मानस में, मंत्री-सचिव पात्र बहुत पुराने हैं। रावण आदि के स्वांग में माल्यवंत, जामवंत, सुमंत, जटायु, संपति, ब्रह्मा आदि।

शुक का निर्णय गर्भ से बाहर नहीं आने का था जब तक कि परम सही पक्ष पर नहीं था। बापू ने कहा कि भगवद गीता में लोगों के बीच आध्यात्मिक संचार होता है। शारीरिक या मानसिक रूप से आपका बुद्धपुरुष के साथ जुड़ाव, यह वही भावना देगा। गीताजी कहती हैं कि संघ काम पैदा करता है और काम क्रोध पैदा करता है लेकिन फकीरों की संगति से राम चमकते हैं। एक सत्संग में, समय स्थिर हो जाता है, समय सारणी नहीं। समय रुक जाता है।
लक्ष्मण धर्म है, शत्रुघ्न का अर्थ है। यह समझने के लिए कि रामतो स्वयं मोक्ष हैं लेकिन भरत काम करते हैं, थोड़ा गुरु की कृपा चाहिए।

जहाँ हृदय ब्रह्म का अनुसरण करता है वही ब्रह्मानन्द है जो थोड़ा कठोर है लेकिन परमानन्द तीसरा प्रेम है। वास्तव में वैष्णववाद हमें आनंद देना चाहता है। हम प्यार के शिकार हैं। ब्रह्मानंद को योगियों को दे दो। ब्रह्मानंद संघ से मुक्त है लेकिन आनंद में संबंध है। सूफियों ने उसे मरहम लगाने वाला कहा। ब्रह्मानंद सुनकर मन भर सकता है, लेकिन परमानंद खुद को नष्ट कर लेता है।

नैनीताल :  हाईकोर्ट ने दून के जिला जज को किया सस्पेंड, कई जिला जजों के किए तबादले

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नैनीताल, उत्तराखंड़ के उच्च न्यायालय ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए देहरादून के जिला जज प्रशांत जोशी को सस्पेंड कर दिया है, गौरतलब हो कि 21 दिसंबर 2020 को मसूरी कैम्प कोर्ट को अपनी आधिकारिक कार की जगह केवल कृष्ण सोइन नाम के व्यक्ति की ऑडी कार पर जिला न्यायाधीश का बोर्ड लगाकर गए।

वही उस ऑडी कार के मालिक के लिए देहरादून के राजपुर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 471 व 120बी के तहत आरोपित है और मामले में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। उच्च न्यायालय ने इस कृत्य को उत्तराखंड सरकारी जनसेवक रूल्स 2002 के नियम संख्या 31, 32 व 30 का उल्लंघन मानते हुए उन्हें निलंबित कर जिला न्यायाधीश रुद्रप्रयाग के मुख्यालय से संबद्ध कर दिया है। खास बात है कि ऐसे में अब वह पूर्व अनुमति के बिना स्टेशन भी नहीं छोड़ पाएंगे।

साथ ही उच्च न्यायालय ने प्रदेश के तीन जिलें नैनीताल, पिथौरागढ़ व बागेश्वर के जिला जज सहित प्रदेश के कई न्यायिक अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं।

ऐसे में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार.विजीलेंस द्वारा जारी आदेशों के अनुसार जाने किसका कहा हुआ तबादला

उजाला-भवाली यानी उत्तराखंड ज्युडिशियल एंड लीगल एकेडमी के निदेशक डाण् जीके शर्मा का तबादला कर उन्हें पिथौरागढ़ के जिला जज बनाया गया।

वही पिथौरागढ़ के जिला जज राजेंद्र जोशी का तबादला कर नैनीताल के जिला जज बनाया गया।

लेबर कोर्ट काशीपुर के प्रसाइडिंग ऑफीसर नितिन शर्मा का तबादला कर उन्हें उजाला का निदेशक बनाया गया है।

बागेश्वर के जिला जज धनंजय चर्तुवेदी का तबादला कर उन्हें उत्तराखंड उच्च न्यायालय में रजिस्ट्रार जनरल बनाया गया।

फूड सेफ्टी अपीलेट ट्रिब्यूनल देहरादून के प्रसाइडिंग ऑफीसर सीपी बिजल्वाणा का बने देहरादून के जिला जज ।

साथ ही नैनीताल के जिला जल राजीव कुमार खुल्बे को उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव पद पर नियुक्त किया गया है।

इको ग्रुप द्वारा धेपलिंग कॉलोनी में कूड़ा प्रबंधन अभियान

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देहरादून, इकोग्रुप द्वारा देहरादून में स्वच्छता मुहिम को और गति देते हुए धेपलिंग कॉलोनी, तिब्बत सेटलमेंट, सहस्त्रधारा रोड में कूड़ा प्रबंधन में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए आज प्रातः काल अभियान चलाया और इसके निवासियों से जीरो वेस्ट की तरफ आगे बढ़ने की दिशा में वेस्ट के सही निस्तारण से संबंधित पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। यह अभियान वेस्ट वॉरियर देहरादून के सौजन्य से शुरू की गई श्रृंखला में पहला कदम भी है।

इको ग्रुप ने मुख्य रूप से सेग्रीगेशन ,सूखा ओर गीला कूड़े को पृथक कर प्लास्टिक वेस्ट से इको ब्रिक्स बनाने का आवाह्न कर सेग्रीगेशन और प्लास्टिक वेस्ट से इको ब्रिक्स बनाने के लिए प्रेरित किया। इस प्रयास से घर से निकलने वाला कूड़े में कमी आएगी, घर में कूड़े का स्टोरेज काम होगा, घिरेगा, नगर निगम की गाड़ी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, पर्यावरण की रक्षा भी होगी और साथ साथ इको ब्रिक्स को उपयोग में लाकर बेंच, पेडेस्टल , स्टूल इत्यादि भी बनाये जाएंगे।

इको ग्रुप की इस मुहिम में करीब 52 मेंबर्स ने भाग लिया इन सब निवासियों को प्लास्टिक के ग़लत निस्तारण से संबंधित खतरों एवं इको ब्रिक्स द्वारा इसके सदुपयोग के बारे में विस्तार से इको ग्रुप के संस्थापक सदस्य आशीष गर्ग, अमित जैन एवं अनिल मेहता द्वारा चर्चा की गई। प्रत्येक प्रेरित सदस्य ने इको ब्रिक्स बनाकर पर्यावरण संरक्षित करने का प्रण लिया। निवासी कपड़े के थैले बनाने के लिए इको ग्रुप को पुराने कपड़े भी प्रदान करेंगे । इस कार्यक्रम में धेपलिंग कॉलोनी से श्री जम्पा, टेरिंग, होबसोंग, लोथर, करमा चुंबा इत्यादि ने सक्रियता से भाग लिया।

अल्मोड़ा की प्रिया बनी जज, हासिल की पीसीएसजे में आठवीं रैंक, क्षेत्र में खुशी की लहर

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अल्मोड़ा, उत्तराखंड़ की बेटी ने फिर एकबार फिर शाबाशी की हकदार बनी, जनपद अल्मोड़ा की प्रिया शाह अब जज बनकर प्रदेश की सेवा करेगी, उसने उत्तराखंड पीसीएसजे में आठवीं रैंक हासिल की। उत्तराखंड पीसीएसजे सिविल जज जूनियर डिवीजन में आठवीं रैंक प्राप्त करने वाली अल्मोड़ा के डुबकिया मोहल्ला निवासी प्रिया शाह के पिता स्व. अनुज कुमार अधिवक्ता थे,

प्रिया की माता किरन शाह गृहिणी हैं और चेली ऐपण संस्था से भी जुड़ी हैं। उनके दादा स्व. दिनेश चंद्र शाह वरिष्ठ अधिवक्ता थे। प्रिया ने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई कुर्मांचल अकादमी अल्मोड़ा से की है।एसएसजे परिसर से प्रिया शाह ने 2014 में बीकॉम करने के बाद यहीं से 2017 में उन्होंने एलएलबी में प्रवेश लिया और इस साल एलएलएम भी पूरा कर लिया है। बीकॉम और एलएलबी में टॉपर रहकर उन्होंने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। 2017 में ही व्यक्तिगत एमकॉम की परीक्षा में भी उन्होंने प्रदेश टॉप किया था।
छोटा भाई शुभम शाह सीए की तैयारी कर रहा हैं। उनके चाचा स्व. डॉ. राजेश शाह प्रसिद्ध डॉक्टर थे। जबकि चाची डॉ. विनीता शाह अल्मोड़ा में सीएमओ के पद पर रह चुकी हैं।
एलएलबी में टॉप करने और स्वर्ण पदक पाने के बाद प्रिया को हौसला मिला और पहली बार में ही उन्होंने पीसीएसजे परीक्षा में आठवीं रैक प्राप्त की। वह बहुत अधिक समय तक पढ़ाई नहीं करती थीं, बल्कि पूरे दिन में थोड़े-थोड़े समय ही पढ़ाई करती थी।

प्रिया कहती हैं मां के परिश्रम से ही आज इस ऊंचे मुकाम पर पहुंची हूं। दादा और पिता की मौत के बाद माता किरन शाह ने पिता और मां दोनों की जिम्मेदारी निभाई। मां ने उसे हमेशा हिम्मत दी। प्रिया का कहना है कि परीक्षाओं के समय मां खुद भी परीक्षार्थियों की तरह जागती रहीं। कहा कि वैसे तो हर किसी ने उनकी सहायता की। कॉलेज से लेकर अल्मोड़ा के अधिवक्ताओं और अन्य प्राध्यापकों ने उन्हें सहयोग किया। प्रिया की इस उपलब्धि से क्षेत्र में खुशी की लहर है और लोगों परिवार को बधाई प्रेषित कर रहे हैं |

किसान आंदोलन का 27वां दिन में प्रवेश : किसानों ने कहा- हम ब्रिटिश सांसदों से कहेंगे, वे अपने PM को गणतंत्र दिवस पर भारत आने से रोकें

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नई दिल्ली, किसान आंदोलन का आज 27वां दिन है। इस बीच किसान नेता कुलवंत सिंह संधु ने सिंघु बॉर्डर पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 26 जनवरी पर होने वाले आयोजन के लिए ब्रिटिश PM बोरिस जॉनसन भारत आने वाले हैं। हम वहां के सांसदों को लिखेंगे कि वे उन्हें भारत आने से रोकें। जब तक कि केंद्र सरकार किसानों की मांगें नहीं मान लेती। उन्होंने कहा कि केंद्र की चिट्‌ठी पर किसान बुधवार (आज)को फैसला करेंगे।

इससे पहले किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ‘सरकार तय कर चुकी है कि कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी। उन्होंने जो चिट्ठी जारी की है, उसमें लिखा है कि अगर किसान कानूनों में बदलाव चाहते हैं तो बातचीत की तारीख और समय बता दें। ये सरकार का समाधान के लिए कदम बढ़ाना नहीं है, बल्कि किसानों से धोखा है। आम आदमी को लगेगा कि किसान जिद पर अड़े हैं, लेकिन हकीकत ये है कि हम कानूनों में बदलाव चाहते ही नहीं, बल्कि चाहते हैं कि ये वापस लिए जाएं।’

सरकार का दावा- यूपी के किसान नेता हमारे साथ
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘आज उत्तर प्रदेश के कुछ किसान नेता मुझसे मिले। उन्होंने नए कृषि कानून को लेकर सरकार का समर्थन किया है। उनका कहना है कि तीनों कानून में किसी भी तरह का संशोधन नहीं होना चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर की किसान संघर्ष समिति और नई दिल्ली की इंडियन किसान यूनियन के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इन कानूनों से किसान की हालत में सुधार होगा और इनमें बदलाव नहीं किए जाने चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि किसान संगठन जल्द ही बातचीत शुरू करेंगे, जिससे जल्द से जल्द मामले को सुलझाया जा सके।’

सरकार से बातचीत के न्योते पर किसान आज फैसला ले सकते हैं
सरकार से बातचीत को लेकर किसान फैसला ले सकते हैं। वे तय करेंगे कि सरकार से चर्चा करनी है या नहीं। सरकार की तरफ से रविवार रात किसानों को बातचीत के न्योते की चिट्ठी भेजी गई थी। दूसरी तरफ किसान नेता हन्नान मुला ने कहा कि सरकार दिखावा कर रही है। एजेंडे पर चर्चा नहीं चाह रही। बातचीत करनी है तो हमारे एजेंडे पर ही हो।

‘सरकार पुराने प्रपोजल पर ही बात करना चाहती है’
किसानों नेताओं का कहना है कि सरकार ने 5 पेज का गोलमोल प्रपोजल भेजा है। इसमें पुरानी बातों पर ही जोर है। सरकार ने वही पॉइंट भेजे जो 9 दिसंबर के प्रपोजल में थे। सरकार पुराने प्रपोजल पर बातचीत चाहती है। कानून रद्द करने और MSP पर नया कानून लाने की मांग पर चर्चा नहीं चाहती।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि कृषि मंत्री से मीटिंग का न्योता नहीं मिला है। जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेती, किसान पीछे नहीं हटेंगे। सभी मुद्दे सुलझाने में एक महीने से ज्यादा का वक्त लगेगा। सरकार हमारे पास आएगी।
दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर जहां-जहां किसान धरना दे रहे हैं, वहां भूख हड़ताल भी जारी है। हर दिन 11 किसान 24 घंटे के उपवास पर बैठेंगे। वहीं, हरियाणा में 25 से 27 दिसंबर तक टोल फ्री किए जाएंगे।
किसानों द्वारा गाजीपुर बॉर्डर जाम करने की वजह से पुलिस को आज दिल्ली से गाजियाबाद के रास्ते पर भी ट्रैफिक बंद करना पड़ा था। शाम को प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गाजीपुर (दिल्ली-यूपी) बॉर्डर पर आने-जाने वाले लोगों के लिए वन-वे रोड खोल दी। दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाले यात्री ने बताया कि रोड खेलने से हमारा समय बचेगा और हमें सहूलियत भी होगी।
ठिठुरते किसानों को देख रोना आता है…लिखकर किसान ने पीया जहर
तरनतारन से सिंघु बॉर्डर पहुंचे 75 साल के किसान निरंजन सिंह ने सोमवार को सल्फॉस पीकर जान देने की कोशिश की। वे PGI रोहतक में भर्ती हैं। जेब से मिले नोट में लिखा है, किसानों को ठिठुरते देख रोना आता है। सरकार सुन नहीं रही और किसानों की जान जा रही है। कुर्बानी देना चाहता हूं।

‘सरकार जितना दबाएगी, आंदोलन उतना तेज होगा’
भाकियू के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि 25 दिसंबर को कनाडा, इंग्लैड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रिया जैसे देश जहां पंजाबियों की संख्या ज्यादा है, वहां की एंबेसी के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। भाकियू दोआबा के प्रधान मंजीत सिंह ने पंजाब में आढ़तियों पर आयकर विभाग की छापेमारी पर कहा कि सरकार जितना दबाएगी, आंदोलन उतना तेज होगा।

ऐतिहासिक लंदन फोर्ट में चलाया सफाई अभियान, पर्यावरण संरक्षण की दिलाई शपथ

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पिथौरागढ़, ऐतिहासिक लंदन फोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ता जुगल किशोर पांडेय की पहल पर सफाई अभियान चलाया गया। इस दौरान सेना भर्ती की तैयारी में जुटे युवाओं ने परिसर में फैले कूड़े को एकत्र करके निस्तारित किया। युवाओं की इस पहल का स्वागत करते हुए केएमवीएन के पर्यटक आवास गृह के प्रबंधक दिनेश गुरुरानी ने युवाओं को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई। सफाई अभियान में प्रशिक्षक राजेंद्र देवलाल, अशोक महरा, विनोद बिष्ट, पवन मेहता, ज्योति शर्मा, ज्योति कार्की, श्वेता खोलिया, निकिता बम, मनोज बिष्ट, पवित्र वाल्मीकि, आयुष राज, राजू धामी, वर्षा कोहली, पूजा जोशी, नीलू कुमारी, अनुज विश्वकर्मा, महिमा आदि मौजूद थे।

रिखणीखाल ब्लाक में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्वानों और संस्कृतिकर्मियों को किया सम्मानित

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कोटद्वार, समारंभ सामाजिक संस्था की ओर से रिखणीखाल ब्लाक के अंतर्गत ग्राम सिरसवाड़ी में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्वानों और संस्कृतिकर्मियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर स्कूली बच्चों को जूते, किताबें, बैग और स्वेटर बांटे गये |कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रंजना रावत ने किया।

उन्होंने लोगों से पहाड़ की सेवा करने को आगे आने का आह्वान किया। मुख्य अतिथि और संस्था के मयंक खंतवाल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आशा देवी, रीनादेवी, आशा देवी, समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए पोस्टमास्टर वेद प्रकाश सेमवाल, राजस्व उपनिरीक्षक अमित भट्ट, शिक्षक नीलम, संगीता नेगी, भोजन माता पार्वती देवी, रोजगार सेवक विनोद सेमवाल और देव पूजा जागरी लालाराम मलासी को सम्मानित किया।

साथ ही पहाड़ के परंपरागत संस्कृति कर्मियों को ढोल दमाऊं और मशकबीन देकर सम्मानित किया। इस मौके पर संस्था के संयोजक कुलदीप खंतवाल, ब्लाक प्रमुख रिखणीखाल मनोहर देवरानी, जिला पंचायत सदस्य विनय पाल सिंह नेगी, ग्राम प्रधान नेहा नेगी आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन सुमन नेगी ने किया।

राज्य आंदोलनकारियों ने तहसील में प्रदर्शन कर दिया धरना

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कोटद्वार, उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मोर्चा के बैनर तले राज्य आंदोलनकारियों ने चार सूत्री मांगों को लेकर तहसील में प्रदर्शन कर धरना दिया। उन्होंने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर मांगों के निराकरण की मांग की, इस मौके पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि राज्य निर्माण के 20 वर्ष बाद भी आंदोलनकारियों के चिह्निकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। हर जिले में चिह्निकरण के लिए अलग-अलग मानक अपनाए जाने से कई राज्य आंदोलनकारी अब भी चिह्निकरण से वंचित रह गए हैं।

कई आंदोलनकारियों की मृत्यु हो चुकी है और उनके आश्रित ठोकरें खाने को मजबूर हैं। कहा कि सरकार की ओर से न्यायालय में ठोस पैरवी नहीं करने से मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को अभी तक सजा नहीं मिल पाई है। धरना देने वालों में मोर्चा के अध्यक्ष महेंद्र सिंह रावत, दिनेश सती, गुलाब सिंह रावत, हरि सिंह रावत, अशोक कंडारी, समीम, मुन्नी कंडवाल, मंजू कोटनाला, राजकुमार गुप्ता, नंदकिशोर डबराल, चंद्र प्रकाश, संगीता रावत, राजेंद्र सिंह, कमल किशोर खंतवाल, इच्छा नेगी, प्रकाश बमराड़ा, सूरी देवी, पार्वती अधिकारी, मनमोहन सिंह नेगी, पुरुषोत्तम डबराल और बंटी नेगी मौजूद रहे।

ये हैं चार सूत्री मांगें
31 दिसंबर 2017 से डीएम कार्यालयों में आंदोलनकारियों के लंबित आवेदनों को तहसील स्तर पर एलआईयू से जांच कराकर निश्चित अवधि में निस्तारण कर चिह्निकरण किया जाए।
पेंशन की पात्रता रखने वाले ऐसे आंदोलनकारी जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनकी विधवाओं को पेंशन के दायरे में शामिल कर आंदोलनकारियों की भांति सुविधाएं प्रदान की जाए।
न्यायालय मुकदमे, घायल, अस्थायी जेल व एक दिन जेल में रहने का मानक बनाकर आंदोलनकारियों को चिह्नितकर सुविधाएं प्रदान करें।
राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने के लिए पुन: विधेयक लाने, सुप्रीम कोर्ट में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण और मुजफ्फरनगर कांड व सीबीआई से संबंधित वादों के निस्तारण के लिए महाअधिवक्ता उत्तराखंड की अध्यक्षता में स्थायी अधिवक्ता (सीएससी) व चिह्नित आंदोलनकारी अधिवक्ताओं की उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने की मांग।

छात्रवृत्ति घोटाला : काशीपुर पुलिस की गिरफ्त में घोटले का आरोपी

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उधमसिंह नगर, छात्रवृत्ति घोटाले में पूर्व समाज कल्याण अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद सोमवार को आईटीआई थाना क्षेत्र की पैगा चौकी पुलिस ने घोटाले में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले एक युवक को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पकड़े गए बिचौलिए के खिलाफ मार्च में आईटीआई थाने में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने बिचौलिए को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है।

आईटीआई थाना पुलिस ने दो दिन पूर्व देहरादून से छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी पूर्व समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। घोटाले की जांच के दौरान ही एसआईटी को बिचौलियों की ओर से जसपुर के कुछ ओबीसी छात्रों का फर्जी दस्तावेज से शिक्षण संस्थानों में दाखिला कराने के साक्ष्य मिले थे।

इसके आधार पर एसआईटी इंस्पेक्टर जीबी जोशी ने काशीपुर महुवाखेड़ा गंज निवासी पाकेश सिंह के खिलाफ आईटीआई थाने में केस दर्ज किया था। केस दर्ज होने के बाद से पुलिस पाकेश की धरपकड़ में जुटी थी। मुखबिर की सूचना पर पैगा चौकी पुलिस ने रविवार देर शाम पाकेश को महुवाखेड़ा गंज से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पैगा चौकी प्रभारी अशोक फर्त्याल ने बताया कि पाकेश ने जसपुर के तीन छात्रों का महेंद्रगढ़, हरियाणा स्थित एक शिक्षण संस्थान में फर्जी दाखिला कराया था। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

एक छात्र का मिलता था 47 हजार, गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में पाकेश ने खुलासा किया कि शिक्षण संस्थान और समाज कल्याण विभाग की ओर से उसे एक छात्र के 47 हजार 350 रुपये मिलते थे। इसमें से कुछ रकम वह छात्र को देता था और कुछ समाज कल्याण विभाग के लोगों को। छात्र को तैयार करने के बाद वह उसके शैक्षिक दस्तावेज लेकर उन्हें शिक्षण संस्थान में जमा कर देता था जिससे छात्र का फर्जी दाखिला दिखाया जाता था।

खुद भी छात्रवृत्ति से किया था बीएड |
काशीपुर। छात्रवृत्ति घोटाले में पकड़े गए बिचौलिए पाकेश ने वर्ष 2008 में बीपीएड और 2015 में बीएड किया था और यह पढ़ाई भी उसने छात्रवृत्ति से ही की थी। इसके चलते उसे छात्रवृत्ति लेने की प्रक्रिया की पूरी जानकारी थी और वह छात्रों को आसानी से बरगला लेता था। काशीपुर में ही पाकेश की करीब तीन एकड़ जमीन भी है जिस पर खेती की जाती है। पढ़ा- लिखा और घर से संपन्न होने के बाद भी पाकेश लालच में आकर बिचौलिया बन गया।

शादी के बंधन में बंधे युजवेंद्र चहल, धनाश्री संग लिए सात फेरे

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नई दिल्‍ली. ऑस्‍ट्रेलिया दौरे से वापस लौटने के कुछ दिन ही भारत के स्‍टार गेंदबाज युजवेंद्र चहल शादी के बंधन में बंध गए हैं, उन्‍होंने कोरियोग्राफर और यूट्यूबर धनाश्री वर्मा संग मंगलवार को गुरुग्राम में सात फेरे लिए. चहल ने इंस्‍टाग्राम पर फोटो शेयर करके अपनी शादी की खुशखबरी दी. इसी साल अगस्‍त में चहल ने धनाश्री के साथ अपनी सगाई की घोषणा करके सभी कोई को सरप्राइज दिया था.

इस कपल ने अपने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से फैंस को यह खुशखबरी दी थी. सगाई से पहले तक चहल और धनाश्री, जो एक डेंटिस्‍ट भी है, दोनों ने अपने रिश्‍ते को सार्वजनिक नहीं किया था. हाल में ही धनाश्री यूएई में नजर आई थी, जहां आईपीएल का 13वां सीजन खेला गया. वह चहल का उत्‍साह बढ़ाने के लिए यूएई गई थी.
शादी की तरस्‍वी में धनाश्री गहरे लाल रंग के लहंगे में नजर आ रही है , जबकि चहल गहरे लाल रंग की पगड़ी के साथ शेरवानी में नजर आ रहे हैं.

चहल कुछ दिन पहले ही ऑस्‍ट्रेलिया दौरे से भारत लौटे थे. चहल ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज के लिए टीम इंडिया का हिस्‍सा थे. हालांकि वह एक टी20 मैच को छोड़कर इस दौरे पर कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए. तीन मैचों की टी20 सीरीज के पहले मैच में चहल मैन ऑफ मैच रहे थे. उन्‍होंने पहले मैच में 3 बड़े विकेट लिए थे. ऑस्‍ट्रेलिया दौरे पर उन्‍होंने 5 मैचों में कुल 5 विकेट लिए. अब चहल इंग्‍लैंड के खिलाफ मैदान पर नजर आएंगे. इंग्‍लैंड की टीम फरवरी में भारत का दौरा करेगी.