Monday, June 9, 2025
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दिवाली से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को मिला बड़ा गिफ्ट,, डीए में हुई बढ़ोतरी …

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नई दिल्ली र (आरएनएस)। दीवाली से पहले केंद्र सरकार ने करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ा तौहफा दिया है। सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए डीए में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। मोदी कैबिनेट ने आज बुधवार को अपनी बैठक में आधिकारिक तौर पर महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी गई है। 3 फीसदी की इस बढ़ोतरी के बाद अब कर्मचारियों को मिलने वाला डीए बढक़र 53 फीसदी हो जाएगा।
इस बढ़ोतरी से 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा मिलने की उम्मीद है। बता दें कि डीए बढ़ोतरी 1 जुलाई 2024 से प्रभावी है। ये भी बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी जुलाई से दिसंबर महीने तक के लिए है। ऐसे में केंद्रीय कर्मचारियों को अक्टूबर की सैलरी में तीन महीने- जुलाई, अगस्त और सितम्बर का ष्ठ्र एरियर भी मिलेगा।
दरअसल, केंद्र सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देता है, जबकि पेंशनभोगियों को डीआर दिया जाता है। सामान्य तौर पर, डीए और डीआर में साल में दो बार बढ़ोतरी की जाती है- जनवरी और जुलाई। अभी एक करोड़ से ज्यादा केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 50 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है। इससे पहले बीते मार्च महीने में सरकार ने 4त्न डीए बढ़ाने का ऐलान किया था। 2006 में, केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए डीए और डीआर की गणना करने के फॉर्मूले को संशोधित किया था। 30 सितंबर को कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज एंड वर्कर्स ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लेटर लिखकर डीए/डीआर बढ़ोतरी की घोषणा में देरी पर चिंता व्यक्त की थी। इसके साथ आपको ये भी बता दें कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों का ष्ठ्र उनके बेसिक सैलरी के आधार पर तय किया जाता है।

राजस्व वृद्धि के लिए नवाचार और कर संग्रहण में वृद्धि के लिए और प्रयास किये जाएं:  मुख्यमंत्री

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देहरादून(आरएनएस)।   राज्य में राजस्व वृद्धि के लिए सभी विभागों द्वारा इनोवेटिव प्रयास किये जाएं। विभागों द्वारा राजस्व बढ़ाने के लिए नये स्रोतों पर विशेष ध्यान दिया जाए तथा जिन योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, उनमें राजस्व प्राप्ति बढ़ाने की दिशा में विभागीय सचिवों द्वारा विशेष ध्यान दिया जाए। विभागों द्वारा राजस्व संग्रहण मे वृद्धि करने के लिए नए तरीके और रणनीति अपनाई जाए। उन्होंने कहा कि कर संग्रहण प्रक्रिया में और सुधार के साथ ही कर चोरी रोकने के लिए नियमित कड़े कदम उठाये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि विकास और जनहित से जुड़े विभिन्न कार्यों का आमजन को पूरा लाभ मिले। कार्यों में मितव्ययता के साथ गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ये निर्देश सचिवालय में वित्तीय मितव्ययता के संबंध में बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुदृढ़ वित्तीय प्रबन्धन राज्य सरकार का मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि हमें स्वयं के राजस्व संसाधनों में वृद्धि के लिए और तेजी से प्रयास करने हैं। खनन क्षेत्र में राजस्व वृद्धि के लिए किये गये प्रयासों की उन्होंने सराहना की। इस वर्ष खान क्षेत्र में प्रथम छमाही में गत वर्ष की तुलना में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जो कुल वार्षिक लक्ष्य का 52 प्रतिशत प्राप्त हो गया है। एस.जी.एस.टी., परिवहन, आबकारी, वानिकी,  ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में राजस्व वृद्धि के लिए और प्रयासों पर मुख्यमंत्री ने बल दिया। उन्होंने कहा कि मितव्ययता के बहुत से आयाम हैं। सुदृढ़ कानून व्यवस्था से जहां एक ओर निवेश बढ़ता है, आर्थिक गतिविधियां भी बढती हैं। राज्य के कर एवं करेत्तर आय में वृद्धि होती है। इसी प्रकार पालिसी इन्टरवेंशन से भी राज्य की आय में वृद्धि हो सकती है तथा मितव्ययता सुनिश्चित की जा सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नई नीतियों और जिन नीतियों में संशोधन किया गया है उनका असर उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था पर स्पष्ट रूप से दिखे। नीतियों के सफल क्रियान्वयन के लिए होलिस्टिक एप्रोच के साथ कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि मितव्ययता से आशय यह नहीं है कि हम कल्याणकारी राज्य की अवधारणा से समझौता करें। हमारी रणनीति होगी कि हम लोक कल्याण के कार्यों को और बेहतर ढंग से कर सकें। महत्वाकांक्षी परियोजनाओं तथा लोक कल्याणकारी कार्यों को करने के लिए आवश्यक है कि हम राज्य के संसाधनों में वृद्धि करें, बड़ी परियोजनाओं का सही ढ़ंग से लागत और लाभ का विश्लेषण करें। मितव्ययता के लिए उत्पादकता में सुधार, अनावश्यक व्यय में कटौती, और संसाधनों का सही उपयोग करना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछले 20 माह में राज्य की जी.एस.डी.पी0. में 1.3 गुना वृद्धि हुयी है। दो सालों में राज्य के प्रति व्यक्ति आय में 26 प्रतिशत वृद्धि हुयी है। 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 5 हजार रूपये थी। 2023-24 में यह बढ़कर 2 लाख 60 हजार रूपये हो गयी है। वर्ष 2023-24 में राज्य ने 34 प्रतिशत की वृद्धि पूंजीगत कार्यों में की है। पहली बार 10 हजार करोड़ से अधिक के पूंजीगत कार्य प्रदेश में हुये। वर्ष 2023-24 में राज्य के कर राजस्व में 12.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस वर्ष 16.96 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में राज्य राजस्व संसाधनों में वृद्धि के लिये किये जा रहे प्रयासों, प्रतिबद्ध और गैर प्रतिबद्ध व्यय की प्रवृत्ति, महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता,राजकोषीय संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग आदि विषयों पर चर्चा की गई। बैठक में डी.पी.आर. बनाने से लेकर परियोजना पूरा करने तक पूंजीगत परियोजनाओें के कार्य की ई-मानीटरिंग, ई-गवर्नेंस का उपयोग और राजस्व स्रोतों की डिजिटल निगरानी, रिकार्ड, दस्तावेज और सेवाएं देने हेतु पेपरलेस विधि का उपयोग,ई-वाहन को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिन योजनाओं में केन्द्रांश और राज्यांश क्रमशः 90 और 10 के अनुपात में हो उनको अधिक प्राथमिकता दी जाए। नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित सार्वजनिक कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये।
बैठक में नवाचार और टेक्नोलॉजी के उपयोग, पब्लिक ऐसेट मैनेजमेंट और मोनेटाइजेशन, सार्वजनिक अधिप्राप्ति में बचत एवं मितव्ययिता, पीएसयू में सुधार, योजनाओं के पुनरुद्धार, अनावश्यक व्यय की पहचान कर उसका निराकरण करने पर भी विचार विमर्श किया गया।
बैठक में वित्त मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, एल फैनई, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव डॉ. आर. मीनाक्षी सुदंरम, शैलेश बगोली, श्रीमती राधिका झा, नितेश झा, दिलीप जावलकर, सचिन कुर्वे, रंजीत सिन्हा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, बृजेश कुमार संत, एच. सी. सेमवाल, विनोद कुमार सुमन, डॉ. नीरज खैरवाल, डा. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव मनमोहन मैनाली एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

कर्मचारियों को कॉरपोरेट सैलरी पैकेज के लिए छह बैंकों के साथ करार

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देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड के एक लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को उनके सैलरी अकाउंट पर अब एक करोड़ तक के बीमा की सुविधा मिलेगी। कॉरपोरेट सैलरी पैकेज के तहत छह बैंक कर्मचारियों को यह सुविधा प्रदान करेंगे। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की मौजूदगी में बैंकों के साथ इस संदर्भ में करार किए गए। सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक और जिला सहकारी बैंक के साथ एमओयू हुए। राज्य के करीब 64 प्रतिशत सरकारी कर्मचारी इस सुविधा से लाभांवित होंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये सभी बैंक कॉरपोरेट सैलेरी पैकेज को कर्मचारियों के लिए और लाभकारी बनाने के लिए भी काम करेंगे। उन्होंने कहा कि शत प्रतिशत कर्मचारियों को यह सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बैंकों की शाखाओं में वेतन खातों में खाताधारक को व्यक्तिगत बीमा कवर के साथ-साथ अन्य वित्तीय लाभ भी दिए जाएंगे। जिसमें दुर्घटना होने पर मृत्यु, पूर्ण अपंगता तथा आंशिक अपंगता की स्थिति में उनके आश्रितों को क्षतिपूर्ति के रूप में क्लेम का लाभ तथा अन्य लाभ बिना प्रीमियम के दिए जाएंगे।
कर्मचारियों को मिलेगी यह सुविधा
कॉरपोरेट सैलरी पैकेज के तहत राज्य के पांच बैंकों में से किसी एक में खाता होने पर दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में परिजनों को वेतन के आधार पर 30 लाख से लेकर एक करोड़ तक का कवर मिलेगा। पूर्ण अपंगता की स्थिति में 30 लाख से 50 लाख तथा आंशिक अपंगता की स्थिति में 10 लाख से लेकर 40 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही पैकेज के तहत चिकित्सा, एम्बुलेंस की सुविधा, बच्चों की शिक्षा, पुत्री के विवाह जैसी आवश्यकताओं के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। कर्मचारियों की प्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में भी उनके आश्रितों को 3 लाख से लेकर 10 लाख तक की सहायता प्रदान की जाएगी।

खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं पर सीएम धामी ने दिए सख्त निर्देश

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देहरादून(आरएनएस)।   उत्तराखंड में खाद्य पदार्थों में थूकने की घटना सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पुलिस विभाग सख्त कार्रवाई के मूड में है। पुलिस महानिदेशक ने इस संदर्भ में सख्त ऐक्शन के आदेश जारी किए हैं। हाल ही में मसूरी में नौशाद अली और हसन अली को चाय के बर्तन में थूकने और उस चाय को ग्राहकों को पिलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि ‘देवभूमि उत्तराखंड में धर्मांतरण, थूक जिहाद और जमीनों पर अवैध अतिक्रमण नहीं चलेगा।’ अब सीएम धामी ने खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं पर सख्त निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा है कि यदि कोई ऐसा कुकृत्य करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। सीएम के निर्देश के बाद पुलिस महानिदेशक की ओर से सूबे के पुलिस अधिकारियों के लिए एक गाइडलाइन जारी हुई है।
उत्तराखंड के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार की ओर से अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों को जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि होटल और ढाबों आदि जगहों पर पेय एवं खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाएं सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं। इनका सीधा संबंध स्वास्थ्य एवं खाद्य विभाग से है। कानून व्यवस्था के लिहाज पुलिस की कार्रवाई भी जरूरी हो जाती है। इन घटनाओं को देखते हुए होटल/ढाबा आदि संस्थानों में काम करने वालों का शत-प्रतिशत सत्यापन करने का निर्देश दिया जाता है।
उत्तराखंड के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और समस्त जनपदों को निर्देश दिए कि वे होटल, ढाबा एवं खानपान से जुड़े अन्य व्यवसायिक संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों का शत-प्रतिशत सत्यापन सुनिश्चित करें। साथ ही इन संस्थानों के रसोई घरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने पर जोर दिया जाए। यही नहीं खुले में खोखा, रेहड़ी जैसी खाने पीने की दुकानें चलाने वाले कारोबारियों पर विशेष नजर रखने के लिए स्थानीय अभिसूचना इकाई की सहायता ली जाए।
गश्त एवं पैट्रोलिंग के समय इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाए। जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य एवं खाद्य विभाग से संपर्क कर के होटल, ढाबा आदि व्यवसायिक संस्थानों में औचक चैकिंग की जाये। खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं पर धारा 274 BNS के साथ ही 81 उत्तराखण्ड पुलिस एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाये। यही हीं यदि आरोपी के कृत्य से धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी मसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो तो BNS की सुसंगत धाराओं 196 (1) (बी) अथवा 299 के अन्तर्गत भी ऐक्शन लिया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उक्त दिशा-निर्देश को अपने एक्स हैंडल से साझा किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा है कि किसी भी पेय अथवा खाद्य पदार्थ में थूकने जैसे दुष्कृत्य करने वालों के लिए देवभूमि उत्तराखंड में कोई जगह नहीं है। जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिए जा रहे हैं कि यदि कोई इस तरह का कुकृत्य करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। दिशा-निर्देश में जन-जागरूकता अभियान चलाए जाने पर भी जोर दिया गया है।

केदारनाथ उप निर्वाचन हेतु विभिन्न टीमें गठित, 08 उड़नदस्ता, 06 स्थैटिक निगरानी व 04 वीडियो ग्राफी टीमें करेगी निगरानी

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रुद्रप्रयाग- केदारनाथ विधान सभा उप निर्वाचन के दृष्टिगत विधानसभा वार निगरानी टीमों का गठन किया गया है जो आवंटित क्षेत्रों में लगातार निगरानी करेंगी। टीमें सक्रियता के साथ चरणबद्ध तरीके से कार्य करेंगी। अपर जिलाधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्याम सिंह राणा ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को इस उद्देश्य से पारितोषण देना जिससे उस व्यक्ति या किसी अन्य व्यक्ति को निर्वाचन अधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्प्रेरित करे अथवा स्वयं अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए पारितोषण रिश्वत की श्रेणी में आएगा। ऐसे अपराध के लिए एक वर्ष का कारावास या जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके नियंत्रण हेतु निगरानी टीमों का गठन किया गया है।
अपर जिलाधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्याम सिंह राणा ने सर्वसाधारण को सूचित करते हुए कहा कि धारा-171 (सी) आईपीसी के अंतर्गत जो कोई व्यक्ति निर्वाचन अधिकार के निर्वाध प्रयोग में जानबूझकर हस्तक्षेप करता है अथवा हस्तक्षेप करने का प्रयत्न करता है ऐसे व्यक्ति को भी एक वर्ष का कारावास व जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाएगा।
उन्होंने इसके लिए केदारनाथ विधान सभा उप निर्वाचन की तैयारियों से संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि निर्वाचन व्यय परीक्षण व आदर्श आचार संहिता के परिपालन हेतु विधान सभावार कुल 08 उड़न दस्ता दल, 06 स्थैटिक निगरानी टीम सहित 04 वीडियो टीमों का गठन किया गया है जो आवंटित क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर अथवा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन की शिकायत पर तत्काल संबंधित स्थल पर जाएगी। साथ ही नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेगी। उन्होंने बताया कि उड़नदस्ता टीम की ट्रैकिंग जीपीएस मोबाइल एप के माध्यम से नियंत्रण कक्ष से निगरानी की जाएगी। यह टीम चरणबद्ध तरीके से 24×7 की तर्ज पर कार्य करेगी।

स्मृतियों के कारण व्यक्ति को बीमारियों का सामना करना पड़ता – करौली शंकर महादेव

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हरिद्वार(कुलभूषण शर्मा) । हरिद्वार स्थित श्री करौली शंकर महादेव धाम करौली शंकर महादेव धाम में होने वाले त्रिदिवसीय सम्मेलन एवं दीक्षा कार्यक्रम 17 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन में शिवतंत्र स्मृति मधविज्ञान के प्रणेता गुरुदेव श्री करौली शंकर महादेव तंत्र के विभिन्न स्तर के साधकों को आगे बढ़ाकर उन्हें तंत्र साधना के अगले चरण में प्रविष्ट कराएंगे पत्रकार को जानकारी देते हुए करौली शंकर महादेव ने संबोधित करते हुए बताया कि कैसे स्मृतियों के कारण किसी व्यक्ति को बीमारियों का सामना करना पड़ता है। और जीवन में कष्ट होने लगते हैं। वार्ता में मौजूद पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए करौली शंकर महादेव ने कहा कि किसी के रोग कष्ट पहली बार क्यों होते है। इस बात पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। जबकि बीमारियों और कष्टों की पहली कड़ी यहीं से शुरू होती है। सूक्ष्म जीवन में पितरों की स्मृतियों से पीड़ित व्यक्ति कभी स्वस्थ नहीं हो सकता इसी प्रकार जब किसी के सूक्ष्म की स्मृतियों को डीएनए से पृथक कर दिया जाता है। तब बीमारी और कष्ट स्वतः ही नष्ट हो जाते है। करौली शंकर महादेव ने बातचीत के दौरान कोरोना के समय का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय प्रकृति कितनी शुद्ध प्रतीत होती थी जब मानव प्रकृति को दूषित नहीं कर रहे थे। करौली शंकर महादेव ने कहा कि प्रकृति का कण कण हमसे जुड़ा हुआ है और हम प्रकृति के कण कण से जुड़े हुए हैं । धर्म की व्याख्या करते हुए करौली शंकर महादेव ने कहा कि प्रकृति ही धर्म है। आगे धर्म अर्थात् मानव धर्म को परिभाषित करते हुए कहा कि अस्तित्व ने जिन तत्वों को धारण कर रखा है। वही धर्म है और सबके लिए एक समान है। विभिन्न मत- मतांतर, सम्प्रदाय के लोगों को एक समान रूप से उपलब्ध है। यही सनातन है और सबका है। जिसकी हम सबको मिल कर रक्षा करनी चाहिए। आज मानवता कराह रही है। रोगी हो चुकी है। क्योंकि मानव के स्वयं अपने हाथों से अपने वास्तविक धर्म का सत्यानाश कर दिया। आधुनिक भौतिक उपलब्धि को ही वो सर्वस्थ मान बैठा और भौतिक के पीछे सूक्ष्म और कारण को भूल गया। उन्होने कहा कि जबतक स्मृतियों का रुपान्तरण नहीं रोका तब तक वे सूक्ष्म और कारण से रोज सामूल नष्ट नहीं होगे और बार-बार इसके शिकार होगे। दरबार प्रति दिन सैकड़ों रोगीयों के स्मृतियों को नष्ट कर देता है। जिससे व्यक्ति स्वस्थ हो साधना में प्रवेश करता या अपने सांसारिक जीवन में सफल होें अपना कार्य संपादित करता है। करौली शंकर महादेव के उद्देश्य रोग मुक्त नशा मुक्त और शोक मुक्त भारत होने हो। हालांकि दरबार का ये संकल्प विश्व स्तर पर कार्य कर रहा है और सभी के कष्टों को दूर कर रहा है। आपको बता दें कि करौली शंकर महादेव धाम में त्रिदिवसीय सम्मेलन में भारत के कई राज्यों सहित विदेशों से भी भक्तों की बड़ी संख्या में जमावड़ा लग रहा है।
फोटो नं 5 कार्यक्रम की जानकारी देते हुए

विश्व खाद्य दिवस : राज्यपाल ने किया गढ़वाली, कुमाउंनी और जौनसारी पेस्ट्री का अनावरण

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इन उत्पादों के माध्यम से उत्तराखण्ड के व्यंजनों का स्वाद, संस्कृति और परंपराओं को एक नया आयाम मिलेगा : राज्यपाल

उत्तराखण्ड राज्य के सभी बेकरी, कैफे और होटलों में उपरोक्त उत्पादों को उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे : सतपाल महाराज

देहरादून, विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने पर्यटन विकास परिषद और दून बेकर्स एसोसिएशन के ‘‘सिकदर बेकरी उत्पादों’’ की श्रृंखला का अनावरण किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज भी मौजूद रहे। सिकदर बेकरी उत्पादों की श्रृंखला में सिकदर केक, सिकदर पेस्ट्री और सिकदर कुकीज शामिल हैं। इन उत्पादों को तैयार करने में हिमालयी क्षेत्र की विशेष सामग्री जैसे सी-बकथॉर्न, गोजी बेरीज, केसर और विभिन्न प्रकार के मिलेट्स का प्रयोग किया गया है जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषक तत्वों से भरपूर है। यह बेकरी उत्पाद महान त्रिकोणमिति विशेषज्ञ श्री राधानाथ सिकदर की स्मृति को समर्पित है, जिन्होंने माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई को मापने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इस अवसर पर राज्यपाल ने उत्तराखण्ड की खाद्य विशिष्टता को दर्शाते हुए गढ़वाली, कुमाउंनी और जौनसारी पेस्ट्री का अनावरण भी किया। गढ़वाली पेस्ट्री वेनिला एसेंस आधारित पेस्ट्री है जिसमें मुख्य रूप से राज्य के पुष्प, बुरांश का स्वाद है। वहीं कुमाऊंनी पेस्ट्री को अल्मोड़ा के प्रसिद्ध बाल मिठाई के साथ चॉकलेट के स्वाद का मेल कर बनाया गया है, और जौनसारी पेस्ट्री में दूध और अखरोट का उपयोग किया गया है, जो इसे समृद्ध स्वाद प्रदान करता है। ये सभी उत्पाद राज्य के सभी बेकरी, कैफे और होटलों में उपलब्ध कराये जाने के प्रयास होंगे ताकि उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटक इस क्षेत्र के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद ले सकें।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि देहरादून और उत्तराखण्ड अपने खाद्य उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के मिलेट्स पोषक तत्वों से भरपूर है जिसके कारण पूरी दुनिया में उनकी अलग ही मांग है। उन्होंने अपने उत्पादों में वैल्यू एडिशन करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। हमारे राज्य की विशिष्टताओं को दर्शाते हुए आज सिकदर बेकरी उत्पादों की श्रृंखला का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि यह सभी बेकरी, कैफे और होटलों में उपलब्ध रहें ताकि उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटक इनका स्वाद चख सकें।
राज्यपाल ने विश्वास जताया कि इन विशेष उत्पादों के माध्यम से उत्तराखण्ड के स्वाद, संस्कृति और परंपराओं को एक नया आयाम मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारी यह पहल स्थानीय उत्पादों और संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यटन अनुभव को भी समृद्ध करेगी। उन्होंने कहा कि इन नवाचारों से राज्य के लोगों के साथ ही पर्यटकों को स्थानीय पौष्टिक खाद्य सामग्री उपलब्ध करा पाएंगे, साथ ही इससे स्थानीय लोगों को भी फायदा पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में लोग पोषक खान-पान की ओर आकर्षित हो रहे हैं। आज आम जनता का जैविक कृषि पर भरोसा बढ़ रहा है। लोग जैविक खाद्य पदार्थों का उपभोग कर रहे हैं। इसलिए हमें जैविक कृषि और पारंपरिक खेती को वरीयता देनी होगी। उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए पर्यटन मंत्री को बधाई और शुभकामनाएं दी।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राधानाथ सिकदर जी सबसे बड़े विद्वान थे जिन्होंने एवरेस्ट नापा। आज हम उन्हीं को समर्पित करके विश्व खाद्य दिवस मना रहे हैं। इस अवसर पर आज हमें यहां सिकदर बेकरी उत्पादों की श्रृंखला का अनावरण करते हुए भी अपार खुशी हो रही है। प्रसन्नता की बात है कि यह सभी उत्पाद हिमालयी क्षेत्र में पाए जाने वाले तत्वों जैसे सी बकथॉर्न, गोजी बेरीज, केसर और कई प्रकार के बाजरे से तैयार किए गए हैं। इन उत्पादों के बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ हैं क्योंकि बताई गई सभी सामग्री में बहुत सारे पोषक तत्व हैं। आज हमें गढ़वाली पेस्ट्री और कुमाउंनी पेस्ट्री के शुभारंभ की घोषणा करते हुए भी खुशी हो रही है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हम उत्तराखण्ड राज्य के सभी बेकरी, कैफे और होटलों में उपरोक्त उत्पादों को उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे, ताकि देवभूमि उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटक राज्य के किसी भी हिस्से में इन व्यंजनों का स्वाद ले सकें। उन्होंने कहा कि हम यह भी कोशिश करेंगे कि देवभूमि के धार्मिक और पर्यटन स्थलों में इसे व्यापक रूप से बढ़ावा देने के लिए इन सभी वस्तुओं को बगैर अंडे के ही परोसा जाय।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड की कला, संस्कृति और स्थानीय व्यंजनों को देश और दुनिया तक पहुंचाने वाले लोगों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अमृता रावत, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद अभिषेक रुहेला सहित विभिन्न होटलियर्स, दून बेकरी एसोसिएशन के पदाधिकारी और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

सैक्स रैकेट का खुलासा, तीन महिलाओं सहित सात लोग गिरफ्तार

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उधमसिंहनगर, जनपद के एक होटल में चल रहे सैक्स रैकेट का खुलासा करते हुए पुलिस ने तीन महिलाओं सहित सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मौके से आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की है।
जानकारी के अनुसार बीती शाम झनकईया थाना पुलिस को सूचना मिली कि खटीमा से लगे एक होटल में जिस्मफरोशी का कारोबार चल रहा है। सूचना पर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने बताये गये होटल में छापेमारी की, छापेमारी के दौरान पुलिस को होटल के कमरों में महिला और पुरुष जोड़े में मिले, जो पुलिस को देख अपना मुंह छिपाने लगे. इसके अलावा कमरे में आपत्तिजनक सामग्रियां भी बरामद हुई है। जिसके बाद पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया है। हिरासत में जब उनसे पूछताछ की गयी तो पता चला कि वो सभी जिस्मफरोशी के धंधे में शामिल हैं। जिस पर सभी आरोपियों के खिलाफ झनकईया थाने में अनैतिक देह व्यापार अधिनियम केे तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस पूछताछ में पता चला कि सितारगंज का रहने वाला आरोपी राजकुमार उर्फ राजा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पश्चिम बंगाल के अलग—अलग शहरों की युवतियों को बुलाकर उनसे अनैतिक देह व्यापार कराता था। पुलिस ने छापेमारी में राजकुमार उर्फ राजा, पुष्कर राम, सूरज कुमार टम्टा और आकाश को गिरफ्तार किया गया है, इसके अलावा पश्चिम बंगाल के 24 परगना, यूपी के गाजियाबाद के कविनगर और कानपुर की 3 महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया है।

उत्तराखंड हैल्थ प्रीमियर लीग: एन.एच.एम. वॉरियर्स ने फूड टाइटंस को 6 विकेट से हराया, दूसरे मैच में सीएमओ किंग्स में भारी पड़ी यूपीसीएल

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देहरादून,  हैल्थ प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट के तीसरे दिन, एन.एच.एम. वॉरियर्स ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फूड टाइटंस को 6 विकेट से मात दी और वहीं दूसरे मुकाबले में सीएमओ किंग्स 11 को 5 विकेट से यूपीसीएल की टीम से हार का सामना करना पड़ा।

पहले मैच का आयोजन स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था, जिसमें एन.एच.एम. वॉरियर्स ने “संपूर्ण टीकाकरण- समझदारी दिखाएं, बच्चे का संपूर्ण टीकाकरण करवाएं” थीम पर मैच खेला। वहीं, फूड टाइटंस ने “मातृत्व स्वास्थ्य- एक शरीर में दो जान, इनका रखें दुगना ध्यान” संदेश के साथ खेल को आगे बढ़ाया।

वहीं दूसरे मैच में गैर संचारी रोग- आज से थोड़ा कम, तेल चीनी और नमक थीम पर मैच खेल रहे यूपीसीएल व शिशु स्वास्थ्य- ओ.आर.एस. का घोल पिलाओ, डायरिया को दूर भगाओ थीम पर मैच खेला गया।

*पहला-मैच: फूड टाइटंस की संघर्षशील बल्लेबाजी*
फूड टाइटंस ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। हालांकि, उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही। टीम 18 ओवर में महज 89 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। एन.एच.एम. वॉरियर्स की गेंदबाजी ने प्रभावी प्रदर्शन किया, जिसमें प्रमुख रूप से समरजीत सिंह नेगी ने 3 विकेट चटकाए, जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच से पुरस्कृत किया गया।

*एन.एच.एम. वॉरियर्स की मजबूती*
जवाब में एन.एच.एम. वॉरियर्स ने अपनी बल्लेबाजी की मजबूती दिखाई। टीम ने 9.2 ओवर में 4 विकेट खोकर लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया। एन.एच.एम. वॉरियर्स की आक्रामक व सोच-समझकर खेली गई पारी ने दर्शकों का दिल जीत लिया।

*स्वास्थ्य जागरूकता का संदेश*
यह मैच न केवल खेल के लिए, बल्कि स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण था। एन.एच.एम. वॉरियर्स द्वारा संपूर्ण टीकाकरण के अंतर्गत उत्तराखंड में स्वास्थ्य की स्थिति को बेहतर बनाने और संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा के लिए टीकाकरण को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। टीकाकरण न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है, बल्कि सामुदायिक स्वास्थ्य को भी मजबूत बनाता है। बच्चों के लिए टीकाकरण अत्यंत आवश्यक है। यह उन्हें खसरा, पोलियो, डिप्थीरिया, टेटनस, और अन्य जानलेवा बीमारियों से बचाता है। टीकाकरण कई संक्रामक बीमारियों को रोकने में मदद करता है, जिनमें से कई गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकती हैं।

*दूसरा-मैच: यूपीसीएल की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर मैच किया अपने नाम*
सीएमओ किंग्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। उनकी शुरुआत अच्छी रही, टीम ने चार विकेट के नुकसान पर 181 रन बनाए। यूपीसीएल ने लक्ष्य का पीछा करते हुए एक सशक्त शुरुआत की। गौरव घिल्डियाल ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए महज 17 गेंदों पर 40 रन बनाए साथ ही 3 विकेट लिए और मैन ऑफ द मैच अपने नाम किया।

केदारनाथ विधानसभा उप निर्वाचन के दृष्टिगत जनपद में आदर्श आचार संहिता प्रभावी

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केदारनाथ विधान सभा उप चुनाव कि तिथि घोषणा होने के साथ ही जनपद में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गयी। जिलाधिकारी ने पत्रकार वार्ता कर आदर्श आचार संहिता व निर्वाचन कार्यक्रम की जानकारी दी।इस दौरान विना अनुमति के जलूस व बैठको पर प्रतिबंध रहेगा।

 

रुद्रप्रयाग- 07-केदारनाथ विधान सभा उप निर्वाचन-2024 के दृष्टिगत जनपद में तत्काल प्रभाव से आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है। जिला मजिस्ट्रेट सौरभ गहरवार ने चुनाव में असामाजिक एवं अवांछनीय तत्वों द्वारा सांप्रदायिक एवं जातिगत भावनाओं को उद्वेलित कर परिशांति भंग करने एवं लोक परिशांति के विक्षुब्ध किए जाने की संभावना के दृष्टिगत भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा-163 के प्राविधानों के तहत निषेधाज्ञाएं जारी की हैं।

जनपद में आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने के साथ ही जिला मजिस्ट्रेट सौरभ गहरवार के आदेश पर जनपद में किसी भी सार्वजनिक स्थल पर कोई भी सभा या बैठक का आयोजन संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर अथवा सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की बिना पूर्व अनुमति के नहीं की जा सकेगी। इसके अलावा किसी प्रत्याशी अथवा उनके समर्थकों द्वारा चुनाव प्रचार हेतु ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग भी प्रतिबंधित रहेगा। किसी सार्वजनिक स्थान पर पांच या उससे अधिक व्यक्तियों का समूह बिना अनुमति के नहीं बनाएगा और न ही ऐसे समूह में शामिल होगा। आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने पर किसी व्यक्ति द्वारा किसी भी सार्वजनिक स्थान पर लाठी, बल्लम, चाकू, तलवार या भाला अथवा आग्नेयास्त्र आदि लेकर नहीं चलेगा और न ही अपने पास रखेगा।

कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर किसी के प्रति न तो अपमानजनक भाषा का प्रयोग करेगा और न ही ऐसे नारे लगाएगा जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे अथवा शांति भंग होने की संभावना हो। बिना पूर्व अनुमति के जुलूस निकालने पर भी प्रतिबंध रहेगा। जिला मजिस्ट्रेट ने सभी संबंधित अधिकारियों को उपरोक्त शर्तों का अनिवार्य रूप से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।