Tuesday, May 20, 2025
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हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरों टालरेंस की नीति पर चलते सुशासन के लिये की महत्वपूर्ण पहल : मुख्यमंत्री

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सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दी पूर्व प्रधानमंत्री बाजपेई को श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप मे मनाया जा रहा है। श्रद्धेय वाजपेयी जी ने ही दशकों से चले आ रहे उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के संघर्ष का सम्मान करते हुए अलग राज्य का सपना साकार किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति पर चलते हुए सुशासन के लिए अनेक महत्वपूर्ण पहल की हैं। भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी सुशासन के लिए ईमानदारी से किये गये हमारे प्रयासों से शासन-प्रशासन की कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है। सी.एम.डैशबोर्ड ’उत्कर्ष  के माध्यम से 205 Key Performance Indicators के आधार पर लगभग सभी विभागों की महत्वपूर्ण योजनाओं की मुख्यमंत्री स्तर पर Real time monitoring की जा रही है।

सी.एम. हैल्पलाईन ’1905’ में अभी तक 35 हजार से अधिक शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का 24 घण्टे लेकर एक सप्ताह के भीतर समाधान किया जा चुका है। विभागाध्यक्ष और जिलाधिकारी की सीधी जिम्मेवारी तय की गई है। शिकायतकर्ता के संतुष्ट न होने तक शिकायत का निस्तारण नहीं माना जाता है।

सेवा का अधिकार के अंतर्गत वर्ष 2017 तक केवल 10 विभागों की 94 सेवाएं आती थी, जिन्हें कि हमने ने बढ़ाकर 27 विभागों की 243 सेवाएं किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि  ट्रांसफर एक्ट बनाते हुए इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया है । ई-कैबिनेट का उद्देश्य समयबद्ध ढंग से कार्रवाई करना, पेपर लेस व्यवस्था को प्रोत्साहित करना और सभी रिकॉर्ड व्यवस्थित तरीके से रखना है।

ई-ऑफिस के जरिए फाइलों के निस्तारण में भी तेजी आएगी।  ई-ऑफिस हेतु सचिवालय के अंतर्गत 54 विभागों के 828 कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है तथा 140 अनुभागों में ई-ऑफिस शुरू किया जा चुका है। 3773 फाइलें ई-आफिस के माध्यम से बना दी गई है।

सचिवालय के साथ ही 27 विभाग, ई-आफिस प्रणाली के अन्तर्गत आ चुके हैं। देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर व ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी कार्यालयों में ई-आफिस प्रणाली शुरू हो चुकी है। राज्य के हर न्याय पंचायत से ई-पंचायत सेवा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखण्ड देश का तीसरा राज्य है।

विराट सन्त सम्मेलन : देश विदेश के अनेक गीता जिज्ञासुओं और शोधकर्ताओं ने लिया भाग

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हरिद्वार, (कुल भूषण) । अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2020 के अन्तर्गत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के श्रीमदभगवदगीता सदन में आयोजित सन्त सम्मलेन परम पूज्य जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरिजी जी महाराज ‘आचार्यश्री”  की पावन अध्यक्षता में आयोजित हुआ।

इस विराट सन्त सम्मेलन में योगऋषि परम पूज्य श्री स्वामी रामदेव जी महाराज, देश-विदेश में श्रीमदभगवदगीता का प्रचार प्रसार करने वाले गीता-मनीषी पूज्य  स्वामी ज्ञानानंद  महाराज, हिन्दू धर्म आचार्य सभा के सचिव पूज्य सन्त स्वामी परमात्मानंद जी महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ अधिकारी  इन्द्रेश कुमार , विश्व जागृति मिशन के संस्थापक पूज्य  स्वामी सुधांशु  महाराज, महंत महेश्वर दास  महाराज आदि प्रमुख सन्तों के साथ जल शक्ति राज्य मंत्री  रतन लाल जी कटारिया, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति  सोमनाथ सचदेवा जी तथा देश- विदेश के अनेक गीता जिज्ञासुओं और शोधकर्ताओं की उपस्थिति रही ।

पहाड़ के गांधी’ बड़ोनी की जयंती उक्रांद ने संकल्प दिवस के रूप में मनाई

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देहरादून, उक्रांद ने पार्टी कार्यालय में पहाड़ के गांधी स्व०इंद्रमणि बड़ोनी की 95 वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उनको याद किया। उक्रांद कार्यकर्ताओं ने 11 बजे घंटाघर स्थित स्व०बड़ोनी की प्रतिमा में दल के संरक्षक बी डी रतूडी के नेतृत्व में श्रद्धांजलि दी गयी। पार्टी कार्यालय में श्रद्धांजलि देते हुये गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी को संबोधित करते हुये बड़ोनी जी के जीवन पर प्रकाश डाला।

 

स्व०बड़ोनी जी के जीवन संघर्ष से हमे प्रेणा लेनी चाहिये। उत्तराखंड राज्य आंदोलन को की अगुवाही अहिंसक रूप में लेकर गये। आज के दिन सन 1925 को ग्राम अखोडी टिहरी गढ़वाल स्व० सुरेशा नंद के जेष्ठ पुत्र के रूप में जन्म लिया । सुनील ध्यानी ने कहा कि सब०बड़ोनी को पहाड़ का गांधी क्यों कहा गया था। उनमें नेतृत्व की क्षमता, सवांद के द्वारा लोगो को पक्ष में करना, राज्य आंदोलन को अहिंसक रूप से अगुवाही करना ही उनको पहाड़ के गांधी पुकारा गया। उनके जनदिवास को संस्कृति दिवस के रूप में सरकार मनाती है।

संस्कृति दिवस का रूप मनाने का अर्थ है कि वे एक कुशल रंगकर्मी थे।पांडव नृत्य और माधो सिंह भंडारी का मंचन की शुरुआत स्व०बड़ोनी ने आरम्भ किया था। पहला मंचन उन्होंने मलेथा से शुरू किया था। इन नाटकों का मंचन व कुशल निर्देशन उन्होंने 26 जनवरी 1957 में दिल्ली में किया था।इस अवसर पर लताफत हुसैन,जय प्रकाश उपाध्याय,बहादुर सिंह रावत,देवेंद्र चमोली,रेखा मिंया, शकुंतला रावत,जब्बर सिंह पावेल,राजेन्द्र बिष्ट,अशोक नेगी,किरन रावत कश्यप, शिव प्रसाद सेमवाल,सीमा रावत, अनिल डोभाल, ब्रजमोहन सजवाण,राकेश बिष्ट,सतीश नौटियाल, अंकेश भण्डारी, शैलेश खत्री, कमल कांत,अरबिंद बिष्ट,विनीत सकलानी, अरबिंद बिष्ट,विजेंदर रावत, आदि थे।इस अवसर पर स्व०बड़ोनी जी के जन्मदिवस से प्रेरणा लेते हुये विशन कंडारी पूर्व जिला सह संयोजक सहकारिता प्रकोष्ठ टिहरी भाजपा,अमर सिंह धुंता आर टी आई एक्टिविस्ट, युवा दिगंबर सिंह ने उत्तराखंड क्रान्ति दल में शामिल हुये।

हाईकोर्ट का आदेश : गुरु रामराय मेडिकल कॉलेज पर पांच लाख रुपये का जुर्माना, छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का आरोप

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नैनीताल, उत्तराखंड हाई कोर्ट ने बुधवार को गुरु रामराय मेडिकल कॉलेज द्वारा बिना एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय की अनुमति के 30 छात्रों को 2017-18 में मेडिकल की पढ़ाई के लिए प्रवेश दिए जाने के मामले में सुनवाई की।
उच्च न्यायालय ने श्रीगुरु रामराय इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज पर 30 विद्यार्थियों को 2017-18 के नर्सिंग कोर्स में कथित गैरकानूनी ढंग से प्रवेश देने के मामले में पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया।

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय से संबद्धता नहीं होने के बावजूद 30 अतिरिक्त सीटों पर कॉलेज ने छात्रों को प्रवेश दे दिया।

आदेश पारित करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज तिवारी ने संस्थान पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया और विश्वविद्यालय को छात्रों के हित में उन्हें अपना कोर्स पूरा करने देने का निर्देश दिया। गुप्ता ने बताया कि संस्थान के पास विश्वविद्यालय से केवल 100 सीटों की संबद्धता थी लेकिन उसने 30 अतिरिक्त सीटों पर भी छात्रों को प्रवेश दे दिया जो गैरकानूनी था। नियमों के तहत इसकी अनुमति विश्वविद्यालय से ली जानी चाहिए थी, कोर्ट ने विश्वविद्यालय को आदेश दिए हैं कि छात्रों की पढ़ाई पूर्ण करने में पूर्ण सहयोग करें, इसमें कोई बाधा न हो।

विधायक पाल का दावा, यूएस नगर से दिल्ली कूच करेंगे एक हजार किसान, रोक सको तो रोक…?

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रुद्रपुर, केन्द्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है, उत्तराखण्ड़ से भी किसान समर्थन में भागीदारी निभाने दिल्ली कूच कर रहे हैं, जिसे लेकर यूएस नगर जनपद के कप्तान दलीप सिंह कुंवर ने जहां किसान आंदोलन को लेकर किसानों को उधम सिंह नगर जिले के बॉर्डर से उत्तर प्रदेश में दाखिल ना होने की बात कही है, तो वही कांग्रेसी नेता व पूर्व सितारगंज से विधायक नारायण पाल ने प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस को चुनोती देते हुए कहा- रोक सको तो रोक लो किसान हितों की लड़ाई के लिए 1 हजार गाड़ियों में सवार होकर किसान उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश के रास्ते होते हुए दिल्ली कूच करेंगे।

 

कांग्रेस नेता नारायण पाल ने साफ तौर पर कहा है कि किसानों के लड़ाई मैं तराई के सभी किसान व कांग्रेस नेता उनके साथ कदम से कदम और कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। नारायण पाल ने यह भी कहा कि क्या पूर्व में एसएसपी ने किसानों को परमिशन दी थी जो किसान इस समय दिल्ली समेत अन्य बोर्डरों पर पर प्रदर्शन कर रहे।

नारायण पाल ने कहा कि उन्हें किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है सरकार पुलिस का इस्तेमाल कर किसानों के मंसूबों पर पानी फेरने की कोशिश में लगी है,लेकिन कड़ी से कड़ी चुनौती भी क्यों ना सामने आ जाए वो किसानों के जत्थे के साथ दिल्ली कूच करेंगे।

वही 25 दिसंबर को दिल्ली चलो किसानों द्वारा घोषित कार्यक्रम के मद्देनजर उधम सिंह नगर जिले में 7 कंपनी पीएसी और 500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों समेत पुलिस अधिकारियों को बॉर्डर पर तैनात किया गया है। जिससे किसानों को दिल्ली कूच करने से रोका जा सके। आपको बता दें कि उधम सिंह नगर जनपद पुलिस के लिए यह कड़ी चुनौती है कि वह किसानों के जत्थे को दिल्ली कूच करने से रोक पाएंगे या नहीं।

जिले के कप्तान दिलीप सिंह कुंवर ने बताया कि जिले के सभी बॉर्डरों पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, किसानों को समझाया भी जा रहा है। अपील भी की जा रही है कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली चलो कार्यक्रम को रद्द करें

नाबालिग के साथ बलात्कार एवं जघन्य हत्या के विरोध में कांग्रेसियों ने फूंका भाजपा सरकार का पुतला

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देहरादून, जनपद हरिद्वार के ऋषिकुल काॅलोनी में नाबालिग बच्ची के साथ हुई बलात्कार एवं जघन्य हत्या की घटना के विरोध में देहरादून महानगर के कांग्रेसजनों ने महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा के नेतृत्व में भाजपा सरकार का पुतला दहन किया।
इस अवसर पर कांग्रेसजनों ने कहा कि भाजपा शासित प्रदेशों में महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार से पूरा देश कलंकित हुआ है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं का नारा देने वाली भाजपा शासित उत्तराखण्ड में बढ़ रही बलात्कार की घटनायें तथा महिलाओं पर हो रहे अत्याचार गम्भीर चिन्ता का विषय है जिसकी जितनी निन्दा की जाय कम है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में जितनी जोर-शोर से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं का नारा बुलंद किया जा रहा है उसी गति से महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं तथा आज स्थिति यह है कि भाजपा शासित किसी भी प्रदेश में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं जिसका ताजा उदाहरण हरिद्वार जनपद के ऋषिकुल में नाबालिग बच्ची के साथ हुई दुष्कर्म के बाद हत्या जैसे जघन्य अपराध की घटना हैं जो मानवजाति को कलंकित करने वाली हैं।

कांग्रेसजनों ने कहा कि पिछले 6 साल मंे देशभर में तथा 4 साल में उत्तराखण्ड राज्य में जिस प्रकार की घटनायें घटित हुुई हैं उससे भाजपा सरकार की कथनी और करनी लोगों के सामने हैं। बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति भाजपा सरकारों की असंवेदनशीलता इससे भी झलकती है कि निर्भया फण्ड जो कांग्रेस सरकार में महिलाओं की सुरक्षा के लिए गठित किया गया परन्तु 7 साल बीतने के बावजूद भी इस फण्ड का 2 प्रतिशत से भी कम पैसा महिला सुरक्षा के कामों में खर्च किया गया है।

इस फण्ड का मुख्य उद्देश्य था कि महिला सुरक्षा की दिशा में कदम उठाते हुए महिला थानों की स्थापना, सडकों पर सी.सी. टीवी, अंधेरी गलियों में उचित प्रकाश की व्यवस्था करना, शोषित और पीडित महिलाओं पुर्नवास करना तथा मुफ्त विधिक सलाह उपलब्ध कराना था परन्तु भाजपा सरकारों में महिलाओं के प्रति बढते अपराधों से स्पष्ट है कि भाजपा की मानसिकता और विचारधारा दोनों ही महिला विरोधी हैं। कंाग्रेसजनों ने सरकार से मांग की है कि हरिद्वार में घटी घटना के पीडित परिवार को उचित मुआबजा दिया जाय तथा दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी कर कडी कानूनी कार्रवाई की जाय।

जनपद हरिद्वार के ऋषिकुल काॅलोनी में नाबालिग बच्ची के साथ हुई बलात्कार एवं जघन्य हत्या की घटना के विरोध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह जी कल दिनांक 25 दिसम्बर, 2020 को प्रातः 1130 बजे से हरिद्वार सिटी मजिस्ट्रेट कार्यक्रम के बाहर धरना देंगे।
पुतला दहन करने वालों में प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, गोदावरी थापली, महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, नेताप्रतिपक्ष नगर निगम डाॅ0 विजेन्द्र पाल, डाॅ0 प्रतिमा सिंह, प्रदेश सचिव शांति रावत, मंजुला तोमर, सोमप्रकाश बाल्मीकि, पार्षद अर्जुन सोनकर, देविका रानी, शिवकुमार, कोमल बोरा, रीता रानी, मुकेश सोनकर, नागेश रतूड़ी, अमित भण्डारी, अनिल थापा, प्रकाश नेगी, शोभाराम, कैलाश अग्रवाल, शिवम गुप्ता, सुरेन्द्र सिंह रावत, रमेश कुमार मंगू, सोमेन्द्र बोरा, एहतात खान, सुभाष धस्माना, भरत शर्मा, सिद्धार्थ वर्मा, राजीव, भावन डोरा, जगदीश चैहान, मोहित ग्रोबर, दीवान बिष्ट, राजीव बहुगुणा, मो0 जहूर आलम, फरूख राव, मकसूद आलम, सद्दाम, पुनीत कुमार, रजनी राठौर, तरूण भारद्धाज, जया भारद्वाज, अनुराधा तिवारी, मंजू चैहान आदि शामिल थे।

कोरोना ब्रैकिंग : आज 436 कोरोना संक्रमण के नए मामले, 11 लोगों की हुई मौत, दून में मिले 143 कोरोना संक्रमित

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देहरादून, उत्तराखंड़ में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है, राज्य में आज भी 436 नए मामले मिलने के साथ आज आंकड़ा गुरुवार को बढ़कर के 88376 हो गया है जबकि संक्रमण से आज 11 लोगों की मौत हुई है वही आज 579 लोग विभिन्न अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए हैं साथ ही 5331 केस आज भी विभिन्न अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं

उत्तराखंड राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार आज अल्मोड़ा में 38 तथा बागेश्वर में एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं पाया गया है इसके अलावा चमोली में दो चंपावत में 12 तथा आज भी सबसे अधिक देहरादून में 143 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है

वही हरिद्वार में 61 तथा नैनीताल में 103 लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया है इसके अलावा पौड़ी गढ़वाल में 17 पिथौरागढ़ में 31 रुद्रप्रयाग में दो टिहरी गढ़वाल में 7 उधम सिंह नगर में 12 तथा उत्तरकाशी में आज 8 लोगों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है इस तरह आज 436 नए केस मिलने के साथ राज्य में आंकड़ा बढ़कर के 88376 हो गया है जबकि इस संक्रमण से अब तक 1458 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है ।

जरूरतमंदों के लिए वरदान बनी अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना

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दो साल पहले की ही तो बात है, जब उपचार बेहद महंगा होने के कारण गरीब तबके के मरीज प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। अब वो समय है कि बीमार होते ही गरीब पूरे अधिकार के साथ सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में अपना उपचार करवाता है, वो भी मुफ्त में। ऐसा संभव हो पाया है जनता को स्वास्थ्य सुरक्षा गारंटी देने वाली राज्य सरकार की अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना से। समाज के पिछड़े और असहाय तबके के लिए तो यह योजना वरदान साबित हुई है। उत्तराखण्ड में बीते दो साल की अवधि में 2 लाख से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेई की स्मृति में शुरू की गई इस योजना को आज दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम माना जाता है। पूरे देश में 25 दिसंबर 2018 को इस योजना की जब शुरूआत हुई तो उत्तराखंड के गरीब तबके के करीब 5.25 लाख लोगों को इसमें शामिल किया गया लेकिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस योजना की अहमियत को समझते हुए हर उत्तराखंडी को इसका लाभ देने का फैसला लिया। नतीजा, आज उत्तराखंड की समस्त जनता इस कल्याणकारी योजना से आच्छादित है। योजना के तहत राज्य व राज्य से बाहर के सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में कहीं भी लोग पांच लाख रूपए तक का अपना व परिजनों का निशुल्क इलाज करा सकते हैं।

आज इस योजना में लोग कैंसर, हार्ट, गुर्दा रोग जैसी जटिल बीमारियों का मुफ्त इलाज करा रहे हैं। उत्तराखण्ड समूचे भारतवर्ष में एकमात्र ऐसा राज्य है जो अपने प्रदेश के समस्त नागरिकों (लगभग 25 लाख परिवार) को ‘अटल आयुष्मान योजना’ के तहत स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी दे रहा है। तमाम गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों को इस योजना के लाभ से नई जिंदगी मिली है। ऐसा कोई गांव, कस्बा या शहर नहीं जहां इस योजना का लाभान्वित व्यक्ति न मिले। योजना से मिली नई जिंदगी के बदले हजारों हाथ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के लिए दुआ मांगने को उठते हैं। दो सालों में योजना की सफलता के आंकड़े खुद में बहुत कुछ बयां कर रहे हैं। इस अवधि में (बीते 21 दिसंबर 2020 तक) 2,24,661 मरीज इसमें अपना इलाज करा चुके हैं। उनके इलाज पर राज्य सरकार ने तकरीबन 230 करोड़ रूपए खर्च किए। इनमें जटिल रोगों मसलन कार्डिओलॉजी से संबंधित 4142 तो सीटीवीएस में 617, कैंसर के 14038, यूरोलॉजी के 4456 व बर्न से जुड़े 265 लोगों का इलाज इस योजना में हुआ है। वहीं, राज्य में अब तक 40 लाख से ज्यादा लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं।

 

योजना के खास बिंदु _

-राज्य के लोगों को इस योजना में नेशनल पोर्टिबिलिटी की सुविधा दी गई है

-देश के 22 हजार से अधिक सूचीबद्ध अस्पतालों में राज्यवासियों को कैशलेस उपचार की सुविधा

-उत्तराखंड में 99 प्रतिशत लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड आधार से लिंक कर दिए गए हैं

-योजना का लाभ लेने वाले कुल मरीजों की संख्या 2,24,661 है जबकि इनके इलाज पर लगभग 230 करोड़ रूपए व्यय किया गया

-प्रदेश की संपूर्ण आबादी को कैशलेस उपचार प्रदान करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य

-उपचार पर व्यय की धनराशिका सूचीबद्ध अस्पतालों को सात दिन में किया जा रहा है भुगतान।

राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का हो रहा विस्तार

राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की सुधार की दिशा में राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। राज्य में आपात स्थिति में गंभीर मरीजों को एयर एंबुलेंस की सुविधा प्रदान करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। अब इमरजेंसी की स्थिति में मरीजों को तत्काल एयर लिफ्ट कर उन्हें बड़े अस्पतालों तक पहुंचाया जा रहा है। वहीं, राज्य में चिकित्सकों के कुल सृजित 2735 चिकित्सकों के सापेक्ष 2145 चिकित्सकों की तैनाती की जा चुकी है। पूर्व में यह संख्या 1081 थी। इसी तरह कोविड संक्रमण से निपटने के लिए राज्य सरकार ने 11 कोविड अस्पताल, 27 कोविड हेल्थ सेंटर व 422 कोविड केयर सेंटरों का निर्माण किया है। राज्य में संचालित 108 इमरजेंसी सेवा की सुदृढ़िकरण की दिशा में राज्य सरकार लगातार कदम उठा रही है। 108 सेवा के बेड़े में 139 एंबुलेंस व एक बोट एंबुलेंस शामिल की गई हैं। राज्य के पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से इस सेवा का अभूतपूर्व योगदान रहा है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस योजना का विस्तार करते हुए अब देहरादून व हल्द्वानी के अलावा उधमसिंहनगर, हरिद्वार, नैनीताल, अल्मोड़ा व श्रीनगर बेस चिकित्सालय में भी यह सुविधा प्रारंभ की गई है। वर्तमान में प्रदेश के 44 ब्लड बैंकों को ई-रक्तकोश प्रणाली से जोड़ा गया है तो राज्य के दूरदराज के इलाकों तक मरीजों को टेली-मेडिसन के जरिए परामर्श दिया जा रहा है। कोरोना काल में ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से लोगों को घर बैठे डाॅक्टर सेवा दे रहे हैं। ई-संजीवनी ओपीडी के लिए 239 डाॅक्टरों को उत्तरदायी बनाया गया है। वहीं, राज्य के समस्त कार्मिकों, पेंशनर्स एवं उनके परिवार के सदस्यों को उच्च स्तरीय सुविधा देने के लिए राज्य सरकार ने राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना प्रारंभ की है।

गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों के जीवन में नया सवेरा लाई आयुष्मान योजना

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देहरादून, अटल आयुष्मान योजना के अतंर्गत उत्तराखंड में भी कई नौनिहालों को जीवनदान मिला है। सुखद यह है कि परिवार की आर्थिक तंगहाली के चलते दम तोड़ती लाडलों की जिंदगी फिर से चलने लगी है। लाभार्थियों ने इस कार्यकम को सरकार की कल्याणकारी योजना से ज्यादा भगवान के वरदान की तरह बताया है।
अल्मोड़ा जनपद के तरूला निवासी पूरण सिंह गांव में ही रहकर अपनी आजीविका चलाते हैं। जैसे तैसे चल रही हसंती खेलती उनकी जिंदगी में उस दिन भूचाल आ गया जब उन्हें पता चला कि उनका तीन वर्षीय बालक दिव्यांशू ब्लड कैंसर से पीड़ित है। पूरण कहते हैं कि गरीबी की हालत में बच्चे का इलाज दिन में तारे तोड़ने जैसा यानी असंभव था। पूरा परिवार उम्मीद छोड़ चुका था। आयुष्मान योजना से उनकी करीब 2 लाख से अधिक की मदद हुई और स्वामीराम हिमालयन अस्पताल से उसका उपचार हो गया है। दिव्यांशू के पूरे परिवार ने केंद्र व राज्य सरकार का तहेदिल से आभार जताया है।

जौनसार क्षेत्र की तहसील कालसी के टिमरी गांव निवासी बलवीर सिंह रावत का 13 वर्षीय पुत्र आयुष नेगी हड्डी के कैंसर से पीड़ित था। चिकित्सकों ने जांच के बाद जो स्थितियां बताई उससे मेहनत मजदूरी करने वाले बलवीर व उसके सभी परिजनों के सामने अंधेरा छा गया।था। बलवीर के भाई पूरण सिंह ने बताया कि अटल आयुष्मान योजना से बच्चे के इलाज में डेढ लाख के रूपए की मदद हुई और केंसर जैसी भंयकर बीमारी से जूझ रहे आयुष की जिंदगी अब पटरी पर लौट गई है। उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का आभार जताया है।

मेहनत मजदूरी कर अपनी आजीविका चलाने वाले हरिद्वार निवासी नीतू की 4 वर्षीय बेटी पीहू एक नसों की भयंकर की बीमारी से पीड़ित थी। नीतू ने बच्ची के उपचार के लिए आयुष्मान योजना की प्रक्रिया शुरू की। महंत इंद्रेश अस्पताल में पीहू का उपचार हुआ और आयुष्मान योजना से करीब 3 लाख 85 हजार से अधिक का इसमें खर्चा आया। पीहू अब धीरे धीरे सामान्य हो रही है। कल्पनाओं से कहीं अधिक जाकर मिली मदद और बच्ची को जिंदगी लौटाने के लिए पीहू के पिता नीतू व पूरे परिवार ने आयुष्मान के योजनाओं का आभार जताया है।

ड्राइवर का अचरज भरा कॉन्फिडेंस, पतली सी सड़क पर ऐसे मोड़ी बस, देखने वाले….!

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शिमला, पहाड़ों पर वाहन चलना सबसे मुश्किल होता है. ऐसे में अगर जरा ही सावधानी हटना पर बड़ी दुर्घटना घटने का खतरा हमेशा बना रहता है. पहाड़ी सड़कों पर बाइक चलाना हो या फिर कार या बस सब मुश्किल होता है. इसीलिए इन खतरनाक सड़कों पर वाहन चलाने वाले ड्राइवर्स को सबसे अच्छा माना जाता है. सोशल मीडिया में एक ऐसा ही वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जो इन सड़कों पर महारत हासिल कर चुके एक बस ड्राइवर के कारनामे का है. जिसे देखकर हर कोई हैरान. तो किसी की सांसें इस वीडियो को देखकर थम सी गईं. ये वीडियो हिमाचल प्रदेश का है.

जहां ऊंचे पहाड़ी और संकरे रास्ते पर एक ड्राइवर ने बस को ऐसे बैक किया कि देखने वाले हैरान रह गए. ये कारनामा कर दिखाया हिमाचल रोडवेज बस के एक ड्राइवर ने. ये वीडियो 16 दिसंबर को फेसबुक पेज इनक्रेडिबल हिमाचल नाम के एक पेज पर सेशय किया गया था. जो अब तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि बस ड्राइवर कैसे पहाड़ के पतले रास्ते पर एक बड़ी बस को ना सिर्फ रिवर्स करता है बल्कि उसे दूसरे रास्ते की तरफ मोड़ता भी देता है.

 

बता दें कि अगर कोई मैदानी इलाके का ड्राइवर होगा तो वह इन पतली और संकरी संड़कों पर कार को मोड़ने से पहले भी हजार बार सोचेगा. लेकिन इस ड्राइवर ने बस को ऐसे मोड़ा कि देखने वाले देखते रह गए. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक बस पहाड़ी रास्ते बर खड़ी है. बस का ड्राइवर बस को वापस ले जाने के लिए रिवर्स कर रहे है. ड्राइवर बस को मोड़ रहा है वहां एक तरफ ऊंचा पहाड़ है तो दूसरी ओर गहरी खाई. ड्राइवर जब बस को रिवर्स कर रहा था तब किसी ने दूर से इसका एक वीडियो बना लिया सोशल मीडिया में शेयर कर दिया.

https://fb.watch/2A4PGKqPWG/

इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया है, “यह वीडियो उदयपुर (हिमाचल प्रदेश) से करीब 12 किलोमीटर दूर कहीं केलांग-किलर (खतरनाक रोड) का है. इस वीडियो को फेसबुक यूजर्स खूब पसंद कर रहे हैं. साथ ही इस पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं. इस वीडियो को अब तक करीब दस लाख बार देखा जा चुका है. साथ ही 12 हजार से ज्यादा लाइक्स भी मिल चुके हैं. वीडियो को देख कर बहुत से लोगों ने इस ड्राइवर के जज्बे की तारीफ की. एक यूजर ने लिखा, हिमाचली ड्राइवर बहुत मजबूत होते हैं भाई हार मानने वाले कम ही मिलते हैं.

https://www.facebook.com/watch/?v=137922314589912