Sunday, May 11, 2025
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देहरादून : एसटीएफ की पकड़ में आया अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर, एक करोड़ से ज्यादा की ठगी, दो गिरफ्तार

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देहरादून, उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम को रोकने को लेकर पुलिस सक्रिय हो गयी, जधपद में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और साइबर क्राइम पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

उत्तराखंड एसटीएफ ने करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का खुलासा भी किया है। ये गिरोह देहरादून में एक फर्जी कॉल सेंटर चला था, जिसके जरिए ये गिरोह अमेरिका में लोगों को बडे पैमाना पर ठग रहा था। इस गिरोह की मास्टरमाइंट एक महिला है, जो अमेरिका में ही रहती थी।

एसटीएफ ने इस गिरोह के जिन दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम वैभव गुप्ता और सूद खान है। इन दोनों के पास से उत्तराखंड एसटीएफ को कई डिजिटल सबूत साक्ष्य भी मिले हैं, जिनके आधार पर पुलिस उन्हें गिरफ्तार किया है। दोनों को देहरादून के पटेल नगर कोतवाली क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है।

वैभव गुप्ता देहरादून के पटेल नगर का ही रहने वाला है। जबकि, सूद खान मूलचंद एनक्लेव पटेल नगर का रहने वाला है। जानकारी के मुताबिक, ये गिरोह मुख्य रूप से अमेरिका में लोगों को कंप्यूटर और लैपटॉप जैसे सिस्टमों की सर्विस देने के नाम पर ठगी करते थे। इसके लिए इन्होंने फर्जी कॉल सेंटर भी बना रखा था।

अभी तक ये गिरोह इसी तरह लाखों-करोड़ों रुपए की ठगी कर चुका है। उत्तराखंड एसटीएफ की प्रारंभिक जांच में जो सच निकल कर सामने आया है, उसके मुताबिक इस गिरोह की सरगना एक महिला है, जो अमेरिका में ही रहती है। उसी का नेटवर्क भारत के अलग-अलग शहरों में फैला हुआ है।

साइबर पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है

महिला गूगल सर्च के जरिये ग्राहकों के नंबर हैक कर इस फर्जीवाड़े को अंजाम देती थी। साइबर क्राइम पुलिस की गिरफ्त में आए वैभव गुप्ता ने कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ने के बाद पोस्ट ग्रेजुएट किया था। उत्तराखंड एसटीएफ और साइबर पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है।

एसटीएफ ने बीती देर रात को एक सूचना के आधार पर गुरु राम राय पीजी कॉलेज के पास स्थिति एक प्लैट में छापेमारी की थी। इस दौरान पुलिस को वहां से दो लोग मिले थे। हिरासत में लेकर जब उनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि यह लोग डेस्कटॉप और लैपटॉप की सर्विस के नाम पर अमेरिका के लोगों को अपना शिकार बनाते थे।

आरोपियों ने बताया कि वे फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर अमेरीका के लोगों को पहले फोन करते थे, फिर सिस्टम में तकनीकी खराबी को ठीक करने का झांसा देकर सर्विस के नाम पर उनके साइबर ठगी करते थे।

जानकारी में यह भी पता चला कि इस गिरोह ने दो टोल फ्री नंबर क्रय किए थे, जो उनके लैपटॉप और कंप्यूटर पर मौजूद सॉफ्टवेयर से कनेक्ट है। ऐसे में जब भी अमेरीका में बैठा कोई भी व्यक्ति वहां से सिस्टम डिवाइस के रिपेयर के लिए गूगल पर कस्टमर केयर नंबर सर्च करता था, तो वो इस गिरोह के संपर्क में आ जाता था।

फर्जी कस्मटर केयर अधिकारी बनकर बात करते थे

ये उसी व्यक्ति के नंबर को हैक करके उसे फोन करते है और फर्जी कस्मटर केयर अधिकारी बनकर उससे बात करते थे। इसके बात ये एक रिमोट एक्सेस के जरिए सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करवा कर अमेरिका में बैठे नागरिक के सिस्टम में तकनीकी खराबी को ठीक करने के एवज में 100 से लेकर 900 डॉलर तक की ठगी करते थे।

आरोपी वैभव गुप्ता ने उत्तराखंड एसटीएफ को बताया कि इस गिरोह की मास्टरमाइंट के महिला है, जो अमेरिका में रहती है, वो अमेरिका में ही बैठक अपने गिरोह के सदस्यों को डायरेक्शन देती है। उसी के जरिए उसका कमीशन मिलता है। महिला का नाम मिलीस्सा है।

महिला अपना कमीश्न काटने के बाद दिल्ली से लेकर देहरादून तक गिरोह के सदस्यों के खातों में पैसा ट्रांसफर कर देती थी। इस गिरोह के बैंक खाते में करीब 1.25 करोड़ रुपए की ट्रांजेक्शन सामने आई है। गिरोह के खाते में जमा करीब एक करोड़ 10 लाख रुपयों को पुलिस ने फ्रीज करा दिया है। ये सभी रकम पीएनबी, एचडीएफसी और बैंक ऑफ बड़ौदा के खातों में जमा थी।

उत्तराखंड : राज्य के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनेंगे कोविड केयर सेंटर, मुख्य सचिव ने जारी किये निर्देश

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देहरादून, कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर सरकार ने जरूरी तैयारी शुरू कर दी है। 18 वर्ष तक आयु के मरीजों के लिए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को कोविड केयर सेंटर के रूप में चिह्नित कर आक्सीजन बेड व आइसीयू बेड की व्यवस्था करने समेत विस्तृत दिशा-निर्देश मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने जारी किए हैं।
प्रदेश सरकार विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों एवं मेडिकल एक्सपर्ट की राय के अनुसार कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की रोकथाम की तैयारियों को अंजाम दे रही है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने शुक्रवार को इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशक, सभी जिलाधिकारियों और चिकित्सा शिक्षा निदेशक को आदेश जारी किए। उन्होंने सभी जिलों की चिकित्सा इकाइयों में कोरोना उपचार को पर्याप्त संख्या में आक्सीजन बेड व आइसीयू व एचडीयू बेड की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। किसी कारणवश जिले में उपलब्धता शासन के निर्देशों के अनुरूप नहीं होने की स्थिति में प्रतिपूर्ति नजदीकी मेडिकल कालेज, प्राइवेट हेल्थ फेसिलिटी या अन्य हेल्थ फेसिलिटी से पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं |

कोरोना तीसरी लहर को देखते हुए समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर-एक कोविड केयर सेंटर के रूप में नामित होंगे। इन सेंटर पर 10 बेड, अन्य जरूरी उपकरण, सामग्री व औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। शून्य से 18 वर्ष तक बच्चे किसी अन्य रोग से ग्रसित हों तो उनकी सूची तैयार की जाएगी। उन्हें निगरानी में रखते हुए आवश्यकता के अनुसार उपचार दिया जाएगा।

आक्सीजन सिलिंडर की करें व्यवस्था

आक्सीजन सिलिंडर एवं स्टोरेज टैंक की व्यवस्था के लिए हिदायत दी गई है। केंद्र सरकार व अन्य माध्यम से प्राप्त हो रहे आक्सीजन सिलिंडर के अतिरिक्त अपेक्षित संख्या में सिलिंडर महानिदेशालय के स्तर से खरीदे जाएंगे। जिला संयुक्त अस्पताल व मेडिकल कालेज स्तर के चिकित्सालयों में न्यूनतम एक हजार लीटर प्रति मिनट क्षमता के आक्सीजन स्टोरेज टैंक की व्यवस्था की जाएगी।

कोरोना अपडेट : उत्तराखण्ड़ में 24 घंटे में मिले 164 नए संक्रमित, दो की हुई मौत, 272 मरीज हुए ठीक

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देहरादून, राज्य में कोरोना संक्रमण अब धीरे धीरे घटता जा रहा है, प्रदेश में शनिवार को दो कोरोना मरीजों की मौत और 164 नए संक्रमित मिले हैं। जबकि 272 मरीज स्वस्थ हुए हैं। कुल संक्रमितों की संख्या 339537 हो गई है।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक शनिवार को शाम छह बजे तक 26798 सैंपलों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वहीं, 13 जनपदों में 164 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। नौ जिलों में संक्रमितों की संख्या 10 से कम रही है। देहरादून जिले में 41 कोरोना मरीज मिले हैं। पिथौरागढ़ में 40, हरिद्वार में 21, नैनीताल में 17, अल्मोड़ा व रुद्रप्रयाग में सात, टिहरी में छह, चमोली व ऊधमसिंह नगर में पांच-पांच, बागेश्वर, पौड़ी व चंपावत में चार-चार, उत्तरकाशी जिले में तीन संक्रमित मिले हैं।

प्रदेश में 24 घंटे में दो कोरोना मरीजों की मौत हुई है। जबकि टिहरी जिले में एक मरीज की मौत बैकलॉग की है। अब तक 7086 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 272 मरीज स्वस्थ हुए हैं। इन्हें मिला कर 324127 मरीज ठीक हो चुके हैं। 2510 सक्रिय मरीजों का उपचार चल रहा है। वर्तमान में प्रदेश की रिकवरी दर 95.46 प्रतिशत और संक्रमण दर 6.24 प्रतिशत दर्ज की गई है।

नशे की लत से  युवाओं बचाने के लिए आगे आये बुद्धिजीवी वर्ग: राय

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हरिद्वार 26 जून (कुलभूषण) यातायात पुलिस अधीक्षक पी के राय ने युवाओ से आहावान किया की वह नषे के विरूद्व अभियान में जुड कर इसकी गिरफ्त में आये युवाओ को मुख्यधारा में जुडने के लिए आगे उन्होने कहा कि अन्तर्राश्ट्रीय नषा मुक्ति दिवस मनाया जा रहा है नषे ने हमारी युवा पीढी को अपनी गिरफ्त में लेकर समाज व देष के सामने एक बडी चुनौति प्रस्तुत की है उन्होने कहा की प्रदेष के डीजीपी के निर्देषन में नषा विरोधी पखवाडे का आयोजन प्रदेष भर में आयोजित किया जा रहा है। जिसका उददेषय नषे में जकड में आये युवाओ को मुख्यधारा में लाकर उनकी प्रतिभाओ को विकसित करना है उन्होने कहा की इस अभियान में केवल पुलिस द्वारा अभियान चलाना ही काफी नही है इसके लिए समाज के आमजन को आगे आना होगा

पी के राय ने कहा की इस अभियान को गति देने में समाजषास्त्री व मनोवैज्ञानिक विषेश भूमिका का निर्वाहा कर सकते है। पुलिस द्व,ारा इस पखवाडे के अन्र्तगत प्रत्येक थाने में जागरूकता अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित कर लोगो को जागरूक किये जा रहे है

उन्होने अभिभावको से आहावान किया की वह अपने बच्चो के साथ मिलकर ज्यादा समय साझा करे तथा उनकी दिनचर्या पर नजर रखे की कही उनकी संगत गलत लोगो के साथ तो नही हो रही है वह अपने युवा बच्चो के साथ उनके मित्र के रूप में पेष आये तथा उन्हे प्रोत्साहित कर आगे बढने में उनके सहायक बने इस मौके पर जनपद के विभिन्न पुलिस थानो में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये

भाजपा मुख्यालय : पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच मंथन, अमित शाह सहित कई मंत्री हुए शामिल

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नयी दिल्ली, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित कई केंद्रीय मंत्रियों व वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार को राजधानी स्थित पार्टी मुख्यालय में बैठक की। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रेल मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित कई अन्य मंत्री भी शामिल हुए। बैठक में पार्टी संगठन का कामकाज देख रहे कई पदाधिकारी में उपस्थित थे |

ज्ञात हो कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में विस्तार और फेरबदल की अटकलों के साथ उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लेकर पार्टी में पिछले कुछ समय से लगातार मंथन का दौर चल रहा है।
कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान सहित कुछ अन्य मुद्दों पर भी पार्टी नेता समय-समय पर चर्चा करते रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नड्डा के साथ मंत्रियों के अलग-अलग समूहों से विभिन्न विषयों पर चर्चा की है। नड्डा ने भी संगठन स्तर पर महासचिवों, राष्ट्रीय उपाध्यक्षों और विभिन्न मोर्चों के साथ अलग-अलग बैठकें की हैं।

जल्द ही नवीनीकृत होगी गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज की लीज : कैबिनेट मंत्री जोशी

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देहरादून, शुक्रवार को देहरादून कैंट स्थित गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज प्रबंधन की ओर से सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी द्वारा विद्यालय की लीज के नवीनीकरण हेतु किए जा रहे प्रयासों के लिए धन्यवाद एवं आभार कार्यक्रम आयोजित किया गया। सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण पालन करते हुए विद्यालय प्रबंधन ने आशा व्यक्त की कि गोरखा समाज की कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय हस्तियां देने वाले इस शिक्षण संस्थान की लीज जल्द ही नवीनीकृत होगी। विगत तीन दिवसीय कुमांऊ भ्रमण कार्यक्रम पूर्ण कर आज ही देहरादून पहुंच कर कार्यक्रम में प्रतिभाग करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया।

अपने स्वागत संबोधन में कॉलेज के प्रधानाचार्य जेपी जगूड़ी ने कहा कि मंत्री जी जिस ऊर्जा और सकारात्मकता से विद्यालय की लीज नवीनीकरण हेतु प्रयासरत हैं, वह हम सभी को नई ताकत प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि इस विद्यालय ने अमर शहीद दुर्गामल, एमवीसी बाबा जसवंत सिंह, बॉक्सिंग के एशियन चैम्पियन पदम बहादुर, फुटबॉल खिलाड़ी अमर बहादुर जैसी हस्तियों को दिया है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह विद्यालय अपनी एतिहासिक उपलब्धियों के लिहाज से हमारे लिए संग्रहणीय संस्थान है। आप निश्चित रहें विद्यालय की लीज नवीनीकरण की जिम्मेदारी मैं लेता हूं। उन्होंने बताया कि इस विषय में मेरे द्वारा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी दिल्ली में मुलाकात की जा चुकी है और उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया है कि जल्द ही यह कर लिया जाएगा। हम तो अपने विद्यालय का मामला ले कर चले थे, परंतु रक्षा संपदा विभाग द्वारा हमारी पहल पर देश भर की ऐसी ही 150 अन्य परिसम्पित्तियों के मामलों के निपटान की भी पहल इसी के साथ की है। उन्होंने बताया क्षेत्र के विकास के लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। हमारी सरकार का नारा है कि ’’सबका साथ – सबका विकास – सबका विश्वास’’ इसी के तहत हम क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि विगत कोरोना संक्रमण से लड़ते – लड़ते हमने क्षेत्र वासियों को पक्की स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के नजरिए से देहरादून छावनी अस्पताल को आक्सीजन युक्त 150 बेड तथा 10 आई0सी0यू0, ऑक्सीजन प्लॉट जैसी सुविधाओं से युक्त कर दिया है। शीघ्र ही अस्पताल में अल्ट्रासाउण्ड, सी0टी0 स्कैन तथा डायलेसिस की सुविधा भी उपलब्ध करवा दी जाएगी। क्षेत्र में 119 लाख की लागत से सामुदायिक भवन का भी निमार्ण करवाया जा रहा है। माता संतला देवी मंदिर तथा परिसर के सौन्दर्यीकरण हेतु 100 लाख तथा अनारवाला पेयजल योजना को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। गढ़ी केंट क्षेत्र में रिकार्ड समय में पुल निमार्ण का कार्य पूर्ण करवाया गया। पेयजल की समस्या के समाधान हेतु गढ़ी केंट क्षेत्र में दो नलकूप लगवाए गए हैं। विद्यालय के सौन्दर्यीकरण के लिए भी जल्द ही धनराशि जारी करवाने का प्रयास किया जाऐगा।

इस अवसर पर गोरखा मिलिट्री इंटरमीडिएट कालेज के अध्यक्ष राम सिंह थापा, उपाध्यक्ष सीबी थापा, प्रबंधक एलबी गुरुंग, राज्यमंत्री टीडी भूटिया, गोर्खाली सुधार सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा, महामंत्री गोपाल क्षेत्री, भाजपा मण्डल अध्यक्ष राजीव गुरुंग, पूर्व जिला पंचायत सदस्य संध्या थापा, पूर्व प्रधान ज्योति कोटिया आदि उपस्थित रहे।

Twitter ने रविशंकर प्रसाद का अकाउंट एक घंटे तक रखा बंद, अमेरिकी कानून का दिया हवाला

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नई दिल्ली, केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार 25 जून को दावा किया है कि ट्विटर ने करीब एक घंटे तक उनका अकाउंट ब्लॉक रखा। रविशंकर प्रसाद ने बताया कि ट्विटर ने ये कदम कॉपीराइट उल्लंघन की शिकायतों के बाद उठाया है। प्रसाद अपने एक इंटरव्यू का हिस्सा शेयर करना चाह रहे थे, लेकिन नहीं कर सके। हालांकि, बाद में ट्विटर ने चेतावनी देते हुए रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को फिर से खोल दिया।

Twitter का कहना था कि केंद्रीय IT मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संयुक्त राज्य अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट ऐक्ट का उल्लंघन किया, जिसकी वजह से उनके अकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया। हालांकि बाद में ट्विटर ने प्रसाद के अकाउंट को अनब्लॉक कर दिया। अपना अकाउंट ब्लॉक किए जाने पर प्रसाद ने ट्विटर पर लिखा, ‘मित्रों! आज कुछ बहुत ही अनोखी बात हुई। ट्विटर ने कथित तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट के उल्लंघन के चलते लगभग एक घंटे तक मुझे अकाउंट को ऐक्सेस नहीं दिया और बाद में इसे ऐक्सेस करने की इजाजत दे दी।’

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘कोई भी प्लेटफॉर्म कुछ भी कर ले आईटी को लेकर नया कानून मानना ही पड़ेगा। इसे लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। ट्विटर की कार्रवाई यह बताती है कि वो बोलने की आजादी का हितैषी नहीं, उसे सिर्फ अपना एजेंडा चलाने में दिलचस्पी है। रविशंकर प्रसाद ने कहा ट्विटर की कार्रवाई आईटी के नियमों के खिलाफ है। अकाउंट ब्लॉक करने से पहले ट्विटर ने मुझे कोई नोटिस नहीं दिया। इससे साबित होता है कि ट्विटर नए नियमों को नहीं मानना चाहता है। अगर ट्विटर नए नियमों का पालन करता तो वो किसी के अकाउंट को मनमाने तरीके से लॉक नहीं करता।’

खास खबर : एक जुलाई से बदल जाएंगे ड्राइविंग लाइसेंस के नियम, अब नहीं लगाने पड़ेंगे आरटीओ के चक्कर

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देहरादून, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब इंतजार खत्म होने जा रहा है। एक जुलाई से देशभर में ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम लागू होने जा रहे हैं। अब आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ जाकर टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सड़क और परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी नए नियमों के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति जिसने किसी भी सरकारी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर से टेस्ट पास किया है, उसे लाइसेंस के लिए अप्लाई करते वक्त आरटीओ में होने वाले ड्राइविंग टेस्ट से मुक्त रखा जाएगा। यानी उसे आरटीओ में ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। उसका ड्राइविंग लाइसेंस प्राइवेट ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के सर्टिफिकेट पर ही बना दिया जाएगा।

अगले माह एक जुलाई से ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम लागू हो जाएंगे, जो उन निजी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स को ही काम करने की इजाजत देंगे, जिन्हें राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की ओर से या फिर केंद्र सरकार की तरफ से मान्यता दी गई हो। इन प्रशिक्षण केंद्रों की मान्यता पांच साल के लिए होगी, इसके बाद उन्हें सरकार से नवीनीकरण करवाना होगा।

आरटीओ प्रशासन दिनेश चंद्र पठोई के मुताबिक, दून में कई संस्थानों को प्रशिक्षण के लिए मान्यता मिली हुई है। हालांकि यह देखने वाली बात होगी कि वह नए नियमों के हिसाब से कितना फिट बैठते हैं। दोपहिया, तिपहिया और हल्के मोटर वाहनों के केंद्र के पास कम से कम एक एकड़ और मध्यम व भारी वाहनों या ट्रेलरों के केंद्र के पास कम से कम दो एकड़ जमीन होनी चाहिए। ट्रेनर को कम से कम 12वीं पास होना और पांच साल का अनुभव जरूरी है।

मंत्रालय ने एक शिक्षण पाठ्यक्रम भी निर्धारित किया है। हल्के मोटर वाहन चलाने के लिए, पाठ्यक्रम की अवधि अधिकतम चार हफ्ते होगी जो 29 घंटों तक चलेगी। इन ड्राइविंग सेंटरों के पाठ्यक्रम को दो हिस्सों में बांटा जाएगा। एक हिस्सा थ्योरी का होगा और दूसरा हिस्सा प्रैक्टिकल का होगा।

लोगों को बुनियादी सड़कों, ग्रामीण सड़कों, राजमार्गों, शहर की सड़कों, रिवर्सिंग और पार्किंग, चढ़ाई और डाउनहिल ड्राइविंग वगैरह पर गाड़ी चलाने के लिए सीखने में 21 घंटे खर्च करने होंगे। थ्योरी हिस्सा पूरे पाठ्यक्रम के आठ घंटे में शामिल होगा। इसमें रोड शिष्टाचार को समझना, रोड रेज, ट्रैफिक शिक्षा, दुर्घटनाओं के कारणों को समझना, प्राथमिक चिकित्सा और ड्राइविंग ईंधन दक्षता को समझना शामिल होगा।

समायोजित शिक्षकों की मुख्यमंत्री से मुलाकात, चयन-प्रोन्नत वेतनमान की दोहरी नीति पर उठाये सवाल

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देहरादून, राज्य के बेसिक से एलटी में समायोजित शिक्षकों ने चयन-प्रोन्नत वेतनमान की दोहरी नीति पर सवाल उठाए हैं। शिक्षकों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की। संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश फुलेरिया ने कहा कि सभी शिक्षकों पर एक समान शासनादेश लागू होना चाहिए। कहा कि 11 वर्ष पहले बेसिक से एलटी में 7000 से ज्यादा शिक्षकों को समायोजित किया गया था, लेकिन इन शिक्षकों को चयन-प्रोन्नत वेतनमान का लाभ देने में बेसिक की सेवाओं को नहीं जोड़ा गया।

समायोजन के बाद से ही सभी शिक्षक शिक्षा विभाग और राज्य सरकार से चयन-प्रोन्नत वेतनमान का लाभ पूर्व की सेवाओं को जोड़कर देने की मांग कर रहे हैं। विभाग ने अब तक केवल उन्हीं समायोजित शिक्षकों को चयन-प्रोन्नत वेतनमान का लाभ दिया है, जिन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट इन्हीं शिक्षकों की तरह सभी समायोजित शिक्षकों को भी वेतनमान का लाभ देने के आदेश दे चुका है, लेकिन विभाग इसका पालन नहीं कर रहा। मुख्यमंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस दौरान प्रदीप कुमार वर्मा, किशन सिंह, गिरीश बिष्ट, दयाराम आर्य मौजूद रहे।

आश्रितों को 50 लाख की सहायता की मांग

जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद थापा ने मुख्यमंत्री से कोविड ड्यूटी में लगाए गए कार्मिकों की कोविड से मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 50 लाख देने की मांग की है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष सतीश घिल्डियाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इसको लेकर आदेश भी जारी किया है।

देश में डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट लगातार पसार रहा पांव, अब तक 40 मामले आये सामने

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नई दिल्‍ली (जेएनएन/एजेंसियां)। देश में डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट लगातार पांव पसार रहा है। एएनआई की खबर के मुताबिक देश में अब तक डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट के कुल 40 मामले सामने आए हैं। इसको देखते हुए अब Indian SARS-CoV-2 Genomic Consortia (INSACOG) अब हर सप्‍ताह इसकी समीक्षा बैठक करेगा। इस बैठक में देश में आए मामलों और इसके खात्‍मे पर विचार विमर्श किया जाएगा। कई राज्‍य कोरोना के डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट को लेकर सर्तक हो गए हैं। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के प्रबंधन के गठित टीम को दिशा-निर्देश दिया कि देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ से संक्रमित मरीज़ पाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश को विशेष सतर्कता बरतनी होगी,जबकि मध्‍य प्रदेश में इससे एक मौत होने की खबर है। राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के मुताबिक इसके पांच मामलों की पुष्टि अब तक हुई है। राज्‍य के एडिशनल चीफ सेक्रेट्री स्‍वास्‍थ्‍य मोहम्‍मद सुलेमान के मुताबिक राज्‍य में जो वैक्‍सीन लोगों को दी जा रही है वो इस डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट पर भी कारगर है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने ये भी कहा है कि जिन पांच लोगों में डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट के होने की पुष्टि हुई है उन सभी को वैक्‍सीन दी गई थी। हालांकि इनको अस्‍पताल में भर्ती करने की संभावनाओं से इनकार किया है। समाचार एजेंसी के मुताबिक मध्‍य प्रदेश ऐसा पांचवां राज्‍य है जहां पर एनसीडीसी ने वायरस के जिनोम सिक्‍वेंसिंग की सुविधा उपलब्‍ध करवाई है। मध्‍य प्रदेश में सामने आने वाले मामले यहां के उज्‍जैन, रायसेन, अशोक नगर और भोपाल जिले से हैं।

 

आपको बता दें कि मध्‍य प्रदेश देश के उन तीन राज्‍यों में शामिल है जहां पर कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान डेल्‍टा वैरिएंट में हुए बदलाव और फिर सामने आने वाले डेल्‍टा प्‍लस वैरिंएट (AY.1) की पुष्टि हुई है। इसके अलावा केरल, जम्‍मू कश्‍मीर और महाराष्‍ट्र में भी इस वैरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक तमिलनाडु में चेन्‍नई में एक नर्स डेल्‍टा वेरिएंट से पीडि़त पाई गई है। राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य सचिव राधाकृष्‍णन ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि 32 वर्षीय महिला एक अस्‍पताल में नर्स का काम करती है। राज्‍य की तरफ से जिनोम सिक्‍वेंसिंग के लिए करीब 1159 सैंपल भेजे गए थे, जिनमें से 772 की जांच हो सकी है। इनमें डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट का एक मामला सामने आया है।
एएनआई की खबर के मुताबिक ICMR ने महामारी की तीसरी लहर आने की आशंकाओं के बीच कहा है कि डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट को कारण बताना जल्‍दबाजी होगी। आईसीएमआर के मुताबिक फिलहाल इसको लेकर चिंतित होने की भी जरूरत नहीं हैं। आइसीएमआर) के विज्ञानी और महामारी विज्ञान व संचारी रोग विभाग के कार्यक्रम अधिकारी डा.सुमित अग्रवाल के मुताबिक एमआरएनए वायरस में बदलाव होना उसकी एक सामान्य प्रवृत्ति है। इसको नियंत्रित भी नहीं किया जा सकता है। समय बीतने के साथ इसकी प्रवृति के बारे में भी पता लगाया जा सकेगा। उनका ये भी कहा है कि आने वाले समय में इस वायरस में और बदलाव आ सकते हैं।

डेल्‍टा वैरिएंट के तीन लक्षणों में इसका तेजी से संक्रमण, हाई एफिनिटी है और इस पर मोनोक्लोनल एंटीबाडी थेरेपी के बहुत कारगर साबित न होने की बात सामने आई है। समाचार एजेंसी ने कुछ समय पूर्व स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के हवाले से खबर दी थी कि केंद्र इस पर निगाह बनाए हुए हैं और इसको लेकर राज्‍यों को दिशा निर्देश भी दिए हैं। सरकार की तरफ से राज्‍यों को इसको काबू करने के सभी जरूरी कदम उठाने को भी कहा गया है। आपको बता दें कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इस डेल्‍टा वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न की लिस्‍ट में शामिल किया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट के मामले भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, जापान, पौलेंड, रूस और चीन में भी सामने आ चुके हैं। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इसके मामले करीब 11 देशों में सामने आने की भी बात कही गई है |

गौरतलब है कि डेल्‍टा वैरिएंट सार्स-कोव-2 का बदला हुआ रूप था जिसका महामारी की दूसरी लहर के दौरान भारत में सबसे अधिक प्रभाव देखने केा मिला था। इसी दौरान इस वैरिएंट में जो बदलाव सामने आया उसको डेल्‍टा प्‍लस AY.1 के नाम से जाना गया है। पीटीआई की एक खबर के मुताबिक देश के जाने-माने वीरोलॉजिस्‍ट शाहिद जमाल का कहना है कि डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट न केवल डेल्‍टा वैरिएंट के लक्षणों के साथ दिखाई देता है बल्कि इसमें दक्षिण अफ्रीका में पाए गए बीटा वैरिएंट (K417N) के भी लक्षण दिखाई देते हैं।