Saturday, June 7, 2025
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उत्तराखंड जनजाति महोत्सव को लेकर उत्साहित हूं क्योंकि इससे बहुत कुछ सीखने को मिलता है: गोंड कलाकार यशवंत धुर्वे

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देहरादून,  गोंड कलाकार यशवंत धुर्वे कहते हैं, “सरकार ने हमें आदिवासी कारीगरों को आगे बढ़ने के लिए एक मंच दिया है और हमें इसे आगे बढ़ाना चाहिए। ऐसे मौके नहीं छोडना चाहिए।” 26 वर्षीय धुर्वे देहरादून में तीन दिवसीय कार्यक्रम (11 नवंबर – 13 नवंबर) उत्तराखंड जनता महोत्सव में भाग ले रहे हैं।
उन्हें मध्य प्रदेश में जनजातीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम (टीईडीपी) द्वारा 35-50 छात्रों के एक बैच में से चुना गया था। कार्यशाला जनजातीय मामलों के मंत्रालय (एमओटीए) और राष्ट्रीय निकाय एसोचैम की एक संयुक्त पहल है जो कलाकारों को एक स्थायी आय अर्जित करने के लिए अपने कौशल को तेज करने और अपने काम को ऑनलाइन बढ़ावा देने में मदद करती है।

“मैं उत्साहित हूं क्योंकि इसका मतलब न केवल मेरे काम के लिए व्यापक एक्सपोजर है, बल्कि एक राज्य से राज्य की बातचीत भी है। इन एक्सचेंजों में सीखने के लिए बहुत कुछ है,” वे कहते हैं, “मैं श्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री से मिलकर काफी उत्साहित हूं” महोत्सव में श्री मुंडा की पत्नी रानूदेवी भी शामिल हुयी; दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने उनके साथ वर्कशॉप में भी हिस्सा लिया।
गोंड कलाकार यशवंत धुर्वे ने महोत्सव में प्रदर्शित करने के लिए अपनी गोंड कला का जायजा लिया। यह पहली बार नहीं है जब वह अपने गृह राज्य के बाहर किसी महोत्सव में शामिल हुए हैं। टीईडीपी के माध्यम से, जो जनजातीय मामलों के मंत्रालय (एमओटीए) और राष्ट्रीय निकाय एसोचैम की एक संयुक्त पहल है, वह दिल्ली महोत्सव और अन्य कार्यशालाओं जैसी सरकार द्वारा प्रायोजित प्रदर्शनियों में गए हैं।

गोंड कला में विशेषज्ञता के बारे में बात करते हुए वह साझा करते हैं, “गोंड कला हमारे गोंड समुदाय की एक आदिवासी कला है। यह चित्रों के माध्यम से हमारी गांव की संस्कृति को दस्तावेज करने का एक तरीका है क्योंकि हमारे पास इस पर किताबें नहीं लिखी गई हैं। ये मिट्टी के डिजाइन थे जो आमतौर पर घरों की दीवारों और फर्शों पर बनाये जाते थे। समय के साथ यह बदल गया और ये डिजाइन लकड़ी और कपड़े सहित अन्य कैनवस पर इस्तेमाल किये जाने लगे । मुझे अपने मामाजी के कारण इसमें दिलचस्पी हुई। उन्होंने इसमें विशेषज्ञता हासिल की और देखते देखते मैंने इसे अपनाया और अब मैं एक पेशेवर कलाकार हूं।”

सदा आशावादी यशवंत, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान कठिन समय का सामना किया, का कहना है कि टीईडीपी जैसी सरकारी पहल समय पर हुई। “इसने हमारे लिए एक पूरी नई दुनिया खोल दी – ई-कॉमर्स और ऑनलाइन मार्केटिंग की दुनिया। मेरे उत्पादों के लिए सोशल मीडिया साइटों पर मेरी अपनी प्रोफ़ाइल है। इसने हमें अपने उत्पादों के लिए एक नया आउटलेट दिया है,” वे कहते हैं कि उन्हें अपनी गोंड कलाकृति के लिए मुख्य रूप से दिल्ली, मुंबई और चंडीगढ़ से ऑर्डर मिलते हैं – चाहे वह दीवार कला, सजावट उत्पाद या कपड़ों के प्रिंट के रूप में हो।
यद्यपि उनकी वर्तमान कमाई अभी तक 35,000-40,000 रुपये के पूर्व लॉकडाउन दिनों के स्तर तक नहीं पहुंच पाई है, तथापि यशवंत अपनी नई सीखों को लेकर उत्साहित हैं, जिसके बारे में उनका मानना है कि यह उनके व्यवसाय को बहुत आगे ले जायेगा ।

यशवंत की तरह, उत्तराखंड जनजातीय महोत्सव में लगभग 150 आदिवासी कारीगर और 300 आदिवासी कलाकार भाग ले रहे हैं। इसमें इन आदिवासी कारीगरों द्वारा अद्वितीय उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले लगभग 50 स्टॉल भी हैं। एमओटीए और राज्य जनजातीय अनुसंधान सह सांस्कृतिक केंद्र और संग्रहालय (टीआरआई) द्वारा आयोजित महोत्सव के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भाग लिया जो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

 

तीन दिवसीय जनजाति महोत्सव शुरू : केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया शुभारंभ

 

‘प्रदेश के जनजाति समुदाय के बहुआयामी विकास के लिये बनायी जायेगी योजना, मुख्यमंत्री से की प्रस्ताव भेजने की अपेक्षा’

 

उत्तराखंड : जनजातियों का विकास करेगी सरकार, केंद्र ने मांगा प्रस्ताव |  Khabar Uttarakhand News

देहरादून, केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुण्डा एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जनजाति कार्य मंत्रालय भारत सरकार एवं जनजाति शोध संस्थान एवं संग्रहालय उत्तराखण्ड द्वारा डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ओएनजीसी स्टेडियम में आयोजित तीन दिवसीय उत्तराखण्ड जनजाति महोत्सव का शुभारम्भ किया। उन्होंने महोत्सव परिसर में प्रदर्शनी स्थल पर जनजाति क्षेत्रों के विभिन्न उत्पादों के स्टालों का अवलोकन भी किया।

इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने कहा कि उत्तराखण्ड जनजाति महोत्सव के माध्यम से सभी जनजातियों को एक मंच मिला है। इस आयोजन में जनजातियों के लोक जीवन, सांस्कृतिक विरासत, लोक एवं परम्पराओं को भी जीवन्तता मिली है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के साथ ही झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ का निर्माण पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेई ने किया था। हमारे ये प्रदेश विकास की दिशा में निरन्तर आगे बढ़े इसकी जिम्मेदारी हमारी है। उन्होंने प्रदेश के विकास के साथ ही जनजाति कल्याण के लिये उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के लिये मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की सराहना की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश में जनजाति समाज को सम्मान देने का कार्य किया है। इसी क्रम में भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती को गौरव दिवस के रूप में आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया गया है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में जनजाति क्षेत्रों के कल्याण एवं शिक्षा आदि व्यवस्थाओं के लिये योजनायें बनायी जायेगी, जिसके लिये उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रस्ताव भेजने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि देश में जनजाति क्षेत्रों में शिक्षा की प्रभावी व्यवस्था के लिये 450 स्कूल खोले जायेंगे जिसके लिये 30 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई है

केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास राज्यों के सहयोग से जनजाति समुदाय को देश की मुख्य धारा से जोड़ना है। उन्होंने राज्य के एकलव्य स्कूलों तथा जनजाति शोध संस्थान की व्यवस्थाओं की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्रों के विकास से सम्बन्धित मुख्यमंत्री द्वारा जो भी प्रस्ताव भेजे जायेंगे उन पर शीघ्र निर्णय लिये जायेंगे। उन्होंने जनजाति के क्षेत्रों का माइक्रो प्लान बनाने तथा उन्हें आजीविका मिशन कार्यक्रमों से जोड़ने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में जहां 5 जनजातियां हैं वहीं झारखण्ड में 32 जनजाति समुदाय हैं।

केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री ने किया तीन दिवसीय  उत्तराखण्ड जनजाति महोत्सव का शुभारम्भ

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुण्डा से राज्य के सीमांत जनपदों पिथौरागढ़ और चमोली में जनजातीय छात्रों के लिए दो नए एकलव्य आवासीय विद्यालय खोले जाने, विभागीय विद्यालयों मे पढ़ रहे जनजाति के 5 हजार छात्र-छात्राओं को टेबलेट उपलब्ध कराए जाने, राज्य में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानीयों के जीवन परिचय पर आधारित संग्रहालय की स्थापना करने का अनुरोध किया।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि दोंनों का संबध जनजाति संस्कृतियों से रहा है। जहां सूदूर पिथौरागढ़ में भोटिया संस्कृति से उनका लगाव रहा, वहीं कर्मभूमि खटीमा की थारु-बुक्सा जनजाति से भी गहरा रिश्ता रहा है। आज देश दुनियां में ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण संरक्षण को लेकर चिंतन मनन हो रहा है लेकिन हमारी जनजातियां प्रारंभ से ही पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देती रही हैं। हमारी जनजातीय समूहों का शुरुआत से ही जड़ी-बूटियों को लेकर ज्ञान, उनकी विशेष पहचान रही है। रामायण काल में जब भगवान श्री राम अपने चौदह वर्ष के वनवास को काट रहे थे तब ये वनवासी ही थे जो आगे बढ़कर भगवान श्रीराम की सहायता करने आए थे। उन्ही के सहयोग से भगवान राम ने महाबली रावण की विशाल सेना को परास्त कर लंका पर विजय प्राप्त की थी। महाभारत काल में भी जनजातियों के बारे में विशेष उल्लेख मिलता है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 15 नवंबर को जनजातीय समाज के उत्थान के लिए कार्य करने वाले श्री बिरसा मुंडा जी की जन्म जयंती भी है। उनके द्वारा किए गए कार्यों का ही परिणाम है कि वे झारखंड के जनजातीय समूह में विशेष महत्व रखते है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जनजातियों के लिए कई कल्याणकारी कार्य किए गए हैं। ये प्रधानमंत्री जी की सोच का ही नतीजा है कि उन्होंने समाज के हर वर्ग को मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया है। देश में जनजातियों के लिए कार्य करने वाले दर्जनों लोगों को केंद्र सरकार ने सम्मानित किया है। अभी इसी 9 नंवबर को केंद्र सरकार द्वारा जनजातीय समूह की श्रीमती भूरी बाई जी और तुलसी गौडा जी को पद्म श्री से सम्मानित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां लगे अलग-अगल स्टॉलों में एक से बढ़कर एक हस्तशिल्प उत्पाद हमारे जनजातीय भाईयों, स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए हैं। जहां एक ओर ये उत्पाद इको फैंडली हैं वहीं इनकी गुणवत्ता भी विश्व स्तरीय है। ये सब प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व का ही कमाल है कि हम ‘‘वोकल फॉर लोकल‘‘ अभियान के तहत स्थानीय उत्पादों को आगे बढ़ा रहे हैं। अभी हमारी सरकार ने ‘‘एक जिला दो उत्पाद‘‘ योजना की भी शुरुआत की है। इसके तहत हमने हर जिले के दो स्थानीय उत्पादों को सूचीबद्ध किया है।

 

उन्होंने कहा कि देश के सैनिक इतिहास में जनजातीय समूहों के शौर्य और पराक्रम से सभी भलीभांति परिचित हैं। देश की सेना में विभिन्न पदों पर जनजातीय समूह के लोगों ने अपनी कार्यकुशलता का अभूतपूर्व परिचय दिया है। वीर केसरी चंद का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री केसरी चंद्र जी ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, नेता जी सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद फौज में शामिल होकर, भारत की आज़ादी में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया था। ऐसे ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवन परिचय पर आधारित एक संग्रहालय की स्थापना की उन्होंने जरूरत बतायी।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में तीन एकलव्य मॉडल स्कूल, तीन आई.टी.आई. चार जनजाति हॉस्टल और सोलह आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। जिससे दूरस्थ क्षेत्रों के अनुसूचित जनजाति के बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के विकास हेतु अधिनियम बनाकर समस्त विभागों को अपने वार्षिक बजट का 3 प्रतिशत जनजातीय क्षेत्रों में व्यय करने का प्रावधान भी किया गया है।

 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी तथा केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने थारू जनजाति के लोक कलाकारों के साथ होली नृत्य भी किया। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, सांसद श्री नरेश बंसल, विधायक श्री हरवंश कपूर, श्री खजानदास, जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष श्री मूरत राम शर्मा, जनजाति कल्याण के सलाहकार श्री रामकृष्ण रावत, सचिव श्री एल. फैनई, निदेशक श्री एस.एस. टोलिया आदि उपस्थित थे।

सरकारी छुट्टी से अलग….जानिए “ईगास” के पौराणिक महत्व और मनाने के तौर तरीकों को भी

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देहरादून, साल दर साल होने वाली सरकारी छुट्टियों से अलग पहाड़ की समृद्ध संस्कृति को रोशन करने वाले बग्वाल त्योहार का नाम है इगास | ज्योति पर्व दीपावली के ठीक 11 दिन बाद इस कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन पहाड़ दोबारा रोशनी से भर जाता है | अब चूंकि मसला सामाजिक सांस्कृतिक से बढ़ते हुए राजनैतिक भी हो गया है लिहाजा इस बार भी पारंपरिक त्यौहार ईगास मनाने के लिए राज्य सरकार की छुट्टी वाली घोषणा भी हो गयी है | ऐसे में हमारा आपका सबका जानना जरूरी हो जाता है, उत्तराखंड के इस सबसे लोकप्रिय त्यौहार को मनाने के कारण और पारंपरिक तौर तरीके को |
पहाड़ की दीपावली, इगास को मनाने के पीछे दो प्रमुख कारण सर्वविदित हैं | पहले कारण में पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रभु श्रीराम के वनवास से अयोध्या लौटने पर लोगों ने कार्तिक कृष्ण अमावस्या को दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। लेकिन सुदूर गढ़वाल क्षेत्र में प्रभु राम के लौटने की सूचना दीपावली के ग्यारह दिन बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को मिली | यही कारण है कि इस छेत्र में दीपावली के देर से जलाए गए जो कालांतर में यहाँ इगास के नाम से मशहूर हो गयी |
वही एक दूसरी मान्यता के अनुसार दीपावली के समय गढ़वाल के वीर माधो सिंह भंडारी के नेतृत्व में गढ़वाल की सेना ने दापाघाट, तिब्बत के साथ युद्ध में शानदार जीत प्राप्त की थी। चूंकि सैनिकों के परिजनों समेत आम लोगों ने भी उस वर्ष चिंता में दीपावली नहीं मनाई गयी | और जब युद्ध समाप्त होने के ठीक ग्यारहवें दिन सैनिक अपने घर पहुंचे तभी दीपावली मनाई थी।
वहीं एक मान्यता और है कि हरिबोधनी एकादशी यानी ईगास पर्व पर श्रीहरि शयनावस्था से जागृत होते हैं और इस दिन विष्णु की पूजा का विधान है । उत्तराखंड में कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से ही दीप पर्व शुरू हो जाता है, जो कि कार्तिक शुक्ल एकादशी यानी हरिबोधनी एकादशी तक चलता है। वहीं शास्त्रों के अनुशार देवताओं ने इस अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा की थी । इस कारण इसे देवउठनी एकादशी भी कहा गया।
इगास को लेकर अमूमन प्रत्येक उत्तरखंडी के मन में जो सबसे अमिट तस्वीर उभरती है वह है भैलो खेल की | इस दिन आतिशबाजी के बजाय भैलो खेलने की परंपरा है, जो सदियों पुरानी है। भैलो के लिए रस्सी में चीड़ की लकड़ियों की छोटी-छोटी गांठ बांधी जाती है। जिसके बाद गांव के ऊंचे और खुले स्थान पर पहुंच कर लोग इन लकड़ी के भैलो में आग लगाते हैं। इसे खेलने वाले रस्सी को पकड़कर सावधानीपूर्वक उसे अपने सिर के ऊपर से घुमाते हुए नृत्य करते हैं। इसे ही भैलो खेलना कहा जाता है। इस दौरान कुछ गीत गाने, व्यंग्य-मजाक करने की परंपरा भी है।
इगास के दिन गायों को लेकर विशेष पूजा भी की जाती है | सुबह से लेकर दोपहर तक गोवंश की पूजा करने के बाद मवेशियों को भात, झंगोरा, बाड़ी, मंडुवे आदि से तैयार आहार खिलाया जाता है | इस परंपरा में पहले मवेशियों के पांव धोए जाते हैं और फिर दीप-धूप जलाकर उनकी पूजा की जाती है। माथे पर हल्दी का टीका और सींगों पर सरसों का तेल लगाकर उन्हें परात में सजा अन्न ग्रास दिया जाता है। साथ ही घरों में पूड़ी, स्वाली, पकोड़ी, भूड़ा आदि पकवान बनाकर उन सभी परिवारों में बांटे जाते हैं, जिनकी बग्वाल नहीं होती ।
विगत कुछ दशकों से विकास की चकाचौंध में इगास बग्वाल की रोशनी गुम सी हो गयी थी | लेकिन पिछले कुछ एक सालों में सरकारी और गैर सरकारी कोशिशों ने पहाड़ की इस समृद्ध परंपरा से नज़रें चुराते लोगों को एक बार फिर से पलटकर इसे देखने पर विवश कर दिया है | उम्मीद है कि इगास जैसे पारंपरिक त्यौहार की बढ़ती लोकप्रियता, सांस्कृतिक हीनता से ग्रसित युवा पीढ़ी को फिर से खुद गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान करेगी |

 

लोकपर्व ‘इगास’ पर अवकाश की घोषणा, सीएम धामी ने ट्वीट कर दी जानकारी

देहरादून, सरकार ने लोक पर्व इगास पर किया अवकाश घोषित, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर जानकारी दी । गुरुवार शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया – “उत्तराखण्ड की समृद्ध लोकसंस्कृति कु प्रतीक लोकपर्व ‘इगास’ पर अब छुट्टी रालि। हमारू उद्देश्य च कि हम सब्बि ये त्यौहार तै बड़ा धूमधाम सै मनौ, अर हमारि नई पीढी भी हमारा पारंपरिक त्यौहारों से जुणि रौ”।

“उत्तराखण्ड की समृद्ध लोकसंस्कृति कु प्रतीक लोकपर्व ‘इगास’ पर अब छुट्टी रालि।”
हमारू उद्देश्य च कि हम सब्बि ये त्यौहार तै बड़ा धूमधाम सै मनौ, अर हमारि नई पीढी भी हमारा पारंपरिक त्यौहारों से जुणि रौ। PIC.TWITTER.COM/U4KC7D8ULP

— PUSHKAR SINGH DHAMI (@PUSHKARDHAMI) NOVEMBER 11, 2021

पोस्ट ऑफिस की इन योजनाओं में करें निवेश, कुछ सालों में ही पैसा हो जाएगा डबल

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नई दिल्ली, डाकघर की योजनाएं सबसे सुरक्षित मानी जाती हैं, जो लोग निवेश के साथ जोखिम नहीं लेना चाहते हैं वे डाकघर की योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। डाकघर में कई ऐसी योजनाएं हैं, जो लोगों को बेहतर ब्‍याज देने के साथ ही सुरक्षित निवेश प्रदान करती हैं। इन बचत योजनाओं में अधिक रिटर्न दिया जाता है। आइए जानते हैं सभी महत्वपूर्ण डाकघर बचत योजनाओं के बारे में, जिसमें कुछ साल के निश्चित राशि निवेश के तहत आपका पैसा दोगुना हो जाता है।

डाकघर बचत बैंक खाता
अगर आप अपना पैसा पोस्ट ऑफिस के बचत खाते में रखते हैं तो आपको पैसा दोगुना होने के लिए लंबी अवधि तक इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि यह सालाना केवल 4 फीसदी की दर से ब्याज देता है, यानी 18 साल में आपका पैसा दोगुना होजाएगा।

डाकघर आवर्ती जमा
RD योजना एक अच्‍छा निवेश माना जाता है। इसमें आपको पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट (RD) पर 5.8% ब्याज दिया जा रहा है। इसलिए अगर इस ब्याज दर पर पैसा लगाना चाहते हैं तो यह करीब 12 साल में दोगुना हो जाएगा।

डाकघर मासिक आय योजना
डाकघर मासिक आय योजना (एमआईएस) भी एक अच्‍छा विकल्‍प माना जाता है। फिलहाल 6.6% का ब्याज मिल रहा है, अगर इस ब्याज दर पर पैसा लगाया जाए तो यह लगभग 10 साल में पैसा दोगुना हो जाता है।

डाकघर वरिष्ठ नागरिक बचत योजना
डाकघर वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) पर फिलहाल 7.4% की दर से ब्याज दिया जा रहा है। इस योजना में आपका पैसा करीब 9 साल में दोगुना हो जाएगा।

डाकघर पीपीएफ
पोस्ट ऑफिस के 15 साल के पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर फिलहाल 7.1% का ब्याज मिल रहा है। यानी इस दर से आपका पैसा दोगुना होने में करीब 10 साल लग जाता है। हालाकि यह अवधि किस्‍त न भरने की स्थिति में बढ़ भ सकता है।

डाकघर सावधि जमा (टीडी)
1-3 साल के पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (टीडी) पर फिलहाल 5.5% का ब्याज मिल रहा है। अगर आप इसमें निवेश करते हैं तो आपका पैसा करीब 13 साल में दोगुना हो जाएगा। इसी तरह 5 साल के सावधि जमा पर आपको 6.7% का ब्याज मिल रहा है। अगर इस ब्याज दर के साथ पैसा लगाया जाए तो आपका पैसा करीब 10 साल में दोगुना हो जाएगा।

डाकघर सुकन्या समृद्धि खाता योजना
डाकघर की सुकन्या समृद्धि खाता योजना पर सबसे ज्यादा 7.6% की ब्याज दर दी जा रही है। लड़कियों के लिए चलाई जा रही इस योजना में पैसा दोगुना होने में करीब 9 साल का समय लगता है। हालाकि कि यह योजना आप एक निश्चित आयु के तहत ही शुरू कर सकते हैं।

डाकघर राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र
पोस्ट ऑफिस के नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) पर फिलहाल 6.8 फीसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है। यह 5 साल का सेविंग प्लान है, जिसमें इनकम टैक्स भी बचाया जा सकता है। अगर इस ब्याज दर पर पैसा लगाया जाए तो यह करीब 10 साल में दोगुना हो जाएगा।

सचिवालय में महिला कर्मी से छेड़छाड़ करता दिखा अफसर, वीडियो वायरल होने के बाद गिरफ्तार

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बापू भवन में संविदा पर तैनात महिला कर्मचारी ने अपने विभाग के अनुसचिव इच्छाराम यादव पर अश्लील हरकतें व टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए हुसैनगंज थाने में तहरीर दी। इस मामले में पीड़ित महिला कर्मचारी ने एक वीडियो भी पुलिस को मुहैया कराया। जिसमें आरोपी उसके साथ अश्लील हरकतें करता हुआ दिख रहा था। पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन आरोपी को गिरफ्तार करने में 12 दिन लग गये। बुधवार देर शाम को अचानक इच्छाराम यादव की अश्लील हरकतों की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई। उसने देर रात को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

बापू भवन में तैनात अनुसचिव इच्छाराम अधीनस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर से छेड़छाड़ व अश्लील हरकतें कर रहा था। आरोप है कि महिला इच्छाराम की हरकतों को 2018 से झेल रही थी। विरोध करने पर नौकरी से निकलवाने की धमकी देता था। डर के कारण महिला ने उसकी हरकतों को नजरअंदाज करती रही, किसी अधिकारी से शिकायत तक नहीं किया। जिसके कारण इच्छाराम पूरी तरह से बेलगाम हो गया। वह अक्सर कार्यालय में ही उसके साथ अश्लील हरकतें करने लगा। अक्तूबर में कार्यालय में काम करने के दौरान ही इच्छाराम ने महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ की। परेशान होकर पीड़िता ने 29 अक्तूबर को हुसैनगंज थाने में तहरीर दी। जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की।
आठ साल पहले हुई थी महिला की तैनाती, बना रहा था शादी का दबाव
हुसैनगंज इलाके में रहने वाली महिला की 2013 में बापू भवन में कंप्यूटर ऑपरेटर केपद पर तैनाती हुई थी। पीड़िता का आरोप है कि 2018 से इच्छाराम यादव अनुसचिव के पद पर तैनात हैं। विभाग में आने के बाद से ही अनुसचिव महिला के साथ गंदी हरकतें करने लगे। काम करने के दौरान आरोपी कई बार अश्लील हरकतें कर चुका था। लेकिन नौकरी व सामाजिक बंदिशों के डर से पीड़िता चुप थी। महिला के मुताबिक इच्छाराम उस पर शादी करने का दबाव बना रहा था।

विरोध करने पर संविदा खत्म कराने की धमकी देता था। अक्तूबर महीने में इच्छाराम ने महिला से अकेले में मिलने के लिए कहा था। उसके विरोध करने पर आरोपी ने गाली गलौज की थी। पीड़िता के मुताबिक कार्यालय में काम करने के दौरान भी इच्छाराम सहकर्मियों के सामने ही उसके साथ अश्लील हरकत करता था। सभी कर्मचारियों को वह धमकाकर रखता था। जिसके कारण अनुसचिव का कोई भी विरोध नहीं करता था। लेकिन एक दिन महिला के साथ हो रही गलत हरकत का वीडियो सहकर्मियों ने तैयार कर लिया था। जिसे मुकदमा दर्ज कराने के दौरान पुलिस को भी दिया गया।
वीडियो वायरल हुआ तो दबोचा गया
पीड़िता का आरोप है कि मुकदमा दर्ज करने के बाद भी हुसैनगंज के प्रभारी निरीक्षक अजय सिंह आरोपी इच्छाराम को गिरफ्तार नहीं कर रहे थे। कई बार इस संबंध में उनसे मुलाकात की। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बुधवार शाम को महिला से अश्लील हरकतें करते हुए इच्छाराम यादव की वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हुई। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गये। डीसीपी मध्य डॉ. ख्याति गर्ग ने इंस्पेक्टर हुसैनगंज को फटकार लगाई। वहीं पुलिस टीम तैयार कर आरोपी अनुसचिव को तत्काल गिरफ्तार करने के लिए रवाना किया। देर रात को पुलिस ने आरोपी अनुसचिव को गिरफ्तार कर लिया।

इच्छाराम की मर्जी से 12 दिन चली हुसैनगंज की पुलिस
पीड़िता का अरोप है कि आरोपी इच्छाराम काफी रसूखदार है। उसके खिलाफ 29 अक्तूबर को मुकदमा दर्ज कराया था। प्रभारी निरीक्षक अजय सिंह को पूरी वारदात की जानकारी थी। इस संबंध में उनको वीडियो भी सुपुर्द किया गया था। लेकिन वह अनुसचिव इच्छाराम की मर्जी से काम कर रहे थे। उधर, इच्छाराम को दूसरे दिन मुकदमा दर्ज होने की जानकारी हुई तो वह लगातार पीड़िता को धमकी देने लगा। उसने महिला की संविदा नियुक्ति भी समाप्त कराने की धमकी दी थी।

उत्‍तराखंड सरकार ने लोक पर्व इगास पर सार्वजनिक अवकाश घोषित, CM धामी ने ट्वीट कर दी जानकारी

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उत्तराखंड,  छठ पूजा के बाद अब उत्तराखंड के लोकपर्व इगास पर भी अवकाश घोषित किया गया है। सीएम धामी के ट्विटर हैंडल से गढ़वाली भाषा में ट्वीट कर ये जानकारी दी गई है।

आपको बता दें उत्तराखंड में पिछले दिनों सरकार ने छठ पूजा की छुट्टी की घोषणा की थी, जिसके बाद सोशल मीडिया में इगास की भी छुट्टी की मांग उठने लगी थी। जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इगास लोक पर्व पर भी छुट्टी घोषित कर दी है ।

धामी ने ट्वीट में लिखा है कि ” उत्तराखण्ड की समृद्ध लोकसंस्कृति कु प्रतीक लोकपर्व ‘इगास’ पर अब छुट्टी रालि। हमारू उद्देश्य च कि हम सब्बि ये त्यौहार तै बड़ा धूमधाम सै मनौ, अर हमारि नई पीढी भी हमारा पारंपरिक त्यौहारों से जुणि रौ।”

पीएनबी ने दिया ग्राहकों को तगड़ा झटका, बचत खातों पर ब्याज दरें घटी

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नई दिल्ली, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में अगर आपका बचत खाता है तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। बैंक ने बचत खातों पर मिलने वाले ब्याज में बदलाव कर दिया है। अब आपको जमा रकम पर कम ब्याज मिलेगा। बैंक ने ग्राहकों को झटका देते हुए 10 लाख रुपए से कम के बचत खाते पर ब्याज दर को घटाकर महज 2.80 फीसदी प्रति वर्ष कर दिया है। अगले महीने यानी 1 दिसंबर 2021 से बचत खाते में जमा पर ब्याज दर घट जाएगी। अब तक ब्याज दरें सालाना 2.90 फीसदी थीं।

पंजाब नेशनल बैंक के मुताबिक आगामी 1 दिसंबर 2021 से बचत खाते में 10 लाख रुपये से कम राशि के लिए ब्याज दर 2.80 फीसदी सालाना होगी। इसके साथ ही 10 लाख रुपये और इससे ज्यादा के लिए ब्याज दर 2.85 फीसदी सालाना निर्धारित की गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) भी बचत खातों पर ब्याज दरें घटा चुका है। एसबीआई एक लाख रुपये तक के बचत खाते पर 2.70 फीसदी सालाना ब्याज देता है। बैंक के इस फैसले का असर नए और पुराने दोनों ग्राहकों के साथ ही एनआरआई ग्राहकों पर भी पड़ेगा।

जहां एक ओर बचत खाते पर मिलने वाली ब्याज दरों को घटाकर पंजाब नेशनल बैंक ने अपने ग्राहकों को झटका दिया है, तो दूसरी ओर इस बैंक से होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन और पर्सनल लोन लेने वालों के लिए अच्छी खबर है।

बैंक ने अपनी बेंचमार्क उधार दर को 5 आधार अंकों से घटाकर 6.50 प्रतिशत करने की घोषणा की है। रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (आरएलएलआर) को 8 नवंबर से 6.55 फीसदी से घटाकर 6.50 फीसदी कर दिया गया है। इस कमी से होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन और पर्सनल लोन सहित सभी कर्ज सस्ते हो जाएंगे।

भीषण सड़क हादसा : ऑटो रिक्शा और ट्रक की जोरदार टक्कर में 10 की मौत, छठ पूजा करके लौट रहे थे लोग

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पाथरखंडी, असम के पाथरखंडी के बैतखाल में गुरुवार को सुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां ट्रक और ऑटोरिक्शा में जबरदस्त टक्कर हो गई। इस टक्कर में 10 लोगों की मौत हो गई। यहां एक ऑटो रिक्शा की सीमेंट लाने वाले ट्रक से जोरदार टक्कर हो गई थी। मृतकों में से किसी भी पहचान अभी नहीं हो पाई है। ऐसा कहा जा रहा है कि ये दुर्घटना उस समय हुई, जब लोग आधी रात को छठ पूजा करके लौट रहे थे। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। लोगों ने असम और त्रिपुरा रोड को बंद कर दिया। ऐसा अनुमान है कि मृतकों में चाय बागान में काम करने वाले लोग शामिल हैं।

जानकारी के मुताबिक, ट्रक की रफ्तार काफी तेज थी, जिसके चलते ऑटो रिक्शा के भीतर बैठे लोगों की मौत हो गई। घटना गुरुवार तड़के बैथाखल इलाके में नेशनल हाईवे 8 पर हुई है। ये जगह असम-त्रिपुरा सीमा पर करीमगंज जिले के पाथरकांडी पुलिस थाना क्षेत्र के तहत आती है। पुलिस घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची। जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना ट्रक और ऑटो रिक्शा की सीधी टक्कर के बाद हुई है |

पुलिस अधिकारी ने बताया कि वाहनों की टक्कर के बाद 9 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य शख्स ने अस्पताल में दम तोड़ा। पुलिस ने कहा, ‘हादसे में मरने वालों में ज्यादातर बच्चे और महिलाएं हैं। वे छठ पूजा करने के बाद एक ऑटो रिक्शा से अपने घर वापस जा रहे थे। विपरीत दिशा से आ रहे ट्रक की टक्कर ऑटो रिक्शा से हो गई। नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और एक व्यक्ति को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया। जहां उसने दम तोड़ दिया।’ मृतकों में तीन पुरुष, पांच महिला और दो बच्चे शामिल हैं, प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि ट्रक ड्राइवर खतरनाक गति से गाड़ी चला रहा था और इसलिए विपरीत दिशा से आ रहे ऑटो रिक्शा से टक्कर हो गई। वह वक्त पर टक्कर को नियंत्रित नहीं कर सका। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हादसे के बाद ट्रक ड्राइवर मौके से फरार हो गया। उसे गिरफ्तार करने के लिए हमारा सर्च ऑपरेशन जारी है।’

भगवा आतंकवाद शब्द गढ़ने वाले कांग्रेसियों ने अब हिंदुत्व की तुलना सीधे आतंकी संगठनों से कर दी

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(नीरज कुमार दुबे)

नमस्कार। न्यूजरूम में आप सभी का स्वागत है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को लग सकता है बड़ा झटका क्योंकि उसके वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने हिंदुत्व पर किया है तगड़ा प्रहार। अपनी पुस्तक में सलमान खुर्शीद हिंदुत्व पर कैसे भड़के हैं यह आपको विस्तार से बताएंगे और साथ ही बात करेंगे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की जिन्होंने कहा है कि हिंदुत्व का हिंदू धर्म से कोई संबंध नहीं है। सलमान खुर्शीद के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत भी दर्ज करा दी गयी है देखना होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है लेकिन एक चीज तो साफ है कि कांग्रेस को घेरने के लिए भाजपा को बड़ा चुनावी मुद्दा मिल गया है। जहां तक सलमान खुर्शीद की पुस्तक की बात है तो आपको बता दें कि इसमें उन्होंने हिन्दुत्व की आतंकवाद से तुलना की है। वैसे हिंदुत्व को आतंकवाद से कांग्रेस ने पहली बार नहीं जोड़ा है। भगवा आतंकवाद, हिंदू आतंकवाद जैसे शब्द दिग्विजय सिंह और चिदम्बरम ने ही गढ़े हैं। यही नहीं लंदन स्थित थिंक टैंक अंतरराष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान को संबोधित करते राहुल गांधी भी कह चुके हैं कि आरएसएस का विचार मुस्लिम ब्रदरहुड के विचार जैसा है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने अपनी पुस्तक ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ में कथित रूप से हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हराम जैसे आतंकवादी संगठनों से करते हुए कहा है कि हिंदुत्व साधु-संतों के सनातन और प्राचीन हिंदू धर्म को किनारे लगा रहा है, जो कि हर तरीके से आईएसआईएस और बोको हरम जैसे जिहादी इस्लामी संगठनों जैसा है। सलमान खुर्शीद ने अयोध्या विवाद पर अदालती फैसले पर कहा है कि इसको लेकर समाज में बंटवारे की स्थिति थी लेकिन उच्चतम न्यायालय ने उसका समाधान निकाला। उन्होंने कहा कि यह ऐसा फैसला है जिससे ये ना लगे कि हम हारे, तुम जीते। उन्होंने कहा कि फिलहाल अयोध्या के उत्सव में ऐसा लगता है कि एक ही पार्टी का उत्सव है।

इस पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि देश में हिंदू खतरे में नहीं हैं, बल्कि ‘फूट डालो और राज करो’ की मानसिकता खतरे में है। दिग्विजय सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पुस्तक ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ के विमोचन के मौके पर यह भी कहा कि ‘हिंदुत्व’ शब्द का हिंदू धर्म और सनातनी परंपराओं से कोई लेनादेना नहीं है।

दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘इस देश के इतिहास में धार्मिक आधार पर मंदिरों का विध्वंस भारत में इस्लाम आने के पहले भी होता रहा है। इसमें दो राय नहीं है कि जो राजा दूसरे राजा के क्षेत्र को जीतता था, तो अपने धर्म को उस राजा के धर्म पर तरजीह देने की कोशिश करता था। अब ऐसा बता दिया जाता है कि मंदिरों की तोड़फोड़ इस्लाम आने के साथ शुरू हुई।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘जब फासीवाद आता है तो उसके लिए जरूरी है कि वह एक शत्रु की पहचान करे… डर पैदा करना और नफरत पैदा करना फासीवाद का मूलमंत्र रहा है।’’ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राम जन्मभूमि का विवाद कोई नया विवाद नहीं था। लेकिन विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस ने इसे कभी मुद्दा नहीं बनाया। जब 1984 में वो दो सीटों पर सिमट गए तो इसे मुद्दा बनाने का प्रयास किया। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी का गांधीवादी समाजवाद विफल हो गया था। इसने उन्हें कट्टर धार्मिक रास्ते पर चलने के लिए मजबूर कर दिया। आडवाणी की रथयात्रा समाज को तोड़ने वाली यात्रा थी। जहां गए वहां नफरत का बीज बोते चले गए थे।’’ दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘मैं सनातन धर्म का अनुयायी हूं… हिंदुत्व का हिंदू धर्म से कोई लेनादेना नहीं है। सनातनी परंपराओं से कोई लेनादेना नहीं है। यह सनातनी परंपराओं के ठीक विपरीत है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘विनायक दामोदर सावरकर जी कोई धार्मिक व्यक्ति नहीं थे। उन्होंने यहां तक कहा था कि गऊ को माता क्यों मानते हो? वह हिंदू को परिभाषित करने के लिए हिंदुत्व शब्द लाए। इससे लोग भ्रम में पड़ गए। आरएसएस अफवाह फैलाने में माहिर है। अब तो सोशल मीडिया के रूप में उन्हें बड़ा हथियार मिल गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कहा जा रहा है कि हिंदू खतरे में हैं। अरे जनाब 500 साल के मुगलों और मुसलमानों के राज में हिंदू धर्म का कुछ नहीं बिगड़ा, 150 साल के ईसाइयों के शासन में हिंदू का कुछ नहीं बिगड़ा तो अब क्या खतरा है। खतरा उस मानसिकता और उस विचारधारा को है जिसने अंग्रेजों की तरह फूट डालो और राज करो के जरिये राज करने का संकल्प लिया है।’’ सिंह ने कहा, ‘‘दुख इस बात की है कि हम लोग भी ‘सॉफ्ट’ हिंदुत्व और ‘हार्ड’ हिंदुत्व के चक्कर में पड़ जाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं शाहीन बाग की महिलाओं को बधाई देता हूं जिन्होंने अपने अधिकार के लिए अहिंसक आंदोलन चलाया। किसानों को बधाई देता हूं कि वो 11 महीनों से अहिंसक आंदोलन कर रहे हैं। महात्मा गांधी का रास्ता ही इस देश को आगे बढ़ा सकता है।’’ दिग्विजय सिंह ने जोर देकर कहा, ‘‘सुलह ही इस देश का रास्ता होना चाहिए। न्यायपालिका ने भी अयोध्या मामले में फैसले से इस सुलह की तरफ इशारा किया है… सनातन धर्म और उसका सर्वधर्म संभाव का विचार ही सुलह का रास्ता है।’’

इस विमोचन कार्यक्रम में विवादित बयान देने से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा, ‘‘आज हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं कि जब ‘लिंचिंग’ की प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की तरफ से निंदा नहीं की जाती है। एक विज्ञापन को वापस लिया जाता है क्योंकि हिंदू बहू को एक मुस्लिम परिवार में खुशी से रहता हुआ दिखाया गया।’’ यही नहीं अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर एक तरह से सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस फैसले का कानूनी आधार बहुत संकीर्ण है। बहुत पतली-सी रेखा है। लेकिन समय बीतने के साथ ही, दोनों पक्षों ने इसे स्वीकार किया।” उन्होंने कहा, ”दोनों पक्षों ने स्वीकार किया, इसलिए यह सही फैसला है। ऐसा नहीं है कि यह सही फैसला था, इसलिए दोनों पक्षों ने स्वीकार किया।’’ यही नहीं चिदम्बरम तो यहां तक बोल गये जैसे जेसिका लाल को किसी ने नहीं मारा वैसे ही बाबरी मस्जिद को किसी ने नहीं गिराया(साभार प्रभा साक्षी)।

श्रीयंत्र टापू में शहीद यशोधर बेंजवाल और राजेश रावत को आंदोलनकारियों ने अर्पित की श्रद्धांजलि

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देहरादून, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच एवं उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संघर्ष समिति की संयुक्त बैठक नगर निगम बडोनी हॉल में आहूत की गई सभा में श्रीयंत्र टापू में शहीद हुए यशोधर बेंजवाल और राजेश रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, इन दोनों ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान श्रीयंत्र टापू में अनशन पर बैठे हुए थे जैसे ही आंदोलनकारियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज एवं घेराव किया गया यह दोनों आनन-फानन में गंगा जी में कूद गए जिस कारण सहित दोनों व्यक्ति आज के दिन ही शहीद हो गए थे | वक्ताओं ने बैठक में 2 मिनट का मौन रखकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की श्रद्धांजलि बैठक में मुख्य रूप से वेद प्रकाश शर्मा, बीएस गुसाईं, गंभीर मेवाड़, विक्रम भंडारी, बलवीर सिंह नेगी, महेंद्र सिंह बिष्ट, आशुतोष गंगवाल, ओम रतूड़ी, विश्वंभर दत्त डोभाल, उमेश कंडवाल, नरेश ध्यानी, यशोदा नेगी, मुन्नी ध्यानी, अंजू गैरोला, सोमवती पाल, इंदु देवी, सरोजिनी थपलियाल, रविंद्र कौर, प्रेमा नेगी, भगवती सेमवाल, राजेश शर्मा सहित कई लोग मौजूद थे |

हल्द्वानी के मिनी स्टेडियम की दर्शक दीर्घा में होगा टीनशेड का निर्माण, सीएम ने की घोषणा

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हल्द्वानी, उत्तराखंड राज्य को अस्तित्व आये 21 साल पूरे हो चुके हैं। इस बार राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर जगह-जगह भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गये। इसी कड़ी में हल्द्वानी के मिनी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हल्द्वानी मिनी स्टेडियम में पहुंचे और लोगों को सम्बोधित किया। उन्होंने सबसे पहले उत्तराखंड की स्थापना में अपने प्राण निछावर करने वाले आंदोलनकारियो को नमन किया। उन्होंने समारोह में पहुंचे लोगों का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक है लेकिन आपदाओं का सामना भी हमे करना पड़ा है। उन्होने कहा कि अक्टूबर में आई आपदा से पहले लोगो को अलर्ट जारी कर दिया गया था और इससे लाखों लोगों को बचाया जा सका। उन्होंने कहा कि आने वाला दशक उत्तराखंड राज्य का होने वाला है। ये सपना पीएम मोदी और हमने मिलकर देखा है उसे जरुर पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि 20 दिनों में हमने आशा बहनों का मानदेय बढ़ाया। हमारी सरकार ने हर वर्ग के लोगों को राहत दी है। उन्होंने कहा कि पहाड के लोगों को राहत देते हुए रुद्रपुर में एम्स बनेगा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने हमेशा उत्तराखंड को विशेष दर्जा दिया है। मुख्यमंत्री धामी ने हल्द्वानी मिनी स्टेडियम की दर्शक दीर्घा में टीनशेड के निर्माण की घोषणा की।