Thursday, May 15, 2025
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जम्मू-कश्मीर : बीएसएफ को बड़ी कामयाबी, कठुआ में 135 करोड़ रुपये की 27 किलो हेरोइन जब्त, एक तस्कर ढे़र

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श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर के कठुआ में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। यहां के हीरानगर सेक्टर में BSF ने 27 किलो हेरोइन पकड़ी है। इसके साथ ही सिक्योरिटी फोर्स ने एक तस्कर को ढे़र कर दिया है। हालांकि मारे गए तस्कर की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। सुरक्षाबलों ने जानकारी देते हुए बताया कि पकड़ी गई हेरोइन की कीमत 135 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। फिलहाल इलाके में तलाशी अभियान जारी है। J-K: कठुआ में 135 करोड़ रुपये की 27 किलो हेरोइन जब्त, एक तस्कर को BSF ने मार गिराया

बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि घटना सीमा चौकी (बीओपी) हीरानगर सेक्टर के पंसार क्षेत्र की है। बीएसएफ कर्मियों ने तस्कर को सीमा पार से भारतीय क्षेत्र में दाखिल होने की कोशिश करते देखा और तभी उसे चेतावनी दी लेकिन वह माना नहीं और वहां से भागने लगा। इसके बाद गोली चलानी पड़ी। तस्कर की पहचान अभी नहीं हो पाई है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभियान के दौरान उसके पास से 27 किलोग्राम हेरोइन भी बरामद हुई है। जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में 135 करोड़ रुपये के करीब कीमत होने का अनुमान है।

प्रवक्ता ने बताया कि 23 जनवरी को बीएसएफ को 150 मीटर की एक भूमिगत सुरंग का पता चला था, जिसे बीओपी पंसार क्षेत्र में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से आतंकवादियों की घुसपैठ में मदद देने के लिए बनाया गया था।फाइल फोटोगौर हो कि इससे पहले 19 जून को भी सुरक्षा बलों ने नार्को टेरर माड्यूल का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने 19 जून के कश्मीर के बारामुला में यह कार्रवाई की थी। इसमें पुलिस ने 6 लोगों के साथ 4 पिस्टल, 10 ग्रेनेड और 21 लाख रुपये भी बरामद किए थे। पुलिस ने 9 किलो हेरोइन और 4 गाड़ियां भी जब्त की थी। बरामद की गई हेरोइन की कीमत 45 करोड़ रुपये बताई गई थी। इसके बाद 135 करोड़ की हेरोइन पकड़ी गई है। खबरों के अनुसार पुलिस ने आतंकियों के 10 मददगारों को भी गिरफ्तार किया था।

कृषि, उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक, गजा में माली प्रशिक्षण केंद्र बनेगा , बगीचों को लीज पर देने का फैसला

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देहरादून, प्रदेश के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसंस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा में विभागीय समीक्षा बैठक की।
बैठक में मंत्री ने निर्देश दिये कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण से सम्बन्धित एजेन्डा से सम्बन्धित लम्बित कार्यो को शीध्र पूरा किया जाय। बैठक में नर्सरी एक्ट के सम्बन्ध में शासन के लिए पत्रावली तैयार करने के निर्देश दिये गये। नर्सरी एक्ट उत्तराखण्ड अधिनियम 2020 में प्रकाशित किया गया था। जिसमें फल पौधशाला नियमावली का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसे किसानों को गुणवत्ता युक्त पौध प्राप्त होगा। एक्ट के उल्लंधन पर सजा का प्राविधान होगा।

उद्यान सहायक (माली) केन्द्र, गजा की स्थापना संदर्भ में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 382.75 लाख आगणन शासन को प्रेषित किया गया है। जनपद टिहरी गढवाल के गजा नामक स्थान पर माली प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की जायेगी तथा 06 न्याय पंचायतों एवं टिहरी जनपद के 09 विकासखण्डों के अल्प शिक्षितों को माली प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। जिनके लिए आवासीय भवन का भी निर्माण किया जायेगा।

राजकीय उद्यानों (बागीचा) के अन्तर्गत 93 बंजर बने बागीचों को 03 श्रेणी में ए बी सी बाॅटा जायेगा। ए श्रेणी को विभागीय स्तर पर बी श्रेणी को शार्ट टर्म लीज एवं सी श्रेणी को लीज पर दिया जायेगा। लम्बित प्रकरण निस्तारण के लिए अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया कि इस प्रस्ताव को आगामी कैबिनेट में लाया जाय।
बागवानी उत्पादकों के लिए कोल्ड रूम एवं कोल्ड हाउस हरिद्वार एवं उधमसिंहनगर को छोडकर आई एम ए विलेज में निर्माण हेतु जनपदीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया एवं पूर्व स्थापित अवस्थापना सुविधा का चयन कर प्रस्ताव प्रेषित करने के निर्देश दिये गये।

मधुग्राम के संदर्भ में प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। मधुग्राम के अन्तर्गत एकीकृत आदर्श ग्राम योजना में चयनित ग्रामों में से ही प्रत्येक जनपद के किसी एक न्याय पंचायत का चयन किया जायेगा और न्याय पंचायत क्लस्टर के रूप में 500 लाभार्थीयों को मौनगृह एवं मौनवंश 80 प्रतिशत सब्सिडी दिया जायेगा। इस योजना में 13 जनपदों की 6500 कास्तकारों, मौनपालकों को लाभान्वित किया जायेगा। इस संदर्भ में अपर मुख्य सचिव को वर्षिक व्यय आकलन करते हुए नई मांग प्रस्ताव देने का निर्देश दिया गया।

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के तहत प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के प्रगति की जानकारी ली गई। राज्य में प्रोसेसिंग पाॅलिसी बनाने के निर्देश दिये गये। जिससे बाहरी निवेशकों को आमंत्रित किया जा सके और कृषिकों को लाभ दिया जा सके।
मुख्यमंत्री मशरूम विकास योजना की जानकारी ली गई। समूह के माध्यम से अधिकतम लोगों को लाभ दिया जायेगा। जिसमें 20 हजार कृषकों को लाभान्वित किया जायेगा। इस योजना में धनराशि का प्राविधान नही होने पर अनुपूरक बजट में प्राविधान करने के निर्देश दिये।

शिक्षाविद, चिंतक, सिद्धांतवादी और मानवता के उपासक थे डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी : मुख्यमंत्री

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देहरादून, प्रदेश के मुखिया तीरथ सिंह रावत ने शहीद मेजर विवेक गुप्ता प्राथमिक विद्यालय कांवली में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अपने उद्बोधन में सीएम श्री रावत ने कहा कि डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी, शिक्षाविद, चिंतक और जनसंघ के बलिदान दिवस के अवसर थे। वे मानवता के उपासक एवं सिद्धांतवादी थे। डॉ. मुखर्जी देश के प्रथम उद्योग मंत्री थे। राष्ट्रीय हितों की प्रतिबद्धता को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानने के कारण उन्होंने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया। बहुत कम उम्र में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बन गए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ॰ मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। जम्मू कश्मीर का अलग झण्डा और अलग संविधान था। धारा-370 को समाप्त करने की उन्होंने वकालत की। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 एवं 35A समाप्त कर उनके सपने को साकार किया। आज जम्मू और कश्मीर विकास की मुख्य धारा से जुड़े हैं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शहीद मेजर विवेक गुप्ता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर विधायक श्री हरवंश कपूर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता श्री विनय गोयल, पार्षद श्रीमती अर्चना पुंडीर, श्री सुभम नेगी, श्री अमित कपूर, श्री दिनेश रावत आदि उपस्थित थे।

उत्तरकाशी : कलेक्ट्रेट परिसर में हर्षिल की राजमा का बीज दान कर जिलाधिकारी ने शुभारंभ किया ‘बीज दान अभियान’

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उत्तरकाशी, हिमालय पर्यावरण जड़ी बुटी एग्रो संस्थान ‘जाड़ी’ उत्तराखण्ड़ में पारिस्थितकी तंत्र की पुनर्बहाली के लिये विभिन्न अभियान चला रहा है। अभियानों की सीख की इस कड़ी में संस्थान ने पारंपरिक बीजों के संरक्षण व उपलब्धता के लिये बीज दान अभियान का शुभारंभ किया। अभियान का शुभारम्भ आज जिलाधिकारी उत्तरकाशी श्री मयूर दीक्षित ने कलेक्ट्रेट परिसर में हर्षिल की राजमा का बीज दान कर किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि ये वास्तव में अच्छा व यूनिक प्रयास है जो जैव विविधता के संरक्षण के लिए बहुत आवश्यक है। बीज सरक्षण के साथ साथ पारम्परिक खेती करने वाले लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

बीज दान अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि जाड़ी संस्थान विभिन्न संगठनों, पंचायतों, स्कूलों व सरकार के साथ मिलकर वर्ष 2017 से बीज बम अभियान चला रहा है। अभियान का विस्तार आज उत्तरकाशी से देश के 15 से अधिक राज्यों में हो गया है।
अभियान के दौरान देशी जेनेटिक बीजों की कमी को देखा है और कई फ़सलों जिसमें मोटा अनाज, सब्जियों व दालों के बीज खत्म हो रहें है, जो पारिस्थितकी तंत्र के लिये शुभ संकेत नहीं है।

बीजों के संरक्षण, संग्रहण व खेती के लिये हमने तय किया कि उत्तराखण्ड के साथ साथ देश के हिमालयी राज्यों में यात्रा, पद यात्रा कर बीज दान अभियान चलाया जाएगा। बीज दान अभियान की टीम गावँ गावँ, घर घर से बीजों को भिक्षा में मांगेगी एवं भिक्षा मे प्राप्त बीजों का बीज बैंक तैयार कर उन में से कुछ बीजों को बीज बम बनाने में प्रयोग किया जाएगा एवं कुछ बीज को किसानों को खेती के लिये उपलब्ध करवायेंगे। किसानों के द्वारा फसल उगाने के बाद जितना बीज हम किसानों को देगें उसका दोगुना बीज किसानों से वापस बीज बैंक में जमा करने हेतु भी प्रेरित किया जाएगा । बीज बैंक में बीजों व बीज दान करने वाले किसानों का द्स्तवेजीकरण किया जायेगा।

आज बीज दान अभियान शुभारम्भ कार्यक्रम का संचालन रिलायंस फाउंडेशन के श्री कमलेश गुरुरानी ने किया।
कार्यक्रम मे प्लान इंडिया के गोपाल थपलियाल, उपला टकनोर जन मंच के अध्यक्ष माधवेन्द्र रावत, ग्राम प्रधान हरसिल दिनेश रावत, संकल्प सामाजिक संस्थान की शान्ति परमार, रेणुका समिति के प्रान्जवल उनियाल, मंगल यूथ फाउंडेशन के वीरेन्द्र राणा, तरुण सामाजिक संस्थान के नागेंद्र दत्त, बेटी संगठन शिरोर से अंकिता रावत, नेहा, रिया रावत, मनीषा एवं शिक्षक नरेश बिजलवान, गंगा बहुगुणा आदि मौजूद रहे।

सीतारमण ने की नए E-Filing Portal से जुड़ी तकनीकी गड़बड़ियों की समीक्षा, जानें पूरा ब्योरा

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नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आईटी कंपनी Infosys के अधिकारियों के साथ मंगलवार को इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) के नई ई-फाइलिंग पोर्टल से जुड़ी तकनीकी गड़बड़ियों की समीक्षा की। सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, राजस्व सचिव तरूण बजाज, सीबीडीटी चेयरमैन जगन्नाथ मोहापात्र और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने Infosys के अधिकारियों के साथ मिलकर नए पोर्टल से जुड़ी समस्याओं की बिन्दुवार समीक्षा की। Infosys ने ही इस पोर्टल को विकसित किया है।

सरकार की ओर से इस बात को लेकर अभी तक आधिकारिक रूप से इस बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है कि मीटिंग के दौरान किन बातों पर चर्चा हुई। हालांकि, इंस्टीच्युट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने कहा है कि तकनीकी गड़बड़ियों का निवारण जल्द किया जाएगा।

आयकर विभाग का नया ई-फाइलिंग पोर्टल सात जून को लांच हुआ था। इस वेबसाइट से जुड़ी गड़बड़ियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। इन गड़बड़ियों में लॉग-इन में ज्यादा समय लगना, आधार वैलिडेशन के लिए ओटीपी जेनरेट करने में समस्या होना, पिछले वर्षों के ITR की अनुपलब्धता शामिल हैं।

विभिन्न स्टेकहोल्डर्स ने पोर्टल से जुड़ी समस्या एवं फिक्स किए जाने वाले बिन्दुओं का उल्लेख करते हुए लिखित में अपने इनपुट उपलब्ध कराए हैं।

स्टेकहोल्डर्स ने यूजर इंटरफेस के यूजर्स के लिहाज से फ्रेंडली नहीं होने, पुराने डिमांड, शिकायत और इंटीमेशन ऑर्डर शो नहीं करने की शिकायत की है।

 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने Covid के डेल्टा प्लस वैरिएंट को बताया चिंता का विषय, कहा सावधानी जरुरी

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के Delta + वैरिएंट को चिंता का विषय बताया है। वहीं डेल्टा प्लस वैरिएंट अभी तक नौ देशों में पाया गया है, जिसमें अमेरिका, यूके, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस शामिल हैं। यह वैरिएंट भारत भी पहुुंच चुका है। देश में इसके 22 केस मिल चुके हैं। देश में अब तक डेल्टा वैरिएंट ने ही तबाही मचाई थी। अब उसका नया रुप डेल्टा प्लस आ गया है, जो ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है।

 

इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अभी तक की जानकारी के मुताबिक भारत में इस्तेमाल किये जा रहे दोनों वैक्सीन – कोवैक्सीन और कोविशील्ड डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कारगर हैं। लेकिन ये कितने कारगर हैं और किस तरह से एंटीबॉडीज बनाते हैं, इस बारे में अभी कहना मुश्किल है। लेकिन हम जल्द ही इसका पता लगा लेंगे।

देश में कोरोना के मामलों का अपडेट देते हुए राजेश भूषण ने कहा कि 15 जून से 21 जून के बीच देश के 552 जिलों में पॉजिटिविटी रेट पांच प्रतिशत से कम हो गयी है। देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है। टीकाकरण के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि 21 जून से शुरू किये गये ऐतिहासिक टीकाकरण अभियान में सिर्फ एक दिन में रिकॉर्ड 88.09 लाख लोगों को वैक्सीन लगाया गया। इनमें से सबसे अधिक मध्यप्रदेश में 17 लाख लोगों का टीकाकरण किया गया, उसके बाद कर्नाटक में 11 लाख, यूपी में 7 लाख, बिहार में 5.75 लाख, हरियाणा और गुजरात में 5.15 लाख, राजस्थान में 4.60 लाख, तमिलनाडु में 3.97 लाख, महाराष्ट्र में 3.85 लाख और असम में 3.68 लाख लोगों को वैक्सीन दिया गया जो टीकाकरण करनेवाले राज्यों की लिस्ट में टॉप 10 में हैं। 21 जून से शुरू हुए टीकाकरण अभियान में 46 प्रतिशत महिलाओं और 53 प्रतिशत पुरुषों ने वैक्सीन लिया।

 

घनीभूत वेदना की अभिव्यक्ति वाला एक गीत : सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ.निशंक की रचना को संजय पांडेय ने दिए सुर

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(डाॅ0 वीरेंद्र बर्त्वाल)

देहरादून, इन्सान का स्वभाव है कि वह कष्ट से छुटकारा पाना चाहता है, लेकिन वेदना कभी इतनी घनीभूत हो जाती है कि वह न चाहते हुए भी उसे गीत के रूप में गा देता है। और वेदना की अभिव्यक्ति उसे एक गहरा सूकून देती है। यह मनोवैज्ञानिक सत्य भी है। सुप्रसिद्ध गीतकार, कवि और साहित्यकार डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक की पुस्तक ’भूल पाता नहीं’ से उद्धृत एक गीत में जीवन के ऐसे ही कटु सत्य का मार्मिक उद्घाटन है, जिसे न चाहते हुए भी हमें स्वीकारना ही पड़ता है।
प्रसिद्ध संगीतकार संजय पांडेय ने करुण रस आधारित इस गीत को मनोहारी सुरों में पेश किया है, जो सोशल मीडिया और संगीत की दुनिया में इन दिनों खासी वाहवाही बटोर रहा है। महज हारमोनियम पर गाये इस गीत में जीवन में भले ही विवशताएं दर्शायी गयी हैं, लेकिन कर्तव्यपरायणता को प्रमुखता दी गयी है। चुनौतियों से जूझने, समय का सदुपयोग करने और किसी पर दोषारोपण न करने की प्रेरणा देने वाला यह गीत ’कर्म पथ पर चलते रहो’ का सार है। गीतकार डाॅ0 निशंक ने संुंदर सांकेतिक भाषा में लिखा है सफलता यूं ही नहीं मिलती। सफलता का शिखर भले ही चमचमाता है, लेकिन उसकी बुनियाद में पसीने का समुद्र भी तो होता है।

दौर ऐसा भी था मन परेशान था
पर समय है जो कभी रुकता नहीं
आज बेचैन है वेदना ये मेरी
वरना गीतों में इसको मैं गाता नहीं, गुनगुनाता नहीं।

इस संबंध में डाॅ0 निशंक का कहना है कि गीत और कविताएं हृदय के स्वाभाविक उद्गार होते हैं, जो समुचित अवसरों पर अनायास ही फूट जाते हैं, जैसे भारी बारिश के बाद पृथ्वी से जलधाराएं फूट जाती हैं। इन उद्गारों को बस, शब्दों में हल्का सा संवारना होता है। डाॅ0 निशंक के अनुसार ’भूल पाता नहीं’ का उक्त गीत उनके जीवन-पथ में उपजे संघर्षों से जूझने का सार है। इसमें बताने का प्रयास किया गया है कि सुख और आनंद कोई भी हो, वह हमेशा कष्टों की नींव पर खड़ा होता है।

 

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन प्रोजक्ट की समीक्षा बैठक, कार्यों में तेजी लायें और निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाय परियोजना : मुख्यमंत्री

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देहरादून, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में रेल विकास निगम के अधिकारियों से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन प्रोजक्ट की कार्य प्रगति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल लाईन के कार्यों में तेजी लाई जाय। इसको निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाय। 2024 तक इस रेल लाईन निर्माण को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यों में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार की ओर से जो भी मदद की जरूरत होगी, वह दी जायेगी।

रेल विकास निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक श्री हिंमाशु बडोनी ने जानकारी दी कि 125 किमी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन पर 12 स्टेशन व 17 टनल बनाये जा रहे हैं। मुख्य सुरंगों के कार्यों में तेजी लाने के लिए 10 कार्य स्थलों के लिए 12 किमी की एप्रोच रोड का निर्माण पूर्ण हो चुका है। जबकि 07 में से 06 एडिट टनल का कार्य पूर्ण हो चुका है। इस रेल लाईन में 18 बड़े एवं 36 छोटे ब्रिज के निर्माण किये जा रहे हैं। चन्द्रभागा ब्रिज का निर्माण पूर्ण हो चुका है। शेष सभी पर कार्य चल रहा है। मार्च 2024 तक इनका निर्माण पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। रेल विकास निगम द्वारा इसके अलावा राज्य के कल्याण हेतु श्रीनगर में हॉस्पिटल बिल्डिंग,हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर टॉयलेट ब्लॉक, गौचर एवं कालेश्वर में रोड ब्रिज, श्रीकोट (श्रीनगर) में स्टेडियम बनाया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार श्री शत्रुघ्न सिंह, विशेष कार्याधिकारी श्री जे. सुंद्रियाल, सचिव श्री आर.मीनाक्षी सुंदरम, श्री एस.एन पाण्डेय, जियोलॉजिस्ट रेल विकास निगम श्री विजय डंगवाल आदि उपस्थित थे।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों संग किया सैन्यधाम की भूमि का निरीक्षण

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देहरादून, सैन्यधाम निमार्ण संबंधी उच्च स्तरीय समिति द्वारा पुरूकुल स्थित सैन्यधाम की भूमि का मौका मुआयना कर सैन्यधाम निमार्ण की प्रक्रिया की आधिकारिक शुरुआत की। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी द्वारा में सैन्यधाम निमार्ण हेतु आवंटित भूमि पर ही खुले आसमान के नीचे अधिकारियों की बैठक ली तथा सैन्यधाम के निमार्ण के प्रथम चरण से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी द्वारा जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव तथा सैनिक कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सैन्यधाम हेतु आवंटित भूमि तथा उससे लगती हुई निजी भूमि को सुस्पष्ट तौर पर पृथक – पृथक चिन्हित कर अप्रोच रोड हेतु दी जाने वाली भूमि निर्धारित कर ली जाए। यदि इस संबंध में शासन स्तर से कोई दिशा-निर्देश अपेक्षित हों तो इस हेतु तत्काल पत्रावली मूवमेंट की जाए। यह कार्य आगामी 15 दिनों में पूर्ण कर लिया जाए। इसके अतिरिक्त सैन्यधाम निर्माण हेतु कार्यदायी संस्था पेयजल निर्माण शाखा के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सैन्यधाम निमार्ण कार्य को दो चरणों में किया जाए। प्रथम चरण में अप्रोच मार्ग, प्रवेशद्वार, सेना में पूजे जाने वाले बाबा जसवन्त सिंह तथा बाबा हरभजन सिंह के मंदिर तथा सैन्य साजो सामान स्थापित करने के प्लेटफार्म एवं चाहरदीवारी के कार्य को किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सैन्यधाम को भव्य एवं वीरता तथा पराक्रम का प्रतीक बनाने हेतु पेशेवर डिजायनर कम्पनियों के प्रस्तुतिकरण आमंत्रित किए जाए। इन कम्पनियों को सुस्पष्ट निर्देशित किया जाए कि वह देश तथा दुनिया में बने एतिहासिक वीरता स्मारकों का संदर्भ ग्रहण कर अपने प्रस्तुतिकरण बनाएं।
काबीना मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार के लिए वीर सैनिकों तथा सैन्य पराक्रम के प्रति राज्य सम्मान सर्वोपरि है तथा सैन्यधाम राज्य के नागरिकों की भावनाओं से जुड़ा हुआ प्रकरण है। अतः इसे भव्य और अद्भुद बनाने में कोई कसर न रखी जाए। साथ ही तय समय सीमा के भीतर लक्ष्यों को प्राप्त करने की रणनीति बनाते हुए कार्य किया जाए।

इस अवसर पर सचिव सैनिक कल्याण एल0 फैनई, जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर पेयजल, सुभाष चौहान, एम0डी0 उपनल ब्रिगेडियर पी0पी0एस0 पाहवा, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर के0बी0 चन्द, सेवानिवृत्त मेजर जनरल सम्मी सब्बरवाल, पार्षद सुन्दर कोठाल, लक्ष्मण सिंह रावत, मंजीत रावत, अपर सचिव सैनिक कल्याण प्रदीप रावत, नीटू पुण्डीर आदि उपस्थित रहे।

सिस्टम की मार : दिव्यांग अंतरराष्ट्रीय शूटर दिलराज कौर नमकीन-बिस्किट बेचने को मजबूर

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’24 स्वर्ण, आठ रजत और तीन कांस्य पदकों पर लगा चुकी निशाना’

देहरादून, इधर कोरोना काल उधर सिस्टम की मार झेल रही राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पदकों पर निशाना लगा चुकी दून की दिव्यांग शूटर दिलराज कौर आज जीवनयापन के लिए नमकीन और बिस्किट बेचने को मजबूर हैं। उनके नाम विभिन्न प्रतियोगिताओं में 24 स्वर्ण, आठ रजत और तीन कांस्य हैं। उन्होंने उत्तराखंड स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में 2016 से 2021 तक चार स्वर्ण पदक जीते। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी एक रजत पदक हासिल किया।

यह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सोमवार को गांधी पार्क के बाहर दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करती दिखी। बकौल दिलराज, उन्होंने बीते 15-16 साल में निशानेबाजी में राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश और प्रदेश का मान बढ़ाया है। इसके बदले में सरकार उन्हें एक अदद नौकरी तक उपलब्ध नहीं करा पाई। अब वह नमकीन-बिस्किट की अस्थायी दुकान के सहारे खुद के पैरों पर खड़ा होने की कोशिश कर रही हैं,

दिलराज ने सिस्टम पर तंज कसते हुए कहा, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि आत्मनिर्भर बनो। मैं नमकीन-बिस्किट बेचकर आत्मनिर्भर बनने का प्रयास कर रही हूं। तीन-चार महीने से घर के आसपास अस्थायी दुकान लगा रही थी, मगर वहां ज्यादा बिक्री नहीं होती थी। किसी ने सुझाव दिया कि भीड़ वाले क्षेत्र में दुकान लगाओ तो गांधी पार्क के बाहर काम शुरू कर दिया।

दिलराज के पिता सरकारी कर्मचारी थे। वर्ष 2019 में उनका निधन हो गया। इसके बाद उनकी पेंशन और भाई तेजिंदर सिंह की प्राइवेट नौकरी से किसी तरह गुजर-बसर हो रहा था। इस वर्ष फरवरी में भाई का भी निधन हो गया। अब घर में दिलराज और उनकी मां ही रह गई हैं।
दिलराज की जो उपलब्धियां हैं, उनके अनुसार उन्हें खेल या दिव्यांग कोटे से नौकरी मिलनी मेंचाहिए थी। दिलराज बताती हैं कि इसके लिए उन्होंने हर स्तर पर गुहार लगाई। कई बार आवेदन भी किया, मगर हर बार निराशा ही हाथ लगी।

दिव्यांग शूटर को जीवन यापन के लिए नौकरी दें सरकार : उत्तरांचल पंजाबी महासभा

देहरादून, उत्तरांचल पंजाबी महासभा ने होनहार निशानेबाज बेटी दिल राज कौर जिसके द्वारा अंतर्राष्ट्रीय रजत और 24 राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतने के बाद भी पहली दिव्यांग निशानेबाज के रूप में उत्तराखण्ड का नाम रोशन करते हुए भी हमें बड़ी दुख से कहना पड़ता है कि उस बच्ची की सरकार के द्वारा अनदेखी की जा रही है | जबकि हरियाणा, हिमाचल, पंजाब इत्यादि मे दिव्यांगो के लिए नौकरी का विशेष स्थान दिया जाता है। इस होनहार बच्ची को अपने जीवन निर्वाह करने के लिए इतना बड़ा संघर्ष करना पड़े की वह सड़क पर बैठकर छोटा छोटा सामान बेचकर अपना निर्वाह के लिए इस काम को करने के लिए मजबूर हुई |
उपमा के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री से सारे दस्तावेज देने के बाद खेल सचिव के पास सारी फाइल भेजी गई परंतु इस जरूरतमंद को अनदेखा और इसकी फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया |
हमरा उपमा का पूरा परिवार इस बच्ची के साथ था है और रहेगा | हम सरकार से माँग करते हैं कि इस बच्ची को जल्द ही नौकरी की व्यवस्था की जाए जिसने पूरे उत्तराखण्ड का नाम रोशन किया है।