हरिद्वार 12 फरवरी (कुल भूषण) फायर सर्विस विभाग को विगत गुरूवार देर रात सिटी कंट्रोल रूम से सूचना मिली के आर्य नगर चौक के पास आग लगी है सूचना मिलते ही फायर सर्विस मायापुर हरिद्वार की दो गाड़ियां घटनास्थल फायर सर्विस स्टाफ षिषपाल सिंह नेगी भगवती प्रसाद संजय कैन्थूरा मातवर सिंह मदन लाल ने मौके पर पहुच आग पर काबू पाया फायर स्टाफ द्वारा दुकान के बारे में जानकारी लेने पर पता चला कि दुकान के अंदर एक फ्रिज एपानी की बोतल एकोल्ड ड्रिंकए बीड़ी माचिस आदि थे दुकान में आग संभवत है इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट के कारण लगी यह जानकारी फायर विभाग के शिशुपाल सिंह नेगी ने दी
अपर मेलाधिकारी ने गंगा घाटों व हरकी पौडी क्षेत्र में विद्युत कार्यों की समीक्षा बैठक की
हरिद्वार 12 फरवरी( कुल भूषण) अपर मेलाधिकारी डा ललित नारायण मिश्र ने मेला नियंत्रण भवन में कुंभ मेले से संबंधित कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मेला क्षेत्र भूमिगत में विद्युतीकरण की प्रगति की जानकारी अधिशासी अभियंता पवन कुमार से ली। उन्होंने कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए विभागों से समन्वय करते हुए अतिशीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने घाटों पर आने जाने वाले मार्ग में लटक रहे बिजली के तारों और जो पोल जर्जर हों उन्हें तत्काल हटवाने का निर्देश दिया।
सीओ संचार आरडी मटपाल ने बताया कि सर्विलांस सिस्टम के तहत हरकी पैड़ी के तारों को दस दिन में समन्वय करते हुए हटवा दिया जाएगा। हरकी पैड़ी व आसपास के अन्य घाट कांगड़ाए गऊघाट व रोड़ीबेलवाला क्षेत्र के तारों को भूमिगत कराने का निर्देश अपर मेलाधिकारी ने दिया।
उन्होंने इस संबंध में विद्युत विभाग के अभियंता से प्रमाणपत्र भी अवश्य लेना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कार्यों की मानीटरिंग सेक्टर मजिस्ट्रेट योगेश सिंह मेहरा से करते हुए नियमित रिपोर्ट देने को कहा। अपर मेलाधिकारी डा मिश्र ने हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण से भी समन्वय स्थापित कर काम में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने मेला क्षेत्र में अन्य घाटों और पुल पर भी यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कहीं भी खुले तार न होंए इसका तीन दिन के भीतर संबंधित से प्रमाण पत्र भी ले लें।
बैठक में गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, एसके सहगल, अधिशासी अभियंता यूपीपीसीएल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर 10 हजार महिलाओं को मिलेगा 5 लाख का ब्याज मुक्त ऋण
देहरादून, आगामी 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पंडित दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत प्रदेश भर के एक हजार महिला समूहों को 5-5 लाख रूपये का ब्याज मुक्त ऋण वितरित किया जायेगा। सूबे में सहकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही इस महत्वकांक्षी योजना का शुभारम्भ प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण चमोली जनपद से करेंगे, जबकि प्रदेश के शेष 12 जनपद मुख्यालयों में भी इसी दिन जिलाधिकारियों एवं जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्षों एवं अधिकारियों की उपस्थिति में योजना का शुभारम्भ एक साथ किया जायेगा।
इस बात की जानकारी सहकारिता, उच्च शिक्षा, प्रोटोकाल एवं दुग्ध विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित कार्यकाय में आयोजित सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक के उपरांत दी। डा. रावत ने बताया कि इससे मुख्मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा 3 लाख रूपये तक के ब्याज मुक्त ऋण योजना का शुभारम्भ विगत 6फरवरी को देहरादून से किया था। जिसके तहत एक साथ प्रदेश के 25 हजार किसानों को ब्लाॅक स्तर पर विभाग द्वारा ऋण बांटे गये थे। इसी तर्ज पर विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश भर के एक हजार महिला समूहों को 5-5 लाख रूपये तक का ऋण वितरण किया जायेगा।
जिससे राज्य की लगभग 10 हजार महिलाएं लाभान्वित होंगी। बैठक में पैक्स कम्प्यूटराइजेशन योजना की समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने बताया कि आगामी 30 जून तक प्रदेश की सभी समितियां कम्प्यूटराइज्ड को जायेगी। बैठक में विभागीय मंत्री ने अधिाकरियों को राज्य एवं जिला सहकारी बैंकों में आरटीजीएस सुविधा उपलब्ध कराये जाने सम्बंधी कार्रवाही के निर्देश दिये।
बैठक में निर्णय लिया गया है कि राज्य में पशु चारे की पूर्ति एवं सहकारिता विभाग द्वारा तैयार किये जा रहे साइलेज के उत्पदान को बढ़ावा दिये जाने के लिए गढ़वाल एवं कुमाऊं मण्डल के एक-एक जिले में साइलेज उत्पादन एवं विपणन का पायलट प्रोजेक्ट चलाया जायेगा। विभागीय मंत्री द्वारा एनसीडीसी के तहत संचालित योजनाओं की समीक्षा करते कलस्टर वार कार्यों में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये गये।
बैठक में सचिव सहकारिता आर मिनाक्षी सुन्दरम, अध्यक्ष राज्य सहकारी बैंक दान सिंह रावत, उपाध्यक्ष हयात सिंह माहरा, निबंधक सहकारिता बी.एम. मिश्र, उपाध्यक्ष यूसीएफ मातबर सिंह रावत, अपर निबंध ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ला, महाप्रबंधक राज्य सहाकरी बैंक एन.पी.एस. ढाका, जिला सहकारी बैंक देहरादून के अध्यक्ष अमित चैहान, पौड़ी नरेन्द्र सिंह रावत, टिहरी सुभाष रमोला, उत्तरकाशी विक्रम सिंह रावत सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
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कुंभ मेला 2021: जारी हुई एसओपी, नियमों का पालन न करने पर होगी सख्त कार्यवाही
हरिद्वार, इस साल कुंभ होने वाला है और केंद्र सरकार के मानक प्रचालन प्रक्रिया जारी होने के बाद राज्य सरकार ने भी कुंभ की विस्तृत एसओपी जारी कर दी है। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग एसए मुरुगेशन ने मंगलवार को कुंभ मेले की गाइडलाइन जारी कर दी हैं। गाइडलाइन को सख्ती से लागू किया जाएगा अगर नियमों का पालन नहीं होगा तो सीधे तौर पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, महामारी रोग अधिनियम 1897 और आईपीसी की धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।
इसके तहत आश्रम और धर्मशालाओं से लेकर परिवहन तक के लिए अलग-अलग निर्देश जारी किए गए हैं।
इस बार कुंभ मेले में बिना रजिस्ट्रेशन और बिना कोविड निगेटिव रिपोर्ट प्रवेश नहीं मिलेगा।
सामूहिक भजन गायन और भंडारे पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
यात्रियों को ऑनलाइन ही पास जारी किए जाएंगे। www.haridwarkumbhmela2021.com पर यात्री रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग एसए मुरुगेशन ने कुंभ मेले की गाइडलाइन जारी कर दी।
आश्रम, धर्मशाला, वाहन पार्किंग स्थान, होटल व रेस्टोरेंट, हॉल्टिंग प्वाइंट, धार्मिक स्थल, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक परिवहन और बस स्टेशन के लिए अलग-अलग निर्देश जारी किए हैं।
सभी में इस बात का सख्ती से लागू किया गया है कि अगर नियमों का पालन नहीं होगा तो सीधे तौर पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, महामारी रोग अधिनियम 1897 और आईपीसी की धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।
कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को आश्रम या धर्मशाला में केवल तभी प्रवेश मिलेगा, जबकि उनके एंट्री पास और हथेली के ऊपरी भाग पर अमिट स्याही से निशान लगा होगा।
मंदिर में दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं के बीच दो गज की दूरी आवश्यक होगी।
उनके मोबाइल में आरोग्य सेतु एप होना भी अनिवार्य होगा।
अगर किसी बस में यात्रा कर रहे श्रद्धालु में कोरोना के लक्षण लगते हैं तो बस के ड्राईवर की यह जिम्मेदारी होगी कि वह इसकी सूचना पुलिस या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को दे।
कुंभ में अगर कोई वाहन या तीर्थयात्री बिना पंजीकरण आएगा तो उसे किसी भी सूरत में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
शाही स्नान पर केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुलेंगी।
कुंभ मेले के दौरान भीड़ नियंत्रण को लेकर भी खास तवज्जो दी गई है।
एसओपी में कहा गया है कि शाही स्नान की जो तिथियां अधिसूचित होंगी, उन पर हरिद्वार में बाजार बंद रहेंगे। केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानें जैसे- डेयरी, भोजन, दवा, पूजन सामग्री व कंबल की दुकानें ही खुलेंगी।
20 मिनट तक ही मिलेगा स्नान का समय, पवित्र स्नान के लिए केवल 20 मिनट का ही समय दिया जाएगा।
मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों की यह जिम्मेदारी होगी कि 20 मिनट का समय पूरा होते ही वह उस जत्थे को बाहर निकालें ताकि दूसरा जत्था स्नान कर सके।
गंगा तट पर तैनात सभी सुरक्षाकर्मी पीपीई किट से लैस होंगे।
कोविड रिपोर्ट दिखाकर ही निकल पाएंगे स्टेशन से बाहर रेल के माध्यम से कुंभ मेला आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए भी खास निर्देश जारी किए गए हैं।
तीर्थयात्रियों के पास कुंभ मेले का पंजीकरण होना जरूरी है। इसके अलावा 72 घंटे के भीतर की कोविड निगेटिव रिपोर्ट भी अनिवार्य है।
अगर तीर्थयात्रियों के पास रिपोर्ट नहीं होंगी तो उन्हें रेलवे स्टेशन से बाहर नहीं आने दिया जाएगा। यही नियम बस स्टैंड पर भी लागू किया जाएगा।
केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों को खुशखबरी, परिवार पेंशन से जुड़े नियमों में हुए अहम बदलाव
केंद्रीय मंंत्री जितेन्द्र सिंह ने सरकार कर्मचारी की मौत के बाद परिवार पेंशन से जुड़े नियमों में बदलाव किए हैं। उन्होंने इन बदलावों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकारी कर्मचारी के घर में अगर कोई दिव्यांग सदस्य है और उसके पास आजीविका चलाने के कोई साधन नहीं हे तो सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद सरकार उसे जीवन भर पेंशन देगी। तमाम विचार-विमर्श के बाद मोदी सरकार ने इस मौजूदा व्यवस्था को बदल दिया है।
केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 1972 (54/6) के अनुसार अगर किसी सरकारी कर्मचारी के आश्रित परिवार की कुल आय कर्मचारी के अंतिम वेतन से ज्यादा है तो उन्हें पेंशन नहीं दी जाएगी। वहीं अगर आश्रित परिवार की कुल आय कर्मचारी के अंतिम वेतन से 30 फीसदी से कम है तो मृतक आश्रितों को जीवन भर पेंशन पाने का अधिकार होगा। इसके अलावा दिव्यांग आश्रितों को नए नियमों के अनुसार जीवन भर पेंशन मिलेगी।
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। विकलांग बचे लोगों के लिए पारिवारिक पेंशन पर, केंद्र सरकार ने सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के तहत पारिवारिक पेंशन देने के लिए एक मृतक सरकारी कर्मचारी या पेंशनर के बच्चे की योग्यता के लिए आय मानदंड को उदार बनाने के निर्देश जारी किए हैं, कार्मिक मंत्रालय ने कहा, विकलांगों को पारिवारिक पेंशन के लिए छूट दी जाती है क्योंकि उन्हें अधिक चिकित्सा देखभाल और वित्तीय सहायता की आवश्यकता होती है।
सरकार का विचार है कि परिवार के पेंशन के लिए पात्रता वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए आय मानदंड, परिवार के अन्य सदस्यों के मामले में लागू, विकलांगता से पीड़ित बच्चे / सहोदर के मामले में लागू नहीं किया जा सकता है। इसलिए, सरकार ने विकलांगता से पीड़ित एक बच्चे / भाई / बहन के संबंध में पारिवारिक पेंशन के लिए पात्रता के लिए आय मानदंड की समीक्षा की है और निर्णय लिया है कि ऐसे बच्चों / भाई-बहनों को पारिवारिक पेंशन के लिए पात्रता के लिए आय मानदंड राशि की राशि के साथ सराहनीय होगा। उनके मामले में हकदार परिवार पेंशन तदनुसार, पेंशन और पीडब्लू विभाग ने निर्देश / आदेश जारी किए हैं, जो एक मृतक केंद्र सरकार के कर्मचारी या पेंशनभोगी का बच्चा / भाई है, जो मानसिक या शारीरिक विकलांगता से पीड़ित है, जीवन के लिए पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होगा, यदि उसकी / उसकी कुल आय, पारिवारिक पेंशन के अलावा, सामान्य दर पर हकदार पारिवारिक पेंशन से कम है यानी मृतक सरकारी कर्मचारी या पेंशनर द्वारा प्राप्त अंतिम वेतन का 30% और साथ ही साथ महंगाई राहत स्वीकार्य है।
यह है पेंशन का मौजूदा नियम
CCS (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 54 (6) के अनुसार, एक मानसिक या शारीरिक विकलांगता से पीड़ित मृतक केंद्र सरकार के कर्मचारी या पेंशनर का बच्चा / भाई, जीवन यापन के लिए पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र है, यदि वह या वह एक विकलांगता को झेलना, जो उसे अपनी आजीविका कमाने में असमर्थ बना देती है। वर्तमान में, परिवार का कोई सदस्य, जिसमें विकलांगता से पीड़ित बच्चे / सहोदर शामिल हैं, को अपनी आजीविका कमाने के लिए माना जाता है, यदि पारिवारिक पेंशन के अलावा अन्य स्रोतों से उसकी आय न्यूनतम पारिवारिक पेंशन यानी 9000 से अधिक या उससे अधिक है। / – और महंगाई राहत के लिए स्वीकार्य है। एक बच्चे / भाई-बहन के मामले में, एक मानसिक या शारीरिक विकलांगता से पीड़ित, जो वर्तमान में पहले आय मानदंडों की पूर्ति नहीं होने के कारण पारिवारिक पेंशन की प्राप्ति में नहीं है, परिवार पेंशन उसे / उसे दी जाएगी, यदि वह / वह नए आय मानदंड को पूरा करती है और सरकारी कर्मचारी या पेंशनर या पिछले परिवार के पेंशनभोगी की मृत्यु के समय पारिवारिक पेंशन देने की अन्य शर्तों को भी पूरा करती है। हालांकि, ऐसे मामलों में, वित्तीय लाभ, सरकारी कर्मचारी, पेंशनर या पिछले परिवार के पेंशनर की मृत्यु की तारीख से संभावित अवधि के लिए संभावित रूप से और कोई बकाया नहीं होगा, स्वीकार्य होगा।
वृद्धावस्था पेंशन योजना में नए प्रावधान
झारखंड में अब हर वृद्ध गरीब को पेंशन मिलेगा। 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के असहाय के लिये मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना में सभी को शामिल करने के प्रस्ताव को कैबिनेट की स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रदेश में करीब तीन लाख 65 हजार अतिरिक्त वृद्धों को पेंशन देने की कार्ययोजना पर सरकार ने कार्य आरंभ कर दिया है। राज्य योजना अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री राज्य पेंशन योजना अंतर्गत योग्य व्यक्तियों को के शत-प्रतिशत अनाच्छादन की घटनोत्तर स्वीकृति मंत्रीपरिषद की बैठक में दी गई। इस स्वीकृति के उपरांत राज्य के सात लाख 30 हजार वृद्धों को पेंशन योजना का लाभ प्राप्त होगा।
पोस्ट ऑफिस NSC: निवेश का एक सुरक्षित विकल्प, मिलते हैं बेहतर रिटर्न, टैक्स की बचत जैसे कई फायदे
निवेश के लिए डाक घर की स्मॉल सेविंग्स स्कीम एक अच्छा विकल्प हैं. यह निवेश का एक सुरक्षित ऑप्शन है. इसमें टैक्स की बचत के साथ बेहतर रिटर्न भी मिलता है.
पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) में न केवल अच्छा रिटर्न देती है बल्कि इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स की बचत भी होती है.
NSC पर इस सेक्शन के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की राशि पर टैक्स कटौती का फायदा उठाया जा सकता है. आयकर की गणना करते समय सेक्शन 80C के तहत एक करदाता को डिडक्शन यानी कटौती का फायदा मिलता है, जिसे वह खर्चों के तौर पर अपनी इनकम में से घटा सकते हैं, ताकि उन्हें कम राशि पर टैक्स देना पड़े.
ब्याज दर और अवधि
NSC स्कीम में अभी सालाना 6.8 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. इसे सालाना आधार पर कंपाउंड किया जाता है लेकिन भुगतान मेच्योरिटी पर ही होता है. इस स्कीम का टेन्योर 5 साल का है.
स्कीम की खास बातें
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- स्कीम में सर्टिफिकेट कोई भी एक व्यस्क, अधिकतम तीन व्यस्क मिलकर ज्वॉइंट अकाउंट, 10 साल से ज्यादा उम्र का नाबालिग ले सकता है.
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- NSC को किसी भी भारतीय डाकघर से खरीदा जा सकता है.
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- ब्याज सालाना जमा किया जाता है लेकिन भुगतान मेच्योरिटी पर ही किया जाता है, जिसमें TDS की कटौती नहीं होती है.
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- NSC को सभी बैंकों और NBFC द्वारा लोन के लिए कोलैटरल या सिक्योरिटी के रूप में स्वीकार किया जाता है.
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- निवेशक अपने परिवार के किसी भी सदस्य को नॉमिनी बना सकता है.
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- NSC को, जारी होने से लेकर मैच्योरिटी डेट के बीच एक बार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर किया जा सकता है.
कौन कर सकता है निवेश ?
प्रत्येक भारतीय NSC में निवेश कर सकता है.
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- एनआरआई NSC नहीं खरीद सकते हैं.
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- अगर किसी भारतीय ने NSC खरीदा है और मेच्योरिटी से पहले एनआरआई हो जाता है तो भी उसे इसका लाभ मिलता है.
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- ट्रस्ट और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) NSC में निवेश नहीं कर सकते हैं.
- HUF के कर्ता केवल अपने नाम से NSC में निवेश कर सकते हैं.
इस बैंक में है अकाउंट तो हो जाएं सावधान! RBI ने छह महीने तक लेन-देन पर रोक, आपका खाता तो नहीं, जानें सबकुछ
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महाराष्ट्र के नासिक स्थित इंडिपेन्डेन्स को-ऑपरेटिव बैंक लि. से पैसा निकालने पर रोक लगा दी है।
आरबीआई ने बयान में कहा कि हालांकि बैंक के 99.88 प्रतिशत जमाकर्ता पूर्ण रूप से ‘डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन’ (डीआईसीजीसी) बीमा योजना के दायरे में हैं। बीमा योजना के तहत बैंक का प्रत्येक जमाकर्ता अपनी 5 लाख रुपये तक की जमा राशि पर जमा बीमा दावा रकम डीआईसीसी से प्राप्त करने का हकदार है।
निकासी पर पाबंदी छह महीने की अवधि के लियेः निकासी पर पाबंदी छह महीने की अवधि के लिये होगी। केंद्रीय बैंक ने कहा, ”बैंक की मौजूदा नकदी की स्थिति को देखते हुए, जमाकर्ताओं को बचत या चालू खाता अथवा अन्य किसी भी खाते से जमा राशि में से कोई भी रकम निकालने की अनुमति नहीं होगी।
कुछ शर्तों पर निर्भरः ग्राहक जमा के एवज में कर्ज का निपटान कर सकते हैं जो कुछ शर्तों पर निर्भर है।” आरबीआई ने बुधवार को कारोबारी समय समाप्त होने के बाद और भी कुछ पाबंदियां लगायी है। इसके तहत बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आरबीआई की पूर्व मंजूरी के बिना कोई भी कर्ज नहीं देंगे या नवीनीकरण नहीं करेंगे।
कोई निवेश भी नहीं करेंगेः इसके अलावा वे कोई निवेश भी नहीं करेंगे और न ही कोई भुगतान करेंगे। आरबीआई के अनुसार बैंक पाबंदियों के साथ अपना बैंकिंग कारोबार पहले की तरह करता रहेगा। यह पाबंदी वित्तीय स्थिति में सुधार तक रहेगी। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि वह परिस्थिति के हिसाब से निर्देशों में संशोधन कर सकता है।
बैंक ग्राहकों की शिकायतें 57 प्रतिशत बढ़कर 3 लाख से अधिक रही: आरबीआई रिपोर्ट
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि 30 जून, 2020 को समाप्त वर्ष में बैंक सेवाओं को लेकर शिकायतें 57 प्रतिशत उछलकर 3.08 लाख पहुंच गयी। ओम्बुड्समैन (लोक-प्रहरी) योजना पर अपनी सालाना रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने कहा कि 20 प्रतिशत से अधिक शिकायतें एटीएम या डेबिट कार्ड से जुड़ी हैं। उसके बाद 13.38 प्रतिशत के साथ मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिग का स्थान हैं। निष्पक्ष आचरण संहिता (एफपीसी) का अनुपालन नहीं करना तीसरे स्थान पर है।
बिना नोटिस के शुल्क लगानाः रिपोर्ट के अनुसार क्रेडिट कार्ड, प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करना, बिना नोटिस के शुल्क लगाना, कर्ज से जुड़े मामले तथा भारतीय बैंक संहिता तथा मानक बोर्ड (बीसीएसबीआई) नियमों का अनुपालन नहीं करने से जुड़े मामले पिछले साल के मुकाबले बढ़े हैं।
2020 को समाप्त साल में बढ़कर 1,406 पहुंच गयीः इसमें कहा गया है कि प्रत्यक्ष बिक्री एजेंट (डीएसए) और वसूली एजेंटों से जुड़ी शिकायतें 2018-19 में 629 थी और 30 जून, 2020 को समाप्त साल में बढ़कर 1,406 पहुंच गयी। रिपोर्ट के अनुसार निपटान दर घटकर 92.36 प्रतिशत रही जो 2018-19 में 94.03 थी। इसका कारण एक तरफ शिकायतें बढ़ रही हैं जबकि उसका निपटान करने वाले कर्मचारियों की संख्या उतनी ही है।
दिल्ली व लखनऊ के बीच 14 फरवरी से दौड़ेगी तेजस एक्सप्रेस
नई दिल्ली। लखनऊ-नई दिल्ली और अहमदाबाद-मुंबई अपने दोनों रूट्स पर 14 फरवरी से तेजस एक्सप्रेस फिर से शुरू होने जा रही है। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए आईआरसीटीसी ने स्टेशन पर ही तेजस एक्सप्रेस के टिकट मुहैया करवाने की व्यवस्था भी की है।
आईआरसीटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक तेजस एक्सप्रेस सप्ताह में चार दिन यानी शुक्रवार, शनिवार, रविवार और सोमवार को चलेगी। 14 फरवरी को लखनऊ से दिल्ली और दिल्ली से लखनऊ की ट्रेन की ज्यादातर सीटें बुक हो चुकी हैं। इसी तरह मुंबई से अहमदाबाद और अहमदाबाद से मुंबई तेजस एक्सप्रेस की भी अधिकतर सीटें बुक हो चुकी हैं। दोनों ट्रेनों के लिए आईआरसीटीसी ने दो फरवरी से ही बुकिंग शुरू कर दी थी। उन्होंने बताया कि स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क भी बनाई जाएगी।
यहां से यात्री हर तरह की जानकारी ले सकेंगे। इसके अलावा अगर ट्रेन में कुछ सीटें रह जाती हैं तो स्टेशन पर ही यात्रियों को ट्रेन के टिकट मुहैया करवाए जाने की व्यवस्था भी की जा रही है। रेलवे बोर्ड ने नई दिल्ली से लखनऊ के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस को 23 नवंबर 2020 और मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस को 24 नवंबर को बंद कर दिया था। उस दौरान तेजस एक्सप्रेस के बंद होने का कारण यात्रियों की संख्या में कमी बताया गया था। उस दौरान कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए तेजस एक्सप्रेस में सफर करने के लिए बहुत कम यात्रियों ने बुकिंग कराई, जिसकी वजह से ट्रेन का संचालन रद्द करने का फैसला लिया गया था। अक्टूबर 2019 में देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस की शुरुआत की गई थी।
यात्रियों को पहनना होगा फेस शील्ड, मास्क और ग्लव्स
आईआरसीटीसी अनुसार सभी यात्रियों को कोविड प्रोटोकॉल से जुड़े स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर का पालन करना होगा। कोई भी यात्री अपनी सीट किसी अन्य यात्री से बदल नहीं सकेंगे। यात्रियों के अलावा स्टाफ के लिए फेस कवर या फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा। ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को कोरोना किट मुहैया करवाई जाएगी। कोविड 19 सुरक्षा किट में एक बोतल, हैंड सैनिटाइजर, एक मास्क, एक फेसशील्ड और एक जोड़ी ग्लव्स होगा। कोरोना संक्रमण से बचा जा सके इसलिए यात्रियों को यात्रा के दौरान फेसशील्ड पहनना अनिवार्य होगी।
यात्रियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा। ट्रेन स्टाफ के मांगे जाने पर उन्हें एप में अपनी स्थिति दिखानी होगी। ट्रेन के पैंट्री कार के आसपास और टॉयलेट्स की समय-समय पर सफाई और डिसइंफेक्ट किया जाएगा। यात्रियों के सामान को भी इसके लिए नियुक्त कर्मचारी डिसइंफेक्ट करेंगे। वहीं उन सभी जगहों को लगातार डिसइंफेक्ट किया जाता रहेगा। जहां यात्रियों के छूने की गुंजाइश रहेगी। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए आईआरसीटीसी ने तेजस ट्रेनों के कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया है।
बॉलीवुड : वरद राज स्वामी निर्देशित ‘कबाड़ दि कॉइन” का पोस्टर और गीत हुआ रिलीज
देहरादून, बॉलीवुड में उत्तराखंड़ के कई कलाकार अपने अभिनय के दम पर एक मुकाम कायम कर चुके हैं, फिल्म निर्माताओं को उत्तराखण्ड़ खूबसूरती भाने लगी हैं, इसी कड़ी फिल्म निर्माता और निदेशक शूटिंग के लिये यहां आने लगे हैं, बाॅलीवुड में फिल्म प्रोड्यूसर के रूप में अपनी दस्तक दे चुके ॠषिकेश के जाने माने कलाकार और एमबीएन इंटरटेंमेंट कंपनी एमडी बब्बन नेगी और मीना नेगी ने ‘ कबाड़ दि काइन’ फिल्म का पोस्टर और गीत रिलीज किये |
निदेशक वरद राज स्वामी के निर्देशन में बनी इस फिल्म के पोस्टर और गीत भानियावाला के अठुरवाला में ख्वाजा मोहित वर्मा ने एक सादे समारोह में जनता को समर्पित किये जिसका उपस्थित लोगों ने स्वागत और संगीत का दिल खोलकर आनन्द लिया | इस अवसर पर ख्वाजा मोहित वर्मा ने कहा यह बड़े हर्ष का विषय है कि उत्तराखण्ड़ के इस कलाकार ने संघर्ष के बीच बॉलीवुड में अपना स्थान बनाया, मेरा आर्शीवाद हमेशा बब्बन के साथ है |
लगभग सात करोड़ की लागत से बनी फिल्म ‘कबाड़ दि काइन’ की अवधि 2 घंटे 10 मिनट की है जिसमें तीन गीत हैं जिन्हें कैलाश खेर, सुनिधी चौहान, अंकित तिवारी और शाशा चतुर्वेदी ने गाये हैं | फिल्म एक ऐसे नौजवान की कहानी है जो हर मुश्किल में रहते हुये अपने जीवन में संघर्ष करते हुये कई उतार चढ़ाव को देखता है | फिल्म का संगीत मधुर है और सोशल मीडिया पर अपनी जबरदस्त धमाल मचा रहा है | फिल्म में विवान शाह, जोया अफरोज, अतुल श्रीवास्तव, अभिषेक बजाज, भगवान तिवारी,यशाधीरी मऊसकर मुख्य भूमिका में नजर आयेंगे |
फिल्म के लेखक शहजाद अहमद हैं | इस अवसर प्रोड्यूसर बब्बन नेगी ने कहा कि वे जल्द ही उत्तराखण्ड़ में अपनी अगली फिल्म की शूटिंग करेंगे जिसमें स्थानीय कलाकारों को भी अभिनय का मौका मिलेगा | कांग्रेस के पूर्व विधायक हीरा सिंह बिष्ट और सामाजिक नेत्री हेमा बोरा ने भी अपने विचार व्यक्त किये | फिल्म की पूरी शूटिंग मुम्बई में ही की गई जबकि क्यूलैब अंधेरी में फिल्मांकन और डबिंग का कार्य किया गया, फिल्म का संगीत मधुर और कर्णप्रिय है |