Monday, May 12, 2025
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आयुर्वेद वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों को सुदृढ़ बना सकता है -पीएम मोदी

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देहरादून,  देहरादून में आज 10वें वैश्विक आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो 2024 का शुभारंभ हुआ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने चिकित्सा की प्राचीन भारतीय प्रणाली को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की जिसमें वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ बनाने की क्षमता है।

इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में उनके संदेश को पढ़ा गया। इस सम्मेलन में 5500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिनमें 54 देशों के 350 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हैं। श्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि आयुर्वेद में वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाने की क्षमता है अगर यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का ‘ व्यापक रूप से उपचार उपलब्ध कराए और बचाव, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य पर समान बल दे।

श्री मोदी ने विश्वास जताया कि यह चार दिवसीय बैठक वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद को बढ़ावा देने में तेजी लाए गी । उन्होंने प्रतिभागियों से इस प्रयोजन के लिए एक नया ‘ ब्लू प्रिंट ‘ प्रस्तुत करने का आग्रह किया।

इस सम्मेलन और एक्सपो का आयोजन विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है जो विज्ञान भारती, केंद्रीय आयुष मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार की एक पहल है।

सत्र को संबोधित करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भारत सरकार के आयुष राज्य मंत्री श्री प्रताप राव जाधव ने प्रतिनिधमंडलों को आश्वस्त किया कि आयुर्वेद को देश के कोने कोने में फैलाया जाएगा और हर्बल उत्पादों से जुड़े चिकित्सकों तथा विनिर्माताओं के घनिष्ठ सहयोग के साथ इसे विदेशों में लोकप्रिय बनाया जाएगा।

श्री धामी ने कोविड-19 के दौरान इस महामारी से निपटने में आयुर्वेद की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित की। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को इस महामारी की शुरुआत से ही कोविड रोगियों के उपचार में प्रभावी पाया गया जबकि एलौपैथ के चिकित्सकों को इसका प्रभावी रुप से उपचार करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

उन्होंने इस पर जोर देते हुए कि पूरे विश्व ने इसके समग्र उपचार दृष्टिकोण के कारण आयुर्वेद के महत्व को स्वीकार करना आरंभ कर दिया है, श्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार 10/50 बेड के साथ 300 आयुर्वेद अस्पतालों का निर्माण कर रही है। उन्होंने एक देशव्यापी स्तर के अनुसंधान संस्थान की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से अनुमति प्राप्त करने की इच्छा जताई। उन्होंने प्रतिभागियों से विभिन्न दवाओं के अंग्रेजी नामों को लोकप्रिय बनाने की अपील की जिससे कि उनकी बिक्री बढ़ाई जा सके और जरुरतमंद से बाजार से प्राप्त कर सकें।

केंद्रीय मंत्री श्री जाधव ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग और टेलीमेडिसिन जैसी उभरती प्रौद्योगिकीयों का उपयोग आयुर्वेद, युनानी, सिद्धा और होमियोपैथ को और अधिक बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा जिसमें पिछले कुछ समय में आठ गुनी बढोतरी हुई है।

आयुष दवाओं को बढ़ावा देने के हिस्से के रूप में, प्रत्येक नगर और शहर में केवल इन्हीं दवाओं को बेचने वाले आउटलेटों को खोला जाएगा। ऐसा पहला आउटलेट इसी वर्ष अक्तूबर में दिल्ली में खोला गया था।

आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि 1.3 बिलियन डालर के निवेश के प्रस्ताव पूरी तरह अग्रिम चरण में हैं। उन्होंने कहा कि ‘ प्रकृति परीक्षा प्रोग्राम को आशातीत सफलता प्राप्त हुई है और इससे नई दवाओं की खोज करने में सहायता मिलेगी।

उत्तराखंड के आयुष सचिव श्री रविनाथ रमण ने कहा कि राज्य में 300 आयुष्मान आरोग्य केंद्र हैं और आयुर्वेद तथा हर्बल उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में 8,000 से अधिक शिविरों का आयोजन किया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह सम्मेलन आयुर्वेद को और आगे ले जाएगा।

10वें आयुर्वेद सम्मेलन के नेशनल आर्गेनाइजिंग कमिटी के अध्यक्ष डा. पी एम वारियर ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलनों की बदौलत इस सेक्टर के विकास को काफी गति मिली है और आयुर्वेद को स्वास्थ्य प्रणाली की मुख्यधारा में पूरी तरह एकीकृत करने के सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरुप, आयुर्वेद को वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में काफी सम्मान प्राप्त होने लगा है।

 

मुख्यमंत्री धामी ने आई.एस.बी.टी, देहरादून में बेसहारा एवं बेघर लोगों, मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को सर्दी से बचाव हेतु कंबल बांटे

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मुख्यमंत्री ने ट्रांसपोर्ट नगर स्थित रैन बसेरे का किया औचक निरीक्षण
   – राज्य सरकार की प्राथमिकता :राज्य में कोई भी व्यक्ति सर्दी की चपेट में ना आए
देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को  देर शाम आई.एस.बी.टी, देहरादून में बेसहारा एवं बेघर लोगों, मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को सर्दी से बचाव हेतु कंबल वितरित किए। मुख्यमंत्री ने ट्रांसपोर्ट नगर आईएसबीटी स्थित रैन बसेरे का भी औचक निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया। उन्होंने रैन बसेरे में रह रहे लोगों का कुशलक्षेम जाना।
मुख्यमंत्री ने आई.एस.बी.टी में कंबल वितरण के दौरान सभी का कुशलक्षेम जाना एंव प्रशासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली।  मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कंबल, गर्म कपड़े वितरण के साथ ही सर्दी से बचाव के लिए अलाव  जलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने आईएसबीटी में यात्रियों के लिए भी ठंड से बचाव हेतु व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
ट्रांसपोर्ट नगर स्थित रैन बसेरे के औचक निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने वहां रह रहे श्रमिकों के साथ अलाव भी सेखा। उन्होंने अधिकारियों को रैन बसेरों में पर्याप्त सुविधाओं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा रैन बसेरे पर्याप्त मात्रा में बिस्तर हो। उन्होंने कहा शहर में सड़को किनारे रह रहे लोगों, आवासहीन लोगों और परिवारों को भी रैन बसेरे में शिफ्ट किया जाए। उन्होंने कहा  खासकर बच्चों, दिव्यांगजनों, महिलाओं और बीमार लोगों को तत्काल रैन बसेरा की सुविधा दी जाए। उन्होंने रैन बसेरे में आवश्यकता अनुसार भोजन की व्यवस्था कराने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सभी जरूरतमंद लोगों को तय समय के अंदर कंबल वितरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य में कोई भी व्यक्ति सर्दी की चपेट में ना आए। उन्होंने कहा हमने जन सेवा के भाव से इस पूरे शीतकाल में बेसहारा लोगों की हर संभव सहायता करनी है। मुख्यमंत्री ने शहर में विभिन्न प्रमुख स्थानों में भी विशेष रूप से अलाव जलाने के भी निर्देश दिए।

 

उत्तराखंड में सतत विकास और युवा सशक्तिकरण के लिए नेटवर्किंग पर व्याख्यान

देहरादून, सतत विकास मंच उत्तरांचल (एसडीएफयू) के समर्थन में द नैनीताल बैंक, हिमोत्थान सोसाइटी, दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) ने बुधवार को “उत्तराखंड में सतत विकास और युवा सशक्तिकरण के लिए नेटवर्किंग” पर 7वें आरएसटी फोरम 2024 का आयोजन किया, यह सम्मेलन आईआरडीटी सभागार, देहरादून में आयोजित किया गया था।

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि राजशेखर जोशी, कुलपति ‘स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एम्पावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड ‘एसआईईटीयू’ थे। सम्मानित अतिथि रमेश नेगी (आईएएस), अध्यक्ष सुश्री विभा पुरी दास (आईएएस), एसडीएफयू के सदस्य डॉ जीएस रावत, एसटीएस लेप्चा और मी बिंटा शाह। आरएसटी व्याख्यान 2024 का शीर्षक “उत्तराखंड की अनूठी जैव विविधता के माध्यम से हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना: प्रभाव निवेश की संभावना की तलाश में” सुश्री ज्योत्सना सिटिंग (पूर्व पीसीसीएफ वन पंचायत और सेवानिवृत्त आईएफएस) द्वारा दिया गया था। श्री राजशेखर जोशी (उपाध्यक्ष, सिएटू आयोग, उत्तराखंड सरकार) द्वारा उजागर किए गए महत्वपूर्ण बिंदु उत्तराखंड सरकार के प्रमुख नीतिगत थिंक टैंक थे, जो दिशात्मक और नीतिगत इनपुट प्रदान करते थे। उन्होंने उत्तराखंड में दीर्घकालिक नीतियों और कार्यक्रमों और स्थायी पहलों के बारे में भी चर्चा की। सम्मेलन आईआरडीटी सभागार, देहरादून में आयोजित किया गया था | कार्यशाला को तीन समानांतर सत्रों में विभाजित किया गया था।
प्रतिभागी विलेज वेज टीम के प्रतिनिधियों, नवीन सदाना (वेस्ट वॉरियर्स सोसाइटी), सुश्री दिव्या चौफिन (हिमालयन हाट), सुश्री सारिका पंछी (जिविसा), केदार सिंह मर्तोलिया (जौहर सिंह स्पोर्ट्स क्लब), अभिषेक सिंह (बीएसआर फार्म्स रिज़ॉर्ट पौड़ी), अनंत मित्रा (एनआईयूए), लोकेश सकलानी (तापिश सोलर प्राइवेट लिमिटेड), डॉ पंकज नैथानी (अतिरिक्त निदेशक, निदेशालय ई एंड एस), डॉ. राजेंद्र बिष्ट (सेवानिवृत्त आईएफएस), सुश्री पूनम चंद (अतिरिक्त निदेशक, यूटीडीबी), एसवी शर्मा (सेवानिवृत्त आईएफएस), रोशन राय (सचिव आईएमआई ), डॉ. राजेंद्र कोश्यारी (हिमोथन सोसाइटी), हिमोत्थान सोसाइटी, श्रमयोग, दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर, एसएआरजी विकास समिति की सामुदायिक भागीदारी भी उपस्थित थी।

 

 

एसजीआरआरयू में फिजियोथैरेपी शोध की विभिन्न विधाओं पर हुआ मंथन

-400 से अधिक छात्र-छात्राओं एवम् शाधार्थियों ने किय प्रतिभाग

-दो दिवसीय सेमिनार में शोध एवम् अनुसंधान के मॉर्डन प्रारूपों पर जानकारियां सांझा

देहरादून, श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ पैरामेडिकल एण्ड एलाइड हैल्थ साइंसेज के फिजियोथैरेपी विभाग द्वारा दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। विषय विशेषज्ञ 11 व 12 दिसम्बर 2024 को फिजियोथैरेपी के शोध की कला और विज्ञान से जुड़ महत्वपूर्णं विषयों पर जानकारियों सांझा करेंगे। एसजीआरआरयू के आईक्यूएसी सैल के सहयोग से आयोजित सेमीनार में 400 से अधिक छात्र-छात्राओं, पीएचडी शोधार्थियों एवम् फेकल्टी एवम् डॉक्टरों ने प्रतिभाग किया।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के सभागार में सेमीनार का शुभारंभ श्री गुरु गोबिंद सिंह ट्राईसैटेनरी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम, हरियाणा के फिजियोथैरेपी विभाग के प्रो. (डॉ.) सिद्वार्थ सेन, श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय की सम कुलपति प्रो.(डॉ.) कुमुद सकलानी, समन्वयक डॉ. आर.पी. सिंह, डीन, स्कूल ऑफ पैरामेडिकल एण्ड एलाइड हैल्थ साइंसेज, प्रो. (डॉ.) कीर्ति सिंह, विभागाध्यक्ष, फिजियोथैरेपी विभाग, डॉ. शारदा शर्मा व प्रो.(डॉ.) नीरज कुमार द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन कर किया गया।
मुख्य वक्ता श्री गुरु गोबिंद सिंह ट्राईसैटेनरी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम, हरियाणा के फिजियोथैरेपी विभाग के प्रो. (डॉ.) सिद्वार्थ सेन ने अपने व्याख्यान मे फिजियोथैरेपी विषय में शोध के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होेने शोध के विभिन्न चरणों को विस्तारपूर्वक समझाया।
उन्होंने जानकारी दी कि शोध का प्रथम चरण समस्या को पहचानना, द्वितीय चरण उससे सम्बधित साहित्या का अध्ययन, तृतीय चरण शोध के उद्देश्यों पर आधारित परिकल्पना पर अभिधारणा बनाना, चौथा चरण शोध के स्वरूप को पहचानना, पांचवां चरण डेटा संग्रहण, छठा चरण सांख्यिकीय विधियों का उपयोग करके डेटा का विश्लेषण करना, सातवाँ चरण विश्लेषण के परिणामों को लिखकर अभिलेख बनाना, आठवां चरण परिणामों पर चर्चा- परिचर्चा करना एवं नवां चरण शोध का निष्कर्ष निकालना होता है।
उन्होंने बताया कि फिजियोथैरेपी शोध का दायरा काफी विस्तृत है क्योकि फिजियोथैरेपी का उपयोग हड्डी रोग, न्यूरो, हदय रोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग एवं अन्य रोगों के उपचार में भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि फिजियोथैरेपी शोध सीधे तौर पर इजीनियरिंग से भी जुडी हुई है। उन्होंने कहा कि फिजियोथैरेपी मे इस्तेमाल होेने वाले सभी उपकरण इजीनियरों द्वारा बनाये जाते है। उन्होंने कहा कि फिजियोथैरेपी मे होने वाले शोध इंजीनियरों को उपकरणों के निर्माण में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। उन्होंने फिजियोथैरेपी के विभिन्न आयामों में होने वाले शोध के विषय में फिजियोथैरेपी छात्र-छात्राओं, शोधार्थियों, फैकल्टी व डाक्टरों के विभिन्न प्रश्नों के उत्तर देकर उनका ज्ञानवर्धन किया।
प्रो. (डॉ.) कुमुद सकलानी ने विश्वविद्यालय की ओर से आए हुए मुख्य वक्ता प्रो. (डॉ.) सिद्वार्थ सेन का स्वागत किया। उन्होने कहा कि फिजियोथैरेपी अपने आप में सबसे भिन्न विशेषज्ञता विधा है। उन्होंने कहा कि फिजियोथैरेपी में शोध द्वारा कई प्रकार के रोगों का उपचार संभव है। उन्होने कहा कि यह सेमिनार फिजियोथैरेपी के विद्यार्थियों व शोधकर्तााओं हेतु ज्ञान संवर्धन का अनुठा मंच है।
डॉ. आर.पी.सिंह ने कहा कि रोकथाम उपचार से बेहतर है सिद्वांत पर फिजियोथैरेपी काम करती है। उन्होनें कहा कि शोध हमे यह प्रमाणित करने में सहयोग करता है कि कोई भी तथ्य आस्तित्व में है य नही एवं है तो कितना कार्यात्मक है।
प्रो.(डॉ.) कीर्ति सिंह ने कहा कि इस सेमिनार का आयोजन करवाना फिजियोथैरेपी विभाग की एक सराहनीय पहल है। उन्होनंे कहा कि अन्य विषयो की तरह फिजियोथैरेपी में भी शोध का काफी महत्व है।
सेमिनार के आयोजन में डॉ. शमां परवीन, डॉ. सन्दीप कुमार, डॉ. मंजुल नौटियाल, डॉ. तबस्सुम, डॉ. सुरभि थपलियाल, डॉ. रविन्दर, डॉ. दीपा एवं डॉ. जयदेव का विशेष सहयोग रहा।

देवभूमि में बनेगी आयुर्वेद का परचम लहराने की रणनीति

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 – वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस 2024 में तीन दिन तक चलेगी इंटरनेशनल असेंबली
 –  केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने कई देशों में स्थापित की है आयुष चेयर
 –   विषय विशेषज्ञ करेंगे दुनिया में आयुर्वेद के प्रचार प्रसार पर विमर्श
देहरादून(आरएनएस)।  दुनिया में आयुर्वेद का परचम लहराने की रणनीति उत्तराखंड की धरती पर बनेगी। वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो 2024 में तीन दिन इंटरनेशनल असेंबली का आयोजन किया जा रहा है। दुनिया के विभिन्न देशों में केंद्रीय आयुष मंत्रालय के स्तर पर स्थापित आयुष चेयर के प्रतिनिधि इस असेंबली में उपस्थित रह कर विचार विमर्श करेंगे। मकसद ये ही है कि दुनिया के तमाम देशों में आयुर्वेद के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए रणनीति तैयार की जा सके। वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो 2024 में जो कार्यक्रम फाइनल हुआ है, उसमे इंटरनेशनल असेंबली तीन दिन कराए जाने का निर्णय लिया गया है। 12 से लेकर 14 दिसंबर तक हर दिन असेंबली का कार्यक्रम रखा गया है। प्रमुख रूप से अमेरिका, ब्रिटेन, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, श्री लंका, इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन, कनाडा, नीदरलैंड, पुर्तगाल सिंगापुर जैसे देशों में स्थापित आयुष चेयर के डेलीगेट्स असेंबली का हिस्सा होंगे, जिनकी संख्या 40 से 50 के करीब रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह दुनिया में आयुष के प्रचार के लिए ब्रांड एंबेसडर बन कर कार्य किया है, उससे आयुष के लिए बेहतर माहौल बन रहा है। उत्तराखंड भी इस अभियान में कदमताल कर रहा है। अब वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस जैसे विश्व स्तरीय कार्यक्रम की मेजबानी का उत्तराखंड को महत्वपूर्ण अवसर मिला है।
पहला हिमालयी राज्य, जहां हो रहा आयोजन
वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 के दसवें संस्करण की मेजबानी कर रहे उत्तराखंड के नाम एक उपलब्धि दर्ज हुई है। यह पहला हिमालयी राज्य है, जहां पर आयुर्वेद का विश्व स्तरीय यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। वर्ष 2022 से यह आयोजन शुरू हुआ है। कोच्चि केरल को इसके पहले संस्करण की मेजबानी का अवसर मिला था। इसके बाद, देश के विभिन्न हिस्सों में इसके आयोजन हुए हैं। उत्तर भारत क्षेत्र की बात करे, तो सिर्फ दिल्ली में अभी तक यह आयोजन हुआ है। वर्ष 2014 में परेड ग्राउंड में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। उत्तराखंड इस हिसाब से दिल्ली के बाद उत्तर भारत का दूसरा राज्य बन रहा है, जहां पर यह आयोजन किया जा रहा है।

उत्तराखंड का सौभाग्य है कि वह आयुर्वेद के इस विश्व स्तरीय कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है। आयुर्वेद के लिहाज से उत्तराखंड की धरती हमेशा से समृद्ध रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आयुष को दुनिया भर में प्रचारित प्रसारित करने का बीड़ा उठाया है। इस आयोजन से निश्चित तौर पर हम इस दिशा में और आगे बढ़ेंगे।   –  पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

अतिथि शिक्षकों के मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव वित्त विभाग ने किया रद्द

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25 हजार रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये किए जाने का था प्रस्ताव, पिछले महीने भेजा गया था प्रस्ताव

देहरादून, राज्य के माध्यमिक अतिथि शिक्षकों का मानदेय 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये किए जाने के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने रद्द कर दिया। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने पिछले महीने वित्त विभाग को इसका प्रस्ताव भेजा था।
सचिव वित्त दिलीप जावलकर के मुताबिक, अतिथि शिक्षकों का पूर्व में मानदेय 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया गया था। फिर से इतनी जल्दी उनका मानदेय नहीं बढ़ाया जा सकता। मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया है। प्रदेश के विभिन्न दुर्गम और अति दुर्गम विद्यालयों में अतिथि शिक्षक वर्ष 2015 से कार्यरत हैं।
शुरुआत में इन्हें प्रतिवादन के हिसाब से मानदेय दिया गया। जिसे कई वर्षों में बढ़ाया गया है। वर्ष 2018 में इनका मानदेय बढ़ाकर 15,000 हजार रुपये किया गया, जबकि वर्ष 2021-22 में इसे 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये किया गया। अतिथि शिक्षक तभी से मानदेय बढ़ाने के साथ ही उनके पदों को सुरक्षित किए जाने की मांग करते आ रहे हैं।
अतिथि शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री दौलत जगुड़ी के मुताबिक, अतिथि शिक्षकों के पदों को खाली न माने जाने का प्रस्ताव पूर्व में कैबिनेट में आया था, लेकिन इसका शासनादेश नहीं हुआ। उनकी गृह जिलों में तैनाती का मामला भी लटका हुआ है।

आधुनिक जीवनशैली में आयुर्वेद का संगम : डाबर ने लॉन्च किए 2 क्रांतिकारी प्रोडक्ट्स

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देहरादून, आयुर्वेद को आज के उपभोक्ताओं की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बनाने के उद्देश्य से, दुनिया की सबसे बड़ी विज्ञान आधारित आयुर्वेद कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेड लेकर आई है दो रेवोल्यूशनरी प्रोडक्ट्स- ताकत एवं शक्ति बढ़ाने वाले कैपस्यूल कामवल्लभ गोल्ड और डाबर हेल्थ ज्यूस रेंज। इन दोनों प्रोडक्ट्स का लॉन्च आज वर्ल्ड आयुर्वेदा कॉन्ग्रेस एण्ड इंटरनेशनल आरोग्य एक्सपो देहरादून में किया गया।
इस अवसर पर डाबर इंडिया लिमिटेड में मार्केटिंग के वाईस प्रेज़ीडेन्ट श्री अजय सिंह परिहार ने कहा, ‘‘आयुर्वेद की 140 वर्षों की धरोहर और प्रकृति के बारे में गहरे ज्ञान के साथ डाबर हमेशा से सभी के लिए सुरक्षित, किफ़ायती और प्रभावी हेल्थकेयर पर फोकस करती रही है तथा प्राचीन आयुर्वेद के गहन अध्ययन के बाद अपने प्रोडक्ट्स लाती रही है।
नए रेवोल्यूशनरी प्रोडक्ट्स- कामवल्लभ गोल्ड एवं डाबर हेल्थ ज्यूस रेंज- का लॉन्च इसी दिशा में एक और कदम है जो आयुर्वेद के प्राचीन भारतीय ज्ञान तथा आधुनिक विज्ञान का बेहतरीन संयोजन है। प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के गुणों से भरपूर ये दोनों प्रोडक्ट्स उपभोक्ताओं की रोज़मर्रा की बीमारियों और समस्याओं को दूर करने में कारगर हैं।“
कामवल्लभ गोल्ड एक अनूठा और शक्तिशाली फॉर्मूला है, जो शिलाजीत, सफेद मूसली, कौंच बीज एवं अश्वगंधा जैसे शक्तिशाली प्राकृतिक अवयवों के साथ हीरक और स्वर्ण भस्म की ताकत का संयोजन है। यह फॉर्मूला एनर्जी देकर, जीवन शक्ति बढ़ाकर व्यक्ति के समग्र कल्याण को सुनिश्चित करता है। यह टेस्टोस्टेरॉन के स्तर को सामान्य बनाए रखने, चिंता को दूर करने और संतुलित जीवनशैली बनाए रखने में मदद करता है। रु 400 की कीमत में 12 कैप्स्यूल्स का पैक, कामवल्लभ गोल्ड उन लोगों के लिए परफेक्ट है, जो अपने स्वास्थ्य और परफोर्मेन्स में प्राकृतिक तरीके से सुधार लाना चाहते हैं।
प्रीमियम हर्बल फॉर्मूला डाबर हेल्थ ज्यूस रेंज उपभोक्ताओं की रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करता है (जैसे पाचन तंत्र की देखभाल, बालों की देखभाल, फिटनैस/ स्लिमिंग और हार्ट की देखभाल)। आज के दौर में पाचन, बालों और दिल की बीमारियों के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं और उपभोक्ताओं को इनके लिए कारगर समाधान की ज़रूरत है।
ऐसे में शक्तिशाली जड़ी-बूटियों जैसे अर्जुन, जटामांसी, वच, सल्लकी, ब्राह्मी और शंखपुष्पी के गुणों से भरपूर डाबर हेल्थ ज्यूस रेंज इन सभी समस्याओं को हल करने में कारगर है। 1 लीटर का यह ज्यूस गतिहीन जीवनशैली और पोषण की कमी से होने वाली बीमारियों को प्राकृतिक तरीके से दूर करता है। (उदाहरण के लिए डाबर हार्ट हेल्थ ज्यूस कॉलेस्ट्रॉल और लिपिड के स्तर को सामान्य बनाकर तथा ब्लड वैसल्स की फंक्शनिंग में सुधार लाकर दिल को मज़बूत और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है)।

आज की पीढ़ी में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के प्रयासों को जारी रखते हुए डाबर वर्ल्ड आयुर्वेदा कॉन्ग्रेस के दौरान आयुर्वेद के विशेषज्ञों के साथ विशेष सेमिनारों का आयोजन करेगी, गौरतलब है कि वर्ल्ड आयुर्वेदा कॉन्ग्रेस का आयेजन देहरादून में 12 से 16 दिसम्बर के बीच किया जाएगा। डाबर 800 से अधिक शास्त्रोका आयुर्वेदिक दवाओं, विशेष रूप से भस्म और आसव-अरिष्ट की मैनुफैक्चरिंग एवं मार्केटिंग में सक्रिय है।

“हमें खुशी है कि हमें वर्ल्ड आयुर्वेदा कॉन्ग्रेस में हिस्सा लेने का मौका मिल रहा है, यह हमारी जड़ों में मौजूद आयुर्वेद के ज्ञान को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह सेमिनार चिकित्सकों को एक दूसरे के साथ जुड़ने, बातचीत करने का मौका देगी। साथ ही आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए आदर्श मंच साबित होगी।“

कैसे आएगा सशक्त भू-क़ानून, अधिकारियों ने ही लूट ली जमीनें

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-सरकार में निहित हो अवैध रूप से खरीदी गई ज़मीन

-पौंधा में 250 वर्ग मीटर ज़मीन खरीदने का भी हुआ खुलेआम उल्लंघन

-अनुसूचित जाति और गोल्डन फॉरेस्ट की ज़मीन पर प्लाटिंग कर अधिकारियों को बेच दी गई ज़मीन

देहरादून (एल मोहन लखेड़ा) मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने उच्चाधिकारियों पर भूमि कानूनों के प्रावधनों का उल्लंघन कर ज़मीन खरीदने पर हल्ला बोला है। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग करते हुए अवैध रूप से ली गई ज़मीन को सरकार में निहित करने की मांग की है।
स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि विकासनगर तहसील के पौंधा में करीब 300 बीघा जमीन में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के लिए आवासीय कॉलोनी बनाई जा रही है। इसके लिए प्रोपर्टी डीलर एससी माथुर और इंद्र सिंह ने अवैध रूप से अनुसूचित जाति के लोगों के साथ ही गोल्डन फॉरेस्ट की जमीनों की रजिस्ट्री की और बाद में इस ज़मीन को अधिकारियों को बेच दी गई। उन्होंने कहा कि पौंधा ग्रामीण क्षेत्र है और यहां पर बाहरी व्यक्ति (गैर कृषक) को 250 वर्ग मीटर तक ही ज़मीन खरीदने की छूट है। लेकिन यहां पर इस प्रावधान का उल्लंघन खुलेआम किया गया।
उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारी सोनिका सिंह ने अपने पति और देवर के नाम यहां पर 500 वर्ग मीटर ज़मीन खरीदी है। इसके साथ ही धर्मवीर चौधरी ने अपनी पत्नी और दो बच्चों के नाम जमीनें खरीदी है। जबकि परिवार में एक सदस्य को ही ज़मीन खरीदने की छूट है। कनम्मा लोगानाथ ने 999 वर्ग मीटर, मनुज गोयल ने स्वयं एवं अपनी पत्नी विपाशा शर्मा के नाम 500 वर्ग मीटर, संजीव कुमार जिंदल ने अपनी पत्नी रितु जिंदल के नाम 405 वर्ग मीटर, सौजन्या 500 वर्ग मीटर, अमित कटारिया ने दो प्लॉट 374 वर्ग मीटर और 249 वर्ग मीटर खरीदे हैं। इस तरह अन्य कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने अवैध रूप से यहां जमीनें खरीदी है।
मोहित डिमरी ने कहा कि पौंधा में अनुसूचित जाति के लोगों की भी ज़मीन खरीदी गई है। जबकि यूपी जमींदार विनाश व भूमि सुधार अधिनियम की धारा 157ए में स्पष्ट प्रावधान है कि जिलाधिकारी की अनुमति के बिना एससी की ज़मीन कोई भी नहीं खरीद सकता। यहां बिना अनुमति के ही एससी की कई बीघा ज़मीन खरीद ली गई। इसके अलावा गोल्डन कॉरेस्ट कि जमीन जिसे सरकार में निहित किया गया, इस पर भी धड़ल्ले से अवैध रजिस्ट्री हुई है। जबकि गोल्डन फॉरेस्ट की ज़मीन का मामला राजस्व कोर्ट में विचाराधीन है और प्रोपर्टी ट्रांसफर एक्ट की धारा 54 में स्पष्ट प्रावधान है कि सब ज्यूडिस मामले में किसी भी ज़मीन को खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है। इसके साथ ही तत्कालीन एडीएम एसके बरनवाल ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा था कि भूमि सुधार अधिनियम की धारा 161 का अनुपालन नहीं किया गया। इसमें अनुसूचित जाति की जमीन को एक्सचेंज करने की अनुमति नहीं ली गई है। जिस कारण सभी ज़मीन राज्य सरकार में निहित हो गई है। लेकिन तत्कालीन डीएम सोनिका सिंह ने इस रिपोर्ट का संज्ञान नही लिया।
पूर्व गढ़वाल कमिश्नर (आईएएस) एसएस पांगती और पूर्व सैन्य अधिकारी पीसी थपलियाल ने कहा कि प्रदेश के उच्चाधिकारी ही ज़मीन की लूट में शामिल हैं तो कैसे उम्मीद करें कि मजबूत भू-क़ानून आएगा ? जिस तरह मनोज तिवारी, राजा भैया की जमीन सरकार में निहित करने की कारवाई चल रही है, उसी तरह अधिकरियों द्वारा अवैध रूप से ली गई जमीनें भी सरकार में निहित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भूमि क़ानून में किये गए प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा तो मजबूत भू-क़ानून की उम्मीद करना बेईमानी सा लगता है।
पांगती ने कहा कि उत्तराखंड में भू कानून जटिल हो गया है। हमारी कृषि भूमि को उद्योग के नाम पर औने-पौने दाम में खरीदा जा रहा और यहां आवासीय कॉलोनी बन रही है। राजस्व प्रशासन यहां खत्म हो गया है। राजस्व विभाग से जुड़े अधिकारी ही जमीनों को खुर्द-बुर्द करवा रहे हैं। जब तक सरकार की नीयत सही नहीं होगी, ज़मीन इसी तरह लुटती रहेगी।
इस मौके पर संघर्ष समिति के समन्वयक प्रमोद काला, पूर्व सैनिक एकता अभियान के प्रदेश अध्यक्ष निरंजन चौहान, समिति के सदस्य नमन चंदोला, समिति के युवा इकाई के प्रभारी आशीष नौटियाल आदि मौजूद थे।

पीआरएसआई देहरादून चैप्टर ने पुलिस महानिदेशक से की शिष्टाचार भेंट

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ड्रग्स फ्री उत्तराखंड” अभियान, सड़क सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के लिए उत्तराखंड पुलिस कृतसंकल्प : डीजीपी

देहरादून, पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई), देहरादून चैप्टर के प्रतिनिधिमंडल ने आज उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ से शिष्टाचार भेंट की। बैठक के दौरान “ड्रग्स फ्री उत्तराखंड” अभियान को प्रभावी बनाने, सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम, साइबर अपराधों के खतरों को कम करने और इन सभी क्षेत्रों में जन भागीदारी को सुनिश्चित करने पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ।
ड्रग्स समस्या को लेकर डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि ड्रग्स फ्री उत्तराखंड मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उनके निर्देश पर पुलिस प्रशासन द्वारा ड्रग्स की गतिविधियों में लिप्त असामाजिक और माफिया तत्वों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग युवाओं को नशे के दलदल से बचाने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है, जिसमें समाज के हर वर्ग का योगदान आवश्यक है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त यातायात नियमों के पालन और लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने पर भी चर्चा की गई। इस संदर्भ में डीजीपी ने कहा कि पुलिस चेकिंग को काफी बढ़ाया गया है। सड़क सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है और पीआरएसआई जैसे संगठनों का सहयोग इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
बैठक में साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों को लेकर भी बातचीत हुई। डीजीपी ने बताया कि साइबर क्राइम रोकथाम के लिए लोगों को डिजिटल सुरक्षा और इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूक करना जरूरी है। उन्होंने पीआरएसआई के सदस्यों से आग्रह किया कि वे इस दिशा में भी सक्रिय भूमिका निभाएं। पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष रवि बिजारनिया ने कहा कि “ड्रग्स फ्री उत्तराखंड” अभियान, सड़क सुरक्षा और साइबर अपराधों के प्रति जनजागरूकता में पीआरएसआई सक्रिय भूमिका निभाएगा। संगठन अपने जनसंपर्क विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए जागरूकता अभियानों को प्रभावी बनाने के लिए पुलिस विभाग का हर संभव सहयोग करेगा। इस दौरान पीआरएसआई के अन्य सदस्यों ने भी अपने सुझाव प्रस्तुत किए। बैठक में पीआरएसआई के सचिव अनिल सती, सदस्य प्रियांक, मनोज सती, आयुष, संजय बिष्ट, प्रताप बिष्ट मौजूद थे।

धामी मंत्रिमंडल की बैठक सम्पन्न : बैठक में लिये गये 22 महत्वपूर्ण निर्णय

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देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। जिनमें ई-स्टाम्पिंग एवं ई-कोर्ट फीस अनुबंध का नवीनीकरण सहकारी समितियों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना चिकित्सकों के वेतनमान में सुधार आदि मुख्य हैं, वहीं राज्य सरकार ने ई-स्टाम्पिंग प्रक्रिया को सरल और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ अनुबंध की अवधि 3 वर्षों के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया। इसके तहत स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा पेपरलेस ई-स्टाम्पिंग, ई-नकल व्यवस्था, और वर्चुअल रजिस्ट्रेशन को लागू किया जाएगा। यह निर्णय नकली स्टाम्प पर रोक लगाने और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए किया गया।
उत्तराखंड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली, 2018 में संशोधन करते हुए प्रबंध समितियों में महिलाओं की सशक्त भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इसमें नामित सदस्यों और सभापतियों को निर्वाचन में छूट प्रदान की गई है, जो उन्हें सदस्य बनने की तिथि से लागू होगी।

चिकित्सकों के वेतनमान में सुधार:
राज्य के पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्रों में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विशेष डायनमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन योजना के तहत उनके वेतनमान में सुधार का निर्णय लिया गया। यह योजना उन चिकित्सकों को लाभान्वित करेगी, जो कठिन सेवाओं के मानदंड पूरे करते हैं। इससे 123 चिकित्सकों के बैच में वेतन असमानता को समाप्त किया जाएगा।
सरकार ने यह निर्णय चिकित्सकों के साथ अन्य कर्मचारियों के वेतन निर्धारण में समानता सुनिश्चित करने और राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने के उद्देश्य से लिया। इसके अतिरिक्त निम्न निर्णय भी लिए गए :

1- ई-स्टाम्पिंग एवं ई-कोर्ट फीस अनुबन्ध का नवीनीकरण किये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।

स्टाम्पों की आपूर्ति एवं विक्रय की वर्तमान प्रणाली में कठिनाईयों एवं कमियों दो दूर करने, नकली एवं जाली स्टाम्पों के प्रयोग पर रोक लगाने हेतु उत्तराखण्ड स्टाम्प (ई-स्टाम्प प्रमाण-पत्रों के माध्यम से शुल्क का संदाय) नियमावली, 2011 प्रख्यापित की गयी। भारत सरकार की सलाह के अनुरूप दिनांक 22.12.2021 को सम्पादित अनुबन्ध पत्र के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा 03 वर्षों के लिये स्टॉक होल्डिंग कार्पाेरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड को उत्तराखण्ड में ई-स्टाम्पिंग का कार्य करने के लिये केन्द्रीय अभिलेख अनुरक्षण अधिकरण के रूप में अधिकृत किया गया था। उक्त अनुबन्ध की समयसीमा दिनांक 19.12.2024 को समाप्त हो रही है।

वर्तमान में स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत Aadhar Authentication and Virtual Registration को राज्य स्तर पर क्रियान्वयन हेतु Virtual Registration Module, पेपरलेस ई-स्टाम्पिंग, Registry process completely Online and Paperless विषयक कार्यवाही भी SHCIL के साथ गतिमान है। साथ ही उप निबंधक कार्यालयों में संरक्षित अभिलेखों की सत्यापित प्रतिलिपि हेतु प्रचलित पूर्व की व्यवस्था को EoDB मानकों के अन्तर्गत पूर्णतः पेपरलेस करने के दृष्टिगत E-Nakal की व्यवस्था को भी SHCIL के सहयोग से लागू किया गया है। उक्त के दृष्टिगत राज्य सरकार एवं स्टॉक होल्डिंग कार्पाेरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड के मध्य ई-स्टाम्पिंग एवं ई-कोर्ट फीस अनुबन्ध को पूर्व में वर्णित शर्तों के अधीन ही आगामी 03 वर्ष हेतु विस्तारित किये जाने का निर्णय।

2 उत्तराखण्ड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन (संशोधन) नियमावली, 2024 के प्रख्यापन के सम्बन्ध में।

उत्तराखण्ड राज्य सहकारी समितियों में महिलाओं की सशक्त भागेदारी सुनिश्चित किये जाने के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा सहकारी समितियों की प्रबंध समिति में नामित सदस्य व सभापति जिन्हें विगत 03 सहकारी वर्ष पूर्व सम्मिलित किया गया था, ऐसे सदस्यों के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली, 2018 के नियम-12 (ख) में उक्त संशोधन नियमावली, 2024 के माध्यम से उन्हें सदस्य बनाये जाने की तिथि से प्रथम निर्वाचन के लिए छूट प्रदान किये जाने का निर्णय।

3.उत्तराखण्ड सरकारी सेवक वेतन नियम, 2016 के द्वारा पुनरीक्षित वैतन संरचना के नियम 6(1) के अन्तर्गत चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभागान्तर्गत चिकित्सको को एस०डी०ए०सी०पी० की स्वीकृति की तिथि से सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के क्रम में पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स में पुनः वेतन निर्धारण का विकल्प उपलब्ध कराये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।

राज्य के पर्वतीय एव दुर्गम क्षेत्रो में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्थित कराये जाने हेतु मौलिक रूप से नियुक्त प्रान्तीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा एव दन्त शल्यक सेवा सवर्ग के समस्त कार्यरत चिकित्साधिकारियों के लिए दिनांक 01 अप्रैल, 2016 से विशेष डायनमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन योजना लागू कि गयी है जो कि उन्हें उत्तराखण्ड चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा नियमावली 2014 में प्राविधानित पदोन्नति सोपान के दृष्टिगत 04, 09, 13 एवं 20 वर्ष की निरन्तर सन्तोषजनक सेवा पूर्ण करने पर कमशः ग्रेड वेतन रू0 6600, 7600, 8700 एवं 8900 के पदोन्नत वेतनमान पर्वतीय / दुर्गम क्षेत्र में कमश 02, 05, 07 एवं 09 वर्ष की सेवा पूर्ण करने की शर्त के साथ प्रदान करती है। चिकित्साधिकारियों द्वारा दुर्गम सेवा जब भी पूर्ण कर ली जाती है उन्हें विशेष डायनमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन योजना की अनुमन्यता की तिथि से समस्त लाभ प्राप्त हो जाते है।

उत्तराखण्ड सरकारी सेवक वेतन नियम 2016 के नियम 5 एवं नियम 6 (1) में प्रावधानित व्यवस्था के अन्तर्गत सातवें वेतन आयोग की पुनरीक्षित संरचना में वेतन निर्धारण हेतु विकल्प का प्रयोग अधिसूचना जारी होने की तिथि से 03 माह के भीतर किया जा सकता था। वर्ष 2003 में नियुक्त 123 चिकित्सकों में से 30 चिकित्सकों द्वारा एस०डी०ए०सी०पी० की अनुमन्यता हेतु लागू शर्त के दृष्टिगत विकल्प का प्रयोग विभिन्न कारणों से नहीं किया जा सका है। जिससे एक ही बैच में चयनित चिकित्सकों के वेतन में अन्तर परिलक्षित है।

राज्य सरकार द्वारा चिकित्सकों के वेतन में आ रहे अन्तर को दूर किये जाने हेतु उत्तराखण्ड सरकारी सेवक वेतन नियम् 2016 अधिसूचना दिनांक 28 दिसम्बर, 2016 के जारी होने की तिथि से तीन माह के अंदर ही विकल्प का चयन का प्रावधान उपबन्धित होने एवं विशेष डायनमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन योजना की विशेष प्रकृति के दृष्टिगत आपवादिक स्थिति में वेतन नियम, 2016 अधिसूचना दिनांक 28 दिसम्बर, 2016 के नियम 5 एवं 6 के अनुसार 2003 बैच के चिकित्सकों को एक बार पुनः पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स अपनाये जाने के विकल्प का चयन करने का एक और अवसर प्रदान किये जाने का निर्णय इस प्रतिबंध के साथ लिया गया है कि दी गयी छूट को किसी भी अन्य मामले में दृष्टांत नहीं माना जायेगा।

4.उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के वाहन चालकों को वर्दी भत्ता अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।

वाहन चालकों द्वारा वर्दी की दरों/उसके सापेक्ष उन्हें प्राप्त हो रही धनराशि में विगत 13 वर्षों से वृद्धि न होने के दृष्टिगत वर्दी की दरों / प्राप्त हो रही धनराशि में बढ़ोत्तरी किये जाने की निरन्तर मांग के क्रम में उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के वाहन चालकों की वर्दी के लिए निर्धारित उक्त व्यवस्था को समाप्त करते हुए उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के नियमित रूप से कार्यरत वाहन चालकों को प्रतिवर्ष रू० 3,000.00/- (रू० तीन हजार मात्र) वर्दी भत्ता अनुमन्य किये जाने का कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है। इससे राज्य में कार्यरत लगभग 2000 नियमित वाहन चालक लाभन्वित होंगे।

5.उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग के तहत मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 एवं 2019 की धारा-21 की उपधारा (3) में प्राविधानित है कि आयोग का एक सचिव होगा, जो राज्य का मुख्य कार्यपालक अधिकारी होगा और वह अध्यक्ष के नियंत्रण के अधीन रहते हुये राज्य आयोग की सभी प्रशासनिक एवं वित्तीय शक्तियों का प्रयोग करेगा।

उक्त प्राविधान के आलोक में वर्तमान में सचिव, उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग को आयोग के समस्त प्रशासनिक एवं वित्तीय शक्तियां प्राप्त हैं, परन्तु आयोग में विभागाध्यक्ष घोषित न होने के दृष्टिगत अध्यक्ष, उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग को शासकीय अभिलेखों में विभागाध्यक्ष घोषित किए जाने हेतु वित्तीय अधिकारों के प्रतिनिधायन, के अध्याय-4 (विभागाध्यक्षों की सूची) के क्रमांक-110 के पश्चात् क्रमांक-111 पर अध्यक्ष, उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग, देहरादून का नाम अग्रेतर सम्मिलित किये जाने का लिया गया निर्णय।

6.दिनांक 30 जून/31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले उत्तराखण्ड राज्य सरकार के कार्मिकों की सेवानिवृत्ति की तिथि (30 जून/31 दिसम्बर) के ठीक अगले दिन अर्थात 01 जुलाई/01 जनवरी को वेतनवृद्धि नियत होने पर एक नोशनल वेतनवृद्धि अनुमन्य किये जाने का लिया गया निर्णय।

राज्य में वेतन समिति, उत्तराखण्ड द्वारा की गयी संस्तुतियों पर लिये गये निर्णयानुसार राजकीय कर्मचारियों को अनुमन्य वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि प्रत्येक वर्ष की 01 जनवरी तथा 01 जुलाई निर्धारित की गयी है। राज्य सरकार के बहुत से सरकारी सेवक अधिवर्षता आयु पूर्ण कर प्रति वर्ष दिनांक 30 जून/31 दिसम्बर को भी सेवानिवृत्त होते हैं, इनमे ऐसे सरकारी सेवक भी सम्मिलित होते है, जिनके द्वारा एक ही वेतन स्तर पर उक्त तिथि को 01 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूर्ण कर ली जाती है। परन्तु उन्हें आगामी वेतनवृद्धि प्रदान नहीं की जाती है क्योंकि सरकारी सेवकों को वार्षिक वेतन वृद्धि एक वर्ष की सन्तोषजनक सेवा के उपरान्त देय होती है। इन सरकारी सेवकों द्वारा एक वर्ष की सन्तोषजनक सेवा पूर्ण तो कर ली जाती है लेकिन वे उसी दिन सेवानिवृत्त हो जाते है जिस दिन उनकी एक वर्ष की सेवा पूर्ण हो रही हो।

राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 30 जून एवं 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले राज्य सरकार के कार्मिकों, जिन्हें यथास्थिति 01 जुलाई एवं 01 जनवरी को वेतनवृद्धि दिया जाना नियत है, द्वारा आहरित अंतिम वेतन मे एक नोशनल वेतनवृद्धि जोडते हुए पेंशन की गणना की जायेगी। अन्य सेवानिवृत्तिक लाभो की गणना में नोशनल वेतनवृद्धि को नहीं लिया जायेगा ।

7 उत्तराखण्ड आवास नीति नियमावली, 2024 के प्रख्यापन के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

राज्य के अन्तर्गत निवासरत जनों हेतु सुरक्षित एवं स्थायी आवास एवं प्रधानमंत्री आवास योजना से आच्छादित पात्र समाज के प्रत्येक वर्ग को किफायती आवास बनाने के उद्देश्य की पूर्ति हेतु उत्तराखण्ड आवास नीति, 2017 प्रख्यापित की गयी थी। उक्त आवास नीति, 2017 के सुचारू क्रियान्वयन किये जाने के लिए उत्तराखण्ड आवास नीति नियमावली, 2018 का प्रख्यापन किया गया। पूर्ववर्ती नीति एवं नियमावलियों में विद्यमान कमियों को दूर करते हुए किफायती आवास परियोजनाओं सहित समस्त प्रकार की आवासीय परियोजनाओं के निर्माण एवं भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया को सरल एवं व्यावहारिक बनाये जाने, राज्य में आवासीय सेक्टर के विकास हेतु एक सकारात्मक एवं अनुकूल वातावरण का निर्माण किये जाने तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकार की मंशानुसार सबके लिए आवास की परिकल्पना को मूर्त रूप दिये जाने के उद्देश्य से नियमावली का प्रख्यापन किये जाने का निर्णय लिया गया।

8 राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ में सब्सिडी प्रदान करने के सम्बन्ध में।

मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 16 सितम्बर, 2024 को राज्य के घरेलू श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ में सब्सिडी प्रदान किये जाने सम्बन्धी घोषणा के क्रम में राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को लागू विद्युत दरों (इनर्जी चार्ज) में 50 प्रतिशत सब्सिडी निम्नानुसार प्रदान की गयी हैः-

हिम-आच्छादित क्षेत्र के घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता जिनका मासिक विद्युत उपभोग 200 यूनिट तक है।
अन्य क्षेत्रों के घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता जिनका अनुबन्धित विद्युत भार 1 किलोवाट तक तथा मासिक विद्युत उपभोग 100 यूनिट तक है।
उक्त शासनादेश दिनांक 24.09.2024 में आंशिक संसोधन तथा पूर्व में उल्लिखित अन्य शर्तों सहित कार्याेत्तर स्वीकृति / अनुमोदन प्राप्त किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
9.उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत निराश्रित/बेसहारा गौवंश का आश्रय कराये जाने हेतु निर्गत शासनादेश में संसोधन का निर्णय।

उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान की 11वीं एवं 12वीं अनुसूची की व्यवस्था के अनुसार नगरीय परिधि में गोसदनों का निर्माण एवं तत्संबंधी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना शहरी विकास विभाग के क्षेत्रान्तर्गत, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में गोसदनों का निर्माण एवं तत्संबंधी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना पंचायती राज विभाग के क्षेत्रान्तर्गत आता है। ग्रामीण क्षेत्रों में गोसदनों का निर्माण कार्य पंचायती राज विभाग के क्षेत्रान्तर्गत आता है। यह भी उल्लखनीय है कि प्रदेश के समस्त पंजीकृत गोसदनों में शरणागत निराश्रित गोवंश को भरण-पोषण एव उनके उपचार से संबंधित समस्त चिकित्सकीय सुविधाएं पशुपालन विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।

उक्त के दृष्टिगत नगरीय परिधि में निराश्रित गोवंश हेतु गोसदनों की स्थापना एवं तत्संबंधी आवश्यक सुविधाएं पूर्ववत शहरी विकास विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी तथा नगरीय परिधि से बाहर निराश्रित गोवंश हेतु गोसदनों की स्थापना एवं तत्संबंधी आवश्यक सुविधाएं पंचायती राज विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी। इस प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।

10.राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग में अधिसूचित जाति सयाल के स्थान पर जाति सयाला संशोधित किये जाने का निर्णय।

11.राज्य के ट्रांसजेण्डर समुदाय के हितों के दृष्टिगत् ट्रांसजेण्डर पर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ राइट) अधिनियम, 2019 की धारा-22 एवं ट्रांसजेण्डर पर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ राइट) रूल्स, 2020 की धारा-10 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड ट्रांसजेण्डर पर्सन्स कल्याण बोर्ड का गठन किये जाने की प्रदान की गई स्वीकृति।

12.उत्तराखण्ड रजिस्ट्रार कानूनगो संघ एवं पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, उप निरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ की हड़ताल अवधि (दिनांकः 01.11.2021 से 08.01.2022 तक एवं दिनांक 23.12.2021 से 07.01.2022 तक) को उनके उपार्जित अवकाश में समायोजित कर उक्त अवधि का वेतन आहरण किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

13.राज्य में उत्पादित सी ग्रेड सेब तथा नाशपाती (गोला) फलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किये जाने का निर्णय।

राज्य के सेब एवं नाशपाती फल उत्पादकों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाये जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है, जिसके दृष्टिगत वर्ष 2024-25 में उत्पादित सी ग्रेड सेब फल का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 13.00 प्रति किग्रा० तथा नाशपाती (गोला) फल का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 7.00 प्रति किग्रा० निर्धारित / घोषित किये जाने तथा भविष्य में औद्यानिक फलों यथा-सी ग्रेड सेब, नाशपाती (गोला), माल्टा, गलगल, पहाड़ी नीबू इत्यादि का न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण वित्त विभाग के परामर्श / सहमति से प्रशासकीय विभाग को अधिकृत किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री द्वारा दिनांकः 18.10.2024 को विचलन के माध्यम से प्रदत्त अनुमोदन के क्रम में शासनादेश निर्गत किये जा चुके हैं। इस प्रसताव को कैबिनेट ने दी मंजूूरी।

14.समन्वित बाल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों/ आंगनवाड़ी सहायिकाओं की मानदेय पर नियुक्ति हेतु चयन प्रकिया के सम्बन्ध में।

समन्वित बाल विकास कार्यकम के अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों/ सहायिकाओं / मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की मानदेय पर नियुक्ति हेतु चयन प्रक्रिया के सम्बन्ध में आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों/आंगनवाडी सहायिकाओं के चयन/नियुक्ति कार्य एवं उत्तरदायित्व के निर्धारण एवं सेवा शर्तों के विनियमन हेतु नवीन शासनादेश निर्गत किये जाने का कैबिनेट ने प्रदान की स्वीकृति।

15.उत्तराखण्ड भूसम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) के वार्षिक प्रतिवेदन 2022-23 को विधान सभा में सदन के पटल पर रखे जाने का कैबिनेट ने लिया निर्णय।

16.मुख्यमंत्री विद्यार्थी शैक्षिक भारत दर्शन योजना (शैक्षिक भ्रमण योजना). 2024 संचालित किये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।

उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालयों/ परिसरों एवं शासकीय महाविद्यालयों में संस्थागत रूप से अध्ययनरत मेधावी छात्रों का शैक्षिक अभिमुखीकरण करने तथा देश के बहुआयामी संस्कृति से जोड़ते हुए लब्ध प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थाओं और अन्य महत्वपूर्ण संस्थाओं में हो रहे शोध, शिक्षा, नवाचार, संस्कृति आदि से परिचित कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री-विद्यार्थी शैक्षिक भारत दर्शन योजना (शैक्षिक भ्रमण योजना), 2024 को कैबिनेट से मिली मंजूरी।

इस योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालय परिसरों एवं शासकीय महाविद्यालय के संस्थागत छात्रों का चयन करके उन्हें भारत के प्रमुख लब्ध प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों और अन्य राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों का भ्रमण करने के लिए भेजने की रूपरेखा स्थापित करना है।

योजना हेतु राज्य विश्वविद्यालय परिसर एवं शासकीय महाविद्यालयों के अंतिम वर्ष अथवा द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत संस्थागत छात्र भ्रमण हेतु पात्र होंगे।

17.मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन एवं ज्ञानवर्धन प्रशिक्षण योजना (शैक्षिक भ्रमण योजना), 2024 संचालित किये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।

उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालयों / परिसरों एवं शासकीय महाविद्यालयों तथा उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड के अधिकार क्षेत्र में आने वाले अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत / तैनात के शिक्षकों को देश के प्रमुख संस्थानों और केंद्रों का शैक्षिक भ्रमण करने के लिए उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन एवं ज्ञानवर्धन प्रशिक्षण योजना प्रस्ताव को किया गया स्वीकृत।

इस योजना का उद्देश्य राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों (राज्य विश्वविद्यालय परिसरों एवं शासकीय महाविद्यालयों तथा उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड के अधिकार क्षेत्र में आने वाले अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थानों) में कार्यरत / तैनात के शिक्षकों को देश के प्रमुख संस्थानों और केंद्रों का शैक्षिक भ्रमण करने के लिए भेजने की रूपरेखा स्थापित करना है।

योजना हेतु संस्थानों की विषय क्षेत्र में विशेषज्ञता के आधार पर संबंधित विषय क्षेत्र के शिक्षक का चयन किया जाएगा जिसके अंतर्गत मेजबान संस्थान से प्राप्त परस्पर सहमति एवं निर्धारित मॉड्यूल (परिवर्तनीय) के आधार पर गुणवत्ता उन्नयन एवं ज्ञानवर्धन हेतु प्रस्तावित भ्रमण अवधि में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

18.मुख्यमंत्री उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन प्रोत्साहन योजना, 2024 संचालित किये जाने का निर्णय।

उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालयों एवं संबद्ध राजकीय महाविद्यालयों के समस्त विषयों के नियमित प्राध्यापकों को अपने शोध कार्यों को उच्च गुणवत्तापरक शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित करने हेतु प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन प्रोत्साहन योजना, 2024 की शुरुआत किये जाने का कैबिनेट ने प्रदान की स्वीकृति।

इस योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालयों एवं संबद्ध महाविद्यालयों में शोध वातावरण के सृजन तथा शोध की गुणवत्ता को बढ़ावा देना है।

प्रोत्साहन पुरस्कारः- प्राध्यापकों द्वारा प्रकाशित शोध पत्र एबीडीसी (आस्ट्रेलियन बिजनेस डीन्स काउंसिल) क्वालिटी लिस्ट में होने अथवा उपरोक्त वर्णित श्रेणी के इण्डेक्स शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित होने पर निम्नानुसार मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया जाएगा-

एबीडीसी (आस्ट्रेलियन बिजनेसडीन्स काउंसिल) क्वालिटी लिस्ट में ए स्टार अथवा ए श्रेणी तथा स्कोपस इण्डेक्स, एस०सी०आई इण्डेक्स एवं वेब ऑफ साइंस इण्डेक्स के 5 अथवा अधिक इम्पैक्ट फैक्टर वाले शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित होने पर प्रत्येक शोध पत्र के लिए ₹10,000.00 मात्र (₹ दस हजार मात्र) की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

एबीडीसी (आस्ट्रेलियन बिजनेस डीन्स काउंसिल) क्वालिटी लिस्ट में बी तथा स्कोपस इण्डेक्स, एस०सी०आई इण्डेक्स एवं वेब ऑफ साइंस इण्डेक्स के 5 से कम इम्पैक्ट फैक्टर वाले शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित होने पर प्रत्येक शोध पत्र के लिए ₹5,000.00 मात्र (₹ पाँच हजार मात्र) की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

प्राध्यापकों को उक्त प्रोत्साहन पुरस्कार हेतु समर्थ पोर्टल पर आवेदन करना होगा, जिस हेतु राज्य सरकार द्वारा समर्थ पोर्टल के माध्यम से वर्ष में दो बार (जनवरी एवं जुलाई) आवेदन आमंत्रित किया जाएगा।

19.उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा 100 नई बसें बीएस-06 मॉडल की क्रय किये जाने हेतु कुल धनराशि₹ 34.90 करोड़ वित्तीय संस्थाओं से ऋण लिये जाने एवं उस पर देय ब्याज की धनराशि की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा अनुदान के रूप में भुगतान किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।

उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा जनसामान्य को निगम के नियन्त्रणाधीन संचालित बस सेवाओं के माध्यम से आवागमन एवं यात्रा की अति आवश्यक सुविधा प्रदान की जाती है। बी0 एस0 06 डीजल बसों को ही दिल्ली में प्रवेश दिये जाने के निर्देशों के क्रम में उत्तराखण्ड परिवहन निगम की दिल्ली हेतु संचालित 540 बसों के सापेक्ष पर्वतीय क्षेत्र हेतु बीएस-06 मॉडल की 100 नई बसें क्रय किये जाने हेतु कुल धनराशि 34.90 करोड़ के ऋण पर देय ब्याज का भुगतान (पांच वर्ष तक) अनुदान के रूप में दिये जाने की स्वीकृति राज्य सरकार द्वारा प्रदान किये जाने का कैबिनेट ने लिया निर्णय।

20.चिकित्सा शिक्षा विभागान्तर्गत संचालित राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं सम्बद्ध टीचिंग चिकित्सालयों में यूजर चार्जेज की दरों में एकरूपता लाये जाने का निर्णय।

उत्तराखण्ड राज्य में चिकित्सा शिक्षा विभागन्तर्गत वर्तमान में राजकीय मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर, देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी एवं अल्मोड़ा संचालित हैं तथा राजकीय मेडिकल कॉलेज, रूद्रपुर तथा पिथौरागढ़ के सम्बद्ध चिकित्सालय भी संचालित किये जा रहे हैं। उक्त मेडिकल कॉलेजों के सम्बद्ध चिकित्सालयों में लिये जाने वाले ओ०पी०डी० दरों, आई०पी०डी० दरों, पंजीकरण शुल्क, बैड चार्जेज एवं एम्बुलेंस, जांच एवं निदान शुल्क / यूजर चार्जेज इत्यादि में एकरूपता लाये जाने के उद्देश्य से वर्तमान में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संशोधित / निर्धारित यूजर चार्जेज की दरों की भांति किये जाने के संबंध में प्रकरण को मंत्रिमण्डल के निर्णयार्थ प्रस्तुत किया गया, जिस पर मंत्रिमण्डल द्वारा सहमति व्यक्त की गयी है।

21 उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा विनियम 2009 के अध्याय-12 की धारा-27 में उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) में लिंग परिवर्तन के फलस्वरूप नाम परिवर्तन सम्बन्धी प्रकरणों हेतु कोई प्राविधान नहीं है। लिंग परिवर्तन के पश्चायत शैक्षिक प्रमाण पत्र आदि शैक्षिक अभिलेखों में नाम परिवर्तन विषयक संशोधन सम्बन्धी प्राप्त हो रहे अनुरोधों के निस्तारण हेतु उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा विनियम 2009 के अध्याय-12 की धारा-27 में उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों के संरक्षण) अधिनियम 2019 के अनुसार संशोधन किया जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

लिंग परिवर्तन करने के पश्चात् नाम परिवर्तन सम्बन्धी प्रकरणों का निस्तारण उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 की धारा 7 सपठित उभयलिंगी (अधिकारों का संरक्षण) नियमावली 2020 एवं उक्त के सम्बन्ध में भविष्य में इस संबंध में समय-समय पर जारी/संशोधित अन्य नियमावली / शासनादेशों के क्रम में किया जायेगा।

22 राज्य में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु उत्तराखण्ड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक-2024 को अध्यादेश के रूप में रखे जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।
राज्य में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु उत्तराखण्ड राज्य क्रीडा विश्वविद्यालय विधेयक-2024 को विधान सभा के पटल पर रखे जान संबंधी कार्यवाही खेल विभाग द्वारा की गयी थी तथा उक्त विधेयक को गैरसैंण में आहूत विधानसभा सत्र में तत्समय रखा भी गया था।

इसी क्रम में उक्त विधेयक पर विधानसभा की सहमति प्राप्त होने के पश्चात् मा० राज्यपाल महोदय का अनुमोदन प्राप्त किये जाने हेतु विधेयक का विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग के माध्यम से संदर्भित किया गया था।

राजभवन, देहरादून द्वारा अपने पत्र दिनांक 11 नवम्बर, 2024 को भारत के संविधान के अनुच्छेद-200 के प्रथम परन्तुक में प्रदत्त अधिकार का प्रयोग करत हुये इस विधेयक को राज्य विधानसभा में पुनर्विचार हेतु प्रत्यावर्तित करते हुय पारित मूल प्रस्तावित अधिनियम विधेयक की प्रस्तावित धारा-12 एवं धारा-23 में संशोधन करने हेतु निर्देशित किया गया है, उल्लिखित निर्देशों का अनुपालन करते हुये संशोधित धाराओं को प्रस्तावित्त अध्यादेश में समाहित कर दिया गया है।

प्रकरण की महत्ता एवं तात्कालिकता तथा वर्तमान में विधानसभा सत्र में न होने के दृष्टिगत उत्तराखण्ड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक-2024 को अध्यादेश के रूप में लाये जाने के प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल द्वारा सहमति प्रदान की गई हैं।

अपर सचिव स्तर के अधिकारी सीएम के निर्देश पर गांवों में रात्रि प्रवास कर स्थानीय लोगों से करेंगे संवाद

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देहरादून, डबल इंजन सरकार की योजनाओं का लाभ गांव के अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्प है। अब अपर सचिव स्तर के अधिकारी राज्य के हर विकासखंड में जाएंगे और राज्य एवं केंद्र सरकार की योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। सभी अधिकारी विकासखंड के एक या दो गांवों में रात्रि प्रवास कर स्थानीय लोगों से भी संवाद करेंगे।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विभागों को प्रदेश और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। राज्य में गांवों के विकास का क्या हाल है, प्रदेश और केंद्र की ओर से संचालित विकास योजनाओं की क्या स्थिति है, स्थानीय लोगों की विशिष्ट समस्याएं क्या हैं, इसका जायजा लेने के लिए अपर सचिव स्तर के अधिकारी सभी 13 जिलों के 95 विकासखंडों में पहुंचेंगे और विकास योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करेंगे।शासनादेश के अनुसार सभी अधिकारी विकास योजनाओं का निरीक्षण कर केंद्र और प्रदेश स्तर के ध्वजवाहक कार्यक्रमों व अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षात्मक रिपोर्ट तैयार करने के साथ ही ब्लॉक स्तर पर होने वाली महत्वपूर्ण बैठकों में भी प्रतिभाग करेंगे। केंद्र और प्रदेश की लाभार्थी परक योजनाओं का स्थलीय सत्यापन कर देखेंगे कि पात्र लोग लाभान्वित हो रहे हैं या नहीं।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए गंभीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दिशानिर्देशन में उत्तराखण्ड के विकास को नई गति दी जा रही है। हम ‘अंत्योदय एवं गरीब कल्याण’ के संकल्प को सिद्धि की ओर ले जाने के लिए तत्पर हैं। विकास गांव के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए उच्च स्तरीय अधिकारियों को मॉनिटरिंग का जिम्मा दिया गया है। अपर सचिव स्तर के अधिकारी गांवों के प्रवास पर जाएंगे तो विकास की वस्तुस्थिति की पूरी जानकारी शासन को हो सकेगी। वरिष्ठ अधिकारियों के दूरस्थ गांवों का हाल जानने से विकास की योजनाएं भी गांवों की जरूरत के अनुसार बनाई जा सकेंगी।

ओएनजीसी के सेवानिवृत्त अधिकारी की हत्या का मामला, पुलिस को मिले महत्वपूर्ण सुराग, जल्द होगा खुलासा

देहरादून, ओएनजीसी के सेवानिवृत्त अधिकारी की हत्या के मामले में पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि शीघ्र घटना का खुलासा कर दिया जायेगा।उल्लेखनीय है कि जीएमएस रोड के पॉश कालोनी अलकनन्दा एन्क्लेव में अकेले रह रहे ओएनजीसी के सेवानिवृत्त इंजीनियर अशोक कुमार गर्ग की बीती शाम नृशंस हत्या कर दी गयी थी। पडोसियों ने जब आवाज सुनी जिसके बाद पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचे बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाया लेकिन तब तक उनकी मौत हो गयी थी। पुलिस जब मौके पर पहुंची थी तो मकान के सभी कमरों की लाइटें जल रही थी। हत्यारे ने जिस तरह से अशोक कुमार गर्ग की हत्या की इससे यह तो साफ हो जाता है कि उसको काफी गुस्सा था। पेट पर इन घावों से उनकी आंते भी बाहर आ गयी थी। पुलिस की शुरूआती जांच मेें मामला लूट का नहीं लग रहा था क्योंकि कमरे में रखे पैसे उसी जगह पर सुरक्षित रखे हुए थे। घर का हर सामान जहां जैसा रखा रहता था वैसे ही रखा था। मौके पर कुछ भी अस्त व्यस्त नही दिख रहा था। पुलिस ने आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू कर दिया। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं और घटना का शीघ्र खुलासा कर दिया जायेगा।

शीतकालीन यात्रा एवं चारधाम यात्रा—2025 के संबंध में सीएम धामी ने की समीक्षा बैठक

देहरादून, सचिवालय में शीतकालीन यात्रा एवं चारधाम यात्रा—2025 के संबंध में आयोजित बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यात्रा मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने, खराब मौसम के दौरान आपातकालीन प्रबंधन प्रणाली को प्रभावी बनाने और सड़कों की मरम्मत का कार्य सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया।इस दौरान उन्होने बताया कि शीतकालीन सत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने जीएमवीएन के होटलों में 25: छूट देने का निर्णय भी लिया है। बैठक के दौरान चारधाम यात्रा—2025 की तैयारियों को लेकर अधिकारियों को यात्रा मार्ग पर गाड़ियों के लिए पार्किंग लॉट्स बनाने, चारधाम में श्रद्धालुओं की दैनिक धारण क्षमता को बढ़ाने के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और यात्रा प्राधिकरण में सम्मानित हक—हकूकधारियों की सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गये। साथ ही राज्य के शीतकालीन पर्यटन स्थलों एवं अन्य हिडन डेस्टिनेशंस को बढ़ावा देने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं, स्वच्छता और सुरक्षित आवास की व्यवस्था को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाये।

ओएनजीसी से रिटायर बुजुर्ग की संदिग्ध हालत में मौत, पुलिस जांच में जुटी, हत्या की आशंका

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देहरादून, जनपद के थाना वसंत विहार को सूचना प्राप्त हुई की अलकनंदा एंक्लेव में स्थित एक घर से एक बुजुर्ग व्यक्ति के चिल्लाने की आवाज आ रही है। सूचना पर थाना बसंत विहार से पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुंचा। मौके पर अलकनंदा एन्क्लेव में स्थित एक मकान में एक बुजुर्ग व्यक्ति घायल अवस्था में पड़े थे, जिनके पेट पर गहरे घाव के निशान थे, जिन्हें पुलिस कर्मियों द्वारा तत्काल उपचार हेतु इंद्रेश अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

अलकनंदा एंक्लेव, जीएमएस रोड निवासी अशोक कुमार गर्ग के रूप में हुई जिनकी उम्र 75 वर्ष बतायी जा रही है। मृतक के संबंध में जानकारी करने में ज्ञात हुआ कि मृतक ओएनजीसी से वरिष्ठ इंजीनियर पद से सेवानिवृत्त अशोक गर्ग उम्र 72 वर्ष अलकनंदा एन्क्लेव के 25 नंबर मकान में रहते थे। उनकी दो बेटियां हैं, इनमें से एक चेन्नई में रहती हैं, जिनके पति एयर फोर्स में हैं, जबकि दूसरी बेटी गुरुग्राम में रहती हैं, उनके पति विदेश में रहते हैं। अशोक गर्ग की पत्नी की पांच साल पहले मृत्यु हो चुकी है ऐसे में वह घर पर अकेले रहते थे। सोमवार रात करीब साढ़े बजे अज्ञात व्यक्ति ने उनकी चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी। उनके पेट में चाकू से कई वार किए गए, जिसके कारण उनका पेट आधा फट गया।
घटनास्थल पर तत्काल पुलिस व फॉरेंसिक टीम द्वारा घटनास्थल का गहनता से निरीक्षण किया गया व जांच की जा रही है, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा तत्काल मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण कर अधिकारियों व पड़ोसियों से घटना के संबंध में जानकारी ली गई व घटना के खुलासे के तत्काल निर्देश दिए गए। अब पुलिस की जांच के बाद ही मौत होने का पता चल पायेगा |