Monday, June 23, 2025
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रुद्रप्रयाग : मां धारी देवी डोली की 21 दिवसीय यात्रा का माता मंगला ने किया शुभारंभ, पहले पड़ाव में त्रियुगीनारायण पहुंची यात्रा

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रुद्रप्रयाग, देवभूमि उत्तराखण्ड़ में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी ईष्ट देव सेवा समिति के तत्वाधान में रविवार 7 फरवरी से 27 फरवरी तक आयोजित होने वाली मां धारी देवी डोली की 21 दिवसीय यात्रा का शुभारंभ हंस फाउंडेशन की संस्थापक माताश्री मंगला जी, सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में अधिवक्ता मुख्य यजमान संजय शर्मा दरमोड़ा, मंदिर मुख्य पुजारी लक्ष्मी प्रसाद पाण्डेय,डोली समिति के अध्यक्ष मनोज उनियाल और आचार्य सुरेंद्र प्रसाद सुंदरियाल सहित सिद्धपीठ मां धारी देवी के प्रागंण में उपस्थित हजारों भक्तों ने मां के जयकारों के साथ किया।

मां धारी देवी डोली यात्रा का शुभारंभ करने से पूर्व सिद्धपीठ धारी देवी मंदिर में पूजा अर्चना और यज्ञ किया गया। भक्तों ने मां की डोली को नमन कर पुष्प अर्पित किए। 21 दिवसीय मां धारी देवी प्रतीक डोली यात्रा ने विधिवत रूप से पूजा अर्चना, वाद्य यंत्र ढोल दमाऊ, डोर, थाली के पारंपरिक जागरों, भजनों, मां धारी देवी के जयकारों के साथ 21 दिन की यात्रा पर रवाना हो गई। जिसमें हजारों की संख्या में मां के भक्त मौजूद थे।

इस मौके पर माताश्री मंगला जी ने देश-प्रदेश के लोगों के लिए सुख-शांति-समृद्धि की प्रार्थना करते हुए कहा आज हम सब के लिए यह सौभाग्य की बात हैं कि हम सब सिद्धपीठ धारी देवी मंदिर के प्रांगण मां के आशीष की छाओं में खड़े है। मैं मां धारी देवी जी से आप सभी के जीवन के सुखमय होने की कामना करती हूं।

माताश्री मंगला जी मां धारी देवी डोली यात्रा के आयोजन के लिए डोली समिति को शुभकामनाएं देते हुए कहां की हम सब के जीवन में मां सबसे श्रेष्ठ स्वरूप है। जिनके मार्गदर्शन में हम अपने जीवन के कई पडावों से गुजरते हुए,खुद के लिए और असंख्य लोगों के लिए अच्छे कार्यों के माध्यम से प्रेरक बनते है। इस दिशा में हम भी हंस फाउंडेशन के माध्यम से निरंतर सेवा के पथ पर चल रहे है। मां का आशीष ही हैं कि हम उनके आशीष से असंख्य वंचित और जरूरतमंद समाज के साथ खड़े रहकर अपनी सेवाओं का विस्तार कर रहे है।

माता मंगला जी ने मां धारी देवी से कोरोना से जंग जीतने की प्रार्थना करते हुए मंदिर प्रांगण में मौजूद भक्तों से आहवान किया कि आप सभी इस 21 दिवसीय यात्रा में सरकार द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए बनाए गए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पूरी यात्रों को सफल बनाएं।

इस मौके पर मां धारी देवी डोली यात्रा में शामिल सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मुख्य यजमान संजय शर्मा दरमोड़ा ने यात्रा में शामिल सभी भक्तों का अभिवादन करते हुए कहां की आज हम सब सौभाग्यशाली ने की इस प्रांगण में हमें मां धारी देवी के साथ-साथ पूज्य माताश्री मंगला जी का आशीष भी प्राप्त हो रहा है।  दरमोड़ा ने कहा की उत्तराखंड की संपूर्ण जनता का सौभाग्य हैं कि उनके पास पूज्य माताश्री मंगला  एवं श्री भोले जी महाराज जैसी संत आत्माए खड़ी है। जो हर संकट के समय में इस राज्य के गरीब और जरूरत मंद लोगों के साथ खड़े रहते है। हम पूज्य माताश्री मंगला  एवं श्री भोले जी महाराज जी का आभार प्रकट करते हैं कि पूरे कोरोनाकाल से लेकर निरंतर रूद्रप्रयाग के गरीब, जरूरतमंद लोगों,देवालयों के तीर्थ पुरोहितों से लेकर हर वंचित समुदाय के लोगों तक आपने निरंतर मदद पहुंचायी है।

दरमोड़ा ने कहां कि स्वास्थ्य-शिक्षा से लेकर गरीब कन्याओं का विवाह,दिव्यांगजनों,विधाओं और तमाम उन लोगों तक पूज्य भोले जी महाराज एवं माताश्री मंगला जी का आशीष पहुंच रहा है। जो वास्तव में जरूरतमंद है।

इस अवसर पर आचार्य सुरेंद्र प्रसाद सुंदरियाल ने मां धारी देवी से उत्तराखंड के जनमानस के जीवन में सुख-शांति की कामना करते हुए पूज्य माता मंगला जी,संजय शर्मा दरमोड़ा जी एवं मंदिर प्रांगण में उपस्थित सभी भक्तों को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम आज धन्य हो गए,हमें आज मां धारी देवी के साथ-साथ मां माता मंगला जी का आशीर्वाद भी मिल है। माता मंगला जी ने मां धारी देवी डोली यात्रा का शुभारंभ किया। इसके लिए हम पूरी मंदिर समिति की तरफ से माता मंगला जी एवं यहां उपस्थिति सभी प्रबुद्धजनों का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करते है।

आपको बदा दें कि 7 फरवरी से शुरू हुई धारी देवी डोली यात्रा ने धारी मंदिर से केदारघाटी के लिए प्रस्थान किया। इसके बाद यह यात्रा विभिन्न प्रदेशों और तीर्थों के भ्रमण के बाद 27 फरवरी पूर्णिमा के दिन हरिद्वार ब्रह्मकुंड में स्नान एवं हवन के बाद अपने थान नेहरू कालोनी देहरादून के लिए प्रस्थान करेगी। यहां पूजा अर्चना और प्रसाद वितरण कर डोली यात्रा का समापन किया जाएगा।

चमोली : रैनी गांव हुई आपदा में अभी तक 18 शव बरामद, प्रधानमंत्री मोदी ने की उत्तराखंड के सांसदों के साथ हाईलेवल बैठक

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चमोली, उत्तराखंड के जनपद चमोली के रैनी गांव में ग्लेशियर फटने से हुई तबाही में अब तक 18 शव बरामद किए गए हैं। राज्य सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह ने आपदा को लेकर उत्तराखंड के सभी सांसदों के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने आपदा के बाद राहत बचाव कार्यों और भविष्य के लिए क्या किया जाए इसे लेकर चर्चा की।

 

सूत्रों से प्राप्त प्राथमिक जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी ने उत्तराखंड के सांसदों को हरसंभव मदद का आश्वासन देते हुए स्थिति पर खुद नजर रखने की बात कही। आपदा क्षेत्र में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), जो बचाव और राहत कार्यों में लगी हुई है, उसने स्थानीय प्रशासन से प्राप्त अपडेट की जानकारी देते हुए कहा है कि 202 लोग अभी भी लापता हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में, उत्तराखंड सरकार ने कहा कि अब तक 18 शव बरामद किए गए हैं, जबकि 202 लोग अभी भी लापता हैं। राज्य सरकार ने कहा कि सूची सोमवार दोपहर को तैयार की गई है।

इसमें कहा गया है कि एक सुरंग के अंदर करीब 25-35 लोग फंसे हुए हैं और उन्हें बचाने के लिए ऑपरेशन जारी है। राज्य सरकार ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों को भी 202 लापता लोगों की सूची में शामिल किया गया है

उत्तराखंड़ : आपदा राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ मद से 20 करोड़ रूपये जारी

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री आरके सिंह, सांसद श्री तीरथ सिंह रावत, उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा मंत्री और चमोली जिले के प्रभारी मंत्री डा. धन सिंह रावत ने भी तपोवन से कटे गांवों में हेलीकाप्टर से पहुंचाई गई राशन व राहत सामग्री

देहरादून, प्रदेश के मुखिया त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों, आपदा प्रबंधन, पुलिस, सेना एवं आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर जोशीमठ के रेणी क्षेत्र में आई आपदा में राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि क्षेत्र में खाद्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो। राहत एवं बचाव कार्यों में लगे कार्मिकों को भी सभी आवश्यक सामग्री समय पर उपलब्ध हो। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ मद से 20 करोड़ रूपये की धनराशि जारी की गई है।

संवेदनशील स्थानों का समय-समय पर सर्वे के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों का समय-समय पर सर्वे कराया जाय। एसडीआरएफ की टीमें भी संवेदनशील स्थानों के निकट तैनात की जाय। आईआरएस के निदेशक डाॅ. प्रकाश चैहान ने जानकारी दी कि ताजी बर्फ के स्खलन से आपदा की संभावना जताई जा रही है। इसकी वजह से नदी के जल स्तर में तेजी से वृद्धि हुई। अब स्थिति सामान्य है।

प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी की सुचारू आपूर्ति
बैठक में जानकारी दी गई प्रभावित क्षेत्र के आस-पास बिजली एवं पानी की आपूर्ति सुचारू हैं। तत्काल राहत के लिए एक हजार राशन के पैकेट एवं अन्य सामग्री भेजी गई है। रैस्क्यू का कार्य जारी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सैन्य सलाहकार ले.ज.(रिटा.) जे.एस.नेगी, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, शैलेष बगोली, दिलीप जावलकर, एस.ए. मुरूगेशन, सुशील कुमार, दीपेन्द्र चैधरी, कर्नल एस. शंकर, आईटीबीपी के कमाडेंट शेंदिल कुमार, आईजी संजय गुंज्याल, डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

लापता लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता के लिए जारी होगी एसओपी
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि सरकार की मंशा है कि लापता लोगों के परिजनों को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा सके। इसकी प्रक्रिया तय करने के लिए जल्द ही एक एसओपी जारी की जाएगी।

केंद्रीय मंत्रियों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया
ऊधर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, सांसद तीरथ सिंह रावत, उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा मंत्री और चमोली जिले के प्रभारी मंत्री डा. धन सिंह रावत ने भी तपोवन आदि क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और स्थानीय लोगों से बात की। विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट, विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने भी तपोवन एवं रैणी में आपदा प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया।

सर्च व रेस्क्यू आपरेशन तेजी से जारी
चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के दूसरे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन पूरे दिनभर जारी रहा। आपदा मे सड़क पुल बह जाने के कारण नीति वैली के जिन 13 गांवों से संपर्क टूट गया है उन गांवों में जिला प्रशासन चमोली द्वारा हैलीकॉप्टर के माध्यम से राशन, मेडिकल एवं रोजमर्रा की चीजें पहुंचायी जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि जब तक यहां पर वैकल्पिक व्यवस्था या पुल तैयार नही हो जाता तब तक हैली से यहां पर रसद पहुंचाने का काम जारी रहेगा और जल्द से जल्द क्षेत्र के लोगो की परेशानियां दूर करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। गांवों मे फसे लोगो को राशन किट के साथ 5 किलो चावल, 5 किग्रा आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्री हैली से भेजी जा रही हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर जिला प्रशासन की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 70, एनडीआरएफ के 129, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 02 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 02 मेडिकल टीमें लगी हुई हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना के बाद 18 शव मिल गए हैं जबकि 202 लोग लापता हैं। एनटीपीसी से 12 और ऋषिगंगा प्रोजेक्ट से 15 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है।

नई शिक्षा नीति भारत को ले जाऐगी विश्व पटल पर: संजय सहगल

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नई शिक्षा नीति 2020 हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक के अथक प्रयासों और दूरदर्शिता के कारण ऐतिहासिक 34 वर्षों के उपरांत जारी हुई है। इस नीति के जारी होने से हमारे देश के बच्चे अब नये क्षितिज की ओर बढेंगे। अब हमारे छात्र होंगे आत्मविश्वास से भरे हुए और पढाई के साथ-साथ तकनीकी रूप से भी होंगे सक्षम। यह कहना है प्रदेश के राज्य मंत्री संजय सहगल, उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य मंत्रालय का।

यह विचार उन्होंने साझा किये अमित पोखरियाल, अध्यक्ष पीआरएसआई देहरादून चैप्टर और सचिव अनिल सती के साथ, मौका था “भारत की नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: नवयुग का अभिनन्दन” पुस्तक जो नई शिक्षा नीति पर प्रबुद्धजनों के विचारों का बेहतरीन संकलन है को भेंट करने का। यह पुस्तक अमित पोखरियाल और अनिल सती ने संयुक्त रूप से संजय सहगल, उपाध्यक्ष, एनआरएचएम को भेंट की।
संजय सहगल कहा कि पीआरएसआई देहरादून चैप्टर का यह प्रयास बहुत ही प्रशंसनीय है और इसमें देश और प्रदेश के हर वर्ग के प्रबुद्धजनों ने अपने विचार व्यक्त किये हैं ।

उन्होंने यह भी कहा कि पीआरएसआई देहरादून चैप्टर को स्वास्थ्य विभाग के साथ भी काम करना चाहिए विशेषकर भारत सरकार और राज्य सरकार की स्वास्थ्य सम्बन्धी जनजागरण योजनाओं का भी प्रचार प्रसार करना चाहिए क्योंकि जनसम्पर्क का माध्यम सबसे बेहतर माध्यम है आमजन से जुड़ने के लिए। उन्होंने कहा कि वह लगातार एनआरएचएम की योजनाओं को प्रदेश हित में लागू करने हेतु प्रयासरत हैं ।

ब्रेकिंग : प्रदेश में आईएएस अधिकारियों के तबादले, कई जनपदों के बदले जिलाधिकारी

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देहरादून, उत्तराखंड़ शासन में एक बार फिर आईएएस अधिकारियों के तबादले किये गए हैं। आईएएस सुरेंद्र नारायण पांडेय को जिलाधिकारी चंपावत के पदभार से मुक्त कर अल्मोड़ा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आईएएस विनीत तोमर को चंपावत का जिलाधिकारी बनाया गया है। आईएएस आनंद स्वरूप को अपर सचिव सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग की जिम्मेदारी से मुक्त कर पिथौरागढ़ का जिलाधिकारी बनाया गया है।

आईएएस सविन बंसल को नैनीताल जिलाधिकारी के पदभार से मुक्त किया गया है। सविन बंसल को अब अपर सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग उत्तराखंड शासन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा पौड़ी गढ़वाल के जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्ब्याल को भी पदभार से मुक्त किया गया है। उन्हें अब नैनीताल का जिलाधिकारी बनाया गया है।

आईएएस विजय कुमार जोगदंड़े को पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी से हटाकर पौड़ी जिले की जिम्मेदारी दी गई है। अल्मोड़ा के जिलाधिकारी नितिन भदौरिया को भी उनके पदभार से मुक्त किया गया है। उन्हें अब अपर सचिव, विद्यालय शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आईएएस सौरभ गहरवार को मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार नियुक्त किया गया है। आईएएस अनुराधा पाल को मुख्य विकास अधिकारी पिथौरागढ़ नियुक्त किया गया है। आईएएस सोनिका को एनएचएम के मिशन निदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया हैं।

युवा मंगल् दल एवं सालावाला विकास समिति ने समान्नित किया खिलाडियों और कोरोना योद्धाओं को

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देहरादून, यूवा मंगल दल हाथीबड़कला और सालावाला विकास समिति की ओर से आज मास्टर्स फुटबाल प्रतियोगिता जितने वाली टीम और कोविड 19 के दौरान सराहनीय कार्य करने वाले कोरॉना योद्धाओं को मुख्य अथिति केंद्रीय विद्यालय संगठन देहरादून संभाग की उपायुक्त मीनाक्षी जैन के हाथों सम्मानित किया गया । इस अवसर उपायुक्त मीनाक्षी जैन ने विजेता खिलाड़ियों को और कोरोना वॉरियर्स को बधाई दी ।

स्थानीय पार्षद भूपेंद्र कठेट सालावाला विकास समिति के अध्यक्ष अरविंद डंगवाल एवं सचिव मुकेश बंगवाल की ओर से सालावाला पार्क में कोरोना वेरियरर एवं विजेता फुटबॉल टीम के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में चंद्रगुप्त विक्रम , नलिन कोहली जी ने भी इन समानित लोगों के लिए अपने विचार रखे ।
इस अवसर पर पी सी वर्मा, गुरचरन सिंह कुमार थापा, ए. एस मेंगवाल, कमल रतन, संजीव कुमार, आर. एस. परियार, उस्मान खान , बिंदर सिंह , कैलाश जोशी, गुरु प्रसाद बंग्वाल आदि लोग उपस्थित थे l

बहू पर आती थी देवी! सिद्धि के लिए चढ़ा दी अपने ही ससुर की बलि, तंत्र-मंत्र के चक्कर में आकर करती थी ये काम

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कौशांबी: कहने को तो हम आज 21वीं सदी में जी रहे हैं, लेकिन आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो तंत्र-मंत्र के चक्कर में फंसकर अपनी जान गंवा बैठते हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी मामले सामने आते हैं, जो दिल दहला देते हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के कौशांबी से सामने आया है, जहां एक युवती ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में अपने ससुर की बलि चढ़ा दी। मामले में पुलिस ने आरोपी बहू को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार मामला सराय अकिल इलाके के मौहाली गांव का है, जहां एक युवती ने अपने ससूर की हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि आरोपी महिला का ससुर दिव्यांग था और उसकी सेवा बहू को करनी पड़ती थी। लेकिन आरोपी बहू अपने तंत्र-मंत्र में व्यस्त रहती थी, जिसके चलते वह ससुर की सेवा करने के लिए झुंझलाती थी।

इसी बीच एक दिन पूरे परिवार के लोग पड़ोस के गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे। लेकिन दिव्यांग ससुर घर पर ही थे। मौके का फायदा उठाकर बहू ने सो रहे ससुर की गर्दन रेतकर उसे मौत के घाट उतार दिया। सुबह परिजनों के लौटने पर जब घटना सामने आई तो पूरे गांव में हड़कंप मच गया।

वहीं, पूछताछ के दौरान आरोपी बहू ने खुलासा करते हुए बताया कि उसके ऊपर देवी आती है इसलिए वह तंत्र मंत्र में लीन रहती थी। देवी के आदेश से ही वह किसी भी काम को अंजाम देती है। उसके ससुर पिछले 3 सालों से लकवाग्रस्त थे। यही वजह है कि महिला को उनकी सेवा करनी पड़ती थी जिससे उसके तंत्र मंत्र की क्रिया में बाधा उत्पन्न होती थी।

 

घर के गहने बेचने का विपक्ष का आरोप कमजोर : वित्त मंत्री सीतारमण

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में निजीकरण पर जोर दिये जाने को लेकर विपक्ष के ‘परिवार के गहने बेचने’ के आरोप को रविवार को कमजोर करार दिया। उन्होंने कहा कि पहले की सभी सरकारों ने विनिवेश किया है।

उन्होंने कारोबारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए यहां कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने तो एक बार में एक कंपनी बेचने के बजाय इस बारे में स्पष्ट नीति तैयार की है, कि किन कंपनियों का विनिवेश किया जाना चाहिये और किन रणनीतिक क्षेत्रों को नहीं छुआ जाना चाहिये।

बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक सरकारी बीमा कंपनी को बेचने का प्रस्ताव किया गया है। विपक्ष लगातार इसकी आलोचना कर रहा है। विपक्ष ने इसे परिवार के गहने बेचना करार दिया है। वित्त मंत्री ने कहा, ”जो विपक्ष का आरोप है कि घर के गहने बेचे जा रहे हैं, ऐसा नहीं है।

घर के जेवर को ठोस बनाया जाता है, इसे हमारी ताकत होनी चाहिये। चूंकि आपने इतने खराब तरीके से इनपर खर्च किया कि इनमें से कई चल पाने में सक्षम नहीं हैं। कुछ ऐसे हैं, जो बेहतर कर सकते हैं, लेकिन उनके ऊपर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया।”

उन्होंने कहा कि अतीत के समाजवादी मुहर वाले सुधारों के बाद भी कारोबार बाधित हुआ। कई सरकारी कंपनियां ऐसी हैं, जिनके पास पेशेवर विशेषज्ञता की कमी है। अभी कुछ सरकारी कंपनियां ऐसे क्षेत्रों में कारोबार कर रही हैं, जो रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण नहीं हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य इस नीति के माध्यम से ऐसे उपक्रमों को सक्षम बनाना है। उन्होंने कहा, ”आपको उनकी आवश्यकता है, आपको उन्हें बड़े पैमाने पर ले जाने की आवश्यकता है ताकि वे बढ़ते भारत की आकांक्षाओं को पूरा करें।” सीतारमण ने कहा कि सरकार का कभी कोविड-19 कर या उपकर लगाने का विचार नहीं रहा है।

उन्होंने कहा, ”मुझे नहीं पता कि मीडिया में कोविड-19 कर या उपकर लगाने की चर्चा कैसे शुरू हुई? हमारा कभी ऐसा विचार नहीं रहा।” वित्त मंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि जब दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाएं इस महामारी से संघर्ष कर रही थीं, हमने इससे बचाव का रास्ता ढूंढ लिया था।

उन्होंने कहा कि आज भारत की आकांक्षाओं और विकास जरूरतों के लिए भारतीय स्टेट बैंक के आकार के 20 संस्थानों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आईडीबीआई के अनुभव से विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) का विचार आया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा संचालित सिर्फ एक डीएफआई होगा और इसमें निजी क्षेत्र की भूमिका होगी।

सीतारमण ने अर्थव्यस्था में आ रहे सुधार का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले तीन माह के दौरान माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह बढ़ा है। इस मौके पर हिंदुस्तान यूनिलीवर के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने कहा कि बजट 2021-22 राहत, वसूली और सुधार पर ध्यान केंद्रित करने वाला ‘न्यू डील’ का भारतीय संस्करण है।

बीएसई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशीषकुमार चौहान ने कहा कि इस बजट की तुलना में सिर्फ 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा प्रस्तुत सुधार दस्तावेज ही खड़ा हो सकता है।

उत्तराखंड त्रासदी के बाद अमरोहा में गंगा किनारे अलर्ट, प्रशासन ने तैयार की टीमें

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अमरोहा: उत्तर प्रदेश के अमरोहा में भी गंगा किनारे बसे 57 गांव में रहने वाले ग्रामीणों को भी अलर्ट कर दिया गया है. मंदिर, मस्जिद दरगाहओं से भी अलर्ट करने के लिए लगातार ऐलान किए जा रहे हैं, और गंगा किनारे किसानों को कल तक अपने कृषि कार्य से जाने से भी रोक दिया गया है. उत्तराखंड के जोशीमठ में ग्लेशियर के फटने से भारी तबाही की आशंका जताई जा रही है. अमरोहा जिला अधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा मौके पर जाकर निरीक्षण किया और अधिकारियों को सतर्क रहने के लिए कहा है.

मुनादी कर लोगों को सतर्क किया जा रहा है

 

आपको बता दें कि, अमरोहा के गंगा किनारे प्रशासन ने खादर की मुनादी कराकर किसानों को घर लौटने की हिदायत दी है. खादर क्षेत्र में खरबूजा, तरबूज आदि की फसल बोई गई है. गंगा किनारे खादर में खेती करने वाले किसानों को भी मुनादी कराकर बताया कि पानी तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए गंगा किनारे ना जाए तेज गति से आगे बढ़ रहा है. पानी को लेकर अमरोहा प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है. इस बड़ी घटना को देखकर खादर क्षेत्रों के लोगों की दिलों की धड़कन बढ़ गई है. सूचना मिलते ही खादर क्षेत्र के लोगों ने इधर-उधर फोन करने शुरू कर दिए और ताजा स्थिति से रूबरू होने के लिए आतुर दिखाई दिए, हालांकि प्रशासन खादर क्षेत्रों में तैयारियों का जायजा लेने के लिए पहुंचने लगा है. सिंचाई विभाग के अधिकारी भी गंगा तिगरी घाट पहुंच गए हैं और जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एसपी सुनीति ने टीम के साथ खादर क्षेत्र कोच का जायजा लिया है.

 

प्रशासन अलर्ट

 

आशंका जताई जा रही है कि रात्रि में गंगा का जलस्तर बढ़ सकता है. ऐसे में ग्रामीण न सोए. कुछ गांव में पुलिस व प्रशासनिक टीम तैनात की जा रही है, ताकि आपातकालीन स्थिति में ग्रामीणों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया जा सके.

 

जिला अधिकारी उमेश मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि, क्योंकि अमरोहा के नजदीक डैम बना हुआ है, इसलिए सीधा प्रभाव तो नहीं पड़ेगा. चूंकि कुछ ग्रामीण इलाके डूब क्षेत्र में आते हैं, इसलिए वहां पर लोगों को चेतावनी दी जा रही है, इसके लिए कई टीमें काम में लगाई गई हैं, और वो खुद नजर बनाए हुए हैं, इस त्रासदी के दौरान बह कर आने वाली पानी का दबाव परसों तक अमरोहा जनपद में देखने को मिल सकता है.

राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर राज्‍यसभा में आज जवाब दे सकते हैं प्रधानमंत्री मोदी, तय होगी कृषि सुधार की दिशा

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नई दिल्‍ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सोमवार को संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दे सकते हैं। ऐसे में जब नए कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमला बोल रहा है… सबकी नजरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन पर होगी। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा पूरी हो चुकी है। किसान अभी भी प्रदर्शन कर रहे हैं ऐसे में देखना होगा कि प्रधानमंत्री कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों पर क्या बोलते हैं? सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री मोदी किसान आंदोलन पर सियासत करने वाले दलों को कड़ी नसीहतें दे सकते हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआइ ने अपनी रिपोर्ट में एक आधिकारिक बयान के हवाले से बताया है कि इस बजट सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही के पहले छह दिन बहुत ही लाभकारी साबित हुई है। इस दौरान उच्च सदन में 82.10 फीसद कामकाज हुआ। पिछले तीन दिनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा ही मुख्य कामकाज हुआ। इस दौरान इसमें 25 दलों के पचास सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया। बयान में कहा गया है कि बीस घंटे और 34 मिनट के कुल कामकाज में विगत तीन फरवरी को चार घंटे और 14 मिनट हंगामे में बर्बाद हो गए थे।

हालांकि शुक्रवार को उच्च सदन के सदस्यों ने काम के निर्धारित घंटों के इतर 33 मिनट अतिरिक्त कार्य किया। विगत तीन फरवरी के हंगामे के बाद अगले दो दिनों तक प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हुए थे। लेकिन शुक्रवार को एक घंटे का प्रश्नकाल हुआ और धन्यवाद प्रस्ताव के लिए अतिरिक्त समय निकाला गया। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल,2021 को विधेयक की जगह लाने के लिए इस हफ्ते एक प्रस्ताव भी पेश किया गया। इस हफ्ते उच्च सदन में सात शून्यकाल और सात विशेष उल्लेख भी हुए।

राज्यसभा में चर्चा के आखिरी दिन शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे विपक्ष पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने विपक्षी नेताओं से कहा था कि वे कानून की खामियों को बताएं। कृषि मंत्री ने यह भी पूछा था कि कोई बताए कि आखिर कृषि कानून में काला क्या है? उन्‍होंने कहा था कि नए कृषि कानूनों को काला बता देने भर से बात नहीं बन सकती और ना ही सुधार हो सकता है। पिछले दो महीने से मैं किसानों से भी यही पूछ रहा था। न वहां जवाब मिला और न ही आपके पास है।

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि कृषि मंत्री ने राज्यसभा में कृषि सुधार कानूनों से जुड़े प्रत्येक पहलू को लेकर विस्तार से जानकारी दी है। मेरा विनम्र निवेदन है कि लोग उनका यह भाषण जरूर सुनें। सोमवार को अपने संबोधन में पीएम मोदी नए कृषि कानूनों पर सियासत करने वाले नेताओं को निशाने पर ले सकते हैं।

आज रविवार को पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल के हल्दिया में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान के नाम पर कौन अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहा है और कौन उनकी परेशानी दूर करने के लिए काम कर रहा है देश इसे पिछले छह वर्षों से देख रहा है।

इस बीच रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि सरकार फिर से किसान यूनियनों के साथ बातचीत के लिए तैयार है। किसान यूनियन अगर कोई नया प्रस्ताव लेकर आए तो सरकार फिर से वार्ता शुरू कर सकती है। वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी कहा है कि कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन का समाधान जल्द ही निकल आएगा। आंदोलन का दायरा सीमित क्षेत्र में ही है। इसके लिए सरकार लगातार किसानों संगठनों से बातचीत कर रही है, आगे भी चर्चा की जाएगी।