देहरादून: भैय्यादूज का पावन पर्व भाई बहिन की रिश्ते के महत्व को दर्शाता है इस दिन बहिने भाई की लंबी आयु की आराधना करते हैं तथा भाई अपनी बहनों को कई उपहारों देते हैं और बदले में बहनें अपने भाइयों को मिठाई देती हैं भैय्यादूज पर पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी के सौजन्य से आशिमा विहार में औषधीय आवंला के पौधों का रोपड़ किया और एक एक पौधा उपहार में भेंट में दिया।
पर्यावर्णविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहा पर्यावरण बचाना हर व्यक्ति का दाइत्व होना चाहिए तभी हमारा वातावरण स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त होगा, कहा अगर हम जन्मदिन, नवजात शिशु जन्म, नामकरण, अन्नप्राशन, चूड़ाकर्म, त्यौहारों, भागवत कथा, प्रथम नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानान्तरण, अपने खास यादगार पलो व माता पिता के नाम पर एक एक पौधा लगाते हैं तो वह पौधा हमारे भावना से जुड़ागा और उसका संरक्षण भी होगा तथा अपनो की यादें इस धरा में पेड़ के रूप में रहेगा इन पौधों को देखकर आनेवाली पीढ़ी प्रेरणा लेकर इस परंपरा को पीढ़ी दर पीढ़ी चलेगी तथा पर्यावरणीय संतुलन बनेगा।
आशिमा विहार में भैय्यादूज पर किया औषधीय आंवला पौधों का रोपड़
श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर ट्राली डिवाइडर से टकरा कर पलटी, चालक की मौत, 40 लोग हुये घायल
उधमसिंह नगर, उत्तराखंड के यूएस नगर अंतर्गत सितारगंज में दीपावली मेले से वापस आ रहे श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर ट्राली डिवाइडर से टकराकर पलट गई। हादसे में चालक की मौत हो गई। जबकि वाहन में सवार करीब 40 श्रद्धालु घायल हुए हैं। डॉक्टरों ने तीन श्रद्धालुओं को उच्च उपचार के लिये रेफर किया है। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। शुक्रवार की देर शाम यूपी के जिला बदांयू ग्राम बारबारा, तालिमनगर, मीरजापुर, मलमपुर के करीब 40 श्रद्धालु ट्रैक्टर ट्राली सवार होकर नानकमत्ता साहिब से दीपावली मेला देखकर लौट रहे थे। इस बीच सितारगंज बिज्टी चौराहे के पास ट्रक को बचाने के चक्कर में श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर ट्राली डिवाइडर से टकराकर पलट गई। हादसे के बाद घटनास्थल पर चीखपुकार मच गई। राहगीरों ने सड़क हादसे की सूचना एम्बुलेंस को दी। एम्बुलेंस के समय पर नहीं पहुंचने के कारण राहगीरों ने घायलों को सरकारी अस्पताल पहुंचाया |
डॉक्टरों ने ट्रैक्टर चालक 26 वर्षीय विकेश पुत्र सतीश को मृत घोषित कर दिया। घायल मीरा ने बताया कि आस-पास गांव के करीब 40 ग्रामीण ट्रैक्टर ट्राली में सवार होकर 4 नवम्बर शाम को नानकमत्ता मेला देखने आये थे। शुक्रवार शाम श्रद्धालु वापस घर जा रहे थे। ट्रक को बचाने के चक्कर में ट्रैक्टर ट्राली डिवाइडर में अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे की सूचना पर कोतवाल प्रकाश सिंह दानू ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से हादसे की जानकारी ली।
पति को दूसरी महिला संग देख भड़की पत्नी, अपने ही 5 बच्चों का घोंट दिया गला!
जर्मनी में एक महिला ने अपने ही पांच बच्चों की हत्या (Mother Killed Her Kids) कर दी. वह अपने पति के दूसरी महिला के साथ अफेयर (Husband Affair) से नाराज थी. बच्चों को मारने (Children Murder) से पहले उसने पति को मैसेज किया कि वो अब उन्हें कभी नहीं देख सकेगा.
कोर्ट ने इस मामले में महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
‘मिरर यूके’ के मुताबिक, दूसरी महिला के साथ अपने पति की तस्वीर देखने के बाद 28 वर्षीय क्रिस्टियन (Christiane K) भड़क उठी. उसने 3 सितंबर, 2020 को जर्मनी के सोलिंगन (Germany, Solingen) में अपने पांच बच्चों का गला घोंट दिया. क्रिस्टियन के कुल 6 बच्चे थे.
कोर्ट में बताया गया कि सभी बच्चों की उम्र 11 वर्ष से कम थी. पांच बच्चों की बाथटब में डूबने या दम घुटने से मौत हुई. इससे पहले बच्चों को नशीला पदार्थ खिलाया गया था. हत्याओं को अंजाम देने के बाद क्रिस्टियन ने उनके शवों को तौलिये में लपेटकर बिस्तर में रख दिया. उसका सबसे बड़ा बेटा, जो उस समय 11 वर्ष का था, बच गया क्योंकि वह उस समय घर से बाहर था.
खुद ट्रेन के सामने कूद गई महिला
बच्चों को मारने के बाद क्रिस्टियन आत्महत्या के लिए डसेलडोर्फ सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेन के सामने कूद गई, लेकिन वह बच गई. जांच टीम का दावा है कि क्रिस्टियन ने अपने पति की तस्वीर दूसरी महिला के साथ देख ली थी. उसे पति के दूसरी महिला से संबंध होने का शक था. क्रिस्टियन ने हत्याओं को अंजाम देने से पहले पति को मैसेज टाइप किया था कि वह अब कभी अपने बच्चों को नहीं देख सकेगा.
कोर्ट ने सुनाई सजा
बीते दिनों कोर्ट ने क्रिस्टियन को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. मुकदमे के दौरान कोर्ट ने 40 से अधिक गवाहों को सुना. कोर्ट ने उसके इकलौते जीवित बेटे को उसकी दादी की देखरेख में भेज दिया है.
सिर्फ ₹5 हजार में ले सकते हैं पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी, पहले दिन से होने लगेगी मोटी कमाई, जानें क्या है प्रोसेस?
नई दिल्ली. अगर आप कम निवेश में बिजनेस (How to start my own business) करने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है. देश में 1.55 लाख पोस्ट ऑफिस होने के बावजूद कई इलाके ऐसे हैं जहां पोस्ट ऑफिस (Post office franchise) नहीं है. इस जरूरत को देखते हुए पोस्टल डिपार्टमेंट इंडिया पोस्ट (India Post) पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी खोलने (How to open Post office franchise?) का और कमाई (Earn money) करने का मौका उपलब्ध कराता है.
अगर आप भी यह फ्रेंचाइजी लेना चाहते हैं तो आपको मात्र 5000 रुपये का सिक्योरिटी डिपॉजिट करना होगा. फ्रेंचाइजी के जरिए आप स्टांप, स्टेशनरी, स्पीड पोस्ट आर्टिकल्स, मनी ऑर्डर की बुकिंग की सुविधाएं मिलेंगी और यही सुविधाएं एक तय कमीशन के साथ फ्रेंचाइजी लेने वाले की रेगुलर इनकम का जरिया बनेगी.
कौन ले सकता है फ्रेंचाइजी- कोई भी व्यक्ति, इंस्टीट्यूशंस, ऑर्गेनाइजेशंस या अन्य एंटिटीज जैसे कॉर्नर शॉप, पान वाले, किराने वाले, स्टेशनरी शॉप, स्मॉल शॉपकीपर आदि पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी ले सकते हैं. इसके अलावा नई शुरू होने वाली शहरी टाउनशिप, स्पेशल इकोनॉमिक जोन, नए शुरू होने वाले इंडस्ट्रियल सेंटर, कॉलेज, पॉलिटेक्निक्स, यूनिवर्सिटीज, प्रोफेशनल कॉलेज आदि भी फ्रेंचाइजी का काम ले सकते हैं. फ्रेंचाइजी लेने के लिए फॉर्म सबमिट करना होता है. सिलेक्ट हुए लोगों को डिपार्टमेंट के साथ MoU साइन करना होगा. फ्रेंचाइजी लेने के लिए इंडिया पोस्ट ने मिनिमम क्वालिफिकेशन 8वीं पास तय की है. व्यक्ति की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए.
कैसे होता है सिलेक्शन- फ्रेंचाइजी लेने वाले का सिलेक्शन सबंधित डिविजनल हेड द्वारा किया जाता है, जो एप्लीकेशन मिलने के 14 दिनों के अंदर ASP /SDl की रिपोर्ट पर आधारित होता है. यह जान लेना जरूरी है कि फ्रेंचाइजी खोलने की अनुमति ऐसी ग्राम पंचायतों में नहीं मिलती है, जहां पंचायत संचार सेवा योजना स्कीम के तहत पंचायत संचार सेवा केंद्र मौजूद हैं.
कौन नहीं ले सकता फ्रैंचाइजी- पोस्ट ऑफिस इंप्लॉइज के परिवार के सदस्य उसी डिवीजन में फ्रेंचाइजी नहीं ले सकते, जहां वह इंप्लॉई काम कर रहे हैं. परिवार के सदस्यों में इंप्लॉई की पत्नी, सगे व सौतेले बच्चे और ऐसे लोग जो पोस्टल इंप्लॉई पर निर्भर हों या उनके साथ ही रहते हों, फ्रेंचाइजी ले सकते हैं.
कितना सिक्योरिटी डिपॉजिट- पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी लेने के लिए मिनिमम सिक्योरिटी डिपॉजिट 5000 रुपये है. यह फ्रेंचाइजी द्वारा एक दिन में किए जाने वाले फाइनेंशियल ट्रान्जेक्शंस के संभावित अधिकतम स्तर पर आधारित है. बाद में यह एवरेज डेली रेवेन्यू के आधार पर बढ़ जाता है. सिक्योरिटी डिपॉजिट NSC की फॉर्म में लिया जाता है.
पोस्ट ऑफिस में मिलेंगी ये सर्विस और प्रोडक्ट- स्टांप और स्टेशनरी, रजिस्टर्ड आर्टिकल्स, स्पीड पोस्ट आर्टिकल्स, मनी ऑर्डर की बुकिंग. हालांकि 100 रुपए से कम का मनी ऑर्डर नहीं होगा बुक, पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस (PLI) के लिए एजेंट की तरह करेगा काम, साथ ही इससे जुड़ी आफ्टर सेल सर्विस जैसे प्रीमियम का कलेक्शन भी कराएगा उपलब्ध, बिल/टैक्स/जुर्माने का कलेक्शन और पेमेंट जैसी रिटेल सर्विस, ई-गवर्नेंस और सिटीजन सेंट्रिक सर्विस, ऐसे प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग, जिसके लिए डिपार्टमेंट ने कारपोरेट एजेंसी हायर की हुई हो या टाई-अप किया हुआ हो. साथ ही इससे जुड़ी सेवाएं, भविष्य में डिपार्टमेंट द्वारा पेश की जाने वाली सर्विस.
कैसे होगी कमाई- फ्रेंचाइजी की कमाई उनके द्वारा दी जाने वाली पोस्टल सर्विसेज पर मिलने वाले कमीशन द्वारा होती है. यह कमीशन MOU में तय होता है. रजिस्टर्ड आर्टिकल्स की बुकिंग पर 3 रुपए, स्पीड पोस्ट आर्टिकल्स की बुकिंग पर 5 रुपए, 100 से 200 रुपए के मनी ऑर्डर की बुकिंग पर 3.50 रुपए, 200 रुपए से ज्यादा के मनी ऑर्डर पर 5 रुपए, हर माह रजिस्ट्री और स्पीड पोस्ट के 1000 से ज्यादा आर्टिकल्स की बुकिंग पर 20 फीसदी अतिरिक्त कमीशन, पोस्टेज स्टांप, पोस्टल स्टेशनरी और मनी ऑर्डर फॉर्म की बिक्री पर सेल अमाउंट का 5 फीसदी, रेवेन्यू स्टांप, सेंट्रल रिक्रूटमेंट फी स्टांप्स आदि की बिक्री समेत रिटेल सर्विसेज पर पोस्टल डिपार्टमेंट को हुई कमाई का 40 फीसदी.
वायरल वीडियो: दिवाली पर स्कूटर से पटाखे घर ले जा रहे थे बाप-बेटा, तभी विस्फोट से दोनों के उड़ गए परखचे
पुडुचेरी: पुडुचेरी से दिल दहला देने वाला वीडियो (Puducherry Viral Video) सामने आया है. एक व्यक्ति स्कूटर पर देसी पटाखे लेकर बेटे के साथ घर जा रहा था. तभी पटाखों में जोरदार विस्फोट होने से दोनों की दर्दनाक मौत हो गई.
पटाखों में विस्फोट से बाप-बेटे की मौत
जानकारी के मुताबिक दिवाली (Diwali 2021) पर पुडुचेरी (Puducherry) का रहने वाले कलई अरसन अपने 7 साल के बेटे प्रदीप के साथ पटाखे लेकर स्कूटर से घर लौट रहे थे. उसी दौरान पटाखों (Puducherry Viral Video) में जोरदार विस्फोट हुआ. धमाका इतना तेज था कि स्कूटर समेत उस पर सवार पिता-पुत्र के परखचे उड़ गए. वहीं सड़क से गुजर रहे 3 अन्य लोग घायल हो गए. यह पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई.
देसी पटाखों में भरा जाता है ज्यादा बारूद
सूत्रों के मुताबिक पुडुचेरी (Puducherry) में अवैध तरीके से कुछ देसी पटाखे बनते और बिकते हैं. कलई अरसन जिन पटाखों को स्कूटर से ले जा रहे थे, वे ऐसे ही देसी पटाखे थे. इन देसी पटाखों में ज्यादा आवाज के लिए बारूद को बहुत कसकर भरा जाता है. इसीलिए स्कूटर के अगले हिस्से में रखे होने की वजह से उनमें शायद स्पार्किंग हुई होगी, जिसके चलते उनमें जोरदार विस्फोट हो गया.
पुडुचेरी में भीषण हादसा: पटाखों से लदे स्कूटर में धमाके से पिता-बेटे की मौत, @capt_ivane #Puducherry #Accident
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आतिशबाजी से गोदाम में लगी आग, दमकल की गाड़ियां ने बमुश्किल पाया आग पर काबू
हरिद्वार, जनपद के रानीपुर के कोतवाली क्षेत्र के सलेमपुर में दीपावली के दिन जलता हुआ राकेट गिरने से कबाड़ी के गोदाम में भयंकर आग लग गई। गोदाम में रखा सभी सामान जलकर राख हो गया। सूचना पर दमकल की गाड़ियां आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंची। काफी देर के बाद आग पर काबू पाया गया।
दीपावली के मौके पर आतिशबाजी हो रही और इस बीच रानीपुर कोतवाली क्षेत्र के एक गोदाम में देर शाम को राकेट से अचानक आग लग गई। आग लगने से खुले गोदाम में रखा सामान जलकर खाक हो गया। आग की लपटें उठती देख ग्रामीणों के होश उड़ गए। आग की सूचना मिलते ही दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची। दमकल विभाग की टीमें काफी देर तक आग बुझाने में लगी रहीं।
वहीं, दूसरी ओर रुड़की शहर के चंद्रपुरी में स्थित गोयल फर्नीचर शोरूम में भी दीपावली की रात करीब दस बजे अचानक आग लग लग गई। शोरूम से आग की लपटें उठती देख किसी ने दमकल विभाग को सूचना दी, जिसके बाद दमकल विभाग की टीम ने मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग लगने की वजह का अभी पता नहीं चल पाया है। इस दौरान मौके पर अफरा-तफरी का माहौल रहा।
मजार के पास मिले लावारिस बैग से हड़कंप, पुलिस ने बैग को कब्जे में लिया
हरिद्वार, जनपद के रुड़की स्थित पिरान कलियर में दरगाह ईमाम साहब मार्ग पर एक मजार के पास लावारिस बैग में सिक्योरिटी गार्ड की वर्दी के साथ दो नाली बंदूक मिलने की सूचना से हड़कंप मच गया, पुलिस ने लावारिस बैग को कब्जे में लिया और उसके मालिक की तलाश शुरू कर दी।
मिली जानकारी के मुताबिक पिरान कलियर में गुरुवार की शाम दरगाह इमाम साहब मार्ग पर एक मजार के पास काले रंग का बैग पड़ा दिखाई दिया। लावारिस बैग से निकली दो नाली बंदूक दिखाई देने पर हड़कंप मच गया। काफी देर तक बैग एक जगह रखा रहा। किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने लावारिस बैग की तलाशी ली। जिसमें एक दो नाली बंदूक, बीएसएस कंपनी की सिक्योरिटी गार्ड की वर्दी और सलमान नाम के व्यक्ति के आधार कार्ड की फोटो कॉपी व एक महिला के आधार कार्ड की फोटो कॉपी बरामद हुई।
पुलिस ने बैग स्वामी की आसपास तलाश के लिए लोगों से पूछताछ की। साथ ही सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की, लेकिन बैग स्वामी का कोई पता नहीं चल पाया। पुलिस ने बैग समेत दो नाली बंदूक व अन्य सामान को कब्जे में लेकर उसके मालिक की तलाश शुरू कर दी।
थानाध्यक्ष धर्मेंद्र राठी ने बताया कि एक लावारिस बैग मिला है, जिसके मालिक की तलाश की जा रही है।
खनन माफिया सक्रिय, ड्यूटी कर रहे आईआरबी के जवानों को फावड़ा और डंडे से धमकाया
हरिद्वार, उत्तराखंड़ में नदियों से रेत बजरी खनन का काम मुनाफे का काम है तभी तो इस कार्य माफियाओं का गठजोड़ अपना दबदबा बनाये रगता है, हरिद्वार में रुड़की के मंगलौर में खनन रोकने के लिए ड्यूटी कर रहे आईआरबी के कांस्टेबलों के साथ खनन माफिया ने धक्का-मुक्की की और खनन कर रहे लोगों ने जवानों को धमकाया और फावड़ा और डंडे लेकर पीछे भागे। इतना ही नहीं दोबारा मौके पर खनन कर रहे लोगों ने उनके घेर लिया। इसपर जवान ने हवाई फायर कर भीड़ को तितर-बितर किया। मामले में फिलहाल अज्ञातों पर मुकदमा दर्ज किया गया है,
प्रशासन द्वारा अवैध खनन रोकने के लिये आईआरबी के जवान अर्जुन सिंह रावत, सहकर्मी दीपक भंडारी, राजकुमार कुकरेती और सेक्शन इंचार्ज सुनील गैरोला के साथ नारसन शक्ति घाट पर तैनात किए गए थे। शुक्रवार की सुबह सात बजे जब वह मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि कुछ ट्रैक्टर-ट्राली और भैंसा बुग्गी के साथ 20-25 लोग घाट से रेत निकाल रहे हैं।
टीम ने जब उनको रेत निकालने से मना किया तो खनन माफिया ने आइआरबी के जवानों के साथ धक्का-मुक्की की। इस दौरान वे फावड़े और डंडे लेकर उनके पीछे भी दौड़े। जवानों ने मौके से किसी तरह से भागकर अपनी जान बचाई और फोन कर नारसन पुलिस चौकी पर जानकारी दी। इसी बीच मौके पर एक बुलेट पर सवार दो लोग आए और उन्होंने खनन कर रहे लोगों को भड़काना शुरू कर दिया।
इस पर खनन करने वालों ने सभी आइआरबी के जवानों को घेर लिया और मारपीट का प्रयास किया। खुद को भीड़ से घिरा देख अर्जुन सिंह रावत ने अपनी राइफल से ब्लैक कार्टेज के द्वारा हवाई फायर कर भीड़ को तितर-बितर किया। भगदड़ में एक व्यक्ति मौके पर अपनी मोटरसाइकिल छोड़ भाग गया। पुलिस ने मोटरसाइकिल को कब्जे में लेकर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
विधि-विधान के साथ बंद हुये गंगोत्रीधाम के कपाट, बाबा केदारनाथ के कल होंगे कपाट बंद
उत्तरकाशी/रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड़ मे विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के पर्व पर आज शुक्रवार दोपहर 11 बजकर 45 बजे पर बंद किए गए, जिसके बाद गंगा की डोली मां गंगा के जयकारों के साथ मुखवा के लिए रवाना हुई। कपाट बंद होने से अब देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे। वहीं, यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर छह नवंबर को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर बंद होंगे। यमुना की डोली लेने के लिए खरसाली गांव से शनि महाराज की डोली इसी दिन सुबह यमुनोत्री पहुंचेगी। विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए जाने के अवसर पर शुक्रवार की सुबह साढ़े आठ बजे मां गंगा के मुकुट को उतारा गया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने निर्वाण के दर्शन किए। वेद मंत्रों के साथ मां गंगा की मूर्ति का महाभिषेक किया गया। उसके बाद विधिवत हवन पूजा-अर्चना के साथ दोपहर 11 बजकर 45 मिनट पर अमृत बेला में कपाट बंद किए गए, जिसके बाद गंगा की डोली लेकर तीर्थ पुरोहित मुखवा के लिए प्रस्थान हुए।
वहीं केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने प्रक्रिया शुरू हो गई है और कल 6 नवम्बर शनिवार को सबुह ठीक आठ बजे कपाट शीतकाल के छह महीनों के लिए बंद कर दिए जाएंगे। देवस्थानम बोर्ड ने बाबा की उत्सव डोली को सजाने का कार्य शुरू कर दिया है। सुबह तड़के चार बजे से मंदिर के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अब आने वाले छह महीनों तक भोले बाबा शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में ही भक्तों के दर्शन देंगे,
छह महीने तक उच्च हिमालय में विराजमान रहने में बाद अब शीतकाल के लिए भाले के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने बताया कि केदारनाथ धाम कपाट शीतकाल के लिए बंद होने से पूर्व स्वंभू शिवलिंग पर घी का लेप से ढक देंगे।
जिसके बाद तय समय पर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मुख्य द्वार को सीलबंद कर दिया जाएगा। भोले बाबा की उत्सव डोली को देवस्थानम बोर्ड ने सजाने का कार्य शुरू कर दिया है। डोली अपने प्रथम रात्रि निवास के लिए फाटा-रामपुर पहुंचेगी। दूसरे दिन यानी सात नवंबर को डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंची। आठ नवंबर को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो जाएगी। सभी भक्त आने वाले छह महीनों के लिए यहीं पर बाबा के दर्शन कर सकेंगे। इस संबंध में देवस्थानम बोर्ड के केदारनाथ मंदिर प्रभारी युद्ववीर सिह पुष्पवाण ने बताया कि उत्सव डोली को श्रृंगार किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने की पूजा अर्चना
केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने से एक दिन पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बाबा केदार की पूजा अर्चना की। प्रधानमंत्री मोदी ने करीब 18 मिनट तक की पूजा। इसके बाद उन्होंने स्वयंभू शिवलिंग की परिक्रमा की। पीएम ने आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा का भी अनावरण किया।
पीएम मोदी ने केदारनाथ में किया 225 करोड़ रुपये के कार्यों का लोकार्पण
रुद्रप्रयाग (केदारनाथ), पीएम नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का आज उन्होंने अवलोकन किया। इसके साथ प्रधानमंत्री ने क्षेत्र म 225 करोड़ की लागत से पूर्ण हो चुके कार्यों का लोकार्पण किया। इनमें आदि शंकराचार्य की समाधि स्थली और प्रतिमा भी शामिल है। इसके अलावा उन्होंने 184 करोड़ की लागत के कार्यों का शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री ने यहां स्थित इग्लू हट में डिजिटली केदारनाथ में अब तक हुए और वहां चल रहे कार्यों की पूरी जानकारी ली। उनके समक्ष प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। बाद में उन्होंने विभिन्न पुनर्निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया। इसमें आदि शंकराचार्य की पुनर्निर्मित समाधि स्थली एवं प्रतिमा भी शामिल है, जिसके दर्शन से तीर्थयात्रियों को आध्यात्मिक चेतना की अनुभूति होगी। इसके अलावा केदारपुरी में तीर्थ पुरोहितों के लिए स्थायी आवास, सरस्वती नदी के तट पर बाढ़ सुरक्षा व घाट, मंदाकिनी नदी के तट पर बाढ़ सुरक्षा को भार वाहक दीवार और गरुड़चट्टी के लिए मंदाकिनी नदी पर नवनिर्मित पुल का प्रधानमंत्री ने लोकार्पण किया। इसके अलावा उन्होंने जिन कार्यों का शिलान्यास किया, उनमें केदारनाथ धाम में संगम घाट का पुनर्विकास व रेन शेल्टर शेड, प्राथमिक चिकित्सा एवं पर्यटक केंद्र, मंदाकिनी आस्था पथ पंक्ति प्रबंधन, मंदाकिनी वाटर एटीएम एवं मंदाकिनी प्लाजा, प्रशासनिक कार्यालय एवं अस्पताल भवन, केदारनाथ में संग्रहालय (म्यूजियम) और सरस्वती सिविक एमेनिटी भवन शामिल हैं।
इस अवसर पर प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम के नेतृत्व में पिछले पांच साल में प्रदेश में करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ है। रेलवे परियोजना ऋषिकेश-कर्णप्रयाग पर काम चल रहा है। सरकार की भारत माला परियोजना के तहत चार धाम आल वेदर रोड पर काम चल रहा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ धाम में गोवर्धन पूजा के अवसर पर शुक्रवार को बाबा केदार की पूजा-अर्चना एवं जलाभिषेक किया। इस दौरान उन्होंने लगभग 400 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसमें आदि गुरू श्री शंकराचार्य जी के पुनर्निर्मित समाधि स्थल और नई प्रतिमा का अनावरण के साथ तीर्थ पुरोहितों के आवास, सरस्वती नदी के तट पर बाढ़ सुरक्षा तथा घाटों का निर्माण, मन्दाकिनी नदी तट पर बाढ़ सुरक्षा हेतु भार वाहक दीवार, गरुड़ चट्टी के लिये मन्दाकिनी नदी पर पुल के निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री द्वारा जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें श्री केदारनाथ धाम में संगम घाट का पुनर्विकास एवं रेन शैल्टर शेड, प्राथमिक चिकित्सा एवं पर्यटक सुविधा केन्द्र, मन्दाकिनी आस्था पथ पंक्ति प्रबन्धन, मन्दाकिनी वाटर एटीएम एवं मन्दाकिनी प्लाजा, प्रशासनिक कार्यालय एवं अस्पताल भवन, केदारनाथ तीर्थ स्थल में संग्रहालय (म्यूजियम) परिसर, सरस्वती सिविक एमेनिटी भवन का निर्माण कार्य शामिल है। इस अवसर पर राज्यपाल ले.ज.(से.नि) श्री गुरमीत सिंह, कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत, विधायक एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु आदि भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास था कि आपदा के बाद केदारनाथ धाम पूरी आन बान और शान के साथ फिर से खड़ा होगा। केदारनाथ पुनर्निर्माण को उन्होंने ’ईश्वरी कृपा’ बताया और इसमें योगदान देने वाले प्रत्येक व्यक्ति का आभार प्रकट किया।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ में भारत की संस्कृति की व्यापकता का अलौकिक दृश्य दिखाई देता है। यहां आकर महसूस होता है कि भारत की ऋषि परंपरा कितनी महान है। मैं यहां जब भी आता हूं कण-कण से जुड़ जाता हूं। उन्होंने कहा कि गरुड़चट्टी से मेरा पुराना नाता है। मेरा सौभाग्य है कि गोवर्धन पूजा के दिन उन्हें केदारनाथ दर्शन का सौभाग्य मिला है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि केदारनाथ में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। 2013 की आपदा के दौरान मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। इस दौरान केदारनाथ आपदा को याद कर प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि आपदा में जो नुकसान यहां हुआ, वो अकल्पनीय था। हर कोई सोचता था कि क्या ये हमारा केदारनाम धाम फिर से उठ खड़ा हो पाएगा, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास था कि यह धाम पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने केदारनाथ के पुनर्निर्माण का जो सपना देखा था वो आज पूरा हो रहा है। इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। उन्होंने पुनर्निर्माण कार्यों में तत्परता दिखाने के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ की। उन्होंने इन पुनीत प्रयासों के लिए मंदिर के रावल, पुजारियों और इन निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों को भी धन्यवाद दिया। खासतौर पर उन्होंने पुनर्निर्माण कार्य करने वाले श्रमिकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि बर्फबारी और कड़कड़ाती ठंड के बीच यहां निर्माण का काम करना बेहद मुश्किल था।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य जी ने पवित्र मठों की स्थापना की और द्वादश ज्योतिर्लिंगों के पुनर्जागरण का काम किया। बाल्यावस्था में ही उन्होंने सबकुछ त्यागकर देश, समाज और मानवता के लिए जीने वालों के लिए एक सशक्त परंपरा खड़ी की है। आदि गुरु शंकराचार्य को शंकर का अवतार बताते हुए उन्होंने कहा कि ’शं करोति सः शंकरः’ का तात्पर्य है, जो कल्याण करे, वही शंकर है। इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित किया। उन्होंने अपना पूरा जीवन जन-साधारण के कल्याण में खपा दिया। आज हम सभी आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुनः स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। एक समय था जब आध्यात्म को, धर्म को केवल रूढ़ियों से जोड़कर देखा जाने लगा था। लेकिन, भारतीय दर्शन तो मानव कल्याण की बात करता है, जीवन को पूर्णता के साथ समग्र तरीके में देखता है। आदि शंकराचार्य ने समाज को इस सत्य से परिचित कराने का काम किया है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि हमारे यहां सदियों से चारधाम यात्रा का महत्व रहा है। तीर्थाटन हमारे यहां जीवन काल का हिस्सा माना गया है। अब हमारी सांस्कृतिक विरासतों को, आस्था के केंद्रों को उसी गौरव भाव से देखा जा रहा है, जैसा देखा जाना चाहिए। उन्होंने देशवासियों का आह्वान किया कि वे तीर्थ और धार्मिक स्थलों का भ्रमण जरूर करें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर पूरे गौरव के साथ बन रहा है, अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है। अभी दो दिन पहले ही अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन पूरी दुनिया ने देखा। भारत का प्राचीन सांस्कृतिक स्वरूप कैसा रहा होगा, आज हम इसकी कल्पना कर सकते हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश में काशी का भी कायाकल्प हो रहा है। विश्वनाथ धाम का कार्य बहुत तेज गति से पूर्णता की तरफ आगे बढ़ रहा है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने अयोध्या, काशी और मथुरा का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा देश अब गौरव के साथ अपने लिए बड़े लक्ष्य तय कर रहा है। देश कठिन समय सीमाएं निर्धारित करता है, तो कुछ लोग कहते हैं कि इतने कम समय में ये सब कैसे होगा, होगा भी या नहीं होगा। तब मैं कहता हूं कि समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं है।
उत्तराखण्ड के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि चारधाम सड़क परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है, चारों धाम सुरक्षित हाईवे से जुड़ रहे हैं। भविष्य में यहां केदारनाथ तक श्रद्धालु केबल कार के जरिए आ सकें, इससे जुड़ी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। यहां पास में ही पवित्र हेमकुंड साहिब जी भी हैं। हेमकुंड साहिब जी के दर्शन आसान हों, इसके लिए वहां भी रोप-वे बनाने की तैयारी है। पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड के तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। इसी का नतीजा है कि चारधाम यात्रा आने वाले भक्तों की संख्या लगातार रिकॉर्ड बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले 10 वर्षों में यहां पिछले 100 वर्षों से अधिक श्रद्धालु यात्रा के लिए पहुंचेंगे।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने कोरोना संक्रमण में साहस का परिचय दिया। कोरोना टीकाकरण की पहली डोज में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है। ये उत्तराखंड की ताकत है, सामर्थ्य है। पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी अब उसी के काम आएगी, पलायन रुकेगा। इसके लिए प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री श्री धामी को धन्यवाद भी दिया। कहा कि मुझे पूरा विश्वास है जितनी ऊंचाई पर उत्तराखंड है भविष्य में वह उतनी ही ऊंचाई हासिल करेगा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का हिमालय तथा यहां पर स्थित मंदिरों से विशेष लगाव रहा है। चाहे कैलाश मानसरोवर की यात्रा हो अथवा केदारपुरी में तप एवं ध्यान साधना हो, यहां की भूमि से आपने सदैव एक असीम आध्यात्मिक दिव्य ऊर्जा प्राप्त की है, जिसने आपको निरंतर भारत वर्ष के समग्र कल्याण का कार्य करने की शक्ति दी है। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म संस्कृति में आदि गुरु शंकराचार्य जी को कौन नहीं जानता। वे भारत की राष्ट्रीय एवं आध्यात्मिक चेतना के सूत्रधार थे। भारत की गौरवशाली संस्कृति, परंपराओं, वेदों एवं उपनिषेदों के असीम ज्ञान के संरक्षण व संवर्धन का श्रेय आदिगुरू शंकराचार्य जी को ही जाता है। उनकी इसी महान परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य आज हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारधाम के पुनर्निर्माण एवं आदि गुरु शंकराचार्य जी की समाधि की पुनर्स्थापना के लिए आदि गुरु जैसी ही जिजीविषा, संकल्प और धैर्य की आवश्यकता थी, जो प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में परिलक्षित होती है। आज का दिन भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी जी के निर्देशन में केदारपुरी में जहां प्रथम चरण के 225 करोड़ के कार्य पूर्ण हो चुके हैं वहीं 184 करोड़ के कार्य द्वितीय चरण में गतिमान है। इसके साथ ही बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए जहां 245 करोड़ रूपये से अधिक स्वीकृत हो चुके हैं। वहीं गंगोत्री व यमनोत्री के लिए भी करोड़ों रूपये के कार्य स्वीकृत हो चुके हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री जी जो कहते हैं, जो सोचते हैं, वही अन्तोत्गत्वा करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज भारत एवं भारतीय संस्कृति का मान, सम्मान, स्वाभिमान संपूर्ण विश्व में बढ़ रहा है तथा भारत विश्व गुरू के पद पर पुनः आरूढ़ होने के लिए तैयार हो रहा है। देश में जो कार्य कभी नामुमकिन से प्रतीत होते थे वे आज पूर्णता की ओर बढ़ रहे हैं। चाहे वो राम मंदिर का मुद्दा हो, धारा 370 का मुद्दा हो, तीन तलाक का मुद्दा हो या शक्तिशाली भारत के सम्पूर्ण विकास की बात हो। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धाम ने राज्य में चल रही केन्द्र की परियोजनाओं का जिक्र करते हुए राज्य सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में ऐसे बहुत से काम हुए हैं, जो पहले नामुमकिन लग रहे थे। पिछले पांच वर्षों में केन्द्र सरकार द्वारा करीब एक लाख करोड़ रूपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिये स्वीकृत हुई है। जिनमें से बहुत सी योजनाएं पूर्ण हो चुकी है और अन्य पर कार्य चल रहा है। हम पहाड़ में रेल का सपना देखते थे। मोदी जी ने इस सपने को साकार किया है। आज ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना तथा सामरिक दृष्टि एवं भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। इसी प्रकार चार धाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट पर भी तीव्र गति से काम किया जा रहा है। चार धाम यात्रा उत्तराखण्ड के लिए लाइफ लाईन है और ये परियोजनाएं जहां चारधाम यात्रा को सुगम बनाएंगी, पर्यटन को बढ़ावा देगी वहीं हमारी अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन भी लाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों से हम कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं। परन्तु प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमने जहां एक ओर इस महामारी से डटकर मुकाबला किया है, वहीं विकास की गति को भी आगे बढ़ाया है। यह माननीय प्रधानमंत्री जी का ही नेतृत्व है कि देश में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड वैक्सीनेशन अभियान ’सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन’ चल रहा है। पूरी दुनिया में इसकी सराहना की जा रही है। प्रदेश सरकार ने भी सफलतापूर्वक कोविड की प्रथम डोज को लगाने का लक्ष्य समय से पूर्व ही शत प्रतिशत प्राप्त कर लिया है। साथ ही दूसरी डोज भी करीब 50 प्रतिशत लोगों को लगाई जा चुकी है। कोरोना महामारी से प्रभावित पर्यटन, परिवहन, क्षेत्रों के लिये 200 करोड़ का राहत पैकेज, स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती एवं इससे जुड़े कार्मिकों को प्रोत्साहन हेतु 205 करोड़ तथा महिला सशक्तिकरण एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिये 118 करोड़ का राहत पैकेज प्रदान किया जा रहा है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लोगों के खातों में भेजी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा, जन-स्वास्थ्य, बिजली, पानी, कनेक्टिविटी, रोजगार, महिला एवं बाल विकास, खेती-किसानी, सिंचाई हर क्षेत्र में उत्तराखंड ने पिछले पांच वर्षों में अभूतपूर्व तरक्की की है। माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में हमारी सरकार उत्तराखंड में जो विकास कार्य कर रही है वे ’’न भूतो न भविष्यति’’ हैं।
हमारी सरकार ने जहां 24 हजार सरकारी पदों को भरने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है, वहीं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा नैनो उद्यम योजना के द्वारा हम लाखों को स्वरोजगार द्वारा आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर बढ रहे हैं।