अतिक्रमण पर चला शासन का बुल्डोजर, धारा 144 लागू, अवैध दुकानों के ध्वस्तिकरण की कार्रवाही जारी

रुद्रपुर, उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर में अतिक्रमण पर शासन द्वारा बड़ी कार्रवाई की जा रही है और रुद्रपुर में धारा 144 लागू की गई है। यहां भारी पुलिस बल के बीच शुक्रवार को रोडवेज के सामने अवैध दुकानों को प्रशासन ने ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी। तो वहीं पुलिस ने पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल और उनके भाई संजय ठुकराल को हिरासत में लिया है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार प्रशासन द्वारा डीडी चौक से इन्द्रा चौक तक मुख्य मार्ग के दोनों ओर दुकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की। शुक्रवार की सुबह से राममनोहर लोहिया स्थित दुकानों को ध्वस्त किया जा रहा है । पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने आधा दर्जन से अधिक जेसीबी मशीनों की मदद से दुकानों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया।
बताया जा रहा है कि इसके लिए मौके पर भारी संख्या में पुलिस अफसर व कर्मी, एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है। करीब साढ़े सात बजे से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। मार्केट में मौजूद ठेलों को पुलिस ने हटाया। डीडी चौक से इंदिरा चौक तक मार्ग को बैरिकेडिंग लगाकर वनवे कर दिया गया। यातायात व्यवस्था बनाये रखने के लिए रुट डायवर्ट कर दिया गया है। कुछ दुकानदार खुद सामान समेटने लगे।
इससे पूर्व प्रशासन द्वारा गत रात्रि को ही नगर में धारा 144 लगा दी गई थी। पड़ोसी राज्य से भी पुलिस बल मंगाया गया है। वहीं व्यापारी नेताओं को देर रात नजरबंद कर लिया गया है। साथ ही पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल और उनके भाई संजय ठुकराल को वैशाली स्थित घर से हिरासत में लिया गया है।

 

उक्रांद ने जलाई आम बजट की प्रतियां, जनता को गुमराह करने का लगाया आरोप

देहरादून, उत्तराखंड क्रांति दल के महानगर अध्यक्ष विजेंद्र रावत के नेतृत्व में होटल द्रोण चौक पर आम बजट की प्रतियां जलाई गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि बजट जैसे महत्वपूर्ण विषय पर सरकार जनता को गुमराह कर रही है राज्य सरकार एक ओर प्राकृतिक संसाधनों, जो आय के साधन है उनको माफियाओं को बेच रही है दूसरी और विकास की बात कर रही है।

राज्य की वास्तविक आय मात्र 40 हजार करोड रुपए से अधिक नहीं है जबकि सरकार द्वारा पेश किया गया बजट सरकार की आय से दोगुना है । सरकार आधे पैसे की व्यवस्था किस प्रकार करेगी इसका कोई उल्लेख नहीं है ।सरकार ने अपने विधायकों , मंत्रियों की आय बढ़ाने के लिए बजट में प्रावधान तो किया,, किंतु जनता के लिए उसकी आय बढ़ाने के कोई उपाय नहीं किए गए । राज्य के बेरोजगारों के लिए बजट में कोई ठोस योजना नहीं लाई गई । दल के कार्यकारी जिलाध्यक्ष किरण रावत ने कहा की 7740 करोड रुपए के बजट में आपदा प्रबंधन पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए रोजगार का सृजन शिक्षा स्वास्थ्य गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाना राज्य के कृषकों के हित के लिए कोई ठोस योजना प्रस्तुत नहीं की गई जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य की आय बढ़ाने के साथ राज्य में बेरोजगारी भत्ता लागू करने की अत्यंत आवश्यकता है । राज्य सरकार के पास आय बढ़ाने के अनेकों साधन विद्यमान है किंतु भारतीय जनता पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश और केंद्र को खुश करने के लिए राज्य के संसाधनों को माफियाओं के हाथों में देकर आर्थिक लूट करवा रही है ।
वहीं युवा अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट ने कहा राज्य का पैसा बजट से अधिक लूट में चला जा रहा है जिससे राज्य का अहित हो रहा है। राज्य में शराब और जमीन बेचकर सरकार आय के साधन बढ़ा रही है जिससे उत्तराखंड के लोगों का ही शोषण हो रहा है । राज्य सरकारें अब तक कोई संतुलित बजट पेश नहीं कर पाई है । उत्तराखंड क्रांति दल की सरकार यदि होती तो आज राज्य में संतुलित और खुशहाल बजट पेश किया जाता, हम जितना पैसा अर्जित करते हैं उतना ही खर्च करते और अपने आय के संसाधन बढ़ाने के लिए नॉन प्लान को कम कर प्लान के बजट का प्रावधान कर युवाओं के रोजगार सृजन करने अपने कृषि और उद्यान ,कुटीर उद्योग को बढ़ाने अपने राज्य की आय के बढ़ाने के लिए जल परियोजनाओं एवं ऊर्जा की परियोजनाओं के लिए प्रावधान करते।
युवा प्रकोष्ठ महामंत्री बृजमोहन सजवान ने कहा आज का बजट इस बात का घोतक भी है की कृषि प्रधान राज्य मे कृषि आय नगण्य हो गई है जबकि हमारा पड़ोसी प्रदेश हिमाचल अपने बजट का 25% आय केवल कृषि से प्राप्त करता है । राज्य सरकार का यह आम बजट आत्मनिर्भर ना होकर केंद्र पर निर्भर रहने वाला बजट है । केंद्रीय योजनाओं के आंकड़ों की बाजीगरी कर बजट पेश किया गया है जिससे उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने के सपने को पुनः पलीता लगाया गया है सरकार के इस बजट से युवा महिलाएं और गरीब जनता हताश है ।

उत्तराखंड क्रांति दल सरकार का पूर्ण विरोध करती है और इस बजट को जनविरोधी करार देती है और राज्य के बुद्धिजीवियों छात्रों के बीच प्रस्तुत किए गए बजट पर स्वयं आकलन कर चर्चा कर प्रसारित करने का आह्वान करती है ।