Wednesday, June 18, 2025
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जिंदगी की जंग हार गए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, CDS बिपिन रावत के साथ हेलिकॉप्टर हादसे में हुए थे घायल

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हेलिकॉप्टर हादसे में जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है लेकिन उनकी हालत स्थिर है। वह बेंगलुरु कमांड अस्पताल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं। इंडियन एयरफोर्स के अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। आपको बता दें कि बेंगलुरु के आर्मी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। अधिकारियों ने इससे पहले बताया था कि बीते गुरुवार को वरुण सिंह को तमिलनाडु के वेलिंगटन से बेंगलुरु के कमान अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था। पिछले साल एक बड़ी तकनीकी खामी की चपेट में आए लड़ाकू विमान तेजस को संभावित दुर्घटना से सफलतापूर्वक बचा लेने के उत्कृष्ट कार्य के चलते ग्रुप कैप्टन सिंह को अगस्त महीने में शौर्य चक्र से नवाजा गया था।

वरुण सिंह का जीवन बचाने के लिए प्रधानमंत्री ने मां पाटेश्वरी से की थी प्रार्थना
तमिलनाडु के कुन्नूर में एयर फोर्स का हेलिकॉप्टर क्रैश होने की घटना में एकमात्र जिवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की सलामती के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां पाटेश्वरी से शनिवार को प्रार्थना की थी। बलरामपुर में सरयू नहर के लोकार्पण समारोह के बाद सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देवरिया के सपूत को याद करते हुए कहा था कि पूरा देश उनके परिवार के साथ खड़ा है। राजनाथ ने की ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता से बात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता से बात की जिनका बेंगलुरु के अस्पताल में इलाज चल रहा है। बुधवार को कुन्नूर के पास भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर दुर्घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

बारात लेकर काला चश्मा लगाए Scooty से पहुंची दुल्हन, बैक सीट पर दूल्हे को बैठाकर मारी एंट्री

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फिरोजाबाद के ब्लॉक एका के गांव रामपुर में राम बहादुर के बेटे राहुल की शादी दिल्ली शाहदरा मौजपुर निवासी अभिलाषाराम की बेटी काजल से तय हुई। सोमवार को रामपुर गांव में विवाह का आयोजन किया गया। खास बात ये रही कि राहुल अपनी बारात लेकर नहीं, बल्कि काजल अपनी बारात लेकर अपनी ससुराल पहुंची और दूल्हे पक्ष के लोगों ने सारी रस्मों को पूरा किया। एक-दूसरे को पहले से जानते थे दूल्हा-दुल्हन
बता दें, राहुल और काजल एक-दूसरे को पहले से जानते थे। काजल और उनका परिवार रविवार की शाम को अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियो के साथ फिरोजाबाद के रामपुर गांव आ गया था। सोमवार को यहीं से काजल लगभग 100 मीटर की दूरी पर अपने दूल्हे को जयमाल स्थल तक स्कूटी पर ले गई। गांव में जिसने भी दुल्हन को इस अंदाज में देखा जमकर तारीफ की।

जयमाला में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। गांव में इस नई परंपरा की शादी को जिसने भी देखा वह कौतूहल का विषय बना रहा। वहीं, कुछ लोगों ने इसे बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ के तहत आधुनिक विवाह करार देते हुए इसे एक अच्छा कदम बताया। आधुनिक तरीके से हुई शादी चर्चा का विषय रही।

इस राज्य के 64 हजार शिक्षकों को बड़ा तोहफा देने जा रही है सरकार, इतनी बढ़ जाएगी सैलेरी

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झारखंड के सरकारी स्कूलों में 64 हजार ऐसे शिक्षक (64 thousand teachers) वर्षों से कार्यरत हैं, जो एक तयशुदा मानदेय पर काम करते हैं, लेकिन उनकी सेवा स्थायी नहीं है। राज्य सरकार ने ऐसे शिक्षकों को पारा टीचर का नाम दे रखा है।

इन पारा टीचर्स (Para Teachers in Jharkhand) के लिए राज्य सरकार ने नई सेवा शर्त नियमावली तैयार कर ली है। जिसे आगामी एक जनवरी 2022 से लागू किया जा सकता है। इस नियमावली के ड्राफ्ट पर मंगलवार को राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (Education Minister Jagarnath Mahto) ने पारा टीचर्स के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि तकनीकी वजहों से इनके लिए पे-स्केल लागू नहीं होगा, लेकिन नई सेवा शर्त नियमावली के अनुसार टीचर एलिजिब्लिटी टेस्ट (teacher eligibility test) पास करने वाले ऐसे शिक्षकों को मिलने वाली मानदेय राशि में एकमुश्त 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जायेगी। जिन शिक्षकों ने टेट परीक्षा पास नहीं की है, उनका मानदेय 40 प्रतिशत बढ़ेगा। टेट परीक्षा पास नहीं करने वाले पारा टीचर्स (Para Teachers) के लिए चार बार आंकलन परीक्षा आयोजित की जायेगी। इसमें पास करने के बाद उनके मानदेय में अलग से 10 फीसदी बोनस के रूप में बढ़ोतरी होगी। पारा शिक्षकों का पदनाम भी बदल दिया जायेगा। नई नियमावली के अनुसार इन्हें नियोजित शिक्षक (employed teacher) के रूप में जाना जायेगा। नियमावली ड्राफ्ट के अनुसार आकलन परीक्षा पास करने के लिए सामान्य श्रेणी के पारा शिक्षकों को 40 फीसदी और रिजर्व श्रेणी के पारा शिक्षकों को 30 फीसदी अंक लाना होगा।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि आंदोलन के दौरान पारा शिक्षकों पर सरकार की ओर से जितने भी मुकदमे दर्ज कराये गये हैं, उन्हें वापस ले लिया जायेगा। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (Education Minister Jagarnath Mahto) ने कहा कि राज्य सरकार ने पारा टीचर्स को सरकारी प्रावधान के अनुसार नियोजित करने की जो नियमावली बनाई है, उसमें उनके हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। दूसरी तरफ एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने कहा है कि उन्हें हर हाल में वेतनमान के आधार पर नियोजन चाहिए। सरकार बिहार की तर्ज पर नियमावली लागू करे। मानदेय बढ़ाने के निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं।

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में 1500 किलोवॉट के रूफ टॉप सोलर प्लांट स्थापित

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-2017 से करीब 68,51,600 किलोवॉट (यूनिट) बिजली बचत कर बनाया रिकॉर्ड

-40 फीसदी बिजली की जरूरत को सौर ऊर्जा से कर रहे पूरा

देहरादून (डोईवाला), देश का प्रतिष्ठित स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय ने संस्थान में सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली बचत में मिसाल कायम की |
एसआरएचयू की प्रयोजित संस्था हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) स्वास्थ्य व शिक्षा की संगम स्थली के रुप में पहचान कायम कर चुका है। इसी कड़ी में एसआरएचयू ऊर्जा संरक्षण में भी योगदान कर राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन महामारी के पूर्व के स्तर तक पहुंचने के करीब है। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट के कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि इसका प्रमुख कारण है बड़े संस्थानों में बिजली की खपत में बेइंतहा वृद्धि। बिजली की खपत को कम करने के लिए सौर ऊर्जा सबसे बेहतरीन विकल्प है। सूर्य हमेशा से ऊर्जा का सबसे भरोसेमंद स्रोत रहा है।

कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि सौर ऊर्जा के महत्व को हम समझते हैं। इसके लिए संस्थान में विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है। भविष्य की जरूरत को समझते हुए ऊर्जा संरक्षण की ओर हमने साल 2007 में पहला कदम बढ़ाया था। तब हिमालयन हॉस्पिटल, कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट सहित सभी हॉस्टल में सोलर वाटर हीटर पैनल लगाए गए थे।
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि साल 2017 में राष्ट्रीय सौर मिशन से जुड़ने का फैसला किया। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में योगदान की व्यापक योजना बनाई। साल 2017 में हिमालयी राज्यों में रूफ टॉप सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए सरकार की ओर से प्रदान की जा रही 70 फीसदी सब्सिडी को देखते हुए सोलर पैनल लगाने का फैसला लिया। नर्सिंग और मेडिकल कॉलेज में 500 किलोवॉट रूफ टॉप सोलर पैनल लगा, कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि 2017 से अब तक विश्वविद्यालय कैंपस स्थित विभिन्न भवनों की छतों में 1500 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। इससे अब तक एसआरएचयू 68,51,660 किलोवॉट (यूनिट) बिजली की बचत कर चुका है। इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग प्रभारी गिरीश उनियाल ने बताया कि संस्थान में ऊर्जा मांग के अनुसार 3500 किलोवॉट का बिजली संयंत्र लगाया गया है। अब करीब 1500 किलोवॉट रुफ टॉप सोलर पैनल की मदद से संस्थान बिजली की 40 फीसदी मांग सौर ऊर्जा से पूरा कर रहा है।

सोलर पैनल को अपनाने की अपील

कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण के लिए सभी नागरिकों से सजग भूमिका निभानी होगी। आने वाले समय में ग्लोबल वार्मिंग से आम जनजीवन को बड़ा खतरा होने वाला है। इसलिए अभी से प्राकृतिक ऊर्जा पर निर्भर रहने की आदत डालनी होगी। प्रकृति के संरक्षण के लिए ऊर्जा का संरक्षण जरूरी है।

सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से पहाड़ों में पहुंचाया पानी

कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि सौर ऊर्जा का इस्तेमाल हमने पहाड़ों के दुरस्थ गांवों में पानी पहुंचाने के लिए भी किया है। साल 2014 में टिहरी के चंबा में ग्राम चुरेड़धार में सोलर पंपिंग प्लांट के जरिये गांव में पानी पहुंचाया। इसकी मदद से 23 यूनिट बिजली रोजाना के हिसाब से गांव के करीब 43 हजार रुपये सलाना बचत हुई। इसके अलावा पौड़ी के तीन व हरिद्वार के एक गांव में सोलर पंपिंग योजना पर काम जारी है।

करीब 1455 टन कार्बन उत्सर्जन की कमी

कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के खतरे दिखने लगे हैं। इसका बड़ा कारण है कार्बन उत्सर्जन। एसआरएचूय में 1500 किलोवॉट रूफ टॉप सोलर पैनल की मदद से 1455 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। उत्तराखंड के किसी भी संस्थान की तुलना में यह एक रिकॉर्ड है।

प्रधानमंत्री 16 दिसंबर को कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के दौरान किसानों को करेंगे संबोधित

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 दिसम्बर, 2021 को प्रात: 11 बजे आणंद (गुजरात) में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के समापन सत्र के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों को संबोधित करेंगे। इस शिखर सम्मेलन में प्राकृतिक खेती पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। किसानों को प्राकृतिक खेती के तरीके अपनाने के लाभों के बारे में सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
सरकार किसान कल्याण के लिए प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरित है। सरकार उत्पादकता में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि किसान अपनी कृषि क्षमता को अधिक-से-अधिक करने में समर्थ हों। सरकार ने कृषि में बदलाव लाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए अनेक उपाय शुरू किए हैं। प्रणाली की स्थिरता, लागत कम करने, बाजार पहुंच और किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए की जा रही पहलों को बढ़ावा देने और उनका समर्थन करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

बिना लागत (शून्य बजट) प्राकृतिक खेती की कृषि लागत सामग्री की खरीदारी पर किसानों की निर्भरता को कम करने और परंपरागत क्षेत्र आधारित प्रौद्योगिकियों पर भरोसा करते हुए कृषि की लागत को कम करने के लिए आशाजनक साधन के रूप में पहचान की गई है, जिससे मृदा स्वास्थ्य में सुधार को बढ़ावा मिलता है। देसी गाय, उसका गोबर और मूत्र इस बारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे विभिन्न इनपुट खेतों में ही बन जाते हैं, जो खेत को आवश्यक तत्व उपलब्ध कराती हैं। अन्य पारंपरिक प्रथाएं जैसे बायोमास के साथ मिट्टी में गीली घास डालना या मिट्टी को पूरे साल हरित आवरण से ढक कर रखना, यहां तक कि बहुत कम पानी की उपलब्धता की स्थिति में भी ऐसे कार्य किए जाते हैं जो पहले साल अपनाने से ही सतत उत्पादकता सुनिश्चित करते हैं।
ऐसी रणनीतियों पर जोर देने और देश के किसानों को संदेश देने के लिए, गुजरात सरकार प्राकृतिक खेती पर ध्यान देते हुए कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रही है। यह तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन 14 से 16 दिसम्बर, 2021 तक आयोजित किया जा रहा है। इस शिखर सम्मेलन में आईसीएआर के केन्द्रीय संस्थानों और राज्यों में कृषि विज्ञान केन्द्रों और एटीएमए (कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध एजेंसी) नेटवर्क के माध्यम से लाइव जुड़ रहे किसानों के अलावा 5,000 से अधिक किसान उपस्थित रहेंगे।

कोविड-19 : दिल्ली में फूटा ओमिक्रॉन बम, 4 नए मरीज मिले, अब तक 6 लोग संक्रमित

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नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले बढ़ते जा रहे हैं। चार और मरीजों में ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हुई है, जिससे यहां कुल मामलों की संख्या बढक़र 6 हो गई है। इन सभी छह मरीजों में हल्के लक्षण हैं और उनमें से एक ठीक भी हो गया है, लेकिन 5 मरीज अब भी अस्पताल में भर्ती हैं।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली में अभी तक 6 लोग ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं जिनमें से 1 मरीज ठीक होकर घर जा चुका है। ओमिक्रॉन के सारे मामले विदेश से आए लोगों में पाए गए हैं, सभी मामले स्टेबल हैं और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं। जैन ने बताया कि वर्तमान में 35 कोविड संक्रमित मरीज और 3 संदिग्ध मामले एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हैं। दिल्ली सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

विदेशों से आए कुल 74 लोगों को दिल्ली एयरपोर्ट से अब तक रुहृछ्वक्क में भर्ती कराया गया था, इनमें से 36 को डिस्चार्ज किया जा चुका है, अभी 38 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से 35 कोरोना मरीज हैं, जिनमें से 5 ओमिक्रॉन पॉजिटिव हैं और 3 संदिग्ध हैं। एक ओमिक्रॉन संक्रमित को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।
अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली के पहले ओमिक्रॉन मरीज को एलएनजेपी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। रांची का रहने वाला यह 37 वर्षीय व्यक्ति 2 दिसंबर को कतर एयरवेज की फ्लाइट से तंजानिया से दोहा और वहां से दिल्ली आया था। वह एक हफ्ते तक दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सिबर्ग में रहा और उसमें हल्के लक्षण थे। लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल को कोविड -19 के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए नामित किया गया है।
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो उनकी सरकार क्रिसमस और नववर्ष से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन पर भी रोक लगा सकती है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान के हालात को देखते हुए ऐसे किसी उपाय की आवश्यकता नहीं है।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और वह इस मुद्दे पर लगातार विशेषज्ञों से संपर्क बनाए हुए हैं। दिल्ली में अब तक ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो मरीज सामने आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जरूरत पड़ेगी तो हम प्रतिबंध लगाएंगे। वर्तमान में प्रतिबंधों की कोई आवश्यकता नहीं है। हम लगातार विशेषज्ञों के संपर्क में हैं और अगर दिल्लीवासियों की सुरक्षा के लिए कोई प्रतिबंध लगाने की जरूरत पड़ी तो हम ऐसा करेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह तैयार है। मैंने ऑक्सीजन आपूर्ति, बेड्स और दवाओं के संबंध में कई समीक्षा बैठक की है। हम दिल्ली में ओमिक्रॉन संकट नहीं चाहते, लेकिन अगर ऐसा कुछ होता है तो हम तैयार हैं।

ऐतिहासिक और भव्य होगी राहुल गांधी की रैली – ललित जोशी

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(चन्दन सिंह बिष्ट)

हल्द्वानी, उत्तराखंड के हल्द्वानी में कांग्रेस की रैली में शामिल होने देहरादून जा रहे राज्य आंदोलनकारी कांग्रेसी राहुल गांधी की रैली में जाने के लिये एकत्रित होने शुरू हो गये । ललित जोशी कहा कि 16 दिसंबर को राहुल गांधी की रैली ऐतिहासिक और भव्य होगी जिसमें शहीदों और पूर्व फ़ौजियों को सम्मान किया जायेगा । राज्य आंदोलनकारी ललित जोशी ने कहा कि हल्द्वानी से सभी लोग सामूहिक रूप से रैली में प्रतिभाग करेंगे ।
ललित जोशी ने हल्द्वानी के एक निजी होटल में पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस पार्टी से जुड़े राज्य आंदोलनकारी जुटे । उन्होंने बताया कि देहरादून में 16 दिसंबर को होने वाली राहुल गांधी की रैली में वो सभी एकजुट होकर जाएंगे । ये सभी लोग हल्द्वानी विधानसभा में कांग्रेस पार्टी से टिकट के दवेदार भी हैं । उन्होंने कहा कि हल्द्वानी से वो लोग सामूहिक रूप से रैली में जा रहे हैं । उन्होंने अनुमान जताया कि जनता के बदले मन को देखते हुए उनकी रैली में मोदी की रैली से दोगुनी भीड़ होगी । बता दें कि बीते रोज दिवंगत पूर्व कैबिनेट मंत्री इंदिरा हृदयेश के पुत्र सुमित हृदेश ने पत्रकार वार्ता कर हल्द्वानी से हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं के जाने का दावा किया था । आज इस ग्रुप ने पत्रकारों से कहा कि वो सामूहिक रूप से कार्यकर्ताओं को रैली में ले जा रहे हैं । इस दौरान हेमंत बगडवाल, हुकुम सिंह कुंवर, शोभा बिष्ट, शशि वर्मा, शोभा बिष्ट और पुष्पा नेगी नेहा अग्रवाल आदि मौजूद रहे ।

राज्‍य में पर्यटन को स्‍वरोजगार से जोड़ने की मुहिम जारी: धामी

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को वाराणसी में प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित सुशासन सम्मेलन (मुख्यमंत्री परिषद) में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्य की ओर से बेस्ट प्रैक्टिस के तहत उत्तराखण्ड होम स्टे पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। प्रस्तुतीकरण के दौरान जानकारी दी गई कि राज्य में स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने, नये पर्यटन स्थलों को विकसित करने, पर्यटकों को राज्य की संस्कृति से परिचित कराने एवं पलायन को रोकने के उद्देश्य से राज्य में होम स्टे पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। होम स्टे के तहत राज्य में दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना, ट्रेकिंग ट्रेक्सन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना चलाई जा रही है। दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना के तहत होमस्टे का पंजीकरण कराना अनिवार्य है। लाभार्थी को 15 लाख रूपये तक पूंजी सहायता एवं ब्याज सहायता 1.50 लाख तक  दी गई है। 5 वर्षों हेतु राज्य जीएसटी की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की व्यवस्था की गई है।

राज्य में 3700 से अधिक होम स्टे पंजीकृत हैं। 14.53 करोड़ की पूंजी सहायता वितरित की जा चुकी है। इस योजना से 8 हजार से अधिक रोजगार का सृजन हुआ है। राज्य सरकार द्वारा होम स्टे संचालकों को  गांवों में पर्यटन के बुनियादी ढ़ाचे के विकास, निजी वेब-साईट पर होम स्टे विज्ञापित करने, सरकारी वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन प्रचार, निःशुल्क प्रशिक्षण, ट्रैवल मार्ट में निःशुल्क भागीदारी एवं गुणवत्ता निर्धारण हेतु सरकार द्वारा ग्रेडिंग की सुविधाएं दी जा रही हैं।
राज्य में सीमान्त क्षेत्रों से पलायन रोकने एवं एवं पर्वतारोहण की गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही ट्रेकिंग ट्रेक्सन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना हेतु वित्तीय अनुदान की व्यवस्था है। इस योजना के तहत अक्टूबर 2021 तक 120 लाभार्थियों को 3.20 करोड़ का अनुदान स्वीकृत किया जा चुका है। सुशासन सम्मेलन के दौरान उत्तराखण्ड की ओर से अटल आयुष्मान योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), पी.एम.स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना एवं स्वामित्व योजना पर भी प्रस्तुतीकरण दिया गया। प्रस्तुतीकरण के दौरान जानकारी दी गई कि अटल आयुष्मान योजना के तहत राज्य में 45.22 लाख आयुष्मान कार्ड निर्गत किये जा चुके हैं। कार्डों का वितरण निःशुल्क किया जा रहा है। चिकित्सालयों को एक सप्ताह के अन्दर भुगतान किया जा रहा है।

शिकायतों के निवारण हेतु 155368 टोल फ्री कॉल सेंटर की सुविधा एवं पर्वतीय अंचल के चिकित्सालयों हेतु पैकेज दरों के अतिरिक्त 10 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि का भुगतान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत भारत सरकार से प्राप्त लक्ष्य के तहत फेज-1 में 12662 लाभार्थियों को चयनित किया गया जिसके सापेक्ष 12427 आवास पूर्ण हो चुके हैं। फेज-2 में भारत सरकार से 16472 आवास बनाने का लक्ष्य मिला है, जिस पर कार्यवाही गतिमान है। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों को बर्तन खरीद हेतु प्रति लाभार्थी 5 हजार रूपये की अतिरिक्त सहायता दी जा रही है। सभी पात्र भूमिहीन परिवारों को राज्य सरकार द्वारा भूमि पट्टा आवंटित किया जा रहा है। आवासीय कालोनियों के विकास के लिए बिजली, पानी, सड़क, नाली की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।  प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में बी.एल.सी. के तहत 3802, सी.एल.एस.एस के तहत 13287 एवं ए.एच.पी के तहत 464 आवासों की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है।

डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को धनराशि का वितरण किया जा रहा है। आवासों की जियो टैगिंग की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा बी.एल.सी. के तहत 50 हजार रूपये एवं ए.एच.पी के तहत 01 लाख रूपये का अतिरिक्त अनुदान दिया जा रहा है। निशुल्क भू-उपयोग परिवर्तन की व्यवस्था की गई है। पीएमएवाई के लाभार्थियों हेतु 50 वर्ग मीटर नजूल भूमि के निःशुल्क आवंटन की व्यवस्था की गई है। पी.एम. स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत 11543 स्वीकृत आवेदनों में से 10101 लाभार्थी लाभान्वित हो चुके हैं। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों को 02 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिया जा रहा है एवं स्टाम्प ड्यूटी में छूट दी जा रही है। स्वामित्व योजना के तहत राज्य में 2409 ग्रामों के 102291 अभिलेख तैयार किये गये हैं। जिसमें से 98236 अभिलेख वितरित किये गये हैं। इस योजना के तहत चार जनपदों पौड़ी गढ़वाल, ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार एवं देहरादून में सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है, शेष जनपदों में सर्वेक्षण कार्य की प्रक्रिया गतिमान है।

उत्तराखंड में कोरोना के 16 नए केस

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देहरादून। उत्तराखंड में मंगलवार को कोरोना के 16 नए मरीज मिले और 17 इलाज के बाद ठीक हुए। इसके साथ ही राज्य में अब एक्टिव मरीजों की संख्या 138 रह गई है। मंगलवार को देहरादून में आठ, अल्मोड़ा में दो, चमोली में एक, हरिद्वार में एक, नैनीताल में तीन और पिथौरागढ़ में एक नया मरीज मिला है। विभिन्न लैब से 14300 सैंपलों की रिपोर्ट आई जबकि 19 हजार के करीब सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। राज्य में कोरोना संक्रमण की दर 0। 11 प्रतिशत जबकि मरीजों के ठीक होने की दर 96 प्रतिशत के करीब चल रही है। राज्य में मंगलवार को 42 हजार के करीब लोगों को कोरोना रोधी टीके लगाए गए।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की कार का एक्सीडेंट, बीच सड़क पर कार पलटी

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उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की कार का एक्सीडेंट मंगलवार शाम हो गया । मंत्री रावत थलीसैंण से एक कार्यक्रम में शामिल होकर देहरादून वापस आ रहे थे। कैबिनेट मंत्री रावत आज पौड़ी जिले के थलीसैंण पहुंचे थे। रावत ने राजकीय महाविद्यालय थलीसैंण में 4जी इंटरनेट सेवा सहित और कॉलेज की वेबसाइट का शुभारंभ किया था। कार्यक्रम के बाद कैबिनेट मंत्री रावत देहरादून लौटे रहे थे तभी भरसार के पास उनका कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

बताया जा रहा है कि रावत सुरक्षित हैं। रावत ने थलीसैंण में विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थलीसैंण में अल्ट्रासाउंड मशीन का लोकार्पण, राजकीय महाविद्यालय थलीसैंण में 4जी इन्टरनेट एवं वेबसाइट का लोकार्पण किया। इसके साथ ही राजकीय महाविद्यालय थलीसैंण में विज्ञान संकाय भवन का शिलान्यास भी किया गया। मंत्री ने कहा कि इससे पहले गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए 100 किलोमीटर दूर श्रीनगर, पौड़ी या सतपुली जाना पड़ता था

लेकिन अब अल्ट्रासाउंड मशीन आ जाने से महिलाओं को लंबा सफर नहीं करना पड़ेगा। कहा कि आज श्रीनगर विधानसभा के दूरस्थ गांव में भी विकास पहुंच चुका है। दूर-दराज के गांव भी 4जी कनेक्टिविटी सिस्टम से जुड़ चुके हैं। श्रीनगर विधानसभा में इस कार्यकाल में सबसे अधिक महाविद्यालय खोले गए हैं। कहा कि हम शिक्षा के क्षेत्र में बात करें या फिर स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज दूरस्थ क्षेत्रों में भी डॉक्टर और बेहत्तर मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस मौके पर मातबर सिंह रावत, नीरज पाथरी, नरेंद्र सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह नेगी आदि शामिल थे।

 

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थलीसैंण स्वास्थ्य मंत्री ने किया अल्ट्रासाउंड मशीन का लोकार्पण

राज्य के स्वास्थ्य व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थलीसैंण में अल्ट्रासाउंड मशीन का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले अल्ट्रासाउंड के लिए मरीजों और गर्भवती महिलाओं को 100 किमी दूर श्रीनगर, पौड़ी या सतपुली के चक्कर काटने पड़ते थे लेकिन अब यहां अल्ट्रासाउंड मशीन होने से लोगों को दिक्कतें नहीं झेलनी पड़ेंगी।

इसके बाद डॉ. रावत ने राजकीय महाविद्यालय थलीसैंण में 4जी इंटरनेट सेवा व वेबसाइट का शुभारंभ किया। उन्होंने महाविद्यालय के विज्ञान भवन का शिलान्यास भी किया। भवन का निर्माण 428.45 लाख की लागत से किया जाएगा।

उच्च शिक्षा मंत्री ने इसके अलावा नगर पंचायत कार्यालय थलीसैंण का शुभारंभ करने के साथ ही अतिथि गृह के नवनिर्मित कक्षों का लोकार्पण भी किया। साथ ही कैन्यूर गांव में सड़क डामरीकरण कार्य का शिलान्यास, मुसेटी गांव में घस्यारी किट वितरण भी किया गया।

इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. लवलीरानी राजवंशी, ईओ नगर पंचायत थलीसैंण शैलेंद्र रावत, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत, श्रीनगर विधान सभा प्रभारी नीरज सिंह पाथरी, जिला सहकारी संघ के अध्यक्ष माधव सिंह, मंडल अध्यक्ष भाजपा सुरेंद्र सिंह नेगी आदि मौजूद रहे।