Friday, June 13, 2025
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हमें ग्रीन दीपावली बनानी चाहिए। पटाखे फोड़ना दीपावली का अभिन्न अंग नही होना चाहिए- प्रो0 पवन कुमार

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हरिद्वार ( कुलभूषण ) गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार के भौतिक विभाग के विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो0 पवन कुमार ने दीपावली के अवसर पर जानकारी देते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को दीपावली पर ऐसे पटाखे फोड़ने चाहिए जो कि पर्यावरण को बचाने में सहयोगी सिद्ध हो सके। उन्होंने कहा कि पटाखे फोडना आजकल एक आम बात हो गयी है क्योकि कोई भी विशेष कार्यक्रम इसके बिना लोगो को अधुरा सा ही लगता है। पटाखों के कारण आसमान में दिखने वाला शानदार नजारा, तेज आवाज तथा रंग-बिरंगी चकाचौंध लोगो को बहुत पसंद आती है। लेकिन वास्तव में इसका प्रभाव पर्यावरण तथा लोगों के स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है।
दीपावली पर पटाखे जलाना ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम जैसा ही है। इनसे निकलने वाला धुआँ वायुमंडल में हानिकारक गैसों के स्तर को बढाता है जिसका असर मनुष्य के साथ-साथ जीव-जन्तुओं पर भी नजर आता है। पटाखे फोड़ने से वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी जहरीली गैस उत्पन्न होती है जो पृथ्वी के तापमान को बढ़ाता है तथा हवा की गुणवत्ता को खराब करती है। साथ ही जहरीली होने के साथ-साथ धुंध से भी भरी होती है।
आतिशबाजी से बच्चो तथा व्यस्को के जलने, ऑखो में चोट लगने तथा सुनने की क्षमता आदि प्रभावित होती है। इसके अलावा फेफड़ो की बीमारी, अस्थमा, तीव्र ब्रोकाइटिस और श्वसन संकमण, दिल के दौरे जैसी संवेदनशील बीमारियां होने की सम्भावनांए बढ़ जाती है। पटाखों को बनाने के लिए जिन केमिकल और रेडियोएक्टिव कम्पांउड का प्रयोग किया जाता है उनसे कैसंर होने का जोखिम कई गुना बढ़जाता है।
पर्यायवरण तथा पक्षी संरक्षण के विभिन्न वक्ताओ ने हरित दीपावली बनाने पर जोर दिया है जिनके लिए दीपावली पर पटाखों का उपयोग नही करना चाहिए। हमें ग्रीन दीपावली बनानी चाहिए। पटाखे फोड़ना दीपावली का अभिन्न अंग नही होना चाहिए। प्राचीन काल से लोग दीपावली के पर्व पर दीये जलाते रहे है। दीया (रोशनी) अंधकार पर प्रकाश  अथवा बुराई पर अच्छाई का प्रतीक होता है।
यदि आप फिर भी सोच रहे है पटाखों के बिना दीपावली कैसे बनाएं तो हम प्रदुषणकारी और शोर पैदा करने पटाखों से बच सकते है जिसके लिए हरित पटाखों का उपयोग करना होगा। इस प्रकार के पटाखे कम प्रदूषण कच्चे माल का उपयोग करके भी बनाये जाते है जो पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होते है।

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गंगा बंदी में सिर्फ खनन की खनक हैं और सफाई के नाम पर बजट की बंदरबांट हो रही- संतोष चौहान 

हरिद्वार ( कुलभूषण ) जिला महानगर कांग्रेस कमेटी हरिद्वार द्वारा जिलाधिकारी को जीवनदायिनी मां गंगा की सफाई व्यवस्था के संबंध में ज्ञापन सौंपा।
इस मौके पर जिला महानगर कांग्रेस अध्यक्ष अमन गर्ग और स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी प्रकोष्ठ अध्यक्ष मुरली मनोहर ने कहा कि पतित पावनी मां गंगा हमारा पालन-पोषण करती हैं जबकि गंगा बंदी जो कि सफाई व निर्माण कार्य हेतू की जाती हैं वो महज खनन की बंदरबांट के लिए होती हैं,
इस मौके पर पूर्व विधायक रामयश सिंह और महिला आयोग पूर्व अध्यक्ष संतोष चौहान ने कहा कि भाजपा सरकार में गंगा बंदी में सिर्फ खनन की खनक हैं और सफाई के नाम पर बजट की बंदरबांट हो रही है,
इस मौके पर वरिष्ठ नेता अरविंद शर्मा और मनोज सैनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों राज्यों में भाजपा सरकार होने के बावजूद तालमेल नहीं हैं जिसके कारण गंगा जी की सफाई दो राज्यों की भेंट चढ़ रही हैं,
इस मौके पर निवर्तमान पार्षद राजीव भार्गव और महिला कांग्रेस अध्यक्ष अंजू मिश्रा ने कहा कि हरिद्वार जो कि कुंभ नगरी होने के बावजूद गंगा की सफाई व्यवस्था महज औपचारिकता की भेंट चढ़ रही हैं,
इस मौके पर महिला कांग्रेस अध्यक्ष लता जोशी और ब्लॉक अध्यक्ष विकास चंद्रा ने कहा कि गंगा हमारी आस्था का प्रतीक है और इसके साथ सौतेला व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा,
इस मौके पर वरिष्ठ नेता नईम कुरैशी और निवर्तमान पार्षद इसरार सलमानी ने कहा कि गंगा किसान के खेत को भी सींचने का काम करती है,हम सरकार से मांग करते हैं गंगा की सफाई दो राज्यों के तालमेल की भेंट नहीं चढ़नी चाहिए,
ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से नगर अध्यक्ष ज्वालापुर अंकित चौहान, नलिनी दीक्षित, निवर्तमान पार्षद शहाबुद्दीन अंसारी, रियाज अंसारी ,श्रमिक नेता विकास सिंह,आरिफ कुरैशी आदि कांग्रेस जन उपस्थित रहे।।

त्यागी विकास एवं कल्याण समिति ने 155 छात्र और 101 बुजुर्गों को किया सम्मानित

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हरिद्वार(कुलभूषण)। उत्तराखंड त्यागी समाज विकास एवं कल्याण समिति द्वारा 155 प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया। इसके साथ ही समिति ने देश व समाज के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले 101 वरिष्ठजनों को फूलमालाएं पहनाकर तथा अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।

चुड़ियाला गांव में प्रदेश अध्यक्ष पवन त्यागी जी की अध्यक्षता एवं प्रदेश प्रवक्ता मास्टर प्रदीप त्यागी के संचालन में आयोजित इस सम्मान समारोह में उत्तराखंड के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा आदि राज्यों से भी बड़ी संख्या में त्यागी समाज के लोग शामिल हुए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंडियन एयर फोर्स के रिटायर एयर कमाडोर सुरेंद्र सिंह त्यागी ने छात्रों से राष्ट्रहित में काम करने का आह्वान किया। उन्होंने छात्रों से डिफेंस सर्विस में जाने का आह्वान करते हुए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयारी करने की बात कही। उन्होंने राष्ट्र की सेवा के लिए त्यागी समाज के बच्चों को सरकारी नौकरी करने के लिए प्रेरित किया।

इस मौके पर पत्रकारिता के माध्यम से राष्ट्र और समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए जी न्यूज के एसोसिएट एडीटर श्री अनंत त्यागी, दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ श्री रमन त्यागी तथा सम्भल से पंजाब केसरी के पत्रकार भागेश कुमार त्यागी को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के दूसरे मुख्य अतिथि मुकेश त्यागी ने त्यागी समाज को राष्ट्र का गौरव बताते हुए छात्रों से समाज से जुड़ने का आह्वान किया। कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष पवन त्यागी, प्रदेश प्रवक्ता मास्टर प्रदीप खाईखेड़ी, प्रदेश महामंत्री प्रदीप त्यागी, संरक्षक जे डी त्यागी, मामचंद त्यागी, डा गजेंद्र त्यागी, डा राकेश त्यागी,सतपाल त्यागी, धीरेन्द्र त्यागी, उदय त्यागी,संजय त्यागी, नवीन त्यागी, विकास त्यागी, श्याम त्यागी, अंकुल त्यागी, दुष्यंत त्यागी,नीरज त्यागी, लोकेंद्र त्यागी, योगेश त्यागी, सुभाष त्यागी, सुशील त्यागी, हरवेंद्र त्यागी, प्रिंस त्यागी, सुरेश त्यागी, प्रतोष त्यागी, नरोत्तम त्यागी, नरेश त्यागी, परमानंद त्यागी, प्रशांत,प्रियांशु,सिंधु, राम, विशाल, अमित त्यागी, चन्दन त्यागी, अमरेश त्यागी, संजीव त्यागी, विकुल त्यागी, अशोक त्यागी, विनय त्यागी, नीरज,विपिन त्यागी, भागेश त्यागी,विनोद त्यागी आदि उपस्थित रहें।

सम्मानित होने वाले बच्चों में उज्ज्वल त्यागी, देवांश भारद्वाज, आदित्य त्यागी, वासु त्यागी, डा नीतिश्री त्यागी, डा उज्ज्वल त्यागी, रिजुल त्यागी, वैष्णवी त्यागी, तरु त्यागी, गुनगुन त्यागी, गोपाल त्यागी,स्वरांजली त्यागी, शशांक त्यागी आदि प्रमुख रहे।

अपूर्ण योजनाएं जल्द होगी पूरी, मिसिंग लिंक फण्ड के तहत पूरे किए जाएंगे प्रोजेक्ट्स

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–    मुख्य सचिव ने सचिव वित्त को सभी विभागों से तत्काल प्रस्ताव लेने के निर्देश दिए, ताकि बजट जारी कर अधूरी योजनाओं को पूरा किया जा सके
–    अनुमोदित प्रस्तावों पर शासनादेश जारी करने में विलम्ब पर मुख्य सचिव ने नाराजगी जाहिर की
–    मिसिंग लिंक फंडिंग अपूर्ण योजनाओं को पूरा करने का स्वर्णिम अवसर – मुख्य सचिव
–    सचिवों की अनुपस्थिति में पत्रावली सम्बन्धित शासकीय कार्यों में विलम्ब न हो, इस सम्बन्ध में समाधान हेतु किसी भी समय सीधा मुख्य सचिव से सम्पर्क करने हेतु अधिकारियों को निर्देश  

देहरादून (आरएनएस)।  अनुमोदित प्रस्तावों पर शासनादेश जारी करने में विलम्ब पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सम्बन्धित अधिकारियों को इस सम्बन्ध में तत्परता से कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव रतूड़ी ने मिसिंग लिंक फण्ड के तहत जिन विभागों में प्रस्ताव डीपीआर, टीएसी या डीएफसी स्तर पर लम्बित हैं, उनकी प्रक्रिया को त्वरित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सोमवार को सचिवालय में मिसिंग लिंक से पोषित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान विभिन्न विभागों के प्रस्तावों को मिसिंग लिंक द्वारा फंडिंग किए जाने पर सहमति बनी। मुख्य सचिव ने सचिव वित्त को सभी विभागों से तत्काल प्रस्ताव लेने के निर्देश दिए, ताकि बजट जारी कर अधूरी योजनाओं को पूरा किया जा सके ।
मिसिंग लिंक फंडिंग पर चर्चा करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मिसिंग लिंक फंडिंग अपूर्ण योजनाओं को पूरा करने का स्वर्णिम अवसर है। इस सम्बन्ध में सभी विभाग अपने स्तर पर ऐसी आधी-अधूरी योजनाओं का गंभीरता से आंकलन करे, फील्ड ऑफिसर्स  से भी जानकारी ली जाए। सभी विभागों को योजनाओं की ऑनरशिप लेते हुए कार्य करने की हिदायत देते हुए मुख्य सचिव ने योजनाओं की स्वीकृति व क्रियान्वयन में प्रक्रियाओं की स्पष्टता व सरलीकरण के निर्देश भी दिए है।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि पूर्व में स्वीकृत प्रस्तावों की प्रगति भी पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर नियमित अपलोड की जाए। पीएम गतिशक्ति में इन प्रोजेक्ट्स की निरन्तर मॉनिटरिंग की जाती है।
अधिकारियों विशेषरूप से सचिवों की अनुपस्थिति में पत्रावली सम्बन्धित शासकीय कार्यों में विलम्ब न हो इस पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि अधिकारी इस सम्बन्ध में समाधान हेतु किसी भी समय तत्काल मुख्य सचिव से सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को शासकीय कार्यों में तत्परता से कार्य करने की संस्कृति विकसित करने की नसीहत दी।
मिसिंग लिंक के तहत ऐसे प्रस्तावों को स्वीकृति दी जाती है जिन्हें जनपदों में किसी भी योजना के तहत फंडिंग नही हो पाती, ऐसे प्रोजेक्ट्स को मुख्य सचिव कोष से फंडिंग की जाती है।
बैठक में सचिव शैलेश बगौली, दिलीप जावलकर, डा बी वी आर सी पुरुषोत्तम सहित वित्त, पशुपालन, महिला एवं बाल विकास, उद्यान विभाग, ऊर्जा के अपर सचिव तथा वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी चंपावत मौजूद रहे।

आत्म-खोज की एक गहन यात्रा का दस्तावेज है ‘वी गेट टू लिव’

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देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से सोमवार को उत्तराखंड़ के युवा लेखक व दार्शनिक अध्येता अनुभव कांडपाल की नई पुस्तक, ‘वी गेट टू लिव: एजर्नी इन टू द वंडर्स ऑफ नेचर एंड हाउ वी आर कनेक्टेड टू एवरी थिंग’ का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण के बाद एक चर्चा भी की गई जिसमें लाल बहादुर प्रशासनिक अकादमी मसूरी के निदेशक रहे डॉ.संजीव चोपड़ा, पूर्व पुलिस महानिदेशक पुलिस आलोक बी लाल, डीएवी पीजी कालेज के पूर्व प्राचार्य रहे देवेंद्र भसीन और डॉ. सविता मोहन, पूर्व निदेशक (उच्च शिक्षा), उत्तराखंड ने भाग लिया।
चर्चा में पुस्तक के विविध पक्षों पर गहन बातचीत की गई। पुस्तक के बारे में कहा गया कि यह विचारोत्तेजक कृति है जो पाठकों को वास्तविकता की अपनी धारणाओं को चुनौती देने और आत्म-खोज की एक परिवर्तनकारी यात्रा पर निकलने के लिए आमंत्रित करने का सायास प्रयास करती है।
उल्लेखनीय है कि ‘वी गेट टू लिव’ में लेखक, अनुभव कांडपाल ने प्राचीन ज्ञान, आधुनिक विज्ञान और व्यक्तिगत अनुभवों से अंतर्दृष्टि को एक साथ जोड़ कर उन जटिल संबंधों के जाल पर प्रकाश डाला है ,जो हमें हमारे आस-पास की दुनिया से जोड़ने की कोशिश करते हैं। गहन चिंतन और आकर्षक उपाख्यानों की एक श्रृंखला के माध्यम से, लेखक पाठकों को ब्रह्मांड में उनके स्थान और अस्तित्व की वास्तविक प्रकृति की गहरी समझ के लिए मार्ग दर्शन करता है।
अनुभव का यह अनूठा दृष्टिकोण उनकी विविध पृष्ठभूमि और दुनिया भर में व्यापक यात्राओं से आकार लेता है, जटिल दार्शनिक अवधारणाओं के लिए एक नवीन और सरल दृष्टि प्रदान करता है। उनकी पुस्तक वियोग के भ्रम, मनकी शक्ति, वास्तविकता का स्वभाव, प्रेम और आध्यात्म की परिवर्तनकारी क्षमता जैसे विषयों की भी खोज करती है।
‘वी गेट टू लिव’ सिर्फ़ एक किताब नहीं अपितु एक आत्म-खोज और व्यक्तिगत विकास की यात्रा पर निकलने का आमंत्रण भी है। अनुभव की अंतर्दृष्टि किसी भी व्यक्ति को प्रभावित करेगीजो खुद को और अपने आस-पास की दुनिया को गहराई से समझना चाहता है।यह पुस्तक पाठकों को अपनी मान्यताओं पर सवाल उठाने, अनिश्चितता की सुंदरता को अपनाने और वर्तमान क्षण में अर्थ खोजने के लिए प्रोत्साहित करती है।
कुल मिलाकर यह कार्यक्रम लोगों लिए एक तरह से परिवर्तनकारी अनुभव साबित हुआ, जिससे उन्हें उद्देश्य की नई भावना और सभी चीजों के परस्पर संबंध के लिए सराहना मिली।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी ने सभागार में उपस्थित सभी जनों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन लेखिका व साहित्यकार श्रीमती बीना बेंजवाल ने किया।
कार्यक्रम में वैज्ञानिक सलाहकार डॉ.जी.रौतेला , पूर्व बैंक मैनेजर देवेंद्र कांडपाल, संजय कुमार, वंदना कांडपाल, शोध सहायक सुंदर सिंह बिष्ट, शैलेंद्र नौटियाल, सुधीर बिष्ट, पी.सी.कांडपाल , वी के डोभाल, विनोद सकलानी, के. बी. नैथानी, मेघा विल्सन, अतुल शर्मा,भारती पांडे,रजनीश त्रिवेदी,मनोज कुमार सहित कई पाठक,लेखक व साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे।

आखिर आठ साल बाद हो ही गया दून की 128 मलिन बस्तियाें का वर्गीकरण

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ में केदारनाथ विधानसभा चुनाव के बाद नगर निकायों के चुनाव भी होने हैं, ऐसे सभी राजनैतिक दलों की नजर मलिन बस्तियों पर है, वहीं वर्ष 2016 में चिह्नित 128 मलिन बस्तियों का नगर निगम ने आठ साल बाद वर्गीकरण कर लिया है। वर्गीकरण के बाद 50 बस्तियों को श्रेणी एक और तीन में डाला गया है। 78 बस्तियों पर अभी भी पेंच फंसा है। बस्तियों का वर्गीकरण नहीं होने से अभी तक ये बस्तियां अधिसूचित नहीं हो पाई हैं। अब जब सरकार तीसरी बार मलिन बस्तियों को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए कदम आगे बढ़ा चुकी है तो इसको देखते हुए करीब 15 दिन पूर्व बस्तियों का वर्गीकरण किया गया है। उत्तराखंड राज्य की नगर निकायों में अवस्थित मलिन बस्तियों के सुधार, विनियमितीकरण एवं पुनर्व्यस्थापन एवं अतिक्रमण निषेध अधिनियम 2016 के तहत देहरादून की मलिन बस्तियों को सुरक्षा प्रदान की गई थी।
इसके तहत मलिन बस्तियों का चिह्नीकरण के बाद वर्गीकरण और उसके बाद उनको अधिसूचित किया जाना था। इसके आधार पर इन बस्तियों पर काम होना था। उस समय नगर निगम ने सर्वे कर देहरादून में 128 बस्तियों का चिह्नीकरण किया था, लेकिन उनका वर्गीकरण नहीं किया जा सका था। अभी हाल ही में नगर निगम ने इनका वर्गीकरण कर लिया। इनमें तीन बस्तियों कुम्हार बस्ती अजबपुर, लोहारवाला किशनपुर, मच्छी तालाब को श्रेणी एक में रखा गया है, जबकि 47 बस्तियों को श्रेणी तीन की भूमि में रखा गया है। श्रेणी दो की भूमि में एक भी बस्ती को नहीं रखा सका।

बनाई गयी तीन श्रेणियां :

मलिन बस्तियों को तीन श्रेणियों में बांटा जाना था। श्रेणी एक में ऐसी बस्तियां रखी जानी थी, जिसमें घर निवास योग्य हो और उनको भू-स्वामित्व का अधिकार निर्धारित मानकों के अनुसार दिया जा सकता हो। इसके साथ ही श्रेणी दो के तहत ऐसी भूमि जो पर्यावरणीय या भौगोलिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में हो और उस क्षेत्र को वर्गीकृत किया जाए और सुरक्षात्मक उपायों को अपनाकर उस क्षेत्र को निवास योग्य बनाया जाना संभव हो और भू-स्वामित्म अधिकार प्रदान किया जाना संभव हो। तीसरी श्रेणी यह है कि ऐसी भूमि पर बसी बस्तियां जिनको विधिक, व्यावहारिक और मानव निवास, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के दृष्टिकोण से उपयुक्त ना हो।

आठ साल बाद निगम ने किया भूमि का वर्गीकरण :

इस समय निकाय चुनाव सिर पर हैं और मलिन बस्तियां भाजपा-कांग्रेस के लिये बड़ा मुद्दा हैं। इसलिये सभी मलिन बस्तियों की सुध रे रहे हैं, पिछले तीन साल में किसी भी संगठन को मलिन बस्तियों की याद नहीं आई। हालांकि विपक्ष समय-समय पर बयानबाजी और अन्य माध्यमों से सरकार को मलिन बस्तियाें की याद दिलाता रहा है। अक्तूबर महीने में नगर निगम को इसकी याद आई और उसने भूमि का वर्गीकरण कर दिया।

78 बस्तियों का वर्गीकरण नीतिगत निर्णय :

दून नगर निगम ने 78 बस्तियों का वर्गीकरण नहीं कर पाया है, क्योंकि यह 78 बस्तियां नॉन जेड-ए श्रेणी पर हैं। इन नॉन जेड ए श्रेणी में निजी भूमि और गैर जमींदारी विनाश अधिनियम के तहत निकाली गई भूमि होती है। नगर निगम इन 78 बस्तियों को लेकर निर्णय नहीं ले पाया। इसके चलते इन बस्तियों का निर्णय शासन के ऊपर छोड़ा गया है। नगर आयुक्त गौरव कुमार का कहना हैं कि नगर निगम ने करीब 15 दिन पूर्व बस्तियों का वर्गीकरण कर लिया है। तीन बस्तियां श्रेणी एक और 47 बस्तियां श्रेणी तीन में वर्गीकृत की गई हैं। इसके साथ ही 78 बस्तियां नॉन जेड ए श्रेणी में हैं, जिनका वर्गीकरण नीतिगत निर्णय है। रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।

भाजपा, कांग्रेस, उक्रांद प्रत्याशियों ने शक्ति प्रदर्शन के साथ किया नामंकन, ऊखीमठ में दिखा प्रदेश स्तरीय नेताओं का जमावड़ा

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“दिवगंत शैलारानी रावत के निधन से खाली हुई 07 केदारनाथ विधान सभा पर हो रहे उप चुनाव प्रदेश सरकार के कामकाज व विपक्ष काँग्रेस की भूमिका की प्रतिष्ठा से जुडा़ है। वहीं छैत्रीय दल व निर्दलीय प्रत्याशी सत्ता पक्ष व विपक्ष की भूमिका को लेकर मैदान में हैं। भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक आशा नौटियाल के नामंकन में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित भाजपा के सांसद सहित दिग्गज नेता जुटे। वहीं काँग्रेस ने भी एकजुटता दिखाते हुये प्रत्याशी मनोज रावत के पक्ष में पूर्व मुख्यमंत्री हरीव रावत , प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा सहित दिग्गज नेताओं का जमवाडा़ दिखा।छैत्रीय दल उक्रांद प्रत्याशी डा. आशुतोष भंडारी के पक्ष मे उक्रांद के केन्द्रीय अध्यक्ष पूरण सिंह कठैत सहित प्रदेश स्तरीय नेता मौजूद रहे”।

(देवेंन्द्र चमोली)
ऊखीमठ/रुद्रप्रयाग- केदारनाथ विधान सभा उप चुनाव नांमकन के लिये आज पंचकेदारेश्वर गद्धीस्थल ऊखीमठ में गहमा गहमी का माहौल दिखा। सत्तारुड़ भाजपा, मुख्य विपक्ष काग्रेस व राज्य निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाली उत्तराखण्ड क्रान्ति दल प्रत्यासियों ने शक्ति प्रदर्शन के साथ रिटर्निगं अधिकारी के समक्ष अपना नामंकन पत्र दाखिल किया। निर्दलीय प्रत्यासी त्रिभुवन चौहान के अलावा आज पाँच नामंकन पत्र दाखिल हुये। आज ही पाँच प्रत्याशियों के नामंकन को देखते हुये रिटर्निगं अधिकारी द्वारा प्रत्याशियों को समय निर्धारित किया गया था।May be an image of 2 people and text
सुबह से ही केदार घाटी में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के पहुँचने का सिलसिला लगा रहा। आज सातवें दिन राज्य की एक मात्र छैत्रीय दल उक्रांद के अलावा राष्ट्रीय पार्टी भाजपा व काँग्रेस के कार्यकर्ताओं सहित प्रदेश स्तरीय नेताओं का अपने प्रत्यासियों के पक्ष मे ऊखीमठ सहित केदारनाथ घाटी में जमवाडा़ देखने को मिला।
आज नाम निर्देशन पत्र जमा करने के सातवें दिन सबसे पहले उक्रांद प्रत्याशी डा.आशुतोष भंडारी ने अपना नांमकन पत्र दाखिल किया। सैकडो समर्थकों के साथ वे रैली के साथ ऊखीमठ पहुँचें व अपना नामंकन दाखिल किया।May be an image of 5 people, people studying and hospital
काँग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक मनोज रावत अपने समर्थकों के साथ नामंकन को पहुँचे लेकिन उन्हे गेट पर रोक दिया गया उनके साथ मौजूद नाराज काग्रेस कार्यकर्ताओं ने शासन प्रशासन के इस रवैये का जमकर विरोध किया। काँग्रैस की ओर से अगस्त्यमुनी में रैली व जनसभा का कार्यक्रम रखा गया था। वहाँ भारी संख्या में काँग्रेस कार्यकर्ता रैली में जुटे। इस दौरान देर शाँय तक जनसभा को प्रदेश अध्यक्ष करन महरा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, कद्धावर नेता यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह, ओमगोपाल रावत सहित प्रदेश स्तरीय दिग्गज नेता मौजूद थे।May be an image of 11 people and temple
भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल के नामांकन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट सहित प्रदेश स्तरीय दिग्गज नेता मौजूद थे। भाजपा की ओर से स्थानीय राइका मैदान में जनसभा का आयोजन किया गया था। जिसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित प्रदेश स्तरीय नेताओं ने सम्बोधित किया। इससे पूर्व भाजपा कार्यकर्ताओं ने ऊखीमठ में पार्टी प्रत्यासी के पक्ष में रैली निकाली। आज ऊखीमठ सहित केदारघाटी में गहमा गहमी का माहौल रहा। समर्थकों की जुटी भीड़ से ऊखीमठ से कुंड तक जाम की स्थिति बनी रही।
रिटर्निगं अधिकारी राजीव शुक्ला ने बताया कि आज 05 प्रत्याशियों द्वारा नाम निर्देशन पत्र जमा किए गए हैं।जानकारी देते हुये बताया कि निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन चौहान और प्रदीप रोशन रूडिया ने भी अपना नामांकन दाखिल किया।

सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम के अंतर्गत पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय बीरपुर का श्रद्धानंद वनिता बाल आश्रम में सहभागिता कार्यक्रम

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देहरादून,पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय बीरपुर के छात्रों ने सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम के अंतर्गत आज बाल वनिता आनाथलय में भाग लिया। उन्होंने अपने दादा-दादी / नाना-नानी और शिक्षकों के साथ श्री श्रद्धानंद बाल वनिता आश्रम का दौरा किया। दादा-दादी/नाना-नानी ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के तहत इस कार्यक्रम में अपनी भागीदारी की l संस्थान की प्रबंधक श्रीमती वीना आले द्वारा गर्मजोशी से स्वागत के बाद छात्रों, दादा-दादी/नाना – नानी और शिक्षकों ने अनाथालय का दौरा किया, जहाँ विभिन्न आयु वर्ग के 45 बच्चे रहते हैं। श्रीमती वीना आले द्वारा जानकारी दी गई कि इन बच्चों को पास के स्कूलों में पढ़ाई की सुविधा प्रदान की गई है। हमारे छात्रों ने इस संस्थान के बच्चों के साथ बातचीत की। हमारे छात्रों ने कविताएँ व गीत प्रस्तुत किए और नृत्य द्वारा सबका मन मोह लिया। संस्थान के बच्चों ने भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। दादा-दादी/ नाना- नानी ने इन बच्चों पर अपना आशीर्वाद बरसाया। । पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय बीरपुर की शिक्षिकाएँ श्रीमती आरती उनियाल, श्रीमती मीना चौहान और श्रीमती पूजा देवी भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।

केदारनाथ उपचुनाव: कांग्रेस के बाद भाजपा ने भी उम्मीदवार का ऐलान किया, पूर्व विधायक आशा नौटियाल को मैदान में उतारा

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देहरादून। भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व विधायक आशा नौटियाल को केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है वर्तमान में आशा नौटियाल भाजपा महिला मोर्चे की अध्यक्ष हैं।

मुख्यमंत्री ने दीपावली पर्व पर प्रदेशवासियों को दी 130 नई बसों की सौगात

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-उत्तराखण्ड परिवहन निगम के बेड़े में शामिल हुई बी.एस.-06 मॉडल की ये बसें।
– मुख्यमंत्री ने आई.एस.बी.टी देहरादून से किया फ्लैग ऑफ।

देहरादून(आरएनएस)।   मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड परिवहन निगम के बेड़े में 130 नई बसों को शामिल कर राज्य के विकास में एक और महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ रही है। आधुनिक तकनीक से युक्त नई बसें हमारे राज्य के परिवहन तंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी। ये बसें न केवल यात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और किफायती यात्रा का अनुभव प्रदान करेंगी, बल्कि प्रदेश की आर्थिक, सामाजिक और पर्यटन गतिविधियों में भी नई ऊर्जा का संचार भी करेंगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां अन्य राज्यों की तुलना में चुनौतीपूर्ण हैं। राज्य के दुर्गम और सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं के लिए हमारे परिवहन नेटवर्क पर ही निर्भर हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। ऐसे में प्रभावी परिवहन तंत्र न केवल यात्रियों की सुविधा के लिए अति-आवश्यक है, बल्कि आर्थिक विकास में भी अपना योगदान देता है। राज्य के हर कोने को बेहतर सड़क नेटवर्क और विश्वसनीय परिवहन सेवाओं से जोड़ना हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि सरकार उत्तराखंड परिवहन निगम को मजबूती प्रदान करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। जहाँ कुछ वर्ष पूर्व तक हमारा परिवहन निगम 500 करोड़ से भी अधिक के घाटे में था। पिछले तीन वर्षों से परिवहन निगम लगातार मुनाफे में है। इसके लिए उन्होंने परिवहन निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों की प्रशंसा भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं। आज अनेक क्षेत्रों में उत्तराखण्ड देश की अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में राज्य को प्रथम स्थान मिला है, इसे बनाये रखना हमारे लिए चुनौती है। राज्य की जीएसडीपी तेजी से बढ़ी है और बेरोजगारी दर घटी है। जल्द ही बस बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों का भी समावेश किया जायेगा। सरकार अपने चालक-परिचालकों की समस्याओं से भी भलीभांति परिचित है। इसके लिए चाहे डीए में बढ़ोतरी हो, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना हो या निगम में भर्तियों के माध्यम से मैन-पावर की समस्या का समाधान करना हो, हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ उनके कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। इस दीपावली के अवसर पर सेवाएं देने वाले चालकों, परिचालकों और तकनीकी कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि देने का भी फैसला किया गया है।
विधायक  विनोद चमोली ने कहा कि मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में एक ही बार में बसों के बेड़े में 10 प्रतिशत की वृद्धि राज्य के लिए एक बड़ी सौगात है। इससे जहां लोगों का आवागमन सुगम होगा वहीं लोगों को अपनी विरासत से जोड़ने का कार्य मुख्यमंत्री ने किया है। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम को और फायदे में लाने के लिए निरंतर प्रयास जरूरी है। आईएसबीटी का सौन्दर्यीकरण के साथ ही अतिक्रमण को रोकने के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे।
इस अवसर पर विधायक  प्रमोद नैनवाल,  सविता कपूर, मण्डल अध्यक्ष  संजीव सिंघल, गढ़वाल कमिश्नर  विनय शंकर पाण्डेय, उपाध्यक्ष एमडीडीए  बंशीधर तिवारी, अपर सचिव परिवहन निगम  नरेन्द्र जोशी,  अनिल गर्ब्याल एवं परिवहन निगम के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सरकार ने घटिया हेलमेट के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया, इन कारोबारियों पर एक्शन का हुआ आदेश

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मुंबई,। सडक़ सुरक्षा और बाजार में घटिया सुरक्षात्मक उपकरणों की बाढ़ से जुड़ी चिंताओं के बाद केंद्र सरकार ने जिला अधिकारियों को गैर-आईएसआई प्रमाणित हेलमेट के निर्माताओं और विक्रेताओं पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सरकार ने अब तक 162 हेलमेट विनिर्माण लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। अधिकारियों ने भारतीय मानक ब्यूरो के नियमों के उल्लंघन को लक्षित करते हुए 27 छापे मारे हैं।
सभी हेलमेट के लिए बीआईएस प्रमाणन अनिवार्य
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा, हेलमेट जीवन बचाते हैं, लेकिन केवल तभी जब वे अच्छी गुणवत्ता के हों। यह पहल बाजार से असुरक्षित हेलमेट हटाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। यह कार्रवाई सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जून, 2021 में गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू करने के बाद की गई है, जिसमें मानक आईएस 4151:2015 के तहत सभी हेलमेट के लिए बीआईएस प्रमाणन अनिवार्य कर दिया गया है।
बिना प्रमाणिकता वाले हेलमेट बेचने वालों पर नकेल
अधिकारियों ने खास तौर पर सडक़ किनारे बिना प्रमाणिकता वाले हेलमेट बेचने वाले विक्रेताओं को निशाना बनाया है। उपभोक्ता बीआईएस केयर ऐप या वेबसाइट के माध्यम से विनिर्माता की साख को सत्यापित कर सकते हैं। जिला अधिकारियों को उल्लंघन की पहचान करने के लिए पुलिस और बीआईएस अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि अभियान को मौजूदा सडक़ सुरक्षा पहलों के साथ एकीकृत किया जाएगा।