Friday, April 26, 2024
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कृषि कानूनों का विरोध : गाजीपुर बॉर्डर पहुँच किसान आंदोलन को बोद्ध भिक्षुओं ने दिया समर्थन

यूएस नगर, केन्द्र के कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी पर सहमति न बनने पर शुक्रवार को 37वें दिन भी गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने धरना जारी है। इस दौरान बॉर्डर पर किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए बौद्ध भिक्षु भी धरना स्थल पर पहुंचे और किसानों के साथ आंदोलन में शामिल हो गए।

वहीं मुख्यमंत्री के अस्वस्थ होने के चलते भारतीय किसान यूनियन गुट ने चार जनवरी को देहरादून में प्रस्तावित सीएम आवास के घेराव का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। किसानों की पंचायत में निर्णय लिया गया कि जब मुख्यमंत्री स्वस्थ होंगे तो उन्हें मांगपत्र सौंपा जाएगा। निर्णय लिया गया कि अब 21 जनवरी को सीएम आवास का घेराव करेंगे, जबकि इससे पहले तीन जनवरी को किसान आंदोलन के समर्थन में दिल्ली कूच करेंगे। इस मौके पर किसानों ने सीएम को संबोधित एक ज्ञापन तहसील के अधिकारियों को सौंपा।

प्रशासनिक भवन में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष पद्म सिंह रोड़ ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों का शोषण कर रही है। तमाम प्रदर्शनों के बावजूद किसानों को गन्ने और धान का भुगतान नहीं मिल रहा है। इसके विरोध में चार जनवरी को सीएम आवास घेरा जाना था, लेकिन सीएम अस्वस्थ हैं। ऐसे में किसानों की मांग है कि हजारों किसान देहरादून पहुंचेंगे तो मुख्यमंत्री के हाथों में ही ज्ञापन सौंपा जाएगा और जब तक सीएम स्वस्थ नहीं होते, कार्यक्रम स्थगित कर दिया जाना चाहिए। इस पर निर्णय लिया गया कि अब 21 जनवरी को सीएम आवास घेरा जाएगा। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में किसान देहरादून कूच करेंगे।

जरूरत पड़ी तो वहीं पर तंबू लगाकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर अब किसान पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने बताया कि आंदोलन के समर्थन में रुड़की से तीन जनवरी को किसान दिल्ली कूच करेंगे, पंचायत में जिलाध्यक्ष नाजिम अली ने कहा कि सरकार की ओर से लगातार किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। अभी तक गन्ने का भुगतान नहीं किया गया है। सरकार की ओर से गन्ने के दाम भी तय नहीं किए गए हैं। इसकी वजह से किसानों में जबरदस्त आक्रोश है। ऊपर से चकबंदी विभाग, ऊर्जा निगम आदि किसानों का उत्पीड़न कर रहे हैं। इसी बीच प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार किसानों के बीच पहुंचे। किसानों ने अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन उन्हें सौपा।

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