Wednesday, April 30, 2025
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उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी केएस चौहान ने की महानायक अमिताभ बच्चन से मुलाकात

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देहरादून, उत्तराखंड फ़िल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी के एस चौहान ने सदी के महानायक अमिताभ बच्चन से मुलाकात करते हुए उनको उत्तराखंड पर्यटन एवं फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन की कॉपी टेबल बुक तथा केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति भेंट की।

श्री अमिताभ बच्चन ने कहा कि उनको उत्तराखंड में फ़िल्म शूटिंग में बहुत आंनद आ रहा है ।
देवभूमि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य एवं प्राकृतिक वातावारण फिल्म की शूटिंग के लिए अनुकूल है। उन्होंने उत्तराखण्ड के लोगों के सहयोगात्मक स्वभाव की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के फ़िल्म शूटिंग डेस्टिनेशन बहुत ही शानदार है।

श्री अमिताभ बच्चन की फ़िल्म “गुड बॉय” पिछले 27 मार्च से ऋषिकेश और देहरादून में हो रही है। फ़िल्म की शूटिंग 4 अप्रेल तक उत्तराखंड में होगी। इस फ़िल्म में उत्तराखंड के कही जूनियर कलाकार भी भाग ले रहे हैं।
श्री चौहान ने कहा कि उत्तराखंड वर्तमान में फ़िल्म शूटिंग का हब बन चुका है। फ़िल्म शूटिंग से पर्यटन का साथ साथ ही रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे हैं।

परीक्षा पे चर्चा संवाद से केंद्रीय विद्यालय के छात्र- छात्राओं में नई ऊर्जा का संचार

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देहरादून, केंद्रीय विद्यालय बीरपुर, में आज परीक्षा पे चर्चा संवाद कार्यक्रम के माध्यम से स्कूल के बच्चों में प्रतिस्पार्धक ऊर्जा का संचार हुआ और माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के संबोधन से बच्चे उत्साहित हुए !

विद्यालय परिसर में आज इस कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया |
संवाद कार्यक्रम की जानकारी देते हुए विद्यालय प्राचार्या श्रीमती उमा. एस चंद्रा ने बताया कि विद्यालय के करीब 1105 बच्चे, अभिभावक, तथा शिक्षकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया,
तालकटोरा स्टेडियम नई दिल्ली से प्रसारित प्रधानमन्त्री जी द्वारा परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम केन्द्रीय विद्यालय बीरपुर में स्क्रीन, प्रोजेक्टर और यू ट्यूब डिजिटल दुनिया से जुड़े सभी संचार माध्यमों के द्वारा किया गया |
विदयालय प्राचार्या ने बताया कि कोरोना काल के बाद हो रही बोर्ड परीक्षाओं को लेकर छात्र- छात्राओं तथा अभिभावकों में बहुत ज्यादा तनाव की स्थिति थी | प्रधानमन्त्री जी के परीक्षा पर संवाद से छात्र- छात्राओं का मनोबल ऊँचा हो गया और विद्यार्थियों के अन्दर जो परीक्षा का भय था माननीय प्रधानमन्त्री जी की के संबोधन से दूर हो गया |
माननीय प्रधानमन्त्री जी की बातों ने मानों एक संजीवनी बूटी का काम किया है, जिसे सुनकर बच्चों में एक नई आशा और उम्मीद की किरण जागृत हो गयी पूरा विदयालय माननीय प्रधानमन्त्री जी का आभार प्रकट कर रहा है | उम्मीद है कि यह चर्चा प्ररीक्षा जगत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी | सभी बच्चे, शिक्षक अभिभावक इससे प्रेरणा लेकर देश और समाज के उत्थान में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे |

 

‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में देशभर के विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री मोदी ने किया संबोधित

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देहरादून/नई दिल्ली, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में देशभर के विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अनेक बच्चों से चर्चा कर उनकी समस्याओं के समाधान के मंत्र दिए।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि परीक्षा पर चर्चा के माध्यम से प्रधानमंत्री जी द्वारा विद्यार्थियों को तनाव मुक्ति, आत्मविश्वास बढ़ाने, एकाग्रचित मन के लिए जिस तरह प्रेरित किया गया है, यह विद्यार्थियों के मनोबल को ऊंचाईयों तक पहुंचाता है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले प्रदेश के सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी के मन में परीक्षा के तनाव का वातावरण न हो और आत्मविश्वास हो, तो उसके बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनुशासन का होना जरूरी है। बच्चे, माता-पिता एवं गुरूजनों का अनुसरण सबसे अधिक करते हैं। बच्चों की प्रतिभाओं को उजागर करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरणा दी कि बेहतर कार्य करने के लिए मन में उत्साह होना चाहिए। यदि मन में उत्साह हो तो कार्य के प्रति ऊर्जा स्वतः ही आ जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा बच्चों की हर जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने बच्चों की जिज्ञासा के समाधान का अच्छा मंत्र बताया कि ऑनलाइन या ऑफलाइन शिक्षण माध्यम समस्या नहीं, बल्कि मन समस्या है। यदि किसी कार्य के लिए हमारा मन एकाग्र है, तो वह कार्य सफलतापूर्वक पूरा होता है। नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों को नए रास्ते पर जाने का सम्मान के साथ अवसर दे रही है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, शिक्षा सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर राजेश कुमार, महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी, शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं विद्यार्थी मौजूद थे।

खास खबर : मुख्यमंत्री की त्वरित कार्रवाई, डा. निधि उनियाल का स्थानांतरण स्थगित, प्रकरण की जांच के दिये निर्देश

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देहरादून, भाजपा सरकार में दूसरी बार सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डा. निधि उनियाल व स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे के बहुचर्चित प्रकरण में त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच के निर्देश दिये हैं। यही नहीं उन्होंने डा. उनियाल का स्थानांतरण भी तत्काल प्रभाव से रोकने के आदेश दिये हैं।

गौरतलब हो कि गत दो दिनों से उत्तराखंड के एक नौकरशाह आईएएस अधिकारी पंकज पांडे की पत्नी द्वारा डा. निधि उनियाल के साथ किये अभद्र व्यवहार के बाद स्वास्थ्य सचिव ने उल्टे डा. उनियाल का ही स्थानांतरण कर दिया। इससे आहत डा. निधि उनियाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। राज्य में यह मामला काफी चर्चित हो गया। साथ ही ही सरकार पर भी सवालिया निशान लग गया था।
जब इस पूरे प्रकरण की जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मिली तो उन्होंने त्वरित फैसला करते हुए स्थानांतरण को रोकने तथा पूरे मामले की जांच के लिए प्रमुख सचिव को एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिये।

इस मामले से राज्य के सरकारी चिकित्सकों में आक्रोश देखा जा रहा था लेकिन सीएम धामी की इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार के खिलाफ धामी सरकार की प्रतिबद्धता नजर आई है। ऐसे ही त्वरित फैसले से सरकार के सकारात्मक रुख का पता चलता है। यह कहा जा सकता है कि युवा सीएम धामी कड़े फैसले लेने में हिचकते नहीं है।
उधर स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री से उनके आवास में मिलकर प्रकरण से अवगत कराया था।

सरकार ने प्राकृतिक गैस का दाम बढ़ाकर दोगुना से अधिक किया, बढ़ सकती हैं CNG-PNG की कीमतें

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नयी दिल्ली, सरकार ने वैश्विक स्तर पर ईंधन के दाम में आई तेजी के बीच प्राकृतिक गैस का दाम एक अप्रैल से बढ़ाकर दोगुना से अधिक कर दिया है। इस गैस का उपयोग उर्वरक संयंत्रों, सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस (पीएनजी) बनाने में किया जाता है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना के अनुसार नियमित फील्डों से उत्पादित गैस की कीमत रिकॉर्ड 6.10 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (यूनिट) की गयी है। जबकि अभी यह दर 2.90 डॉलर प्रति यूनिट है। इन क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी (ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) का बसईं फील्ड शामिल है जो देश के सबसे बड़ा गैस क्षेत्र है।
नई कीमत एक अप्रैल से छह महीने की अवधि के लिये है। इस वृद्धि से सीएनजी और पीएनजी के दाम बढ़ सकते हैं। पिछले 10 दिन में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में नौ बार वृद्धि की गयी है। वहीं एलपीजी की दरें भी 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ायी गयी हैं। गैस के दाम में ताजा वृद्धि से ईंधन की महंगाई दर बढ़ेगी।

अधिसूचना के अनुसार, नये और कठिन क्षेत्रों में स्थित फील्डों से उत्पादित गैस के दाम अप्रैल-सितंबर अवधि के लिये 9.92 डॉलर प्रति यूनिट होगा। जबकि अभी यह 6.13 डॉलर प्रति यूनिट है। ऐसे फील्ड में रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. का गहरे जल क्षेत्र में स्थित केजी-डी6 ब्लॉक शामिल है।

भारतीय गैस उत्पादकों को मिलने वाली यह कीमत अबतक की सबसे अधिक है।

सरकार हर छह महीने पर…एक अप्रैल और एक अक्टूबर…को दरें निर्धारित करती है। यह निर्धारण अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे अधिशेष गैस वाले देशों में जारी सालाना औसत कीमतों के आधार पर होता है।

उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार गैस के दाम में वृद्धि से दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में सीएनजी और पीएनजी की दरें 10 से 15 प्रतिशत बढ़ सकती हैं।

इक्रा लि. के उपाध्यक्ष और सह-प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग) प्रशांत वशिष्ठ ने कहा, ‘‘वैश्विक गैस केंद्रों पर दाम में तेजी के कारण घरेलू गैस की कीमतें बढ़ी हैं। गैस के दाम में वृद्धि से भारतीय गैस उत्पादक कंपनियों को राहत मिलेगी क्योंकि पहले की कीमत पर ज्यादातर फील्डों से गैस उत्पादन घाटे का सौदा था।’’

शहरों में सीएनजी और पीएनजी की आपूर्ति ओएनजीसी द्वारा उत्पादित गैस से होती है।

कीमत वृद्धि से बिजली उत्पादन की लागत भी बढ़ेगी। लेकिन गैस से बिजली उत्पादन की मात्रा बहुत अधिक नहीं होने से उपभोक्ताओं पर इसका असर नहीं होगा।

इसके अलावा, उर्वरक उत्पादन की लागत भी बढ़ेगी। लेकिन सरकार उर्वरकों के लिये सब्सिडी देती है, ऐसे में दाम बढ़ने की संभावना नहीं है।

यह नवंबर 2014 और मार्च 2015 के बीच ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड को पुराने क्षेत्रों के लिए भुगतान किए गए 5.05 डॉलर और अप्रैल-सितंबर 2019 में नये क्षेत्रों के लिए 9.32 डॉलर प्रति यूनिट के बाद लगातार दूसरी और अच्छी बढ़ोतरी है।

नई दरें वैश्विक मानक दरों…अमेरिका के हेनरी हब, कनाडा के अल्बर्ट गैस, ब्रिटेन के एनबीपी और रूस गैस… में वृद्धि के साथ-साथ तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की दरों में वृद्धि को प्रतिबिंबित करती हैं। आपूर्ति बाधित होने के साथ-साथ मांग बढ़ने से ईंधन के दाम बढ़े हैं।

घरेलू स्तर पर मूल्य एक तिमाही के अंतराल के साथ इन वैश्विक मानकों के आधार पर तय किया जाता है। यानी एक अप्रैल से 30 सितंबर की कीमतें जनवरी, 2021 से दिसंबर, 2021 के औसत मूल्य के आधार पर होंगी। और इस दौरान दरें ऊंची रही हैं।

गहरे जल क्षेत्र जैसे क्षेत्रों में स्थित कठिन फील्डों के लिये एलएनजी की कीमत को शामिल करके थोड़ा संशोधित फॉर्मूले का उपयोग किया जाता है।

रिलायंस-बीपी के केजी फील्ड को कठिन क्षेत्रों की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे फील्डों के लिये बाजार मूल्य तलाशने की अनुमति है लेकिन यह निर्धारित सीमा पर निर्भर है। उत्पादकों के लिये छह साल में यह सबसे लाभकारी मूल्य है।

खुशखबरीः मोबाइल यूजर्स के लिए अच्छी खबर, अब 28 दिन के बजाए 30 दिन का होगा रिचार्ज प्लान

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नई दिल्ली. TRAI issues order: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने टेलीकॉम कंपनियों पर बड़ा एक्शन लिया है. TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को नया आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक, कंपनियों को कम से कम एक प्लान ऐसा रखना होगा जो पूरे महीने वैलिड हो. टेलीकॉम कंपनियों को इसके लिए 60 दिन का समय दिया गया है.

60 दिनों की दी गई है मोहलत
ट्राई ने कहा है कि टेलीकॉम कंपनियों को कम से कम एक प्लान, एक स्पेशल टैरिफ वाउचर और एक स्पेशल रीचार्ज प्लान पूरे महीने वैलिडिटी वाला रखना होगा. अगर ये तारीख अगले महीने में नहीं आती है तो आने वाले महीने की अंतिम तारीख पर रीचार्ज करने की जरूरत होगी. कंपनियों को इसपर अमल करने के लिए 60 दिनों की मोहलत दी गई है. 1 जून, 2022 से 1 महीने वाला प्लान जरूरी होगा.

एक महीने के नाम पर मिलती है 28 दिनों की वैलिडिटी
बता दें कि ज्यादातर टेलीकॉम कंपनियां ग्राहकों को एक महीने के रिचार्ज के नाम पर 28 दिनों की वैलिडिटी देती हैं. हालांकि JIO ने ये प्लान लॉन्च कर दिया है. वहीं, अन्य टेलीकॉम कंपनियों जैसे वोडाफोन- आइडिया और एयरटेल को 60 दिनों के भीतर नए प्लान लॉन्च करने होंगे.

लगातार मिल रही थी शिकायतें
दरअसल ट्राई को इसे लेकर लगातार ग्राहकों की शिकायतें मिल रहीं थीं. कस्टमर्स के मुताबिक कंपनियां प्लान / टैरिफ की वैधता घटा रही हैं और इसको एक महीने की बजाय 28 दिन कर दिया है. इसके बाद कुछ दिनों पहले ट्राई ने कहा था कि उसे कंज्यूमर्स से टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा 28 दिनों की वैधता (या उसके मल्टीपल में) के टैरिफ प्रस्तावों के बारे में चिंता व्यक्त करने वाली शिकायतें मिली थीं. ट्राई ने कहा था कि संशोधन के अधिनियमन के साथ, टेलीकॉम उपभोक्ताओं के पास उपयुक्त वैधता और अवधि की सर्विस ऑफर चुनने के लिए ज्यादा विकल्प होंगे.

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर! DA में 3% की बढ़ोतरी, कैबिनेट में हुआ ऐलान

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नई दिल्ली: 7th Pay Commission News: केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employees) और पेंशनर्स (Pensioners) के लिए बड़ी खुशखबरी है. आज यानी 30 मार्च बुधवार को कैबिनेट की बैठक में डीए में 3% बढ़ोतरी (Dearness allowance Hike) को मंजूरी मिल गई है. नए वित्तीय वर्ष के शुरू होने से पहले कर्मचारियों का डीए 31% से बढ़ कर 34% हो गया है.

कैबिनेट बैठक में हुआ फैसला
AICPI-IW के दिसंबर के आंकड़े आने के बाद से ही कर्मचारियों को 3% डीए बढ़ोतरी (DA Hike) के ऐलान का इंतजार था. आज की कैबिनेट बैठक (Cabinet meeting) में 3% DA बढ़ोतरी का ऐलान हो गया है. कर्मचारियों की मार्च की सैलरी के साथ नया डीए अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाएगा.

3% की बढ़ोतरी थी तय
अब कर्मचारियों और पेंशनर्स को 34% के हिसाब से महंगाई भत्ता (DA Hike) मिलेगा. औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI Index) के दिसंबर 2021 के सूचकांक में एक अंक की कमी हुई है. आपको बता दें कि महंगाई भत्ते के लिए 12 महीने के सूचकांक का औसत 351.33 हुआ है जिसका औसत 34.04% (Dearness allowance) है. लेकिन, महंगाई भत्ता हमेशा पूर्णांक में ही दिया जाता है. यानी जनवरी 2022 से कुल महंगाई भत्ता 34% मिलेगा.

दिसंबर में AICPI-IW में आई गिरावट
गौरतलब है कि सरकार के इस फैसले से 50 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा. इसके बाद अब अगले महंगाई भत्ते की गणना जुलाई 2022 में की जाएगी. दिसंबर 2021 के लिए AICPI-IW (All India Consumer Price Index for Industrial Workers) के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं. इस आंकड़े के अनुसार, दिसंबर में यह आंकड़ा 0.3 अंक गिकर 125.4 अंक पर रहा. नवंबर में ये आंकड़ा 125.7 अंक पर था. और दिसंबर में 0.24% की कमी आई है. लेकिन, इससे महंगाई भत्‍ते में बढ़ोतरी कोई असर नहीं पड़ा है.

नवंबर में हुई थी बढ़ोतरी
लेबर मिनिस्‍ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर 2021 में AICPI-IW सूचकांक में 0.8% की तेजी आई थी और यह 125.7 पर पहुंच गया था. उससे साफ हो गया था महंगाई भत्ते में 3 फीसदी का इजाफा होगा. अब दिसंबर 2021 के आंकड़े में भले ही मामूली गिरावट आई है, लेकिन जनवरी 2022 से DA में 3% की बढ़ोतरी का ऐलान हो गया है.

DA Calculator from July 2021
महीना अंक DA प्रतिशत
जुलाई 2021 353 31.81%
अगस्त 2021 354 32.33%
सितंबर 2021 355 32.81%
नवंबर 2021 362.016 33 %
दिसंबर 2021 361.152 34%

DA अंक की गणना
जुलाई के लिए कैलकुलेशन- 122.8 X 2.88 = 353.664
अगस्त के लिए कुलकुलेशन- 123 X 2.88 = 354.24
सितंबर के लिए कैलकुलेशन- 123.3 X 2.88 = 355.104
नवंबर के लिए कैलकुलेशन – 125.7 X 2.88 = 362.016
दिसंबर के लिए कैलकुलेशन – 125.4 X 2.88 = 361.152

34 परसेंट DA पर कैलकुलेशन
अब जब 3 परसेंट महंगाई भत्ता बढ़ गया है तब कर्मचारियों का डीए 34% हो गया है. अब यहां न्यूनतम और अधिकतम बेसिक सैलरी पर इसका कैलकुलेशन देखते हैं.

न्यूनतम बेसिक सैलरी पर कैलकुलेशन
1. कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये
2. नया महंगाई भत्ता (34%) 6120 रुपये/माह
3. अब तक महंगाई भत्ता (31%) 5580 रुपये/माह
4. कितना महंगाई भत्ता बढ़ा 6120- 5580 = 540 रुपये/माह
5. सालाना सैलरी में इजाफा 540X12= 6,480 रुपये

अधिकतम बेसिक सैलरी पर कैलकुलेशन
1. कर्मचारी की बेसिक सैलरी 56900 रुपये
2. नया महंगाई भत्ता (34%) 19346 रुपये /माह
3. अबतक महंगाई भत्ता (31%) 17639 रुपये /माह
4. कितना महंगाई भत्ता बढ़ा 19346-17639= 1,707 रुपये/माह
5. सालाना सैलरी में इजाफा 1,707 X12= 20,484 रुपये (साभार -zeenews)

 

पॉलिटेक्निक संस्थाओं में डिमांड आधारित, शॉर्ट-टर्म कोर्स पर फोकस किया जाए : कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल

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देहरादून, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री/तकनीकी शिक्षा, मंत्री सुबोध उनियाल ने आज सर्वे चैक स्थित आईआरडीटी सभागार में तकनीकी शिक्षा से जुड़े अधिकारियों की बैठक ली। बैठक से पूर्व उपस्थित अधिकारियों ने माननीय मंत्री श्री उनियाल का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। उन्होंने तकनीकी शिक्षा के बारे में संबंधित अधिकारी से विस्तृत जानकारी लेते हुए महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। वहीं रोजगार से जुड़े व्यवसायिक पाठ्यक्रम/प्रशिक्षण को बढ़ावा देने पर जोर दिए।
कैबिनेट मंत्री श्री उनियाल ने तकनीकी शिक्षा से जुड़े उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि पॉलिटेक्निक संस्थाओं में डिमांड आधारित, शॉर्ट-टर्म कोर्स पर फोकस किया जाए कहा कि ऐसेे कोर्स को बढ़ावा दिया जाए जिससे रोजगार के अवसर पैदा हो सकें।

पॉलिटेक्निक संस्थाओं में प्रवेश संख्या बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किया जाए। कहा कि हाईस्कूल और इंटर के छात्रों को विशेष कैरियर काउंसलिंग की व्यवस्था की जाए जिससे छात्रों की रूझान पॉलिटेक्निक की ओर अग्रसर हो। साथ ही प्लेसमेंट हेतु अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करें। उन्होंने कैरियर काउंसलिंग सेल की स्थापना के साथ, समय-समय पर रोजगार मेलों का भी आयोजन करने के निर्देश दिए। सभी संस्थाओं में हाई स्पीड इंटरनेट से जोड़ने के भी निर्देश दिए। उन्होंने संस्थानों में तैनात कार्मिकों के विवरण की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने की प्रक्रिया पूर्ण करें। यह भी कहा कि जब तक स्थायी नियुक्ति नहीं होती है तब तक वैकल्पिक व्यवस्था अमल में लाई जाए।
बैठक में सचिव नितेश कुमार झा ने माननीय मंत्री को प्राविधिक शिक्षा से संबंधित जानकारियांे से अवगत कराते हुए प्राविधिक शिक्षा निदेशालय द्वारा संपादित किए जाने वाले कार्य, निदेशालय में स्वीकृत, भरे व रिक्त पदों का विवरण, राज्य के विभिन्न जिलों में संचालित हो रहे राजकीय, सहायता प्राप्त एवं निजी क्षेत्र के पॉलिटेक्निक संस्थाओं का विवरण एवं उसमें संचालित पाठ्यक्रमों की सूची, राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान से उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के रोजगार की स्थिति व वर्ष 2022-23 हेतु भावी योजनाओं की विस्तृत जानकारी पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी।
बैठक में निदेशक प्राविधिक शिक्षा हरि सिंह, अपर निदेशक आरपी गुप्ता, सचिव प्राविधिक शिक्षा देशराज, संयुक्त सचिव डॉ मुकेश पांडे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

पंचम राज्य वित्त आयोग की सिफारिश स्वीकार, प्रदेश में सरकारी विभागों में तीन साल से खाली पड़े पद होंगे समाप्त

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देहरादून, प्रदेश में आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले व भर्ती में देरी को छोड़कर सरकारी विभागों में तीन साल से अधिक समय से खाली पड़े पद समाप्त होंगे। राज्य सरकार ने पंचम राज्य वित्त आयोग की इस सिफारिश स्वीकार कर लिया है। यह खुलासा आयोग की सिफारिशों पर विधानसभा के पटल पर बुधवार को रखी गई कार्यवाही रिपोर्ट (एक्शन टेकन रिपोर्ट) से हुआ।

पदों को समाप्त करने की आयोग की सिफारिश पर कार्मिक विभाग को कार्रवाई करने के लिए कहा है। रिपोर्ट के अनुसार, खर्च पर नियंत्रण के लिए सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की सिफारिश भी मानी गई है। आयोग ने 2021-26 के लिए सरकार को 43 महत्वपूर्ण सिफारिशें सौंपी थीं। इन सिफारिशों पर सरकार ने कार्यवाही रिपोर्ट सदन पटल पर रखी।

राज्य के पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडेय की अध्यक्षता में गठित पंचम राज्य वित्त आयोग में तत्कालीन अपर सचिव वित्त भूपेश चंद्र तिवारी सदस्य सचिव थे और डॉ.एमसी जोशी व पूर्व आईएएस सुरेंद्र सिंह रावत सदस्य बनाए गए थे। आयोग ने राज्य सरकार को अपनी सिफारिशें सौंप दी थीं।

बुधवार को सदन पटल पर उसकी रिपोर्ट पेश हुई। रिपोर्ट के अनुसार, आयोग ने खर्च कम करने के लिए विभागों के सही आकार तय करने और समान कार्यों वाले विभागों का विलय करने की सिफारिश की। ऐसे कर्मचारी, जिन्हें कहीं समायोजित नहीं किया जा सकता है, आयोग ने उनके लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना तैयार करने की सलाह दी।

11 प्रतिशत हस्तांतरण की सिफारिश, 10.50 प्रतिशत मंजूर
आयोग ने सिफारिश की कि जहां उपयोगिता नहीं रह गई है, वहां चरणबद्ध ढंग से सब्सिडी समाप्त की जानी चाहिए। सरकार ने इस सिफारिश को स्वीकार किया है। रिपोर्ट में राज्य सरकारी की 90 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली सहकारी चीनी मिलों के निजीकरण, उन्हें पीपीपी मोड पर चलाने व इथेनॉल प्लांट बदलने की सिफारिश का उल्लेख है। आयोग का मानना है कि बिजली क्षेत्र में सब्सिडी को धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जाए।

11 प्रतिशत हस्तांतरण की सिफारिश, 10.50 प्रतिशत मंजूर
राज्य वित्त आयोग ने कोविड महामारी के कार बढ़ती जिम्मेदारियों को देखते हुए अपने राजस्व (जीएसटी मुआवजे सहित) के 11 प्रतिशत हस्तांतरण की सिफारिश की। इसे शहरी स्थानीय निकाय और ग्रामीण निकायों के बीच 60 व 40 के अनुपात में विभाजित किया गया। सरकार ने 10.50 प्रतिशत धनराशि ही रखे जाने को ही मंजूरी दी।

किस निकाय के लिए कितना अंश
राज्य वित्त आयोग की सिफारिश पर किस शहरी और ग्रामीण निकाय को कितना प्रतिशत अंश मिलेगा, यह भी निर्धारित किया गया है। शहरी स्थानीय निकायों में नगर निगमों के लिए 40 प्रतिशत, नगर पालिका के लिए 47 प्रतिशत और नगर पंचायतों के लिए 13 प्रतिशत की सिफारिश की गई है। ग्रामीण निकायों में जिला पंचायतों के 37.5 प्रतिशत क्षेत्र पंचायतों के लिए 17.5 प्रतिशत और ग्राम पंचायतों के लिए 45 प्रतिशत अंश तय हुआ है।

नए निकायों के लिए अनुदान
आयोग के अधिनिर्णय की अवधि में नव सृजित नगर पालिका व नगर पंचायतों को 1.25 करोड़ रुपये और शेष वर्षों के लिए एक करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा। आयोग ने शेष वर्षों के लिए 75 लाख रुपये की सिफारिश की, जिसे सरकार ने बढ़ाया। नई, स्टाफ कार व जीप अनुदान से नहीं खरीदी जाएंगी।

बदरी, केदार और गंगोत्री निकायों को दो करोड़

आयोग की सिफारिश में संशोधन करते हुए सरकार ने बदरीनाथ नगर पालिका को एक करोड़ के स्थान पर दो करोड़ और केदारनाथ व गंगोत्री निकाय के लिए पचास लाख की जगह दो करोड़ देने को स्वीकृति दी।

शैक्षिक संस्थानों में खर्च की जांच होगी

आयोग का मानना है कि स्कूलों, कॉलेजों, औद्योगिक प्रशिक्षण व पॉलिटेक्निक व अन्य शैक्षिक संस्थानों में बड़े खर्च की जांच की जानी चाहिए। जिन संस्थानों में बुनियादी ढांचा न करे बराबर हैं, छात्र शिक्षक अनुपात कम है, उन्हें बंद करना चाहिए। पड़ोसी क्षेत्र के संस्थानों में इन्हें मिला देना चाहिए। आयोग की इस सिफारिश को भी सरकार ने मान लिया है।

ये महत्वपूर्ण सिफारिशें भी कीं
कर्मचारियों के वेतन भत्ते और पेंशन का खर्च कम करने के लिए विभागों का पुनर्गठन।
नगरपालिका क्षेत्र में बिजली की खपत पर एक अधिबार या उपकर लगे, इससे बिजली बिलों का भुगतान हो।
विस्तृत सर्वेक्षण के बाद जीआईसी आधारित मास्टर प्लान तैयार हो, इसके लिए 15 करोड़ अनुदान दिया जाए।
400 करोड़ की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना में राज्य के हिस्से की 180 करोड़ के अनुदान की सिफारिश।
भूमिगत कचरा बिन स्थापित करने के लिए 20 करोड़ रुपये की सिफारिश की।
शहरी निकायों में देहरादून, हरिद्वार और हल्द्वानी में विद्युत शवदाह गृह बनें, 100 करोड़ के संयुक्त अनुदान की सिफारिश।
प्रदेश के ग्रामीण निकायों में 20 करोड़ रुपये का संयुक्त अनुदान दिया जाए।
ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों को सुगम बनाना होगा। स्वैच्छिक, समेकित, प्रसंस्करण उद्योग लिंकेज के साथ अनुबंध खेती व तकनीकी निवेश की समीक्षा होनी चाहिए।
कृषि, बागवानी अनुसंसाधन, प्रसंस्करण, उत्पादन, विपणन में यदि गंभीर अड़चने हैं, तो संस्थागत संरचना और रणनीति में बदलाव किए जाएं।
बैंकाक की तर्ज पर जैव चिकित्सा अपशिष्ट का सुरक्षित निपटान आवश्यक है।
पर्यटन विकास योजना पर नए सिरे से विचार कर भविष्य की योजनाओं और रणनीतियों को बदली हुईं परिस्थितियों के अनुरूप तैयार करना होगा।
शहरी स्थानीय निकायों के लिए वैल्यू कैप्चर फाइनेंस को राजस्व का महत्वपूर्ण स्रोत बनाया जा सकता है। विकास प्राधिकरण बेहतरी शुल्क, विकास शुल्क लागू कर सकते हैं।
आयोग ने पूर्ववर्तीय आयोग की तर्ज पर जिला पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों को संपत्ति एवं विभव कर को व्यवसाय कर के रूप में लगाने की सिफारिश की है।
ग्राम पंचायतों के कार्यालयों में कर्मचारियों की कमी को दूर किया जाना चाहिए।
शहरी स्थानीय निकायों के भीतर एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन या प्रकोष्ठ बनें, जिसमें विशिष्ट तकनीकी और प्रबंधकीय विशेषज्ञता वाले कर्मचारी हों।
शहरीकरण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार करने और स्थानीय परिस्थितियों व विभिन्न हितधारकों के लिए उपयुक्त व उचित समाधान के उपाय सुझाने के लिए शहरी विकास संस्थान की स्थापना होनी चाहिए।
शहरी विकास निदेशालय को भी मजबूत किया जाना चाहिए।

महंगाई के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने डीएवी कालेज पर किया प्रदर्शन

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देहरादून, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने गुरुवार को महंगाई के खिलाफ डीएवी कालेज गेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान संगठन ने केंद्र पर महंगाई काबू ना कर पाने का आरोप लगाया।

संगठन से जुड़े छात्र और अन्य पदाधिकारी दोपहर में जिला उपाध्यक्ष उदित थपलियाल के नेतृत्व में कॉलेज के मुख्य गेट पर पहुंचे। वहां उन्होनें केंद्र के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कहा कि भाजपा सरकार के राज में जनता महंगाई से बेहाल है। थपलियाल ने कहा कि पूरे देश में महंगाई ने पिछले अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं जिस कारण आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। वर्तमान में केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार ने पिछले 9 दिनों में लगातार आठ बार पेट्रोल और डीजल का दाम बढ़ाया है और रसोई गैस का दाम भी हजार रुपए पार कर चुका है। जिसका सीधा प्रभाव आम जनता पर पड़ा है ,साथ ही शिक्षा की सामग्री कॉपी किताबें आदि वस्तुओं के दाम भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जिस कारण गरीब छात्र शिक्षा से वंछित रह जायेगा।

इस अवसर पर इकाई अध्यक्ष वैभव पाठक, हेमंत नेगी, सिद्धार्थ अग्रवाल, उत्कर्ष जैन और करण पेटवाल आदि छात्र मौजूद रहे ।