Thursday, June 19, 2025
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पीआरएसआई देहरादून चैप्टर ने पुलिस महानिदेशक से की शिष्टाचार भेंट

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ड्रग्स फ्री उत्तराखंड” अभियान, सड़क सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के लिए उत्तराखंड पुलिस कृतसंकल्प : डीजीपी

देहरादून, पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई), देहरादून चैप्टर के प्रतिनिधिमंडल ने आज उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ से शिष्टाचार भेंट की। बैठक के दौरान “ड्रग्स फ्री उत्तराखंड” अभियान को प्रभावी बनाने, सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम, साइबर अपराधों के खतरों को कम करने और इन सभी क्षेत्रों में जन भागीदारी को सुनिश्चित करने पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ।
ड्रग्स समस्या को लेकर डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि ड्रग्स फ्री उत्तराखंड मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उनके निर्देश पर पुलिस प्रशासन द्वारा ड्रग्स की गतिविधियों में लिप्त असामाजिक और माफिया तत्वों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग युवाओं को नशे के दलदल से बचाने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है, जिसमें समाज के हर वर्ग का योगदान आवश्यक है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त यातायात नियमों के पालन और लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने पर भी चर्चा की गई। इस संदर्भ में डीजीपी ने कहा कि पुलिस चेकिंग को काफी बढ़ाया गया है। सड़क सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है और पीआरएसआई जैसे संगठनों का सहयोग इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
बैठक में साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों को लेकर भी बातचीत हुई। डीजीपी ने बताया कि साइबर क्राइम रोकथाम के लिए लोगों को डिजिटल सुरक्षा और इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूक करना जरूरी है। उन्होंने पीआरएसआई के सदस्यों से आग्रह किया कि वे इस दिशा में भी सक्रिय भूमिका निभाएं। पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष रवि बिजारनिया ने कहा कि “ड्रग्स फ्री उत्तराखंड” अभियान, सड़क सुरक्षा और साइबर अपराधों के प्रति जनजागरूकता में पीआरएसआई सक्रिय भूमिका निभाएगा। संगठन अपने जनसंपर्क विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए जागरूकता अभियानों को प्रभावी बनाने के लिए पुलिस विभाग का हर संभव सहयोग करेगा। इस दौरान पीआरएसआई के अन्य सदस्यों ने भी अपने सुझाव प्रस्तुत किए। बैठक में पीआरएसआई के सचिव अनिल सती, सदस्य प्रियांक, मनोज सती, आयुष, संजय बिष्ट, प्रताप बिष्ट मौजूद थे।

धामी मंत्रिमंडल की बैठक सम्पन्न : बैठक में लिये गये 22 महत्वपूर्ण निर्णय

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देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। जिनमें ई-स्टाम्पिंग एवं ई-कोर्ट फीस अनुबंध का नवीनीकरण सहकारी समितियों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना चिकित्सकों के वेतनमान में सुधार आदि मुख्य हैं, वहीं राज्य सरकार ने ई-स्टाम्पिंग प्रक्रिया को सरल और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ अनुबंध की अवधि 3 वर्षों के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया। इसके तहत स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा पेपरलेस ई-स्टाम्पिंग, ई-नकल व्यवस्था, और वर्चुअल रजिस्ट्रेशन को लागू किया जाएगा। यह निर्णय नकली स्टाम्प पर रोक लगाने और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए किया गया।
उत्तराखंड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली, 2018 में संशोधन करते हुए प्रबंध समितियों में महिलाओं की सशक्त भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इसमें नामित सदस्यों और सभापतियों को निर्वाचन में छूट प्रदान की गई है, जो उन्हें सदस्य बनने की तिथि से लागू होगी।

चिकित्सकों के वेतनमान में सुधार:
राज्य के पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्रों में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विशेष डायनमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन योजना के तहत उनके वेतनमान में सुधार का निर्णय लिया गया। यह योजना उन चिकित्सकों को लाभान्वित करेगी, जो कठिन सेवाओं के मानदंड पूरे करते हैं। इससे 123 चिकित्सकों के बैच में वेतन असमानता को समाप्त किया जाएगा।
सरकार ने यह निर्णय चिकित्सकों के साथ अन्य कर्मचारियों के वेतन निर्धारण में समानता सुनिश्चित करने और राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने के उद्देश्य से लिया। इसके अतिरिक्त निम्न निर्णय भी लिए गए :

1- ई-स्टाम्पिंग एवं ई-कोर्ट फीस अनुबन्ध का नवीनीकरण किये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।

स्टाम्पों की आपूर्ति एवं विक्रय की वर्तमान प्रणाली में कठिनाईयों एवं कमियों दो दूर करने, नकली एवं जाली स्टाम्पों के प्रयोग पर रोक लगाने हेतु उत्तराखण्ड स्टाम्प (ई-स्टाम्प प्रमाण-पत्रों के माध्यम से शुल्क का संदाय) नियमावली, 2011 प्रख्यापित की गयी। भारत सरकार की सलाह के अनुरूप दिनांक 22.12.2021 को सम्पादित अनुबन्ध पत्र के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा 03 वर्षों के लिये स्टॉक होल्डिंग कार्पाेरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड को उत्तराखण्ड में ई-स्टाम्पिंग का कार्य करने के लिये केन्द्रीय अभिलेख अनुरक्षण अधिकरण के रूप में अधिकृत किया गया था। उक्त अनुबन्ध की समयसीमा दिनांक 19.12.2024 को समाप्त हो रही है।

वर्तमान में स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत Aadhar Authentication and Virtual Registration को राज्य स्तर पर क्रियान्वयन हेतु Virtual Registration Module, पेपरलेस ई-स्टाम्पिंग, Registry process completely Online and Paperless विषयक कार्यवाही भी SHCIL के साथ गतिमान है। साथ ही उप निबंधक कार्यालयों में संरक्षित अभिलेखों की सत्यापित प्रतिलिपि हेतु प्रचलित पूर्व की व्यवस्था को EoDB मानकों के अन्तर्गत पूर्णतः पेपरलेस करने के दृष्टिगत E-Nakal की व्यवस्था को भी SHCIL के सहयोग से लागू किया गया है। उक्त के दृष्टिगत राज्य सरकार एवं स्टॉक होल्डिंग कार्पाेरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड के मध्य ई-स्टाम्पिंग एवं ई-कोर्ट फीस अनुबन्ध को पूर्व में वर्णित शर्तों के अधीन ही आगामी 03 वर्ष हेतु विस्तारित किये जाने का निर्णय।

2 उत्तराखण्ड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन (संशोधन) नियमावली, 2024 के प्रख्यापन के सम्बन्ध में।

उत्तराखण्ड राज्य सहकारी समितियों में महिलाओं की सशक्त भागेदारी सुनिश्चित किये जाने के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा सहकारी समितियों की प्रबंध समिति में नामित सदस्य व सभापति जिन्हें विगत 03 सहकारी वर्ष पूर्व सम्मिलित किया गया था, ऐसे सदस्यों के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली, 2018 के नियम-12 (ख) में उक्त संशोधन नियमावली, 2024 के माध्यम से उन्हें सदस्य बनाये जाने की तिथि से प्रथम निर्वाचन के लिए छूट प्रदान किये जाने का निर्णय।

3.उत्तराखण्ड सरकारी सेवक वेतन नियम, 2016 के द्वारा पुनरीक्षित वैतन संरचना के नियम 6(1) के अन्तर्गत चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभागान्तर्गत चिकित्सको को एस०डी०ए०सी०पी० की स्वीकृति की तिथि से सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के क्रम में पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स में पुनः वेतन निर्धारण का विकल्प उपलब्ध कराये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।

राज्य के पर्वतीय एव दुर्गम क्षेत्रो में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्थित कराये जाने हेतु मौलिक रूप से नियुक्त प्रान्तीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा एव दन्त शल्यक सेवा सवर्ग के समस्त कार्यरत चिकित्साधिकारियों के लिए दिनांक 01 अप्रैल, 2016 से विशेष डायनमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन योजना लागू कि गयी है जो कि उन्हें उत्तराखण्ड चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा नियमावली 2014 में प्राविधानित पदोन्नति सोपान के दृष्टिगत 04, 09, 13 एवं 20 वर्ष की निरन्तर सन्तोषजनक सेवा पूर्ण करने पर कमशः ग्रेड वेतन रू0 6600, 7600, 8700 एवं 8900 के पदोन्नत वेतनमान पर्वतीय / दुर्गम क्षेत्र में कमश 02, 05, 07 एवं 09 वर्ष की सेवा पूर्ण करने की शर्त के साथ प्रदान करती है। चिकित्साधिकारियों द्वारा दुर्गम सेवा जब भी पूर्ण कर ली जाती है उन्हें विशेष डायनमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन योजना की अनुमन्यता की तिथि से समस्त लाभ प्राप्त हो जाते है।

उत्तराखण्ड सरकारी सेवक वेतन नियम 2016 के नियम 5 एवं नियम 6 (1) में प्रावधानित व्यवस्था के अन्तर्गत सातवें वेतन आयोग की पुनरीक्षित संरचना में वेतन निर्धारण हेतु विकल्प का प्रयोग अधिसूचना जारी होने की तिथि से 03 माह के भीतर किया जा सकता था। वर्ष 2003 में नियुक्त 123 चिकित्सकों में से 30 चिकित्सकों द्वारा एस०डी०ए०सी०पी० की अनुमन्यता हेतु लागू शर्त के दृष्टिगत विकल्प का प्रयोग विभिन्न कारणों से नहीं किया जा सका है। जिससे एक ही बैच में चयनित चिकित्सकों के वेतन में अन्तर परिलक्षित है।

राज्य सरकार द्वारा चिकित्सकों के वेतन में आ रहे अन्तर को दूर किये जाने हेतु उत्तराखण्ड सरकारी सेवक वेतन नियम् 2016 अधिसूचना दिनांक 28 दिसम्बर, 2016 के जारी होने की तिथि से तीन माह के अंदर ही विकल्प का चयन का प्रावधान उपबन्धित होने एवं विशेष डायनमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन योजना की विशेष प्रकृति के दृष्टिगत आपवादिक स्थिति में वेतन नियम, 2016 अधिसूचना दिनांक 28 दिसम्बर, 2016 के नियम 5 एवं 6 के अनुसार 2003 बैच के चिकित्सकों को एक बार पुनः पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स अपनाये जाने के विकल्प का चयन करने का एक और अवसर प्रदान किये जाने का निर्णय इस प्रतिबंध के साथ लिया गया है कि दी गयी छूट को किसी भी अन्य मामले में दृष्टांत नहीं माना जायेगा।

4.उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के वाहन चालकों को वर्दी भत्ता अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।

वाहन चालकों द्वारा वर्दी की दरों/उसके सापेक्ष उन्हें प्राप्त हो रही धनराशि में विगत 13 वर्षों से वृद्धि न होने के दृष्टिगत वर्दी की दरों / प्राप्त हो रही धनराशि में बढ़ोत्तरी किये जाने की निरन्तर मांग के क्रम में उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के वाहन चालकों की वर्दी के लिए निर्धारित उक्त व्यवस्था को समाप्त करते हुए उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के नियमित रूप से कार्यरत वाहन चालकों को प्रतिवर्ष रू० 3,000.00/- (रू० तीन हजार मात्र) वर्दी भत्ता अनुमन्य किये जाने का कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है। इससे राज्य में कार्यरत लगभग 2000 नियमित वाहन चालक लाभन्वित होंगे।

5.उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग के तहत मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 एवं 2019 की धारा-21 की उपधारा (3) में प्राविधानित है कि आयोग का एक सचिव होगा, जो राज्य का मुख्य कार्यपालक अधिकारी होगा और वह अध्यक्ष के नियंत्रण के अधीन रहते हुये राज्य आयोग की सभी प्रशासनिक एवं वित्तीय शक्तियों का प्रयोग करेगा।

उक्त प्राविधान के आलोक में वर्तमान में सचिव, उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग को आयोग के समस्त प्रशासनिक एवं वित्तीय शक्तियां प्राप्त हैं, परन्तु आयोग में विभागाध्यक्ष घोषित न होने के दृष्टिगत अध्यक्ष, उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग को शासकीय अभिलेखों में विभागाध्यक्ष घोषित किए जाने हेतु वित्तीय अधिकारों के प्रतिनिधायन, के अध्याय-4 (विभागाध्यक्षों की सूची) के क्रमांक-110 के पश्चात् क्रमांक-111 पर अध्यक्ष, उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग, देहरादून का नाम अग्रेतर सम्मिलित किये जाने का लिया गया निर्णय।

6.दिनांक 30 जून/31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले उत्तराखण्ड राज्य सरकार के कार्मिकों की सेवानिवृत्ति की तिथि (30 जून/31 दिसम्बर) के ठीक अगले दिन अर्थात 01 जुलाई/01 जनवरी को वेतनवृद्धि नियत होने पर एक नोशनल वेतनवृद्धि अनुमन्य किये जाने का लिया गया निर्णय।

राज्य में वेतन समिति, उत्तराखण्ड द्वारा की गयी संस्तुतियों पर लिये गये निर्णयानुसार राजकीय कर्मचारियों को अनुमन्य वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि प्रत्येक वर्ष की 01 जनवरी तथा 01 जुलाई निर्धारित की गयी है। राज्य सरकार के बहुत से सरकारी सेवक अधिवर्षता आयु पूर्ण कर प्रति वर्ष दिनांक 30 जून/31 दिसम्बर को भी सेवानिवृत्त होते हैं, इनमे ऐसे सरकारी सेवक भी सम्मिलित होते है, जिनके द्वारा एक ही वेतन स्तर पर उक्त तिथि को 01 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूर्ण कर ली जाती है। परन्तु उन्हें आगामी वेतनवृद्धि प्रदान नहीं की जाती है क्योंकि सरकारी सेवकों को वार्षिक वेतन वृद्धि एक वर्ष की सन्तोषजनक सेवा के उपरान्त देय होती है। इन सरकारी सेवकों द्वारा एक वर्ष की सन्तोषजनक सेवा पूर्ण तो कर ली जाती है लेकिन वे उसी दिन सेवानिवृत्त हो जाते है जिस दिन उनकी एक वर्ष की सेवा पूर्ण हो रही हो।

राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 30 जून एवं 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले राज्य सरकार के कार्मिकों, जिन्हें यथास्थिति 01 जुलाई एवं 01 जनवरी को वेतनवृद्धि दिया जाना नियत है, द्वारा आहरित अंतिम वेतन मे एक नोशनल वेतनवृद्धि जोडते हुए पेंशन की गणना की जायेगी। अन्य सेवानिवृत्तिक लाभो की गणना में नोशनल वेतनवृद्धि को नहीं लिया जायेगा ।

7 उत्तराखण्ड आवास नीति नियमावली, 2024 के प्रख्यापन के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

राज्य के अन्तर्गत निवासरत जनों हेतु सुरक्षित एवं स्थायी आवास एवं प्रधानमंत्री आवास योजना से आच्छादित पात्र समाज के प्रत्येक वर्ग को किफायती आवास बनाने के उद्देश्य की पूर्ति हेतु उत्तराखण्ड आवास नीति, 2017 प्रख्यापित की गयी थी। उक्त आवास नीति, 2017 के सुचारू क्रियान्वयन किये जाने के लिए उत्तराखण्ड आवास नीति नियमावली, 2018 का प्रख्यापन किया गया। पूर्ववर्ती नीति एवं नियमावलियों में विद्यमान कमियों को दूर करते हुए किफायती आवास परियोजनाओं सहित समस्त प्रकार की आवासीय परियोजनाओं के निर्माण एवं भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया को सरल एवं व्यावहारिक बनाये जाने, राज्य में आवासीय सेक्टर के विकास हेतु एक सकारात्मक एवं अनुकूल वातावरण का निर्माण किये जाने तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकार की मंशानुसार सबके लिए आवास की परिकल्पना को मूर्त रूप दिये जाने के उद्देश्य से नियमावली का प्रख्यापन किये जाने का निर्णय लिया गया।

8 राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ में सब्सिडी प्रदान करने के सम्बन्ध में।

मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 16 सितम्बर, 2024 को राज्य के घरेलू श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ में सब्सिडी प्रदान किये जाने सम्बन्धी घोषणा के क्रम में राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को लागू विद्युत दरों (इनर्जी चार्ज) में 50 प्रतिशत सब्सिडी निम्नानुसार प्रदान की गयी हैः-

हिम-आच्छादित क्षेत्र के घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता जिनका मासिक विद्युत उपभोग 200 यूनिट तक है।
अन्य क्षेत्रों के घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता जिनका अनुबन्धित विद्युत भार 1 किलोवाट तक तथा मासिक विद्युत उपभोग 100 यूनिट तक है।
उक्त शासनादेश दिनांक 24.09.2024 में आंशिक संसोधन तथा पूर्व में उल्लिखित अन्य शर्तों सहित कार्याेत्तर स्वीकृति / अनुमोदन प्राप्त किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
9.उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत निराश्रित/बेसहारा गौवंश का आश्रय कराये जाने हेतु निर्गत शासनादेश में संसोधन का निर्णय।

उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान की 11वीं एवं 12वीं अनुसूची की व्यवस्था के अनुसार नगरीय परिधि में गोसदनों का निर्माण एवं तत्संबंधी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना शहरी विकास विभाग के क्षेत्रान्तर्गत, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में गोसदनों का निर्माण एवं तत्संबंधी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना पंचायती राज विभाग के क्षेत्रान्तर्गत आता है। ग्रामीण क्षेत्रों में गोसदनों का निर्माण कार्य पंचायती राज विभाग के क्षेत्रान्तर्गत आता है। यह भी उल्लखनीय है कि प्रदेश के समस्त पंजीकृत गोसदनों में शरणागत निराश्रित गोवंश को भरण-पोषण एव उनके उपचार से संबंधित समस्त चिकित्सकीय सुविधाएं पशुपालन विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।

उक्त के दृष्टिगत नगरीय परिधि में निराश्रित गोवंश हेतु गोसदनों की स्थापना एवं तत्संबंधी आवश्यक सुविधाएं पूर्ववत शहरी विकास विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी तथा नगरीय परिधि से बाहर निराश्रित गोवंश हेतु गोसदनों की स्थापना एवं तत्संबंधी आवश्यक सुविधाएं पंचायती राज विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी। इस प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।

10.राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग में अधिसूचित जाति सयाल के स्थान पर जाति सयाला संशोधित किये जाने का निर्णय।

11.राज्य के ट्रांसजेण्डर समुदाय के हितों के दृष्टिगत् ट्रांसजेण्डर पर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ राइट) अधिनियम, 2019 की धारा-22 एवं ट्रांसजेण्डर पर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ राइट) रूल्स, 2020 की धारा-10 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड ट्रांसजेण्डर पर्सन्स कल्याण बोर्ड का गठन किये जाने की प्रदान की गई स्वीकृति।

12.उत्तराखण्ड रजिस्ट्रार कानूनगो संघ एवं पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, उप निरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ की हड़ताल अवधि (दिनांकः 01.11.2021 से 08.01.2022 तक एवं दिनांक 23.12.2021 से 07.01.2022 तक) को उनके उपार्जित अवकाश में समायोजित कर उक्त अवधि का वेतन आहरण किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

13.राज्य में उत्पादित सी ग्रेड सेब तथा नाशपाती (गोला) फलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किये जाने का निर्णय।

राज्य के सेब एवं नाशपाती फल उत्पादकों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाये जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है, जिसके दृष्टिगत वर्ष 2024-25 में उत्पादित सी ग्रेड सेब फल का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 13.00 प्रति किग्रा० तथा नाशपाती (गोला) फल का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 7.00 प्रति किग्रा० निर्धारित / घोषित किये जाने तथा भविष्य में औद्यानिक फलों यथा-सी ग्रेड सेब, नाशपाती (गोला), माल्टा, गलगल, पहाड़ी नीबू इत्यादि का न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण वित्त विभाग के परामर्श / सहमति से प्रशासकीय विभाग को अधिकृत किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री द्वारा दिनांकः 18.10.2024 को विचलन के माध्यम से प्रदत्त अनुमोदन के क्रम में शासनादेश निर्गत किये जा चुके हैं। इस प्रसताव को कैबिनेट ने दी मंजूूरी।

14.समन्वित बाल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों/ आंगनवाड़ी सहायिकाओं की मानदेय पर नियुक्ति हेतु चयन प्रकिया के सम्बन्ध में।

समन्वित बाल विकास कार्यकम के अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों/ सहायिकाओं / मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की मानदेय पर नियुक्ति हेतु चयन प्रक्रिया के सम्बन्ध में आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों/आंगनवाडी सहायिकाओं के चयन/नियुक्ति कार्य एवं उत्तरदायित्व के निर्धारण एवं सेवा शर्तों के विनियमन हेतु नवीन शासनादेश निर्गत किये जाने का कैबिनेट ने प्रदान की स्वीकृति।

15.उत्तराखण्ड भूसम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) के वार्षिक प्रतिवेदन 2022-23 को विधान सभा में सदन के पटल पर रखे जाने का कैबिनेट ने लिया निर्णय।

16.मुख्यमंत्री विद्यार्थी शैक्षिक भारत दर्शन योजना (शैक्षिक भ्रमण योजना). 2024 संचालित किये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।

उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालयों/ परिसरों एवं शासकीय महाविद्यालयों में संस्थागत रूप से अध्ययनरत मेधावी छात्रों का शैक्षिक अभिमुखीकरण करने तथा देश के बहुआयामी संस्कृति से जोड़ते हुए लब्ध प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थाओं और अन्य महत्वपूर्ण संस्थाओं में हो रहे शोध, शिक्षा, नवाचार, संस्कृति आदि से परिचित कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री-विद्यार्थी शैक्षिक भारत दर्शन योजना (शैक्षिक भ्रमण योजना), 2024 को कैबिनेट से मिली मंजूरी।

इस योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालय परिसरों एवं शासकीय महाविद्यालय के संस्थागत छात्रों का चयन करके उन्हें भारत के प्रमुख लब्ध प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों और अन्य राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों का भ्रमण करने के लिए भेजने की रूपरेखा स्थापित करना है।

योजना हेतु राज्य विश्वविद्यालय परिसर एवं शासकीय महाविद्यालयों के अंतिम वर्ष अथवा द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत संस्थागत छात्र भ्रमण हेतु पात्र होंगे।

17.मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन एवं ज्ञानवर्धन प्रशिक्षण योजना (शैक्षिक भ्रमण योजना), 2024 संचालित किये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।

उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालयों / परिसरों एवं शासकीय महाविद्यालयों तथा उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड के अधिकार क्षेत्र में आने वाले अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत / तैनात के शिक्षकों को देश के प्रमुख संस्थानों और केंद्रों का शैक्षिक भ्रमण करने के लिए उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन एवं ज्ञानवर्धन प्रशिक्षण योजना प्रस्ताव को किया गया स्वीकृत।

इस योजना का उद्देश्य राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों (राज्य विश्वविद्यालय परिसरों एवं शासकीय महाविद्यालयों तथा उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड के अधिकार क्षेत्र में आने वाले अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थानों) में कार्यरत / तैनात के शिक्षकों को देश के प्रमुख संस्थानों और केंद्रों का शैक्षिक भ्रमण करने के लिए भेजने की रूपरेखा स्थापित करना है।

योजना हेतु संस्थानों की विषय क्षेत्र में विशेषज्ञता के आधार पर संबंधित विषय क्षेत्र के शिक्षक का चयन किया जाएगा जिसके अंतर्गत मेजबान संस्थान से प्राप्त परस्पर सहमति एवं निर्धारित मॉड्यूल (परिवर्तनीय) के आधार पर गुणवत्ता उन्नयन एवं ज्ञानवर्धन हेतु प्रस्तावित भ्रमण अवधि में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

18.मुख्यमंत्री उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन प्रोत्साहन योजना, 2024 संचालित किये जाने का निर्णय।

उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालयों एवं संबद्ध राजकीय महाविद्यालयों के समस्त विषयों के नियमित प्राध्यापकों को अपने शोध कार्यों को उच्च गुणवत्तापरक शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित करने हेतु प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन प्रोत्साहन योजना, 2024 की शुरुआत किये जाने का कैबिनेट ने प्रदान की स्वीकृति।

इस योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालयों एवं संबद्ध महाविद्यालयों में शोध वातावरण के सृजन तथा शोध की गुणवत्ता को बढ़ावा देना है।

प्रोत्साहन पुरस्कारः- प्राध्यापकों द्वारा प्रकाशित शोध पत्र एबीडीसी (आस्ट्रेलियन बिजनेस डीन्स काउंसिल) क्वालिटी लिस्ट में होने अथवा उपरोक्त वर्णित श्रेणी के इण्डेक्स शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित होने पर निम्नानुसार मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया जाएगा-

एबीडीसी (आस्ट्रेलियन बिजनेसडीन्स काउंसिल) क्वालिटी लिस्ट में ए स्टार अथवा ए श्रेणी तथा स्कोपस इण्डेक्स, एस०सी०आई इण्डेक्स एवं वेब ऑफ साइंस इण्डेक्स के 5 अथवा अधिक इम्पैक्ट फैक्टर वाले शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित होने पर प्रत्येक शोध पत्र के लिए ₹10,000.00 मात्र (₹ दस हजार मात्र) की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

एबीडीसी (आस्ट्रेलियन बिजनेस डीन्स काउंसिल) क्वालिटी लिस्ट में बी तथा स्कोपस इण्डेक्स, एस०सी०आई इण्डेक्स एवं वेब ऑफ साइंस इण्डेक्स के 5 से कम इम्पैक्ट फैक्टर वाले शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित होने पर प्रत्येक शोध पत्र के लिए ₹5,000.00 मात्र (₹ पाँच हजार मात्र) की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

प्राध्यापकों को उक्त प्रोत्साहन पुरस्कार हेतु समर्थ पोर्टल पर आवेदन करना होगा, जिस हेतु राज्य सरकार द्वारा समर्थ पोर्टल के माध्यम से वर्ष में दो बार (जनवरी एवं जुलाई) आवेदन आमंत्रित किया जाएगा।

19.उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा 100 नई बसें बीएस-06 मॉडल की क्रय किये जाने हेतु कुल धनराशि₹ 34.90 करोड़ वित्तीय संस्थाओं से ऋण लिये जाने एवं उस पर देय ब्याज की धनराशि की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा अनुदान के रूप में भुगतान किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।

उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा जनसामान्य को निगम के नियन्त्रणाधीन संचालित बस सेवाओं के माध्यम से आवागमन एवं यात्रा की अति आवश्यक सुविधा प्रदान की जाती है। बी0 एस0 06 डीजल बसों को ही दिल्ली में प्रवेश दिये जाने के निर्देशों के क्रम में उत्तराखण्ड परिवहन निगम की दिल्ली हेतु संचालित 540 बसों के सापेक्ष पर्वतीय क्षेत्र हेतु बीएस-06 मॉडल की 100 नई बसें क्रय किये जाने हेतु कुल धनराशि 34.90 करोड़ के ऋण पर देय ब्याज का भुगतान (पांच वर्ष तक) अनुदान के रूप में दिये जाने की स्वीकृति राज्य सरकार द्वारा प्रदान किये जाने का कैबिनेट ने लिया निर्णय।

20.चिकित्सा शिक्षा विभागान्तर्गत संचालित राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं सम्बद्ध टीचिंग चिकित्सालयों में यूजर चार्जेज की दरों में एकरूपता लाये जाने का निर्णय।

उत्तराखण्ड राज्य में चिकित्सा शिक्षा विभागन्तर्गत वर्तमान में राजकीय मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर, देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी एवं अल्मोड़ा संचालित हैं तथा राजकीय मेडिकल कॉलेज, रूद्रपुर तथा पिथौरागढ़ के सम्बद्ध चिकित्सालय भी संचालित किये जा रहे हैं। उक्त मेडिकल कॉलेजों के सम्बद्ध चिकित्सालयों में लिये जाने वाले ओ०पी०डी० दरों, आई०पी०डी० दरों, पंजीकरण शुल्क, बैड चार्जेज एवं एम्बुलेंस, जांच एवं निदान शुल्क / यूजर चार्जेज इत्यादि में एकरूपता लाये जाने के उद्देश्य से वर्तमान में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संशोधित / निर्धारित यूजर चार्जेज की दरों की भांति किये जाने के संबंध में प्रकरण को मंत्रिमण्डल के निर्णयार्थ प्रस्तुत किया गया, जिस पर मंत्रिमण्डल द्वारा सहमति व्यक्त की गयी है।

21 उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा विनियम 2009 के अध्याय-12 की धारा-27 में उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) में लिंग परिवर्तन के फलस्वरूप नाम परिवर्तन सम्बन्धी प्रकरणों हेतु कोई प्राविधान नहीं है। लिंग परिवर्तन के पश्चायत शैक्षिक प्रमाण पत्र आदि शैक्षिक अभिलेखों में नाम परिवर्तन विषयक संशोधन सम्बन्धी प्राप्त हो रहे अनुरोधों के निस्तारण हेतु उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा विनियम 2009 के अध्याय-12 की धारा-27 में उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों के संरक्षण) अधिनियम 2019 के अनुसार संशोधन किया जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

लिंग परिवर्तन करने के पश्चात् नाम परिवर्तन सम्बन्धी प्रकरणों का निस्तारण उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 की धारा 7 सपठित उभयलिंगी (अधिकारों का संरक्षण) नियमावली 2020 एवं उक्त के सम्बन्ध में भविष्य में इस संबंध में समय-समय पर जारी/संशोधित अन्य नियमावली / शासनादेशों के क्रम में किया जायेगा।

22 राज्य में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु उत्तराखण्ड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक-2024 को अध्यादेश के रूप में रखे जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।
राज्य में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु उत्तराखण्ड राज्य क्रीडा विश्वविद्यालय विधेयक-2024 को विधान सभा के पटल पर रखे जान संबंधी कार्यवाही खेल विभाग द्वारा की गयी थी तथा उक्त विधेयक को गैरसैंण में आहूत विधानसभा सत्र में तत्समय रखा भी गया था।

इसी क्रम में उक्त विधेयक पर विधानसभा की सहमति प्राप्त होने के पश्चात् मा० राज्यपाल महोदय का अनुमोदन प्राप्त किये जाने हेतु विधेयक का विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग के माध्यम से संदर्भित किया गया था।

राजभवन, देहरादून द्वारा अपने पत्र दिनांक 11 नवम्बर, 2024 को भारत के संविधान के अनुच्छेद-200 के प्रथम परन्तुक में प्रदत्त अधिकार का प्रयोग करत हुये इस विधेयक को राज्य विधानसभा में पुनर्विचार हेतु प्रत्यावर्तित करते हुय पारित मूल प्रस्तावित अधिनियम विधेयक की प्रस्तावित धारा-12 एवं धारा-23 में संशोधन करने हेतु निर्देशित किया गया है, उल्लिखित निर्देशों का अनुपालन करते हुये संशोधित धाराओं को प्रस्तावित्त अध्यादेश में समाहित कर दिया गया है।

प्रकरण की महत्ता एवं तात्कालिकता तथा वर्तमान में विधानसभा सत्र में न होने के दृष्टिगत उत्तराखण्ड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक-2024 को अध्यादेश के रूप में लाये जाने के प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल द्वारा सहमति प्रदान की गई हैं।

अपर सचिव स्तर के अधिकारी सीएम के निर्देश पर गांवों में रात्रि प्रवास कर स्थानीय लोगों से करेंगे संवाद

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देहरादून, डबल इंजन सरकार की योजनाओं का लाभ गांव के अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्प है। अब अपर सचिव स्तर के अधिकारी राज्य के हर विकासखंड में जाएंगे और राज्य एवं केंद्र सरकार की योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। सभी अधिकारी विकासखंड के एक या दो गांवों में रात्रि प्रवास कर स्थानीय लोगों से भी संवाद करेंगे।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विभागों को प्रदेश और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। राज्य में गांवों के विकास का क्या हाल है, प्रदेश और केंद्र की ओर से संचालित विकास योजनाओं की क्या स्थिति है, स्थानीय लोगों की विशिष्ट समस्याएं क्या हैं, इसका जायजा लेने के लिए अपर सचिव स्तर के अधिकारी सभी 13 जिलों के 95 विकासखंडों में पहुंचेंगे और विकास योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करेंगे।शासनादेश के अनुसार सभी अधिकारी विकास योजनाओं का निरीक्षण कर केंद्र और प्रदेश स्तर के ध्वजवाहक कार्यक्रमों व अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षात्मक रिपोर्ट तैयार करने के साथ ही ब्लॉक स्तर पर होने वाली महत्वपूर्ण बैठकों में भी प्रतिभाग करेंगे। केंद्र और प्रदेश की लाभार्थी परक योजनाओं का स्थलीय सत्यापन कर देखेंगे कि पात्र लोग लाभान्वित हो रहे हैं या नहीं।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए गंभीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दिशानिर्देशन में उत्तराखण्ड के विकास को नई गति दी जा रही है। हम ‘अंत्योदय एवं गरीब कल्याण’ के संकल्प को सिद्धि की ओर ले जाने के लिए तत्पर हैं। विकास गांव के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए उच्च स्तरीय अधिकारियों को मॉनिटरिंग का जिम्मा दिया गया है। अपर सचिव स्तर के अधिकारी गांवों के प्रवास पर जाएंगे तो विकास की वस्तुस्थिति की पूरी जानकारी शासन को हो सकेगी। वरिष्ठ अधिकारियों के दूरस्थ गांवों का हाल जानने से विकास की योजनाएं भी गांवों की जरूरत के अनुसार बनाई जा सकेंगी।

ओएनजीसी के सेवानिवृत्त अधिकारी की हत्या का मामला, पुलिस को मिले महत्वपूर्ण सुराग, जल्द होगा खुलासा

देहरादून, ओएनजीसी के सेवानिवृत्त अधिकारी की हत्या के मामले में पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि शीघ्र घटना का खुलासा कर दिया जायेगा।उल्लेखनीय है कि जीएमएस रोड के पॉश कालोनी अलकनन्दा एन्क्लेव में अकेले रह रहे ओएनजीसी के सेवानिवृत्त इंजीनियर अशोक कुमार गर्ग की बीती शाम नृशंस हत्या कर दी गयी थी। पडोसियों ने जब आवाज सुनी जिसके बाद पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचे बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाया लेकिन तब तक उनकी मौत हो गयी थी। पुलिस जब मौके पर पहुंची थी तो मकान के सभी कमरों की लाइटें जल रही थी। हत्यारे ने जिस तरह से अशोक कुमार गर्ग की हत्या की इससे यह तो साफ हो जाता है कि उसको काफी गुस्सा था। पेट पर इन घावों से उनकी आंते भी बाहर आ गयी थी। पुलिस की शुरूआती जांच मेें मामला लूट का नहीं लग रहा था क्योंकि कमरे में रखे पैसे उसी जगह पर सुरक्षित रखे हुए थे। घर का हर सामान जहां जैसा रखा रहता था वैसे ही रखा था। मौके पर कुछ भी अस्त व्यस्त नही दिख रहा था। पुलिस ने आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू कर दिया। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं और घटना का शीघ्र खुलासा कर दिया जायेगा।

शीतकालीन यात्रा एवं चारधाम यात्रा—2025 के संबंध में सीएम धामी ने की समीक्षा बैठक

देहरादून, सचिवालय में शीतकालीन यात्रा एवं चारधाम यात्रा—2025 के संबंध में आयोजित बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यात्रा मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने, खराब मौसम के दौरान आपातकालीन प्रबंधन प्रणाली को प्रभावी बनाने और सड़कों की मरम्मत का कार्य सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया।इस दौरान उन्होने बताया कि शीतकालीन सत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने जीएमवीएन के होटलों में 25: छूट देने का निर्णय भी लिया है। बैठक के दौरान चारधाम यात्रा—2025 की तैयारियों को लेकर अधिकारियों को यात्रा मार्ग पर गाड़ियों के लिए पार्किंग लॉट्स बनाने, चारधाम में श्रद्धालुओं की दैनिक धारण क्षमता को बढ़ाने के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और यात्रा प्राधिकरण में सम्मानित हक—हकूकधारियों की सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गये। साथ ही राज्य के शीतकालीन पर्यटन स्थलों एवं अन्य हिडन डेस्टिनेशंस को बढ़ावा देने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं, स्वच्छता और सुरक्षित आवास की व्यवस्था को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाये।

ओएनजीसी से रिटायर बुजुर्ग की संदिग्ध हालत में मौत, पुलिस जांच में जुटी, हत्या की आशंका

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देहरादून, जनपद के थाना वसंत विहार को सूचना प्राप्त हुई की अलकनंदा एंक्लेव में स्थित एक घर से एक बुजुर्ग व्यक्ति के चिल्लाने की आवाज आ रही है। सूचना पर थाना बसंत विहार से पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुंचा। मौके पर अलकनंदा एन्क्लेव में स्थित एक मकान में एक बुजुर्ग व्यक्ति घायल अवस्था में पड़े थे, जिनके पेट पर गहरे घाव के निशान थे, जिन्हें पुलिस कर्मियों द्वारा तत्काल उपचार हेतु इंद्रेश अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

अलकनंदा एंक्लेव, जीएमएस रोड निवासी अशोक कुमार गर्ग के रूप में हुई जिनकी उम्र 75 वर्ष बतायी जा रही है। मृतक के संबंध में जानकारी करने में ज्ञात हुआ कि मृतक ओएनजीसी से वरिष्ठ इंजीनियर पद से सेवानिवृत्त अशोक गर्ग उम्र 72 वर्ष अलकनंदा एन्क्लेव के 25 नंबर मकान में रहते थे। उनकी दो बेटियां हैं, इनमें से एक चेन्नई में रहती हैं, जिनके पति एयर फोर्स में हैं, जबकि दूसरी बेटी गुरुग्राम में रहती हैं, उनके पति विदेश में रहते हैं। अशोक गर्ग की पत्नी की पांच साल पहले मृत्यु हो चुकी है ऐसे में वह घर पर अकेले रहते थे। सोमवार रात करीब साढ़े बजे अज्ञात व्यक्ति ने उनकी चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी। उनके पेट में चाकू से कई वार किए गए, जिसके कारण उनका पेट आधा फट गया।
घटनास्थल पर तत्काल पुलिस व फॉरेंसिक टीम द्वारा घटनास्थल का गहनता से निरीक्षण किया गया व जांच की जा रही है, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा तत्काल मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण कर अधिकारियों व पड़ोसियों से घटना के संबंध में जानकारी ली गई व घटना के खुलासे के तत्काल निर्देश दिए गए। अब पुलिस की जांच के बाद ही मौत होने का पता चल पायेगा |

जी.आर.डी के पांच छात्र/छात्राओं को मिलें उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में मेडल

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देहरादून- राजधानी के प्रतिष्ठित कॉलेज गुरु राम दास इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, देहरादून के पांच छात्र छात्राओं ने शिक्षा के क्षेत्र में राज्य स्तर की मेरिट लिस्ट में झण्डे गाड़ दिए है ! जिन्हे आज उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में मेरिट मैडल मिलें !

बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग की शिवानी नेगी ने पुरे उत्तराखंड को टॉप किया है उन्हें सिविल इंजीनियरिंग में गोल्ड मैडल मिला ! साथ ही भाव्या गुप्ता को ऍम.फार्मा (फार्माकोलॉजी) में गोल्ड मेडल, आरती कुमारी पांडेय को ऍम.फार्मा (फार्मासुटीक्स) में गोल्ड मेडल, ऊर्वशी गर्ग को ऍम.फार्मा (फार्माकोलॉजी) में सिल्वर मैडल एवं अयुश कश्यप को बी.टेक इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स में ब्रोंज मैडल प्रदान किये गए !

संस्थान के वाईस चेयरमैन श्रीं इंदरजीत सिंह ने पांच मेडल मिलने पर सभी शिक्षकों को धन्यवाद किया एवं आगे और मैडल आने की शुभ कामनाये दी ! उन्होंने संस्थान की और से मेधावी छात्र-छात्राओं को सभी सुविधाएं देने का वायदा किया !

महानिदेशक डॉ. पंकज चौधरी ने मेरिट लिस्ट में आये सभी छात्र-छात्राओं की सफलता का श्रेय उनकी एवं उनके शिक्षकों की कड़ी मेहनत एवं लगन को दिया ! भाव्या गुप्ता ने पुरे प्रदेश में प्रथम स्थान पाने पर खुशी जाहीर की एवं कहा कि लग्न एवं मेहनत से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है !

शिवानी नेगी ने पुरे उत्तराखंड को टॉप करने पर विशेष खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्रों की प्रतिभाओ को निखारने का मौका देकर जी आर. डी. संस्थान ने अति विसिष्ट कार्य किया है !

गूगल मैप्स ने किए बड़े बदलाव, अब मुफ्त मिलेंगी यह सेवाएं

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नई दिल्ली,  गूगल ने भारतीय डेवलपर्स को अपने मैप्स प्लेटफॉर्म से अधिक सुविधाएं प्रदान करने की घोषणा की है, जिसमें रूट्स, स्थान और एनवायरनमेंट एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट (एसडीके) तक निशुल्क पहुंच शामिल है।
1 मार्च, 2025 से डेवलपर्स को मासिक सीमा तक मैप्स, रूट्स, स्थान और एनवायरमेंट प्रोडक्ट्स तक मुफ्त पहुंच प्राप्त होगी, जिससे उन्हें बिना किसी अग्रिम लागत के निकटवर्ती स्थान और डायनामिक स्ट्रीट व्यू जैसे विभिन्न उत्पादों को आसानी से एकीकृत कर पाएंगे।
गूगल मैप्स प्लेटफॉर्म के प्रोडक्ट मैनेजमेंट के वरिष्ठ निदेशक टीना वेयंड ने कहा, भारत में इसका मतलब यह है कि आज हम जो 200 डॉलर का मासिक क्रेडिट प्रदान करते हैं, उसके स्थान पर डेवलपर्स जल्द ही हर महीने 6,800 डॉलर तक की वैल्यू की मुफ्त सेवाओं का उपयोग कर पाएंगे।
इससे डेवलपर्स को बेहतर समाधान बनाने और बिना किसी लागत के गूगल एपीआई और एसडीके के साथ प्रयोग करने की सुविधा मिलेगी। डेवलपर्स को केवल तभी भुगतान करना होगा जब वे फ्री उपयोग की सीमा पार कर लेंगे।
गूगल मैप्स प्लैटफॉर्म का भारत में उपयोग डिलीवरी से लेकर ट्रैवल ऐप बनाने में किया जाता है।
वेयंड ने कहा, भारत में हमारी कवरेज 70 लाख किलोमीटर से ज्यादा की सडक़ों, 30 करोड़ इमारतों और 3.5 करोड़ व्यवसायों और स्थानों तक फैली हुई है।
टेक दिग्गज की ओर से कहा गया कि गूगल मैप्स प्लेटफॉर्म ने हाल ही में भारत में विशिष्ट मूल्य निर्धारण की शुरुआत की है। इसमें अधिकांश एपीआई पर 70 प्रतिशत तक कम मूल्य निर्धारण और ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के साथ सहयोग शामिल है, जो डेवलपर्स को चुनिंदा गूगल मैप्स प्लेटफॉर्म एपीआई पर 90 प्रतिशत तक की छूट प्रदान करता है।
कंपनी ने कहा कि इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कई डेवलपर्स के बिलों में आधे से भी अधिक की कमी आई है और छोटे डेवलपर्स के बिलों में तो और भी बड़ी कमी आई है।

देश के 140 करोड़ लोगों के मन में जो ‘अजेय भारत’ का विश्वास है, उसका पूरा श्रेय सीमा पर खड़े जवानों को जाता है- अमित शाह

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साहस, शौर्य और बलिदान के बल पर BSF ने देश के ‘फर्स्ट लाइन ऑफ़ डिफेंस’ को मजबूत बनाया

नई दिल्ली :- राजस्थान के जोधपुर में सीमा सुरक्षा बल के 60वें स्थापना दिवस समारोह परेड में बतौर मुख्य अतिथि अपनी उपस्थिति दर्ज करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यह स्पष्ट किया कि, ‘देश के 140 करोड़ लोगों के मन में जो ‘अजेय भारत’ का विश्वास है, उसका पूरा श्रेय सीमा पर खड़े जवानों को जाता है।’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में बीते कुछ वर्षों में आंतरिक सुरक्षा से लेकर सीमा सुरक्षा तक की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है, और इस बात को पूरी दुनिया ने देखा है।

60 सालों से साहस, शौर्य और बलिदान के दम पर सीमा सुरक्षा बल ने न केवल देश की फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस को ताकतवर बनाने का काम किया है, बल्कि सीमा पर आने वाली सभी चुनौतियों का मुकाबला कर देश की सुरक्षा की प्रथम पंक्ति को सशक्त भी किया है। 1 दिसंबर, 1965 से लेकर आज तक सीमा सुरक्षा बल ने निरंतर देश की पूर्वी और पश्चिमी सीमा की सुरक्षा को चाक-चौबंद रखने का काम किया है। शाह ने पूरे देश को यह संदेश दिया कि देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले जवानों का देश की जनता सदैव ऋणी रहेगी। एक समय में 25 बटालियन से शुरू हुआ यह बल आज 193 बटालियन तक पहुँच गया है, जिसमें 2 लाख 70 हजार जवान की संख्या है जो विश्व का सबसे बड़ा सीमारक्षक बल है। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने साल 2024 में भी जाली मुद्रा, नारकोटिक्स, घुसपैठ और वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ने का अपना रिकॉर्ड अनेक अभियानों के माध्यम से बरकरार रखा है। देश की प्रथम रक्षा पंक्ति के रूप में 1,992 सीमा प्रहरियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है और अब तक उनमें से 1,330 जवानों को पदक दिए गए हैं। इनमें 1 महावीर चक्र, 6 कीर्ति चक्र, 13 वीर चक्र, 13 शौर्य चक्र, 56 सेना मेडल और 1,241 पुलिस पदक शामिल हैं।

टीएचडीसीआईएल ने टिहरी में राष्ट्रीय स्तर के वाटर स्पोर्ट्स कप 2024 का शुभारंभ किया

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ऋषिकेश – टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, विद्युत क्षेत्र के अग्रणी सार्वजनिक उपक्रम, के तत्वावधान में उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में स्थित टिहरी झील में तीसरे टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप 2024 का 10 दिसंबर, 2024 को हर्षोल्लास के साथ शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तराखंड की माननीय महिला सशक्तीकरण, बाल विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता मामले, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री, श्रीमती रेखा आर्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने स्वस्थ जीवन शैली और राष्ट्र के समावेशी विकास को बढ़ावा देने में खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने खेल उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और इस तरह की असाधारण पहल के माध्यम से खिलाडि़यों को एक बड़ा एवं महत्वपूर्ण मंच प्रदान करने के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की सराहना की। उन्होंने राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देने और उत्तराखंड के युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करने में इन साहसिक एवं रोमांचक खेलों की भूमिका पर भी जोर दिया। वाटर स्पोर्ट्स कप के उद्घाटन समारोह में श्री विनोद कंडारी (माननीय विधायक, देवप्रयाग), श्री विक्रम सिंह नेगी (माननीय विधायक, प्रतापनगर) और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। देवप्रयाग और प्रतापनगर के माननीय विधायकों ने उत्तराखंड के सामाजिक-आर्थिक विकास में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की, विशेष रूप से राज्य की खेल पहलों पर इसके सकारात्मक प्रभाव और टिहरी क्षेत्र के उत्थान की दिशा में निगम के प्रयासों पर प्रकाश डाला।

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री आर.के. विश्नोई ने खेल उत्कृष्टता और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने में निगम की महत्वपूर्ण भूमिका पर गर्व करते हुए कहा कि टीएचडीसी ने हमेशा से लोगों और समाज को सुदृढ़ता प्रदान करने में खेलों की परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास किया है। इस तरह के बड़े आयोजनों की मेजबानी के माध्यम से हम न केवल खिलाडि़यों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं, बल्कि क्षेत्र के समग्र विकास में भी योगदान देते हैं।”

उन्होंने कहा कि टिहरी में राष्ट्रीय स्तर के वाटर स्पोर्ट्स के आयोजन से लेकर अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ हाई परफॉर्मेंस एकेडमी की स्थापना तक, टीएचडीसी को नवाचार, सततता और सामाजिक प्रभाव को एकीकृत करने वाली पहलों का नेतृत्व करने पर गर्व है। कोटेश्वर, टिहरी में हमारी हाई परफॉर्मेंस एकेडमी, कयाकिंग और कैनोइंग एथलीटों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए उन्नत उपकरण और वैज्ञानिक प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”

टीएचडीसी इंडिया लिमेटेड के निदेशक (कार्मिक), श्री शैलेंद्र सिंह ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा देने तथा खेल भावना को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टिहरी झील भारत में जल क्रीड़ा के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में तेजी से उभर रही है और हम इस यात्रा का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। टिहरी झील में राष्ट्रीय स्तर के वाटर स्पोर्ट्स टूर्नामेंट के आयोजन से न केवल इस क्षेत्र का नाम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन हुआ है, बल्कि पर्यटन को बढ़ावा देने और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में भी योगदान दिया है। हम इस चैंपियनशिप को खेल उत्कृष्टता का एक मानक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो एथलीटों की आकांक्षाओं और क्षेत्र के उत्साह को दर्शाता है। इस अवसर पर श्री प्रशांत कुशवाहा, अध्यक्ष(आईकेसीए), डॉ. डी. के. सिंह, श्री एल. पी. जोशी, कार्यपालक निदेशक (टिहरी कॉम्प्लेक्स) एवं डॉ. ए. एन. त्रिपाठी, महाप्रबंधक (मा. सं एवं प्रशा.) भी उपस्थित रहे।

इस चैंपियनशिप ने देश भर के 22 राज्यों और विभिन्न सेवा संस्थानों के 500 से अधिक एथलीट, कोच और टीम मैनेजर को एक साथ लाने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया । इस चार दिवसीय आयोजन में राष्ट्रीय खेल 2024 के लिए क्वालीफाइंग चैंपियनशिप के लिए प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा भारतीय कयाकिंग और कैनोइंग एसोसिएशन (आईकेसीए), उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन और उत्तराखंड कयाकिंग और कैनोइंग एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित यह कार्यक्रम क्षेत्र में खेल उत्कृष्टता और साहसिक एवं रोमांचक खेलों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित कई हितधारकों के सामूहिक प्रयासों को उजागर करता है।

माल्टा उत्पादकों चेहरे पर खुशी के लिए दीर्घकालिक योजना जरूरी

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-एप्पल मिशन की तरह सिट्रस मिशन को उत्तराखंड में किया जाए लाॅन्च
-हरेला गांव-धाद का 12 जनवरी तक चलने वाला वार्षिक आयोजन माल्टे का महीना शुरू
-उत्तराखंड हिमालय के फल उत्पादन और बाजार के सवाल पर हरेला गांव-धाद की होंगी विभिन्न गतिविधि
-उद्यान विशेषज्ञ डा. राजेंद्र कुकसाल, किसान बीर भान सिंह और डा. तेजपाल बिष्ट ने रखे विचार

देहरादून (मुख्य संवाददाता), उत्तराखंड हिमालय में फलों के उत्पादन और बाजार के सवाल पर धाद संस्था की ओर से हरेला गांव-धाद का वार्षिक आयोजन माल्टा के महीना शुरू हो गया। विशेषज्ञों ने कहा कि सरकार को चाहिए कि दीर्घकालिक योजना तैयार करें ताकि माल्टा उत्पादकों चेहरे पर खुशी हो। एप्पल मिशन की तरह सिट्रस मिशन को उत्तराखंड में लाॅन्च किया जाना चाहिए।
एक महीने तक चलने वाले इस अभियान में विभिन्न जिलों में लोगों के साथ चर्चा कर माल्टा की महत्ता और बाजार का सही मूल्य के लिए जागरूक किया जाएगा। विशेषज्ञों की ओर से सुझाव भी दिए जाएंगे।
मंगलवार को लैंसडौन चौक स्थित दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र में अभियान की शुरूआत की गई। माल्टा के बहाने: पहाड़ के फल और उनकी आर्थिकी का सवाल विषय पर वक्ताओं ने अपनी बात रखी। बागवानी की आर्थिकी पर भी गहनता से चर्चा हुई।
उद्यान विशेषज्ञ डा. राजेंद्र कुकसाल ने कहा कि विगत तीन दशक से नवम्बर-दिसम्बर माह आते ही हर वर्ष विपणन की समस्या को लेकर माल्टा फल चर्चाओं में रहा है। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल विकास निगम को स्पेशल रिवाल्विंग फंड देकर माल्टा बेचने, रुद्रप्रयाग के तिलवाड़ा में गढ़वाल मंडल विकास निगम की ओर से माल्टा फल के प्रोसेसिंग करने, अल्मोड़ा के मटैला में कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने, किसानों को कलेक्शन सेंटर पर पहुंचाने पर सात से 10 रुपये प्रतिकिलो समर्थन मूल्य देने की बात समय समय पर हुई। गत वर्ष उत्तराखंड के माल्टा से गोवा में बनेगी वाइन, माल्टा को जीआई टैग आदि इतने सारे सरकारों के प्रयास, दावे के बाद भी इस वर्ष भी माल्टा उत्पादकों के चेहरे अच्छे भाव न मिल पाने के कारण उदास हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि दीर्घकालिक योजना तैयार करें ताकि माल्टा उत्पादकों चेहरे पर खुशी हो। उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों में 1000 मीटर से 2000 मीटर तक की ऊंचाई वाले स्थानों में माल्टा के बाग देखने को मिलते हैं। उद्यान विभाग के फल उत्पादन के वर्ष 2023 के आंकड़ों के अनुसार राज्य में नींबू वर्गीय फलों (माल्टा संतरा कागजी नींबू)के अंतर्गत क्षेत्र फल 9992 हेक्टेयर और उत्पादन 36912 मैट्रिक टन दर्शाया गया है जबकि 2019-20 के फल उत्पादन आंकड़ों में राज्य में नींबू वर्गीय फलों के अंतर्गत कुल क्षेत्रफल 21739 हेक्टेयर जबकि उत्पादन 91177 मैट्रिक टन रहा। राज्य सरकार ने विगत वर्ष माल्टा के सी-ग्रेड फलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य नौ रुपया प्रति किलो निर्धारित किया, जो कि बहुत ही कम है। इस दर पर माल्टा फल उत्पादक जनपदों में बनाए गए कलेक्शन सेंटरों तक माल्टा फल लाने को तैयार नहीं है।
उन्होंने माल्टा के स्वास्थ्यवर्धक और औषधीय गुण के बारे में भी बताया। कहा कि माल्टा में विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। इसमें एंटीसेप्टिक, एंटी आक्सीडेट गुणों के साथ साथ यह शरीर को डी टोक्स करने में भी मदद करता है। इसमें प्रोटीन, आयरन, फाइबर और विटामिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। माल्टा का छिलका सौंदर्य प्रसाधन में उपयोग किया जाता है। माल्टा के फल, छिलके, रस और बीज के तेल से कई तरह की दवाएं बनाई जाती हैं।
उद्यमी और प्रगतिशील किसान बीर भान सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि माल्टा और माल्टा के उत्पादों को हाउस आफ हिमालया के उत्पादों के साथ अच्छी ब्रांडिंग कर इसका प्रचार-प्रसार हो। राज्य में जैविक और पोषित तत्वों से भरपूर माल्टा को अभी तक राज्य सरकार की ओर से राज्य के बाहर विपणन की व्यवस्था नहीं की गई। ना ही मंडियों से संपर्क किया गया कि उत्तराखंड में यह फल प्रचुर मात्रा में है। जहां विदेशी माल्टा देशभर में 200-250 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है वहीं राज्य का माल्टा 30-35 रुपये तक ही पहुंच पाया है। राज्य सरकार इसे नौ रुपये के दर से क्रय कर रही है। किसान बोरियों में माल्टा को मंडियों में भेजते हैं। राज्य का मार्केटिंग बोर्ड आजतक माल्टा के लिए गत्ते के डिब्बे उपलब्ध नहीं करा पाया है। यदि फल बाेरियों में आएगा तो बिक्री भी उसी हिसाब से होगी। ऐसे में बागवानों और स्वयं सेवी संस्थाओं को साथ मिलकर इसके विपणन पर ध्यान देने की जरूरत है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल के उद्यानिकी विभाग डा. तेजपाल बिष्ट ने बताया कि माल्टा के लिए राज्य में वातावरण बेहतर है। ऊंचाई के आधार पर देहरादून से चमोली और उत्तरकाशी में इसकी अधिकता है। आज जरूरत है तो मार्केटिंग और प्रोसेसिंग की। आजकल राज्य में बहुतायात में माल्टा है लेकिन, बाजार में दाम किसानों के लिए ज्यादा संतोषजनक नहीं हैं। ऐसे में एप्पल मिशन की तरह सिट्रस मिशन को उत्तराखंड में लाॅन्च करना चाहिए। माल्टा का जूस को सालभर तक पी सकें इसपर भी कार्य करने की जरूरत है। जूस के अलावा माल्टा का बाहरी छिलका में तेल व दवा बनाई जा सकती है। मध्यभाग में स्थित सफेद छिलके से शुगर कैंडी बन सकती है। उत्तराखंड में हमें एक-दो आइडल लोकेशन चयनित करने होंगे ताकि बेहतर कलेक्शन और लंबे समय तक माल्टा को रखा जा सके।
इस मौके पर अवधेश शर्मा, दिनेश भंडारी, दिनेश बौड़ाई, शेर सिंह, वीरेन्द्र सिंह असवाल, लोकेश ओहरी, रितु भारद्वाज, राजेश नेगी, पूजा चमोली, हिमांशु आहूजा, गणेश उनियाल, वीरेन्द्र खंडूरी, बिजू नेगी, बी एस खोलिया, मानवेन्द्र सिंह बर्तवाल, रोशन धस्माना, गजेंद्र भंडारी, महाबीर सिंह रावत, देवेन्द्र कांडपाल आदि उपस्थित थे।

माल्टा को बाजार और सही कीमत न मिलना चिंताजनक :

धाद के सचिव तन्मय ममगाईं ने कहा कि एक समय था जब माल्टा को सभी सरकार उसी तर्ज पर आगे बढ़ाया जैसे आजकल कीवी और एपल मिशन पर जोर दिया जा रहा है। माना गया था कि कि माल्टा पहाड़ में फल उत्पादन की आर्थिकी में बदलाव की नई इबारत लिखेगा।. लेकिन, आज जब प्रदेश में हर वर्ष लगभग 90 हजार मैट्रिक टन का उत्पादन हो रहा है तब उसका पहाड़ के आर्थिक तंत्र में योगदान न के बराबर है। बाजार और सही कीमत न मिलना भी चिंताजनक है। फलों की सही कीमत और बाजार के लिए गठित मार्केटिंग बोर्ड की भूमिका पर भी सवाल है। सामाजिक राजनीतिक क्षेत्र में इस मुद्दे को लेकर उदासीनता भी चिंताजनक है। इन सभी सवाल को लेकर हरेला गांव-धाद का वार्षिक आयोजन माल्टे के महीने आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 12 जनवरी तक चलने वाले इस अभियान में माल्टे का महीने उत्तराखंड हिमालय के फल उत्पादन और बाजार के सवाल पर हरेला गांव-धाद की विभिन्न गतिविधि होगी। जहां भी माल्टा का उत्पादन हो रहा है वहां के किसानों के साथ संवाद किया जाएगा। मोहल्लों में माल्टा कचमोली का भी आयोजन होगा।

2022 में दो कुंतल तो 2023 में बढ़कर 10 कुंतल हुई बिक्री :

माल्टे का महीना : हरेला गांव-धाद का वार्षिक आयोजन पहाड़ में सर्दियों में होने वालों फलों के पक्ष पर आधारित है। इसमें फलों के उत्पादन, बाजार और आर्थिकी की बात पर केंद्रित गतिविधि होती है। उन किसानों की परेशानी को भी सामने रखते जो उत्पादन तो कर रहे हैं लेकिन सही कीमत नहीं मिल पा रहा है। अभियान में विशेषज्ञों के संवाद होते हैं। वर्ष 2022 में एक दिन का विमर्श और विक्रय का आयोजन किया गया जिसमें दो कुंतल माल्टा नारंगी की खरीददारी हुई। इसी तरह 2023 में गांधी पार्क में स्टाल लगाए और घर पहुंचाने की व्यवस्था बनाई तो संख्या बढ़कर 10 कुंतल तक पहुंचा। इस वर्ष फंची सहकारिता की मदद से मोबाइल वैन का प्रयोग कर रहे है।

कार्यक्रम में विशेषज्ञों के सुझाव :

-उत्पादित माल्टा का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए। वर्तमान में कम दरों पर माल्टा उत्पादक क्लेक्शन सेंटर तक माल्टा पहुंचाने में असमर्थ हैं, माल्टा उत्पादकों को मंडियों तक माल्टा भेजने के लिए ट्रांसपोर्ट सब्सिडी मिले।
-माल्टा/ अन्य फलों के विपणन के लिए उत्तराखंड औद्यानिक परिषद को सुदृढ़ व सक्रिय किया जाए। सेब की तरह ही माल्टा कीवी आदि फलों की पैकिंग के लिए पेटियां उपलब्ध कराई जाए।
-माल्टा फलों को गर्मियों तक सुरक्षित रखने के लिए माल्टा उत्पादित ऊंचे, ठडें छायादार स्थानों में आसान टैक्नोलॉजी वाले कूल हाउसों का निर्माण कराया जा सकता है।
-उत्तराखंड के माल्टा फल को जीआई टैग भौगोलिक संकेतांक मिलना राज्य सरकार की उपलब्धि है लेकिन इसका लाभ माल्टा उत्पादकों को कैसे मिलें कृषकों को इसकी कोई जानकारी नहीं है। टैग का लाभ किसानों को मिले इस दिशा में प्रयास होने चाहिए।
-जिन क्षेत्रों में उद्यान सड़क से दूर हैं फलों और सब्जियों के ढुलान के लिए रोप वे का निर्माण किया जाना चाहिए ताकि फल व सब्जी जल्दी बाजार तक पहुंच सके।

हरेला गांव है सामाजिक पहल :

धाद संस्था का हरेला गांव गांव के सवाल के पक्ष में यह सामाजिक पहल है। जिसमें खाली हो रहे गांव और खेतों के बंजर होने के सवाल पर सामाजिक सहभागिता के साथ काम किया जाता है। हरेला गांव के साथी पहाड़ के गांव के साथ खड़ा होने के साथ उसकी बेहतरी के लिए अपने सुझाव देते हैं। साथ ही हम इसमें गांव के उत्पादन, उसकी चुनौतियों और उसके बाजार के सवाल पर अलग-अलग गतिविधियों का आयोजन भी करते हैं।

नगर निकाय चुनाव की राह की आखिरी बाधा भी हटी: राज्यपाल ने दी ओबीसी आरक्षण अध्यादेश को मंजूरी

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देहरादून, उत्तराखंड़ में निकाय चुनावों क आखिरी बाधा भी हट गई है। राजभवन ने निकायों में ओबीसी आरक्षण संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। अब एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से ओबीसी आरक्षण लागू होगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि दिसंबर महीने के अंत में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है।
उत्तराखंड के निकाय चुनाव के लिए अध्यादेश को विधि विभाग की हरी झंडी मिल गई थी। विभाग ने अपनी कानूनी राय राजभवन को भेजी थी। जिसके बाद राजभवन को इस पर निर्णय लेना था। निकाय चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण लागू किया जाना है। इसके लिए शासन ने राजभवन को कानून में बदलाव के मकसद से अध्यादेश भेजा था।
राजभवन की विधि टीम ने किसी कानून का हवाला देते हुए इसे रोक लिया था। राजभवन ने ही शासन में विधि विभाग से इस पर राय मांगी। विधि विभाग ने इसे हरी झंडी दे दी। कुछ कानूनों का हवाला देते हुए विधि विभाग ने माना है कि राजभवन चाहे तो अध्यादेश को मंजूरी दे सकता है।
अब राज्यपाल ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी है, जिसके साथ ओबीसी आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो जाएगी। उसके बाद निकाय चुनाव होंगे।