Sunday, November 17, 2024
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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा का विरोध, काले झंडों के साथ गो बैक के लगे नारे

हरिद्वार, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के हरिद्वार आगमन पर गुस्साए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाते हुए गो बैक के नारे लगाए। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अंकिता भंडारी हत्याकांड, मणिपुर की घटना के विरोध में हरिद्वार दौरे पर आये रहे नड्डा का विरोध किया था। विरोध की सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रविवार को प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत हरिद्वार के ऋषिकुल आयुर्वेद महाविद्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को सुनने के लिए पहुंचे थे। इसके बाद जेपी नड्डा देव संस्कृति विश्वविद्यालय के सभागार में वसुदेव कुटुंबकम व्याख्यान माला कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए रवाना होना था। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ कार्यक्रमों में रहना था। लेकिन यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नड्डा के प्रदेश आगमन का विरोध करते हुए कहा कि पूरा प्रदेश इस समय आपदा से कराह रहा है। लेकिन भाजपा सरकार इस समय में भी राजनैतिक इवेंट कर प्रदेशवासियों के जख्मों पर नमक छिड़क रही है। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने नड्डा का विरोध करते हुए काले झंडों के साथ वापस जाओ के नारे भी लगाए। इस दौरान कांग्रेसियों का जोरदार नारेबाजी भी की। लेकिन मौके पर पुलिस प्रशासन ने विरोध कर रहे सभी कार्यकर्ताओं को अपनी हिरासत में ले लिया।
हिरासत में लिए गए कांग्रेसी नेता नितिन तेशवर ने कहा कि इस विपदा के समय जेपी नड्डा को उत्तराखंड आने का कोई अधिकार नहीं है। आज तक अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को सजा नहीं मिली है। उत्तराखंड में युवाओं की ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है। एक ओर भर्ती घोटाले हो रहे हैं तो दूसरे ओर लगातार पेपर लीक हो रहे हैं। जिससे बेरोजगार युवा हताश और निराश हैं। यूथ कांग्रेस युवाओं की आवाज नड्डा तक पहुंचाना चाहती थी। लेकिन हर बार की तरह प्रशासन को आगे कर सरकार अपने आप को बचाने का काम कर रही है।

 

राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने बीमा कम्पनी की रिजीवन याचिका को किया निरस्त, इश्योरेंस कम्पनी को 10.15 लाख मय ब्याज भुगतान के फोरम व राज्य आयोग के आदेशों को सही माना

काशीपुर, राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने उत्तराखंड राज्य उपभोक्ता आयोग के वाहन ट्रांसफर से 14 दिन के अन्दर चोरी होने पर इसकी सूचना बीमा कम्पनी को न देने के आधार पर बीमा क्लेम निरस्त करने को गलत मानने के फैसले को सही मानते हुये बीमा कम्पनी की रिवीजन याचिका को निरस्त कर दिया।
जिला उपभोक्ता फोरम ने वाहन चोरी के बीमा क्लेम को बीमा कम्पनी को वाहन ट्रांसफर की सूचना न देने के आधार पर खारिज करना गलत मानते हुये बीमा कम्पनी को उपभोक्ता को 10 लाख 15 हजार का भुगतान का आदेश दिया। इसमें 10 हजार रूपये मानसिक क्षतिपूर्ति तथा 5 हजार रूपये वाद व्यय शामिल है। साथ ही बीमा कम्पनी को 7 प्रतिशत वार्षिक की दर से वाद दायर करने से भुगतान की तिथि तक का ब्याज भुगतान करने को आदेशित किया गया था। राज्य आयोग ने इस निर्णय व आदेश की पुष्टि कर दी। राष्ट्रीय आयोग ने इन दोनों के आदेश की पुष्टि कर दी।
काशीपुर के जमील अहमद तथा मुशर्रफ की ओर से अधिवक्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट द्वारा जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर करके कहा गया कि जमील अहमद ने अपने ट्रक सं0 यू0के0-6सी ए-0916 का बीमा ओरिएण्टल इश्योरेंस कम्पनी लि0 की काशीपुर शाखा कार्यालय से करवाया जो 31-10-2014 से 30-10-2015 तक वैध था। इसी बीच 27-11-2014 को जमील अहमद ने बीमित ट्रक मुशर्रफ को बेच दिया जिसे सम्बन्धित परिवहन अधिकारी के अभिलेखों मेें दर्ज कर दिया। जिसकी प्रति 28-11-2018 को प्राप्त हुई तो बीमा कम्पनी का कार्यालय बन्द हो चुका था। 29 व 30 नवम्बर को कम्पनी का कार्यालय बन्द था। इस कारण वाहन हस्तांतरण की सूचना नहीं दी जा सकी। 29-30 नवम्बर 2014 रात को बीमित ट्रक चोरी हो गया।
काफी ढूंढने पर जब वाहन नहीं मिला तब इसकी रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज करायी और पुलिस द्वारा प्रयास करने पर भी वाहन नहीं मिला तब पुलिस ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट काशीपुर के न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। बीमा कम्पनी को चोरी की सूचना दी जिस पर कम्पनी के अधिकारी व सर्वेयर ने घटनास्थल का सर्वे किया, इससे संबंधित जानकारी तथा कागजातों की प्रतियां प्राप्त की। जब बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम की धनराशि नहीं दी गयी तब सूचना का अधिकार के अन्तर्गत सूचना मांगी गयी। कम्पनी ने बताया कि वाहन हस्तांतरण की सूचना परिवादी द्वारा नहीं दी गयी इसलिये क्लेम निरस्त किया गया।
इस पर परिवादीगण ने नोटिस भिजवाया। जिस पर कार्यवाही न करने पर उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया गया। बीमा कम्पनी की ओर से वाहन हस्तांतरण की सूचना बीमा कम्पनी को न देने तथा बीमा कराने वाले जमील अहमद का चोरी के समय बीमित वाहन में कोई बीमित हित न होने के आधार पर क्लेम खारिज करने का कथन किया। फोरम के तत्कालीन अध्यक्ष आर0डी0 पालीवाल तथा सदस्य सबाहत हुसैन खान ने परिवादीगण के अधिवक्ता नदीम उद्दीन के तर्कों से सहमत हुये निर्णय में लिखा कि मामले के तथ्य व परिस्थितियां ऐसी थी कि परिवादीगण ने बिना किसी देरी के बीमा कम्पनी को वाहन चोरी की सूचना दिनांक 01-12-2014 को दी। वाहन बीमित था और बीमित अवधि में ही चोरी हुआ। चोरी की दिनांक 29/30-11-2014 की रात्रि को चूंकि मुशर्रफ ही वाहन का स्वामी था इसलिये परिवादी मुशर्रफ ही बीमा धनराशि पाने का अधिकारी है।
बीमा कम्पनी ने आदेश के विरूद्व अपील संख्या 134/2018 राज्य उपभोक्ता आयोग को की। राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष जस्टिस डी0एस0 त्रिपाठी तथा सदस्य उदय सिंह टोलिया की पीठ ने अपने निर्णय 06-01-2023 में 14 दिन के अन्दर वाहन चोरी होने पर वाहन पालिसी ट्रांसफर न होने के आधार पर बीमा क्लेम निरस्त करने को गलत मानने के फोरम के आदेश को पूर्णतः सही माना। कम्पनी ने राज्य आयोग के आदेश के विरूद्व रिवीजन पिटीशन सं0 1724/2023 राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में दायर की। आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ए0पी0 शाही तथा सदस्य जस्टिस राम सूरत राम मौर्य ने राज्य आयोग व उपभोक्ता फोरम के आदेशों को सही मानते हुये रिवीजन याचिका को अपने 02 अगस्त के आदेश से निरस्त कर दिया।

 

करोड़ों की जमीन की खरीद फरोख्त घोटाला, पुलिस ने दून के एक नामी वकील को किया गिरफ्तार

 

देहरादून, राज्य बनने के बाद उत्तराखंड़ में जमीन खरीद फरोख्त के धंधे में बेतहाशा वृद्धि हुई, लेकिन राज्य में भूमि क्रय विक्रय के इस सौदेबाजी में कई घोटाले अब सामने आ रहे हैं और आये दिन फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन बेचने के कई केस देहरादून के जिलाधिकारी की जन सुनवाई में सामने आये | जिनमें विभागीय कर्मचारी से लेकर वकील और जमीन एजेन्ट आदि की सांठगांठ सामने आयी, जिलाधिकारी दून की सख्ती के बाद अब परत दर परत खुलने लगी | जमीनों के इस धौलमाल में गठित एसआईटी ने अपनी जांच शुरू कर दी और रजिस्टार ऑफिस में पुराने बैनामों में छेड़छाड़ मामले में अब पुलिस ने दून के एक नामी वकील को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार वकील कमल विरमानी से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी।

बता दें कि रजिस्ट्रार ऑफिस में पुराने बैनामों में छेड़छाड़ का मामला डेढ़ महीने पहले सामने आया था। प्राथमिक जांच के बाद डीएम ने कोतवाली देहरादून को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। रजिस्ट्रार आफिस में अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ कर जमीनों की खरीद फरोख्त मामले में पुलिस ने वकील कमल विरमानी को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में गठित एसआईटी टीम ने शनिवार की देर रात कमल विरमानी को गिरफ्तार किया। इससे पूर्व जमीनों की धोखाधड़ी में पुलिस नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।

वकील कमल विरमानी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस लोगों की करोड़ों रुपए की जमीनों की धोखाधड़ी के मामले में अन्य सफेदपोशों की भूमिका की जांच में जुट गई है। पुलिस जांच में जुटी है और जल्द ही कुछ और सफेदफोश संदेह के घेरे में आ सकते हैं |

 

देर रात हुई फायरिंग में एक युवक घायल, प्रेम प्रसंग से जुड़ा था मामला

हरिद्वार, जनपद के ओद्योगिक सिडकुल थाना क्षेत्र के रावली महदूद में एक युवती को लेकर दो युवकों के बीच विवाद हो गया। जिसमें एक युवक ने फायरिंग कर दी। गोली एक युवक की जांघ में लग गई। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने घायल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस के अनुसार, घटना शनिवार देर रात की है। जब थाना क्षेत्र के ग्राम रावली महदूद में रचित और अमित के बीच एक युवती के बीच विवाद हो गया।

सुभाष पुत्र उमेश निवासी रावली भी वहां से घूमता हुआ निकल रहा था। बताया जा रहा है कि रचित भी सुभाष का मित्र है। आरोप है कि रचित ने हथियार से फायरिंग कर दी। जिससे सुभाष के दाएं पैर (जांघ) में गोली लगी। जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
सिडकुल थाना एसएसआई शहजाद अली ने घायल से घटना की जानकारी जुटाई। एसपी क्राइम रेखा यादव ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया। सिडकुल थाना प्रभारी नरेश राठौड़ ने बताया कि प्रथम दृष्टया प्रेम प्रसंग का मामला निकलकर सामने आया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

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