Saturday, June 21, 2025
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हल्द्वानी : चित्रशिला घाट पर वैदिक मंत्रों के साथ भाजपा नेता बच्चीसिंह रावत का हुआ अंतिम संस्कार, पुत्र शशांक ने दी मुखाग्नि

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हल्द्वानी  – सरलता एवं सादगी के प्रतीक जन लोक प्रिय पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सासद श्री बच्ची सिंह रावत का सोमवार की देर सांय चित्रशिलाघाट पर वैदिक रीति के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि उनके पुत्र शशांक रावत द्वारा द्वी गई। अतिंम संस्कार में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत तथा केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ.रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धनसिंह रावत ने भारतीय जनता पार्टी कुमाऊॅ सम्भाग कार्यालय में बचदा के पार्थिक शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी।

चित्रशिला घाट रानीबाग में डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान सांसद अजय भट्ट, अजय टम्टा, शहरी विकास मंत्री श्री बंशीधर भगत, विधायक बलवंत सिंह भौर्याल, मेयर डाॅ. जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, जिला अध्यक्ष भाजपा प्रदीप बिष्ट ने अंतिम संसकार में पहुंच कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी। दिवंगत बचदा के पार्थिक शव पर पुष्पाजंलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये।

इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि स्वर्गीय बचदा सरलता व सादगी के प्रतीक थे। उनके द्वारा केन्द्रीय राज्य मंत्री रहते हुए उत्तराखण्ड में केन्द्रीय विद्यालयों की स्थापना कराई गई। स्वर्गीय बचदा ने 2004 में आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान(एरीज) नैनीताल को केन्द्रीय दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके इस योगदान को हमेशा याद किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि बचदा का जाना पूरे प्रदेश के लिए बहुत बडी क्षति है जिसकी भरपाई निकट भविष्य मे संम्भव नही है भागवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। तथा उनके परिजनों को इस महान दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें।
अन्तिम संस्कार के अवसर पर विधायक पुष्कर सिंह धामी, राजकुमार ठुकराल, पूर्व सासद बलराज पासी, उपाध्यक्ष राज्य सफाई कर्मचारी आयोग अजय राजौर के अलावा बडी संख्या में लोग उपस्थित थे।

देहरादून : उत्कृष्ट काम करने वाले पुलिस कर्मियों को डीजीपी अशोक कुमार ने किया सम्मानित

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देहरादून, पुलिस लाइन देहरादून में उत्कृष्ट काम करने वाले पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा एक समारोह का आयोजन किया गया | सोमवार को डीजीपी अशोक कुमार ने सोमवार को पुलिस लाइन देहरादून में उत्कृष्ट काम करने वाले पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में देहरादून के 23, एसटीएफ के 12 व एसडीआरएफ के 11 सहित कुल 46 अधिकारी/कर्मचारी सम्मानित हुए, उन्हें प्रशस्ति पत्र व नगद पुरुस्कार प्रदान किया गया।

सम्मानित करने के बाद डीजीपी ने सम्मेलन में उपस्थित व सम्पूर्ण उत्तराखण्ड से ऑनलाइन माध्यम से जुडे अधिकारी/कर्मचारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पुलिस का मुख्य कार्य पीड़ित को न्याय दिलाना है और थानों पर प्राप्त जनता की शिकायतों का शत-प्रतिशत रिसीव कर उसका निवारण करना है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में संगीन अपराधो में कमी आई है। लेकिन, साथ ही साथ ड्रग्स /साईबर क्राईम व महिला सुरक्षा/यातायात में बढ़ोतरी हुयी है। साइबर अपराध न्यू ट्रेड का अपराध है, इस पर नियत्रंण साइंसटिफिक व फारेंसिक तरीके से करना है।

साइबर सैल को और अधिक सशक्त किया जायेगा। जमीन की धोखाधड़ी करने वाले भू-माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही करते हुये, अभियोग पंजीकृत करते हुये अपराधियों के विरुद्ध गैगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही की जाये। अच्छे कार्य करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को पुरुस्कृत किया जायेगा। लेकिन, पुलिस की छवि खराब करने वाले अधिकारियो/कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी। कर्मचारियों की समस्याओं के शत-प्रतिशत निवारण किया जायेगा।

डीजीपी ने कहा कि पुलिस का हर कदम ऐसा होना चाहिए कि जिससे पुलिस पीड़ित को न्याय दिला सकें। जिससे समाज में पुलिस की छवि अच्छी होगी। कोई भी ऐसा कार्य न करें, जिससे पुलिस की छवि खराब हो। गरीब, असहाय, पीड़ित जो भी थाने पर आये उसे सुरक्षा व न्याय देना है। इसके लिए पुलिस को संवेदनशील बनना होगा, जो हमारा प्राथमिक उत्तरदायित्व है। अपने अधिकारो का कोई भी दुरुपयोग न करे किसी भी पीड़ित के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार बरदास्त नही करा जायेगा। पीडितों को तत्काल न्याय दिलाया जाए। अच्छी पुलिस व्यवस्था वही है, जो लोगो के सहयोग से लोगो के साथ मिलकर कार्य करें।
पुलिस परिवार की समस्या, शिकायत व सुझावों के लिए मुख्यालय स्तर पर पुलिसजन समाधान समिति का गठन किया गया है। जिनके द्वारा चार महीने में पुलिस कर्मचारियों द्वारा भेजी गयी 841 समस्याओं का निस्तारण किया जा चुका है।

सम्मेलन में पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र नीरु गर्ग, पुलिस महानिरीक्षक अपराध एंवम कानून व्यवस्था वी मुरगेशन, एसएसपी देहरादून योगेन्द्र सिंह रावत, पुलिस अधीक्षक एसटीएफ अजय सिंह, पुलिस अधीक्षक एसडीआरएफ नवनीत भुल्लर, पुलिस अधीक्षक अपराध/नगर/ग्रामीण/यातायात, सभी सीओ/थाना प्रभारी व अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण मौजूद रहे।

आईआईटी रुड़की ने हाई डिमांड टॉपिक्स पर दो ऑनलाइन सर्टिफिकेट प्रोग्राम किया लांच

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रुड़की,  भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की ने दुनिया के प्रमुख ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्मों में से एक कोर्सेरा पर डाटा साइंस और मशीन लर्निंग, एडवांस मशीन लर्निंग और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) जैसे हाई-डिमांड टॉपिक्स पर दो ऑनलाइन सर्टिफिकेट प्रोग्राम्स लांच किया है।

इसे लेकर आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत चतुर्वेदी ने कहा, “कोर्सेरा के साथ पार्टनर्शिप में डाटा साइंस, मशीन लर्निंग और एआई में दो सर्टिफिकेट कोर्स लांच करके हम खुश हैं। अपने पेशेवर प्रगति के इन प्रासंगिक क्षेत्रों का चुनाव बड़ी संख्या में उम्मीदवारों के लिए सहायक साबित होगा।“

आईआईटी रुड़की, येल, मिशिगन यूनिवर्सिटी, पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी और लंदन के इंपीरियल कॉलेज समेत उन 150 शीर्ष विश्वविद्यालयों में शामिल है जो कोर्सेरा पर प्रोग्राम पेश करते हैं।

कोर्सेरा के चीफ कोंटेंट ऑफिसर बेट्टी वैंडेनबोश ने कहा,“आईआईटी रुड़की एक प्रमुख भारतीय संस्थान है, जो पिछले 170 से अधिक वर्षों से अपने उत्कृष्ट टेक्निकल प्रोग्राम्स के लिए जाना जाता है। इस पार्टनरशिप के माध्यम से, हम अपनी पहुंच का विस्तार कर रहे हैं और अधिक छात्रों को आईआईटी रुड़की के विख्यात फ़ैकल्टी से सीखने का मौका दे रहे हैं। इसके माध्यम से शिक्षार्थी अपने समकक्ष साथियों के साथ मजबूत नेटवर्क बनाने के साथ-साथ अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक कौशल भी हासिल करेंगे।”

डेटा साइंस और मशीन लर्निंग में सर्टिफिकेशन का डिजाइन प्रोफेशनल्स को डेटा साइंस और मशीन लर्निंग के मुख्य केंद्रित क्षेत्रों में दक्ष करने के लिए किया गया है। इसमें लिनियर अलजेब्रा, स्टेटिक्स, ग्रेडिएंट कैलकुलस और प्रोग्रामिंग कोम्पोनेंट्स शामिल हैं। यह कोर्स पायथन और आर में प्रासंगिक प्रोग्रामिंग स्किल्स विकसित करेगा, जिससे शिक्षार्थियों को डेटा एनालिटिक्स में उपयोग किए जाने वाले एल्गोरिदम को समझने में मदद मिलेगी और चयनित मशीन लर्निंग एल्गोरिदम जैसे लिनियर मॉडल, केएनएन, एसवीएम, डिसीजन ट्रीज़, न्युरल नेटवर्क समेत अन्य बहुत से विषयों के बारे में जानकारी मिलेगी। प्रोग्राम के लिए पायथन या आर में कोडिंग के पूर्व जानकारी की जरूरत नहीं है। अधिकांश प्रासंगिक कोम्पोनेंट्स प्रोग्राम में शामिल किए गए हैं। पहला बैच अक्टूबर 2021 में शुरू होने की उम्मीद है।

एडवांस्ड मशीन लर्निंग और एआई में ऑनलाइन सर्टिफिकेशन, उन्नत लर्निंग मॉडल और एआई एप्लीकेशन के लिए आवश्यक एडवांस एमएल टेक्निक और स्किल्स सिखाने के लिए प्रयोगिक लर्निंग का उपयोग करता है। पहला बैच 2022 में शुरू होने की उम्मीद है।

कोर्सेरा के बारे में

कोर्सेरा को 2012 में स्टैनफोर्ड कंप्यूटर साइंस के दो प्रोफेसरों, एंड्रयू एनजी और डाफने कोल्लर द्वारा लांच किया गया था, जिसका उद्देश्य वर्ल्ड-क्लास लर्निंग तक वैश्विक पहुंच सुनिश्चित करना था। यह अब 77 मिलियन से अधिक रजिस्टर्ड लर्नर्स के साथ दुनिया के अग्रणी ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्मों में से एक है। कोर्सेरा ने 200 से अधिक प्रमुख विश्वविद्यालय और इंडस्ट्री पार्टनर्स के साथ हाथ मिलाया है। जिसके माध्यम से गाइडेड प्रोजेक्ट, कोर्सेज, स्पेशलाइजेशन, सर्टिफिकेट्स और मान्यता प्राप्त बैचलर और मास्टर डिग्री समेत कोंटेंट और क्रेडेंशियल्स की एक विस्तृत सूची शामिल है। वर्तमान अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धा के अनुरूप आवश्यक हाई-डिमांड डाटा साइंस, टेक्नोलॉजी और बिजनेस स्किल्स में अपने कर्मचारियों, नागरिकों और छात्रों को निपुण करने के लिए 6,000 से अधिक संस्थानों द्वारा आज कोर्सेरा का उपयोग किया जा रहा है।

प्रदेश के मुखिया तीरथ सिंह रावत ने जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की कोविड स्थिति की समीक्षा

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देहरादून, मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा प्रदेश में कोविड की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड को लेकर जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन पूरी सख्ती से कराया जाए। हर जिले में कोविड केयर सेंटरों को मजबूत किया जाए।

प्रदेश की सभी शिक्षण संस्थानों को बंद किया जाए। राज्य की सीमाओं पर पूरी गम्भीरता से चैकिंग की जाए। प्रदेश में आने वाले दूसरे राज्यो के लोगो को आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट के बिना अनुमति न दी जाए। उत्तराखण्ड वापस आने वाले प्रवासी लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके लिये पिछली बार के पोर्टल को पुनः एक्टिव किया जाए। घर लौटने पर प्रवासियों के लिये होम क्वारेंटाईन अनिवार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेने की आवश्यकता है। ग्राउंड में काम करने वाले फ्रंटलाईन वर्कर्स का मनोबल बढाया जाए। कोशिश की जाए कि हमारे स्वास्थ्य कर्मी और अन्य फ्रंटलाईन वर्कर्स संक्रमित न हों। इसके लिए सभी तरह की सावधानी बरती जाए। टीकाकरण में और तेजी लानी है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूङी, डीजीपी श्री अशोक कुमार, सचिव श्री अमित नेगी, श्री नितेश झा, श्री शैलेश बगोली, डाॅ पंकज कुमार पाण्डेय, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

SBI ने अपने 45 करोड़ ग्राहकों को चेताया, मोबाइल में सेव है ये जानकारी तो बन जाएंगे ठगी का शिकार

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देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक बार फिर अपने 45 करोड़ ग्राहकों को बैंकिंग फ्रॉड को लेकर सावधान किया है। बैंक ने लोगों को सलाह दी है कि अपने खाते से जुड़ी जानकारियां मोबाइल में सेव करके न रखें। ऐसा करने से आपके साथ ऑनलाइन ठगी की आशंका बढ़ जाती है। आज के समय में अधिकतर बैंकिंग सुविधाएं मोबाइल ऐप में उपलब्ध हैं, लेकिन खाते जुड़ी जानकारियां मोबाइल में सेव रखना खतरे से खाली नहीं है।

बैंक खाते से जुड़ी जानकारी को मोबाइल में सेव न करें

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ऑनलाइन फ्रॉड से सावधान रहने की सलाह दी है। बैंक का सुझाव है कि कभी भी अपने बैंक खाते से जुड़ी जानकारी मोबाइल में सेव न करें। अगर आपने अपना बैंकिंग PIN, डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड की जानकारी और उसके पासवर्ड, CVV वगैरह मोबाइल में सेव किया है तो उसे तुरंत डिलीट कर दें। अगर आप अपनी जानकारी मोबाइल फोने में सेव रखते हैं तो आप आसानी से हैकर्स के निशाने पर आ सकते हैं।

ऑनलाइन फ्रॉड से बचना है तो कभी न करें ये गलतियां

अगर आप अपने मोबाइल में संवेदनशील बैंकिंग जानकारियां सेव करके रखते हैं तो ये जानकारियां लीक हो सकती है। इनके जरिए आपके खाते से पैसे निकाले जा सकते हैं। साथ ही अपना ATM नंबर, पासवर्ड और CVV की जानकारी किसी से भी शेयर न करें और अपना ATM किसी को भी इस्तेमाल नहीं करने दें। ऐसा करने से आपकी सभी जानकारियां सुरक्षित रहती हैं। स्टेट बैंक ने बैंकिंग के लिए पब्लिक इंटरनेट का इस्तेमाल न करने की सलाह भी दी है। इसमें आपकी निजी जानकारियां लीक होने का खतरा रहता है।

हाई कोर्ट के आदेश पर यूपी सरकार करेगी जवाब दाखिल, नहीं लगेगा Lockdown

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ते जा रहे कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के मामलों ने सरकार सहित आमजन की चिंता बढ़ा दी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सहित तमाम आला अधिकारी भी कोरोना की चपेट में हैं. ऐसे में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सख्त निर्देश दिए हैं. जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि यूपी में लॉकडाउन (Lockdown) लगाया जाएगा या नहीं?

लॉकडाउन नहीं लेकिन सख्ती बढ़ेगी

हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) जवाब दाखिल करने की तैयारी कर रही है. हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार लॉकडाउन (Lockdown) लगाने के मूढ में नहीं है. यूपी सरकार की तरफ से कहा गया है, हाई कोर्ट ने अपना ऑब्जर्वेशन दिया है और साथ-साथ सरकार को निर्देश दिया है लेकिन राज्य सरकार अपनी तरफ से जवाब दाखिल कर रही है. जिसमें कहा गया है कि लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा लेकिन ज्यादा से ज्यादा सख्ती की जाएगी.

क्या कहना है सरकार का

हाई कोर्ट के आदेश पर यूपी सरकार के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने कहा है, प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़े हैं और सख्ती कोरोना के नियंत्रण के लिए आवश्यक है. सरकार ने कई कदम उठाए हैं, आगे भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है. इसलिए शहरों मे सम्पूर्ण लॉक डाउन अभी नहीं लगेगा, लोग कई जगह अपनी इच्छा से ही बंदी कर रहे हैं.

हाई कोर्ट ने दिए हैं ये निर्देश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर शहरों में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाने के निर्देश दिए हैं. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है, वित्तीय संस्थानों, मेडिकल, स्वास्थ्य सर्विसेज, इंडस्ट्रियल, नगर निगम और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सहित आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी प्रतिष्ठान 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहेंगे. 26 अप्रैल, 2021 तक विवाह समारोहों सहित किसी भी तरह के सामाजिक समारोह अनुमति नहीं होगी. हालांकि, पहले से तय विवाह के मामले में संबंधित जिले के DM से परमीशन ले सकते हैं.

पीएम मोदी का बड़ा एलान, टीकाकरण के तीसरे चरण में 1 मई से 18 साल से ऊपर सभी लोगों को दी जाएगी वैक्सीन

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नई दिल्ली, एएनआइ। देश में फैली कोरोना महामारी के बीच केंद्र सरकार कोरोना टीकाकरण का तीसरा चरण शुरू करने जा रही है। सरकार के अनुसार एक मई से टीकाकरण का तीसरा चरण शुरू होगा। इसमें 18 वर्ष से ऊपर सभी आयु के लोगों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। डॉक्टरों के साथ आज हुई बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि पिछले एक साल से सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि देश में ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की डोज दी जाए। इसलिए सरकार यह एलान कर रही है कि अब 18 साल से ऊपर सभी लोगों को एक मई से कोरोना का टीका लगाया जाए।

डॉक्टरों के साथ आज हुई बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए एक साल से कड़ी मेहनत कर रही है कि देश के लोग अधिक से अधिक संख्या में कम से कम समय में वैक्सीन प्राप्त कर सकें।

पीएम मोदी ने कहा कि टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण में टीकों की खरीद और टीका लगवाने की पात्रता में ढील दी जा रही है। कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण में करीब 90 करोड़ लोगों को टीका लग सकेगा। राज्यों को वैक्सीन खरीदने और बांटने की भी छूट दी जाएगी। वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां राज्यों को 50 प्रतिशत वैक्सीन दे सकेंगी। राज्य सीधे कंपनियों से वैक्सीन खरीद सकेंगे।

बता दें कि देश में कोरोना का टीकाकरण 16 जनवरी से शुरू किया गया था। अब तक देश में कुल बारह करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। अब तक सरकार ने केवल फ्रंटलाइन श्रमिकों और 45 से ऊपर के लोगों के लिए टीकाकरण की अनुमति दी थी।

गौरतलब है कि देश में बढ़ते कोरोना के नए मामलों के बीच देश में टीकाकरण का काम भी तेजी से चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 18 अप्रैल तक देश में 12 लाख 38 हजार लोगों को टीका लगाया जा चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अब तक दी गई कुल डोज का 59.5 फीसद आठ राज्यों में दिया गया है। माना जा रहा है कि गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है, जिसमें पहली और दूसरी डोज भी शामिल है।

 

 

राष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन को क्रियान्वयन समिति का गठन होगा : डा0 धन सिंह रावत

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 (कुलभूषण) 

देहरादून ,राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के मध्यनजर आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए शीघ्र आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिये एक उच्च स्तरीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया जाएगा जिसमें राज्य में अवस्थापित विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों के निदेशक एवं विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।

उच्च शिक्षा, सहकारिता, प्रोटोकॉल एवं आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास राज्य मंत्री डा0 धन सिंह रावत ने आज सचिवालय में आपदा प्रबन्धन विभाग के तत्वाधान में आयोजित वर्चुअल मीटिंग के उपरान्त कही। उन्होंने कहा कि आगामी जून माह में आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विषय पर एक राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार आयोजित किया जाना है, जिसमें राज्य में आने वाली विभिन्न आपदाओं पर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के विषय विशेषज्ञों एवं संबंधित क्षेत्र के वैज्ञानिकों के सुझावों का संकलन कर कार्ययोजना तैयार की जाएगी। ताकि राज्य में आने वाली विभिन्न प्रकार की आपदाओं से आसानी से निपटा जा सके। इसके लिए विभाग को अपने स्तर से सभी तैयारियां करने के निर्देश दे दिए गए है।

आज आयोजित वर्चुअल मीटिंग में आई.आई.टी रूड़की, जी.एस.आई. देहरादून, आई.आई.एम. काशीपुर, सी.बी.आर.आई. रूड़की, वाडिया हिमालयन संस्थान देहरादून, उत्तराखण्ड अन्तरिक्ष विभाग, भारतीय मौसम विभाग, यू-सर्क, एन.डी.आर.एफ., आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास, कुमाऊं विश्वविद्यालय, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा तथा उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया। बैठक में सभी संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों ने वर्षाकाल शुरू होने से पूर्व आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास को लेकर प्रस्तावित राष्ट्रीय सेमिनार को आवश्यक एवं महत्वपूर्ण बताया।

बैठक के दौरान विभिन्न संस्थानों के निदेशकगणों, कुलपतिगणों एवं विशेषज्ञों ने कहा कि सेमिनार में आपदा संबंधित विभिन्न विषयों को अलग-अलग सेक्टर में विभाजित कर विषय विशेषज्ञों के साथ चर्चा करना आवश्यक है ताकि राज्य में भविष्य में आने वाली तरह-तरह की आपदा संबंधित चुनौतियों से निपटने से एक ठोस कार्ययोजना तैयार कर उसका क्रियान्वयन किया जा सके। सभी वक्ताओं ने इसके लिए एक उच्च स्तरीय क्रियान्वयन समिति के गठन की बात कही जिसपर सहमति जताते हुए विभागीय मंत्री डा0 धन सिंह रावत ने कार्यक्रम के नोडल अधिकारी कुलपति प्रो0 ओ0पी0एस0 नेगी एवं विभागीय सचिव एस.ए.मुरूगेशन को शीघ्र समिति का गठन कर सभी सदस्यों को सूचित करने के निर्देश दिए।

विभागीय मंत्री ने कहा कि क्रियान्वयन समिति के गठन के उपरान्त समिति के सदस्यों के साथ एक बैठक आयोजित कर राष्ट्रीय सेमिनार की रूपलेखा तैयार कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड की तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए उसी समय तय किया जाएगा कि सेमिनार का आयोजन ऑफलाइन करना है या ऑनलाइन।
बैठक में सचिव आपदा प्रबन्धन एस.ए. मुरूगेशन, वाडिया संस्थान के निदेशक डा0 कालाचंद सैन, आई.आई.टी रूड़की के निदेशक डा0 अजीत कुमार चर्तुवेदी, उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय प्रो. ओ.पी.एस. नेगी, कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.के.जोशी, अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.एस. भण्डारी, सी.बी.आर.आई रूड़की के निदेशक डा0 सुविर सिंह, जी.एस.आई. के उत्तराखण्ड निदेशक डा0 जॉय गोपाल घोष, आई.आई.एम. काशीपुर के निदेशक प्रो0 के. बलूनी, यू-सैक के निदेशक डा. एम.पी.एस बिष्ट, यू-सर्क की निदेशक डा. अनिता रावत, आई.एम.डी. देहरादून के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल, डा. आर.के पाधे आदि वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

जिलाधिकारी ने दिये आरटीपीसीआर कराने के निर्देश

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हरिद्वार 19 अप्रैल (कुलभूषण)  जिलाधिकारी सी0 रविशंकर ने स्वास्थ्य विभाग व सम्बधित नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये कि कुम्भ मेलाए जिला प्रशासनए समस्त जनपदीय कार्यालयों के अधिकारियों कर्मचारियों पुलिस कर्मी सहित चिकित्सा हेल्थ केयर वर्कर समस्त अखाड़ा आश्रम के संतों व स्टाफ व पत्रकारों की आरटीपीसीआर जांच करायी जाये।

उन्होंने नगर आयुक्तोंए उपजिलाधिकारियों व जिला पंचायतीराज अधिकारी को समस्त जनपद के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों विशेषकर कंटेनमेंट जोन में नियमित सेनेटाइजेशन कराये जाने के निर्देश दिये। सभी क्षेत्रों में लोगों के बीच जागरूकता के लिए एनाउंसमेंट करते हुए कोविड गाइड लाइन व सुरक्षा उपायों का पालन कराया जाए। उन्होंने यह प्रक्रिया कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होने तक किये जाने के निर्देश दिये।

कुम्भ श्रद्धालुओं और तीर्थ यात्रियों के लिए सतपाल महाराज ने केंद्र से ट्रेन आईसोलेशन कोचेज उपलब्ध कराने का आग्रह किया

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देहरादून। बीते कुछ ‌दिनों से कोरोना की बढ़ती रफ्तार के बीच देश-विदेश से आए कुम्भ श्रद्धालुओं और मई माह में शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के लिए आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने केंद्र से कोविड ट्रेन आईसोलेशन कोचेज उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। इस संबंध में पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है।

पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि आस्था का महाकेंद्र कुम्भ मेला हरिद्वार में गतिमान है। जबकि मई माह में उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा भी शुरू होने वाली है। जिसके लिए देश-विदेश से तीर्थ या‌त्री देवभूमि में आएंगे। ऐसे में कुम्भ मेले के श्रद्धालुओं और चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र से हरिद्वार और ऋषिकेश में आईसोलेशन कोच उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। आइसोलेशन कोच वाली कोविड केयर ट्रेन होने से कोरोना संक्रमण काल में रेलवे मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को उत्तराखंड में सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। तीर्थ यात्रियों को सभी सुविधा उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है।

गौरतलब है कि बीते साल रेल मंत्रालय की ओर से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कई प्रकार की तैयारियां की गई थीं। इसमें सैनिटाइजर निर्माण, मास्क निर्माण, पीपीई किट का निर्माण के साथ ही कोरोना मरीजों के लिए कोविड केयर कोच का निर्माण किया गया था। इन कोविड केयर कोच को पूरे देश के स्टेशनों पर लगाया भी गया था।