Monday, November 25, 2024
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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग ने टोल टैक्स में वाहनों की श्रेणियों के हिसाब से की बढ़ोतरी

देहरादून, एक अप्रैल से डोईवाला टोल प्लाजा पर लोगों को अधिक दाम चुकाने होंगे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टोल टैक्स में वाहनों के श्रेणियों के हिसाब से टोल टैक्स में पांच रुपये से 40 रुपये तक बढ़ोतरी कर दी है। कार और जीप का टोल टैक्स 95 रुपये से बढ़ाकर सौ रुपये कर दिया गया है। इसी तरह टोल में तीन से छह प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई है।

20 किलोमीटर दायरे में रहने वालों के लिए 15 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। अभी तक इन्हें 315 रुपये देने पड़ते थे, अब 330 रुपये चुकाने होंगे। हालांकि, जिले के कॉमर्शियल वाहनों को टोल टैक्स में कुछ राहत मिलेगी। देहरादून जिले में पंजीकृत कॉमर्शियल वाहनों को कुछ श्रेणियों में टोल टैक्स में राहत दी गई है। दून से डोईवाला के बीच चलने वाले सार्वजनिक वाहनों के चालकों, कार-जीप और हल्के कॉमर्शियल वाहनों का टोल टैक्स नहीं बढ़ा है, लेकिन बस और ट्रकों का टोल टैक्स बढ़ गया है।

श्रेणी – पहले – अब
कार, जीप, वैन, हल्के वाहन – 95 – 100
हल्के कॉर्मिशियल वाहन, मिनी बस – 155 – 165
बस, ट्रक – 325 – 345
थ्री एक्सल कॉर्मिशियल वाहन – 355 – 375
एचसीएम और ईएमई वाहन – 510 – 535

24 घंटे लिए एक साथ आने-जाने का टोल चुकाने पर निजी वाहनों कार, जीप इत्यादि पर पांच रुपये टोल बढ़ाया गया है। इसके अलावा मासिक पास फीस में भी बढ़ोतरी की गई है।

 

रामनगर में शुरू होने वाले जी-20 सम्मेलन की तैयारियों को शासन-प्रशासन ने दिया अंतिम रूप

रामनगर में शुरू होने वाले जी-20 सम्मेलन की तैयारियों को शासन-प्रशासन ने  दिया अंतिम रूप | India Times Group
नैनीताल, कल 28 मार्च से रामनगर में शुरू होने वाले तीन दिवसीय जी-20 सम्मेलन की तैयारियों को शासन-प्रशासन ने अंतिम रूप दे दिया है। विज्ञान विषय पर होने वाले इस सम्मेलन में 70 से अधिक विदेशी मेहमान शामिल होंगे। मेहमानों को सम्मेलन के अंतिम दिन कार्बेट पार्क की सफारी करने की भी तैयारी पूरी कर ली गई है। सुरक्षा व्यवस्था के भी कड़े प्रबंध किए गए हैं।

रविवार को पुलिस कर्मियों की ब्रीफिंग के बाद रिहर्सल की गई। ऊधमसिंहनगर के पंतनगर एयरपोर्ट से लेकर रामनगर तक सड़कों को दुरुस्त करने के साथ ही सुंदरीकरण किया गया है। दीवारों पर लोक संस्कृति को रेखांकित करती पेटिंग बनाई गई हैं। भोजन में मेहमानों को विदेशी व्यंजनों के साथ ही उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजन भी परोसने की भी तैयारी की गई है। सुरक्षा तैयारियों को अंतिम रूप देने के क्रम में रविवार को रुद्रपुर पुलिस लाइन में एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा किसी भी स्तर पर लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आइजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि विदेशों से आने वाले मेहमानों की आवाजाही का रूट स्पष्ट है। रूट पर हिंदी और अंग्रेजी साइन बोर्ड लगाए गए हैं। उप्र सीमाओं के अलावा नेपाल बार्डर पर चौकसी बढ़ाई गई है। कुमाऊं और गढ़वाल से 1500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। नैनीताल के गड़प्पू से ढिकुली तक तीन मेजर जोन व सात सेक्टर में बांटा गया है। ताज व नम रिसार्ट को अलग से सेक्टर बनाया गया जी- 20 सम्मेलन में आने वाले मेहमानों को जिस रास्ते से ढिकुली तक ले जाया जाएगा। वह रास्ता फूलों से महकेगा। सड़क किनारे झाड़ी साफ करके वहां छह सौ से अधिक फूलों के पौधे लगाए जा रहे हैं। साथ चार सौ से अधिक गमले भी रखे जाएंगे। मेहमान कोसी बैराज होते हुए महाविद्यालय के रास्ते ढिकुली जाएंगे।

महाविद्यालय के बाहर दीवारों को उत्तराखंडी संस्कृति से सजाया गया है। महाविद्यालय के समीप दोनों ओर अनुउपयोगी जगह में भी विभिन्न प्रजाति के फूलों के पौधों को लगाया जा रहा है। रविवार को दिन भर 30 से अधिक श्रमिक अधिकारियों की निगरानी में फूल के पौध लगाने में जुटे रहे। खाली पड़ी जगह को फूलों के पौधों से सजाने की जिम्मेदारी उद्यान विभाग को दी गई है। बाजपुर में भगत सिंह चौक पर विद्यार्थी मेहमानों का पुष्प वर्षा से स्वागत करेंगे। रामनगर में भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री अजेय कुमार के दिशा निर्देशन में विभिन्न संस्थाओं व स्कूली बच्चों ने एक किलोमीटर तक स्वच्छता का सारथी बनकर अभियान चलाया।

 

ग्लोबल वार्मिग से जहां कई क्षेत्रों में प्रभाव पड़ रहा है, उससे कृषि क्षेत्र भी अछूता नही है : डॉ. राजेंद्र सिंह परोदा

 

अल्मोड़ा, विवेकानन्द पर्वतीय कृर्षि अनुसंधान संस्थान के वार्षिक समारोह में मुख्य अतिथि पद्मा विभूषण भारतीय कृषि औद्योगिक परिषद के पूर्व महानिदेशक डॉ. राजेंद्र सिंह परोदा ने कहा कि कि ग्लोबल वार्मिग से जहां कई क्षेत्रों में प्रभाव पड़ रहा है उससे कृषि क्षेत्र भी अछूता नही है , सेव की खेती ग्लोबल वार्मिक की वजह से उच्च स्थानों में विस्थापित हो रही है इसके स्थान पर की वी लगाई जा रही है । की वी अच्छा उत्पादन दे रही है । भूमि की उर्वरा शक्ति को बढाने के लिये प्रयोगो की जरूरत है । यदि खेती लाभदायक होगी तो युवा खेती से जुडेंगे । एक सवाल के जबाब मे उन्होंने कहा कि बीजों को मौलिक स्वरूप को बनाये रखना एक चुनौती है मौलिक स्वरूप मे ही मौलिक गुण विद्यमान रहते है किन्तु जब बीजों में जैनरिक सुधार होता है , । तभी वह अच्छी फसल देते है । सुगन्धित व मौलिक बीजों को बचाने की जरूरत है। ये बीज ज्यादा मात्रा में नही है । उन्हें संरक्षित करना ही उपाय है । उन्होंने कहा कृषि को लाभकारी बनाने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधानों के निरंतर विकास की आवश्यकता है और इसके लिए भारत के कृषि क्षेत्र में कार्यरत बहुत सारे संस्थान अपने वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से खेती के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बना रहे हैं ,आज दुनिया में जहां खाद्यान्न एक बड़ा संकट है वहीं भारत में खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त है
अल्मोड़ा विवेकानन्द पर्वतीय कृर्षि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा लक्ष्मी चन्द ने कहा कि यह हमारे लिये गर्व की बात है कि आज अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कृर्षि वैज्ञानिक डा . राजेन्द्र सिंह परोदा ने हमारा आतित्थ्य स्वीकार किया । पर्वतीय.कृर्षि के विकास मे विवेकानन्द कृर्षि अनुसंधान संस्थान दशाब्दियों से कार्य कर रहा है , संस्थान के वैज्ञानिकों ने कई उपलब्धियां हासिल की है जो सराहनीय है । इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे कृर्षि वैज्ञानिकों ने किसानो को विविध जानकारी दी , विविध प्रकार के स्टाल लगाये गये । लोगो द्वारा बीज व कृर्षि उपकरणों का क्रय विक्रय किया गया । तथा अतिथियों द्वारा लगाये गये स्टालों का निरिक्षण किया ।

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