Monday, June 16, 2025
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डीएवी के छात्रों ने सीबीएसई नेशनल तीरंदाजी प्रतियोगिता में अंडर 14 आयु वर्ग में जीते रजत पदक

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हरिद्वार (कुलभूषण) डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, जगजीतपुर, हरिद्वार के छात्रों श्लोक सक्सेना, सिद्धार्थ किमोठी तथा कबीर वर्मा ने अंडर 14 आयु वर्ग में सीबीएसई द्वारा आयोजित राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता 2024-2025 जो कि माउंट आबू स्कूल और महाराजा अग्रसेन स्कूल दिल्ली में दिनांक 21.10.2024 से 26.10.2024 को आयोजित की गई, में तीन रजत पदक जीते। इस प्रतियोगिता में 413 स्कूलों के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने के उपरांत तीनों छात्रों ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया तथा रजत पदक अपने नाम कर विद्यालय एवं अभिभावकों का नाम रोशन किया। विद्यालय प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल ने तीनों छात्रों एवं उनके अभिभावकों को राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने की बधाई देते हुए बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

सनातन धर्म की रक्षा और संरक्षण संवर्द्धन संत समाज का दायित्व-ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी

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सनातन धर्म को गिराने के लिए संतों को किया जा रहा टारगेट-महामंडलेश्वर हिमांगी सखी

हरिद्वार,(कुलभूषण)। महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा और संरक्षण संवर्द्धन संत समाज का दायित्व है। संत समाज ने अपने इस दायित्व को हमेशा निभाया है। बहादराबाद स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कुमार स्वामी महाराज ने कहा कि प्राचीन काल से ही सनातन धर्म को मिटाने के प्रयास किए जाते रहे हैं। लेकिन संत समाज ने ऐसे प्रयासों को कभी कामयाब नहीं होने दिया। महामंडलेश्वर कुमार स्वामी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए पूरा संत समाज एकजुट है और सनातन विरोधियों के मंसूबों को कभी सफल नहीं होने देगा।
प्रैसवार्ता के दौरान महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा कि सनातन धर्म को गिराने के लिए संतों को टारगेट किया जा रहा है। बहादराबाद स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा कि महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी महाराज का एक एडिट वीडियो जारी किया गया। जिससे गलतफहमी उत्पन्न हुई। बाद में महामंडलेश्वर कुमार स्वामी स्वामी महाराज से मिलने पर सच्चाई सामने आयी। उन्होंने कहा कि इस घटना से यह भी सामने आया कि सनातन धर्म पर आघात करने के लिए संतों को टारगेट किया जा रहा है। इसलिए किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले से सच्चाई का पता अवश्य लगाएं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को बचाने के लिए परशुराम के रास्ते पर चलना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाज को बंटोगे तो कटोगे का मंत्र दिया है। उसका पालन करते हुए संतों को टारगेट करने वालों को मूंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सरकार भी संतों की छवि खराब करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करे।
महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि संतों ने हमेशा ही देश और समाज का मार्गदर्शन किया है। प्राचीन काल से ही सनातन धर्म पर आघात किए जाते रहे हैं। लेकिन सनातन आज भी पूरी मजबूती से खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा उन्होंने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संदेश बंटोगे तो कटोगे को संत समाज जन-जन तक पहुंचाएगा।
इस अवसर पर स्वामी ऋषिश्वरानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी निर्मलदास, महंत दिनेश दास, महंत प्रह्लाद दास, स्वामी आशुतोष महाराज, स्वामी शिवम महाराज, संत गुरमेल सिंह, संत जगजीत सिंह, महंत विष्णुदास सहित कई संत महंत मौजूद रहे।

गांवों का विकास प्रदेश सरकार का एक मात्र लक्ष्य- आशा नौटियाल

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रुद्रप्रयाग- भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल ने बसुकेदार क्षेत्र के विभिन्न गांवों का भ्रमण कर घर-घर जाकर मतदाओं से भाजपा के पक्ष में मतदान की अपील की। उन्होंने सरकार की उपलब्धियों को जनता के सम्मुख रखते हुए कहा कि प्रदेश सरकार गांवों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में भाजपा के अन्य नेताओं ने भी प्रत्याशी को जिताने को कमर कस ली।
बुधवार को केदारनाथ विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल ने ताल-जामण, जौला, पाट्यों, बडेथ, भटवाडी, संगूड, नैणी पौंडार, क्यार्क बरसूडी, बसुकेदार एवं कौशलपुर आदि गांवों का भ्रमण करते हुए घर-घर जाकर जनसंपर्क अभियन चलाते हुए भाजपा को वोट देने की अपील की। उन्होंने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि बसुकेदार में बहुप्रतिक्षित तहसील भवन निर्माण का शासनादेश जारी हो चुका है। नया तहसील भवन बन जाने से क्षेत्रीय ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा। कहा कि क्षेत्र में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने व स्थानीय खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए जोला-बडेथ में खेल मैदान विस्तारीकरण किया जा रहा है। भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि राज्य सरकार गांवो के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। गांवों में बारात घर के साथ-साथ अन्य सामाजिक गतिविधियां संचालित करने के लिए विभिन्न स्वीकृतियां प्रदान की गई है। सरकार के इसी विकास के लक्ष्य के आधार पर ही जनता से वोट मांगे जा रहे है। प्रचार अभियान के दौरान राज्य मंत्री चंडी प्रसाद भट्ट ने कहा कि मुद्दाविहीन कांग्रेस के पास कुछ नहीं है। इस लिए वह प्रदेश सरकार पर अर्नगलन आरोप लगा रही है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवारी ने कहा कि क्षेत्र में विकास कार्यो को देखते हुए जनता भाजपा के पक्ष में मतदान करने का इरादा बना चुकी है। अब वह विपक्षी पर्टियों के बहकावें में आने वाली नहीं है। वहीं, दूसरी ओर भाजपा नेता कुलदीप रावत ने मद्महेश्वर घाटी के सीमांत गांव गडगू एवं केदारघाटी के मैखंडा में जन सभा कर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने की अपील की। कुलदीप रावत के साथ लवित राणा, सौरभ भट्ट, रचित बगवाडी, जगदीश पुजारी, अवधेश रावत, विनोद अंथवाल ने चुनाव प्रचार के दौरान ग्रामीणों से भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील करते हुए कहा कि भाजपा प्रत्याशी को भारी मतों से विजयी बनाना ही उनका लक्ष्य है। इस मौके पर महिला मोर्चा प्रदेश मीडिया प्रभारी नेहा शर्मा, पूर्व जिला महामंत्री अनूप सेमवाल, मंडल अध्यक्ष अनिल कोठियाल, पूर्व मंडल अध्यक्ष वृजमोहन सिंह नेगी, मंडल महामंत्री राजेंद्र बिष्ट, मंडल मंत्री बुद्धि सिंह नेगी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख रमेशचंद्र बेंजवाल, उत्तमराज नेगी, युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष योगेश सेमवाल, जिला मंत्री कर्मादत्त नौटियाल, रजनीश गैरोला, मंडल उपाध्यक्ष भगवती प्रसाद भट्ट, भुवनेश्वरी देवी, जिपंस शीला रावत, शोसल मीडिया प्रभारी अजय जोशी, विजय पंत, जिला मंत्री मातबर सिंह बिष्ट, प्रवासी विजय रावत, कुलदीप सिंह, बच्ची राम जोशी समेत भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।

दो साल से नहीं बन पाया सड़क का पुस्ता, गाँव की आधी आवादी पैदल चलने को मजबूर

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(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- मामला केदारनाथ विधान सभा छैत्र का है। यहाँं दश्ज्यूला छैत्र के विजराकोट ग्राम पंचायत की आधी आवादी सड़क होने के बाबजूद भी यातायात सुविधा से वंचित है। कारण गाँव को जोडने वाला लिंक मार्ग रिखदरी बैंड कलिंका तोक के पास पुस्ता टूटने से दो साल से बंद पडा है। ग्रामीणों को सडक होते हुये भी कई किमी पैदल चलने को मजबूर है। कार्यदाई संस्था एनपीसीसी को बार बार कहने के बाबजूद पुस्ता निर्माण नहीं हो पाया जिससे ग्रामीणों मे रोश ब्याप्त है।
अगस्त्यमुनी विकास खण्ड की ग्राम पंचायत विजराकोट को गढीधार- उडामांडा मोटर मार्ग से जोडने वाला लिंक मार्ग कलिंका तोक के पास बंद पडा है। दो वर्षो से ग्रामीण कार्यदायी संस्था से छतिग्रस्त पुस्ता निर्माण की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन बार बार आश्वासनो के बाद आज तक छतिग्रस्त पुस्ता निर्माण नहीं किया गया। जिससे ग्राम पंचायत के जखेडा, पुडियास, गैर तोक वासियों को यातायात की परेशानियाँ उठानी पड़ रही है।
पूर्व ग्राम प्रधान नरेश विष्ट का कहना है कि कार्यदायी संस्था ग्राभीणों की बात को अनसुना कर रही है दो साल बीतने को है आज तक छतिग्रस्त पुस्ता निर्माण नहीं किया गया। जिसके कारण गाँव के कुछ तोक के लोग सडक होने के बाद भी यातायात सुविधा से वंचित है।
उधर एनपीसीसी के सहायक अभियन्ता प्रभु माहेश्वरी ने बताया कि पुस्ता निर्माण हेतु डिमांड के अनुरूप धन न मिलने के कारण निर्माण कार्य में देरी हुई है पुनः आवश्यक बित्त की डिमांड भेजी गयी है जो कि कुछ दिनों मे मिलने की सम्भावना है जल्दी ही कार्य शुरू कर दिया जायेगा।

सीएम पुष्कर धामी का ऐलान: अल्मोड़ा बस हादसे में माता पिता को खोने वाली पीड़ित शिवानी की शिक्षा का खर्च उठाएगी राज्य सरकार

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देहरादून। सल्ट अल्मोड़ा बस हादसे में अपने माता-पिता खो चुकी तीन साल की शिवानी की देखभाल और शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। सोमवार को पौड़ी के गौलीखाल से रामनगर आ रही बस सल्ट के मर्चुला के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 36 लोगों की जानें चली गई थी जबकि 27 घायल हो गए थे। इस हृदय विदारक हादसे में तीन साल की शिवानी ने अपने माता-पिता खो दिए। शिवानी जख्मी है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बस हादसे से हम सभी के हृदय को गहरा आघात पहुंचा है। इस कठिन समय में राज्य सरकार ने दुर्घटना में अपने माता-पिता को खोने वाली शिवानी बिटिया की देखभाल और शिक्षा की जिम्मेदारी उठाने का संकल्प लिया है, ताकि वह जीवन में आगे बढ़कर स्वयं और माता-पिता के सपनों को साकार कर सके। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि इस दु:खद घटना में जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। एक मुख्यसेवक और परिवार के सदस्य के रूप में, मैं इस पीड़ा को समझता हूं। कहा कि यह हम सभी का कर्तव्य है कि ऐसे विपरीत समय में एकजुट होकर प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करें और उनके जीवन को पुनः स्थिरता देने में अपना योगदान दें।

बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, नवंबर में बिजली 88 पैसे प्रति यूनिट तक हुई सस्ती

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देहरादून(आरएनएस)। ऊर्जा निगम ने नवंबर महीने के लिए फ्यूल एण्ड पावर पर्चेच कॉस्ट एडजेस्टमेंट का निर्धारण कर लिया है। नवंबर महीने में बिजली की दरों में औसत 88 पैसे प्रति यूनिट तक की कमी आई है। ऊर्जा निगम पांच महीने में बिजली उपभोक्ताओं को 324 करोड़ रुपए तक लौटा चुका है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2024-25 की औसत बिजली खरीद लागत 5.03 रुपए प्रति यूनिट मंजूर की है। इस तय लागत से अधिक खरीद होने पर उपभोक्ताओं से प्रति महीना अधिक वसूली होती है। तय लागत से कम पर खरीद होने की स्थिति में उपभोक्ताओं को पैसा लौटाया जाता है। नवंबर महीने के आने वाले बिजली बिल में घरेलू उपभोक्ताओं को 26 पैसे से लेकर 70 पैसे प्रति यूनिट तक लौटाए जाएंगे। कमर्शियल उपभोक्ताओं को 101 पैसे, एलटी और एचटी उद्योगों को 94 पैसे प्रति यूनिट तक वापस मिलेंगे। मिक्स लोड और रेलवे ट्रैक्शन पर 88 पैसे और इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन का बिजली बिल 84 पैसे प्रति यूनिट तक कम आएगा। सरकारी संस्थानों को 95 पैसे, निजी ट्यूबवेल 31 पैसे, कृषि गतिविधियों के लिए 43 पैसे प्रति यूनिट तक बिजली सस्ती होगी।
324 करोड़ की हुई बचत:   अप्रैल 2024 से सितम्बर 2024 के बीच ऊर्जा निगम की औसत बिजली खरीद लागत 4.71 रुपए प्रति यूनिट रही। बिजली खरीद लागत में 32 पैसे प्रति यूनिट तक की कमी आई। 6.4 प्रतिशत की कमी से बिजली खरीद लागत में 324 करोड़ की बचत हुई। इसी बचत को यूपीसीएल ने रिबेट के रूप में बिजली उपभोक्ताओं को राहत दी।
इस तरह मिली छूट:   जुलाई में उपभोक्ताओं को 30 पैसे, अगस्त में 52 पैसे, सितंबर में 23 पैसे, अक्तूबर में 70 पैसे प्रति यूनिट तक उपभोक्ताओं को राहत मिली। जुलाई में 39.06 करोड़, अगस्त में 67.10 करोड़, सितम्बर में 28.88 करोड़, अक्तूबर में 84.19 करोड़ की छूट मिली है। अब नवंबर महीने में 104.49 करोड़ की बिलों में छूट मिलेगी।
पॉवर परचेज व्यवस्थित रूप से किए जाने का लाभ उपभोक्ताओं को मिल रहा है। लगातार पांच महीने से उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में राहत प्रदान की जा रही है। नवंबर महीने में औसत 88 पैसे प्रति यूनिट तक बिजली बिलों में राहत मिलेगी। पूरा फोकस इसी बात पर किया जा रहा है कि उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर शत प्रतिशत बिजली उपलब्ध कराई जाए।      – अनिल कुमार, एमडी यूपीसीएल

कृषि मंत्री गणेश जोशी की अध्यक्षता में हुई जैविक उत्पाद परिषद की पच्चीसवीं (25वीं) परिषदीय बैठक

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देहरादून, । प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी / अध्यक्ष, जैविक उत्पाद परिषद की अध्यक्षता में राज्य जैविक उत्पाद परिषद की पच्चीसवीं (25वीं) परिषदीय बैठक किसान भवन में आयोजित की गयी। बैठक में जैविक कृषि के विकास एवं कार्मिकों से सम्बन्धित विभिन्न प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये।
बैठक में जैविक उत्पाद परिषद के वर्तमान ढांचे के सुदृढीकरण हेतु 67 नये पदों को सृजित किये जाने का प्रस्ताव पर स्वीकृति प्राप्त हुई है। परिषद में कार्यरत् कार्मिकों का बीमा कराये जाने के प्रस्ताव पर भी सहमति प्राप्त हुई है। प्रदेश में जैविक कृषि के सत्त विकास हेतु ऑर्गेनिक फार्मिंग एक इण्टीग्रेटेड प्रोजेक्ट तैयार कर राज्य सरकार को प्रस्तुत किये जाने पर भी बैठक में सहमति प्राप्त हुई है। प्रदेश में जैविक कृषि से सम्बन्धित प्रशिक्षण सुविधाओं को विकसित करने हेतु राज्य जैविक कृषि प्रशिक्षण केन्द्र मजखाली, अल्मोड़ा को सुदृढ़ किये जाने के प्रस्ताव पर भी अनुमोदन प्राप्त हुआ है। जैविक कृषि से सम्बन्धित अभिलेखों को ऑनलाईन किये जाने तथा परिषद में प्रस्तावित विभिन्न कार्यों के सम्पादन हेतु सेवा प्रदाता एजेंसियों को सूचिवत किये जाने का प्रस्ताव भी बैठक में पारित हुआ है। जैविक उत्पाद परिषद को अब प्रदेश से बाहर भी कार्य करने के प्रस्ताव एवं सी०एस०आर० फण्ड प्राप्त करने के प्रस्ताव पर सहमति हुई है। बैठक का संचालन जैविक उत्पाद परिषद के प्रबन्ध निदेशक द्वारा किया गया। बैठक में विभिन्न विभागों यथा कृषि, रेशम, सगंध पौधा केन्द्र, जड़ी-बूटी केन्द्र, पंतनगर विश्व विद्यालय तथा शासन से कृषि एवं उद्यान विभाग से नामित सदस्य उपस्थित थे। साथ ही तीन मनोनीत सदस्य गिरीश चन्द्र बलूनी, सुरेन्द्र कुमार पंत तथा गोपाल उप्रेती उपस्थित रहे। इस दौरान उन्होंने जैविक परिषद द्वारा लगाए जैविक उत्पादों के स्टालों का अवलोकन भी किया।

देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल का छठा संस्करण 8 नवंबर से होगा शुरू

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-डीडीएलएफ 2024 में साहित्य, सिनेमा और समाज का होगा संगम

देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल के छठे संस्करण का शुभारंभ 8 नवम्बर से होगा, तीन दिन तक चलने वाले इस साहित्यिक और सांस्कृतिक महोत्सव का विषय साहित्य, सिनेमा, समाज है और इसका आयोजन दून इंटरनेशनल स्कूल के सिटी कैंपस में किया जाएगा।
डीडीएलएफ के संस्थापक और निर्माता समरांत विरमानी ने फेस्टिवल की निरंतर यात्रा के बारे में अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, “2017 में अपनी स्थापना के बाद से, डीडीएलएफ ने विभिन्न क्षेत्रों के लेखकों, कवियों, पाठकों, आलोचकों, पत्रकारों और सांस्कृतिक प्रतीकों के एक जीवंत समुदाय को एक साथ लाया है। 10 नवम्बर तक चलने वाले फेस्टिवल के 6वें संस्करण के साथ हमारा लक्ष्य विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों के साथ बातचीत को बढ़ावा देकर साहित्य की पारंपरिक समझ की सीमाओं को पार करना है। इस वर्ष, हम देहरादून शहर के बीचों-बीच यह फेस्टिवल आयोजित करने के लिए रोमांचित हैं, जिससे यह फेस्टिवल सभी साहित्य प्रेमियों के लिए भाग लेने में आसान हो जाएगा, जिससे उन्हें साहित्य, सिनेमा और समाज के अनूठे संगम का अनुभव करने में मदद मिलेगी।”

डीडीएलएफ 2024 के लिए प्रोग्रामिंग पर प्रकाश डालते हुए, समरांत ने कहा, “हमें वक्ताओं की एक प्रतिष्ठित सूची का स्वागत करते हुए गर्व हो रहा है, जिसमें शबाना आज़मी, इम्तियाज़ अली, सलमान खुर्शीद, अनुपमा चोपड़ा, जेरी पिंटो, अभिनव बिंद्रा, वसीम बरेलवी, अविनाश तिवारी, बीर सिंह, रजित कपूर, जानी, साजिद अली, लीना यादव, संध्या मृदुल, प्राची शाह पांड्या, त्रिनेत्र, विनीत कुमार, आदित्य कुलश्रेष्ठ और कई अन्य शामिल हैं। इसके अलावा, हमारे पास उत्तराखंड से मंजुला राणा, अभिनव बिंद्रा, आईपीएस अशोक कुमार, आईपीएस अभिनव कुमार, लोकेश ओहरी, मोना वर्मा, इरा चौहान और ज्योतिका बेदी जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं, जो विचारकों की इस अद्वितीय सभा में अपना योगदान देंगे।”
डीडीएलएफ की एक विशेष पहल ‘शिवानी आयरन लेडी ऑफ़ द हिल्स अवार्ड’ है, जो गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की प्रोफेसर मंजुला राणा को प्रदान किया जाएगा। इस पुरस्कार में 25,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है, और यह पुरस्कार उन महिला हिंदी लेखकों को दिया जाता है जिन्होंने साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और अपने कार्य के माध्यम से महिलाओं की आवाज़ को बुलंद किया है।
फेस्टिवल डायरेक्टर सौम्या कुलश्रेष्ठ ने सत्रों की अनूठी लाइनअप और विविध प्रोग्रामिंग के बारे में अपनी उत्सुकता साझा करते हुए कहा, “डीडीएलएफ 2024 के लिए, हमने कई तरह के सत्र तैयार किए हैं जो भाषा, प्रतिनिधित्व, दृष्टिकोण और कला रूपों में वास्तविक विविधता को दर्शाते हैं। यह फेस्टिवल साहित्य और स्वास्थ्य से लेकर संगीत, कविता और सामाजिक मुद्दों तक के विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करेगा। विशेष रूप से, इस वर्ष हम समलैंगिक प्रतिनिधित्व, समावेशिता, लिंग और महिला लेखकों के साथ-साथ प्रदर्शनकारी और अनुभवात्मक कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करने वाले सत्र पेश कर रहे हैं, सौम्या ने आगे कहा, “इस साल के फेस्टिवल में 100 से अधिक साहित्यिक और सिनेमाई सितारे शामिल होंगे।
दून इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक एचएस मान ने डीडीएलएफ की मेजबानी पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “दून इंटरनेशनल स्कूल को पिछले कई सालों से देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल की मेजबानी करने का सम्मान मिला है, और इतने वर्षों की मेहनत से हम सभी ने मिलकर इस विरासत को बनाया है। देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल में प्रवेश निःशुल्क है।

सीएम धामी ने मे.ज. जीडी बख्शी द्वारा लिखित पुस्तक ए हिस्ट्री ऑफ हिंदुइज्म का किया विमोचन

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देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को टोंस ब्रिज स्कूल में मेजर जनरल जी.डी. बख्शी (से.नि.) द्वारा लिखित पुस्तक ए हिस्ट्री ऑफ हिंदुइज्म का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अल्मोड़ा बस हादसे में दिवंगत हुए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिजनों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेजर जनरल जी.डी बक्शी (से.नि) की यह पुस्तक अवश्य पाठकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। जी.डी बक्शी एक सैन्य अधिकारी के साथ महान राष्ट्रवादी और विभिन्न विषयों के जानकार एंव विचारक भी हैं। सामरिक मामलों के विशेषज्ञता के साथ ही उन्होंने सेना में अनेक विशिष्टाएं प्राप्त की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ए हिस्ट्री ऑफ हिंदुइज्म पुस्तक, इतिहास, सभ्यता और सांस्कृतिक धरोहरों को नई दृष्टि से प्रस्तुत करने का बेहतरीन प्रयास है। इस पुस्तक में हमारे महान धर्म की सांस्कृतिक परंपराएं, आत्मा की अभिव्यक्ति एवं विरासत का व्यापक और समावेशी उल्लेख किया गया है। पुस्तक में बताया गया है कि कैसे हमारी सभ्यता ने ज्ञान विज्ञान, दर्शन और आधुनिकता के माध्यम से समूचे विश्व को दिशा देने काम किया है। पुस्तक में युद्ध कला, वैदिक दर्शन, योग जैसी परंपराओं का उल्लेख करते हुए युवा पीढ़ी को उससे परिचित करवाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा सनातन संस्कृति विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति है। हमारे धर्म में अनेक पहलू ऐसे हैं जो हमें सबसे अलग और सर्वेश्रेष्ठ बनाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे ऋषि मुनियों ने ऐसे महान ग्रंथों की रचना की जो हमारी गहनता व्यापकता और वैज्ञानिकता के कारण प्रासंगिक है। इस पुस्तक में भारतीय सैन्य पुनरुत्थान का भी उल्लेख किया गया है। पुस्तक में स्वतंत्रता के बाद हमारे समाज को बांटने का काम करने वाली देश विरोधी शक्तियों का भी उल्लेख किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत में एक मजबूत सरकार है। मोदी सरकार में अनेक ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। दुनिया में भारत का मान सम्मान स्वाभिमान बढ़ा है। आज हर बड़े विषयों पर पूरी दुनिया भारत के रुख का इंतजार करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संवारने का कार्य हो रहा है। इसी का परिणाम है कि अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार हुआ है। देश के अंदर तीन तलाक का अंत हुआ है। दुश्मन देश पर सर्जिकल स्ट्राइक का निर्णय, कश्मीर से धारा 370 को हटाने एंव सीएए को लागू करने जैसे अनेक निर्णय लिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में यूसीसी का विधेयक पारित हो गया है और बहुत जल्द लागू भी होने वाला है। हाल ही में मंत्रीमंडल द्वारा दून विश्वविद्यालय में हिंदू अध्ययन केंद्र की स्थापना करने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने युवाओं से नशे से दूर रखकर नशा मुक्त उत्तराखंड बनाने में अपना योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा इसके लिए अन्य लोगों को भी जागरूक करना है। इस अवसर पर मेजर जनरल जी.डी बक्शी (से.नि), चेयरमैन टोंस ब्रिज स्कूल श्री विजय नागर एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

उत्तराखंड़ राज्य पर बातचीत और बंजारा जनकवि डॉ. अतुल शर्मा डाक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन

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देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), दून पुस्तकालय एंव शोध केन्द्र के सभागार में कवि व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अतुल शर्मा के व्यक्तित्व व कृतित्व पर केंद्रित एक डाक्यूमेंट्री फिल्म बंजारा जनकवि डॉ. अतुल शर्मा प्रदर्शित की गयी। इसका निर्देशन सुशील यादव ने और सम्पादन शान्तनु ममगांई ने किया है। इसके बाद उत्तराखंड राज्य आंदोलन का निर्णायक मोड़ व उत्तराखंड राज्य: वर्तमान और भविष्य पर एक चर्चा आयोजित हुई इसमें मुख्य वक्ता रविन्द्र जुगरान व वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र नेगी रहे।
कवयित्री रंजना शर्मा ने बताया कि इस डाक्यूमेंट्री फिल्म डॉ. अतुल शर्मा की दिनचर्या में सामाजिक प्रतिबद्ध चेतना दर्शाती है। साहित्य में वैचारिक परिक्वता जनगीतों के माध्यम से सामने आयीं। सामाजिक कार्यकर्ता रविन्द्र जुगरान ने कहा कि जनकवि के रुप मे डॉ. अतुल शर्मा ने इस डाक्यूमेंट्री फिल्म में नदी और पर्वतीय जनजीवन की ज़रूरतों पर भी विचार व्यक्त किये हैं।
डाक्यूमेंट्री फिल्म के निर्देशक सुशील यादव ने कहा कि यह फिल्म एक वर्ष में तैयार हुई है। देहरादून ऋषिकेश खलंगा दून लाईब्रेरी में इसकी शूटिंग की गयी है। जिसमें डा. अतुल की सहजता उभर कर सामने आयी है। डॉ. शर्मा की पचास साल की साहित्य साधना को आधे घंटे मे बांधना एक चुनौती रही। साहित्य को सरलता और संघर्ष के साथ जीना ही उनकी कला है।
इस के बाद उत्तराखंड राज्य: वर्तमान और भविष्य पर एक विशेष चर्चा की गयी। मुख्य वक्ता रविन्द्र जुगरान और उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के सांस्कृतिक परिदृश्य पर वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र नेगी ने सवाल पूछे।
उत्तराखण्ड की दिशा और दशा पर गहन चर्चा की। रविन्द्र जुगरान ने कहा कि रामपुर तिराहा कांड उत्तराखंड आन्दोलन का महत्वपूर्ण मोड़ था। उन्होंने उस वक्त का आंखों देखा हाल भी सुनाया। उन्होंने कहा कि यह अफसोस बात है कि अभी तक आन्दोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड नहीं बन पाया है। सत्ताऐं बदलती रहीं पर हालात नहीं बदले। आज हमें मिलकर भ्रष्टाचार और अवसर वादिता के विरुद्ध आवाज उठानी होगी और एक खुसहाल राज्य की ओर अग्रसर होना होगा।
जनकवि डा अतुल शर्मा ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन ने उनके लिखे जन गीत लड़ के लेगे उत्तराखंड मे पांच बातों पर बल दिया गया था, पानी, पलायन, पर्यावरण, पहचान व पर्यटन। आज भी वह इस उत्तर की तलाश में है। उन्होंने इस जनगीत की पंक्ति सुनाई नदी पास है मगर ये पानी दूर दूर क्यों।
प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एंव शोध केन्द्र के प्रोगाम एसोसिएट ने चन्द्रशेखर तिवारी ने सभागार में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया और कहा कि डॉ. शर्मा पर बनी यह डाक्यूमेंट्री पहाड़ों में हुई घटनाओं की कविता का एक दस्तावेज है।
कार्यक्रम के अंत में जनकवि डॉ. अतुल शर्मा का लिखा जन गीत सुशील यादव ने गाया,अपनी राह कबीलों वाली जाये सभी के द्वारे, हम बंजारे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लेखक आन्दोलनकारी, कवि, समाजसेवी और बुद्धिजीवी मौजूद रहे।

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