Wednesday, June 25, 2025
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प्रदेश में ठंड की आहट, बदरी-केदारधाम में हिमपात, केदारनाथ के लिये हेली सेवा की बुकिंग 31 अक्टूबर तक फुल

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देहरादून, पिछले हफ्ते हुयी लगातार बारिश और रविवार को हुई हल्की झमाझम बारिश से उत्तराखंड में ठंड की आहट शुरू हो गयी । प्रदेश के कई हिस्सों में बादलों ने डेरा डाला और देर शाम केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में हिमपात शुरू हुआ। लेकिन बदरीनाथ केदारनाथ में पर्यटक और तीर्थयात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, बाबा केदार के दर्शन करने वालों का आंकड़ा भी डेढ़ लाख से ऊपर पहुँच गया, यहां के लिये हेली सेवा की 31 अक्टूबर तक बुकिंग फुल हो गयी, जबकि 6 नवम्बर को भैयादूज के दिन केदारनाथ के कपाट बंद होने हैं |रविवार पशहाड़ों के साथ सॎथ मैदानी इलाकों में भी झमाझम बारिश शुरू हुई। कई इलाकों में भारी ओलावृष्टि की भी सूचना है। मौसम के करवट बदलने से तापमान ने भी गोता लगाया है। प्रमुख शहरों के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। लेकिन पवित्र केदारनाथ धाम में बर्फबारी के बीच श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है।

रविवार को देर रात केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में लगातार दूसरे दिन हिमपात हुआ। कुमाऊं में देर शाम के बारिश के कारण लोग फिर से दहशत में आ गए। पिथौरागढ़ में भी ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात हुआ। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक आज प्रदेश में सामान्यत: मौसम साफ रहने के आसार हैं। हालांकि, कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। मैदानों में बारिश और पहाड़ों में बर्फबारी के चलते प्रदेश में ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। देहरादून में अधिकतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्यिसस पर आ गया, जिसमें करीब चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा नैनीताल और मसूरी में भी तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जिससे शाम को ठंड का अहसास होने लगा। पहाड़ी इलाकों में सुबह-शाम कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है |

बाबा केदारनाथ के लिये 31 अक्टूबर तक हेली सेवा की बुकिंग फुल

केदारनाथ हेली सेवा के लिए आज से शुरू होगी ऑनलाइन बुकिंग | Online booking  starts for kedarnath heli service from today - Shortpedia News App
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा को लेकर देश-दुनिया में श्रद्धालुओं का आकर्षण बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि 31 अक्टूबर तक के लिए हेली टिकट की बुकिंग फुल हो चुकी है। वहीं, बाबा केदार के दर्शन करने वालों का आंकड़ा भी 1.60 लाख से अधिक पहुंच गया है। इनमें हेली सेवा से पहुंचने वालों की संख्या 17441 है।

कोरोना संक्रमण के चलते चारधाम यात्रा इस बार 18 सितंबर को शुरू हो पाई। बावजूद इसके केदारनाथ दर्शनों को रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। हालांकि, मौसम विभाग का अलर्ट जारी होने के बाद शासन ने बीते 17 अक्टूबर को यात्रा पर अस्थायी रोक लगा दी थी। लेकिन, तीन दिन बाद यात्रा के दोबारा शुरू होते ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगा। जैसे-जैसे कपाटबंदी की तिथि नजदीक आ रही है, हेली सेवा से केदारनाथ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ गई है।

अध्यापक कला प्रतिभा प्रतियोगिता के मूल्यांकन पर शिक्षिका ने उठाये सवाल, भेजा शिकायती पत्र

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नई टिहरी, उत्तराखंड़ शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित अध्यापक कला प्रतिभा प्रतियोगिता के मूल्यांकन पर टिहरी की पुष्पा पठोई नाम की शिक्षिका ने सवाल खड़े किए हैं। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, डायट, नई टिहरी द्वारा कुछ दिन पूर्व डायट, टिहरी ने अध्यापक कला प्रतिभा प्रतियोगिता का आयोजन किया था। बताया जा रहा है कि, छह अक्तूबर को डायट द्वारा प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया गया। इस परिणाम पर सवाल उठ रहे हैं।

प्रतियोगिता में शिरकत करने वाली शिक्षिका पुष्पा पठोई ने डायट द्वारा घोषित परिणाम पर सवाल खड़े किए। शिक्षिका ने खंड शिक्षाधिकारी के माध्यम से प्राचार्य डायट को शिकायती पत्र भेजा है। पत्र में शिक्षिका का कहना है कि, उन्होंने नियत समय पर निर्धारित मेल आईडी पर कलाकृति भेज दी थी।

शिक्षिका को आशंका है कि, उनकी कलाकृति का मूल्यांकन नहीं किया गया। उन्होंने डायट से इसकी जानकारी मांगी है। साथ ही संबंधित श्रेणी में प्रथम स्थान को लेकर भी सवाल खड़े किए। खंड शिक्षाधिकारी के माध्यम से भेजे गए पत्र में शिक्षिका ने पुर्नमूल्यांकन की मांग की है।

खंड शिक्षाधिकारी यशवीर सिंह रावत ने माना कि, इस प्रकार के शिकायती पत्र का अग्रसारित किया गया है। डायट के प्राचार्य चेतन नौटियाल का कहना है कि, ऐसी कोई शिकायत डायट को प्राप्त नहीं हुई है। प्रथम आने वाली कलाकृति विजेता राधा प्रजापति, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोशल थोलधार टिहरी गढ़वाल, द्वितीय विजेता अजय जोशी जी आई सी पौरिखाल, जबकि पुष्पा पठोई की अच्छी कलाकीर्ति को कोई भी स्थान नही दिया गया, जिसके खिलाफ उक्त शिक्षिका ने निर्णायक मंडल व डायट करने वालों पर सवाल खड़े किये हैं।

उत्तराखंड विरासत का समापन : ढोल वादकों को दी जाएगी प्रोतसाहन राशि : कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी

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देहरादून, उत्तराखंड विरासत में पहाड़ के विभिन दूरस्थ इलाकों से आए कलाकारों ने समापन के दिन ढोल, दमाऊ, रणसिंगा, मस्क बीन बजाकर दर्शकों की वाही वाही लूटी। इस अवसर पर मुख्यअतिथि के तौर पर लघु उधोग मंत्री गणेश जोशी ने साफ कहा कि ढोल वादकों को प्रोतसाहन राशि दी जाएगी। इसके लिए वे खुद मुख्यमंत्री से मिलेंगे।
देहरादून के रेंजर ग्राउंड में चारधाम अस्पताल की ओर से आयोजित उत्तराखंड लोक वाद प्रस्तुतीकरण एवं हस्तशिल्प प्रदर्शनी का समापन रविवार को हुआ। दो दिन तक अपनी कला का प्रदर्शन करने वाले वाद्य यंत्रों से जुड़े कलाकारों को लघु उद्योग मंत्री गणेश जोशी और मेयर सुनील उनियाल गामा ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर लघु उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कलाकारों के हुनर की खासी तारीफ की। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि ढोल वादक उत्तराखंड की एक पारंपरिक संस्कृति हैं। इस संस्कृति को बचाए रखना सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री से ढोल वादकों के लिए प्रोत्साहन राशि देने को लेकर वार्ता करेंगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि ढोल वादकों को प्रोतसाहन राशि मिलेगी। साथ ही उन्होंने ढोल वादकों को उत्तराखंड के मंदिरों मे रोजगार देने की बात भी कही।
इससे पहले ढोल की थाप पर एक से बढ़कर एक ताल सुनकर दर्शक भावविभोर हो गए। कुमाऊँ की जोहार घाटी के कलाकारों ने जागर गायन प्रस्तुत किया। वहीं छोलिया नर्तकों की टीम ने वाद्यों यंत्रों के साथ नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में डौंर थाली के साथ चमोली व अन्य जिलों से आये जागरी ने गायन प्रस्तुत किया। जिससे मौजूद दर्शकों का खासा ध्यान खींचा। इस मौके पर मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि चारधाम अस्पताल के निदेशक डॉ केपी जोशी की ओर ये कार्यक्रम कराकर पहाड़ की संस्कृति को बढ़ाने के लिए अच्छा कदम है। इस मंच में पहाड़ के वाद्य यंत्रों से जुड़े कलाकारों का इकट्ठा होना बड़ा अच्छा लगा है। कलाकारों का सम्मान ही बहुत जरूरी है। लघु उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी एक बड़ी हस्ती हैं। उनको पदम श्री सम्मान देने के लिए वे सरकार से बात करेंगे। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने उत्तराखंड में बनने वाले सैन्य धाम के लिये एक गीत तैयार करने के लिए नरेंद्र सिंह नेगी को कहा। जिस पर हामी भरी गयी।

कार्यक्रम का संचालन अजय जोशी व बीना बेंजवाल ने किया, इस अवसर पर लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, पदमश्री डॉ प्रीतम भरतवाण, चारधाम अस्पताल के निदेशक डॉ केपी जोशी, पूर्व आईपीएस जीएस मर्ताेलिया, उधोग विभाग के निदेशक सुधीर नौटियाल, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अशोक वर्मा, डॉ नंदकिशोर हटवाल, डॉ अजीत गैरोला, डॉ एनएल अमोली, माधव जोशी, आदेश नौटियाल, सुशील डिमरी आदि मौजूद रहे।

आपदा को लेकर सरकार को कांग्रेस ने घेरा, गुरुवार से प्रदेशभर में होगा आंदोलन

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“कांग्रेस कार्यकर्ता 28 अक्तूबर से प्रदेशभर के सभी जिला मुख्यालयों और महानगरों में उपवास कर आंदोलन की शुरुआत करेंगे : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत

देहरादून, उत्तराखंड में बीते दिनों आई आपदा को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला। सोमवार को देहरादून में कांग्रेस भवन में पत्रकारों से वार्ता करते हुये उन्होंने धामी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार आपदा प्रबंधन में फेल हो गई है। मैंने कहा था कि पांच दिन में आपदा राहत में तेजी लाएं, वरना हम आंदोलन करेंगे। लेकिन सरकार के मंत्री, विधायक और कार्यकर्ता ढिलाई से काम कर रहे हैं, इतने दिन बीत जाने के बावजूद भी पीड़ितों को मुआवजे की राशि नहीं दी गई है। इसलिए तय किया गया है कि कांग्रेस कार्यकर्ता 28 अक्तूबर(गुरुवार) से प्रदेशभर के सभी जिला मुख्यालयों और महानगरों में उपवास कर आंदोलन की शुरुआत करेंगे। इसके बाद भी सरकार ने आपदा पीड़ितों को राहत नहीं पहुंचाई तो आगे की रणनीतिक तय करेंगे।

 

पूर्व सीएम ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा था कि उत्तराखंड में आपदा के हालातों को लेकर 36 घंटे पहले जानकारी दे दी गई थी। लेकिन फिर भी प्रदेश सरकार क्यों सोई रही ? कांग्रेस ने 2013 की आपदा के दौरान कुप्रबंधन को लेकर अपने एक सीएम को हटा दिया था, लेकिन बीजेपी के केंद्रीय नेता अपने सीएम की तारीफें कर रहे हैं। रावत ने कहा कि आपदा प्रभावित इलाकों में अभी भी हालत खराब हैं। मवेशी सड़ रहे है और उन्हें उठाने वाला कोई नहीं है।

उन्होंने साफ कहा कि हमने आपदा के मुआवजे को लेकर भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे जिससे जनता को राहत थी। लेकिन बीजेपी सरकार वो भी कम दे रही है। मानव नुकसान के लिए कम के कम 10 लाख रुपये देने चाहिए। उसी हिसाब से पशुओं के नुकसान के साथ-साथ फसलों के नुकसान का भी आकलन होना चाहिए।
हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश के कई शहरों में हालात ये हैं कि नाले चोक पड़े हैं, लेकिन खोलने वाला कोई नहीं है। अगर ये हालात रहे तो प्रदेश में डेंगू का बड़ा खतरा सामने आ सकता है।

गौला पार क्षेत्र के युवाओं का शिष्टमंडल मिला मुख्यमंत्री से

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(मुन्ना अंसारी)

लालकुआँ, गोला पार क्षेत्र के वर्ष 2009 से वन भूमि में निवास कर रहे व्यक्तियों को ग्राम पंचायत क्षेत्र से बाहर कर दिया गया है, वनभूमि को ग्राम पंचायत में शामिल किये जाने की माँग को लेकर गौला पार क्षेत्र के युवाओं का शिष्टमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिला ।
इस दौरान समाजसेवी युवाओं ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि यहाँ निवास करने वाले सैकड़ों लोगों को विकास की मुख्यधारा से वंचित किया जा रहा है वन भूमि में ग्राम पंचायत की योजनाएं लागू ना होने से एक बहुत बड़ा वर्ग प्रतिस्पर्धा से वंचित रह गया है, जिसमें सड़क, नाली, किसान सम्मान योजना आदि योजनाओं का लाभ वहाँ के निवासियों को नहीं मिल पा रहा है | जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया क्षत्रिग्रस्त गौला पुल का स्थलीय निरीक्षण

हल्द्वानी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार प्रातः क्षत्रिग्रस्त गौला पुल का स्थालीय निरीक्षण किया। निरीक्षण दौरान उन्होेने कहा गौला पुल पूरे क्षेत्र के आवागमन के लिए अतिमहत्वपूर्ण है। जिस दिन से यह पुल क्षत्रिग्रस्त हुआ है उसी दिन से हमारा प्रयास है कि पुल जल्द से जल्द चालू किया जा सके। नियमों को शिथिल किया गया है। पुल का कार्य युद्धस्तर पर होगा ताकि पुल जल्द चालू हो सके। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार जनता के साथ है प्रभावितों की हरसम्भव मदद की जायेगी। उन्होने कहा मूलभूत सुविधाएं विद्युत, पेयजल, सड़क, स्वास्थ तुरन्त बहाल किये जा रहे है। सरकार आपदा कार्यो की लगातार मॉनिटरिंग भी कर रही है। निरीक्षण दौरान प्रभारी एंव ग्राम्य विकास मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. धनसिंह रावत, मेयर डॉ. जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, मण्डलायुक्त सुशील कुमार, डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित |Uttarakhand Video गौला पुल के निरीक्षण के बाद आपदा पर क्या बोले मुख्यमंत्री,  देखिए - Mirror Uttarakhand

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने किया आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा

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(मुन्ना अंसारी)

लालकुआं, उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह आज लालकुआं विधानसभा क्षेत्र के बिंदुखत्ता पहुंच कर आपदा प्रभावित लोगों से मुलाकात की, जहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र गौला नदी के किनारे टूटे हुए तटबंधों का निरीक्षण किया | इस दौरान उन्होंने प्रभावितों को आश्वासन देते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिया साथ ही राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी यहां अभी तक राज्य सरकार या केंद्र सरकार के द्वारा आपदा पीड़ितों को कोई भी राहत के नाम पर अभी तक धनराशि नही दी गई है | राज्य सरकार द्वारा धरातल पर कोई भी कार्य नही किया जा रहा है, सिर्फ हवाई दौरे कर जनता को ठगने का कार्य किया जा रहा है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार आपदा पीड़ितों को लेकर कितनी गंभीर है वही उन्होंने कहा कि आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा 38 घण्टे पूर्व सूचना के बाद भी राज्य सरकार आपदा को रोकने में कोई ठोस उपाय नही कर सकी |जिससे इतनी भीषण तबाही से कई लोगों के घर और जमीन तबाह हो गई है, राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से पूरी तरह बच रही है।

पुनर्निर्माण व राहत कार्यों की मानिटरिंग के लिये हाईपावर कमेटी बनाने के निर्देश

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देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावितों को विभिन्न मदों में दी जा रही सहायता राशि को बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि आपदा के मानकों में सम्भव न होने पर अतिरिक्त राशि की व्यवस्था मुख्यमंत्री राहत कोष से की जाए। मुख्यमंत्री ने पुनर्निर्माण व राहत कार्यों की मानिटरिंग के लिये हाईपावर कमेटी बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावितों को यथासंभव सहायता दी जाए। सहायता राशि पाने में लोगों को अनावश्यक परेशान न होना पङे। जरूरतमंदों को हर सम्भव मदद सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री,  सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर निर्णय लिया गया कि प्रभावित परिवारों को कपङे, बर्तन व घरेलू सामान के लिए दी जाने वाली अहेतुक सहायता राशि को 3800 रूपये से बढाकर 5000 रूपये किया गया है। पूर्ण क्षतिग्रस्त मकान के लिये सहायता राशि जो कि मैदानी क्षेत्रों में 95 हजार रूपये प्रति भवन और पहाङी क्षेत्रों में 1लाख 1 हजार 900 रूपये प्रति भवन दी जा रही है, को मैदानी और पर्वतीय दोनों क्षेत्रों में बढाकर 1 लाख 50 हजार रूपये प्रति भवन किया गया है।

आंशिक क्षतिग्रस्त (पक्का) भवन के लिए सहायता राशि कॅ 5200 रूपये प्रति भवन से बढाकर 7500 रूपये प्रति भवन और आंशिक क्षतिग्रस्त (कच्चा) भवन के लिए सहायता राशि कॅ 3200 रूपये प्रति भवन से बढाकर 5000 रूपये प्रति भवन किया गया है। भूमि क्षति के लिए राहत राशि न्यूनतम एक हजार रूपये अनुमन्य की जाएगी। अर्थात भूमि क्षति पर राहत राशि, कम से कम एक हजार रुपये तो दी ही जाएगी।  घर के आगे या पीछे का आंगन व दीवार क्षतिग्रस्त होने को भी आंशिक क्षतिग्रस्त में लिया जाएगा। पहले इस पर सहायता नहीं दी जाती थी। जिन आवासीय कालोनियों में बिजली के बिल बाहर लगे थे, 18 व 19 अक्तूबर को आयी प्राकृतिक आपदा में खराब हो गये हैं, ऊर्जा विभाग इन खराब बिजली के मीटरों को निशुल्क बदलेगा।

राज्य आपदा मोचन निधि मानकों से अनुमन्य की गयी अधिक धनराशि का भुगतान मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन किया जाएगा।  इसी प्रकार क्षतिग्रस्त भवनों के प्रकरणों में यदि भवन एसडीआरएफ के मानकों की परिधि से बाहर है तो ऐसे प्रकरणों पर सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी।

जीएसटी के दायरे से बाहर के छोटे व्यापारियों को दुकान में पानी भर जाने आदि से नुकसान होने पर 5 हजार रूपये की सहायता दी जाएगी।
एसडीआरएफ के मानकों में कवर न होने पर की  सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 7 नवम्बर तक प्रदेश की सङको को गड्ढामुक्त करना है। उन्होंने दोनों मंडलायुक्तों को इसकी लगातार मानिटरिंग करने के निर्देश दिये।

बैठक में मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, श्री आनंद बर्द्धन, अपर प्रमुख सचिव श्री अभिनव कुमार, सचिव श्री अमित नेगी, श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री एस ए मुरूगेशन, डॉ बी वी आर सी पुरुषोत्तम, आयुक्त गढ़वाल श्री रविनाथ रमन, आयुक्त कुमाऊँ श्री सुशील कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

श्री महन्त रविन्द्र पुरी का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष बनने पर काॅलेज परिवार में हर्ष

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हरिद्वार (कुलभूषण) । एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष पूजनीय श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज का आज प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष बनने पर काॅलेज परिवार में हर्ष की लहर व्याप्त हो गयी.
इस अवसर पर काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे काॅलेज परिवार के लिए यह अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण है कि कालेज प्रबंध समिति अध्यक्ष श्री मंहत रविन्द्र पुरी को आज संवैधानिक तरीके से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया है।

डाॅ. बत्रा ने कहा कि श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी के कुशल नेतृत्व में महाकुम्भ-2021 सकुशल सम्पन्न हुआ तथा श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी जी के कुशल नेतृत्व में ही महाविद्यालय निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। डाॅ. बत्रा ने कहा कि जिस प्रकार श्री महन्त द्वारा सम्पूर्ण लाकडाउन में सेवाभाव कार्य किया गया उसमें यह कहने में अतिश्योक्ति नहीं होगी कि समाज के सभी वर्गों की श्री महन्त जी द्वारा सहायता की गयी है। समस्त काॅलेज परिवार परमपूज्य श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज के सराहनीय कार्यो के लिए गौरवान्वित है। डाॅ. बत्रा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट से व्यवस्थित रुप से निपटने के लिए तत्कालीन अपर कुम्भ मेला अधिकारी को नोडल अधिकारी व काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष व माँ मंशा देवी मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पूज्य श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज को मदर सी.एस.ओ. नामित किया था।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष व श्री मंशा देवी मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज द्वारा लगभग रुपये तीन करोड़ से अधिक की आर्थिक मदद की गयी। लाॅकडाउन में प्रतिदिन लगभग रुपये पचास हजार का भोजन श्री महन्त जी की ओर से निराश्रित, प्रशासन के कर्मचारी, पुलिस, चिकित्सक, सफाई कर्मचारी जो सेवा में रत हैं, लगातार उनके भोजन की व्यवस्था अविरल चलायी गयी। कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए ऐसे विचारों को श्री महन्त जी द्वारा सत्य किया गया, जो निःसन्देह एक सराहनीय कार्य है, इस सामाजिक सेवा हेतु श्री महन्त जी का कोई सानी नहीं है, जिसके लिए श्री महन्त जी को सादर वंदन एवं अभिनन्दन।

मुख्य अनुशासन अधिकारी डाॅ. सरस्वती पाठक ने श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज को अ.भा.अ.प. का अध्यक्ष बनने पर बधाई देते हुए कहा कि श्री महन्त व पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के पूज्य मनीषियों का यह महाविद्यालय छात्रों को श्रेष्ठ वातावरण अपने सपनों को पूरा करने के लिए उपलब्ध कराता है। यहाँ से बहुत बड़ी संख्या में राजनेता, प्रशासक, संगीतज्ञ, सी.ए. एवं सामाजिक कार्यकर्ता इस ज्ञान, कर्मभूमि से निकलकर अपनी सुगन्ध हरिद्वार एवं देश-विदेश में फैला रहे हैं। ¬इस अवसर पर डाॅ. मन मोहन गुप्ता, डाॅ. तेजवीर सिंह तोमर, डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य, विनय थपलियाल, वैभव बत्रा,डाॅ. सुषमा नयाल, श्रीमती रिंकल गोयल, रिचा मिनोचा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. निविन्धया शर्मा, डाॅ. अमिता श्रीवास्तव, विनीत सक्सेना, डाॅ शिव कुमार,डाॅ मनोज सोही, डाॅ. प्रज्ञा जोशी, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल आदि प्राध्यापकों व कर्मचारियों ने श्रीमहन्त जी को अपनी शुभकमनायें एवं बधाइयाँ प्रेषित की।

ढोल को लेकर बौद्धिक वर्ग ने किया चिंतन : कहा- लोक विरासत बचाने ढोल से आगे सोचे सरकार, भरतवाण को भी दी नसीहत

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देहरादून, उत्तराखंड की लोक संस्कृति के संरक्षण में ढोल को लेकर एक बार फिर इन दिनों सोशल मीडिया के जरिए चर्चा चल रही है, उत्तराखंड की लोक विरासत को जीवित रखने के लिए इस कला को सिर्फ ढोल और ढोली तक समेटे रखने के किए सरकारी प्रयासों पर औजी समाज से जुड़े बौद्धिक वर्ग ने कड़ी चिंता जताई है | समाज से जुड़े बौद्धिक वर्ग ने लोक संस्कृति के नाम पर किए जा रहे दिखावे पर कड़ा ऐतराज जताया है | समाज से जुड़े डा. पवन कुदवान, पत्रकार गोविंद आर्य, शूरवीर सिरवाण, सामाजिक चिंतक शिवदेव सिंह शाह समेत अनेक सामाजिक प्रतिनिधियों ने सरकार के ऐसे प्रयासों की निंदा की है | जहां 21वीं सदी में भी एक खास वर्ग को ढोल बांटकर सस्ती लोकप्रियता के ढोल पीटे जा रहे हैं, सामाजिक प्रतिनिधियों ने कहा कि आज जरूरत इस बात की नहीं है कि इस वर्ग को ढोल बांटे जाएं, जरूरत इस बात की है कि सरकार अपनी नीतियों में इस वर्ग के लिए कोई ऐसी ठोस पहल करे कि लोक विरासत को बचाने सभी वर्ग के लोग इस विधा की ओर स्वत: आकर्षित हों | समाज के बौद्धिक वर्ग ने कहा कि सरकार को अगर इतनी ही चिंता है तो इस विधा के जानकारों की सरकारी कर्मचारी के तौर पर नियुक्ति के प्रावधान करे | राज्य में रोजगार स्वरोजगार के लिए बने पलायन आयोग, लोक संस्कृति विभाग व अन्य सरकारी नीतियों में इस वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया जाए, राज्य के लोगों और सरकार का अगर इस विरासत के प्रति प्रेम है तो अनेक लोगों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया जाता है, किसी डोली को राज्यमंत्री का दर्जा देकर बड़ा सकारात्मक संदेश देने की पहल अब तक क्यों नहीं हुई ? उत्तराखंड के किसी ढोल वादक को संस्कृति का वाहक माना जाता है तो रास्ट्रीय पार्टियों द्वारा राज्यसभा में भेजने का दिल क्यों नहीं दिखाया जाता ?

लोकप्रियता का लाभ समाज को दें भरतवाण :

टिहरी जनपद में विधायक द्वारा ढोल बांटे जाने को लेकर लोगों ने सरकार के इस प्रेम को छलावा करार देते हुए कहा कि सदियों से थोड़ी सी साबासी के बाद यह वर्ग हमेशा उपेक्षित रहा है और आज भी यही प्रयास हो रहे हैं, सामाजिक चिंतन की इस चर्चा में लोगों ने गायक प्रीतम भरतवाण से भी अपेक्षा की है कि वे समाज को 21वीं सदी की ओर ले जाने का प्रयास करें, वे अपनी लोकप्रियता का लाभ समाज की नई पीढ़ी को सम्मान दिलाने में दें |

ढोल देता है संकेत :

समाज के एक चिंतक ने कहा कि ढोल शिव का प्रिय है और इसके साथ छलावा भगवान माफ नहीं करते, उन्होंने कहा ढोल भविष्य और वर्तमान के संकेत देता है |
उन्होंने अपनी पुरानी यादें ताजा करते हुए बताया कि हमारे घरों में जब लटके ढोल रात या दोपहर कभी अचानक बजने का अहसास कराते थे तो हमारे बुजुर्ग कहते थे आज कुछ शुभ अशुभ होने वाला है, ठीक वैसे ही राज्य के मुख्यमंत्री जी ने एक कार्यक्रम में हाल ही में जिस दिन ढोल उठाया उसी दिन उत्तराखंड का एक क्षेत्र आपदाओं से हिल गया | उन्होंने कहा यह ढोल का संकेत है कि इसके साथ छलावा बंद हो |

देर शाम तक सामने आया चर्चा का सुखद परिणाम :

ढोल पर छिड़ी चर्चा के बीच शाम को एक खबर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से आई है, जिसमें राज्य के साहित्यकार व कला एवं संस्कृतिधर्मिंयों की एक बैठक हुई और एक राय रखी कि क्यों न सरकार से आग्रह किया जाय कि देवस्थानम बोर्ड के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक मन्दिर में जैसे पुजारी नियुक्त किये जाते हैं वैसे ही आवजी, ढोली, बाजगी, गुणीजन समाज के कलावंत की भी सरकारी नियुक्ति के लिए अनुरोध किया जाय |
इसके लिए उत्तराखंड की महान हस्तियों ने एक पत्र संयुक्त हस्ताक्षर कर मुख्यमंत्री कार्यालय, उत्तराखंड हेतु ड्राफ्ट किया, इस पत्र में हस्ताक्षर करने वाले व्यक्तियों में सुप्रसिद्ध लोकगायक एवं कला-लोक संस्कृतिकर्मी नरेंद्र सिंह नेगी जी, जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण, साहित्यकार एवं कला-लोकसंस्कृतिधर्मी नंद किशोर हटवाल, साहित्यकार एवं कला-लोक संस्कृतिधर्मी रमाकांत बेंजवाल, साहित्यकार एवं कला-लोक संस्कृतिधर्मी श्रीमती बीना बेंजवाल जी, वरिष्ठ पत्रकार एवं कला-लोक संस्कृतिधर्मी गणेश खुगशाल गणी, गढ़वाल सभा के सदस्य व कला एवं लोक संस्कृतिकर्मी अजय जोशी, समाजसेवक एवं लोकसंस्कृतिधर्मी इन्द्र सिंह नेगी एवं वरिष्ठ पत्रकार मनोज ईस्टवाल सहित कई कला-लोक संस्कृतिधर्मी शामिल थे |

योजना के लागू होने से हटेगा महिलाओं के सर का बोझ, बचेगा समय और श्रम

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देहरादून,राज्य सरकार की महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना का शुभारम्भ इसी माह के अंतिम सप्ताह में प्रस्तावित है। जिसके प्रथम चरण में प्रदेश के चार पर्वतीय जनपदों पौड़ी, रूद्रप्रयाग, अल्मोड़ा तथा चम्पावत के हजारों पशुपालकों को सहकारी समितियों के माध्यम से योजना का लाभ पहुंचाया जायेगा। योजना के तहत पशुपालकों को रियायती दरों पर पौष्टिक पशुचारा साइलेज के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा। इससे दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार के साथ ही दूध में 15 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी होगी। योजना लागू होने से जहां एक ओर महिलाओं के सिर से बोझ उतरेगा वही उनके समय एवं श्रम की भी बचत होगी।

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज देहरादून जिला मुख्यालय स्थित सभागार में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में सरकार की महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना के शुभारम्भ को लेकर जिला प्रशासन एवं विभागीय अधिकारियों के साथ लम्बी चर्चा की गई। डॉ. रावत ने बताया कि योजना का शुभारम्भ इसी माह के अंतिम सप्ताह में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री के हाथों किया जाना प्रस्तावित है। प्रथम चरण में राज्य के चार पर्वतीय जिलों पौड़ी, रूद्रप्रयाग, अल्मोड़ा एवं चम्पावत में मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना का संचालित की जायेगी, इसके लिए विभागीय स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सहकारिता विभाग के अधिकारियों को पशुपालकों को उपलब्ध कराये जाने वाले पशु आहार (साइलेज) के 25 से 30 किलों के वैक्यूम पैक्ड बैग तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं।

जिनको सहकारी समितियों के माध्यम से रियायती दरों पर पशुपालकों को उपलब्ध कराया जायेगा। दुधारू पशुओं के लिए तैयार किये गये इस पौष्टिक आहार को हरा चारा, मक्का दाना व सूखे भूसे से तैयार किया गया है। जो पशुओं के लिए पौष्टिक एवं स्वास्थ्य वर्धक होने के साथ ही 15 से 20 प्रतिशत दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी करेगा।

बैठक में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम को लेकर चल रही तैयारियों की भी समीक्षा की गई। जिसके तहत जिला प्रशासन व विभागीय अधिकारियों को केन्द्रीय गृह मंत्री के प्रोटोकॉल के अनुरूप तैयारी रखने के निर्देश दे दिये गये हैं। केन्द्रीय गृह मंत्रालय से कार्यक्रम की तिथि मिलते ही तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया जायेगा। डॉ. रावत ने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्री मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना के साथ ही प्रदेश के सभी 670 पैक्स समितियों के कम्प्युटराइजेशन, विभागीय पत्रिका ‘सहकार से समृद्धि’ तथा दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के लाभार्थियों के चैक विरतण का भी शुभारम्भ करेंगे।

बैठक में जिलाधिकारी देहरादून डॉ0 आर. राजेश कुमार, डीआईजी जन्मेजय खंडूडी, सीडीओ नीतिका खंडेलवाल, निबंधक सहकारिता आनंद स्वरूप, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ला, उप निबंधक एम.पी.त्रिपाठी, सहायक निबंधक राजेश चौहान सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।