Saturday, May 17, 2025
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नए कृषि कानूनों के समर्थन में 3.13 लाख किसानों ने कृषि मंत्री को सौंपा पत्र

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नई दिल्ली । नए कृषि सुधार कानूनों के प्रति अपना समर्थन और विश्वास जताते हुए देश के विभिन्न राज्यों के 3 लाख 13 हजार 363 किसानों ने हस्ताक्षर किए हैं। किसानों के समर्थन वाले इन हस्ताक्षर पत्रों को कन्फेडरेशन ऑफएनजीओस ऑफ़ रूरल इंडिया (सीएनआरआई) के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर उन्हें सौंपा । इस अवसर पर तोमर ने कहा कि देशभर में नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों में उत्साह है। लंबे समय से इन रिफार्म्स की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ संकल्पशक्ति का ही परिणाम है कि आज कृषि क्षेत्र में जरूरी सुधारों को हम जमीन पर उतरते देख रहे हैं।

तोमर ने कहा कि कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल देना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की प्रतिबद्धता है और आने वाले कल में भी रहेगी। विगत 6 वर्षों में कृषि सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। पीएम किसान सम्मान निधि, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कृषि एवं इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के फंड, 10 हजार एफपीओ बनाने की स्कीम, किसानों को मांग के अनुरूप उर्वरकों की आपूर्ति, लागत मूल्य पर कम से कम 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर एमएसपी प्रदान करने जैसे कई महत्वपूर्ण उपाय किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में कार्य करने वाले विद्वान लगातार इन सुधारों की अनुशंसा करते रहे। इन सुधारों का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, उन्हें खुले बाजार की स्वतंत्रता प्रदान करना, युवा पीढ़ी को कृषि के क्षेत्र में आकर्षित करना और देश की जीडीपी में कृषि का योगदान बढ़ाना रहा है। नए कृषि सुधार कानून इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लाए गए हैं। समय पर पर इनकी सिफारिशें आती रहीं। इन सुधार कानूनों को लाने से पहले किसान यूनियनों, कृषि क्षेत्र के विद्वानों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, कृषि मंत्रियों इत्यादि से विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

सीएनआरआई, कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करने वाले स्वैच्छिक संगठनों का सबसे बड़ा परिसंघ है। सीएनआरआई द्वारा एनजीओ के माध्यम से 20 राज्यों में कृषि सुधार कानूनों पर सहमति के लिए किसानों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इस अभियान में 3,13,363 किसानों ने समर्थन में हस्ताक्षर किए। हरियाणा में 127653, पंजाब में 12895, मध्यप्रदेश में 1934, आंध्रप्रदेश में 23689, असम में 1256, कर्नाटक में 5467, राजस्थान में 7162 किसानों ने हस्ताक्षर किए। साथ ही अन्य राज्यों में भी किसानों ने कृषि कानूनों के प्रति खुलकर अपना समर्थन व्यक्त किया है। सीएनआरआई देशभर के ढाई लाख सरपंचों को इन कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में जागरूकता के लिए पत्र भी लिखने जा रहा है।

इस अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के साथ ही सीएनआरआई के महासचिव विनोद आनंद, कार्यकारी अध्यक्ष रघुपति सिंह तथा अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।

उत्तराखण्ड़ : सरकार ने हरेला पर्व को सार्वजनिक अवकाश किया घोषित

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देहरादून, उत्तराखंड सरकार ने हरेला पर्व को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है। आज जारी साल 2021 की सार्वजनिक अवकाश सूची में हरेला पर्व को भी शामिल किया गया है।इस वर्ष 24 सार्वजनिक अवकाश व 18 निर्बन्धित अवकाश है। प्रभारी सचिव सामान्य प्रशासन पंकज पांडेय ने सार्वजनिक अवकाशों की अधिसूचना जारी की है।सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डा. पंकज कुमार पाण्डेय की ओर से बुधवार को विभागों को वर्ष 2021 में सार्वजनिक अवकाश की सूची जारी की गई। जिसमें 26 जनवरी, होली, 15 अगस्त, दीपावली के अवकाश के अलावा अन्य अवकाशों की सूची भी जारी की गई

दो माह बाद पकड़ा गया प्रेमिका का हत्यारा

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मनोहरपुर : प्रेमिका की हत्या कर तामिलनाडु फरार प्रेमी राजकुमार को पुलिस ने अंतत: धर दबोचा। राजकुमार प्रेमिका की हत्या कर तामिलनाडु फरार हो गया था। जिसे पुलिस को पकड़ने में दिक्कत हो रही थी। घटना के लगभग दो माह बाद हत्यारोपित पकड़ा गया। ज्ञात हो कि आनंदपुर थाना क्षेत्र के रोमा जंगल के रोमा कांडी ग्राम सीमा क्षेत्र के पास नाले में बीते 20 अक्टूबर को एक पानी भरे गड्ढे में रोमा गांव की एक 16 वर्षीय छात्रा सुनीता कुमारी का शव बरामद किया गया था। सुनीता 15 अक्टूबर गुरुवार से लापता थी।

आनंदपुर थाना क्षेत्र के हारता पंचायत अंतर्गत घोर नक्सल प्रभावित रोमा गांव की लड़की का शव रोमा-कांडी सीमा क्षेत्र के सटे जंगलों से बीते 20 अक्टूबर को पुलिस ने बरामद किया था। युवती की हत्या का मुख्य आरोपी उसका प्रेमी राजकुमार सिंह फरार चल रहा था। जिसे पुलिस दबोचने में कामयाब हुई। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। राजकुमार ने पुलिस के समक्ष अपनी प्रेमिका की हत्या की बात स्वीकार करते हुए बताया कि काम करने के लिए तामिलनाडु जाने के दौरान हम अपनी प्रेमिका को मिलने के लिए ददाइगढ़ा नाला के पास बुलाया था।

मुलाकात के दौरान युवती भी साथ में तामिलनाडु जाने की जिद्द करने लगी। इसी दौरान उन दोनों में बहस व झगड़ा होने लगा। राजकुमार ने गुस्से में युवती का गला दबाकर हत्या कर दी। जिसके बाद युवती के शव को नाले में फेंक दिया। उसके बाद सूचना मिलने पर पुलिस ने दूसरे दिन ददाइगढ़ा नाला के गड्ढा में पड़ा हुआ मिला था। मृतका के पिता कृपाल सिंह ने राजकुमार सिंह के खिलाफ आनंदपुर थाना में अपनी पुत्री की हत्या की आशंका जताते हुए मामला दर्ज कराया था।

20 हथियारबंद बदमाशों ने घर में घुसकर महिला टीचर का किया किडनैप

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दानापुर. बिहार  में कहने के लिए तो सुशासन बाबू की सरकार हैं, लेकिन महिलाओं (Women) के प्रति बिहार में अपराध (Crime) कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दानापुर (Danapur) में फुलवारी शरीफ के नौहसा गांव की रहने वाली एक शिक्षिका (Teacher) का बदमाशों ने गन प्वाइंट पर उसके घर से ही अपहरण (Kidnap) कर लिया.

बीस की संख्या में अपहरणकर्ता महिला के घर में हथियार लेकर घुसे थे. सभी बदमाशों ने मुह पर मास्क लगा रखा था. अपहृत युवती का नाम रुकशार प्रवीण बताया जाता है. युवती के घर के बगल में रहने वाले हलीम के पुत्र मो. अफरोज को अपहरण का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है, जो किराए के मकान में रह कर नल जल योजना में ठेकेदारी करता है.

जानकारी के अनुसार अफरोज अपने साथ बीस लोगों को लेकर आया, जिनके हाथों में हथियार थे. अफरोज ने घर का दरवाजा खटखटाया तो युवती के भाई ने दरवाजा खोला. उसके बाद घर में दहशत फैलाकर अफरोज और उसका साथी घर के सदस्यों की पिटाई करने लगा साथ ही कुछ लोगों ने रस्सी से हाथ बंधने लगे और फिर युवती को जबरन हथियार के बल पर ले गये. भाई ने विरोध किया तो उसको हथियार के बट से मारकर घायल कर दिया. जाते-जाते अफरोज के एक साथी का पहचान पत्र घर में गिर गया, जिसमें अमित कुमार मधेपुरा लिखा है.

घटना की सूचना पर फुलवारी शरीफ पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई है. आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस इलाके के सीसीटीवी फुटेज तलाश रही है. वहीं घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. इस घटना के बाद से ग्रामीणों में आक्रोश है. लड़की की मां आसमा प्रवीण का कहना है कि वह और उसकी बेटी एक कमरे में पूरे परिवार के साथ थीं कि अचानक हथियार लेकर आ धमके लोगों ने दरवाजा खटखटाया और खोलते ही अंदर घुस आए. इसके बाद बेटी को उठाकर ले गये. लड़की की मां का कहना है कि कमरे में सात लोग घुसे थे बाकी बाहर खड़े थे. महिला ने बयाया कि जाते-जाते बदमाश हमे बांधकर गये हैं.

RBI ने बैंक ग्राहकों को दी चेतावनी! इन ऐप्‍स से रहें सावधान वरना आसानी से लोन पाने के चक्‍कर में उठाना होगा तगड़ा नुकसान

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(फोटो प्रतीकात्‍मक)

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को सभी ग्राहकों को अलर्ट किया है. आरबीआई ने बताया कि अगर आप डिजिटल प्लेटफॉर्म या फिर मोबाइल ऐप (Mobile App) के जरिए लोन लेने के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं. इसके जरिए ना सिर्फ आपके डॉक्यूमेंट्स के साथ फर्जीवाड़ा किया जा सकता है बल्कि ऊंची ब्याज दरों पर लोन दिया जाता है. इसके अलावा इनके पैसों की रिकवरी का तरीका भी बहुत गलत होता है.

इस तरह लोन लेने से बचें
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ऐसे मोबाइल ऐप और डिजिटल प्लेटफॉर्म से व्यक्तिगत तौर पर या छोटे व्यवसाय के लिए अनाधिकृत ऋण लेने से बचने को कहा है जो तुरत और बिना कागजात के पैसे देने का वादा करते हैं. ज्यादा दरों पर मिलता है लोन
रिजर्व बैंक ने कहा कि इस तरह लोन लेने वाले ग्राहकों को ज्यादा दरों पर ब्याज चुकाना होता है. इसमें कई तरह के अतिरिक्त चार्ज छिपे हुए होते हैं. इसके साथ ही फोन के जरिए आपकी पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है.

आम जनता को किया अलर्ट
केन्द्रीय बैंक ने कहा- “आम लोगों को आगाह किया जाता है कि वे इस तरह की बेईमान गतिविधियों और ऑनलाइन/मोबाइल ऐप के माध्यम से कंपनी/फर्म के ऋणों की पेशकश को सत्यापित करें.”

अनजान व्यक्ति को न दें जानकारी
आपको बता दें कंज्यूमर को कभी भी केवाईसी डॉक्यूमेंट्स किसी अनजान व्यक्ति, अनाधिकृत ऐप को नहीं देने चाहिए और ऐसी घटनाओं के बारे में संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सूचित करना चाहिए.

बैंक, आरबीआई से रजिस्टर्ड गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और अन्य संस्थाओं जो राज्य सरकार के वैधानिक प्रावधानों के तहत द्वारा विनियमित उनसे लोन लिया जा सकता है.

सम्मान परिषद का गठन न करने पर से गुस्साए आंदोलनकारी, विधानसभा कूच कर किया प्रदर्शन

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देहरादून, उत्तराखंड सरकार की ओर से आंदोलनकारी सम्मान परिषद का गठन न करने से गुस्साएआंदोलनकारियों ने विधानसभा सत्र के तीसरे दिन विधानसभा कूच किया,
चिह्नित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय प्रवक्ता महेश जोशी ने कहा कि इस साल स्थापना दिवस के मौके पर भी सरकार की ओर से आंदोलनकारियों के लिए कोई घोषणा नहीं की गई, महेश जोशी ने कहा कि इससे आंदोलनकारी आक्रोशित हैं। बुधवार को आंदोलनकारी नेहरू कॉलोनी स्थित शहीद रविंद्र रावत के शहीद स्थल पर एकत्र हुए, शहीद स्थल से आंदोलनकारी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विधानसभा कूच के लिए बढ़े।
इस दौरान पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक लिया। जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच खींचतान हुई।

एंट्रेंस एग्जाम्स के मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन्स सॉल्व करने के कारगर तरीके जानिये यहां

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आजकल भारत सहित पूरी दुनिया में अधिकतर स्कूलों, कॉलेजों या यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने के लिए अधिकतर एंट्रेंस एग्जाम्स और कई जॉब्स के लिए रिटन टेस्ट में मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन्स (MCQs) में सही उत्तर स्टूडेंट्स और जॉब कैंडिडेट्स को मार्क करना होता है. इन MCQs को ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चन्स भी कहा जाता है. अगर आपने भी अभी तक कोई MCQ आधारित एंट्रेंस एग्जाम दिया है तो इनके बारे में आपको बहुत अच्छी जानकारी जरुर होगी लेकिन, अगर अभी तक आपने इस तरह का कोई एग्जाम नहीं दिया है तो फिर, आपके लिए कोई भी एंट्रेंस एग्जाम्स पास करने के लिए जरुरी जानकारी हासिल करने के साथ ही इन MCQs को सॉल्व करने के बारे में आपके पास सटीक जानकारी होनी चाहिए ताकि आप अपनी हायर एजुकेशन या जॉब पाने के लिए अपने किसी भी MCQ आधारित एग्जाम में सफल हो सकें.

एंट्रेंस एग्जाम पास करने के लिए इन टिप्स को जरुर करें फ़ॉलो

किसी स्कूल बोर्ड एग्जाम की तुलना में एंट्रेंस एग्जाम्स पास करने के लिए स्टूडेंट्स या जॉब सीकर कैंडिडेट्स को बिलकुल अलग तरीके से तैयारी करनी पड़ती है. किसी एंट्रेंस एग्जाम को पास करने के लिए आपको पूरी लगन से मेहनत करनी पड़ती है. किसी एंट्रेंस एग्जाम को पास करने के लिए आप को सैंपल टेस्ट्स से प्रैक्टिस, रिवीजन टेस्ट्स के साथ ही फीडबैक पर भी ध्यान देना होगा. विभिन्न किस्म के एंट्रेंस एग्जाम्स पास करने के लिए आपको निम्नलिखित महत्वपूर्ण टिप्स को फॉलो करना चाहिए:

  • एंट्रेंस एग्जाम्स की तैयारी करने के लिए एक स्टडी स्ट्रेटेजी तैयार करें.
  • आपको अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करना सीखना चाहिए.
  • आपको उन टॉपिक्स या स्टडी एरियाज की पहचान करनी होगी जहां आपको ज्यादा तैयारी की जरूरत है.
  • आप प्रैक्टिस टेस्ट के दौरान अपने तौर-तरीके फॉलो कर सकते हैं.
  • मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन्स में महारत प्राप्त करें.
  • सभी एंट्रेंस एग्जाम्स के दौरान टाइम मैनेजमेंट सबसे महत्वपूर्ण स्किल है.
  • टाइम मैनेजमेंट के लिए आप केवल जरुरी चीजों पर ही अपना फोकस रखना सीखें.
  • सभी बेसिक कॉन्सेप्ट्स को अच्छी तरह रिवाइज कर लें क्योंकि प्रश्न तो हरेक एग्जाम में बदलते रहते हैं लेकिन कॉन्सेप्ट वही रहते हैं.
  • किसी भी टॉपिक के अधिक से अधिक क्वेश्चन्स आइडेंटिफाई करके अटेम्पट करने की कोशिश करें.
  • जो एंट्रेंस एग्जाम अभी आपने देना है, उसके मार्किंग पैटर्न को समझें.
  • अगर आपके एंट्रेंस एग्जाम में नेगेटिव मार्किंग की जाएगी तो किसी भी क्वेश्चन का गलत आंसर मार्क करने के बजाय उस क्वेश्चन का आंसर ही न दें.

मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन्स (MCQs) का परिचय

दरअसल, मल्टीपल च्वाइस या ओबेज्क्टिव रिस्पोंस एक ऐसा तरीका है जिसमें एग्जामिनी को कई च्वाइसेज में से सही विकल्प या ऑप्शन चुनना होता है. एमसीक्यू की फुल फॉर्म – मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन है. किसी एमसीक्यू के लिए कैंडिडेट्स को 4 या 4 से अधिक ऑप्शन्स में से क्वेश्चन का सही आंसर चुनना होता है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसी भी पूछे गए प्रश्न का लंबा आंसर लिखने के बजाय कैंडिडेट्स एमसीक्यू के साथ दिए गए विभिन्न ऑप्शन्स में से सही ऑप्शन को मार्क कर देते हैं और इस वजह से काफी कम समय में एग्जामिनर उनकी नॉलेज, रीजनिंग स्किल्स आदि की परख कर लेते हैं.

मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चनेयर के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी

मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चनेयर में एग्जाम और सब्जेक्ट की जरूरत के मुताबिक 50, 100, 120, 150 और 200 क्वेश्चन्स या उससे भी अधिक क्वेश्चन्स दिए जाते हैं जिनके साथ दिए गए 4 या अधिक ऑप्शन्स में से एग्जामिनी को सही ऑप्शन को आंसर के तौर पर मार्क करना होता है. असल में मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन के 2 हिस्से होते हैं जैसेकि, पहला हिस्सा “स्टेम” कहलाता है जिसमें क्वेश्चन या प्रॉब्लम का विवरण दिया जाता है. एमसीक्यू के दूसरे हिस्से में उस क्वेश्चन के नीचे उस क्वेश्चन से संबद्ध 4 या 4 से अधिक ऑप्शन्स दिए जाते हैं जिनमें से एग्जामिनी को एक सही आंसर ऑप्शन चुनना होता है. अन्य सभी ऑप्शन्स उस क्वेश्चन के गलत आंसर्स या डिस्ट्रेक्टर्स होते हैं जो सही आंसर के आस-पास के अनुमान तो होते हैं पर गलत आंसर्स ही होते हैं.

मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन्स के एक से अधिक आंसर्स सही होने पर क्या करें?

जी हां! यह बिलकुल सही है कि मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन्स के एक से अधिक आंसर्स सही हो सकते हैं. लेकिन अगर किसी एमसीक्यू के एक से अधिक सही आंसर ऑप्शन्स हैं तो ऐसे प्रश्नों को पूछने और उनके ऑप्शन्स प्रस्तुत करने का तरीका भी थोड़ा अलग होता है.

मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन्स के आंसर देने के लिए आजमायें ये कारगर तरीके

आजकल तकरीबन सभी किस्म के एग्जाम्स में एमसीक्यू शामिल होते हैं इसलिए एमसीक्यू को पास करने के लिए आपकी सहूलियत के लिए हम यहां कुछ जरुरी टिप्स और स्ट्रेटेजीज यहां पेश कर रहे हैं:

  • पूरा क्वेश्चन पढ़ें

आप सबसे पहले पूरा क्वेश्चन ध्यान से पढ़ें और फिर उस क्वेश्चन के आंसर ऑप्शन्स पढ़ें. स्टूडेंट्स या एग्जामिनीज अक्सर आधा क्वेश्चन पढ़कर या फिर सरसरी तौर पर क्वेश्चन पढ़कर उसका आंसर मार्क कर देते हैं और इस जल्दबाजी के कारण कई बार गलत आंसर मार्क कर देते हैं. इसलिए, पूरे क्वेश्चन को अच्छी तरह पढ़कर ही अपना आंसर मार्क करें.

  • हरेक आंसर ऑप्शन को जरुर पढ़ें

एमसीक्यू का आंसर देने से पहले एक बार उस क्वेश्चन के सभी आंसर ऑप्शन्स को एक बार पढ़ें जरुर. अक्सर सभी एमसीक्यूज में एक सही आंसर के साथ ही एक बेस्ट आंसर ऑप्शन भी दिया गया होता है और आप सभी आंसर ऑप्शन्स पढ़े बिना जल्दी में बेस्ट आंसर को भी जल्दबाजी में सही आंसर के तौर पर मार्क कर सकते हैं.

  • क्वेश्चन का आंसर पहले अपने दिमाग में सोचें

किसी एमसीक्यू को पढ़कर ही पहले उसका आंसर अपने दिमाग में सोच लें क्योंकि ऐसा करने पर आपको उस क्वेश्चन का आंसर सेलेक्ट करने में जरूरत से ज्यादा समय नहीं लगेगा.

  • सोच-समझ कर आंसर्स का अनुमान लगायें

जिन एमसीक्यूज के आंसर्स आपको नहीं आते हैं, उन क्वेश्चन्स के आंसर अच्छी तरह सोच-विचार कर ही मार्क करने. ऐसा करने पर बहुत बार आपको सही आंसर का अनुमान लग जाता है.

  • गलत आंसर्स को हटा दें

एमसीक्यू का फाइनल आंसर सेलेक्ट करने से पहले उस क्वेश्चन के बिलकुल गलत आंसर्स को हटा दें और फिर बचे हुए आंसर्स में से सही आंसर चुनें. ऐसा करने से आपका समय भी बच जाएगा.

  • ज्यादा इनफॉर्मेशन सही है

आमतौर पर एमसीक्यू के सही आंसर में ज्यादा इनफॉर्मेशन दी जाती है इसलिए आप अनुमानित आंसर मार्क करते समय इस प्वाइंट का ध्यान रख सकते हैं.

  • जब एक से अधिक सही आंसर ऑप्शन्स दिए हों तो आजमायें यह तरीका

ऐसी स्थिति में आप “उपरोक्त सभी” का ऑप्शन चुन सकते हैं जो अक्सर सही आंसर ऑप्शन होता है.

एमसीक्यू सॉल्व करने के लिए ये प्वाइंट्स भी अवश्य फ़ॉलो करें:

  • ट्रू या फाल्स आंसर्स अपने दिमाग में सोच कर भी आप सही आंसर चुन सकते हैं.
  • क्वेश्चन के सेंटेंसेज को ध्यान से पढ़कर अपने आंसर्स चुनें.
  • एमसीक्यू के की वर्ड्स पर ध्यान दें.
  • अपनी गलतियों से सीख लें.
  • हरेक एमसीक्यू का अनुमानित आंसर मार्क नहीं करें.
  • टाइम मैनेजमेंट का पूरा ध्यान रखें.
  • एमसीक्यूज की अच्छी प्रैक्टिस करें.
  • एमसीक्यूज का आंसर देने से पहले क्वेश्चन को समझें.
  • एमसीक्यू में दिए गए वर्ड्स पर ध्यान देने के बाद ही अपना फाइनल आंसर मार्क करें.
  • नेगेटिव मार्किंग होने पर जो क्वेश्चन्स आपको नही आते हैं उनके गलत आंसर्स कभी नहीं मार्क करें.(साभार -jagranjosh)

विधानसभा सत्र का कार्यकाल एक दिन और बढ़ा

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देहरादून, उत्तराखंड़ का शीतकालीन सत्र की अवधि एक दिन बढा दी गई है। विधानसभा में हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बुधवार को विधानसभा सचिवालय में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई जिसमें गुरुवार 24 दिसंबर को भी सत्र की कार्यवाही संचालित करने का निर्णय लिया गया। हालांकि गुरुवार को असरकारी दिवस होगा जिसमें प्रश्नकाल नहीं होगा।

विदित है कि विपक्ष लगातार सरकार पर विधानसभा की अवधि बढ़ाने का दबाव बना रहा था। विपक्ष का आरोप था कि सरकार सवालों से बचने के लिए जानबूझकर सत्र की अवधि को कम रख रही है। नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा ह्रदयेश कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में लगातार इस मुद्दे को उठा रही थी। सदन के बाहर भी कांग्रेस के विधायक लगातार इस मांग को लेकर हमलावर थे।

इसको देखते हुए बुधवार को ही सरकार ने सत्र की अवधि बढ़ाने के संकेत दिए थे। जिसके बाद अब कार्यमंत्रणा समिति ने सत्र की अवधि बढ़ाने पर मुहर लगा दी है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार को भी विधानसभा की कार्यवाही चलेगी। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल नही होगा।

विपक्ष कार्यस्थगन ला सकेगा
सत्र की अवधि एक दिन बढ़ने के साथ ही विपक्ष को सदन में सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया है। गुरुवार को असरकारी दिवस होने के बावजूद विपक्ष कार्यस्थगन ला सकेगा। इसके अलावा नियम 300 और 58 के तहत भी सदन में चर्चा होगी।

माल्टा की टोकरी लेकर विधानसभा पहुंचे कांग्रेस विधायक

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देहरादून, बुधवार को किसान दिवस के अवसर पर, पहाड़ के किसानों की समस्या उजागर करने के लिए कांग्रेस विधायक माल्टा की टोकरी ओर मंडुआ, झंगोरा की थेलियां लेकर विधानसभा पहुंचे। यहां विधायकों ने सरकार पर स्थानीय उपजों के प्रति उदासीनता बरतने का आरोप लगाया। कांग्रेस विधायक मनोज रावत, काजी निजामुद्दीन, आदेश चौहान और ममता राकेश सदन की कार्यवाही में शामिल होने के लिए जाते समय, विधानसभा के गेट पर जमा हुए।

मनोज रावत माल्टा की टोकरी लिए हुए थे। मनोज रावत ने कहा कि पहाड़ में इस बार माल्टा की अच्छी फसल हुई है। लेकिन सरकार मात्र सात रुपए का मूल्य दे रही है। उस पर भी खरीद केंद्रों की व्यवस्था नहीं की गई है। जिस कारण माल्टा उत्पादक किसान मायूस हैं। मनोज ने कहा कि कोदा, झंगोरा, राजमा, चौलाई उत्पादक किसानों की भी यही स्थिति है।

जबकि सरकार के मंत्री खुले आम, पहाड़ी उपजों का मजाक उड़ा रहे हैं। विधायक ममता राकेश ने कहा कि भाजपा सरकारों की उदासीनता के चलते ही किसान दिवस पर भी देशभर का किसान सड़कों पर आंदोलनरत है। काजी निजामुद्दीन ने कहा कि सरकार ने गन्ना किसानों के भुगतान पर भी आधी अधूरी जानकारी दी है। हालांकि गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें माल्टा और दूसरे अनाज को अंदर नहीं ले जाने दिया। कांग्रेस विधायकों के प्रदर्शन पर संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सरकार ने एक दिन पहले ही इस विषय पर विस्तार से अपनी बात रखी है। तब कांग्रेस विधायकों ने अपनी बात नहीं रखी, अब राजनीति करने के लिए मीडिया के सामने अपनी बात रख रहे हैं।

हाईकोर्ट रोडवेज कर्मियों को वेतन नहीं पर जतायी सख्त नाराजगी, एक सप्ताह के भीतर पेश करें शपथपत्र

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नैनीताल, उत्तराखण्ड़ हाईकोर्ट ने रोडवेज कर्मचारियों को जुलाई से वेतन नहीं देने पर सख्त नाराजगी जताई है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार, उत्तराखंड परिवहन निगम व उत्तराखंड सरकार को मामले में एक सप्ताह के भीतर शपथपत्र पेश करने को कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

मामले के सुप्रीम कोर्ट में होने की बात पर पूर्व में हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिखाने या उत्तराखंड परिवहन निगम को 27 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा था। आज हुई सुनवाई में उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर कोई आदेश नहीं दिखा पा पाई। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से कहा गया कि 27 करोड़ रुपये के भुगतान करने के संबंध में उनकी एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में दायर हो चुकी है। इस पर कोर्ट ने सरकार से पूछा कि बकाया भुगतान करने के संबंध में बिल को कैबिनेट से मंजूरी मिली या नहीं।

मामले के अनुसार उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि सरकार ने उनको लॉकडाउन से वेतन का भुगतान नहीं किया है और ना ही उनको निगम की ओर से समय पर वेतन आदि का भुगतान किया जा रहा है। याचिका में कहा गया कि उत्तराखंड को बने 20 साल हो गए हैं, जबकि निगम का 27 करोड़ रुपया उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के पास जमा है, जो अभी तक उन्हें नहीं मिल सका है।