Wednesday, May 21, 2025
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उत्तराखण्ड़ : एमबीबीएस के नए सत्र की कक्षाएं फरवरी माह से, एमसीआई गाइडलाइन्स का पालन जरूरी

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देहरादून, राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के नए सत्र की कक्षाएं फरवरी माह से शुरू होंगी। एमसीआई की ओर से ऐसे दिशा-निर्देश मेडिकल कॉलेजों को मिल गए हैं। कोरोना के चलते में मेडिकल कॉलेजों में ऑनलाइन कक्षाएं चलीं। पिछले माह ही फाइनल और प्रथम वर्ष की कॉलेज में कक्षाएं शुरू हुई हैं। वहीं जनवरी में पुराने सभी बैच की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी।

दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में दाखिलों की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। एमसीआई की ओर से कक्षाएं शुरू करने के लिए दिशा-निर्देश मिल गए हैं। कहा गया है कि फरवरी माह के प्रथम सप्ताह से नए सत्र के छात्र-छात्राओं को बुलाया जाएगा। कॉलेज अपनी तरफ से पूरी तरह से तैयार हैं। छात्र का कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट देनी होगी।

दून मेडिकल कॉलेज में सत्र 2017 के छात्रों को 11 जनवरी से पढ़ाई के लिए बुलाया जाएगा। सत्र 2018 के छात्रों को 18 जनवरी से बुलाया जाएगा। प्राचार्य डॉ. सयाना ने बताया कि कुछ छात्र पॉजिटिव पाए गए थे, इसलिए दूसरे सत्र के छात्रों को बुलाने से परहेज किया गया। अब स्थिति सामान्य होने लगी है तो अन्य सत्रों के छात्रों को भी बुलाया जाएगा। जबकि सत्र 2019 और 2016 बैच के छात्रों की कक्षाएं भी अभी चल रही हैं।

प्राधिकरणों में प्री-एप्रुव मैप सिस्टम, विरोध के स्वर हुये मुखर, आर्किटेक्टों को आपत्ति, सिस्टम का करेंगे बहिष्कार

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देहरादून, उत्तराखंड़ सरकार का राज्य के जिला विकास प्राधिकरणों में लागू होने जा रहे प्री एप्रुव मैप सिस्टम का विरोध होना शुरू हो गया, इस सिस्टम के लागू होने से प्रदेशभर आर्किटेक्ट, ड्राफ्समैन व इंजीनियर की रोजी पर असर पड़ेगा और कई हद तक उनके पास काम कम हो जायेगा, नई व्यवस्था लागू होने से पहले ही आर्किटेक्ट इसके विरोध में आने लगे हैं। मामले में क्षेत्र के इंजीनियरों व आर्टिटेक्ट ने विरोध में प्राधिकरण में चल रही आनलाइन मानचित्र स्वीकृति प्रणाली का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।

उल्लेखनीय है कि शासन स्तर पर राज्य में घर का नक्शा बिना आर्किटेक्ट के चुनने की व्यवस्था लागू करने की कवायद शुरू हो चुकी है। इस व्यवस्था के तहत घर का नक्शा बनाने और इसे प्राधिकरण से पास कराने के लिए आर्किटेक्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस दौरान लोग प्लाट साइज के हिसाब से पहले से तैयार नक्शे को आनलाइन अपलोड कर फाइल प्राधिकरण में प्रस्तुत कर सकते हैं। यह नक्शा सीएससी के जरिए आनलाइन प्राधिकरण में जमा किया जा सकेगा।

प्रदेश में यह व्यवस्था लागू होने से करीब 3 हजार आर्किटेक्ट बेरोजगार हो जायेंगे और आर्किटेक्ट, ड्राफ्समैन व इंजीनियरों का काम छीन जाएगा। इसीलिए नई व्यवस्था लागू होने से पहले ही देहरादून और हल्द्वानी इसके विरोध में स्वर मुखर होने लगे हैं। उत्तराखंड लाइसेंस्ड इजीनियर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।

कांग्रेसियों ने किया दून चिकित्सालय का घेराव, लगाया स्‍वास्‍थ्‍य व्यवस्था में ढिलाई का आरोप, सीएम को प्रेषित किया ज्ञापन

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देहरादून, अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक राजकुमार ने दून चिकित्सालय स्थित नवीन चिकित्सालय का निर्माण कार्य पूर्ण ना होने तथा स्वास्थ्य व्यवस्था में ढिलाई के कारण दून चिकित्सालय का घेराव किया तथा प्राचार्य डॉ. शयाना के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया l

ज्ञापन में पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि दून चिकित्सालय/राजकीया दून मेडिकल काॅलेज स्थित एक नवीन चिकित्सालय जिसका निर्माण कांग्रेस सरकार ने 5 वर्ष पूर्व शुरू किया था परन्तु वर्तमान सरकार द्वारा 5 वर्ष बाद भी चिकित्सालय का निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया है जो सरकार की विफलता दर्शाता है और उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते जब प्रदेश में हजारों लोगों की मृत्यु हो चुकी है और अभी भी कोरोना मृत्यु दर बढ़ता जा रहा है अगर आज चिकित्सालय का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ होता तो राजकिया दून चिकित्सालय भी एम्स की तरह एक बहतर चिकित्सालय होता और यह चिकित्सालय इमरजेंसी वार्ड, ट्रामा वार्ड, बर्न यूनिट, आई.सी.यू, ओ.टी व अन्य चिकित्सा सुविधाओं के लिए बनाया जा रहा था परन्तु वर्तमान सरकार द्वारा निर्माण कार्य रूकवाने से कुछ भी सफल नहीं हो पाया और कोरोना से ग्रसित व अन्य बीमारियों से गरीब व असहाय जनता को दर दर भठकना पड़ा और आज भी भठकना पड़ रहा है । चिकित्सालय का निर्माण कार्य जल्द पूर्ण किया जाए ताकि जनता को इसका लाभ मिल सके ।

और पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि दिन-प्रतिदिन कोरोना ग्रसित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है और जहां लग रहा था कि अब स्थिति काबु में आने वाली है वहीं अब कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने स्थिति को और गंभीर कर दिया है और माना जा रहा है कि यह नया स्ट्रेन ओर ज्यादा घातक है। इस समय में अगर चिकित्सालय का कार्य पूर्ण हो चुका होता तो हजारों की संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकती थी ।

और उन्होंने कहा कि इसके अलावा दून चिकित्सालय में एम्स की तरह सामन्य मरिजों की भरती व कोरोना ग्रसित मरिजों की भरती को अलग अलग करवाया जाए ताकि कोरोना संक्रमण सीमित रहे और ओरों तक ना फैले और जिस प्रकार कोरोना काल में कार्यरत सफाईकर्मियों ने दिन-रात मेहनत कर अपना पूर्ण योगदान दिया वह सराहनीय है परन्तु उन्हें ठेका प्रथा के माध्यम से निकाला जा रहा है जो कि गलत है । ठेका प्रथा को खत्म किया जाए और सभी सफाईकर्मियों को पक्का किया जाए ।
और उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कई बार स्वास्थ्य संबंधिक मशीनों को ठीक करवाने के लिए कहा गया है परन्तु अभी तक भी कई मशीनें जैसे की एम.आर.आई व अन्य मशीनें खराब पड़ी है जिनसे जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इन्हें जल्द ठीक किया जाए और दून चिकित्सालय में डाक्टर एवं स्टाफ कि कमी होने के कारण बुजुर्ग, बच्चों एवं कोरोना मरीजों कि सही देखभाल नहीं हो पा रही है और जो नए चिकित्सकों व स्टाफ को अस्थायी रूप से कार्य पर रखा गया है उनमें भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है

जिस कारण वह काम करने से कतरा रहें हैं उन्हें पूर्ण रूप से स्थायी किया जाए और कोरोना मरीजों कों पर्याप्त वार्ड/बेड व उपयुक्त मेडिकल केयर नहीं मिल पा रहा है जिस कारण उनको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और कई कोरोना मरीजों की आए दिन मृत्यु हो रही है, अगर समय पर नए चिकित्सालय का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका होता तो आज हजारों कोरोना मरीजों की जान बचाई जा सकती थी ।
और पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि अगर उपरोक्त समस्याओं पर गम्भीरता से विचार कर तत्काल इसका समाधान नहीं किया गया और नए चिकित्सालय के रूके हुए निर्माण कार्य को पूर्ण नहीं किया गया तो हमें जनहित में दून मेडिकल काॅलेज व सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा तथा इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी ।

इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, पार्षद व नेता प्रतिपक्ष डॉ बिजेंद्र पाल सिंह, अर्जुन सोनकर, अनिल छेत्री, राजेन्द्र बिष्ट, सोम प्रकाश वाल्मिकी, देविका रानी, अशोक कोहली, रीता रानी, राजेन्द्र खन्ना, उदय वीर मल, तरुण मारवा, तारा नागपाल, वसीम अहमद, मालती देवी, विनोद कुमार, अनिल सिंह, देवेन्द्र सिंह, देवेन्द्र कौर, गुलशन सिंह, इमराना परवीन, शाहीन परवीन, विवेक चौहान, शिव कुमार, रवि फुकेला, संदीप वाल्मिकी, सुनील बांगा, योगेश भटनागर, मोनू, शेखर कपूर, विकास नेगी, मनमीत सिंह, भूपेन्द्र सिंह, कमलजीत सिंह, अमरजीत सिंह, नरेंद्र सिंह, संतोष थापा, सरोज, कौशल, मुकुंद कुमारी, भूसरा, समजीश, शहाना तरवीन तथा अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे l

LIC की खास पॉलिसी! एक बार पैसा जमा करें, जीवन भर पेंशन की गारंटी लें…

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नई दिल्ली. भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने नई जीवन शांति योजना की शुरुआत की है. इस पॉलिसी की खासियत इसमें मिलने वाली पेंशन है. इस पॉलिसी में निवेश कर व्यक्ति जीवन भर मासिक पेंशन की व्यवस्था कर सकता है. इससे व्यक्ति अपने रिटायरमेंट के बाद के खर्च आसानी से पूरे कर सकता है. यह एक सिंगल प्रीमियम प्लान है. जीवन शांति पॉलिसी में ग्राहक दो विकल्प चुन सकते हैं. पहला है इमीडिएट एन्युटी और दूसरा है डेफ्फर्ड एन्युटी.

क्या है स्कीम- इमीडिएट एन्युटी के विकल्प में पॉलिसी लेने के तुरंत बाद ही पेंशन की सुविधा मिल जाती है. वहीं, डेफ्फर्ड एन्युटी के विकल्प में पॉलिसी लेने के 5,10,15 या 20 साल बाद पेंशन की सुविधा दी जाती है. आप चाहें तो तुरंत अपनी पेंशन शुरू करा सकते हैं और चाहें तो बाद में भी इसे शुरू करा सकते हैं. मान लीजिए आपकी उम्र 40 साल है, आप एक योजना में एक मुश्त 10 लाख का निवेश करें, तो आपके पास तुरंत या फिर 5, 10, 15 या फिर 20 साल बाद पेंशन शुरू कराने का विकल्प होगा.

कितनी मिलेगी पेंशन- इस योजना के तहत पेंशन की रकम निश्चित नहीं है. यह आपके निवेश, उम्र और डिफरमेंट पीरियड पर डिपेंड करता है. यहां दो चीजें गौर करने वाली हैं. डिफरमेंट पीरियड (निवेश और पेंशन शुरू होने के बीच की अवधि) जितनी ज्यादा होगी या उम्र जितनी ज्यादा होगी, आपको पेंशन उतनी ही मिलेगी. एलआईसी इसके लिए आपके निवेश पर फीसदी के हिसाब से पेंशन देती है. जैसे अगर आप 10 लाख के निवेश पर 5 साल बाद पेंशन शुरू कराते हैं तो इस पर 9.18 फीसदी रिटर्न के हिसाब से सालाना 91800 रुपए की पेंशन मिलती है.इस उम्र के लोग ले सकते हैं इस योजना का फायदा- LIC की इस योजना को न्यूनतम 30 वर्ष तथा अधिकतम 85 वर्ष तक के व्यक्ति ले सकते हैं. जीवन शांति प्लान में लोन, पेंशन शुरू होने के 1 वर्ष बाद तथा इसे सरेंडर, पेंशन शुरू होने के 3 महीने बाद किया जा सकता है.

तत्काल और स्थगित वार्षिकी दोनों विकल्पों के लिए पॉलिसी को लेते समय सालाना दरों की गारंटी दी जाएगी. योजना के तहत विभिन्न वार्षिकी विकल्प और वार्षिकी भुगतान के मोड उपलब्ध है. एक बार चुने गए विकल्प को बदला नहीं जा सकता है. इस योजना को ऑफलाइन और साथ ही ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है. यह योजना LIC के पुराने प्लान जीवन अक्षय जैसा ही है.

उत्तराखंड : कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन, 25-25 स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण के लिये बुलाया गया

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देहरादून, कोरोना महामारी से बचाव के लिए उत्तराखंड में भी जल्द टीकाकरण अभियान शुरू हो जाएगा। आज टीकाकरण का ड्राई रन यानी पूर्वाभ्यास किया गया। दून में गांधी शताब्दी अस्पताल, रायपुर सीएचसी और खुडबुडा स्थित अर्बन हेल्थ सेंटर में पूर्वाभ्यास किया गया। यहां अप्वाइंटमेंट के तहत 25-25 स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण के लिए बुलाया गया। पोर्टल पर डाटा मिलान के बाद ड्राई रन के तहत उनका टीकाकरण किया गया।

राष्ट्रीय कार्यक्रम की प्रभारी निदेशक डा. सरोज नैथानी ने बताया कि राज्य में कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत की सभी तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। ताकि वैक्सीन के उपलब्ध होते ही यूएनडीपी और डब्ल्यूएचओे के सहयोग से टीकाकरण किया जा सके। कोविड-19 का टीका सबसे पहला स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा। इसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स और फिर अन्य आयु वर्ग के लोगों को दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के हर एक नागरिक का टीकाकरण किया जाएगा। टीकाकरण प्रक्रिया के संचालन के लिए राज्य व जिला स्तर पर मजबूत सलाहकार व समन्वय तंत्र बनाया जा रहा है। प्रदेश में प्रारंभिक स्तर पर 20 फीसद आबादी के अनुसार 24 लाख 30 हजार 650 लाभार्थियों के लिए आवश्यक वैक्सीन व संसाधनों का आकलन कर लिया गया है। यह अभी अनुमानित है, लेकिन इसके आधार पर भविष्य में केंद्र सरकार से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार टीकाकरण के लिए अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
डोईवाला हॉस्पिटल में भी कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन शुरू कर दिया गया है। शनिवार को अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर केएस भंडारी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भानियावाला और रानीपोखरी क्षेत्र में कोरोना वैक्सीन टीकाकरण से पहले तैयारियों को लेकर पूर्वाभ्यास किया। इस दौरान उपजिलाधिकारी लक्ष्मी राज चौहान ने भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाने वाली तैयारियों का निरीक्षण किया।

उत्तराखंड में क्रिकेट में सट्टा लगा रहे तीन युवकों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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देहरादून, राजपुर पुलिस ने क्रिकेट मैच में ऑनलाइन सट्टा खेलने और खिलाने के आरोप में तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार को सीज कर दिया है। आरोपियों के पास से सात मोबाइल बरामद किए गए हैं। आरोपी दिल्ली में बैठे शख्स के निर्देशन में आनलाइन सट्टा लगवाने का काम कर रहे थे ।राजपुर एसओ राकेश शाह ने बताया कि शुक्रवार की देर शाम को पुलिस को सूचना मिली कि मसूरी रोड पर एक संदिग्ध कार खड़ी है। कार में मौजूद युवक बिगबैश लीग के क्रिकेट मैचों में आनलाइन सट्टा लगा रहे हैं और लोगों के रुपये लगवा रहे हैं।

इस सूचना पर एसआई बलबीर रावत के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची।पुलिस को देखकर युवक घबरा गए। पुलिस ने तीन युवकों को कार से उतारकर तलाशी ली। पुलिस ने मोबाइल चेक किए, जिसमें पाया कि तीनों युवक आनलाइन मैचों में सट्टा लगा रहे थे।पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। तीनों को राजपुर थाने लाकर पूछताछ की गई। पूछताछ में नाम शाहनवाज पुत्र मोहम्मद उमर निवासी ग्राम जड़ौदा थाना मंसूरपुर मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश, शेरख़ान पुत्र इमरान ग्राम कूटेसरा थाना चरथावल जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश और शाहनवाज उर्फ सोनू पुत्र शहीद निवासी ग्राम निर्धना थाना चरथावल जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश बताए।

थाना प्रभारी राकेश ने बताया कि तीनों के खिलाफ जुआ अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया है।दिल्ली नंबर की कार को सीज किया है।आरोपियों के पास से सोलह हजार रुपये नगद और सात मोबाइल मिले हैं। बताया कि जांच में सामने आया कि दिल्ली में मौजूद शख्स के कहने पर आरोपी आनलाइन सट्टा लगवाते थे। आरोपी की जल्द गिरफ्तारी होगी। बताया कि पुलिस टीम बनाकर आरोपी को पकड़ने के लिए रणनीति बनाई जाएगी।

जीतने पर दस गुना देते हैं रकम
एसओ राकेश शाह ने बताया कि आरोपी व्हाट्सएप के माध्यम से स्थानीय व जान पहचान वाले लोगों का रुपया वर्तमान मे चल रहे विभिन्न देशों के मध्य क्रिकेट मैचों में टीम के हारने-जीतने, खिलाड़ी के व्यक्तिगत स्कोर व विकेट लेने वाले खिलाड़ियों पर सट्टा लगाते हैं। साथ ही मैच खेल रहे खिलाड़ियों द्वारा चौकों व छक्के लगाने पर पैसा लगाकर जीतने पर 10 गुना धन देने का लालच देकर सट्टा लगवाया जाता है l

यह रहे पुलिस टीम में
देहरादून।पुलिस टीम में एसओ राकेश शाह, एसआई बलवीर सिंह रावत और सिपाही धर्म सिंह, अंकुल कुमार व चंद्रपाल सिंह शामिल रहे।

किसान आंदोलन : 4 जनवरी को 7वें दौर की बैठक, कृषि मंत्री तोमर बोले- पॉजिटिव परिणाम निकलने की उम्मीद

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नई दिल्ली(एजेन्सी), केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को किसान संघों के साथ चार जनवरी को होने वाली अगली बैठक में पॉजिटिव परिणाम निकलने की उम्मीद है, लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि सातवें दौर की बातचीत अंतिम होगी या नहीं। तोमर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से इंटरव्यू में कहा कि 30 दिसंबर, 2020 को हुई पिछली बैठक सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में हुई और अगली बैठक में किसानों तथा देश के कृषि क्षेत्र के हित में सकारात्मक परिणाम निकलने की संभावना है।

किसानों के तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े रहने और विकल्प सुझाने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बारे में पूछे जाने पर कृषि मंत्री ने कहा, ”हम इसे देखेंगे।” क्या चार जनवरी को होने वाली बैठक आखिरी बैठक होने की उम्मीद है, इस सवाल पर तोमर ने कहा, ”एकदम तो अभी कुछ नहीं कह सकता। भविष्यवक्ता तो मैं हूं नहीं। लेकिन मुझे आशा है कि जो भी फैसला होगा, देश के और किसान के हित में होगा।”

सरकार और करीब 40 प्रदर्शनकारी किसान संघों के बीच अब तक हुई छह दौर की बातचीत पिछले एक महीने से दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के प्रदर्शन को समाप्त करने में विफल रही है। बुधवार को हुई दोनों पक्षों की पिछली बैठक में पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने तथा बिजली सब्सिडी जारी रखने की दो मांगों पर सहमति बनती दिखी लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों की दो मुख्य मांगों पर अभी बात नहीं बन पाई है जिनमें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी खरीद प्रणाली की कानूनन गारंटी प्रदान करना शामिल है |

सितंबर में लागू हुए तीनों कृषि कानूनों को सरकार ने बड़े कृषि सुधारों के रूप में पेश किया है और कहा है कि इनका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना है, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने चिंता जताते हुए कहा है कि इन कानूनों से एमएसपी और मंडी प्रणाली कमजोर होगी और वे बड़े कॉर्पोरेट की दया पर निर्भर हो जाएंगे। सरकार ने इन आशंकाओं को निराधार बताते हुए कानूनों को निरस्त करने की संभावना को खारिज किया है।

बड़ी संख्या में अनेक क्षेत्रों के लोग और विपक्षी दल किसानों के समर्थन में आये हैं तो कुछ किसान समूहों ने पिछले कुछ सप्ताह में कृषि मंत्री तोमर से मुलाकात कर तीनों कानूनों को अपना समर्थन जताया है। हालांकि, प्रदर्शनकारी किसानों ने अपनी मुख्य मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। ऑल इंडिया किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी ने एक बयान में कहा, ”किसानों की एक मांग है कि कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए।”

सिंघु सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने एक अलग बयान में कहा कि उन्होंने जो विषय उठाये हैं, उनमें से केवल पांच फीसदी पर अब तक सरकार के साथ बैठकों में चर्चा हुई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर चार जनवरी की बैठक में गतिरोध समाप्त नहीं होता तो वे हरियाणा में सभी मॉल और पेट्रोल पंपों को बंद करने की तारीख घोषित करेंगे। स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा-राजस्थान सीमा पर शाहजहांपुर में प्रदर्शन कर रहे किसान भी राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच करेंगे। एक अन्य किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि अगर अगले दौर की वार्ता में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।

कोविड-19 : उत्तराखंड़ में शनिवार को मिले 263 नए संक्रमित, सात की मौत, दून में 73 संक्रमित मिले

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देहरादून, प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बीते 24 घंटे में सात मरीजों की मौत हुई और 263 नए संक्रमित मिले हैं। कुल संक्रमितों का आंकड़ा 91544 पहुँचा। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार शनिवार को 13423 सैंपलों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वहीं, 263 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। प्रदेश में कोविड जांच बढ़ने के साथ ही संक्रमितों की रफ्तार धीमी पड़ी है।
देहरादून जिले में 73 कोरोना मरीज मिले हैं। नैनीताल में 65, हरिद्वार में 27, ऊधमसिंह नगर में 23, पिथौरागढ़ में 14, पौड़ी में 13, उत्तरकाशी में 11, टिहरी में नौ, चमोली में नौ, बागेश्वर में छह, रुद्रप्रयाग में पांच, अल्मोड़ा में चार और चंपावत जिले में चार संक्रमित मिले हैं।

प्रदेश में सात कोरोना मरीजों की मौत हुई है। इसमें सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज हल्द्वानी में तीन, एम्स ऋषिकेश में एक, दून मेडिकल कालेज में एक, जिला अस्पताल उत्तरकाशी में एक, गौतम हास्पिटल रुद्रपुर में एक मरीज ने इलाज के दौरान दमतोड़ा, जबकि प्रदेश में अब तक 1522 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 463 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। इन्हें मिला कर 84461 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 4364 सक्रिय मरीजों का उपचार चल रहा है। संक्रमितों से ज्यादा मरीज ठीक होने से प्रदेश की रिकवरी दर 92.26 प्रतिशत हो गई है।

सच्चे प्यार की कायनात : 650 फीट ऊंचाई से गिरी महिला, फिर भी सुरक्षित

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कहते हैं कि प्यार सच्चा तो पूरी कायनात उन्हें मिलाने से नहीं रोक सकती और अगर सच्चे दिल से आप अपनी प्रेमिका या प्रेमी के सामने शादी का प्रस्ताव रखेंगे तो सामने ना में जवाब शायद ही मिलता है। ठीक ऐसा ही एक मामला ऑस्ट्रिया से आया है, जहां प्रेमी ने प्रेमिका के सामने शादी का प्रस्ताव रखा और हां बोलने की जल्दबाजी में महिला 650 फीट की ऊंचाई से नीचे गिर गई।

 

दरअसल, प्रेमी के शादी के प्रस्ताव पर महिला इतनी खुश हो गई कि तुरंत हां बोलने के चक्कर में उसका पैर चट्टान से फिसल गया और वो नीचे गिर गई। हालांकि इन दोनों की जोड़ी काफी किस्मत वाली थी क्योंकि इतनी ऊंचाई से नीचे गिरने के बाद भी महिला को कुछ नहीं हुआ।

प्रेमी अपनी प्रेमिका के सामने शादी का प्रस्ताव रखने से पहले उसे एक चट्टान पर ले गया और सूर्यास्त के समय यह प्रस्ताव रखा। प्रेमी की उम्र 27 साल है। शादी का प्रस्ताव सुनते ही प्रेमिका चट्टान से नीचे गिर गई, हालांकि नीचे गिरते समय महिला ने प्रस्ताव का जवाब जरूर दिया और कहा कि हां मैं तुमसे शादी करूंगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रेमिका को नीचे गिरता देख प्रेमी ने भी उसे बचाने के लिए छलांग लगा दी। लेकिन वह मात्र 50 फीट नीचे आने पर ही एक स्थान पर फंस गया। महिला को कोई भारी चोट इसलिए नहीं आई क्योंकि वो 650 फीट की ऊंचाई से गिरने के बाद भी बर्फ की चादर पर गिरी थी।

इसके बाद एक राहगीर ने उसे बर्फ पर गिरा देखा तो प्रशासन को खबर की। इसके बाद महिला की जान बचाई गई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि ये दोनों बहुत ही भाग्यशाली हैं, दोनों नीचे गिरे लेकिन किसी को भी गहरी चोट नहीं आई। दोनों सुरक्षित हैं और यह काफी आश्चर्यजनक है।

व्यापारियों और ठेकेदारों से लेवी वसूलने आई महिला उग्रवादी और युवक को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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लातेहार, । TSPC Jharkhand झारखंड के लातेहार थाना पुलिस ने शनिवार को जिला मुख्यालय के चटनाही चौक से उग्रवादी संगठन के नाम पर लेवी वसूलने पहुंची एक महिला उग्रवादी के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार उग्रवादियों के पास से लेवी के 24 हजार 300 रुपए, 10 मोबाइल फोन, राकेश गंझू उर्फ विराज के 11 पहचान पत्र, जमीन से संबंधित कागजात, बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड, नेपाल की करंसी, नक्सली साहित्य, टीएसपीसी उग्रवादियों का नोटबुक और राडो घड़ी बरामद की गई।

पुलिस की गिरफ्त में आई महिला उग्रवादी की पहचान उग्रवादी संगठन टीपीसी टीएसपीसी के कमांडर राकेश गंझू उर्फ विराज की पत्नी प्रियंका देवी उर्फ सुषमा देवी और युवक की पहचान कमलेश यादव के रूप में की गई। शनिवार को लातेहार एसडीपीओ वीरेंद्र राम ने प्रेस वार्ता में बताया कि पुलिस को गुप्त सुचना मिली थी कि टीएसपीसी का कमांडर राकेश गंझू उर्फ विराज जी लातेहार के कई व्यापारियों और ठेकेदारों से लेवी मांग रहा है। लेवी वसूलने के लिए अपने लोगों को भेज रहा है।इसी सूचना पर लातेहार थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक महिला सहित दो लोगों को चटनाही चौक से पकड़ा।

प्रियंका की निशानदेही पर उसके रांची में किराए के मकान की तलाशी लेने पर नक्सली साहित्य, राकेश गंझू के नाम पर बनवाए गए ढेरों पहचान पत्र, जमीन के कागजात, बैंक पासबुक और एटीएम कार्ड बरामद किए गए। एसडीपीओ ने बताया कि प्रियंका देवी उर्फ सुषमा देवी 2004 से ही माओवादी, जेजेएमपी, अमन साहू गिरोह, टीएसपीसी उग्रवादी संगठन के लिए काम कर चुकी है।प्रियंका देवी 2011 एवं 2014 में माओवादी से सांठगांठ मामले में बरवाडीह थाना और अपहरण के मामले में चतरा थाना से 2019 में जेल भी जा चुकी है। प्रियंका चतरा के कुंदा थाना क्षेत्र की रहने वाली है। वहीं कमलेश जिला मुख्यालय के डुरुआ का रहने वाला है। लातेहार पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता के नेतृत्व में गठित टीम में पुअनि सरज कुमार, महिला थाना प्रभारी सुनीता कुमारी समेत अन्य शामिल थे।(साभार -जेएनएन)