देहरादून, राज्य के वरिष्ठ आईएएस दीपक रावत अब कुमाऊं के आयुक्त होंगे। आज उनके तबादले के आदेश जारी कर दिए। कुंभ मेला अधिकारी के पद से पिछले दिनों दीपक रावत को हटाकर सरकार ने उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड और पावर ट्रांसमिशन काॅरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड के एमडी की जिम्मेदारी दी थी। आज बुधवार को सचिव कार्मिक अरविंद सिंह ह्यांकी ने उनके तबादला आदेश जारी किए। अब वह कुमाऊं आयुक्त के साथ ही आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी नैनीताल में निदेशक पद की जिम्मेदारी भी संभालेंगे।
टेस्ट कराने के लिए कर्मियों की रही भीड़
रुडकी। सिविल अस्पताल में कोविड टेस्टिंग के लिए पुलिस कर्मियों की लाइन लगी रही। राष्ट्रपति के दौरे में कुछ पुलिस कर्मियों के कोविड पॉजिटिव आने के बाद सभी कर्मियों की जांच के आदेश दिए गए थे। हरिद्वार जिले में मंगलवार को जांच में दस पुलिस कर्मी पॉजिटिव आए थे।
सेशन साइट व्यवस्थापक ने बताया कि रामपुर, पाडली गुर्जर, तेलीवाला, पठानपुर, रामनगर आदि क्षेत्रों में कोविड का दूसरा टीका लगाने की रफ्तार कम है। इन क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाया जाएगा। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अंशुल सिंह ने सभी लोगों से अपील की कि वह कोविडरोधी टीका लगाएं। कहा कि भले ही अभी देश और प्रदेश में कोरोना का नए वैरिएंट का मामला सामने नहीं आया हो, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है। जिन लोगों को दूसरा टीका लगने की ड्यू डेट हो चुकी है वह नजदीकी केंद्र पर जाकर टीका लगाएं।
दिसंबर माह की दस्तक के साथ मौसम का मिजाज बदला
देहरादून। दिसंबर माह की दस्तक के साथ मौसम का मिजाज बदल गया है। बुधवार को राजधानी समेत आसपास के क्षेत्र में सुबह से ही बादल छाए हुए हैं। इससे ठंड में भी इजाफा हो गया है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अब लगातार तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है। इतना ही नहीं, 2 और 3 दिसंबर को हल्की बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावनाएं भी जताई गई है।
बारिश और बर्फबारी के आसार
उत्तराखंड मौसम विभाग ने एक दिसंबर से तीन दिसंबर तक पर्वतीय जिलों में हल्की बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात की चेतावनी जारी की है। इससे ठंड बढ़ने के आसार बढ़ गए हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार कुमाऊं और गढ़वाल के कुछ जिलों में आज हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है।
अन्य जगहों पर मौसम शुष्क रहेगा। अभी तक नवंबर में मौसम शुष्क ही रहा है। हल्के बादलों और हवाएं चलने से तापमान जरूर कम रहा लेकिन दिसंबर शुरू होते ही मौसम चक्र में भी बदलाव दिखाई देने लगेगा।मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस बारिश से तापमान कम होगा और ठंड बढ़ेगी। मंगलवार को दोपहर बाद बादल छाने और हवा चलने से मौसम परिवर्तन का भी आभास हो गया।
पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज
देहरादून। पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर नवविवाहिता की आत्महत्या मामले में डालनवाला कोतवाली पुलिस ने पति और देवर के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। महिला पांच माह की गर्भवती थी। पुलिस मुख्यालय में मीना देवी निवासी जोशीमठ ने शिकायत दी, जिसमें उन्होंने बताया कि बेटी अपर्णा की शादी पांच मई 2021 को बचन सिंह भंडारी निवासी बिरही, चमोली के साथ की थी। शादी के बाद बेटी-दामाद देहरादून के सरस्वती विहार में किराये के मकान में रहने लगे। दामाद का छोटा भाई पुष्कर भी उनके साथ रहता था।
शादी के दो महीने बाद ही बेटी को दामाद दहेज के लिए परेशान करने लगा। यह बात अपर्णा ने अपनी बहनों को बताई थी। दामाद ने पता चलने पर बेटी से फोन छीन लिया। वह मायके वालों से बात नहीं करने देता था। अपर्णा के पास जितने गहने थे, वह सभी दामाद ने अपने पास रख लिए थे। अपर्णा को वह अपने साथ ले गई तो दामाद ने फोन किया कि छह लाख रुपये लेकर ही देहरादून आए।
कुछ दिनों बाद दामाद के बड़े भाई देव भंडारी जोशीमठ पहुंचे और अपनी जिम्मेदारी पर अपर्णा को देहरादून ले गए। 26 अक्टूबर को अपर्णा ने फोन पर कहा कि पति बहुत परेशान कर रहा है, इसलिए वह साथ ले जाए। 27 अक्टूबर को अपर्णा के जेठ देव भंडारी ने फोन पर कहा कि अपर्णा की मौत हो गई है। 28 अक्टूबर को वह दून अस्पताल पहुंची तो वहां अपर्णा मृत थी और ससुराल वाले वहां मौजूद नहीं थे। सीओ डालनवाला पल्लवी त्यागी ने बताया कि घटना के बाद मायका पक्ष को बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं आए। इसके बाद उन्होंने पुलिस मुख्यालय को शिकायत दी। डीजीपी के आदेश पर मामले में पति और देवर के खिलाफ दहेज हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है।
मानदेय बढ़ाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर पीआरडी जवानों ने किया सीएम आवास कूच
देहरादून, षमानदेय बढ़ाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवानों ने मुख्यमंत्री आवास कूच करने के लिए हुंकार भरी। सुबह परेड ग्राउंड से सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पीआरडी जवान मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़े। इस दौरान जैसे ही प्रदर्शनकारी पीआरडी जवान हाथीबड़कला पहुंचे पुलिस ने उन्हें सीएम आवास जाने से रोक दिया। इस दौरान जवानों की पुलिसकर्मियों के साथ नोक झोंक भी हुई। इससे गुस्साए पीआरडी जवान सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कई घंटे तक सड़क पर प्रदर्शन और पुलिसकर्मियों के साथ धक्का मुक्की के बाद प्रदर्शनकारियों ने मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद प्रदर्शनकारी वापस लौट गए।
प्रदर्शनकारी जवानों ने कहा कि कोरोना के मुश्किल समय में प्रदेश के विभिन्न गैर सरकारी कार्यालयों और थाना चौकियों में पाआरडी जवानों ने अपनी सेवाएं दी। लेकिन कोरोना से स्थिति सामान्य होने के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। ऐसे में उन्हें आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है, पीआरडी जवानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द मांग पूरी नहीं की गई तो वह उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
इससे पहले सोमवार को पीआरडी जवानों ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के यमुना कालोनी स्थित आवास का घेराव कर प्रदर्शन किया था। हालांकि आवास पर मंत्री से प्रदर्शनकारी पीआरडी जवानों की मुलाकात नहीं हो सकी थी। प्रदर्शन करने वालों में गोपाल सिंह तोमर, सुनिल, भारु तोमर, किशन सिंह, पदम सिंह जितेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।
खास खबर: सरकार ने फिर किये 35 आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के तबादले
देहरादून, उत्तराखंड़ सरकार ने एक फिर शासन में अधिकारियों के दायित्वों बड़ा फेर बदल किया है, सरकार ने देर रात आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के विभागों में फेरबदल किया | राधा रतूड़ी को अपर मुख्य सचिव ऊर्जा व वैकल्पिक ऊर्जा की दी जिम्मेदारी गई, वहीं रमेश कुमार सुधांशु से प्रमुख सचिव राज्य संपत्ति तथा सूचना प्रौद्योगिकी लिया गया वापस, अमित सिंह नेगी सह सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा की जिम्मेदारी ली गई वापस सचिव सूचना प्रौद्योगिकी की दी गई जिम्मेदारी, आर. मीनाक्षी सुंदरम को मुख्य परियोजना अधिकारी यूजीवीएस आईएपी की दी गई जिम्मेदारी, शैलेश बगोली को आबकारी सचिव बनाया गया रितेश झा को सचिव तकनीकी शिक्षा बनाया गया सचिन कुर्वे से आबकारी लिया गया वापस ग्रामीण निर्माण विभाग की दी गई जिम्मेदारी, सौजन्य से सचिव वित्त ऊर्जा के वैकल्पिक ऊर्जा लिया गया वापस हरबंस सिंह चुघ से सभी विभाग लिए गए वापस क्योंकि वह आज रिटायर हो गए हैं बीवीआरसी पुरुषोत्तम से सचिव राजस्व लिया गया वापस विजय कुमार यादव को परियोजना निदेशक उत्तराखंड वर्कफोर्स डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दी गई सुशील कुमार को आयुक्त गढ़वाल वह मुख्य कार्यकारी अधिकारी चारधाम देवस्थानम बोर्ड की दी गई जिम्मेदारी आयुक्त कुमाऊं मंडल के पद से हटाया गया रविनाथ रमन को सचिव राजेश को बनाया गया आयुक्त गढ़वाल मंडल और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चारधाम देवस्थानम बोर्ड के पद से हटाया गया रंजीत कुमार सिन्हा के सचिव परिवहन की जिम्मेदारी दी गई वापस चंद्रेश कुमार यादव को सचिव श्रम व अध्यक्ष उत्तराखंड भवन व अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की दी गई जिम्मेदारी विनोद कुमार सुमन को सचिव राज्य संपत्ति की जिम्मेदारी दीपेंद्र कुमार चौधरी को सचिव परिवहन की जिम्मेदारी तकनीकी शिक्षा वायु परिवहन के जिम्मेदारी ली गई वापस आनंद श्रीवास्तव को परियोजना प्रबंधक यूएओपी की दी गई जिम्मेदारी रंजना से जिलाधिकारी उधम सिंह नगर का परिवार हटाया गया अपर सचिव पर्यटन नागरिक उड्डयन की दी गई जिम्मेदारी अहमद इकबाल को परियोजना निदेशक यूजीवीएस की जिम्मेदारी जुगल किशोर पंत को जिलाधिकारी उधम सिंह नगर बनाया गया रणवीर सिंह चौहान को अपर सचिव संस्कृति धर्मस्व महानिदेशक संस्कृति व आयुक्त परिवहन बनाया गया, जबकि नितिन सिंह भदौरिया को आयुक्त आबकारी बनाया गया, स्वाति भदौरिया से अपर सचिव संस्कृति नागरिक उड्डयन की जिम्मेदारी ली गई वापस, सुमन सिंह वल्दिया को अपर सचिव लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी दी गई, प्रदीप सिंह रावत को अपर सचिव राजस्व की दी गई जिम्मेदारी, सुरेश चंद्र जोशी को अपर सचिव बाल विकास व सामान्य प्रशासन की जिम्मेदारी दी गई, राजेंद्र कुमार को अपर सचिव समाज कल्याण अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण की जिम्मेदारी दी गयी, बीएस फिर माल को निदेशक समाज कल्याण की जिम्मेदारी बंशीधर तिवारी को निदेशक पंचायती राज की भी जिम्मेदारी दी गई चंद्र सिंह धर्मशक्तु को अपर सचिव समाज कल्याण व आयुक्त निशक्तजन की जिम्मेदारी विनोद गिरी गोस्वामी से परियोजना निदेशक उत्तराखंड वर्कफोर्स डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी ली गई वापस प्रकाश चंद दुमका को सचिव रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की जिम्मेदारी दी गई बंसी लाल राणा को सचिव सूचना आयोग की जिम्मेदारी और श्याम सिंह राणा को स्टाफ ऑफसर अध्यक्ष राजस्व परिषद के पद पर भेजा गया |
चक्रब्यूह मंचन में अभिमन्यु बध देख भाव विभोर हुये दर्शक
रुद्रप्रयाग- तल्लानागपुर छैत्र की ग्राम पंचायत गडमिल में पॉडव नृत्य के 16वें दिन चक्रब्यूह का भब्य मंचन किया गया। हजारों की संख्या में दर्शकों की भीड़ के बीच कलाकारों ने अपने अभिनय से खूब समा बांधा वहीं अभिमन्यु बध के मार्मिक दृश्य दर्शकों के आंसू नहीं रोक पाया।
ग्राम पंचायत गडमिल मे 18 दिवसीय पॉडव नृत्य का आयोजन विगत 14 नवम्बर से शुरु हुआ । आज चक्रब्यूह का भब्य मंचन किया गया इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में रूद्रप्रयाग विधायक भरत सिंहं चौधरी ने रिवन काटकर चक्रब्यूह मंचन का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने उपस्थित जनता से सत्य ओर असत्य में पहचान कर धर्म का अनुसरण करने की बात कही।
चक्रब्यूह में अभिनय कर रहे पात्रों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी अभिमन्यु व दसरथ के पात्रों का अभिनय चक्रब्यूह मंचन का मुख्य आकर्षण रहा। ग्राम प्रधान यशवंत बुटोला ने बताया कि 2 दिसंबर को मोरु डाली कौथिग के बाद पांडव नृत्य का समापन होगा।
इस अवसर पर सभासद नगरपालिका रुद्रप्रयाग संतोष रावत, ग्राम प्रधान यशवंत सिंह बुटोला, पूर्व प्रधान नारायण सिंहं बुटोला, अनिल रावत , मथुरा प्रसाद नौटियाल, रमेश खंडूरी, सहित छैत्र की जनता व जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
केन्द्र की नई शिक्षा नीति का 14 नोडल अधिकारी करेंगे क्रियान्वयन,शिक्षा विभाग ने अधिकारियों को जारी किया पत्र
देहरादून, केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने 16 नोडल अधिकारी और 31 सहायक नोडल अधिकारियों को नामित किया है। ये अधिकारी नई शिक्षा नीति के तहत तैयार किए जा रहे पाठ्यक्रमों को लेकर पूर्व में गठित राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रकोष्ठ के साथ समन्वय बनाएंगे। संपूर्ण पाठ्यक्रम को 16 अध्याय में बांटा गया है। एक नोडल अधिकारी व दो सहायक नोडल अधिकारी एक अध्याय की समीक्षा करेंगे।
महानिदेशक विद्यालय शिक्षा ने सोमवार को शिक्षा महानिदेशालय से जुड़े सभी उच्च अधिकारियों को इस आशय का पत्र जारी किया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रदेश में बेहतर क्रियान्वयन हो, इसके लिए वरिष्ठ शिक्षा अधिकारियों को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। इनमें अत्रेश सयाना व प्रदीप रावत को दो-दो अध्याय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राय सिंह रावत, आकाश सारस्वत, पल्लवी जैन, आशारानी पैन्यूली, एसबी जोशी, कंचन देवराड़ी, डा. हेमलता, वर्षा भारद्वाज, एसपी सिंह, एमएम जोशी व कुलदीप गैरोला एक-एक अध्याय के नोडल अधिकारी होंगे। विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने निर्देश दिया है कि नामित नोडल अधिकारी सप्ताहवार कैलेंडर के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रकोष्ठ के साथ समन्वय स्थापित कर इस बारे में प्रकोष्ठ को ई-मेल से जानकारी दें।
दून नगर महाविद्यालय में प्रवेश चार दिसम्बर तक
दून के नवसृजित राजकीय महाविद्यालय, में स्नातक में प्रवेश चार दिसंबर तक होंगे। हाल ही में सरकार ने दून शहर के लिए एक नए महाविद्यालय की घोषणा की। यहां प्रभारी प्राचार्य की नियुक्ति भी कर दी गई है। इस नए महाविद्यालय का अपना भवन नहीं है। लिहाजा इस विद्यालय के लिए बीए, बीएससी व बीकाम प्रथम वर्ष में प्रवेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर मालदेवता व राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में लिए जा रहे हैं। प्रभारी प्राचार्य डा. प्रभात द्विवेदी ने बताया कि इच्छुक छात्र-छात्राएं दोनों महाविद्यालय में प्रवेश ले सकते हैं। चार दिसंबर के बाद प्रवेश नहीं होंगे।
कोटद्वार में धार्मिक स्थल निर्माण पर भड़के हिंदू संगठन, पुलिस ने रुकवा निर्माण कार्य
पौड़ी, जनपद के कोटद्वार स्थित वार्ड नंबर चार गाड़ीघाट में एक समुदाय की ओर से करवाए जा रहे निर्माण कार्य पर हिंदू संगठन भड़क उठे। हिंदू संगठनों ने समुदाय के व्यक्तियों पर क्षेत्र में धार्मिक स्थल बनाने का आरोप लगाया है। वहीं, सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने निर्माण कार्य रुकवा दिया। हिंदू संगठनों ने पूरे मामले की जांच नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
बजरंग दल के जिला संयोजक आशीष सतीजा ने बताया कि गाड़ीघाट क्षेत्र में खोह नदी के तट पर पिछले कई दिनों से निर्माण कार्य चल रहा था। मंगलवार सुबह जब उन्होंने निर्माण कार्य कर रहे मजदूरों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उक्त भूमि पर एक समुदाय की ओर से धार्मिक स्थल बनाया जा रहा है। आसपास मौजूद वार्डवासियों ने इसकी सूचना हिंदू संगठनों को दी। इसके बाद मौके पर विभिन्न हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता पहुंचने लगे। हिंदू संगठनों की भीड़ देख निर्माण कार्य कर रहे मजदूर भी वहां से भाग गए। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को काबू में किया।
वहीं, निर्माण करवा रहे गाड़ीघाट निवासी शाहीन ने बताया कि वह बच्चों को ट््यूशन पढ़ाने के लिए उक्त भूमि पर दो कमरे बनवा रहा है। उक्त निर्माण कार्य को धार्मिक स्थल से जोड़कर विवाद खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। वरिष्ठ उपनिरीक्षक जगमोहन रमोला ने बताया कि बढ़ते विवाद को देखते हुए फिलहाल निर्माण कार्य को रोक दिया गया है। इस मौके पर बजरंग दल के नगर अध्यक्ष हर्ष भाटिया, हिंदू युवा वाहिनी के राजेश जदली, संजय थपलियाल, दुर्गेश ममगाईं, तेजपाल, मुकेश आदि मौजूद रहे।
बॉलीवुड फिल्म ‘बूंदी रायता’ और कोविड महामारी पर बनी ‘उखड़ी सांसे’ की चल रही दून में शूटिंग
देहरादून, उत्तराखंड़ की हसीन वादियां अब बाॕलीवुड को भाने लगी, कोरोना काल के बाद अब प्रदेश में लगातार फिल्मों की शूटिंग का सिलसिला जारी है, आजकल फिल्म बूंदी रायता की शूटिंग दून के विभिन्न स्थानों पर चल रही है, प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों द् फिल्म का शुभारंभ किया गया, इस दौरान विधायक श्री विनोद चमोली भी मौजूद रहे | मूवी हिंदी फिल्म ‘बूंदी रायता’ राधिका जी फिल्म्स के बैनर तले बन रही है | इस फिल्म में स्टार कास्ट हिमांशु कोहली शिल्पा शिंदे रवि किशन और निर्देशन कमल चंद्रा कर रहे हैं || बॉलीवुड के फेमस कैमरामैन और फोटोग्राफर रामा भट्ट फिल्म का महत्वपूर्ण सहभागिता निभा रहे हैं, इसी के साथ ही एक अन्य फिल्म की शूटिंग भी साथ साथ चल रही चल रही है, रिद्धि सिद्धि फिल्म प्रोडक्शन एवं प्रतिमा फिल्म एंटरटेनमेंट बैनर तले
“उखड़ी सांसे ” फिल्म का निर्माण किया जा रहा है | “उखड़ी सांसे “फिल्म का डायरेक्शन बालकराम जी कर रहे हैं इस फिल्म में उत्तराखंड, मुंबई के काफी कलाकार को जगह दी गई है | दोनों ही फिल्में शानदार तरीके से शूट हो रही है जो की उत्तराखंड ऋषिकेश हरिद्वार टिहरी मसूरी हसीन पहाड़ी वादियों पर फिल्माई जा रही हैं, फिल्म ” बूंदी रायता ” कॉमेडी सब्जेक्ट है जबकि “उखड़ी सांसेे ” अंडर कोविड-19′ पर आधारित है, निर्माणधीन दोनों फिल्मों सशक्त कहानी दर्शकों को काफी पसंद आएंगी |
देवस्थानम बोर्ड भंग करने की घोषणा : केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने खुशी में निकाली विजयी रैली बांटी मिठाई
रुद्रप्रयाग, प्रदेश के मुख्यमंत्री की देवस्थानम बोर्ड भंग करने की घोषणा के बाद केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने खुशी में विजयी रैली निकालकर मिठाई बांटी। साथ ही एक-दूसरे को बधाई दी गई। दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं ने भी सरकार के इस फैसले को तीर्थ पुरोहित व हक-हकूकधारियों के संघर्षो की जीत बताया।
देवस्थानम बोर्ड भंग करने का फैसला आते ही पूरी केदारघाटी में तीर्थपुरोहित समाज और व्यापारियों में खुशी की लहर है। मंगलवार सुबह से ही तीर्थपुरोहित समाज सरकार के फैसले का इंतजार कर रहा था। ऊखीमठ एवं गुप्तकाशी में तीर्थ पुरोहित, हक-हकूकधारी, व्यापारी एवं स्थानीय जनता ने रैली निकालकर पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहित समाज के व्यक्तियों ने ऊखीमठ स्थित शहीद राज्य आंदोलनकारी अशोक कैशिव के चित्र पर फूल माला पहनाकर प्रसन्नता जताई। केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि सरकार का यह निर्णय सराहनीय है, तीर्थपुरोहित लंबे समय से अपनी मांग को लेकर आंदोलनरत थे। वहीं तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी, राजकुमार तिवारी एवं तेजप्रकाश त्रिवेदी ने कहा कि जब तक कैबिनेट के साथ ही विधानसभा में बिल लाकर देवस्थानम बोर्ड को भंग करने को लेकर सरकार प्रस्ताव नहीं लाती, तब तक प्रदेश सरकार को इसका श्रेय नहीं दिया जाएगा।
वहीं देवस्थानम बोर्ड के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ने तीर्थपुरोहितों की भावनाओं को ख्याल रखते हुए निर्णय लिया है। देवस्थानम बोर्ड भंग करने की घोषणा को लेकर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख जखोली प्रदीप थपलियाल ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करना सरकार की मजबूरी थी और तीर्थपुरोहितों के आंदोलन से सरकार डर गई थी।
निगम पार्षदों ने दी चेतावनी, जल्द ठीक नहीं हुई स्ट्रीट लाइटें तो धरने पर बैठेंगे
देहरादून, नगर निगम द्वारा शहर को तकरीबन 80 हजार एलईडी स्ट्रीट लाइट की रोशनी से जगमग करने का जिम्मा जिस कंपनी को दिया उसकी लचर कार्यशैली पर पार्षदों ने सवाल खड़े कर दिये। पिछले महीने कंपनी के दफ्तर में ताला लगाने और उसके बाद निगम में हड़ताल के बाद महापौर सुनील उनियाल गामा व नगर आयुक्त अभिषेक रूहेला की ओर से कंपनी को दी गई चेतावनी भी बेअसर साबित होने लगी है। इससे नाराज पार्षदों ने सोमवार को नगर आयुक्त से मुलाकात कर शिकायत की और चेतावनी दी कि यदि लाइटें जल्द ठीक नहीं हुई तो पार्षद धरने पर बैठ जाएंगे, नगर निगम की ओर से दिल्ली की एक कंपनी से शहर में पुराने साठ वार्डों में पुरानी सोडियम लाइटें हटाने एवं नईं एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाने का करार किया गया था। उक्त कंपनी की कार्यशैली शुरुआत से विवादों में रही। निर्धारित समय के बजाए कंपनी ने दो साल की देरी से यह काम पूरा किया। नगर निगम ने इसके बावजूद नए 40 वार्डों में भी एलईडी लाइटें लगाने का काम इसी कंपनी को दे दिया। कंपनी को जुलाई में काम पूरा करना था, जो अब तक आधा भी नहीं हो पाया है। इधर, पुराने वार्डों में लगाई आधी से ज्यादा एलईडी लाइटें खराब हो चुकी हैं। पार्षद लगातार इसकी शिकायत कर रहे हैं, मगर निगम अधिकारी कुछ करने को तैयार नहीं। ज्यादातर वार्डों में लगी सैकड़ों स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं और कंपनी इन्हें ठीक ही नहीं कर रही। निगम के शिकायत प्रकोष्ठ में बंद स्ट्रीट लाइटों को लेकर रोजाना सौ से ज्यादा शिकायतें आ रही है |
सोमवार को निगम के नेता प्रतिपक्ष डा. बिजेंद्रपाल सिंह के नेतृत्व में कुछ पार्षदों ने नगर आयुक्त से मुलाकात कर वार्डों में नई लाइटों के खराब होने की समस्या उठाई व कंपनी से काम छीनने की मांग की। पार्षदों ने कहा कि लाइटें ठीक करने में कंपनी की लापरवाही से आमजन में नाराजगी है और पार्षदों को रोज खरी-खोटी सुननी पड़ रही है। इस दौरान पार्षद हरिप्रसाद भट्ट, राजेश परमार आदि मौजूद थे।
ATM से कैश निकालने के बदल गए नियम, जान लीजिए वरना अटक जाएंगे पैसे
नई दिल्ली: SBI New Rule: एटीएम से कैश निकासी के नियमों में बदलाव हुआ है. SBI ने एटीएम से ट्रांजैक्शन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एक नई पहल की है. अब एसबीआई एटीएम से कैश निकालने के लिए आपको ओटीपी दर्ज करने की जरूरत होगी. इस नए नियम में ग्राहक बिना ओटीपी के कैश नहीं निकाल सकेंगे. कैश निकासी के समय ग्राहकों को उनके मोबाइल फोन पर एक ओटीपी मिलेगा जिसे डालने के बाद ही एटीएम से कैश निकाला जा सकेगा.
बैंक ने ट्वीट कर दी जानकारी
बैंक ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है. ट्वीट में कहा गया है, ‘एसबीआई एटीएम में लेनदेन के लिए हमारी ओटीपी आधारित नकद निकासी प्रणाली धोखेबाजों के खिलाफ टीकाकरण है. आपको धोखाधड़ी से बचाना हमेशा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. एसबीआई के ग्राहकों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि ओटीपी आधारित नकद निकासी प्रणाली कैसे काम करेगी.’
जानिए क्या है नियम?
आपको बता दें कि 10,000 और उससे ज्यादा रकम निकासी पर ये नियम लागू होंगे. एसबीआई के ग्राहकों को उनके बैंक खाते से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजे गए एक ओटीपी और उनके डेबिट कार्ड पिन के साथ हर बार अपने ATM से 10,000 रुपये और उससे अधिक निकालने की अनुमति देगी.
– एसबीआई एटीएम से नकदी निकालने के लिए आपको एक ओटीपी (OTP) की जरूरत होगी.
– इसके लिए आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा.
– ये ओटीपी एक चार अंकों की संख्या होगी जो ग्राहक को सिंगल ट्रांजैक्शन के लिए मिलेगा.
– एक बार जब आप वह राशि दर्ज कर लेते हैं जिसे आप निकालना चाहते हैं, तो एटीएम स्क्रीन पर ओटीपी डालने को कहा जाएगा.
– आपको कैश निकासी के लिए इस स्क्रीन में बैंक के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करना होगा.
Our OTP based cash withdrawal system for transactions at SBI ATMs is vaccination against fraudsters. Protecting you from frauds will always be our topmost priority.#SBI #StateBankOfIndia #ATM #OTP #SafeWithSBI #TransactSafely #SBIATM #Withdrawal pic.twitter.com/9EnJH883bx
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) November 21, 2021
बैंक ने बताया क्यों पड़ी इसकी जरूरत
बैंक की तरफ से ये कदम इसलिए उठाया गया है ताकि ग्राहकों को फ्रॉड से बचाया जा सके. देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक SBI के पास भारत में 71,705 BC आउटलेट्स के साथ 22,224 शाखाओं और 63,906 ATM/CDM का सबसे बड़ा नेटवर्क है. इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करने वाले ग्राहकों की संख्या लगभग 9.1 करोड़ और 2 करोड़ है.
दोगुनी होगी पेंशन! हटने वाली है 15000 रु की लिमिट, EPS पर जानिए नया अपडेट
नई दिल्ली: Employee Pension Scheme: एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) के तहत निवेश पर लगे कैप को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. कर्मचारियों को अब कोर्ट से बहुत उम्मीद है. लेकिन इस सुनवाई और इस मामले का आप से क्या लेना देना है और इससे आपकी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा आज हम यहां आपको समझाते हैं.
क्या है EPS सीमा को हटाने का मामला
इस मामले पर आगे बढ़ने से पहले ये समझ लेते हैं कि आखिर ये पूरा मामला है क्या. अभी अधिकतम पेंशन योग्य वेतन 15,000 रुपये प्रति महीने तक सीमित है. मतलब, आपकी सैलरी चाहे जितनी हो, लेकिन पेंशन की कैलकुलेशन 15,000 रुपये पर ही होगी. इस लिमिट को हटाने को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को भारत संघ और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से दायर याचिकाओं के उस बैच की सुनवाई स्थगित कर दी थी, जिसमें कहा गया था कि कर्मचारियों की पेंशन को 15,000 रुपये तक सीमित नहीं किया जा सकता. इन मामलों की सुनवाई 17 अगस्त 2021 से रोजाना चल रहा है.
अभी क्या है EPS को लेकर नियम?
जब हम नौकरी करने लगते हैं और EPF के सदस्य बन जाते हैं, तो उसी समय हम EPS के भी सदस्य बन जाते हैं.कर्मचारी अपनी सैलरी का 12% हिस्सा EPF में देता है, इतनी ही रकम उसकी कंपनी की ओर से भी दी जाती है, लेकिन इसमें से एक हिस्सा 8.33 परसेंट EPS में भी जाता है. जैसा कि हमने ऊपर बताया कि अभी पेंशन योग्य वेतन अधिकतम 15 हजार रुपये ही है, मतलब कि हर महीने पेंशन का हिस्सा अधिकतम (15,000 का 8.33%) 1250 रुपये होता है.
जब कर्मचारी रिटायर होता है तब भी पेंशन की गणना करने के लिए अधिकतम वेतन 15 हजार रुपये ही माना जाता है, इस हिसाब से एक कर्मचारी EPS के तहत अधिकतम पेंशन 7,500 रुपये ही पा सकता है.
ऐसे होती है पेंशन की कैलकुलेशन
एक बात जरूर ध्यान दें कि अगर आपने EPS में योगदान 1 सितंबर, 2014 से पहले शुरू किया है तो आपके लिए पेंशन योगदान के लिए मंथली सैलरी की अधिकतम सीमा 6500 रुपये होगी. 1 सितंबर, 2014 के बाद अगर आप EPS से जुड़े हैं तो अधिकतम सैलरी की सीमा 15,000 रुपये होगी. अब देखिए कि पेंशन की कैलकुलेशन होती कैसे है.
EPS कैलकुलेशन का फॉर्मूला
मंथली पेंशन= (पेंशन योग्य सैलरी x EPS योगदान के साल)/70
यहां मान लेते हैं कर्मचारी ने 1 सितंबर, 2014 के बाद EPS में योगदान शुरू किया तो पेंशन योगदान 15,000 रुपये पर होगा. मान लीजिए कि उसने 30 साल तक नौकरी की है.
अधिकतम और न्यूनतम पेंशन
ध्यान रहे कि कर्मचारी की 6 महीने या इससे ज्यादा की सर्विस को 1 साल माना जाएगा और इससे कम हुआ तो उसकी गिनती नहीं होगी. मतलब अगर कर्मचारी ने 14 साल 7 महीने काम किया है तो उसे 15 साल माना जाएगा. लेकिन 14 साल 5 महीने काम किया है तो सिर्फ 14 साल की ही सर्विस काउंट होगी. EPS के तहत मिनिमम पेंशन की राशि 1000 रुपये प्रति महीना होती है, जबकि अधिकतम पेंशन 7500 रुपये होती है.