Saturday, May 24, 2025
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मेडिकल काॅलेजों में निकली फार्मासिस्टों की भर्ती

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देहरादून, उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा चिकित्सा शिक्षा उत्तराखण्ड विभागान्तर्गत राजकीय मेडिकल कॉलेज में फार्मासिस्ट (भेषज) के रिक्त 73 पदों पर सीधी भर्ती के माध्यम से चयन हेतु ऑनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित किए हैं। रिक्तियों की संख्या घट-बढ़ सकती है। इच्छुक अभ्यर्थी बोर्ड की वेबसाइट www.ukmssb.org पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं l

उद्योगपति मुकेश अंबानी ने बदरी-केदार के किये दर्शन, दान में दिये पांच करोड़

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चमोली, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी ने आज श्री बदरीनाथ धाम तथा श्री केदारनाथ धाम के दर्शन किये। श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी आज प्रात:पहले श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को आये ।उसके पश्चात श्री केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे हैं।
श्री केदारनाथ धाम में बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने उद्योगपति मुकेश अंबानी का स्वागत किया। बताया कि दोनों धामों को उद्योगपति मुकेश अंबानी ने पांच करोड़ की धनराशि दानस्वरूप दी है।

खाई में गिरने से स्थानीय व्यापारी की मौत, नदी किनारे मिला शव

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रुद्रप्रयाग- बेलनी में एक स्थानीय युवक की खाई में गिरने से मौत हो गई है। सुबह ढूंढ खोज करने पर घर के पास ही अलक नंदा नदी किनारे युवक को मृत पाया गया। सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस, डीडीआरएफ सहित बडी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। मृतक वेलणी निवासी स्थानीय ब्यापारी था।
घटना बीती रात की बताई जा रही है बेलनी पुल के पास पहाड़ी से पैर फिसलने के कारण स्थानीय ब्यापारी खाई गिर गया। यह युवक बेलनी में दुकान संचालित करता था। रात्रि किसी को इस घटना की जानकारी नहीं मिल पाई, किंतु जब युवक घर नही पहुचा तो, परिजन खोजबीन करते रहे। दुकान के समीप घटनास्थल से उसके चप्पल बरामद हुए। जिससे युवक के गिरने का शक जाहिर हुआ। इसके बाद नदी किनारे जाकर देखा गया तो युवक का शव नदी किनारे मिला। इस घटना से समूचे रुद्रप्रयाग में शोक की लहर है।स्थानीय लोगों व व्यापारियों ने घटना पर दुःख व्यक्त किया है। कोतवाली निरीक्षक राजेंद्र सिंह रौतेला ने बताया कि मृतक 45 वर्षीय प्रकाश नेगी पुत्र रणजीत सिंह नेगी निवासी ग्राम सतेरा हाल निवासी बेलनी रुद्रप्रयाग की बेलनी में मकान व दुकान थी, बीती रात यह घटना हुई है। जिससे युवक की मौत हो गई है। बताया कि शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरते हुए पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया गया है।

बेहतर संपर्क मार्ग हेतु स्टील सेतु का निर्माण अत्यंत महत्वपूर्ण:  महाराज

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देहरादून(आरएनएस)।  उत्तराखंड के विकास में बुनियादी ढांचे का विकास करना एक बड़ी चुनौती है। प्रदेश में तेजी से बढ़ते आवागमन और बेहतर संपर्क मार्ग हेतु स्टील सेतु का निर्माण अत्यंत महत्वपूर्ण है। पारंपरिक पुलों की तुलना में यह पुल कम समय में तैयार हो जाते हैं और आपातकालीन स्थितियों में बहुत लाभकारी हैं। उक्त बात प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने शनिवार को हरिद्वार-बाईपास रोड स्थित होटल शेफर्ट सरोवर प्रीमियर में इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ ब्रिज एंड स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के भारतीय राष्ट्रीय समूह (आईएनजी-आईएबीएसई), सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली और लोक निर्माण विभाग, उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय स्टील  सेतु के डिजायन, निर्माण एवं रख रखावष् कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि स्टील सेतु हल्के होने के साथ-साथ मजबूत और जलवायु के उतार-चढ़ाव को झेलने में सक्षम होते हैं। जरूरत पड़ने पर स्टील सेतु के हिस्सों को बदला भी जा सकता है और इसके रखरखाव पर खर्च भी काम आता है।
लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि बरसात और भूस्खलन के दौरान कई बार पुराने पुलिया रास्ते क्षतिग्रस्त हो जाते हैं इनकी जगह अब इस प्रकार के टिकाऊ सेतु बनाए जा रहे हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में राज्य के 13 जनपदों में राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग, मुख्य जिला मार्गों और ग्रामीण मार्गों की 9192 सड़कों का कुल 46742 किमी लंबाई का विशाल नेटवर्क है। इन मार्गों पर कुल 2238 मोटर सेतु, 31 फुटओवर सेतु, 04 फ्लाई ओवर, 24 रोड़ ओवर ब्रिज और 1021 पैदल सेतुओं का निर्माण किया गया है, जिनका रखरखाव लोक निर्माण विभाग के अधीन है। पुराने स्टील सेतु के साथ-साथ दीर्घ अवधि तक सेतु सुरक्षित एवं उपयोगी बने रहे इसके लिए कार्यशाला में सेतुओं के रखरखाव की नवीन तकनीकी पर चर्चा होगी ऐसी मुझे उम्मीद है।
महाराज ने स्टील  सेतु के डिजायन, निर्माण एवं रख रखावष् कार्यशाला के लिए देहरादून का चयन करने परआईएनजी और आईएबीएसई का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि निश्चित रूप से इस कार्यशाला में हुई चर्चा की परिणाम स्वरूप सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
कार्यशाला के दौरान उपस्थित केंद्रीय राज्य सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे मंत्रालय द्वारा पूरे देश में जितने भी स्टील पुल और बिल्डिंग स्ट्रक्चर बनाये जाते हैं उसमें नई तकनीकी की जानकारी देने के लिए हर साल देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं। इस बार इसके लिए हमारे राज्य उत्तराखंड को चुना गया जो हमारे लिए सौभाग्य की बात है। इस कार्यशाला के माध्यम से हमारे इंजीनियरों को विश्व के अन्य देशों में अपनायी जा रही तकनीक की जानकारी प्राप्त होने के साथ-साथ उसे सीखने का भी मौका मिलेगा।
इस मौके पर महानिदेशक (सड़क विकास) एवं विशेष सचिव, सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार तथा आईएनजी-आईएबीएसई के अध्यक्ष धर्मेंद्र सारंगी, आईएनजी-आईएबीएसई के सचिव बी.के. सिन्हा, साइंटिफिक कमेटी के अध्यक्ष डॉ. हर्षवर्धन सुब्बाराव, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता एवं विभाग अध्यक्ष दीपक कुमार यादव मोर्थ के एडीजी सुदीप चौधरी राष्ट्रीय राजमार्ग के मुख्य अभियंता दयानंद आदि मौजूद थे।

मुख्यमंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष के बीच राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा

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देहरादून(आरएनएस)।   मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी के साथ राज्य से जुड़े अहम विषयों पर बैठक की। मुख्यमंत्री ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष का देवभूमि उत्तराखण्ड में स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि उत्तराखण्ड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। राज्य में पर्वतीय, मैदानी, भाबर और तराई क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा, वनाग्नि, पलायन और फ्लोटिंग जनसंख्या बड़ी चुनौती है। दो देशों की अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे होने के कारण उत्तराखण्ड सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया कि हिमालयी राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नीतियों का निर्धारण किया जाए। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों की आजीविका में वृद्धि के लिए विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी किया। इससे पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन जैसी बड़ी समस्या का समाधान होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर कार्य कर रही है, इसके दीर्घकालिक परिणाम गेम चेंजर साबित होंगे। “नदी-जोड़ो परियोजना“ के क्रियान्वयन के लिए अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है जिसके लिये उन्होंने  इसके नीति आयोग से तकनीकी सहयोग के लिए अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की जनसख्या मूल रूप से लगभग सवा करोड़ है, लेकिन धार्मिक और पर्यटन प्रदेश होने की वजह से राज्य में इससे 10 गुना लोगों की आवाजाही है। राज्य में फ्लोटिंग जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए आधारभूत और बुनियादी सुविधाओं के विकास की आवश्यकता होती है। उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया राज्य में फ्लोटिंग आबादी को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए नीति बने।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील राज्य है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य को प्रत्येक साल जन-धन की काफी क्षति होती है। राज्य में विकसित किया गया इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राकृतिक आपदाओं के कारण काफी प्रभावित होता है। उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य की प्राकृतिक आपदाओं को ध्यान में रखते हुए नीति बनाई जाय। उन्होंने कहा कि वनाग्नि भी राज्य की बड़ी समस्या है। राज्य में वनाग्नि की चुनौतियों से समाधान के लिए राज्य को पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता होगी। राज्य के सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए भी विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी मुख्यमंत्री ने किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में लिए ’सशक्त उत्तराखण्ड पहल“ वर्ष 2022 में आरम्भ किया गया, जिसके अन्तर्गत आगामी पांच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में हमने राज्य की आर्थिकी वर्ष 2022 के सापेक्ष 1.3 गुना हो चुकी है। हमने इस लक्ष्य को पूरा करने हेतु अल्पकालीन, मध्यकालीन एवं दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किये है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखण्ड को प्रथम स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज बैठक में राज्य की प्रमुख चुनौतियों से संबंधित जिन विषयों पर चर्चा हुई है, इन सभी विषयों पर हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के आकांक्षी जनपदों और विकासखण्डों के विकास के लिए भी नीति आयोग द्वारा हर संभव सहयोग दिया जायेगा।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड के सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी,  मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरं के. सुधांशु, राज्य सलाहकार नीति आयोग, भारत सरकार सोनिया पंत, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, एस.एन.पाण्डेय, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे, सीपीपीजीजी के एसीईओ डॉ. मनोज पंत उपस्थित थे।

दूसरे दिन गोर्खा दशैं-दीपावली महोत्सव मेला का सीएम धामी ने किया शुभारंभ…

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देहरादून- गोरखा दशै: दीपावली महोत्सव के आज दूसरे दिन मेले में पहुंचे मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने मेले का विधिवत रूप से शुभारंभ किया I कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में नेपाल देश के राजदूत डॉ सुरेंद्र थापा, विशिष्ट अतिथि के रूप में जसपाल सिंह सौंधी, (प्रोपराइटर पाल ज्वैलर्स), विधायक  विनोद चमोली,  इंद्र पुंन,महासचिव,(भेरी यातायात प्राइवेट लिमिटेड), प्रमोद धिताल कोषाध्यक्ष, (भेरी यातायात प्राइवेट लिमिटेड), श्री बलराज मित्तल (मित्तल क्लॉथ हाउस),श्री विक्रम थापा (प्रोपराइटर जय दुर्गे एसोसिएट्स), अभिषेक शाही (प्रदेश संयोजक गोरखा प्रकोस्ट भाजपा), कैंट बोर्ड गढ़ी के सीईओ हरेंद्र सिंह,  चंद्रवीर गायत्री (आंचलिक फिल्म एसोसिएशन के अध्यक्ष), राजेंद्र गिरी जी,कर्नल आदित्य श्रीवास्तव (कर्नल वेटेरन , सब एरिया मुख्यालय,उत्तराखंड), कुणाल शमशेर मल्ला (अध्यक्ष,ओलम्पस हाई स्कूल ), मामचंद वर्मा (पार्षद वार्ड नंबर 85),  सुशांत वोहरा पार्षद वार्ड नंबर एक, आनंद थापा(आनंद टायर सर्विस कि मालिक)  रणजीत धामी(सामाजिक कार्यकर्ता) मौजूद रहे।May be an image of 8 people

वीर गोर्खा कल्याण समिति के अध्यक्ष कमल थापा ने मुख्य अतिथि माननीय श्री पुष्कर सिंह धामी जी एवं अति विशिष्ट अतिथि डॉ सुरेंद्र थापा,(नेपाल के राजदूत) एवं कार्यक्रम में उपस्थित सभी मेहमानों का धन्यवाद किया I उन्होंने बताया कि कलाकारों ने गोरखाली संस्कृति के विभिन्न रंग,कला,गीतों को दिखाकर गोरखाली संस्कृति के बारे में बताया। नेपाल की महिलाओं ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। विभिन्न प्रकार के स्टॉलों में गोर्खाली पारम्परिक वेष-भूषा एवं परिधानों की प्रदर्शनी में दिवाली के शुभ अवसर पर खरीदारी शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि ढाका धागा आज का मुख आकर्षण का केंद्र रहा IMay be an image of 6 people and text

गोर्खा दशैं-दीपावली महोत्सव-2024 मेले के दूसरे दिन नेपाली हथकरघा से बने उत्पादों का बोलबाला रहा। ढाका धागा से बने उत्पाद जैसे,ढाका टोपी,नेपाली साड़ी,घलक,लुंगी व नेपाली परम्परिक वस्त्रो ने लोगो का ध्यान अपनी ओर खींचा,वही साथ ही नेपाली संस्कृति से जुड़े आभूषणों,टोपे,छटके तिलेरी जैसे सुन्दर गहने भी किस अवसर पर मेले में आकर्षण का केंद्र रहे।

वीर गोर्खाकल्याण समिति के महासचिव विशाल थापा ने बताया कि महोत्सव में गोरखाली संस्कृति की धूम रही। उन्होंने कहा कि तीन दिन तक चलने वाले गोर्खा दशैं-दीपावली महोत्सव में नेपाल क्षेत्र की सदियों पुरानी संस्कृति,सभ्यता,परंपराओं और जनजातीय जीवन शैली की अनुपम झलक देखने को मिलती है।

कार्यक्रम में वीर गोर्खाकल्याण समिति के कोषाध्यक्ष टेकु थापा ने बताया कि मेले के दूसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ भारत और नेपाल के कलाकारो और उनके संस्कृतियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। महोत्सव में पहुंचे मेहमानों ने गोरखा व्यंजनों का भी स्वाद भी चखा। इसमें प्रमुख रूप से सेल रोटी और गोरखा चटनी शामिल है IMay be an image of 6 people, people dancing and text

समिति के सांस्कृतिक सचिव देवकला दीवान ने बताया कि गोर्खा दशैं-दीपावली महोत्सव-2024 मेले के दूसरे दिन वीर गोर्खाकल्याण समिति के बच्चों में कोरियो ग्राफ्रर निशा राना मगर , कोडिनेट यामु राना मगर , अनुष्का थापा,समिक्षा राई, झरना गुरुङ्ग,लक्ष्मी तामाङ्ग , कम्रु तामाङ,तनिषा थापा ने नेपाली परंपरागत तामाङ सेलो डांस की प्रस्तुति दी गई साथ ही खुखरी डांस की प्रस्तुति भी दी गई I वीर गोर्खा कल्याण समिति के सचिव श्री देविन शाही ने नेपाली गाने की प्रस्तुति दी। नेपाली लोकगायीका निर्जरा गुरुंग द्वारा सुन्दर-सुन्दर गाने से लोगों का दिल जीत लिया। इस मौके पर हिन्दी गानों पर उत्तराखंड की जानी मानी लोकगायीका कलाकार सोनाली राई ने टक्कान-टुकउन और कश्मीरयी पछाऊरी दर्शको के सामने प्रस्तुत की I

कार्यक्रम में वीर गोर्खा कल्याण समिति के अध्यक्ष कमल थापा,वरिष्ठ उपाध्यक्ष उर्मिला तामाङ कर्नल माया गुरुंग,उपाध्यक्ष सूर्य बिक्रम शाही,महासचिव विशाल थापा,कोषाध्यक्ष टेकु थापा,सचिव देविनशाही, सहसचिव आशु थापा, सांस्कृतिक सचिव देवकला दीवान,सह सांस्कृतिक सचिव करमिता थापा,संगठन मंत्री लोकेश बन, जनरल राम सिंह प्रधान मुख्य संरक्षक वीर गोरख कल्याण समिति, सोनू गुरुंग, ज्योति राना,सोना शाही,एन बी थापा,बुद्धेश राई,यामु राना, मीन गुरुंग,बबिता गुरुंग,सुरेश राई,तुला राना, अनीता प्रधान,नरेंद्र थापा, पूरन बहादुर थापा मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन वीर गोर्खा कल्याण समिति के सचिव श्री देविन शाही ने कियाI कार्यक्रम में मधुसूदन शर्मा, सोनाली राई, साहील थापा सहयोगी रहे।

राज्य के सामरिक महत्व को देखते हुए नीति बने-सीएम

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मुख्यमंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष के बीच राज्य से जुडे विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा

पर्वतीय राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नीति बनाने का सीएम ने किया अनुरोध।

देहरादून, मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी के साथ राज्य से जुड़े अहम विषयों पर बैठक की। मुख्यमंत्री ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष का देवभूमि उत्तराखण्ड में स्वागत किया।

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि उत्तराखण्ड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। राज्य में पर्वतीय, मैदानी, भाबर और तराई क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा, वनाग्नि, पलायन और फ्लोटिंग जनसंख्या बड़ी चुनौती है। दो देशों की अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे होने के कारण उत्तराखण्ड सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया कि हिमालयी राज्यों की भौगोलिक परिस्थियों को ध्यान में रखते हुए नीतियों का निर्धारण किया जाए। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों की आजीविका में वृद्धि के लिए विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी किया। इससे पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन जैसी बड़ी समस्या का समाधान होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर कार्य कर रही है, इसके दीर्घकालिक परिणाम गेम चेंजर साबित होंगे। “नदी-जोड़ो परियोजना“ के क्रियान्वयन के लिए अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है जिसके लिये उन्होंने इसके नीति आयोग से तकनीकी सहयोग के लिए अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की जनसख्या मूल रूप से लगभग सवा करोड़ है, लेकिन धार्मिक और पर्यटन प्रदेश होने की वजह से राज्य में इससे 10 गुना लोगों की आवाजाही है। राज्य में फ्लोटिंग जनंसख्या को ध्यान में रखते हुए आधारभूत और बुनियादी सुविधाओं के विकास की आवश्यकता होती है। उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया राज्य में फ्लोटिंग आबादी को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए नीति बने।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील राज्य है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य को प्रत्येक साल जन-धन की काफी क्षति होती है। राज्य में विकसित किया गया इन्फ्रास्टक्चर प्राकृतिक आपदाओं के कारण काफी प्रभावित होता है। उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य की प्राकृतिक आपदाओं को ध्यान में रखते हुए नीति बनाई जाय। उन्होंने कहा कि वनाग्नि भी राज्य की बड़ी समस्या है। राज्य में वनाग्नि की चुनौतियों से समाधान के लिए राज्य को पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता होगी। राज्य के सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए भी विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी मुख्यमंत्री ने किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में लिए ’सशक्त उत्तराखण्ड पहल“ वर्ष 2022 में आरम्भ किया गया, जिसके अन्तर्गत आगामी पांच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में हमने राज्य की आर्थिकी वर्ष 2022 के सापेक्ष 1.3 गुना हो चुकी है। हमने इस लक्ष्य को पूरा करने हेतु अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक रोडमेप तैयार किये है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखण्ड को प्रथम स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज बैठक में राज्य की प्रमुख चुनौतियों से संबंधित जिन विषयों पर चर्चा हुई है, इन सभी विषयों पर हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के आकांक्षी जनपदों और विकासखण्डों के विकास के लिए भी नीति आयोग द्वारा हर संभव सहयोग दिया जायेगा।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड के सेतु आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजशेखर जोशी, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आरं के. सुधांशु, राज्य सलाहकार नीति आयोग, भारत सरकार सोनिया पंत, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुदंरम, श्री शैलेश बगोली, श्री एस.एन.पाण्डेय, अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदण्डे, सीपीपीजीजी के एसीईओ डॉ. मनोज पंत उपस्थित थे।

राज्य स्थापना दिवस विशेष – महिला सशक्तिकरण 24 साल के सफर में आधी आबादी ने भरी ऊंची उड़ान

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देहरादून। पृथक उत्तराखण्ड राज्य के गठन में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। पलायन प्रभावित कई पहाड़ी जिलों में तो महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। इस कारण महिलाओं को पहाड़ के लोक जीवन की धुरी भी कहा जाता है। अच्छी बात यह है उत्तराखण्ड राज्य के अब तक के 24 साल के सफर में महिलाएं अब हर ऊंचाई को छूती नजर आ रही है।
उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद से ही सरकारों ने कई कदम उठाए हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं। एक बड़ा सकारात्मक बदलाव, निकाय और त्रिस्तरीय पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने से सामने आया। इससे अब विभिन्न स्तर पर महिला नेतृत्व उभरता हुआ नजर आने लगा है। वर्तमान सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए, अब सहकारी समितियों में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया है। साथ ही पुष्कर सिंह धामी सरकार ने उत्तराखण्ड की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण फिर लागू कर दिया है। राज्य की वर्तमान मुख्य सचिव भी एक महिला हैं। साथ ही कई जिलों में जिलाधिकारी के साथ ही पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी तक महिलाएं उठा रही हैं।

उच्च शिक्षा में नया आयाम
उच्च शिक्षा में भी छात्राओं की संख्या बढ़ती जा रही है, प्रदेश सरकार बालिका शिक्षा के लिए कई तरह से प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए नंदा गौरा योजना के तहत बेटी के जन्म के साथ ही 12 हजार और 12वीं पास करने पर 51 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है। साथ ही बेटी के जन्म पर मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट भी उपलब्ध कराई जा रही है।

तिलू रौतेली पुरस्कार
उत्तराखंड सरकार हर साल वीरांगना तीलू रौतेली के जन्मदिन पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखलनीय कार्य करने वाली उत्तराखंड की महिलाओं को राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरसकार प्रदान करती है। इस पुरस्कार के तहत 51 हजार की धनराशि, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। सरकार प्रत्येक जिले में कामकाजी महिला हॉस्टल भी शुरू करने जा रही है, देहरादून, हरिद्वार में इस तरह के हॉस्टल शुरू भी हो चुके हैं। जहां घर से दूर रहने वाली महिलाओं को सस्ती दरों पर सुरक्षित आवासीय सुविधा मिलती है।

हो रहा आर्थिक सशक्तिकरण
सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए, महिलाओं के नाम प्रापर्टी खरीदने पर, स्टाम्प ड्यूटी में भी छूट दे रही है। सरकार महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लखपति दीदी योजना भी चला रही है। इसमें स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी प्रत्येक महिला की सालाना आय एक लाख के पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें महिलाओं को कृषि उत्पाद, दुग्ध उत्पादन, सिलाई कढ़ाई के साथ ही रसोई गैर वितरण, प्रारंभिक पशु चिकित्सा सेवा, बीमा योजना, डिजिटल लेनदेन का प्रशिक्षण देकर आजीविका से जोड़ा जा रहा है। साल 2022 में शुरू की गई इस योजना के सफल परिणाम अब सामने आने लगे हैं। प्रदेश में एक लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। अब प्रदेश सरकार ने लक्ष्य बढ़ाते हुए 2026 तक कुल 2.50 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है। योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों का कारोबार शुरू करने के लिए पांच लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त लोन दिया जा रहा है। इसी तरह मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के तहत भी समूहों की आय बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

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प्रदेश सरकार मातृशक्ति को समर्पित है। हमारी सरकार की कोशिश है कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हो, इसके लिए सरकार महिला समूहों के जरिए कई योजना चला रही है। साथ ही महिलाओं को स्वरोजगार के लिए भी लोन दिया जा रहा है। इसी सोच के चलते सरकारी नौकरियों में महिला आरक्षण लागू किया गया है। प्रदेश में जल्द लागू होने जा रही समान नागरिक संहिता भी महिलाओं को आर्थिक सामाजिक तौर पर सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सनातन परंपरा तथा संस्कृति को संवर्धित करने में युवाओं का होगा अहम योगदान : प्रो बत्रा

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हरिद्वार (कुलभूषण शर्मा ) एस.एम.जे.एन. (पी.जी.) काॅलेज में आज मेंहदी भरे हाथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मेंहदी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें महाविद्यालय की छात्राओं ने बहुत उत्साह के साथ प्रतिभाग किया तथा गौरैया संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ जैसे समसामयिक विषयों पर सुंदर मेंहदी लगाई। इस प्रतियोगिता में काॅलेज की बी.ए. पंचम सेमेस्टर की छात्रा पूजा गौड़, तनु, जौरिया नाज द्वारा प्राध्यापिकाओं व छात्राओं को मेहन्दी लगायी गयी।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने आने वाले त्योहारों की शुभकामनायें प्रेषित करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन का उद्देश्य छात्राओं में रचनात्मक प्रतिभा एवं उनकी कौशल सम्वर्धन को बढा़वा देना है। उन्होंने कहा कि त्योहारों से पूर्व आयोजित मेंहदी प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रम युवाओं को सनातन परंपरा एवं संस्कृति से जोड़ने का कार्य करते हैं। इस अवसर पर श्रीमती नेहा बत्रा ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से छात्राओं के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और उन्होंने महाविद्यालय प्रशासन को ऐसे सफल आयोजन के लिए साधुवाद दिया। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की छात्रा अंशिका तथा मानसी ने नृत्य की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर बोलते हुए अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ संजय माहेश्वरी ने कहा कि आज समाज में अर्न विद लर्न तथा कौशल संवर्धन की नितांत आवश्यकता हैं। प्रतियोगिता में एकता वर्मा को प्रथम, शालिनी तथा साक्षी को द्वितीय, हुस्ना तथा अनुराधा को तृतीय जबकि अर्शी अंसारी को सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ। इस अवसर पर निर्णायक मंडल के रूप में अमिता मल्होत्रा, डॉ मोना शर्मा, रुचिता सक्सेना तथा डॉ पल्लवी ने मुख्य भूमिका निभाई। जबकि कार्यक्रम का संयोजन मुख्य रूप से अमिता मल्होत्रा, डॉ मोना शर्मा, डॉ मीनाक्षी शर्मा, प्रशिक्षु गौरव बंसल तथा प्रशिक्षु अर्शिका द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्रीमती अंशु सोही, डॉ मनोज कुमार सोही, डाॅ. शिवकुमार चौहान, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. रजनी सिंघल, डाॅ. सरेाज शर्मा, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, डाॅ. पदमावती तनेजा आदि उपस्थित रहे।

 

हरिद्वार में आयोजित टूर्नामेंट में अपनी खेल प्रतिभा का जोरदार प्रदर्शनMay be an image of 6 people, people playing basketball and text

हरिद्वार (कुलभूषण शर्मा ) द्वितीय मा गंगा ऑल इंडिया इन्विटेशनल बॉस्केटबॉल टूर्नामेंट के तीसरे दिन कई रोचक मुकाबले खेले गए जिनमें पहला मैच नॉर्दर्न रेलवे एवं सी आई एस एफ के बीच खेला गया जिसमें सीआईएसफ ने 65–57 से जीत दर्ज की दूसरा मैच वेस्टर्न रेलवे एवं बैंक ऑफ़ बड़ौदा के बीच खेला गया जिसमें बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने 83–50 से जीत जीत दर्ज की तीसरा मैच एयरफोर्स वर्सेस दिल्ली के बीच खेला गया जिसमें एयरफोर्स ने 72–56 से जीत दर्ज की चौथा मैच आर्मी रेड और चंडीगढ़ के बीच खेला गया जिसमें आर्मी रेड ने 73–54 से जीत दर्ज की पांचवा मैच सीआईएसफ और उत्तराखंड के बीच खेला गया जिसमें सीआईएसएफ ने 67–54 से जीत दर्ज की प्रतियोगिता का छठा मैच वेस्टर्न रेलवे और दिल्ली के बीच खेला गया जिसमें वेस्टर्न रेलवे ने 47– 32 से जीत दर्ज की सातवां मैच ईस्टर्न रेलवे और बैंक ऑफ़ बड़ौदा के बीच खेला गया जिसमें बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने 78–75 से जीत दर्ज की
समाचार लिखे जाने तक नॉर्दर्न रेलवे और चंडीगढ़ के बीच मैच जारी था
द्वितीय सत्र में खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त करते हुए उत्तराखंड बास्केटबॉल के अध्यक्ष संजय चतुर्वेदी ने कहा कि खेलों से खिलाड़ियों का एक और जहां शारीरिक विकास होता है वहीं उनमें आगे बढ़ाने की क्षमता का भी विकास होता है खेल में हार जीत महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि महत्वपूर्ण है उसमें प्रतिभा करना और यही कारण है कि देशभर के खिलाड़ी आज हरिद्वार में आयोजित टूर्नामेंट में अपनी खेल प्रतिभा का जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि हमारे उत्तराखंड राज्य के खिलाड़ी भी राष्ट्रीय स्तर पर हमारे प्रदेश का नाम रोशन करेंगे आज के आयोजन में युवा तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष उज्ज्वल पंडित, जिला खेड़ा अधिकारी श्रीमती शबाली गुरुंगजुगराज सिंह संजय चौहान विकास तिवारी इंद्रेश गौड़ अमित शर्मा योगेश शर्मा आलोक चौधरी सचिव मनदीप ग्रेवाल गगन यादव शिवम आहूजा अविनाश झा आदि उपस्थित रहे

केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के दृष्टिगत एसपी रुद्रप्रयाग द्वारा दिये गये आवश्यक दिशा-निर्देश

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रुद्रप्रयाग-केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव को सकुशल सम्पन्न कराने हेतु रुद्रप्रयाग पुलिस ने भी कमर कस ली है, उपचुनाव को लेकर अपनी तैयारियों को पूर्ण रूप देने के लिए पुलिस कार्यालय रुद्रप्रयाग में पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग अक्षय प्रहलाद कोंडे ने जनपद रुद्रप्रयाग के केदारनाथ विधानसभा में दिनांक 20.11.2024 को होने वाले उपचुनाव के दृष्टिगत जनपद के समस्त थाना प्रभारियों के साथ विधानसभा उपचुनाव को सकुशल सम्पन्न कराने हेतु गोष्ठी आयोजित की गयी। गोष्ठी के दौरान पुलिस अधीक्षक द्वारा विधानसभा उपचुनाव के दृष्टिगत सभी अधीनस्थों के साथ पुलिस की तैयारियों का जायजा लेते हुए निर्देशित किया गया कि पुलिस उपाधीक्षक रुद्रप्रयाग तथा थाना प्रभारियों से उनके थाना क्षेत्रों में स्थित संवेदनशील व अतिसंवेदशील मतदान केन्द्रों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त कर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें इसके अतिरिक्त सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्रों में ऐसे व्यक्तियों/असामाजिक तत्वों, जिनके द्वारा चुनाव प्रक्रिया के दौरान विवाद उत्पन्न कर सकते उनके विरुद्ध 126/135 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की कार्यवाही व उनकी सूची तैयार कर समय से उनके विरुद्ध आवश्यक निरोधात्मक कार्यवाही किये जाने, जनपद से सम्बन्धित शस्त्र धारकों के शस्त्र जमा करवाने, चुनाव प्रक्रिया हेतु बाहरी राज्यों से आने वाले सुरक्षा बलों के ठहरने के स्थान को चयनित कर उक्त स्थानों का भ्रमण कर उक्त स्थानों पर बुनियादी सुविधाओ की उपलब्धता को सुनिश्चित करने, प्रभावी आदर्श आचार संहिता का शत-प्रतिशत अनुपालन करने, उपचुनाव के दौरान अवैध गतिविधियों की सम्भावनाओं के चलते सीमावर्ती जनपदों से लगने वाली बार्डर चौकियों पर लगातार सघन चौकिंग अभियान चलाने

गठित की गयी एफएसटी एवं एसएसटी से निरन्तर सघन चेकिंग कराये जाने, निर्वाचन के दौरान दुष्प्रचार फैलाने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर उन पर सतर्क दृष्टि रखने हेतु निर्देशित किया गया।