Sunday, June 8, 2025
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हाईवे पर कार अनियंत्रित होकर सड़क पर पलटी, परिवार के सभी लोग सुरक्षित

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ऋषिकेश, रविवार को बदरीनाथ हाईवे पर एक सड़क हादसा हो गया, मिली जानकारी के मुताबिक हादसा पंतगांव के पास हुआ, जहां नोएडा के यात्रियों की एक कार अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गई। कार के पलटते ही चीख पुकार मच गई। गनीमत रही कि कार खाई की तरफ नहीं गिरी, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। परिवार के लोग सुरक्षित हैं।

थानाध्यक्ष महिपाल सिंह रावत के अनुसार ॠषिकेश बदरीनाथ हाईवे पर नोएडा निवासी अनुभव प्रसाद डिमरी पुत्र वीरेंद्र प्रसाद अपनी पत्नी और बच्चों के साथ श्रीकोट गंगानली, श्रीनगर की ओर आ रहे थे। पंतगांव के पास ड्राइवर अनुभव को अचानक झपकी आ गई, जिसके बाद उन्होंने हैंडब्रेक खींच लिया। इससे कार अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गई। मौके पर पहुंची पुलिस और स्थानीय लोगों ने क्रेन की मदद से कार को सीधा कर सड़क किनारे खड़ा कर दिया। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि रात के समय लंबी यात्रा करने से बचें, खासकर थकान या नींद आने की स्थिति में रुक जायें और ऐसी अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए यात्रा के दौरान ब्रेक लेना और सतर्क रहना जरूरी है।

स्थायी निवास प्रमाण पत्र की प्रतियां भागीरथी में की प्रवाहित, जब तक मूल निवास का अधिकार नही मिलेगा, संघर्ष जारी रहेगा

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टिहरी (देवप्रयाग), मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के संयोजक लूशुन टोडरिया के नेतृत्व में समिति के पदाधिकारी एवं स्थानीय लोगों ने स्थायी निवास प्रमाण पत्र की प्रतियों को भागीरथी में प्रवाहित कर मूल निवास की मांग की । इस अवसर पर समिति के संयोजक लुशुन टोडरिया ने कहा कि ‘यह प्रवाह केवल कागज़ का नहीं, इस राज्य के मूल निवासियों की पीड़ा है। जब तक उत्तराखंड में हज़ारों वर्षों से रह रहे निवासियों को मूल निवास का दर्जा नही मिलेगा, हम हर नदी, हर संगम और हर अग्नि में इन प्रतियों को प्रवाहित करते रहेंगे – ताकि हर नीति-निर्माता हमारी पुकार को सुन सके।

गढ़वाल संयोजक अरुण नेगी ने कहा कि पूरा उत्तराखंड 1950 को कटऑफ वर्ष मानने की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार स्थायी निवास को अपनाकर मूल निवासियों के अधिकारों का हनन कर रही है । मूल निवास के अधिकारों पर कुठाराघात बिल्कुल भी बर्दाश्त नही किया जाएगा ।
महिला प्रकोष्ठ संयोजक कुशुम जोशी ने आरोप लगाया कि भू-माफियाओं ने सरकारी संरक्षण में उत्तराखंड की जमीनों पर कब्जा कर लिया है, जिससे स्थानीय लोग अपने ही घरों में नौकर बन गए हैं। अब जल, जंगल, जमीन और गंगा की संस्कृति को बचाने के लिए मूल निवासी एकजुट हो चुके हैं और बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं l
जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र भट्ट ने कहा कि 25 वर्षों से उत्तराखण्ड के मूल निवासियों पर हो रहे अत्याचार का जवाब देने के लिए जनता तैयार है ।
समाजिक कार्यकर्ता सीएम चौहान ने कहा कि जल्द ही अब टिहरी क्षेत्र से एक बड़ी यात्रा शुरू कर मूल निवासियों के अधिकारों की क्रांति का आगाज़ होगा ।
केंद्रीय सचिव मनोज कोठियाल ने कहा कि आज देवप्रयाग की लहरों में जो दस्तावेज़ बहे, वे इतिहास के पन्नों में एक चेतावनी बनकर दर्ज होंगे। मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति आने वाले दिनों में प्रत्येक ज़िले में इसी प्रकार के प्रतीकात्मक कार्यक्रमों के माध्यम से जनजागरण अभियान चलाएगी और राज्य सरकार से मूल निवास कानून की पुनर्बहाली की मांग को और अधिक मुखरता से उठाएगी।
समिति की एक विशेष बैठक भी आयोजित की गई। जहां समिति के सभी कार्यकारिणी सदस्यों और क्षेत्रीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति ममें संपन्न हुई । समिति के नरेंद्रनगर ब्लाक संयोजक विकास रयाल ने कहा कि यह संघर्ष केवल ज़मीन का नहीं, पीढ़ियों की पहचान, संस्कृति, और अधिकारों की रक्षा का है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक जनपद में जनसंपर्क व जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार में सदस्य अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
बैठक में जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र भट्ट, यूकेडी जिलाध्यक्ष अर्जुन नेगी,सीएम चौहान, महिला प्रकोष्ठ सह संयोजक उषा डोभाल,सभासद विमल मिश्रा,सभासद राहुल कोटियाल, सोहन लाल तिवाड़ी,दिनेश टोडरिया, हेमा रावल, गढ़वाल युवा प्रकोष्ठ सह संयोजक आशुतोष कोठारी,अनिल दत्त तिवारी,राकेश बिष्ट,डोईवाला ब्लाक प्रभारी विनोद चौहान,देवेंद्र दत्त बेलवाल,विधि प्रकोष्ठ प्रभारी आशुतोष शर्मा,अनिल तिवारीअभिषेक सिंह नेगी,जसपाल सिंह,महावीर भण्डारी,मातबर सिंह नेगी,गुलाब नेगी,राकेश सिंह नेगी आदि मौजूद रहे ।

हेमकुंड साहिब के कपाट खुले

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चमोली(आरएनएस)।  सिखों के तीर्थ श्री हेमकुंड साहिब के कपाट रविवार प्रातः दस बजे विधि विधान से खुल गए हैं। पहले दिन लगभग साढ़े चार हजार सिख तीर्थ यात्रियों ने पवित्र हिम सरोवर मे स्नान कर दरबार साहिब में मत्था टेका। सुबह साढ़े नौ बजे हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने की प्रकियाएं शुरू हुईं। पंच प्यारों की अगुवाई में पौने दस बजे सच खंड से गुरुग्रंथ साहिब को बाहर लाया गया। इसके बाद मौके पर मौजूद हजारों की संख्या में भक्तों ने पुष्प वर्षा कर गुरुग्रंथ साहिब का स्वागत किया। ठीक दस बजे गुरुग्रंथ साहिब को दरबार साहिब में सुशोभित किया गया। मुख्य ग्रंथी मिलाप सिंह ने गुरुग्रंथ साहिब को दरबार साहिब में सुशोभित किया। इसके बाद कुलवंत सिंह ने सुखमनी साहिब का पाठ किया। साढ़े ग्यारह से साढ़े बारह बजे तक मौजूद जत्थों के द्वारा सबद कीर्तन किया गया। साढ़े बारह बजे वर्ष की पहली अरदास और ठीक एक बजे वर्ष का पहला हुक्मनामा लिया गया। हुक्मनामें के साथ ही हेमकुंड साहिब की यात्रा का आगाज हो गया है। कपाट खुलने पर ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्र जीत सिंह बिन्द्रा ने सेना के नार्दन कमांड के मेजर जरनल सीजे चन्द्रन , ब्रिगेडियर एमएस डिल्लोन एवं जीतेन्द्र मल व अमरदीप सिंह की पूरी टीम जिन्होंने एक महीने की मेहनत के बाद हेमकुंड साहिब तक बर्फ एवं ग्लेशियर हटाकर ट्रेक बनाया है को स्वरूपा पहनाकर सम्मानित किया गया। साथ ही सभी श्रद्धालुओं एवं सहयोग करने वाले समस्त विभागों का आभार जताया। मुख्य प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद में घी का बना हुआ हलवा दिया गया। बताया कि सभी लोगों के लिए गुरुद्वारे के लंगर में भोजन के साथ ही खिचड़ी, चाय, ब्रेड पकोड़े, दूध आदि की समुचित व्यवस्था की गई है। एसओ गोविन्दघाट विनोद रावत, पुलिस चौकी इंचार्ज घांगरिया अमन दीप सिंह ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग के मुख्य पड़ावों पर पुलिस एवं एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।

उत्तराखंड में यूसीसी में चार माह में  डेढ लाख से अधिक आवेदन मिले : सीएम धामी

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 – राज्य के लगभग 98 प्रतिशत गाँवो से आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं
 – यूसीसी लागू करने में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए सीएम धामी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को धन्यवाद दिया
 – मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड में लागू यूसीसी पर प्रस्तुतिकरण दिया
देहरादून(आरएनएस)।    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में लागू समान नागरिक संहिता पर प्रस्तुतिकरण देते हुए कहा कि यूसीसी लागू करने के लिए मजबूत सिस्टम का निर्माण किया गया है। प्रक्रिया को जनसामान्य के लिए अधिक सुलभ और सहज बनाने के लिए एक पोर्टल और समर्पित मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है। साथ ही ग्राम स्तर पर 14,000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) को इससे जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के समय आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए ऑटो एस्केलेशन और ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम भी लागू किया गया है। व्यापक डिजिटल और भौतिक नेटवर्किंग के परिणामस्वरूप केवल चार माह की अवधि में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत राज्यभर से लगभग डेढ़ लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इतना ही नहीं, राज्य के लगभग 98 प्रतिशत गाँवो से आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं, जो ये दर्शाता है कि यूसीसी को जनता का भरपूर समर्थन प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने यूसीसी के सफलतापूर्वक लागू करने में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देते हुए कहा कि  प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने दृष्टिपत्र के माध्यम से राज्य की जनता को ये वचन दिया था कि यदि जनादेश मिला, तो उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। चुनावों में विजय के पश्चात पहले दिन से ही उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने के लिए अपना कार्य प्रारंभ कर दिया। यूसीसी के बिल का मसौदा तैयार करने के लिए 27 मई 2022 को जस्टिस रंजना देसाई जी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। समिति द्वारा उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में व्यापक जन-परामर्श किया गया।
जिसके माध्यम से समिति को लगभग 2 लाख 32 हजार सुझाव प्राप्त हुए। समिति ने न केवल आम नागरिकों से परामर्श किया, बल्कि सभी राजनीतिक दलों और विभिन्न वैधानिक आयोगों के प्रमुखों से भी बातचीत की।
राज्य सरकार ने 7 फरवरी, 2024 को समान नागरिक संहिता विधेयक को राज्य विधानसभा में पारित कर मा. राष्ट्रपति महोदया को भेजा। मा. राष्ट्रपति महोदया ने 11 मार्च, 2024 को इस ऐतिहासिक विधेयक को अपनी स्वीकृति प्रदान की। आवश्यक नियमावली एवं प्रक्रियाओं को पूर्ण करते हुए, 27 जनवरी, 2025 को पूरे उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता को विधिवत रूप से लागू कर दिया गया। इस प्रकार उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना जिसने संविधान के अनुच्छेद 44 की भावना को मूर्त रूप देते हुए समान नागरिक संहिता को व्यवहारिक धरातल पर लागू किया।
मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता जाति, धर्म, लिंग आदि में अन्तर के आधार पर कानूनी मामलों में होने वाले भेदभाव को खत्म करने का एक संविधानिक उपाय है।
इसके द्वारा सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है। इसके लागू होने से प्रदेश में सच्चे अर्थों में महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित हो सकेगा।इसके द्वारा अब हलाला, इद्दत, बहुविवाह, बाल विवाह, तीन तलाक आदि कुप्रथाओं पर पूर्णतः रोक लगाई जा सकेगी।
संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत वर्णित हमारी अनुसूचित जनजातियों को इस संहिता से बाहर रखा है, जिससे कि उन जनजातियों का और उनके रीति रिवाजों का संरक्षण किया जा सके।
समान नागरिक संहिता किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं बल्कि ये समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों में समानता से समरसता स्थापित करने का एक कानूनी प्रयास है। जिसकी परिकल्पना हमारे संविधान निर्माताओं ने भी की थी और राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में इसे सम्मिलित किया था।
यूसीसी के माध्यम से किसी भी धर्म की मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है, केवल कुप्रथाओं को दूर किया गया है। यूसीसी के अंतर्गत सभी धर्मों के नागरिकों के लिए विवाह, तलाक और उत्तराधिकार से संबंधित मामलों में एक समान विधिक प्रक्रिया निर्धारित की गई है। अब पति-पत्नी को विवाह विच्छेद के लिए निर्धारित न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य होगा तथा बहुविवाह की प्रथा पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इन कानूनों के अंतर्गत सभी धर्म और समुदायों में बेटी को भी संपत्ति में समान अधिकार प्रदान किए गए हैं। इसके साथ ही, संपत्ति के अधिकार में बच्चों में किसी भी प्रकार का भेद नहीं किया गया है, अर्थात प्राकृतिक संबंधों के आधार पर, सहायक विधियों द्वारा या लिव इन संबंधों द्वारा जन्मे बच्चों का भी संपत्ति में बराबर अधिकार माना जाएगा। यूसीसी के अंतर्गत बच्चों की संपत्ति में माता-पिता को भी अधिकार प्रदान किया गया है, जिससे बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन यापन का अधिकार प्राप्त हो।
वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए,  युवा पीढ़ी विशेष रूप से युवक-युवतियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें संभावित सामाजिक जटिलताओं एवं अपराधों से बचाने के उद्देश्य से इसमें लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है। पंजीकरण कराने वाले युगल की सूचना रजिस्ट्रार उनके माता-पिता या अभिभावक को देगा, ये जानकारी पूर्णतः गोपनीय रखी जाएंगी। यूसीसी के माध्यम से जन्म एवं मृत्यु के पंजीकरण की भांति विवाह और विवाह-विच्छेद दोनों का पंजीकरण भी किया जा सकेगा। समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही इसके क्रियान्वयन हेतु एक प्रभावी एवं स्पष्ट नियमावली को भी लागू कर दिया है।

गुरुकुल कांगड़ी विवि के कुलाधिपति बने सुरेंद्र कुमार आर्य

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हरिद्वार।  गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में जेबीएम ग्रुप के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार आर्य को विश्वविद्यालय का कुलाधिपति बनाया गया है। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की प्रायोजक तीनों आर्य प्रतिनिधि सभाओं ने विवि के कुलाधिपति पद पर सुरेंद्र कुमार आर्य का चयन किया है। विश्वविद्यालय की प्रायोजक आर्य प्रतिनिधि सभाओं के नामित व्यक्ति विनय आर्य की ओर से विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पद पर सुरेंद्र कुमार आर्य के चयन को लेकर विवि की कुलपति और कुलसचिव को पत्र प्रेषित किया गया है। विनय आर्य ने बताया कि 22 अप्रैल 2025 को गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पद पर नामांकन के लिए बैठक आयोजित की गई थी।
बैठक में आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब, आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा और आर्य प्रतिशत सभा दिल्ली के प्रधान शामिल हुए थे। बैठक में सर्व सहमति से जेबीएम ग्रुप के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार आर्य को विश्वविद्यालय का कुलाधिपति चयनित किया गया था। इस संबंध में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय कि कुलपति और कुलसचिव को 21 मई को पत्र भेजकर अवगत करा दिया गया है। सुरेंद्र कुमार आर्य 21 मई 2030 तक 5 वर्षों के लिए गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रहेंगे। उधर, गुरुकुल कांगड़ी विवि के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने बताया कि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पद पर चयन को लेकर सरकार की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई है। आर्य प्रतिनिधि सभाओं की ओर से सुरेंद्र कुमार आर्य को कुलाधिपति बनाया गया है।
विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने जताया विरोध :
विश्वविद्यालय की प्रायोजक आर्य प्रतिनिधि सभाओं की ओर से बनाए गए कुलाधिपति का विवि के कर्मचारियों ने विरोध किया है। विश्वविद्यालय कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रजनीश भारद्वाज और महामंत्री नरेंद्र मलिक ने बताया कि आर्य प्रतिनिधि सभाओं की ओर से सुरेंद्र कुमार आर्य को कुलाधिपति बनाया गया है। जिसका वह विरोध करते हैं। आर्य प्रतिनिधि सभाओं की ओर से विश्वविद्यालय में यूजीसी रेगुलेशन 2019 को लागू कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके तहत सरकार से विश्वविद्यालय को 100% अनुदान नहीं मिल पाएगा। ऐसे में विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों को वेतन के भी लाले पड़ जाएंगे। विश्वविद्यालय के कर्मचारी विश्वविद्यालय में यूजीसी रेगुलेशन 2023 लागू किए जाने की पुरजोर मांग कर रहे हैं। सभाएं अपने लाभ के लिए विवि और कर्मचारियों के हितों को अनदेखा कर रही है।

गंगा सलाण यमकेश्वर विकास समिति की बैठक, क्षेत्र की समस्याओं पर हुआ विचार विमर्श

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देहरादून, रविवार को धर्मपुर स्थित पुराने शिव मन्दिर सभागार में यमकेश्वर विकास समिति के नाम एवं सदस्यता शुल्क के साथ पंजीकरण प्रक्रिया को लेकर के क्षेत्रवासियों बैठक हुई, जिसमें पूरे गंगा सलाण क्षेत्र के चारों ओर विकास को लेकर गंभीरता से चर्चा हुई। बैठक का संचालन दिनेश भण्डारी एवं प्रदीप कुकरेती द्वारा किया गया जबकि बैठक की अध्यक्षता सुन्दर श्याम कुकरेती ने की।
समिति के सभी सदस्यों ने आपस में चर्चा कर पूर्ण जानकारी जुटाने के बाद संस्था के नाम को लेकर कई वरिष्ठजनों द्वारा यमकेश्वर विकास समिति का नाम गंगा सलाण यमकेश्वर विकास समिति रखने पर सुझाव दिया गया। राकेश जोशी एवं चन्द्रमोहन सिंह प्याल ने अपने सम्बोधन में कहा कि संस्था का उद्देश्य सभी को साथ लेकर क्षेत्र में जागरूकता फैलाना, क्षेत्र की समस्याओं को प्राथमिकता से रखना केन्द्र व सरकार की योजनाओं का क्षेत्र के विकास हेतु अधिकारियों से पत्र व्यवहार करना व जानकारी जुटाना होगा। मनीष रावत एवं शशिधर अमोली के साथ कुलदीप नेगी ने सभी सदस्यों से अपील की कि वह अपने लोगो को संस्था व संस्था कें कार्यो से अवगत कराएं एवं अपने गांव से जुड़ने औऱ आबाद करने की दिशा मेँ कार्य करना होगा। रविवार को हुई बैठक में वाचस्पति भट्ट एवं आनन्द सिंह बिष्ट के साथ राकेश जोशी व योगेन्द्र नेगी व शशिधर कुकरेती ने अपनी बात रखते चार प्रस्ताव देकर अनुमोदन लिया। जिसमें सदस्यता शुल्क 100/ रुपये प्रति माह। सोसायटी एक्ट के तहत पंजीकरण करवाना। सर्व सम्मति से पदाधिकारियों का चयन किया गया एवं संस्था पंजीकरण कार्यवाही हेतु चयनित समिति को अधिकृत किया गया।
सर्व सम्मति से संस्था का नाम माँ के स्मरण कें साथ ही ‘गंगा सलाण यमकेश्वर विकास समिति’ रखा जाना निश्चित किया गया। इसमें आज सर्वसम्मति से कार्यवाही हेतु कार्यकारिणी गठित की गई।
अध्यक्ष : दिनेश भण्डारी।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष : मधुसूदन बलूनी।उपाध्यक्ष : धीरज सिंह प्याल , सुदेश भट्ट , कुलदीप नेगी।
सचिव : प्रदीप कुकरेती।
संयुक्त सचिव : दयाल सिंह प्याल।
संगठन मन्त्री : हरीश कण्डवाल।
प्रचार सचिव/मन्त्री :मनीष रावत।
ऑडिटर :शान्ति प्रसाद बड़थ्वाल।
कार्यकारिणी सदस्य : उपेन्द्र दत्त कुकरेती , योगेन्द्र सिंह नेगी , सुधा कुकरेती।
बैठक में राकेश जोशी, कुलदीप नेगी, दिनेश भण्डारी , सुन्दर श्याम कुकरेती , चन्द्रमोहन सिंह पयाल, सुरेन्द्र दत्त बेलवाल, शक्तिशैल कपरवान, प्रदीप कुकरेती, मनीष रावत, वाचस्पति भट्ट, शशिधर कुकरेती, दयाल सिंह पयाल, शान्ति प्रसाद भट्ट , सुदेश भट्ट, योगेन्द्र नेगी, शशिधर ष अमोली, हरीश कण्डवाल, उमाकान्त जोशी, रतन अमोली, उपेन्द्र दत्त कुकरेती, विनय जोशी आदि रहें।

फिर डराने लगा कोरोना! दिल्ली समेत कई राज्यों में फिर बढ़े कोविड-19 के मामले, सरकार अलर्ट मोड पर

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नई दिल्ली ,। देश में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित गुजरात, हरियाणा, केरल और कर्नाटक जैसे राज्यों में नए संक्रमण के केस सामने आए हैं। इसे देखते हुए सरकारों ने सतर्कता बढ़ा दी है और नागरिकों को एहतियात बरतने की सलाह दी है।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार तक दिल्ली में कोविड-19 के 23 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अधिकतर मामलों में लक्षण सामान्य फ्लू जैसे हैं।
सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी अस्पताल कोविड-19 से निपटने के लिए बेड, ऑक्सीजन, दवाएं और वैक्सीन की पूरी उपलब्धता सुनिश्चित करें। इसके अलावा वेंटिलेटर, बीआई-पीएपी, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और पीएसए इकाइयों को चालू हालत में रखा जाए।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सभी निजी और सरकारी अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट्स के साथ बैठक की गई है, जिसमें कोविड-19 से निपटने की तैयारी के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि पैनिक की कोई जरूरत नहीं है और सरकार लगातार मॉनिटरिंग कर रही है कि केस दिल्ली के हैं या बाहर से आए हैं।
दिल्ली सरकार ने सभी कोविड पॉजिटिव सैंपल्स को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लोक नायक अस्पताल भेजने का आदेश दिया है। साथ ही दिल्ली स्टेट हेल्थ डेटा मैनेजमेंट पोर्टल पर रोजाना आंकड़ों की रिपोर्टिंग अनिवार्य कर दी गई है।
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि अस्पतालों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ढ्ढरुढ्ढ) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (स््रक्रढ्ढ) के मामलों की भी निगरानी करनी होगी और इन्हें इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म (ढ्ढ॥ढ्ढक्क) पर दर्ज किया जाएगा। कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा के सभी पुष्ट मामलों को एल-फॉर्म में अपलोड करने का निर्देश भी जारी किया गया है।
सरकार ने संकेत दिया है कि कोविड-19 की स्थिति पर नजर रखी जा रही है और जनता को समय-समय पर अपडेट दिया जाएगा। सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें, हाथों की स्वच्छता बनाए रखें और किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत जांच करवाएं।

जिला प्रशासन हुआ सख्त तो खुलने लगा स्कूल फीस बढ़ोतरी का खेल

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“द प्रसिडेंसी इन्टरनेशनल स्कूल, भनियावाला का है मामला, 100 से अधिक अभिभावकों ने फीस बढ़ोतरी की थी शिकायत”

देहरादून, जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशन में शिक्षा माफियाओं पर निरंतर कार्यवाही की जा रही है। अभिभावकों से फीस के नाम पर वसूली की शिकायतों पर जिला प्रशासन द्वारा शहर के कई नामी-गिरामी स्कूलों पर कार्यवाही से जहां शिक्षा माफियाओं के हौसले पस्त हुए हैं वही बड़े-बड़े स्कूलों का फीस बढोतरी का खेल भी सामने आया है। फीस बढोतरी पर जिला प्रशासन की जीरो टालरेंस की नीति अपनाए हुए है, जिला प्रशासन का शिक्षा माफियाओं पर प्रहार जारी है, जिले में पहली बार शिक्षा माफियाओं के हौसले मटियामेट हुए हैं। जब प्रशासन के हाथ शिक्षा माफियाओं के गिरेबान तक पंहुचे तब विद्यालयों का फीस स्ट्रक्चर सुधरने लगा।
जिला प्रशासन के स्वशासन की दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे अब शिक्षा माफियाओं के हौसले नहीं टिक पा रहे हैं, जिससे जिले के कई नामी गिरामी स्कूल अब मनमर्जी फीस बढोतरी पर आए बैकफुट पर आएं है। जिला प्रशासन ने जैसे ही सख्ताई दिखाई तो धीरे-2 स्कूल फीस बढोतरी का खेल भी खुलने लगा। द प्रसिडेंसी इन्टरनेशनल स्कूल बिना मान्यता नवीनीकरण के संचालित होने पर प्रशासन रू0 5,20,000 शास्ति लगाई ।
वहीं भानियावाला में अवस्थित द प्रसिडेंसी इन्टरनेशनल स्कूल का फीस बढोतरी पर 100 से अधिक अभिभावकों द्वारा डीएम को शिकायत की गई थी। डीएम के निर्देश पर सीडीओ पर बुलाये जाने के उपरान्त भी स्कूल प्रबन्धन उपस्थित नही हो रहे थे। अभिलेखों की जांच करने पर पाया गया कि विद्यालय को प्री प्राईमरी से कक्षा 8 तक अंग्रेजी माध्यम से मार्च 2020 से मार्च 2025 तक की अवधि 5 वर्ष के लिए मान्यता प्रदान की गई थी, जबकि स्कूल प्रबन्धन द्वारा मान्यता नवीनीकरण के लिए अभी तक आवेदन नही किया गया है, जिस पर जिला प्रशासन द्वारा द प्रसिडेंसी विद्यालय पर प्री-प्राईमरी से कक्षा-8 तक बिना मान्यता के विद्यालय का संचालन करने के फलस्वरूप शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 की धारा-18 की उपधारा-5 में उल्लेखित प्राविधानों के अन्तर्गत विद्यालय पर प्रतिदिवस 10,000/- की दर से दिनांक 1 अपै्रल 2025 से 22 मई 2025 तक 52 दिवसों का कुल 5,20,000/- रूपये शास्ति आरोपित कर दी गई है। उक्त शास्ति की धनराशि विद्यालय प्रशासन को पत्र प्राप्त होने के तीन दिन के अन्तर्गत जमा करने के निर्देश दिए हैं। यदि विद्यालय प्रशासन द्वारा निर्धारित अवधि में शास्ति की धनराशि जमा नहीं की जाती है तो विद्यालय प्रशासन से धनराशि भू-राजस्व की भाँति वसूल की जायेगी।

 

दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र ने बच्चों, माता-पिता और दादा-दादी के लिए कहानी लेखन प्रतियोगिता शुरू की

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र ने आज एक अनूठी कहानी लेखन प्रतियोगिता का उद्घाटन किया, जिसमें 18 बच्चों और उनके अभिभावकों ने भाग लिया। लाइब्रेरी के बच्चों के अनुभाग में आयोजित इस कार्यक्रम ने कहानी कहने की शाश्वत खुशी का जश्न मनाने के लिए जीवन के सभी क्षेत्रों से उभरते लेखकों को एक साथ लाया।
अलग-अलग उम्र और क्षमताओं के बच्चे अपने माता-पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बैठे, हाथ से लिखने की रचनात्मक प्रक्रिया में शामिल हुए – एक ऐसा अनुभव जिसे कई प्रतिभागियों ने आनंददायक और गहराई से सार्थक दोनों पाया।
भाग लेने वाले अभिभावकों में से एक श्री मनोज सक्सेना ने कहा, “कागज पर पेन या पेंसिल से लिखना धीरे-धीरे एक खोई हुई कला बनता जा रहा है।” “यह केवल शब्दों को व्यक्त करने के बारे में नहीं है, यह डिजिटल दुनिया के सामान्य विकर्षणों के बिना अपनी कल्पना और विचारों का सामना करने के बारे में है। इस तरह लिखने से आपको खुद से गहरे स्तर पर जुड़ने में मदद मिलती है।”
कहानी लेखन प्रतियोगिता शनिवार, 31 मई 2025 और फिर शनिवार, 7 जून 2025 को जारी रहेगी। अंतिम सत्र में न केवल बच्चे और माता-पिता, बल्कि दादा-दादी और बड़े भाई-बहन भी शामिल होंगे, जिसमें पीढ़ियों में रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए पुस्तकालय की प्रतिबद्धता पर जोर दिया जाएगा।
दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र शहर भर के परिवारों को इस समृद्ध अनुभव में भाग लेने और कहानियों की स्थायी शक्ति का जश्न मनाने के लिए आमंत्रित करता है।

बाल भवन में पांच दिवसीय ‘मिलकर रहना सीखो शिविर’ का समापन

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“शिविर में 83 बच्चों के साथ 23 एस्कॉर्ट्स शिक्षकों ने की भागीदारी”

देहरादून, उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा अभावग्रस्त एवं जरूरतमंद बच्चों के हितार्थ पांच दिनों से चलाए जा रहे शिविर का समापन मुख्य अतिथि डॉ. देवेन्द्र पालीवाल एवं प्रदेश के सूचना आयुक्त योगेश भट्ट द्वारा किया गया।
ज्ञातव्य है कि उत्तराखंड़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा प्रतिवर्ष प्रदेश के राजकीय तथा सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत 10 से 14 आयु वर्ग के जरूरतमंद एवम् अभावग्रस्त बच्चों के हितार्थ प्लेटफार्म उपलब्ध करती है, इस दौरान बच्चों में घर से अलग रहकर अपना दैनिक कार्य स्वयं करने की आदत विकसित होती है। बच्चे पारिवारिक माहौल से विरत होकर अपने साथियों संग मिलकर अपनी जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हैं, वहीं अपनी रीति रिवाज एवम् बोली भाषा का आदान प्रदान भी करते हैं।
परिषद् की महासचिव श्रीमती पुष्पा मानस द्वारा अतिथियों का स्वागत करते हुए पांच दिवसीय शिविर की दैनिक आख्या से अवगत करवाया गया। उन्होंने बताया कि परिषद् के सम्मानित पदाधिकारी तथा आजीवन सदस्य अवैतनिक स्वयंसेवी के रूप अपना योगदान देते हैं।
संयुक्त सचिव कमलेश्वर प्रसाद भट्ट ने बताया कि इस वर्ष शिविर में प्रदेश के सभी जनपदों ने प्रतिभाग किया है, यह सब शिक्षा विभाग के सहयोग से ही सम्भव हो पाया है। शिविर में 83 बच्चों के साथ 23 एस्कॉर्ट्स शिक्षकों ने भागीदारी की। सभी स्वयंसेवी के रूप में दैनिक गतिविधियों में शामिल हुए और शिविर को सफल बनाने में योगदान दिया।
इससे पहले शिविरार्थियों ने समीपस्थ अम्बेडकर कॉलोनी में सेना के वीर जवानों के सम्मान में रैली निकालकर राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया।
प्रथम सत्र के विशिष्ट अतिथि प्रदेश के सूचना आयुक्त योगेश भट्ट द्वारा बालभवन परिसर में पौध रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। श्री भट्ट ने अपने स्वयं के जीवन से जुड़ी प्रेरणादायक उद्धरण प्रस्तुत किए, साथ ही सूचना के अधिकार पर शिक्षकों के साथ ही बच्चों को महत्वपूर्ण जानकारी दी। लोककल्याण से जुड़ी सूचना पर भी अवगत करवाया गया। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अभाव कभी भी आगे बढ़ने में बाधक नहीं होता, अगर हम अपना कार्य मेहनत से करते रहें तो हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति और निरन्तर अभ्यास हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में अवश्य मददगार साबित होती है। इस दौरान बच्चों ने खूब प्रश्न पूछे, श्री योगेश भट्ट ने बच्चों की जिज्ञासा संतुष्ट करते हुए उन्हें नकद पुरस्कार देते हुए प्रोत्साहित भी किया। इस मौके पर इनर वील के स्वयंसेवियों द्वारा बच्चों का मनोबल बढ़ाया गया एवं परिषद् की हर गतिविधि में शरीक होकर सहयोग देने का आश्वासन दिया।
समापन समारोह के मुख्यअतिथि डॉ. देवेंद्र पालीवाल (अव. प्राप्त सीनियर साइंटिस्ट, मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल भारत सरकार) ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि आत्मविश्वास एवम् परिश्रम से हम अपने अभीष्ट लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। केवल अंको के आधार अपना मूल्यांकन नहीं करना चाहिए। आगे बढ़ने के लिए आत्विश्ववास के साथ धैर्य एवम् परिश्रम आवश्यक है। उपाध्यक्ष श्रीमती मधु बेरी ने बच्चों तथा शिक्षकों से मुख्य अतिथि डॉ. देवेंद्र पालीवाल के सेवा अनुभवों तथा विचारों का लाभ उठाने की अपेक्षा की।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश बाबला ने अतिथियों के साथ ही शिविर में उपस्थित सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों का आभार प्रकट किया। उन्होंने सभी स्वयंसेवियों से भविष्य में भी इसी तरह के सहयोग की अपेक्षा की।
शैक्षिक गतिविधियों पर आधारित प्रतियोगिताओं में डॉ. एस एस नेगी पूर्व निदेशक आई आर डी ई द्वारा प्रायोजित निबन्ध प्रतियोगिता, समाजसेवी मधु बेरी सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, महासचिव एवं पूर्व शिक्षा निदेशक श्रीमती पुष्पा मानस द्वारा प्रायोजित अपने साथी को पहचानो एवम् श्रीमती डॉ. आशा श्रीवास्तव सुलेख प्रतियोगिता आयोजित की गई

यह रहे विभिन्न प्रतियोगिता के विजेता :

निबन्ध प्रतियोगिता :
प्रथम . समीक्षा (चमोली)
द्वितीय. कनिष्का (अल्मोड़ा)
तृतीय . इकरा (हरिद्वार)

सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता :
प्रथम. कनिष्का (अल्मोड़ा)
द्वितीय.खुशी (उत्तरकाशी)
तृतीय . हार्दिक कोरंगा (बागेश्वर)
सांत्वना .शालिनी (रुद्रप्रयाग)
सांत्वना .कृष्ण सिंह (चमोली)
सांत्वना . रोहित (पौड़ी)

अपने साथी को पहचानो :
प्रथम .सुहानी (उत्तरकाशी)
द्वितीय. आयशा (हरिद्वार)
तृतीय . शालिनी (रुद्रप्रयाग)

सुलेख प्रतियोगिता :
प्रथम . प्रियांशु (बागेश्वर)
द्वितीय. आरूषी (टिहरी)
तृतीय .मानवी (नैनीताल)

विजेता बच्चों को मिले आकर्षक उपहार, प्रमाणपत्र और चैक :

बच्चों के ज्ञानवर्धन हेतु पूर्व महासचिव बालकृष्ण डोभाल द्वारा सभी बच्चों को एक एक सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता पुस्तिका प्रदान की गई, महासचिव श्रीमती पुष्पा मानस ने बताया कि शिविर संचालित करने में सभी स्वयंसेवियों ने यथाशक्ति सहयोग दिया, फिर भी शिक्षक धन सिंह घरिया, भूपेंद्र चौधरी, ठाट सिंह, रघुवीर पंवार, अमिता एवं सुमन का सहयोग प्रशंसनीय है। उन्होंने बताया कि परिषद की वित्तीय स्थिति को देखते हुए देहरादून जनपद की शिक्षिका श्रीमती परविंदर कौर ने दस हजार रुपए की सहायता देकर सराहनीय कार्य किया।
इसी क्रम में छात्रों हिमांशु, अनुष्का, आयशा, तरुण, हार्दिक, सुनील कुमार आदि का कार्य एवं बेबाकी से अपनी बात रखनी की प्रशंसा की जाती है। पांच दिवसीय आवासीय शिविर का संचालन महासचिव श्रीमती पुष्पा मानस के साथ ही संयुक्त सचिव कमलेश्वर प्रसाद भट्ट द्वारा किया गया ।
इस दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश बावला, उपाध्यक्ष श्रीमती मधु बेरी, महासचिव श्रीमती पुष्पा मानस, संयुक्त सचिव कमलेश्वर प्रसाद भट्ट, कोषाध्यक्ष श्रीमती आशा श्रीवास्तव, पूर्व महासचिव वी के डोभाल, आजीवन सदस्य के पी सती, आनन्द सिंह रावत, कुसुम कुठारी, डॉ. कुसुमरानी नैथानी, मोहन सिंह खत्री, कविता दत्ता, स्वयंसेवी के रूप में योगम्बर सिंह रावत, मनजीत, राजा, मीनाक्षी और नियाशा आदि उपस्थित रहे।

मेडिकल पब्लिक हेल्थ मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का किया सम्मान

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हरिद्वार (कुलभूषण) चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं एवं लेब टेक्नीशियन एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मेडिकल पब्लिक हेल्थ मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का स्वागत ओर सम्मान किया।
नवनिर्वाचित जिला सचिव धीरेन्द्र सिंह,संप्रेक्षक मंजू रावत का लेब टेक्नीशियन एसोसिएशन ओर चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ ने किया नवनिर्वाचित मंत्री धीरेन्द्र सिंह और संप्रेक्षक रावत ने कहा कि हम आपका आभार व्यक्त करते हैं और संगठन की मजबूती के लिए और सब संगठनों से तालमेल बनाकर कर्मचारियों की लंबित मांग पदोन्नति, कुंभ मेला भत्ता,कोविंड प्रोत्साहन भत्ता, जी एच के दिन चिकित्सालयों की छुट्टी, इत्यादि मांगो को लेकर एक बैठक कर जल्द ही ज्ञापन नवनियुक्त कुंभ मेला अधिकारी महोदया ,और जिला अधिकारी महोदय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार को प्रेषित करेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष लेब टेक्नीशियन एसोसिएशन महावीर चौहान ने कहा कि कर्मचारियों की पदोन्नति, कुंभ मेला भत्ता, कोविड प्रोत्साहन भत्ता जो कर्मचारियों को नहीं मिला जबकि अधिकारियों को दे दिया गया है हमेशा से कर्मचारियों को ही कुछ नहीं मिलता जबकि कोविड के दौरान लेब टेक्नीशियन, नर्सेस, वार्ड बाय, एक्सरे टेक्नीशियन, उपनल, पी आर डी के कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना कार्य किया किंतु माननीय मुख्यमंत्री जी के आदेश के बाद भी आज तक कर्मचारियों को कोविड प्रोत्साहन भत्ता नहीं मिल पाया है।
इसके लिए सबको मिलकर लड़ाई लड़नी होगी।
नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का स्वागत करने वालों में महावीर सिंह चौहान, दिनेश लखेडा, उमेश सैनी,रैना नय्यर, रजनी अग्रवाल, अकलीम अंसारी, मनोज चमोली, वर्णिक चौधरी, अशोक कालरा, राजेन्द्र तेश्वर, राकेश भंवर इत्यादि शामिल थे।