देहरादून, स्व. एचसी बजाज मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट का खिताबी मुकाबला अधोइवाला बॉयज एवं सीटी यंग के बीच रविवार(आज) को खेला जाएगा |
डीडीएसए द्वारा आयोजित प्रथम स्व. एच सी बजाज मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट में आज पहला सेमीफाइनल सीटी यंग्स एवं उत्तराखंड पुलिस के बीच खेला गया , संघर्षपूर्ण मुकाबले में सीटी यंग ने खेल के 12वे मिनट में भूपेश के गोल से बढ़त ले ली , एक गोल से पिछड़ने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने आक्रमक खेल खेलते हुए खेल के दूसरे हाफ में गोल मारकर बराबरी की, पुलिस की ओर शेर सिंह ने शानदार मैदानी गोल मारकर मैच को रोमांचक बना दिया | खेल समाप्ति तक दोनों टीमें जीत के लिये जद्दोजहद करती रही परन्तु दोनों ही टीमें बढ़त लेने में नाकाम रही, फलस्वरूप टाई ब्रेकर में सीटी यंग ने अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की और सड़न डेथ में मुकाबला 11-10 से जीत कर फाइनल में प्रवेश किया |
प्रतियोगिता के दूसरे सेमीफाइनल में अधोइवाला बॉयस ने गढ़वाल स्पोर्टिंग को 2-0 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया, अधोइवाला की ओर से आकाश एवं मुनीष थापा ने स्कोर किया | आज प्रतियोगिता के दौरान जोगेंद्र पुंडीर, नीनू सहगल एवं मदन कोहली आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे | आयोजक सचिव निर्मल कुमार एवं महासचिव गुरचरण सिंह ने बताया कि प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला रविवार को ढाई बजे से शुरू होगा | फाइनल के मुख्य अथिति डीजीपी अशोक कुमार होंगे |
स्व. एचसी बजाज मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट : अधोइवाला बॉयज एवं सीटी यंग्स के बीच होगा खिताबी मुकाबला
जयंती विशेष : अटल बिहारी वाजपेई के जीवन की ये कहानियां शायद ही आपने सुनी हों
(अंकित सिंह )
भारतीय राजनीति में अटल बिहारी वाजपेयी का कद क्या था, शायद यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें जननेता कहा जाता है। इसके साथ ही अटल बिहारी वाजपेय को भारतीय राजनीति का आजादशत्रु भी कहा जाता है। भारत माँ के सच्चे सपूत, राष्ट्र पुरुष, राष्ट्र मार्गदर्शक, सच्चे देशभक्त ना जाने कितनी उपाधियों से पुकार जाता था भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को। हम यह कह सकते है कि वो सही मायने में भारत रत्न थे। देश के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके अटल बिहारी वाजपेयी को सांस्कृतिक समभाव, उदारवाद और तर्कसंगतता के लिए जाना जाता है। राष्ट्र के लिए अटल बिहारी वाजपेयी सदैव समर्पित रहे। अटल बिहारी वाजपेयी अपनी वाकपटुता के लिए भी जाने जाते थे। आज हम उन्हीं के जीवन के कुछ अनछुए किस्से आपको बताते हैं।
पैदल जाते थे संसद
एक अखबार को दिए इंटरव्यू में अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद नजदीकी रहे लालकृष्ण आडवाणी ने एक मजेदार किस्सा बताया था। आडवाणी ने कहा था कि अटल बिहारी वाजपेयी जब पहली बार सांसद बने थे तो वह भाजपा नेता जगदीश प्रसाद माथुर के साथ चांदनी चौक में रहते थे। दोनों संसद पैदल ही आते जाते थे। लेकिन एक दिन अचानक अटल बिहारी वाजपेयी ने माथुर जी से कहा कि आज रिक्शा से चलते हैं। माथुर जी को थोड़ा आश्चर्य हुआ। लेकिन बाद में पता चला कि आज बतौर सांसद अटल बिहारी वाजपेयी को तनख्वाह मिली थी।
नहीं की थी शादी
वाजपेयी जी ने शादी नहीं की थी, यह हम सभी को पता है। लेकिन उनसे इंटरव्यू में यह सवाल बार-बार किए जाते थे कि आपने शादी क्यों नहीं की? एक इंटरव्यू के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने बताया कि घटनाक्रम ऐसा चलता गया कि मैं उसमें उलझ गया और विवाह का मुहूर्त ही नहीं निकल पाया। इसके साथ ही उनसे सवाल किया गया कि कभी अफेयर हुआ? मुस्कुराते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने जवाब दिया था कि ऐसी बातें सार्वजनिक रूप से नहीं की जाती। मजाक मजाक में अटल बिहारी वाजपेयी ने तो एक बार यह भी कह दिया था कि वह अविवाहित है, परंतु कुंवारे नहीं हैं।
फिल्म देखने का शौक
अटल बिहारी वाजपेयी को फिल्मों का बड़ा शौक था। वह अपने दोस्तों के साथ नजदीकी सिनेमा हॉल में अक्सर जाते थे और फिल्म देखते थे। इसके साथ ही वह जब भी तनाव में होते तो फिल्में देखना उन्हें पसंद था। एक बार दिल्ली के नयाबांस का उपचुनाव था। भाजपा की ओर से अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने जीत के लिए कड़ी मेहनत की थी। लेकिन पार्टी चुनाव हार गई। दोनों में नाराजगी थी लेकिन अचानक अटल जी ने कहा- चलो फिल्म देखते हैं और फिर दोनों फिल्म देखने चले गए।
जब बिना बताए हुआ था पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर नाम का ऐलान
तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने 1995 के मुंबई सार्वजनिक तौर पर यह ऐलान कर दिया था कि अटल बिहारी वाजपेयी ही भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। तब कई लोगों को आश्चर्य भी हुआ था। तभी अटल बिहारी वाजपेयी ने तुरंत आडवाणी से पूछा यह आपने क्या कर दिया? मुझसे पूछ तो लिया होता। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी को जवाब देते हुए आडवाणी ने कहा पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते अधिकार रखता हूं।
खाने-पीने के थे शौकीन
अटल बिहारी वाजपेयी खाने-पीने के शौकीन थे। अपने शुरुआती दिनों में वे अक्सर अपने दोस्तों के साथ दिल्ली के विभिन्न रेस्टोरेंट में चला जाया करते थे। इसके साथ ही जब भी उन्हें मौका मिलता वह पकौड़े और खिचड़ी जबरदस्त तरीके से बनाते थे और दोस्तों के साथ मिल बैठकर खाते थे। उन्हें पुरानी दिल्ली में स्थित करीम होटल का खाना काफी पसंद था। उन्होंने अपने नॉनवेज खाने और मदिरापान की बात को कभी भी नहीं छुपाया।
अटल बिहारी वाजपेयी करीब 50 वर्षों तक भारतीय संसद के सदस्य रहे। हालांकि वह ऐसे एकमात्र नेता थे जो चार अलग-अलग प्रदेशों से चुनकर संसद पहुंचे थे। इसके अलावा अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे एकमात्र गैर कांग्रेसी नेता हैं जिन्होंने तीन बार प्रधानमंत्री पद संभाला है।
कविता प्रेम
अटल बिहारी वाजपेयी का पहला प्रेम कविता ही बताया जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी शानदार कवि थे। उन्हें कवि सम्मेलनों में जाना बेहद ही पसंद था। हालांकि उच्च पदों पर पहुंचने के बाद वह इन सम्मेलनों में शामिल नहीं हो पाते थे जिसकी वजह से निराश भी हो जाते थे। इसके अलावा वह अपने आलोचकों को भी ध्यान से सुनते थे और उनकी तारीफ करते थे।
यारों के यार थे
अटल बिहारी वाजपेयी की दोस्ती सभी को पता है। अपने विरोधी दलों के नेताओं के साथ भी उनकी दोस्ती काफी चर्चा में रहती थी। पीवी नरसिम्हा राव जब देश के मुख्यमंत्री थे तब ऐसे कई फैसले थे जो वह अटल बिहारी वाजपेयी से पूछ कर लिया करते थे। नरसिम्हा राव अटल बिहारी वाजपेयी को अपना राजनीतिक गुरु माना करते थे। साथ ही एक बार अटल बिहारी वाजपेयी ने मनमोहन सिंह को इस्तीफा देने से रोका था। दरअसल, मामला तब का है जब पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे। मनमोहन सिंह ने अपना बजट भाषण संपन्न किया तो अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद में उनकी खूब आलोचना की। मनमोहन सिंह इससे आहत हो गए और उन्होंने प्रधानमंत्री गांव को अपना इस्तीफा पेश कर दिया। राव साहब ने तुरंत वाजपेयी जी को फोन कर पूरी कहानी बताई। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी और उन्हें समझाया था की आलोचना राजनीतिक है, इसे व्यक्तिगत नहीं लेना चाहिए। अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर मनमोहन सिंह हमेशा उनसे मिलने जाया करते थे।
एक राजनीतिक परिचय
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से लेकर प्रधानमंत्री तक का सफर तय करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ग्वालियर में बड़े दिन के अवसर पर 25 दिसम्बर 1924 को हुआ। अटल बिहारी वाजपेयी पत्रकारिता करने के बाद राजनीति में आए। 1951 में भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में वह थे। पहली बार 1957 में उत्तर प्रदेश के बलरामपुर सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे। 1962 से 68 तक वह उत्तर प्रदेश से ही राज्यसभा के सदस्य रहे। 1967 में एक बार फिर से वह बलरामपुर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। ग्वालियर से उन्होंने 1971 में जीत हासिल की थी। नई दिल्ली सीट से वह 1977 में चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। 1977 में ही वह देश के विदेश मंत्री बने तभी उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में अपना संबोधन दिया था। 1980 में वह एक बार फिर से पांचवी बार लोकसभा पहुंचे थे। 1980 में ही भाजपा की स्थापना हुई थी और वह उसके संस्थापक सदस्यों के साथ-साथ पहले अध्यक्ष भी थे। 1986 में वह मध्य प्रदेश से राज्यसभा पहुंचे। 1991 में उन्होंने लखनऊ से जीत हासिल की थी और छठी बार लोकसभा पहुंचे। 1993 से 96 तक वह लोकसभा में विपक्ष के नेता रहे। 1996 में लखनऊ से जीतकर संसद पहुंचे और 13 दिनों के लिए भाजपा सरकार का नेतृत्व किया और प्रधानमंत्री बने। 1996 से 97 तक के एक बार फिर से वह लोकसभा में विपक्ष के नेता रहे। 1998 में उन्होंने लखनऊ से एक बार फिर से चुनाव जीता और प्रधानमंत्री बने। 1999 में भी हुए चुनाव में उन्होंने लखनऊ से जीत हासिल की और तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। 2004 में भाजपा को हार मिली हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ सीट से जीतने में कामयाब हुए। लेकिन स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से उन्होंने धीरे-धीरे राजनीति से दूरी बना ली। कई गंभीर बीमारियों से जूझने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स में हुआ।(साभार प्रभासाक्षी)
विराट व्यक्तित्व – अटल बिहारी वाजपेयी
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई 25 दिसंबर 1925 को पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेई एवं माता कृष्णा वाजपेई के परिवार ग्वालियर में जन्में थे | 93 वर्ष की अपनी लंबी जीवन यात्रा पूर्ण कर 16 अगस्त 2018 को अपनी इहलीला समाप्त कर स्वर्ग गमन कर गए | भारत छोड़ो आंदोलन में सहभागिता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक, संवेदनशील कवि, यशस्वी राजनेता, मुखर सांसद , प्रखर वक्ता, लोकप्रिय प्रधानमंत्री जैसे अनेक गुणों से युक्त वे एक विराट व्यक्तित्व के धनी थे | उन्होंने अपने आदर्श आचरण के आधार पर भारत ही नहीं विश्व के राजनेताओं में अपना अग्रणी स्थान बना लिया | भारतीय जनता के तो वे ह्रदय पर शासन करने वाले अपने अटल जी थे | इन्हीं सब आदर्श गुण एवं व्यवहार के कारण अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी ने कहा था कि “एक उत्कृष्ट वक्ता, एक प्रभावशाली कवि, एक असाधारण लोकसेवक, एक उत्कृष्ट सांसद और एक महान प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी आधुनिक भारत के सबसे ऊंचे नेताओं में से एक थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन हमारे महान देश की सेवा में लगाया | लंबे समय तक हमारा देश उनकी सेवाओं को याद रखेगा |”
स्वयंसेवक-पत्रकार – विद्यार्थी काल में अटल जी 1940 में स्वर्गीय नारायण राव तर्टे जी के संपर्क में आकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए | संघ विचार से प्रभावित होकर उन्होंने आजीवन प्रचारक रहने का संकल्प किया एवं इस संकल्प का निर्वाह उन्होंने संपूर्ण जीवन भर किया | उनकी विशिष्ट लेखन शैली से प्रभावित होकर संघ नेतृत्व ने उन्हें लेखन कार्य में लगाया | राष्ट्रधर्म, पांचजन्य एवं वीर अर्जुन जैसे पत्रों का संपादन उन्होंने किया | इन पत्रों का लेखन, संपादन, कंपोजिंग एवं छपने के बाद अपनी पीठ पर लादकर यथा स्थान पहुंचाने की व्यवस्था भी वही करते थे | यह सब करते हुए कार्य में मग्न, रात्रि को भूखे – प्यासे ईट का तकिया बनाकर जमीन पर सो जाने की घटनाओं ने कितने ही युवकों को देश सेवा के मार्ग पर चलने के लिए लिए प्रेरित किया है |
राजनीतिक यात्रा – 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में 23 दिन के कारावास से उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा प्रारंभ की | भारतीय चिंतन के आधार पर राजनीति में विकल्प प्रस्तुत करने के उद्देश्य से डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में भारतीय जनसंघ के नाम से दल की स्थापना हुई | जो आज भारतीय जनता पार्टी के नाम से विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है | स्व० अटल जी प्रारंभ से ही जनसंघ के साथ जुड़े | जनसंघ एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहकर दल का नेतृत्व भी उन्होंने किया | 1952 में प्रथम लोकसभा चुनाव में वे पराजित हुए | 1957 के लोकसभा चुनाव में बलरामपुर संसदीय क्षेत्र से विजय प्राप्त कर उन्होंने अपनी संसदीय यात्रा प्रारंभ की | अटल जी 10 बार लोकसभा एवं 2 बार राज्यसभा सदस्य रहे | विपक्ष के नेता, विदेश मंत्री एवं प्रधानमंत्री जैसे पदों को उन्होंने गरिमा प्रदान की | अस्वस्थता के कारण 2004 में उन्होंने अपने को राजनीति से अलग कर लिया|
हिंदी भाषा के प्रति गौरव भाव – स्व० अटल जी हिंदी भाषा के अनन्य पुजारी थे | अटल जी ने हिंदी के गौरव को बढ़ाने का सदैव प्रयास किया | विश्व में अटल बिहारी वाजपेई को हिंदी भाषा को गौरव दिलाने के लिए सदैव स्मरण किया जाएगा |1977 में संयुक्त राष्ट्र संघ में विदेश मंत्री रहते उन्होंने हिंदी में भाषण दिया | इस प्रसंग को अपनी कविता में “हिंद हिंदी में बोला” कह कर उन्होंने महिमामंडित भी किया।
भारत मां के अखंड पुजारी – अटल जी ने अपना संपूर्ण जीवन देश को समर्पित किया | उनके लिए भारत भूमि जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता जागता राष्ट्रपुरुष थी | देश के अंदर निवास करने वाले सभी लोग उनके अपने थे | उन्होंने भाषा, जाति, क्षेत्र सभी से ऊपर उठकर व्यवहार किया | यहां की नदियां, पेड़-पौधे, परंपराएं सभी उनके लिए पूजनीय थी | आसेतू हिमाचल इस देश का कण-कण उनके लिए पवित्र था | “दूध में दरार पड़ गई” कविता के माध्यम से पंजाब में आतंकवाद से उपजी पीड़ा को अटल जी ने व्यक्त किया था | मातृभूमि की पवित्रता का वर्णन करते हुए उन्होंने अपने भाषण में कहा कि “यह वंदन की भूमि है, अभिनंदन की भूमि है, यह तर्पण की भूमि है, यह अर्पण की भूमि है | इसका कंकड़-कंकड़ शंकर, इसका बिंदु-बिंदु गंगाजल है | हम जिएंगे तो इसके लिए, मरेंगे तो इसके लिए |”
विकास पुरुष – प्रधानमंत्री के कार्यकाल में अटल जी ने भारत के विकास में नयी गाथा जोड़ी | गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए “प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना”, “स्वर्णिम चतुर्भुज योजना”, ढांचागत विकास के लिए समुद्री एवं वायु पत्तनो का विकास, आदि अनेक कार्य उनके कार्यकाल की देन है |
राष्ट्र के सुरक्षा प्रहरी – भारतीय सीमाओं की सुरक्षा के संबंध में स्व० अटल बिहारी वाजपेई ने संसद एवं देश को सदैव सावधान किया | प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी की तिब्बत के विषय पर विमुखता की उन्होंने आलोचना की | तिब्बत पर चीन के कब्जे को लेकर भारत की ढुलमुल नेहरू जी की नीति पर भी अटल जी ने भारत की सरकार को सावधान किया | तिब्बत के चीन के कब्जे में जाने से भारत की सुरक्षा पर आने वाले खतरों के प्रति वे सचेत थे | चीन के भारत पर आक्रमण के समय भी उन्होंने सड़क से संसद तक भारत की सरकार एवं जनता को सावधान किया था | चीन का व्यवहार धोखेबाजी का है उसने तिब्बत पर धोखा दिया है पंचशील के चक्कर में आकर केंद्र की सरकार दुर्बल कदम ना उठाए इसका आग्रह उन्होंने किया था |
शांति प्रणेता- युद्ध विजेता – अटल जी का स्पष्ट मानना था कि पड़ोसियों के साथ सदैव हमारा मित्रता पूर्ण संबंधरहे | इसी कारण उन्होंने कहा था कि “मित्र बदले जा सकते हैं पड़ोसी नहीं” | इसी विश्वास के आधार पर प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने आगरा शिखर वार्ता एवं अमृतसर से लाहौर की बस यात्रा प्रारंभ की | पाकिस्तान के साथ संबंध सुधार का यह उनका अनूठा प्रयास था | लेकिन अपने स्वभाव के अनुसार पाकिस्तान शांति की ओर न जाकर युद्ध की ओर गया | देश को कारगिल युद्ध करना पड़ा | अटल जी के जीवन का वैशिष्ट्य था कि जिस विश्वास के साथ वह शांति की ओर बढ़े थे उसी विश्वास से उन्होंने युद्ध का भी वरण किया, जिसमें हमारी सेनाओं ने विजय प्राप्त की | परमाणु बम का विस्फोट करके उन्होंने भारत को विश्व की महाशक्तियों के साथ लाकर खड़ा किया |
निराशा में भी अदम्य विश्वास – देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनसंघ ने अपने दल का विलय जनता पार्टी में किया था | जनता पार्टी के इस प्रयोग की असफलता से उनको घोर निराशा हुई थी | इस निराशा को कवि हृदय अटल जी ने अपनी कविता में यह कहकर व्यक्त किया कि “राह कौन सी जाऊं मैं” लेकिन पुनः उन्होंने अपनी सामर्थ्य को संकलित किया और लिखा “गीत नया गाता हूं” इसी विश्वास से 1980 में भारतीय जनता पार्टी दल का उदय हुआ | मुंबई अधिवेशन के अपने समापन भाषण में उन्होंने कहा कि “अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा | आगामी चुनाव में भाजपा को सफलता नहीं मिली अटल जी स्वयं भी हार गए | “ न दैन्यं न पलायनम् ” की उक्ति को चरितार्थ करते हुए उन्होंने अपने सहयोगियों एवं देश भर में फैले असंख्य कार्यकर्ताओं का अचूक मार्गदर्शन किया, जिसका परिणाम आज भाजपा देश का नेतृत्व करने वाली विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है |
दिल्ली की अनुसूचित वर्ग की सभा में बोलते हुए अटल जी ने कहा था कि न हम मनुवादी हैं, न ब्राह्मण वादी हैं, हम संविधान वादी हैं, इसलिए हम अंबेडकरवादी हैं | लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए अटल जी सदैव लड़े, आपातकालीन कारावास भी काटा | वे एक कवि हृदय राजनेता थे | दार्शनिक दृष्टि लेकर उन्होंने राजनीति में कार्य किया | समाज की शक्ति पर उनको अगाध विश्वास था | देश के विषय पर पक्ष-विपक्ष से ऊपर उठकर उन्होंने अपने को सदैव प्रस्तुत किया | अपनी बात को सदैव निर्भीकता के साथ उन्होंने रखा | शब्द प्रयोग उनका अतुलनीय था | भारतीय संस्कृति के वे प्रतीक पुरुष थे | उनके जन्मदिवस पर हम भारत को आत्मनिर्भर, समरस एवं सुरक्षित भारत बनाने का संकल्प लें |
खास खबर : हरक की नाराजगी हुई दूर, कोटद्वार में मेडिकल कालेज के लिए जल्द होगा शासनादेश जारी
हरक की नाराजगी मेडिकल कॉलेज को लेकर थी जो अब दूर हो गई : विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’
देहरादून, उत्तराखंड में बीती रात कैबिनेट बैठक के बाद हुये घटनाक्रम ने देहरादून से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मचा दिया, एकाएक हुये इस राजनीतिक घटनाक्रम की तमाम चर्चाओं को लेकर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने जानकारी दी है। बीती रात कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफे और उमेश शर्मा काऊ के विधायक से इस्तीफे की चर्चा रही। अब उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि, कोटद्वार में मेडिकल कालेज के लिए जल्द शासनादेश जारी होगा। विधायक काऊ के अनुसार पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर उन्होंने बीती रात मंत्री रावत से बातचीत की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात हरक सिंह रावत से बात की।
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि, मंत्री हरक सिंह रावत नाराज नहीं हैं और इस्तीफे का सवाल ही नहीं बनता।
गौरतलब हो कि बीती रात हरक सिंह रावत इस्तीफे की धमकी देकर कैबिनेट बैठक छोड़कर चले गए थे। वैसे तो यह हरक सिंह की पुरानी चाल है जिसके माध्यम से वह हमेशा अपनी धमक दिखाते चले आ रहे हैं, लेकिन इस बार वे कोटद्वार मेडिकल कालेज से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं रखने से नाराज बताए जा रहे थे। उधर, रायपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के भी भाजपा छोड़ने की चर्चा रही, लेकिन उन्होंने इससे इन्कार किया है। काऊ को हरक सिंह के करीबियों में माना जाता है।
दूर हुई नाराजगी :
बीती रात हुये इस घटनाक्रम ने सभी को सकते में डाल दिया |
भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफे की चर्चाओं के बीच रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा है कि हरक की नाराजगी मेडिकल कॉलेज को लेकर थी जो अब दूर हो गई है। शनिवार की सुबह उमेश शर्मा काऊ मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने बताया कि हरक सिंह रावत की नाराजगी दूर हो गई है।
दूसरी तरफ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के देहरादून दौरे से ठीक दो दिन पहले हरक के इस्तीफे की खबर ने दून से दिल्ली तक भाजपा में हडकंप मचा दिया था। देर रात सियासी हलकों में चर्चा तैरी कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. हरक सिंह रावत से फोन बात की। वहीं मीडियाकर्मियों ने उनके यमुना कालोनी स्थित सरकारी आवास पर डेरा जमाया लेकिन हरक वहां नहीं पहुंचे। डिफेंस कालोनी स्थित आवास में भी वह नहीं मिले। मीडिया को जहां-जहां भी उनके उपलब्ध होने की संभावना था, वहां-वहां निराशा हाथ लगी। कैबिनेट बैठक से बाहर निकलने के बाद हरक ने अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर दिया था।
सुबोध उनियाल ने भी की थी हरक सिंह के नाराज होने की पुष्टि :
कैबिनेट ब्रीफिंग में पहुंचे शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने हरक सिंह की नाराजगी पुष्टि तो की, लेकिन इस्तीफे से जुड़े सवाल को वह टाल गए। अचानक हरक के इस्तीफे की खबर ने भाजपा में हड़कंप मचा दिया। दिल्ली से लेकर दून तक फोन घनघनाने लगे। मीडिया से इस्तीफे की पुष्टि करने का प्रयास होता रहा। संपर्क करने पर पार्टी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने कहा कि हरक सिंह ने कोई इस्तीफा नहीं दिया। उन्होंने पार्टी विधायक उमेश शर्मा के इस्तीफे की खबर को सिरे से खारिज किया। पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी हरकत में आ गए। उन्होंने भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ से बात की। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि पार्टी विधायक काऊ ने डॉ. निशंक को आश्वस्त किया कि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है। वह भाजपा के सच्चे सिपाही हैं। चर्चा यह भी है कि में शाह ने पार्टी विधायक उमेश शर्मा काऊ के माध्यम से हरक सिंह रावत से बात की और उनकी हर समस्या के समाधान का भरोसा दिया।
खास खबर : सियासी हलचल के बीच उत्तराखंड़ कैबिनेट, लिये गये 41 बड़े फैसले
देहरादून, उत्तराखंड़ सरकार की ठीक विधान सभा चुनाव से पहले हुई कैबिनेट बैठक हुई समाप्त, कैबिनेट बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी शासकीय प्रवक्ता श्री सुबोध उनियाल ने दी।
1. उत्तराखण्ड इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन नियमावली, 2015 संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी।
2. उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा नियमावली 2021 संशोधन को मंजूरी।
3. कोविड 19 की तीसरी लहर के तहत कार्यों के संपादन में अधिप्राप्ति नियमावली में छूट जारी रहेगी।
4. उत्तराखण्ड राज्य निधि विज्ञान प्रयोगशाला और राजपत्रित तकनीकी समूह ख सेवा नियमावली 2021 मंजूरी
5. आयकर विभाग द्वारा उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से वर्ष 2008-09 से 2014-15 तक के लिए लिए गए ब्याज सहित कर को वापस करने हेतु चार्टड अकाउन्टेंट की सेवा को मंजूरी।
6. उत्तराखण्ड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम 2012 के अनुसार रूद्रप्रयाग एवं पौड़ी जनपद के संबंध में अधिसूचना को मंजूरी।
7. उत्तराखण्ड मजदूरी संहिता नियम 2021 को मंजूरी।
8. उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में उद्यान विकास शाखा के अंतर्गत सौन्दर्यीकरण योजना में राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, उच्च न्यायालय, नैनीताल, विधानसभा एवं सचिवालय में रख-रखाव हेतु अलग शाखा को मंजूरी।
9. उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश स्वापक औषधि नियमावली, 1986) संशोधित नियमावली, 2021 को मंजूरी।
10. उत्तराखण्ड राज्य में ई-स्टाम्पिंग प्रणाली के अंतर्गत केन्द्रीय अभिलेख अनुरक्षण अधिकरण के रूप में कार्यरत स्टॉक होल्डिंग कापोरेशन इण्डिया तथा राज्य सरकार के मध्य संपादित अनुबंध पत्र का नवीनीकरण विचलन के प्रस्ताव को मंजूरी
11. राज्य कर्मचारियों को 03 प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ते को मंजूरी।
12. सुन्दर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार को मंजूरी।
13. राज्य में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना को मंजूरी।
14. कक्षा एक से आठवीं तक के छात्रों के जूता, बैग निःशुल्क डी.बी.टी के माध्यम से देने की मंजूरी।
15. कोटद्वार मेडिकल कॉलेज हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 05 करोड़ रूपये की मंजूरी।
16. पर्वतीय क्षेत्र में फैक्लटी की कमी को देखते हुए क्लीनिकल ट्रेड डाक्टर को 50 प्रतिशत अतिरिक्त इन्टेनसिव को मंजूरी।
17. विद्युत सरचार्ज 31 मार्च, 2022 तक को माफ रखा जाएगा।
18. स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी पद पर पद के सापेक्ष ऑउटसोर्सिंग से भरा जाएगा।
19. उपनल कर्मियों को प्रोत्साहन राशि अब हर माह देने का निर्णय।
20. दसवीं एवं बारहवीं छात्रों को डी.बी.टी के माध्यम से मोबाइल टेबलेट देने का निर्णय जिसपर एक अरब 90 करोड़ 81 लाख व्यय अधिभार होगा।
21. उच्च शिक्षा में सभी छात्रों को मोबाइल टेबलेट देने का निर्णय।
22. एक से पांचवी तक के कक्षा में द्विभाषी पुस्तक (गढ़वाली, कुमांऊनी, जौनसारी, गुरमुखी, बंग्ला भाषा) विकसित एवं प्रकाशित करने का निर्णय।
23. राज्य बनने के बाद पहली बार जापान अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग एजेन्सी , 526 करोड़ का निवेश उद्यान विभाग के लिए डी.पी.आर को मंजूरी।
24. सोप स्टोन पाउडर जी.एस.टी बकाये को चार वर्ष में 48 किश्तों में जमा करने को मंजूरी।
25. भारत सरकार द्वारा स्थापित स्वायत्तशासी संस्थाओं के शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रदान की गई उपाधियों को उत्तराखण्ड विद्यालय शिक्षा बोर्ड, रामनगर की उपाधियों से समकक्ष मानने को मंजूरी।
26. उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवायें विभग की ‘‘ उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सहायक सेवा, नियमावली, 2021 को मंजूरी।
27. प्राकृतिक आपदा प्रभावित परिवार के पुनर्वास/विस्थापन हेतु पुनर्वास नीति 2011 में संशोधन को मंजूरी27.
28. नगर निगम हरिद्वार मनसा देवी रोपवे को 3 करोड़ 25 लाख वार्षिक लीज रेंट 3 रूपये प्रति टिकट सेस पर पूर्व कार्यरत संस्था उषा ब्रेको कम्पनी के माध्यम से आगामी 02 वर्ष पर संचालित करने का निर्णय।
29. सिडकुल द्वारा एम्स की स्थापना हेतु दी गई भूमि के एवज में ग्राम देवरिया में कुल 22.475 है0 भूमि सिडकुल को आवंटित किये जाने की मंजूरी
30. उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा नियमावली, 2021 को मंजूरी।
31. ऊधमसिंहनगर रूद्रपुर में प्रस्तावित यातायात नगर योजना हेतु भूमि आंवटन की मंजूरी।
32. नैनीताल रामगढ़ के गुरूदेव रविन्द्रनाथ टैगोर टॉप में विश्व भारती, केन्द्रीय विश्वविद्यालय परिसर की स्थापना को मंजूरी।
33. अधीनस्थ अर्थ एवं संख्या नियमावली, 2021 को मंजूरी।
34. कोस्टगार्ड ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना हेतु 0.2860 है0 भूमि रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार को सःशुल्क आवंटित भूमि के नजराना एवं मालगुजारी की धनराशि में छूट प्रदान करते हुए निःशुल्क आवंटन को मंजूरी।
35. जनपद पिथौरागढ़, तहसील धारचूला के ग्राम गुंजी में सेना(119, इन्फेन्ट्री ब्रिज ग्रुप) के उपयोगार्थ 11.350 है0 राज्य भूमि रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के नाम सःशुल्क हस्तान्तरण करने को मंजूरी।
36. ऋषिकेश नरेन्द्रनगर शिवपुरी रेल में विकास निगम लिमिटेड द्वारा खनन पेनाल्टी पर छूट देने का निर्णय।
37. राज्य में पेयल उपभोक्ताओं के जल मूल्य एवं सीवर शुल्की की दरों का पुनरीक्षण करने हेतु गठित समिति के पुनर्गठन को मंजूरी।
38. वन भूमि हेतु लीज के नवीनीकरण तथा नई लीज की स्वीकृति हेतु नीति एवं वन भूमि मूल्य वार्षिक लीज रेंट निर्धारित करने का निर्णय।
39. उत्तराखण्ड अग्रिशमन एवं आपात सेवा, अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा संशोधन विधेयक 2021 को मंजूरी।
40. उत्तराखण्ड फुटलॉच ऐरोस्पोटर्स पैराग्लाइडिंग संशोधित नियमावली 2021 को मंजूरी।
41. सत्र 2022-23 में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 09 से 12 तक अध्ययनरत् सामान्य व पिछड़ी जाति के छात्र-छात्राओं को भी अनु0 जाति एवं अनु0 जनजाति के छात्र-छात्राओं के समान निःशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना से आच्छादित कराये जाने का निर्णय।
उत्तराखंड़ में राजनीति हलचल : कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने दिया इस्तीफा
देहरादून, उत्तराखण्ड़ की राजनीति से बड़ी खबर है, जिसने विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक आते ही तूफान खड़ा कर दिया और राज्य में राजनीतिक उथल पुथल शुरू होने के संकेत दे दिये । बताया जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत कैबिनेट बैठक में किसी मुद्दे को लेकर नाराजगी के चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है की कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनाए जाने के मामले में स्वीकृति का प्रस्ताव ना लाए जाने से हरक सिंह रावत नाराज हुए।
मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड की राजनीति गर्मा गई है। और अब यह भी कयास लगाने लग गए हैं कि क्या हरक सिंह रावत बीजेपी में ही रहेंगे या कांग्रेस का दामन थामेंगे।
इधर देरसत्ता के गलियारों से
हरक सिंह रावत के इस्तीफे की खबर के साथ ही उमेश शर्मा काउ के भी बीजेपी के विधायक पद से इस्तीफा देने की खबर रातभर सोशल मीडिया पर तैरती रही है। जबकि भाजपा के तपोवन मंडल व्हाट्स एप रात 1.36 बजे डाली गई पोस्ट कुछ और ही बयां कर रही है | देखिये…
नए साल के शुरुआत के साथ बदल जाएंगे कई नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर
नई दिल्ली, । साल 2021 के खत्म होने के साथ ही नए साल की शुरुआत होने जा रही है। साल 2022 के साथ ही आपके आसपास कई नियम बदल जाएंगे। इन बदलावों का सीधा-सीधा असर आपकी जेब पर पड़ने वाला है। साल 2022 के शुरुआत के साथ ही बैंकिंग, डेबिट और क्रेडिट कार्ड, एलपीजी सिलेंडर आदि से जुड़े कई नियम बदल जाएंगे। आइए जानें क्या-क्या बदलाव होने वाले हैं…..
1 जनवरी से बदल जाएगा
अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो 1 जनवरी 2022 से डेबिट-क्रेडिट के पेमेंट का तरीका बदल जाएगा। ऑनलाइन पेमेंट को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए आरबीआई ने नया नियम लागू किया है। 1 जनवरी 2022 से नया नियम लागू हो जाएगा। नए साल के साथ ही टोकनाइजेशन का विकल्प चुनना होगा। इस नियम के बाद आपको 16 डिजिट वाले डेबिट या क्रेडिट कार्ड नंबर समेत कार्ड की पूरी डिटेल्स हर बार डालना होगा। ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल पेमेंट की डिटेल अब मर्चेंट वेबसाइट या ऐप पर स्टोर नहीं रहेगी। 1 जनवरी से मर्चेंट को अपनी वेबसाइट और ऐप से हटाना होगा।
ATM से पैसा निकालना होगा महंगा
1 जनवरी 2022 से आपके लिए एटीएम से कैश निकालना महंगा हो जाएगा। जनवरी 2022 से ATM के इस्तेमाल करने पर आपको ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। RBI ने नए नियम के मुताबिक अब तय सीमा के बाद एटीएम ट्रांजैक्शन करने पर आपको अधिक चार्ज देने होंगे। दरअसल 1 जनवरी से देश के सभी बैंकों ने एटीएम चार्ज 5 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया है। जिसके मुताबिक तय सीमा के बाद एटीएम से कैश निकालने पर आपको हर बार 21 रुपए देने होंगे।
बदल जाएगा पोस्ट ऑफिस का नियम
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने 1 जनवरी 2022 से ब्रांच में नकद निकासी और जमा पर शुल्क संशोधित किया है। 1 जनवरी से अगर कोई IPPB खाताधारक तय सीमा के बाद कैश निकालता या जमा करता है तो उसे अधिक चार्ज चुकाना होगा। आपको बता दें कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक भारतीय डाक विभाग का एक डिवीज़न है।
एलपीजी की कीमतों में बदलाव एलपीजी के सिलेंडर की कीमतों में हर महीने बदलाव होता है। 1 जनवरी को फिर से इसके दाम में बदलाव होने वाला है। आपको बता दें कि तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को गैस सिलेंडर की कीमतों का निर्धारण करती है। किसी महीने कीमत में तेजी तो कभी मामूली गिरावट की जाती है।
अमीशा भट्ट को गोल्ड मेडल मिलने पर जताई खुशी
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जिले की अमीशा भट्ट ने बीएससी माइक्रोबायलॉजी में गोल्ड मैडल हासिल कर जिले का नाम रौशन किया है। उनकी इस सफलता पर अनेक लोगों ने खुशी व्यक्त किया। बीते दिनों राज्यपाल के हाथों उन्हें यह सम्मान दिया गया। मूल रूप से रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ ब्लॉक के करोखी रौडू निवासी गणेश भट्ट की पुत्री अमीशा भट्ट ने केंद्रीय गढ़वाल विश्व विद्यालय श्रीनगर से बेचुलर ऑफ साइंस इन मेडिकल माइक्रोबायलॉजी में प्रथम श्रेणी प्राप्त की। उन्हें बेहतर अंकों के लिए गोल्ड मैडल दिया गया। उनकी सफलता पर तिलणी निवासी रघुवीर कठैत, गजपाल सिंह रावत, लक्ष्मण सिंह रावत सहित अनेक जनप्रतिनिधिनयों एवं लोगों ने खुशी व्यक्त की है।
ओमिक्रॉन ने फीका किया क्रिसमस का रंग, मध्यप्रदेश में नाइट कर्फ्यू, महाराष्ट्र में आज जारी होगी गाइड़लाइंस
नई दिल्ली । आज दुनिया में क्रिसमस मनाने की तैयारी चल रही है। हालांक कोरोना के नए वैरिएंट ने इसका रंग फीका कर दिया है। धीरे-धीरे ही सही, मगर पाबंदियों का दौर शुरू हो चुका है। मध्य प्रदेश में नाइट कर्फ्यू का ऐलान कर दिया है। वहीं, बढ़ते मामलों के बीच देश के आन्य राज्यों में भी पाबंदियों का दौर फिर से शुरू होने वाला है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों के साथ बैठक में कहा कि यदि कहीं संक्रमण दर 10 फीसदी से ज्यादा या ऑक्सीजन बेड पर भर्ती होने का प्रतिशत 40 फीसदी से अधिक है तो स्थानीय प्रशासन वहां तत्काल रोकथाम के उपाय लागू करे। ऐसे मामलों में रात्रि कर्फ्यू, भीड़भाड़ भरे आयोजनों पर रोक आदि शामिल है।
भूषण ने राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रमुखों के साथ ओमिक्रॉन से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने राज्यों से कहा कि वह कोरोना को लेकर पहले से लागू उपायों को जारी रखें तथा नए वेरिएंट के खतरे के मद्देनजर अपनी तैयारियों को तेज करें। राज्यों से कहा गया है कि ओमिक्रॉन के मामलों के दोगुने होने और नए बन रहे क्लस्टरों पर भी नजर रखें।
मध्य प्रदेश में लगा नाइट कर्फ्यू
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में रात्रि कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है। साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की भी अपील की है। मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक, अब रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक लोगों की आवाजाही पर रोक रहेगी।
महराष्ट्र में भी जारी होगी गाइडलाइन्स
कोरोना वायरस के बढ़ते मामले और ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए कई कई राज्यों में पाबंदियां लगनी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र सरकार आज क्रिसमस और नए साल के दौरान शादी समारोहों, होटलों और रेस्टोरेंट में भीड़ से बचने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगी। राज्य में कोरोना वायरस के एक बार फिर से अपना असली रूप दिखाने लगा है। राज्य में गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1179 नए मामले सामने आए, जिनमें से 23 मामले ओमिक्रॉन के हैं।
बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेने की जरूरत
भूषण ने कहा कि यदि कहीं कोरोना नमूनों की जांच में संक्रमण दर दस फीसदी से ज्यादा होती है या कहीं ऑक्सीजन बेड 40 फीसदी भर जाते हैं तो इसे गंभीरता से लें तथा तुरंत ही बीमारी को स्थानीय स्तर पर रोकने के उपाय करें। हालांकि, उन्होंने राज्यों से कहा कि जनसंख्या घनत्व, बीमारी के प्रसार की दर आदि को देखते हुए उपरोक्त स्थिति उत्पन्न होने से पूर्व भी वह रोकथाम के उपाय स्थानीय स्तर पर लागू कर सकते हैं। जिसमें भीड़भाड़ वाले आयोजनों पर रोक, रात का कर्फ्यू आदि उपाय शामिल हैं।
क्लस्टर मिलने पर कंटेनमेंट जोन घोषित हो
भूषण ने कहा कि रोकथाम के उपरोक्त उपाय कम से कम 14 दिनों के लिए किए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी स्थान पर कोरोना संक्रमण का क्लस्टर पाया जाता है जो तत्काल कंटेनमेंट जोन और बफर जोन घोषित किये जाए। मौजूदा दिशा-निर्देशों के तहत कंटेनमेंट जोन में कड़े उपाय सुनिश्चित करें। क्लस्टर में पाए जाने वाले सभी पॉजिटिव नमूनों को जीनोम सिच्ेंसिंग के लिए भेजें।
जल्द टीके की दोनों खुराक लोगों को लगाएं
केंद्र सरकार ने राज्यों से यह भी कहा कि जल्द से जल्द टीके की दोनों खुराक लोगों को लगाएं। भूषण ने कहा कि दोनों खुराक लेने से ओमिक्रॉन समेत कोरोना के सभी वेरिएंट से संक्रमण की भयावहता कम होती है और अस्पताल में भर्ती होने की दर कम होती है। इसके लिए घर-घर जाकर टीका लगाने के अभियान को तेज करने को कहा है।
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मोदी दो जनवरी को मेरठ में करेंगे खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास
मेरठ , । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो जनवरी को उत्तर प्रदेश के मेरठ में प्रस्तावित मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास करेंगे।
जिला मुख्यालय से करीब 32 किलोमीटर दूर सरधना तहसील के गांव सलावा में हॉकी जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर यह खेल विश्वविद्यालय बनाया जायेगा। प्रधानमंत्री का कार्यक्रम तय हो जाने के बाद यहां प्रशासनिक और पुलिस स्तर पर तमाम तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
इस सिलसिले में केंद्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान सलावा गांव का दौरा करने के बाद मेरठ के मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह से बैठक कर चुके हैं। बैठक में कार्यक्रम के दौरान होने वाली विभिन्न गतिविधियों और उनकी तैयारियों पर चर्चा करने के साथ ही संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा कार्यक्रम स्थल के पास हैलीपैड बनाने, पार्किंग, वैकल्पिक ट्रैफिक व्यवस्था और सुरक्षा पास आदि पर भी समीक्षा की गई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिये मेरठ के अलावा सहारनपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़ और आगरा मंडलों के विभिन्न जिलों से करीब 30 हजार खिलाड़ी मेरठ पहुंचेंगे। खिलाडिय़ों को लाने ले जाने के लिये विशेष बसों की भी व्यवस्था की जा रही है।
बताया गया है कि शिलान्यास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी किसान सम्मान निधि योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना आदि के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित करके उन्हें सम्मानित भी करेंगे। इसके लिए पात्रों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि खेल के उत्पाद के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर मेरठ में करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से खेल विश्वविद्यालय बनाये जाने की घोषणा उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी वर्ष जनवरी में की थी जबकि अगस्त में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका नाम महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने का ऐलान किया था।
चतुर्थ आरएस टोलिया फोरम में कई विशेषज्ञों ने रखी अपनी बात
देहरादून, सस्टेनेबल डेवलपमेंट फोरम उत्तरान्चल ( एसडीएऍफ़यू) द्वारा चतुर्थ आरएस टोलिया फोरम (आरएसटी फोरम) का आयोजन शुक्रवार को देहरादून में किया गया। आरएसटी फोरम उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव स्व. आरएस टोलिया को समर्पित एक कार्यक्रम है। वर्ष 2016 में उनका निधन हो गया था। खासकर हिमालयी राज्यों में पर्यावरण और विकास को लेकर पिछले चार वर्षों से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
आरएसटी फोरम का आयोजन सस्टेनेबल डेवलपमेंट फोरम एसडीएफ उत्तराखंड द्वारा किया जाता है। यह फोरम उत्तराखंड के सतत विकास के लिए नीति पर काम करने वाला एक नागरिक संगठन है।
चतुर्थ आरएसटी फोरम का मुख्य कार्यक्रम व्याख्यान माला और यूथ डायलाग था । कार्यक्रम की शुरुआत कोषाध्यक्ष डॉ जीएस रावत के स्वागत और गाथा आकाशकामिनी की प्रार्थनाभजन से हुई।
इस मौके पर कई विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी। सभी इस बात से सहमत थे कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाकर चलना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। उत्तराखंड को निरंतर आगे बढ़ने के लिए विकास जरूरी है और जीवन को निरंतर बनाये रखने के लिए पर्यावरण। वक्ताओं ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट को जरूरी बताया।
एसडीएफयू राज्य में विभिन्न गतिविधियों में युवा वर्ग की सक्रियता बनाये रखने के लिए लगातार प्रयास करता है। इस वर्ष भी ‘युवाओं की आवाज’ नामक एक कार्यक्रम फोरम की ओर से आयोजित किया गया। इस सत्र मे राज्य के विभिन्न पर्वतीय क्षेत्रों में काम करने वाले युवा पेशेवरों ने अपने उस सपने को साकार करने के लिए किये जा रहे प्रयासों की बात कही, जो उन्होंने उत्तराखंड के लिए देखे हैं। इस सत्र में पेयोली की सुश्री वसंथी, सुश्री शीर्षा पंत, श्री बचन सिंह रावत, श्री अजय कंडारी तथा श्री योगेश गर्ब्याल जी ने अपने प्रयासों से सभी को अवगत कराया।
अपने आरएस टोलिया स्मृति व्याख्यान में उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव रवि शंकर ने कहा कि 2025 तक उत्तराखंड के विकास के मॉडल के लिए थ्री ई – इंडस्ट्री, इंफ्रास्ट्रक्चर और इंस्टीटूशन – की नितांत आवश्यकता है । इस दिशा मे आगे बढ़ने के लिए उत्तराखंड को अपनी शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन के ढांचे को मजबूत करने की ज़रूरत है ।
एसडीएफयू के अध्यक्ष और यूकॉस्ट के निदेशक डॉ राजेंद्र डोभाल ने फोरम में शामिल सभी गेस्ट का स्वागत किया। कार्यक्रम में डॉ आदित्य नारायण पुरोहित, एनएस नपलच्याल, सुरेंद्र सिंह पांगती, डॉ. बीके जोशी और डॉ. बीएस बर्फाल ने भी अपनी बात रखी। कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार के श्री समीर सिन्हा, सेंटर फार पब्लिक पॉलिसी एंड गुड गवर्नेंस के कार्यकारी अधिकारी मनोज पंत, श्री नरेन्द्र जंगपांगी (आई आर एस), एसडीएऍफ़यू महासचिव बिनीता शाह, अनूप नौटियाल, कृष्ण सिंह रौतेला, प्रियंका टोलिया, कुसुम रावत, यूकॉस्ट के अधिकारी एवं समाज के प्रबुद्ध जन मौजूद थे।