Saturday, December 21, 2024
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हरियाणा में शादी के लिए धर्म परिवर्तन कराने वालों की खैर नहीं, होगी 10 साल की जेल

चंडीगढ़ ,(आरएनएस)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने धर्म परिवर्तन के मामले में बड़ा फैसला लिया है। हरियाणा में शादी के लिए धर्मांतरण पर रोक लगाने वाले कानून को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। अब राज्य में धर्म परिवर्तन कर शादी करने की इजाजत नहीं है। ऐसा करने वालों को 3 से 10 साल तक की जेल हो सकती है।
वहीं जबरन धर्म परिवर्तन किए जाने पर पीडि़त लोग अब कोर्ट की शरण ले सकेंगे। कोर्ट पीडि़त और आरोपी की आय को ध्यान में रखकर पीडि़त के भरण-पोषण और कार्रवाई का खर्चा देने का आदेश जारी कर सकेगी। इस कानून में बच्चा होने के बाद भी पीडि़त कोर्ट की शरण ले सकेंगे।
जबरन धर्म परिवर्तन के बाद यदि बच्चा हो जाता है और महिला या पुरुष शादी से संतुष्ट नहीं हैं तो भी वो दोनों न्यायालय की शरण ले सकेंगे। कोर्ट ये आदेश देगा कि बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए भी भरण पोषण राशि दोनों या आरोपी को देनी होगी। इस एक्ट की धारा 6 के तहत विवाह को अमान्य घोषित करने का भी प्रावधान किया गया है।
बता दें, हाल ही में धर्मांतरण को लेकर हरियाणा से एक मामला सामने आया था जिसमें 22 वर्षीय एक हिंदू महिला और उसके मुस्लिम पति समेत नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। महिला के पिता ने दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया था कि उनकी बेटी ने हाल में एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी की थी और उसे जबरन इस्लाम कबूल कराया गया।
पुलिस के मुताबिक, धीरज शुक्ला ने अपनी शिकायत में कहा है, पिछले साल, जावेद की मां और रिश्तेदार शादी का प्रस्ताव लेकर मेरे घर आए थे, लेकिन मैंने इसे अस्वीकार कर दिया। इस साल 28 अक्टूबर को मुझे एक अदालती नोटिस मिला, जिसमें कहा गया था कि मेरी बेटी की शादी जावेद खान से हुई है और उसने सुरक्षा के लिए अदालत में याचिका दायर की है। महिला के पिता ने हाल में राज्य में पारित धर्मांतरण रोधी कानून का हवाला देते हुए कहा, कानून के अनुसार शादी अवैध है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

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